ब्रेकिंग न्यूज़

मिजोरम: रेलवे ने 26 साल पुराने सपने को हकीकत में बदला, बैराबी-सैरंग रेल लाइन तैयार

आइजोल.  मिजोरम की राजधानी आइजोल के लिए किसी जमाने में सपना रही बैराबी-सैरंग रेलवे लाइन आखिरकार हकीकत में तब्दील हो गयी है। बैराबी-सैरंग रेलवे लाइन की परिकल्पना सितंबर 1999 में की गयी थी और 26 वर्ष के अंतराल के बाद संरेखण, छोटे-छोटे अंतराल पर कार्य होने और लगातार भूस्खलन जैसी अभूतपूर्व चुनौतियों को पार करते हुए आइजोल देश के रेलवे मानचित्र पर आ गया है। अधिकारियों ने बताया कि रेलवे ने 1999 में जो सपना देखा था, वह इस वर्ष जून में हकीकत में बदल गया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जल्द ही इस 51.38 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन का उद्घाटन करेंगे। दस्तावेजों के मुताबिक, इंजीनियरों को जब 1999 में पता चला कि घने जंगल, कम दृश्यता और अन्य स्थानीय समस्याओं के कारण प्रारंभिक सर्वेक्षण संभव नहीं है, तो एक सर्वे कराने पर सहमति बनी, जिसमें मोटे तौर पर मार्ग का आकलन करना शामिल था। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “प्रारंभिक इंजीनियरिंग-सह-यातायात सर्वेक्षण (पीईटी) के तहत मार्ग की विस्तृत जांच की जाती है। पीईटी सर्वेक्षण को व्यवहार्य न पाए जाने पर बोर्ड से इसे सर्वेक्षण इंजीनियरिंग-सह-यातायात (आरईटी) सर्वे में बदलने का अनुरोध किया गया, जिस पर रेलवे बोर्ड ने 15 जुलाई, 2003 को सहमति व्यक्त की।” उन्होंने बताया, “पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने बैराबी-सैरंग रेल संपर्क के लिए आरईटी सर्वेक्षण मार्च 2006 में किया था। इसके आधार पर, रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस लिमिटेड (राइट्स) को 2008 में बैराबी-सैरंग तक एक नई ‘ब्रॉड गेज' रेलवे लाइन के लिए निर्माण-पूर्व सर्वेक्षण और भू-तकनीकी जांच करने के लिए कहा गया था। राइट्स ने अगस्त 2011 में अपनी अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की।” तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने इस परियोजना को मिजोरम और देश के बाकी हिस्सों के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी करार देते हुए 2008-09 में इसे ‘राष्ट्रीय परियोजना' घोषित किया था। इसके बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने 29 नवंबर, 2014 को परियोजना की आधारशिला रखी।
 पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने 2014-2015 तक भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर ली और एक वर्ष बाद 2015-16 में रेलवे ने निर्माण कार्य पूरे जोर-शोर से शुरू कर दिया। परियोजना के मुख्य अभियंता विनोद कुमार ने बताया, “इस क्षेत्र में कार्य अवधि बहुत कम होती है और वर्ष में केवल चार-पांच महीने (नवंबर से मार्च तक) ही काम होता है। भारी बारिश के साथ मानसून की लंबी अवधि के कारण अप्रैल से अक्टूबर तक कोई कार्य संभव नहीं होता।” उन्होंने बताया, “यह मार्ग पहाड़ी इलाकों, गहरी घाटियों से होकर गुजरता है, जिसके लिए सुरंगों और ऊंचे पुलों के निर्माण की आवश्यकता है। इसके अलावा, गुवाहाटी से सिलचर के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात में बार-बार रुकावट के कारण निर्माण सामग्री को लाना ले जाना आज भी एक बड़ी चुनौती है।” परियोजना स्थल पर काम कर रहे इंजीनियरों ने बताया कि यहां तक पहुंचने वाली सड़कें अक्सर भूस्खलन की चपेट में आ जाती हैं और एक ही बारिश में फिसलन भरी हो जाती हैं, जिसके परिणामस्वरूप परियोजना स्थल पर सामग्री की आवाजाही रुक जाती है। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के एक अधिकारी ने बताया, “परियोजना स्थल की ओर जाने वाली सड़कें संकरी और ढलानदार हैं, जिन पर बड़े ट्रकों-ट्रेलरों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। इसलिए, बाहर से बड़े ट्रकों-ट्रेलरों में लाई गई सामग्री को छोटे-छोटे वाहनों में लादकर राजमार्ग से परियोजना स्थल तक पहुंचाया गया।” उन्होंने बताया, “पुल के गर्डरों के निर्माण के लिए बड़ी क्रेनों का परिवहन बहुत मुश्किल था। इन्हें मुख्य पुर्जों को अलग कर स्थल पर पुनः जोड़ने के बाद ही इस्तेमाल में लाया गया।” परियोजना स्थल पर काम कर रहे इंजीनियरों ने बताया कि मिजोरम में स्थानीय मजदूर भी उपलब्ध नहीं थे और सभी मजदूर दूसरे राज्यों से लाए गए थे। कुमार ने बताया, “मिजोरम पूर्वोत्तर का सबसे दूरस्थ राज्य है और यह परियोजना पूरी तरह से पहाड़ी इलाकों में स्थित है, जहां ज्यादातर जगहों पर मोबाइल नेटवर्क नहीं हैं। इसलिए मजदूर काम के लिए मिजोरम आने से हिचकिचाते हैं और परियोजना में हमेशा मजदूरों की कमी रही।” उन्होंने बताया कि मिजोरम में उपयुक्त निर्माण सामग्री (जैसे रेत, पत्थर के टुकड़े आदि) भी उपलब्ध नहीं थी और इन्हें आस-पास के राज्यों जैसे असम, पश्चिम बंगाल, मेघालय आदि से लाया जाता था। रेलवे के अनुसार, इस लाइन में 12.853 किलोमीटर लंबी 48 सुरंगें, 55 बड़े व 87 छोटे पुल, पांच ओवरब्रिज और नौ अंडरब्रिज हैं। रेलवे ने बताया कि 196 संख्या वाला एक पुल 104 मीटर ऊंचा है और यह कुतुब मीनार से 42 मीटर ऊंचा है।

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english