ब्रेकिंग न्यूज़

 कोविड-19 महामारी से मुकाबले में टीका मुख्य रणनीति होनी चाहिए: डब्ल्यूएचओ अधिकारी

 नयी दिल्ली/दावोस । कोविड​​​​-19 रोधी टीकों के दुनिया के सभी हिस्सों, विशेष रूप से गरीब देशों तक नहीं पहुंचने के बारे में चिंताओं के बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि टीकाकरण महामारी से लड़ने के लिए किसी भी रणनीति का मुख्य हिस्सा होना चाहिए और समान वितरण बहुत जरूरी है। ऐसे में जब कुछ विकसित देश टीके की चौथी खुराक के बारे में बात कर रहे हैं, अफ्रीका और कुछ अन्य क्षेत्रों में बड़ी संख्या में लोगों को अभी पहली खुराक भी नहीं मिली है। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के ऑनलाइन दावोस एजेंडा 2022 शिखर सम्मेलन में ‘मीटिंग द चैलेंजेंज ऑफ वैक्सीन इक्विटी' पर एक पैनल चर्चा में नेताओं ने कहा कि कोविड-19 रोधी टीकों का तेजी से विकास एक वैज्ञानिक उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि हालांकि सार्वभौमिक वैश्विक वितरण करने में विफलता से न केवल खराब स्वास्थ्य स्थिति उत्पन्न होती है, बल्कि यह आर्थिक उथल-पुथल और भू-राजनीतिक तनाव का भी कारण बनती है। डब्ल्यूएचओ के स्वास्थ्य आपातकाल कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक माइकल रयान ने कहा कि इस महामारी को टीके के बिना समाप्त करने का कोई तरीका नहीं है, टीका इसके खिलाफ लड़ाई की मुख्य केंद्रीय रणनीति है। रयान ने भविष्य में आने वाली महामारियों सहित ऐसी महामारियों से लड़ने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी सहित बहुपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय समाधान का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘‘हम अस्तित्व के संकट का सामना कर रहे हैं, यह बहुत स्पष्ट है कि मौजूदा तंत्र टीकों का समान वितरण नहीं करता है।'' गावी वैक्सीन एलायंस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सेठ एफ बर्कले ने कहा, ‘‘दुनिया के सभी हिस्सों में टीकाकरण अभियान का विस्तार करने के रास्ते में कई बाधाएं आयी हैं और हमारे रास्ते में आने वाली चुनौतियों से निपटना बहुत महत्वपूर्ण है।'' कार्यकारी निदेशक, ऑक्सफैम इंटरनेशनल, गैब्रिएला बुचर ने कहा कि देशों के बीच मतभेद इस हद तक बढ़ गए हैं जो इस पीढ़ी ने अब तक नहीं देखा है। उन्होंने कहा कि शुरू में निर्णय में कुछ त्रुटियां थीं, विशेष रूप से विकसित दुनिया के नेताओं द्वारा, जिसके कारण आज हम टीके में असमानता देख रहे हैं। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अदार पूनावाला ने कहा कि उनकी कंपनी को वास्तव में पाबंदियों के कारण टीके के उत्पादन में कटौती करनी पड़ी और जब भारत ने पिछले साल निर्यात प्रतिबंध हटा दिए तो वह बहुत खुश हुए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि टीकों की अप्रतिबंधित आपूर्ति के संबंध में दुनिया आज बेहतर स्थिति में है और उन्हें टीके की असमानता के मुद्दे से निपटने में बड़े पैमाने पर योगदान देने की उम्मीद है।

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english