ब्रेकिंग न्यूज़

नरक चतुर्दसी और रूप चौदस पर कैसे करें पूजा, किन बातों का रखें ध्यान

डॉ विनीत शर्मा
नरक चतुर्दशी  का पावन पर्व धनतेरसके अगले दिन यानी छोटी दीबपावली को मनाया जाता है. इस बार नरक चतुर्दशी 3 नवंबर 2021, बुधवार को है.।
धनतेरस के दूसरे दिन नरक चौदस का पर्व है. इसे छोटी दिवाली के नाम से भी जाना जाता है. यह दीपावली महापर्व (Diwali Festival) का दूसरा शुभ दिन है. आज के दिन हस्त नक्षत्र विष्कुंभ योग आनंद योग अवकरण का सुंदर संयोग बन रहा है. शुभ द्वार के दोनों तरफ लक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए दीपक जलाए जाते हैं. घर अथवा दुकान के सभी कोनों में दीपक जलाने का विधान है. इस दिन मुख्य रूप से यम की पूजा (Worship of yama) की जाती है. आज पंच देवों के साथ यम देवता की भी पूजा होती है।.
नरक चतुर्दसी और रूप चौदस पर कैसे करें पूजायह भी पढ़ें: Narak Chaturdashi 2021: इस दिन रूप के निखार से जुड़ी हैं कई मान्यताएंरूप चौदस के दिन कृष्ण की पूजा आरती व्रत करने पर जीवन में निखार आता है और सौंदर्य में भी वृद्धि होती हैं. इसलिए इसे रूप चतुर्दशी का पर्व भी मानते हैं. इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर अभ्यंग अर्थात पूरे शरीर में मालिश करने का विधान है. सरसों अथवा तिल के तेल से विधि पूर्वक आस्था के साथ संपूर्ण शरीर को मालिश किया जाता है. इसके बाद सरोवर आदि में जाकर स्नान करने का विधान है. सूर्योदय के पूर्व स्नान करने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं. ऐसी मान्यता है.
आज के दिन यमराज की भी विशेष पूजा की जाती है. आज दक्षिण दिशा में विशेष रुप से दीपक जलाकर प्रकाशित किया जाता है. द्वार के दोनों ओर घी का दीपक लगाने के बाद द्वार के बाहर चतुर्मुख यम का दीपक लगाने का विधान है. इस चतुर्मुख दीपक को भवन या व्यापारिक प्रतिष्ठान के चारों कोनों में भी लगाया जाता है. जिससे पितरों का आशीष मिलता है. आज के दिन पितरों की भी पूजा की जाती है. आज के शुभ पर्व पर राम भक्त हनुमान जी की भी पूजा की जाती है. जो लोग हनुमान की पूजा करते हैं उनके रूप सौंदर्य पराक्रम और तेज में वृद्धि होती है. आज के शुभ दिन अपामार्ग या चिरचिरा को शरीर में तीन बार घुमाने का भी विधान है. इससे संपूर्ण पाप नष्ट हो जाते हैं.
कब है नरक चतुर्दशी या रूप चौदस 2021हिंदू पंचांग के अनुसार नरक चतुर्दशी का पावन पर्व 3 नवंबर 2021, बुधवार को है. इस दिन यम देव की पूजा अर्चना करने से नरक की यातनाओं से मुक्ति मिलती है और अकाल मृत्यु का भय खत्म होता है.नरक चतुर्दशी 2021 का शुभ मुहूर्त
सुबह 5:02 से लेकर सुबह 5:50 तक अमृत कालदोपहर 1:55 से लेकर दोपहर 3:22 तक गोधूलि बेला मुहूर्तशाम 5:05 से लेकर शाम 5:29 तक विजय मुहूर्तरात 11:16 से लेकर रात 12:07 यमराज पूजन का विशेष महत्व है.
नरक चतुर्दशी या काली चौदस की पूजा विधिसूर्योदय से पहले स्नान कर साफ और स्वच्छ वस्त्र धारण करें. इस उस दिन पंच देवों के साथ छठ में देवता यम की भी पूजा करने का बहुत विधान है आज के दिन दक्षिण दिशा में विशेष रूप से दीपक जलाने का विधान हैआज के दिन व्रत उपवास स्नान और ध्यान करने से यम देवता प्रसन्न होते हैं।

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english