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  कोरोना के चक्कर में धराशायी हुई दुनिया भर की  एयरलाइंस कंपनियां
कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण दुनिया भर की  एयरलाइंस कंपनियों पर भी बुरा असर पड़ा है। जानते हैं दुनिया भर की  एयरलाइंस कंपनियों की क्या स्थिति है-
लुफ्थांसा
जर्मन एयरलाइन कंपनी लुफ्थांसा को कोरोना वायरस के चलते 2020 की छमाही में करीब तीन अरब यूरो का घाटा हुआ। लुफ्थांसा प्रमुख कास्र्टन स्पोर कहते हैं कि कंपनी को लंबे समय के लिए अपना आकार छोटा करना होगा। जर्मनी में ही कंपनी की 11 हजार  नौकरियां खतरे में हैं।  
 क्वांटस
ऑस्ट्रेलिया की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी क्वाटंस एलान कर चुकी है कि वह 2023 तक दुनिया के सबसे बड़े यात्री विमान एयरबस ए380 को बिल्कुल नहीं उड़ाएगी ।  कंपनी 6,000 नौकरियां खत्म कर चुकी है    , बाकी बचे स्टाफ में भी ज्यादातर लोग कुछ ही घंटों के लिए काम कर रहे हैं । 
इंडिगो
भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी इंडिगो ने अपने स्टाफ में 10 फीसदी कटौती का एलान किया है।  भारत में कोरोना का प्रकोप अभी तक खत्म नहीं हुआ है।  कंपनी जबरदस्त कॉस्ट कटिंग मोड में भी चली गई है। 
रायनएयर
यूरोप की चोटी की किफायती एयरलाइन कंपनी रायनएयर को इस साल के पहले छह महीनों में टिकट बिक्री में 95 फीसदी गिरावट देखनी पड़ी।  सस्ते टिकट वाली आइरिश कंपनी को पहली बार नुकसान झेलना पड़ा है।  इस साल कंपनी को अपने 19,000 कर्मचारियों में से सिर्फ 3,000 को चुनना पड़ा। 
इंटरनेशनल एयरलाइंस ग्रुप (आईएजी)
ब्रिटिश स्पैनिश ग्रुप का ऑपरेटिंग लॉस 1.37 अरब यूरो है. इसकी सहायक कंपनी ब्रिटिश एयरवेज में 12,000 नौकरियों पर तलवार लटक रही है. ग्रुप की बाकी एयरलाइंस में बड़ी संख्या में नौकरियां जाना तय है.एयर फ्रांस-केएलएम
फ्रेंच डच एयरलाइन ग्रुप को 1.55 अरब यूरो का नुकसान हुआ है।  पिछले साल की पहली छमाही के मुकाबले 2020 में टिकट सेल 85 फीसदी गिरी है।  ग्रुप 7, 580 नौकरियां खत्म करने जा रहा है।  डच एयरलाइन केएलएम तो 2022 तक 33,000 फ़ुल टाइम जॉब्स में 5,000 को खत्म करने जा रही है। 
ईजीजेट
ब्रिटेन की बजट एयरलाइन ईजीजेट को अप्रैल, मई और जून में ही 36 करोड़ यूरो का घाटा हुआ है।  एयरलाइन के 315 विमानों के बेड़े में से सिर्फ 10 ही इस्तेमाल हुए।  ईजीजेट ने चेतावनी दी है कि उसे 4,500 नौकरियां खत्म करनी पड़ सकती हैं। 
नॉर्वेजियन
सस्ते टिकट बेचने वाली नॉर्वे की यह एयरलाइन कंपनी अपने आंकड़े अगस्त अंत में पेश करेगी।  स्वीडन और डेनमार्क में इसकी सहायक कंपनियां अप्रैल से बंद हैं।  पायलटों और केबिन क्रू को मिलाकर 4,700 नौकरियां धार पर हैं। 
एसएएस
डैनिश एयरलाइन ग्रुप में आधी यानि करीब 5,000 नौकरियां खतरे में हैं।  डेनमार्क, स्वीडन और वालेनबेर्ग फाउंडेशन जैसे बड़े शेयर होल्डरों ने कंपनी को बचाने के लिए एक रेस्क्यू पैकेज का एलान किया है। 
विज
हंगरी की लो कॉस्ट एयरलाइन विज को पहले ही हो चुकी बुकिंग से राहत मिली. अप्रैल से जून के बीच कंपनी को 90 लाख यूरो का फायदा हुआ, लेकिन उसके बाद से नुकसान ही हो रहा है।  कंपनी के 20 फीसदी कर्मचारियों लग रहा है कि उन्हें सेवा समाप्ति का लेटर मिल सकता है।
कोंडोर
जर्मन हॉलिडे एयरलाइन की पैरेंट कंपनी थॉमस कुक 2019 में दिवालिया हो गई।  अब कोंडोर अलग कंपनी है।  एयरलाइन को लगता है कि वह अपने स्टाफ में कटौती किए बिना कोरोना संकट से निकल जाएगी।  कंपनी ने अपने आंकड़े जारी नहीं किए हैं।  

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