मिशन चंद्रयान-2 : कल चांद की कक्षा में दाखिल होगा रॉकेट, इसरो के लिए ये होगी बड़ी चुनौती
नई दिल्ली । 23 दिनों तक पृथ्वी की कक्षा के चक्कर लगाने के बाद चंद्रयान-2 कल चांद की कक्षा में पहुंचेगा। पृथ्वी की कक्षा से निकलने के 6 दिन बाद यान चंद्रमा की कक्षा में पहुंचेगा। यहां वो 13 दिन तक चक्कर काटने के 4 दिन बाद चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा।यह बेहद मुश्किल और महत्वपूर्ण पल होंगे जब इसरो चंद्रयान-2 के तरल रॉकेट इंजन को दाग कर उसे चांद की कक्षा में दाखिल करेगा। चांद पर हवा नहीं है। गुरूत्वाकर्षण बल भी अलग-अलग जगहों पर अगल-अलग मात्रा में है। ऐसे में 1.5 किमी प्रति सेकंड की तेजी से घूम रहे ऑर्बिट से चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करना बड़ा चैलेंज माना जा रहा है। चंद्रयान चांद के दक्षिणी छोर पर लैंड करेगा जहां बड़े-बड़े बोल्डर्स, क्रेटर्स हैं। जिसके चलते क्रैश होने का खतरा ज्यादा है।चंद्रयान 2 अंदाजन सुबह 8.30-9.30 बजे के बीच चांद पर उतरेगा। चंद्रमा की सतह से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर चंद्र ध्रुवों के ऊपर से गुजर रही इसकी अंतिम कक्षा में पहुंचाने के लिए चार और कक्षीय प्रक्रियाओं को अंजाम दिया जाएगा। इसके बाद लैंडर ‘विक्रम दो सितंबर को ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा।बेंगलूरू के नजदीक ब्याललू स्थित डीप स्पेस नेटवर्क (आईडीएसएन) के एंटीना की मदद से बेंगलूरू स्थित इसरो, टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) के मिशन ऑपरेशंस कांप्लेक्स (एमओएक्स) से यान की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। इसरो ने 14 अगस्त को कहा था कि चंद्रयान-2 की सभी प्रणालियां सामान्य ढंग से काम कर रही हैं।
Leave A Comment