कोष आवंटन में पर्याप्त वृद्धि के कारण तेजी से विकसित हुआ रेलवे का बुनियादी ढांचा: समीक्षा
नयी दिल्ली। आर्थिक समीक्षा 2022-23 के मुताबिक रेलवे के बुनियादी ढांचे में तेज वृद्धि की एक बड़ी वजह सरकार द्वारा कोष आवंटन में पर्याप्त बढ़ोतरी है। इसके साथ ही समीक्षा में कोविड महामारी के बाद यात्री और माल ढुलाई, दोनों क्षेत्रों में सुधार के लिए रेलवे के प्रयासों की सराहना की गई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2023-24 पेश करने से एक दिन पहले मंगलवार को संसद में आर्थिक समीक्षा प्रस्तुत की। समीक्षा में कहा गया है कि देशभर में बढ़ी हुई गतिशीलता और तेज ट्रेनों की मांग से आने वाले वर्षों में यात्री यातायात बढ़ेगा। कोविड महामारी से पहले (2019-20) भारतीय रेलवे की यात्री सेवाओं से प्राप्तियां 809 करोड़ रुपये थीं, जो 2020-21 में घटकर 125 करोड़ रुपये रह गईं। यह आंकड़ा 2021-22 में बढ़कर 351.9 करोड़ रुपये रह गया। समीक्षा में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान यात्रियों की संख्या में मजबूत वृद्धि देखी गई है। इसी तरह वित्त वर्ष 2020-21 और 2021-22 के बीच माल ढुलाई में तेज वृद्धि हुई। वित्त वर्ष 2022-23 में नवंबर तक माल ढुलाई सालाना आधार पर 8.3 प्रतिशत अधिक थी। इसमें आगे कहा गया कि रेलवे के बुनियादी ढांचे पर पूंजीगत व्यय में 2014 से तेज वृद्धि हुई। पिछले चार वर्षों से पूंजीगत व्यय में बढ़ोतरी हो रही है और 2022-23 में यह 2.5 लाख करोड़ रुपये रहा। यह आंकड़ा सालाना आधार पर 29 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। भारतीय रेलवे ने चालू वित्त वर्ष में 12 दिसंबर, 2022 तक 2022 ट्रैक किलोमीटर (टीकेएम) पूरा कर लिया था। इसमें 109 टीकेएम नयी लाइन, 102 टीकेएम गेज परिवर्तन और 1,811 टीकेएम 'मल्टी-ट्रैकिंग' परियोजनाएं शामिल हैं।






.jpg)

.jpeg)

Leave A Comment