मौसम विज्ञान विभाग का रेड, येलो, ऑरेंज, ब्लू अलर्ट क्या होता है?
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) भारी बारिश को लेकर समय-समय पर कुछ चुनिंदा रंगों के आधार पर अलट्र्स जारी करता है, जैसे रेड, येलो, ऑरेंज, ब्लू आदि... क्या आपको इनके मतलब पता हैं?
मौसम विभाग के मुताबिक, अलट्र्स के लिए इन रंगों का चुनाव कई एजेंसियों के साथ मिलकर तय किया गया है। भीषण गर्मी हो, सर्द लहर हो, मॉनसून हो या? फिर चक्रवाती तूफान... आईएमडी इनकी गंभीरता बताने के लिए पीला, ब्लू, नारंगी या लाल अलर्ट जारी करता है। आइए जानते हैं इनके मतलब क्या होते हैं।
येलो अलर्ट - भारी बारिश, तूफान, बाढ़ या ऐसी प्राकृतिक आपदा से पहले लोगों को सचेत करने के लिए मौसम विभाग येलो अलर्ट जारी करता है। इस चेतावनी का मतलब है कि 7.5 से 15 मिमी की भारी बारिश होने की संभावना है। अलर्ट जारी होने के कुछ घंटों तक बारिश जारी रहने की संभावना रहती है। बाढ़ आने की आशंका भी रहती है।
ब्लू अलर्ट : बादल गरजने, आंधी-तूफान के साथ बारिश होने की जब संभावना बनती है, तब विभाग अक्सर ब्लू अलर्ट जारी करता है। इस दौरान कई इलाकों में गरज के साथ बारिश होने की संभावना रहती है।
रेड अलर्ट : जैसा कि रंग से ही स्पष्ट है, लाल खतरे का निशान होता है। रेड अलर्ट में भारी नुकसान की संभावना रहती है। जब कोई चक्रवात अधिक तीव्रता के साथ आता है, जैसे भारी बारिश की स्थिति में हवा की गति 130 किमी प्रति घंटा या इससे अधिक पहुंच जाती है, तो ऐसे में रेड अलर्ट जारी किया जाता है। रेड अलर्ट में प्रशासन को जरूरी कदम उठाने को कहा जाता है।
ऑरेंज अलर्ट - मौसम विभाग जब ऑरेंज अलर्ट जारी करता है, तो इसका मतलब होता है कि मौसम की मांग है कि अब आप और खराब मौसम के लिए तैयार हो जाएं। जब मौसम इस तरह की करवट लेता है, जिसका असर जनजीवन पर पड़ सकता है, तब ये अलर्ट जारी किया जाता है। खराब मौसम के लिए आपको अपनी यात्राओं, कामकाज या स्कूली बच्चों के लिए आवागमन के बारे में तैयारी रखने की ज़रूरत होती है।
कलर कोड के तहत चेतावनी जारी करने की प्रणाली के कारगर होने के बावजूद अब भी कुछ देशों में अलग तरीके अपनाए जाते हैं। उदाहरण के लिए स्वीडन का मौसम विभाग चेतावनी जारी करने के लिए मौसम का हाल क्लास 1, क्लास 2 और क्लास 3 के हिसाब से बताता है। क्लास 1 का अर्थ सतर्कता से होता है और क्लास 2 में मौसम खराब होने का संकेत होता है । जबकि क्लास 3 का मतलब होता है कि मौसम बहुत बिगडऩे वाला है और जान माल के नुकसान की आशंका है। कुछ और भी देश पुराने या अपने अलग तरीके इस्तेमाल कर रहे हैं ।
कलर कोड चेतावनी सिस्टम वास्तव में, यूरोप की मानक प्रणाली बन चुका है और इस तरीके से यूरोप के कम से कम 31 मौसम विभाग अलर्ट जारी करते हैं । यूरोप के अलावा एशिया के कई देश भी इस प्रणाली को अपना चुके हैं । मीटियोअलार्म नाम की वेबसाइट पर उन लोगों के लिए एक अलग कलर कोड सिस्टम है जो कलर ब्लाइंड यानी रंगों को लेकर अंधेपन के शिकार होते हैं । इनके लिए इस वेबसाइट पर ग्रे के हल्के से गाढ़े शेड्स के ज़रिये मौसम के खतरों की चेतावनी समझाए जाने की प्रणाली भी अपनाई जाती है।
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