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भारत में टीकाकरण अभियान के तहत बच्चों को 11 टीके मुफ्त में दिए जाते हैं: अनुप्रिया पटेल

 नई दिल्ली। देश में टीकाकरण अभियान के तहत बच्चों को 11 टीके मुफ्त में दिए जाते हैं। बच्चों और गर्भवती महिलाओं को टीका लगाने के लिए जिले के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में साप्ताहिक आधार पर नियमित टीकाकरण सत्र आयोजित किए जाते हैं। वहीं, टीकाकरण कवरेज में सुधार के उपायों के रूप में जागरूकता, सामाजिक लामबंदी, परिवार स्तर पर आपसी संवाद और मीडिया की भागीदारी जैसे रणनीतिक क्रियाकलाप किए जाते हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने शुक्रवार को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

 देश में टीकाकरण अभियान के तहत बच्चों को 11 टीके निःशुल्क लगाए जाते हैं।इन टीकों के नाम इस प्रकार हैं:
 1- हेपेटाइटिस बी वैक्सीन
2- ओरल पोलियो वैक्सीन (ओपीवी)
3- बैसिलस कैल्मेट-गुएरिन वैक्सीन (बीसीजी)
4- पोलियो वैक्सीन इंजेक्शन (आईपीवी)
5- पेंटावैलेंट वैक्सीन
6- रोटावायरस वैक्सीन (आरवीवी)
7- न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन (पीसीवी)
8- खसरा और रूबेला वैक्सीन (एमआर)
9- डिप्थीरिया पर्टुसिस टेटनस वैक्सीन (डीपीटी)
10- टेटनस और वयस्क डिप्थीरिया वैक्सीन (टीडी) और
11- जापानी एन्सेफलाइटिस वैक्सीन (जेई)
 
वहीं, बच्चों और गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण के लिए जिले के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में साप्ताहिक आधार पर नियमित टीकाकरण सत्र आयोजित किए जाते हैं। प्रत्येक सत्र से पहले, संबंधित क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर लाभार्थियों को टीकाकरण सत्र के स्थान के बारे में जानकारी देती हैं और बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण के दिन आकर टीका लगवाने के लिए प्रेरित करती हैं।
 
आपको बता दें, देश में टीकाकरण कवरेज को अधिकतम करने के लिए, देश भर में सूचना शिक्षा और संवाद (आईईसी) संबंधी क्रियाकलाप आयोजित किये जाते हैं। आईईसी का प्रसार दूरदर्शन जैसे सेवा प्रसारकों के माध्यम से मीडिया क्षेत्र की हस्तियों, रेडियो जिंगल और यूट्यूब पॉडकास्ट का उपयोग करके किया जाता है। यहीं नहीं, एक्स हैंडल, इंस्टाग्राम हैंडल और फेसबुक पेज जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग किया जाता है। साथ ही स्थानीय समुदाय-स्तरीय गतिविधियां जैसे माइकिंग, पोस्टर और सामूहिक बैठकें भी आयोजित की जाती हैं।
 
देश में पिछले 5 वर्षों के दौरान टीकाकरण अभियान और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सरकार द्वारा जो प्रयास किए गए, वो इस प्रकार हैं-
 
राज्य टीकाकरण कार्यबल (एसटीएफआई), जिला टीकाकरण कार्यबल (डीटीएफआई) और ब्लॉक टीकाकरण कार्यबल (बीटीएफआई) नियमित रूप से चलाए जाने वाले टीकाकरण अभियानों के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करते हैं।
टीकाकरण कवरेज में सुधार के उपायों के रूप में जागरूकता, सामाजिक लामबंदी, पारिवारिक स्तर पर आपसी संवाद और मीडिया सहभागिता जैसे रणनीतिक क्रियाकलाप किए जाते हैं।
व्यापक टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत विशेष कैच-अप टीकाकरण अभियान, सघन मिशन इन्द्रधनुष, कम टीकाकरण कवरेज वाले क्षेत्रों में छूटे हुए बच्चों और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण करने के लिए चलाया गया।
पल्स पोलियो कार्यक्रम के एक भाग के रूप में राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस (एनआईडी) जैसे विशेष टीकाकरण अभियान हर वर्ष चलाए जाते हैं।
टीकाकरण गतिविधियों के लिए निर्धारित दिनों पर ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस (वीएचएनडी) का आयोजन किया जाता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बच्चों और गर्भवती महिलाओं के सभी टीकाकरण कार्यक्रमों के डिजिटल पंजीकरण और रिकॉर्डिंग के लिए यू-विन पोर्टल शुरू किया है।

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