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मल्टीप्लेक्स कंपनियों ने कहा, कुछ ‘शर्तों' के साथ सिनेमाघरों को खोलने की अनुमति दे दिल्ली सरकार

नयी दिल्ली। मल्टीप्लेक्स कंपनियों ने दिल्ली सरकार से कोविड-19 की वजह से सिनेमाघरों को बंद करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है। मल्टीप्लेक्स परिचालकों का कहना है कि सिनेमाघरों को कुछ शर्तों मसलन प्रवेश के लिए दोनों टीकों की अनिवार्यता और सिर्फ 50 प्रतिशत सीटों की बुकिंग की अनुमति के साथ खोलने की अनुमति दी जा सकती है। कोविड-19 के ओमीक्रोन स्वरूप के सामने आने के बाद संक्रमण के मामले बढ़ने के बीच दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने मंगलवार को तत्काल प्रभाव से ‘येलो' अलर्ट की घोषणा की, जिसके तहत स्कूल, कॉलेज, सिनेमाघरों और जिम बंद रहेंगे, जबकि गैर आवश्यक वस्तुओं की दुकानें ‘सम-विषम' फॉर्मूले के आधार पर खुलेंगी तथा शहर में मेट्रो और बसें 50 प्रतिशत सीट क्षमता के साथ परिचालित होंगी।       मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एमएआई) ने कहा है कि इस फैसले से भारतीय फिल्म उद्योग को बड़ा नुकसान होगा। एमएआई ने कहा कि सिनेमाधरों को बंद करने के बजाय दिल्ली सरकार महाराष्ट्र और अन्य राज्यों की तरह प्रवेश के लिए दोनों टीकों की अनिवार्यता को लागू कर सकती है। इसके अलावा सीटों की बुकिंग को भी 50 प्रतिशत तक सीमित किया जा सकता है। एमएआई के अध्यक्ष कमल ज्ञानचंदानी ने कहा कि सरकार को भारतीय फिल्म उद्योग के विशिष्ट सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक मूल्य के मद्देनजर अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। दिल्ली के व्यापारियों, जिम और स्पा मालिकों ने भी इस फैसले पर नाखुशी जताई है।
जिम मालिकों का कहना है कि यह फैसला उनके लिए मौत का वॉरंट है। फिटनेस उद्योग महामारी की शुरुआत के बाद से ही अपना अस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है। दिल्ली जिम एसोसिएशन के उपाध्यक्ष चिराग सेठी ने कहा कि इस फैसले से दिल्ली का फिटनेस उद्योग पूरी तरह बर्बाद हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जिम मालिक पहले ही किराये, बिजली शुल्क, पानी शुल्क आदि की वजह से कर्ज के बोझ में दबे हैं। यह फैसला जिम मालिकों के लिए ‘मौत का वॉरंट' है। ग्रेटर कैलाश-दो में आनंदम स्पा के निशांत खरबंदा ने इसी तरह की चिंता जताते हुए कहा कि जब सैलून खुले हैं, ऐसे में स्पा को पूरी तरह बंद करने का कोई औचित्य नहीं है। दिल्ली व्यापार महासंघ के अध्यक्ष और सदर बाजार के व्यापारी देवराज बवेजा ने कहा कि व्यापारी पहले ही कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान लगाए गए लॉकडाउन के प्रभाव से उबर नहीं पाए हैं। बवेजा ने कहा कि नए अंकुशों से व्यापारी बुरी तरह प्रभावित होंगे क्योंकि सम-विषम व्यवस्था की वजह से कारोबारी दिवस घटेंगे। उन्होंने कहा कि पहले जहां दुकानें सप्ताह में छह दिन खुल रही थीं वहीं अब ये सिर्फ तीन दिन खुलेंगी।
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