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सीएम बघेल बोले- हमारी सरकार ने तय किए विकास के नए मापदंड

0 मुख्यमंत्री बघेल का नए नेतृत्व में बदलता छत्तीसगढ़  विषय पर आयोजित व्याख्यान
नईदिल्ली/ रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ खनिज व प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न व समृद्ध राज्य होने के बावजूद राज्य की ज्यादातर आबादी कुपोषित, अशिक्षित, बीमार, आवासहीन और भूमिहीन हो तो ऐसी स्थिति में सरकार के कामकाज पर प्रश्न उठना स्वाभाविक है। ऐसा मापदंड नहीं चलेगा, जिसमें एक तरफ प्रति व्यक्ति आय भी बढ़ी हो और दूसरी तरफ गरीबी भी बढ़ी हो। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनते ही हमने अपना विजन स्पष्ट कर विकास के नए मापदंड तय किए। नवा छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को जमीनी स्तर पर मूर्त रूप दिया है। हम स्थानीय लोगों को ज़्यादा से ज़्यादा रोज़गार देंगे। इसके लिए स्थानीय स्तर पर छोटे-छोटे उद्योग स्थानीय ज़रूरतों को ध्यान में रखकर लगाएंगे।
श्री बघेल रविवार को नई दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में नए नेतृत्व में बदलते छत्तीसगढ़ विषय पर आयोजित व्याख्यान में बोल रहे थे। इस अवसर पर पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन सहित देश के ख्यातिप्राप्त बुद्धिजीवी भी उपस्थित थे। श्री बघेल ने कहा कि जिन लोगों को उल्टे चश्मे से देखने की आदत थी, वो प्रदेश की 2 करोड़ आबादी का भला कैसे करते? जिन्हें गांधी-नेहरू की सर्वजन हिताय नीतियों से दुराव था, वो गरीबों का भला कैसे करते। हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, किसान, ग्रामीण, महिलाएं, कामगार, छोटे व्यापारी, युवा और वह नई पीढ़ी है, जिसके कंधे पर कल प्रदेश और देश संभालने की जिम्मेदारी होगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में देश के क्षेत्रफल का 24.4 फीसदी वनक्षेत्र है। इस्पात, सीमेंट, टिन, एल्यूमिनियम उत्पाद में देश में अग्रणी है। बॉक्साइट का प्रचुर भंडार है हमारे पास। टिन उत्पाद में देश इकलौता राज्य है। मुझे यह कहते हुए गर्व है कि छत्तीसगढ़ आज भी जनसंख्या के विस्फोट से बचा हुआ है।
एक तिहाई आबादी अभी भी निरक्षर
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में विगत 15 वर्षों में नक्सलवादी गतिविधियां 4 ब्लॉक से बढ़कर 40 ब्लॉक तक पहुंच गईं तो इसके पीछे भी अनेक कारण रहे होंगे। नक्सलवाद को लेकर अनेक बातें कही गईं, लेकिन यह नहीं बताया गया कि छत्तीसगढ़ में सबसे बड़ा खतरा कुपोषण से है। प्रदेश में साक्षरता की दर 71 फीसदी है, लेकिन यह नहीं बताते कि एक तिहाई आबादी अभी भी निरक्षर है। इसलिए मैं नई प्राथमिकता की बात करता हूं, विकास के नए आंकड़ों की बात करता हूं। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि सात माह के अल्प कार्यकाल में प्रदेश के लोगों में सरकार के प्रति एक भरोसा और विश्वास का नया वातावरण बना है। हमने शुरुआत में ही लोगों के जीवनस्तर को ऊपर उठाने और गरीबी कम करने की दिशा में ठोस पहल की है।
कई कदम उठाए
अनुसूचित जनजाति तथा अनुसूचित जाति को बराबरी से विकास के अवसर और गरिमापूर्ण जीवनयापन के लिए कई बड़े कदम उठाए। उद्योगों के नाम पर जिनकी जमीन ले ली गई थी, हमारी सरकार आते ही जमीन वापसी का निर्णय लिया गया। हमने प्रदेश निवासी अनुसूचित जनजाति को 32 फीसदी, अनुसूचित जाति को 13 फीसदी, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 फीसदी आरक्षण देने की घोषणा इसी 15 अगस्त को की है। प्राथमिक विकेंद्रीकरण की दिशा में भी नए कदम उठाए हैं। नया जिला गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही के गठन की घोषणा भी इस वर्ष 15 अगस्त को की।

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