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 मप्र बारिश: 2,100 लोगों को बचाया गया, मुख्यमंत्री ने किया हवाई सर्वेक्षण

 भोपाल।  मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को भारी बारिश से प्रभावित जिलों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद कहा कि आपदा प्रबंधन दलों ने पिछले दो दिनों में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से 2,100 लोगों को बचाया तथा 4,300 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। बाढ़ प्रभावित इलाकों में बचाव कार्यों में भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के दो हेलीकॉप्टर के अलावा राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीईआरएफ), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) तथा स्थानीय अधिकारियों के दल शामिल थे। भोपाल सहित मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश हुई, जिससे राज्य की राजधानी और अन्य स्थानों पर बिजली आपूर्ति बाधित हुई। नर्मदापुरम, विदिशा और गुना जिले बाढ़ की चपेट में हैं।
 गुना और मक्सी के बीच रेल यातायात बाधित होने के कारण मंगलवार को कम से कम आठ ट्रेनों के मार्ग में बदलाव किया गया। अधिकारियों ने बताया कि भोपाल और विदिशा सहित कुछ जिलों में स्कूल दूसरे दिन भी बंद रहे। अधिकारियों ने कहा कि भोपाल में मंगलवार को बारिश बंद होने पर शहर के कुछ हिस्सों में 24 घंटे से अधिक समय के बाद बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई, जहां पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश और 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने के कारण पेड़ गिर गए थे और यातायात जाम हो गया था। चौहान ने विदिशा, गुना और राजगढ़ जिलों में बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया।
  चौहान ने ट्वीट किया, ‘‘ मैंने अपने जीवन में बेतवा और नर्मदा जी के बेसिन में ऐसी बारिश कभी नहीं देखी। मैं   बाढ़ प्रभावित विदिशा, रायसेन, राजगढ़, गुना आदि क्षेत्रों का दौरा करके आ रहा हूं। दो दिनों में 4300 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के साथ 2100 लोगों को बचाया गया है।'' मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ से फसलों, सड़कों को काफी नुकसान हुआ है जबकि प्रभावित क्षेत्रों में ट्रांसफार्मर और बिजली सब स्टेशन पानी में डूबे हुए हैं। विदिशा में जल आपूर्ति संयंत्र पानी में डूबे हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘पानी उतरते ही हम क्षति का आकलन करेंगे, फिर जनता को इस संकट में से निकालेंगे तथा नुकसान की भी भरपाई करेंगे।'' चौहान ने बाढ़ प्रभावित जिलों में अधिकारियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि दो दिन पहले बचाव अभियान शुरु किए जाने से कई लोगों की जान बचाई जा सकी। मुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल में पेड़ गिरने से बिजली आपूर्ति बाधित हुई। इसे अब बहाल कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि उन क्षेत्रों के लिए बिजली बंद करना आवश्यक था जहां सब स्टेशन और ट्रांसफार्मर पानी में डूबे हुए हैं। उन्होंने कहा कि पानी कम होने के बाद युद्धस्तर पर बिजली आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी।चौहान ने कहा कि जिन इलाकों में लोग फंसे हुए हैं वहां बचाव अभियान जारी है और नावों का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘ एक अभियान में मैं एक नाव पर चढ़ा और लोगों को बाहर लाया। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, जिला प्रशासन और स्थानीय प्रशासन के अलावा वायुसेना के दो हेलीकॉप्टर बचाव अभियान में लगे हुए हैं।'
आईएमडी के भोपाल कार्यालय के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी वेद प्रकाश सिंह ने   बताया कि राजस्थान की सीमा से लगे नीमच, मंदसौर और रतलाम में कम तीव्रता के साथ मध्यम से भारी बारिश की संभावना है। उन्होंने कहा कि अगले तीन दिनों तक राज्य के शेष हिस्सों में हल्की बौछारें पड़ने की संभावना है। आईएमडी के एक अधिकारी ने कहा कि मंगलवार को सुबह साढ़े आठ बजे तक 24 घंटे की अवधि में गुना जिले के जीरापुर में सबसे अधिक 294 मिलीमीटर बारिश हुई, इसके बाद रतलाम जिले में आलोट में 283 मिलीमीटर, आगर मालवा में नलखेड़ा में 253 मिलीमीटर और सीहोर में 240 मिलीमीटर बारिश हुई। यहां आईएमडी कार्यालय के अनुसार, भोपाल, विदिशा, राजगढ़, गुना, देवास, बैतूल और छिंदवाड़ा में अब तक अत्यधिक बारिश हुई है।

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