महामारी के बाद भारत में विदेशी पर्यटकों का आगमन चार गुना बढ़ा: जी किशन रेड्डी
अहमदाबाद। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने बुधवार को कहा कि करीब 69 लाख विदेशी पर्यटकों ने 2022 में भारत की यात्रा की। यह आंकड़ा कोविड-19 महामारी के दौरान दो साल आर्थिक वृद्धि में गिरावट के बाद पर्यटकों की संख्या में चार गुना वृद्धि का संकेत देता है। रेड्डी पर्यटन कार्यकारी समूह की बैठक को संबोधित कर रहे थे, जिसका आयोजन भारत की जी-20 अध्यक्षता के तहत गुजरात में कच्छ के रण स्थित टेंट सिटी में किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र का ‘डिजिटलाइजेशन' सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय पर्यटन मिशन चलाने की भी योजना बनाई जा रही है। मंत्री ने कहा, ‘‘विश्व ने कोविड-19 महामारी के दौरान मुश्किल समय का सामना किया। विशेष रूप से पर्यटन क्षेत्र बुरी तरह से प्रभावित हुआ, लेकिन दो साल आर्थिक वृद्धि में गिरावट के बाद भारत में विदेशों से करीब 69 लाख पर्यटक आए।
यह भारत आये पर्यटकों की संख्या में चार गुना वृद्धि है।'' उन्होंने कहा, ‘‘पर्यटकों के आगमन में वृद्धि यह संकेत देता है कि पर्यटन क्षेत्र में हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।'' पिछले महीने गांधीनगर में ‘बिजनेस 20 इंसेप्शन' कार्यक्रम के आयोजन के बाद राज्य में जी-20 का यह दूसरा कार्यक्रम है। भारत और इसमें भाग लेने वाले देशों के 100 से अधिक प्रतिनिधि प्रथम पर्यटन कार्यकारी समूह बैठक में हिस्सा ले रहे हैं। रेड्डी ने कहा, ‘‘देश में 40 यूनेस्को धरोहर स्थल हैं और हम हर साल 1,000 से अधिक त्योहार मनाते हैं।''
रेड्डी ने अन्य भागीदार देशों के प्रतिनिधियों को इस बात से अवगत कराया कि केंद्र सरकार ने एक नयी पर्यटन नीति 2023 का मसौदा तैयार किया है, ‘‘जो भारत में हमारे पर्यटन क्षेत्र को नया रूप दे रहा है।'' उन्होंने कहा कि वैश्विक एवं घरेलू निवेशकों को आकर्षित करने के लिए मंत्रालय अप्रैल 2023 में नयी दिल्ली में प्रथम ‘वैश्विक पर्यटन निवेश सम्मेलन' आयोजित करेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘साथ ही, उद्योग को एक मंच मुहैया करने और क्रेताओं एवं विक्रेताओं के बीच बातचीत को बढ़ावा देने तथा ज्ञान साझा करने के लिए हम एक पर्यटन प्रदर्शनी भी आयोजित करने जा रहे हैं।'' इस अवसर पर, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अतिथियों को यह जानकारी दी कि राज्य सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘गांधी सर्किट (परिपथ) और बुद्ध सर्किट (परिपथ) के बाद हम उन स्थानों को विकसित कर रहे हैं जो स्वामी विवेकानंद टूरिस्ट सर्किट के तहत आते हैं।''







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