हिंदी में चिकित्सा शिक्षा की अलख जगाने वाले भंडारी विश्व हिंदी सम्मेलन में सम्मानित होंगे
इंदौर. चिकित्सा शिक्षा और पर्यावरण लेखन के क्षेत्रों में हिंदी के उपयोग को बढ़ावा देने में उल्लेखनीय योगदान के चलते इंदौर के डॉ. मनोहर भंडारी को 15 फरवरी से फिजी में शुरू होने वाले 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन में सम्मानित किया जाएगा। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। इंदौर के शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय में शरीर क्रिया विज्ञान (फिजियोलॉजी) के सह प्राध्यापक के पद पर कार्यरत रहे भंडारी वर्ष 2020 में सेवानिवृत्त हुए थे। वह उन लोगों में शामिल हैं जिनके सतत प्रयासों के चलते हिंदी आजादी के 75 साल बाद मध्यप्रदेश में एमबीबीएस पाठ्यक्रम की पढ़ाई का वैकल्पिक माध्यम बन सकी है। वर्ष 1992 में हिन्दी में शोध प्रबंध (थीसिस) लिखकर एमडी (फिजियोलॉजी) की उपाधि प्राप्त करने वाले भंडारी ने ‘‘ कहा,‘‘हम मध्यप्रदेश में मौजूदा अकादमिक सत्र से एमबीबीएस पाठ्यक्रम की पढ़ाई हिन्दी में शुरू करा चुके हैं। खासकर ग्रामीण इलाकों से ताल्लुक रखने वाले एमबीबीएस विद्यार्थियों को मातृभाषा में पढ़ाई से बड़ा फायदा मिल रहा है।'' विज्ञान के तकनीकी पहलुओं को आसान हिन्दी में लोगों तक पहुंचाने वाले 67 वर्षीय विद्वान ने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में चिकित्सा के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की पढ़ाई भी हिन्दी में हो सकेगी।







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