भारत को 2036 ओलंपिक की मेजबानी मिलने को लेकर ‘सकारात्मक' पर कुछ भी कहना जल्दबाजी: अय्यर
नयी दिल्ली। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) 2036 ओलंपिक की मेजबानी के अधिकार मिलने को लेकर बहुत सकारात्मक है लेकिन उसे लगता है कि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी क्योंकि और भी देश इस दौड़ में शामिल हो रहे हैं। कतर नवीनतम देश है जिसने खुलासा किया है कि उसने 2036 खेलों की मेजबानी के अधिकारों के लिए अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के भविष्य मेजबान आयोग के साथ बातचीत प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह मेजबान देश के चयन से पहले की लंबी प्रक्रिया का पहला कदम है।
आईओए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रघुराम अय्यर ने गुरुवार को यहां एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘हम यह मानना चाहेंगे कि हम बहुत सकारात्मक हैं। लेकिन फिर भी यह कहना जल्दबाजी होगी (कि किसे मेजबानी के अधिकार मिलेंगे) क्योंकि अब भी कई देश इसमें शामिल हो रहे हैं। '' भारत ने पिछले साल ओलंपिक की मेजबानी के लिए रुचि पत्र प्रस्तुत किया था और वह आईओसी के भविष्य मेजबान आयोग (एफएचसी) के साथ ‘निरंतर संवाद प्रक्रिया' में एक कदम आगे है। अगला कदम ‘लक्षित संवाद प्रक्रिया' है जिसके बाद ही एफएचसी आईओसी कांग्रेस को पसंदीदा मेजबान देश की सिफारिश करेगा। उन्होंने कहा कि 2036 ओलंपिक के लिए मेजबान देश का नाम दो साल बाद ही पता चलने की संभावना है क्योंकि आईओसी ने खुद पूरी प्रक्रिया पर ‘रोक' लगाने की घोषणा की है। अय्यर ने कहा, ‘‘हम इस समय आईओसी के साथ निरंतर बातचीत के दौर में हैं। आईओसी के लिए अभी ठहरकर सोचने का समय है क्योंकि उसे अभी नया अध्यक्ष मिला है जो आईओसी में कुछ बदलाव ला रहा है। '' उन्होंने कहा, ‘‘अगले कुछ वर्षों में हमें पता चल जाएगा कि यह किस दिशा में बढ़ रहा है। ''
वहीं आईओए के कार्यकारी सदस्य हरपाल सिंह ने 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की बोली के फैसले पर कहा, ‘‘यह प्रक्रिया चल रही है। राष्ट्रमंडल खेल प्रतिनिधि, टीम प्रबंधन और खेल प्रबंधन पहले सभी संभावित मेजबानों से बातचीत करेंगे जिसके बाद नवंबर के आखिरी हफ्ते में ग्लास्गो में होने वाली आमसभा में मेजबान को चुना जाएगा। '' कनाडा के बोली की दौड़ से हटने के बाद भारत की 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी पाने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमें पूरी उम्मीद है कि 2030 के खेल भारत में आयोजित होंगे।
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