आईआईटी के शोधकर्ताओं ने क्षतिग्रस्त हृदय के उपचार के लिए विशेष प्रोटीन विकसित किया
नयी दिल्ली। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), गुवाहाटी की एक शोध टीम ने छह विशेष प्रोटीन से युक्त एक ‘‘रिकॉम्बिनेंट प्रोटीन टूलबॉक्स'' विकसित किया है, जिसका उपयोग स्वस्थ त्वचा कोशिकाओं या किसी वयस्क के शरीर की किसी भी कोशिका को हृदय कोशिकाओं में परिवर्तित करने के लिए किया जा सकता है।
अधिकारियों के अनुसार, इस ‘टूलबॉक्स' का उपयोग कर बनाई गई हृदय कोशिकाएं मूल हृदय कोशिकाओं की तरह ही कार्य कर सकती हैं और क्षतिग्रस्त हृदय के ऊतकों को दोबारा बनाने के लिए उपयोग की जा सकती हैं। खास बात यह है कि इस ‘टूलबॉक्स' का उपयोग करके प्रयोगशाला में हृदय कोशिकाएं विकसित की जा सकती हैं।
आईआईटी गुवाहाटी में जैव विज्ञान एवं जैव अभियांत्रिकी विभाग के सहायक प्रोफेसर राजकुमार पी. थुम्मर ने कहा, ‘‘अब यह समझ आ चुका है कि दिल का दौरा तब पड़ता है जब हृदय का कोई हिस्सा क्षतिग्रस्त हो जाता है। ‘जेब्राफिश' की तरह कुछ जीवों में हृदय के क्षतिग्रस्त होने के बाद यह वापस उभर सकता है, लेकिन मनुष्यों में, हृदय में नयी हृदय कोशिकाओं का वापस उभार नहीं होता है।''
उन्होंने कहा, ‘‘क्षतिग्रस्त हृदय का इलाज करने का एकमात्र तरीका नया हृदय उपलब्ध कराना है, लेकिन प्रत्यारोपण के लिए पर्याप्त संख्या में हृदय उपलब्ध नहीं हैं और यह सुनिश्चित करना भी कठिन हो सकता है कि नया हृदय शरीर में ठीक तरह से काम कर रहा है।








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