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स्वास्थ्य मंत्री ने कहा - सरकार ने स्‍वास्‍थ्‍य बजट को देश की जीडीपी का 2.5 प्रतिशत तक बढाने का लक्ष्‍य रखा

 नई दिल्ली।  केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्‍टर मनसुख मांडविया ने कहा है कि एक लाख पचास हजार आयुष्मान भारत - स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र स्थापित करने का लक्ष्य इस साल दिसंबर तक पूरा हो जाएगा।  शुक्रवार को राज्यसभा में स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक 2021 पर चर्चा का जवाब देते हुए डॉक्‍टर मांडविया ने कहा कि देश में अब तक एक लाख 22 हजार स्‍वास्‍थ्‍य कल्‍याण केन्‍द्रों ने काम करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि इन स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्रों में स्तन और मुंह के कैंसर सहित तीन प्रकार के कैंसर और 13 गैर-संचारी रोगों की जांच की जाएगी। डॉक्‍टर मांडविया ने स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और स्वास्थ्य सेवा को सस्‍ता और सुलभ बनाने के लिए किए गए विभिन्न उपायों पर भी प्रकाश डाला। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार ने देश के स्वास्थ्य बजट को सकल घरेलू उत्पाद के दो दशमलव पांच प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। वर्तमान में स्‍वास्‍थ्‍य बजट एक दशमलव नौ प्रतिशत है। स्वास्थ्य बजट में किए गए आवंटन का विवरण देते हुए डॉक्‍टर मांडविया ने कहा कि वर्ष 2014 के दौरान कुल स्वास्थ्य बजट 33 हजार करोड़ रुपये था, जो अब 2022-23 में बढकर 83 हजार करोड़ रुपये हो गया है। उन्होंने कहा कि इस समय देश में 622 चिकित्‍सा महाविद्यालय हैं। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने कहा कि पिछले  सात-आठ वर्ष में चिकित्‍सा स्नातक सीटों की संख्या 51 हजार से बढ़कर एक लाख हो गई है। डॉक्‍टर मांडविया ने कहा कि डॉक्टर जनसंख्या अनुपात में भी सुधार होकर आठ सौ व्‍यक्तियों पर एक डॉक्‍टर का हो है।

 उन्होंने कोविड टीकाकरण अभियान के बारे में कहा कि इसे पिछले वर्ष 16 जनवरी को शुरू हुए अभियान के अंतर्गत नौ महीने में 100 करोड़ टीके लगाए गए और 18 महीनों में यह संख्या 200 करोड़ तक पहुंच गई।
 राष्‍ट्रीय जनता दल सदस्य मनोज झा ने यह विधेयक सदन में पेश किया था। इस विधेयक का उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए स्वास्थ्य को मौलिक अधिकार के रूप में प्रदान करना और शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के मानक की समान पहुंच और रखरखाव सुनिश्चित करना है।
 जवाब पूरा करने के बाद, स्वास्थ्य मंत्री ने श्री झा से विधेयक को वापस लेने का अनुरोध किया, लेकिन समय की कमी के कारण इस पर विचार नहीं किया जा सका।
 चर्चा में भाग लेते हुए मार्क्‍सवादी कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के संतोष कुमार ने कहा कि देश में चिकित्सा व्यय बहुत अधिक है और स्वास्थ्य को मौलिक अधिकार बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र पर खर्च बढ़ाने और स्वास्थ्य नीति पर फिर से विचार करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। भारतीय जनता पार्टी के अनिल अग्रवाल ने बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए केंद्र सरकार के उपायों पर प्रकाश डाला। उन्होंने देश में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। तृणमूल कांग्रेस के जवाहर सरकार ने देश में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए विधेयक का समर्थन किया। चर्चा जारी है।
 इससे पहले कई निजी सदस्य विधेयक सदन में पेश किए गए। इनमें महामारी रोग (रोकथाम, तैयारी और प्रबंधन) विधेयक 2021, पूजा का स्थान (विशेष प्रावधान) निरसन विधेयक, 2022, भारतीय रिजर्व बैंक (संशोधन) विधेयक 2022, प्रेस परिषद (संशोधन) विधेयक 2022 और न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी विधेयक, 2022 शामिल हैं।

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