राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर कार्यक्रम के दौरान कोई भी संदेह के घेरे में नहीं रहेगा- शाह
नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर-एन.पी.आर. अद्यतन करने के दौरान किसी भी नागरिक को डी या संदेह के रूप में चिन्हित नहीं किया जाएगा और उसको नागरिकता साबित करने के लिए कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होगी।
एन.पी.आर. पर आशंकाओं को दूर करते हुए गृह मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि किसी व्यक्ति को ऐसी कोई सूचना देना अनिवार्य नहीं है जो उसके पास नहीं है। उन्होंने दिल्ली में हाल की कानून व्यवस्था की स्थिति के बारे में राज्यसभा में बहस का जवाब देते हुए यह स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने बताया कि एन.पी.आर. अद्यतन का कार्य पहली अप्रैल से छह महीने के अंदर किया जाना है, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति और परिवार की भौगोलिक और अन्य जानकारी दी जाएगी। एन.पी.आर. देश के निवासियों की पंजिका है। एन.पी.आर. के आंकड़े पिछली बार वर्ष 2017 में जुटाए गए थे।
दिल्ली हिंसा के बारे में श्री शाह ने कहा कि किसी भी अपराधी को चाहे वे किसी भी राजनीतिक दल या धर्म से जुड़े हों, बख्शा नहीं जाएगा।
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