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 दिल्ली के स्कूल अगले आदेश तक बंद, बोर्ड परीक्षाएं, ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहेंगी
 नयी दिल्ली।  दिल्ली सरकार ने बढ़ते वायु प्रदूषण के स्तर के बीच राष्ट्रीय राजधानी में अगले आदेश तक सभी स्कूलों को बंद करने की गुरुवार को घोषणा की। दिल्ली सरकार ने कहा कि हालांकि, बोर्ड परीक्षाएं निर्धारित समय के अनुसार जारी रहेंगी और पठन-पाठन की गतिविधियां ऑनलाइन आयोजित की जाएंगी। इससे पहले, उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने के बीच स्कूलों में प्रत्यक्ष कक्षाएं शुरू करने को लेकर दिल्ली सरकार को गुरुवार  को फटकार लगाई, जिसके बाद सरकार ने यह फैसला किया। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में आगामी आदेश आने तक स्कूल शुक्रवार से बंद रहेंगे। बोर्ड परीक्षाएं निर्धारित समय के अनुसार जारी रहेंगी और पठन-पाठन की गतिविधियां ऑनलाइन आयोजित की जाएंगी। राय ने कहा कि दिल्ली में प्रत्यक्ष कक्षाएं अगले आदेश तक शुक्रवार से बंद रहेंगी। राय ने कहा, ‘‘हमने वायु गुणवत्ता में सुधार का पूर्वानुमान जताए जाने के कारण स्कूल फिर से खोल दिए थे, लेकिन वायु प्रदूषण फिर से बढ़ गया है और हमने आगामी आदेश आने तक शुक्रवार से स्कूल बंद करने का फैसला किया है।'' दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, ‘‘सभी बोर्ड परीक्षाएं निर्धारित समय पर जारी रहेंगी।'' दिल्ली में स्कूल, कॉलेज और अन्य शिक्षण संस्थान 13 नवंबर से बंद थे, लेकिन उन्हें सोमवार से खोल दिया गया था। कोविड-19 के नए स्वरूप से उत्पन्न चुनौतियों का हवाला देते हुए राय ने कहा कि बैठने की पूरी क्षमता के साथ मेट्रो ट्रेनों और बसों को चलाने के लिए स्थिति ठीक नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘सम-विषम (सड़कों पर कार की संख्या सीमित करने की योजना) पर कोई चर्चा नहीं हुई है। दिल्ली सरकार ने पूर्व में आवश्यक सेवाओं में लगे ट्रकों को छोड़कर बाकी ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध सात दिसंबर तक बढ़ा दिया था। सीएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति है। उच्च वायु प्रदूषण के स्तर को देखते हुए दिल्ली में निर्माण और तोड़फोड़ गतिविधियों पर भी अगले आदेश तक प्रतिबंध जारी रहेगा। राय ने कहा कि सेंट्रल विस्टा के बारे में केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि यह काम राष्ट्रीय महत्व का है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में उन रिपोर्टों की प्रतीक्षा है जिनके आधार पर दिल्ली सरकार आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार निर्माण स्थलों पर भी धूल-रोधी मानदंडों के उल्लंघन के संबंध में रिपोर्ट को लेकर जांच करेगी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार पिछले सात साल में नवंबर के दौरान इस बार दिल्ली की वायु गुणवत्ता सबसे खराब रही। राष्ट्रीय राजधानी में 11 दिन ‘गंभीर' प्रदूषण रहा और एक भी दिन हवा की गुणवत्ता ‘‘अच्छी'' नहीं रही। विशेषज्ञों ने इसके लिए लंबे समय तक मॉनसून के मौसम के कारण पराली जलाने की सबसे ज्यादा घटनाओं वाली अवधि करीब एक सप्ताह आगे बढ़ने को जिम्मेदार ठहराया है।

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