ब्रेकिंग न्यूज़

नई कर प्रणाली से मध्य वर्ग को फायदा, हाथ में रहेगा ज्यादा पैसाः सीतारमण

नयी दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि नई कर प्रणाली से मध्य वर्ग को फायदा होगा क्योंकि इस व्यवस्था को अपनाने से करदाताओं के हाथ में अधिक पैसा बचा रहेगा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के निदेशक मंडल की बजट-पश्चात बैठक को संबोधित करने के बाद सीतारमण ने यहां संवाददाताओं से कहा कि सरकारी योजनाओं के जरिये लोगों को निवेश के लिए प्रोत्साहित करना जरूरी नहीं है। इसकी जगह पर लोगों को अपने निवेश के बारे में व्यक्तिगत स्तर पर निर्णय लेने का मौका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "हमने जिस तरह से मानक कटौती की मंजूरी नई कर व्यवस्था में भी दी, विभिन्न कर स्लैब की दरों को जिस तरह तय किया गया है, उससे असल में लोगों, परिवारों के हाथ में अधिक पैसा बच जाता है।" सीतारमण ने गत एक फरवरी को वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश करते हुए नई कर प्रणाली को अधिक आकर्षक बनाने के लिए कई घोषणाएं की थीं। इसमें सात लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई कर नहीं लगाने की घोषणा सबसे अहम है। उन्होंने भारतीय शेयर बाजार में पिछले दो हफ्ते से अडाणी समूह के शेयरों में जारी उठापटक के बारे में पूछे गए सवाल पर कहा, "भारतीय नियामक बहुत अनुभवी हैं और वे अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं। नियामक इस मामले को देख रहे हैं और वे अभी नहीं, हमेशा ही अपने काम को लेकर सजग रहते हैं।" क्रिप्टो मुद्राओं के नियमन के संदर्भ में वित्त मंत्री ने कहा कि इसके लिए एक साझा प्रारूप तैयार करने के बारे में जी20 देशों के साथ चर्चा चल रही है। उन्होंने कहा, "क्रिप्टो मुद्राओं के प्रौद्योगिकी-आधारित होने से हम सभी देशों से इस बारे में बात कर रहे हैं कि क्रिप्टो के नियमन संबंधी व्यवस्था अकेले नहीं बनाई जा सकती है। एक मानक परिचालन प्रक्रिया बनाने के बारे में हम सभी देशों से बात कर रहे हैं।" इस मौके पर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति के अगले वित्त वर्ष (2023-24) में करीब 5.3 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है और कच्चे तेल की कीमतें कम होने पर इसमें और भी गिरावट आ सकती है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए मुद्रास्फीति का आकलन कच्चा तेल के 95 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहने की संभावना के आधार पर किया गया है। बैंकों की तरफ से दिए जाने वाले कर्जों की कीमत के संदर्भ में आरबीआई गवर्नर ने कहा कि बाजार प्रतिस्पर्द्धा ही उधारी एवं जमा की दरों को तय करेगी। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों से नकारात्मक ब्याज दर की स्थिति थी लेकिन अब यह सकारात्मक दिशा में बढ़ चली है। दास ने कहा कि बजट में घोषित राष्ट्रीय सूचना रजिस्ट्री (एनएफआईआर) के पीछे ऋण स्वीकृति की प्रक्रिया तेज करने और कर्जदारों तक ऋण प्रवाह बढ़ाने की सोच रही है। उन्होंने कहा कि इस संस्थान के गठन से बैंकों को कर्ज स्वीकृति से संबंधित जरूरी सूचनाएं मिलने में आसानी होगी। आरबीआई ने बाद में जारी एक बयान में कहा कि निदेशक मंडल की इस बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023-24 के प्रमुख बिंदुओं और वित्तीय क्षेत्र से लगाई उम्मीदों को रेखांकित किया। निदेशक मंडल के सदस्यों ने बजट के लिए वित्त मंत्री की प्रशंसा करने के साथ अपनी तरफ से कुछ सुझाव भी रखे। इसके अलावा निदेशक मंडल ने मौजूदा वैश्विक एवं घरेलू आर्थिक हालात और उससे जुड़ी चुनौतियों की समीक्षा भी की। बजट के बाद होने वाली इस बैठक में वित्त मंत्री के साथ उनके राज्य मंत्री भगवत कराड एवं पंकज चौधरी, वित्त सचिव टी वी सोमनाथन, दीपम सचिव तुहिन कांत पांडेय, राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा, आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ एवं वित्तीय सेवाओं के सचिव विवेक जोशी भी मौजूद थे।

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english