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बालोद। जिला कोषालय बालोद में भृत्य के 01 नियमित पद के भर्ती हेतु आवेदन आमंत्रित किए गए थे। उक्त प्राप्त आवेदनों की दावा आपत्ति की सूची बालोद जिले की वेबसाईट बालोद डाॅट जीओवी डाॅट इन में उपलब्ध है। जिला कोषालय अधिकारी ने बताया कि जिन अभ्यर्थियों को पात्र-अपात्र के संबंध में कोई आपत्ति हो तो वे निर्धारित समय में आपत्ति का निराकरण करा सकते है। -
दुर्ग/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने लोकार्पण व भूमिपूजन कार्यक्रम में 02 जून को नगर पालिका परिषद् कुम्हारी क्षेत्रान्तर्गत कुल 174 करोड़ 45 लाख रूपए से ज्यादा की लागत के 19 कार्याे का लोकार्पण-भूमिपूजन किया। 45 करोड़ 44 लाख 66 हजार रूपए के 10 विकास कार्याे का लोकार्पण व 129 करोड़ रूपए से अधिक के 9 विकास कार्याे का किया भूमिपूजन शामिल है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने क्षेत्र के विकास हेतु विभिन्न कार्याे का लोकार्पण किया, जिसमें 26 करोड़ 70 लाख 62 हजार रूपए की लागत से वार्ड क्रमांक 01 अंतर्गत बड़ा तालाब कुम्हारी का सौंदर्यीकरण एवं अन्य विकास कार्य, 80 लाख रूपए की लागत से वार्ड 16 परसदा में राजीव भवन निर्माण, 1 करोड़ 8 लाख 91 हजार रूपए की लागत से जंजगिरी चौक से टोल प्लाजा तक म्यूरल आर्ट, लेेंड स्केपिंग एवं अन्य सौंदर्यीकरण कार्य, 35 लाख 47 हजार रूपए की लागत से डॉ. बी आर अम्बेडकर सर्व समाज मांगलिक भवन में बाउंड्रीवॉल निर्माण कार्य, 50-50 लाख रूपए की लागत से महामाया उद्यान में अतिरिक्त विकास कार्य एवं मंदिर परिसर में डोम निर्माण कार्य, 31 लाख 9 हजार रूपए की लागत से कुगदा में उद्यान निर्माण कार्य, 19 लाख 50 हजार रूपए की लागत से वार्ड क्रमांक 14 में प्रेस क्लब के पास सामुदायिक भवन निर्माण कार्य, 88 लाख 52 हजार रूपए की लागत से वार्ड क्रं. 12 व 16 में विभिन्न विकास कार्य एवं 14 करोड़ 10 लाख 55 हजार रूपए की लागत से नगर पालिका परिषद् कुम्हारी क्षेत्रान्तर्गत विभिन्न विकास कार्य शामिल है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल द्वारा 9 कार्याे का भूमिपूजन किया गया, जिसके अंतर्गत अमृत मिशन 2.0 के अंतर्गत जल प्रदाय योजना हेतु 124 करोड़ 4 लाख, बी.टी. रोड वाईंडिनिंग कार्य हेतु 3 करोड़ 31 लाख 52 हजार, वार्ड क्र. 17, 19, 23 एवं 24 में पाईप लाईन विस्तारीकरण कार्य हेतु 49 लाख 31 हजार, परसदा, कुगदा एवं जंजगिरी गौठान में कंपोस्टिंग शेड निर्माण हेतु प्रत्येक गौठान के लिए 12 लाख 38 हजार, स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय कुम्हारी में 05 अतिरिक्त कक्ष निर्माण कार्य हेतु 43 लाख 81 हजार, वार्ड क्र. 16 में नीलकंठ साहू घर से राजेश यादव घर तक बीटी रोड वाईंडिनिंग कार्य हेतु 11 लाख 14 हजार एवं वार्ड क्र. 16 परसदा में जागृत होटल से लीला साहू घर तक बीटी रोड रेनोवेशन कार्य हेतु 24 लाख 83 हजार रूपए के कार्य सम्मिलित हैं। -
दुर्ग / समग्र शिक्षा कार्यालय रायपुर एवं आह्वान ट्रस्ट के संयुक्त प्रयास से दुर्ग जिले में बालवाड़ी कार्यक्रम को मजबूती देने के लिए सतत प्रयास जारी है जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी श्री अभय जायसवाल एवं समग्र शिक्षा जिला समन्वयक श्री सुरेंद्र पांडे जी का मार्गदर्शन से बालवाड़ी कार्यक्रम सुदृढ़ीकरण का कार्य जारी है । जिसमें नई शिक्षा नीति के तहत बुनियादी भाषा एवं संख्या ज्ञान की विभिन्न गतिविधियां एवं खेल खेल में सीखना सिखाना जारी रखा गया है । इस दौरान ग्रीष्म काल का सत्र आयोजित किया जा रहा है जिसमें बालवाड़ी के बच्चे एवं कक्षा 1,एवं 2 के बच्चे मजे के साथ शामिल हो रहे हैं ।
इस दौरान विद्यालय परिवार के सदस्य एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के साथ साथ ग्राम पंचायत की समिति एवं जनप्रतिनिधियों का सहयोग प्राप्त हो रहा है । इस पूरी प्रक्रिया का उद्देश्य शाला में शत प्रतिशत नामांकन कराना । बच्चों के सीखने की ललक पैदा करना, भाषा और गणित की अवधारणा को स्पष्ट रूप से समझना एवं रचनात्मक कार्यों में बच्चों को आगे बढ़ाना । साथ ही बालवाड़ी एवं विद्यालय से समुदाय को जोड़ना और उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना प्रमुख रूप से शामिल है।
इस कार्यक्रम के दौरान आहवान ट्रस्ट के जिला समन्वयक प्रदीप कुमार शर्मा साथी तुषार साहू एवं अभिषेक सिंह के साथ प्रधान पाठक नीलू थापा एवं सरपंच प्रतिनिधि इंद्रजीत साहू के साथ बड़ी संख्या में पालक अभिभावक उपस्थित रहे।
यह समुदाय को जोड़ने का काम दुर्ग में संचालित समस्त बालवाड़ी में किया जाएगा जिसमें समुदाय का जुड़ाव सुनिश्चित करने और बच्चों के सीखने में घर का वातावरण को भी जोड़ने का प्रयास जारी है।
बच्चों के साथ विभिन्न रचनात्मक गतिविधियों का आयोजन-
ग्रीष्मकालीन सत्रों में बालवाड़ी के बच्चों के साथ उनके रूचि के अनुसार रोचक गतिविधि का आयोजन किया जा रहा है जिसमें बुनियादी भाषा और गणित की रचनात्मक गतिविधि,मिट्टी के खिलौने बनाना, धागा पेंटिंग, पत्तियों से चित्रकारी करना, थंब पेंटिंग और स्वतंत्र खेल शामिल है। साथ ही पालक घर मे कैसे इन सभी गतिविधियों से बच्चों को सीखा सकता है इस पर चर्चा की जाती है। -
रायपुर/ प्रभु राम का जीवन चरित्र हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद आत्म नियंत्रण कर जीवन कैसे जिया जाए। सभी मर्यादाओं का पालन करते हुए संबंधों को कैसे निभाया जाए यह प्रभु राम हमे सिखाते है। इसीलिए आज के समय में सुखी रहने के लिए उनके जीवन आदर्शों पर चलने की महती आवश्यकता है। यह विचार पूर्व धर्मस्व मंत्री एवं विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने सुधी मानस मंडली जय भैरव बाबा संस्थान मठ पुरैना द्वारा आयोजित दो दिवसीय अखंड रामायण के अवसर पर कही।
साथ ही उन्होंने भाई प्रेम का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रभु राम को 14 वर्ष का वनवास जाना पड़ा परंतु उनकी जगह पर उनके छोटे भाई भरत ने राज नहीं किया बल्कि प्रभु राम की खड़ाऊ को रखकर उसे राजा मानकर राजपाट संभाला।
उपस्थित श्रद्धालुओं के समक्ष रामराज पर अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि रामराज का मतलब सुशासन होता है। ऐसा शासन जिसमें कोई दुखी ना हो। ऊंच नीच, छोटे बड़े का भेद ना हो। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार भारत में रामराज लाने की सोच के साथ आगे बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि हम छत्तीसगढ़ वालों का सौभाग्य है कि प्रभु राम की माता कौशल्य की जन्मभूमि यहां है। यही वजह है कि इस पवित्र छत्तीसगढ़ की भूमि में सभी भांजों को प्रभु राम मानकर उनका चरण स्पर्श किया जाता है।
सदियों बाद आया है हिंदू जागरण का काल
बृजमोहन ने कहा कि सदियों के बाद हिंदू जागरण का काल अब आया है। अयोध्या में प्रभु रामलला का भव्य मंदिर अब बन रहा है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का निर्माण हो चुका है। महाकाल मंदिर की भव्यता और दिव्यता अब देखते ही बन रही है। सोमनाथ मंदिर का भी कायाकल्प किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से वोट बैंक के लिए सनातन धर्म को ताक में रखकर शासन होता रहा। परंतु आज के दौर में सनातन धर्म व परंपराओं को आत्मसात करके सभी धर्म-समाज के हितों को ध्यान में रखकर मोदी सरकार चल रही है। -
दुर्ग / भारत शासन द्वारा मिशन शक्ति के अतंर्गत नवीन दिशा निर्देश जारी किए गए है, जिसमें प्रधानमंत्री मातृ योजना अंतर्गत आवश्यक संशोधन किया गया है। जारी नवीन निर्देशों के अनुसार सामाजिक एवं आर्थिक रूप् से कमजोर वर्गो के परिवारों के प्रथम बच्चे के जन्म पर माता को दी जाने वाली 5 हजार रूपये की राशि 3 किश्तों के बजाए अब 2 किश्तों में दिए जाने का निर्णय लिया गया है। नवीन निर्देशानुसार ऐसे चिन्हांकित परिवारों के प्रथम बच्चे हेतु, गर्भावस्था के पंजीयन पर एवं कम से कम एक बार प्रसव पूर्व जॉच कराए जाने पर (गर्भावस्था के 06 माह के अंदर) पहली किश्त की राशि 3 हजार रूपये दी जाएगी तथा दूसरी किश्त की राशि 2 हजार रूपये बच्चे के जन्म पंजीकरण तथा बीसीजी, पोलियों, डीटीपी एवं हेपेटाइटिस-बी या इसके समानान्तर/ विकल्प का प्रथम चक्र का टीका लगाए जाने के पश्चात देय होगा। इसके अतिरिक्त इस योजना के तहत अब 01 अप्रैल 2022 के बाद पूर्वतः चिन्हांकित सामाजिक एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो के परिवार में जन्मे द्वितीय संतान के बालिका होने पर एकमुश्त 6 हजार रूपये के लाभान्वित किया जायेगा।
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार उक्त योजना के तहत लाभ प्राप्त करने हेतु चिन्हांकित माता का आधार नम्बर, बैंक खाते की जानकारी जो आधार से लिंक हो, मातृ शिशु रक्षा कार्ड (एमसीपी कार्ड) का क्रमांक, द्वितीय संतान बालिका होने की स्थिति में जन्म प्रमाण पत्र, द्वितीय बालिका संतान को प्रथम चक्र हेतु निर्धारित सभी टीके लगे होने संबंधी प्रमाण पत्र एवं हितग्राही का जीवित मोबाईल नम्बर अनिवार्य है। इसके साथ ही संबंधित माता की योग्यता को प्रमाणित करने के लिए संबंधित महिला का ई-श्रम कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, 08 लाख रूपये से कम वार्षिक आय होने संबंधी आय प्रमाण पत्र, आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड, दिव्यांगता प्रमाण पत्र में से कोई भी 2 प्रमाण पत्र उपलब्ध कराना अनिवार्य है। योजना से संबंधित अन्य जानकारियों प्राप्त करने तथा पात्रता अनुसार लाभ प्राप्त करने के लिए निकट के आंगनबाड़ी केन्द्र में आवश्यक अभिलेखों सहित स्वयं का पंजीकरण कराया जा सकता है। सभी जानकारियों व अभिलेख प्राप्त होने पर संबंधित महिला की जानकारियाँ संबंधित आंगनबाडी कार्यकर्ता के द्वारा प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के नवीन सॉफ्टवेयर में दर्ज की जावेगी। संबंधित सेक्टर पर्यवेक्षक एवं परियोजना अधिकारी के द्वारा उपरोक्त जानकारी का परीक्षण सह सत्यापन के उपरांत जानकारी को अंतिम रूप से फारवर्ड कर दिया जावेगा। राज्य स्तर से परीक्षणोपंरात राशि सीधे महिला द्वारा उपलब्ध कराए गए आधार लिंक बैंक खाते में स्थानांतरित कर दी जावेगी। अधिक जानकारी हेतु संबंधित क्षेत्र के पर्यवेक्षक, परियोजना अधिकारी अथवा जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, जिला-दुर्ग से संपर्क कर सकते हैं। -
सिलाई इकाई से महिलाओं को मिला आजीविका का आधार*
*शासन की मदद से स्वयंसिद्धा बनी दीदियां*
बिलासपुर/ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए राज्य शासन के मंशानुसार मस्तूरी विकासखण्ड के बेलटुकरी में संचालित महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) के तहत ग्रामीण महिलाओं को रोजगार के नए अवसर मिल रहे है। रीपा अंतर्गत ग्राम बेलटुकरी में गारमेंट सिलाई इकाई की स्थापना की गयी है। महिलाएं घर की चार दीवारी से बाहर निकल कर स्वयंसिद्धा साबित हो रही है।
यहां बेलटुकरी रीपा में बिहान से जुड़ी दीदियों द्वारा सिलाई का किया जा रहा है। समूह की सचिव श्रीमती आशा बाई ने बताया कि हमारे द्वारा सिलाई का कार्य विगत अप्रैल माह से शुरू किया गया है। सिर्फ दो महीने में ही लगभग 36 हजार रुपये का शुद्ध लाभ प्राप्त हो चुका है। उत्पादित वस्तुओं की स्थानीय स्तर पर बिक्री की जा रही है। उनकी सिलाई का कारोबार अब चल पड़ा है। वर्तमान मंे स्वामी आत्मानंद स्कूलों से भी ऑर्डर मिल रहे है। महिलाओं ने एक स्वर में कहा कि राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना रीपा के तहत हमे आजीविका का साधन मिला है, जिससे हम आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रहे है। परिवार एवं समाज में सम्मान मिल रहा हैं। -
एसटी, एससी वर्ग के विद्यार्थी 21 जून तक कर सकते हैं आवेदन*
बिलासपुर/राज्य के प्रतिभावान अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के विद्यार्थी जो इंजीनियरिंग एवं मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे है। ऐसे विद्यार्थियों को विभाग द्वारा प्रतिष्ठित संस्थान से कोचिंग करने का लाभ दिया जाएगा। विद्यार्थियों का चयन प्राक्चयन परीक्षा के माध्यम से किया जाएगा। जिसके लिए आवेदन 21 जून शाम 4 बजे तक आमंत्रित किये गये है। आवेदन के संबंध में विस्तृत जानकारी एवं आवेदन पत्र का प्रारूप विभाग की वेबसाईट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट ट्रायबल डॉट सीजी डॉट जीओवी डॉट इन (www.tribal.cg.gov.in) से प्राप्त एवं डाउनलोड कर सकते है।
आवेदक को छ.ग. राज्य का मूल निवासी, अनुसूचित जाति, जनजाति का स्थायी जाति प्रमाण होना आवश्यक है। आवेदक द्वारा 12 वीं मे कम से कम 70 प्रतिशंत अंक या समतुल्य ग्रेड गणित एवं जीव विज्ञान विषय में प्राप्त किया होना चाहिए। आवेदक के पालक की समस्त स्त्रोतों से वार्षिक आय 2.50 लाख रूपए से अधिक न हो। आवेदन सहायक आयुक्त आदिवासी विकास कार्यालय में जमा किये जा सकते है। -
*जलाशय के गेट एवं स्ट्रक्चर्स के मरम्मत हेतु तालाबों और एनीकट में भरा गया जल
*किसी भी स्थिति में नहीं हुई जल की बर्बादी - मुख्य अभियंता*
बिलासपुर/चांपी जलाशय में डेम सेफ्टी पेनल की टीम के निरीक्षण में हेड स्लूस के मेशोनरी दीवार से अत्याधिक पानी का रिसाव होना पाया गया। मुख्य अभियंता हसदेव कछार जल संसाधन विभाग ने बताया कि पानी के रिसाव से गेट एवं स्ट्रक्चर्स धीरे-धीरे और कमजोर हो रहे थे, जिसके लिए पानी के स्तर को कम कर मरम्मत कराने हेतु 1 करोड़ 27 लाख 16 हजार रूपए का प्राक्कलन तैयार कर निविदा आमंत्रित की गयी। निविदा में हेड स्लूस के जैकेटिंग के अलावा नहर में स्केप एवं चैनल निर्माण का कार्य भी शामिल था। इस कार्य के लिए मेसर्स पावर टेक इंडिया बिलासपुर को अनुबंधित किया गया। ठेकेदार द्वारा नहर के कार्य पूर्णता की ओर होने पर स्लूस के कार्य को कराने हेतु सक्षम अधिकारी से स्वीकृति प्राप्त कर स्लूस गेट में जल स्तर कम करने हेतु 28 मार्च 23 को हेड स्लूस का गेट खोलकर नहर से होते हुये काल्हामार व्यपवर्तन, सिलदहा व्यपवर्तन एवं लक्षनपुर व्यपवर्तन के अलावा दो एनीकट एवं पांच तालाबों-जोगीड़बरी तालाब, साही तालाब, अमहा तालाब, गेवलाही तालाब एवं दुलहरा जलाशय में जल भरा गया।
अरपा नदी में निगम द्वारा निर्माणाधीन तटबंध में व्यवधान होने की आशंका से उनके अधिकारियों द्वारा मना करने से पानी को आगे के एनीकटों में ना ले जाकर 24 अप्रैल को हेड स्लूस का गेट बंद कर दिया गया। जलाशय से हेड स्लूस के द्वारा ही पानी नहर में छोड़ा जाता है, जिससे निस्तारी तालाबों को भरने के बाद नदी में निर्मित एनीकट एवं व्यपवर्तन को भरा गया और पानी का किसी भी तरह से दुरुपयोग नही किया गया। जलाशय में गेट बंद करने के उपरांत 40 प्रतिशत जल भराव रहा। जरूरत पड़ने पर निस्तारी हेतु पुनः तालाबों को भरा जा सकता है। चांपी जलाशय लो परसेंटेज जलाशय होने के कारण एक दो बारिश में ही भर जाता है। उन्होने बताया कि हेड स्लूस के रिपेयरिंग को कराये जाने हेतु बांध का लेवल कम किये जाने पर ही कार्य को भविष्य में किया जाना संभव होगा। जलाशय का लेवल स्लूस के माध्यम से कम किये जाने पर किसी भी स्थिति में जल की बर्बादी होने की संभावना नही रहती है। -
समस्याओं को लेकर लोगों से हुए रूबरू और निराकरण के लिए दिए निर्देश
भिलाई नगर/ नगर पालिक निगम भिलाई क्षेत्र में निगम तुहर द्वार अंतर्गत महापौर संग गोठ के जरिए शिविर का आयोजन आज वार्ड 39 चंद्रशेखर आजाद नगर में किया गया। चंद्रशेखर आजाद नगर वार्ड का महापौर नीरज पाल ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया और लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं से रूबरू हुए। प्राप्त समस्याओं के निराकरण के लिए उन्होंने मौके पर ही अधिकारियों को निर्देशित किया। शिविर में आवेदन लेकर पहुंचे लोगों की समस्याओं को भी महापौर ने गंभीरता से सुना। महापौर ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि प्रत्येक आवेदनों का परीक्षण करते हुए निराकरण किया जाए। त्वरित समाधान योग्य आवेदन पर शीघ्रता से कार्यवाही की जाए। शिविर में सुभाष नगर के कुछ लोगों ने महापौर से पुरानी पाइप लाइन के जगह नई पाइप लाइन बिछाने की मांग की जिस पर महापौर ने नई पाइप लाइन बिछाने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। शिविर में प्रमुख रूप से मुख्यमंत्री मितान योजना, आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड, श्रम कार्ड, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, शहरी आजीविका मिशन के तहत व्यक्तिगत लोन एवं अन्य योजना, नए नल कनेक्शन, गुमास्ता लाइसेंस एवं अनुज्ञप्ति लाइसेंस, भवन, दुकान, व्यापारिक प्रतिष्ठान का नियमितीकरण, स्ट्रीट लाइट संधारण, संपत्तिकर, भू भाटक, जलकर, यूजर चार्ज वसूली काउंटर, पाइपलाइन, बोर, पंप, हैंड पंप संधारण, वार्ड स्तर पर नाली रोड टूट-फूट संधारण, सफाई कार्य तथा मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना से संबंधित आवेदनों का निराकरण किया गया। शिविर में आज प्रमुख रूप से जिला अध्यक्ष मुकेश चंद्राकर, अपर आयुक्त अशोक द्विवेदी, महापौर परिषद की सदस्य रीता सिंह गेरा, जोन आयुक्त पूजा पिल्ले कार्यपालन अभियंता संजय बागड़े सहायक अभियंता अखिलेश चंद्राकर एवं उप अभियंता चंद्रकांत साहू आदि मौजूद रहे। -
भिलाई नगर/ नगर पालिक निगम भिलाई क्षेत्र अंतर्गत सड़कों के डामरीकरण का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी के निर्देश पर सड़कों को सुधारने का काम भिलाई निगम में तेज गति से हो रहा है। महापौर नीरज पाल की पहल से सड़कों के डामरीकरण का काम भिलाई के अलग-अलग क्षेत्रों में किया जा रहा है। सड़क कार्यों का महापौर जायजा भी ले रहे हैं। पहले फेज में नेशनल हाईवे से लगे प्रमुख सड़कों का डामरीकरण के कार्य को महत्व देकर इससे पूरा किया जा रहा है। प्रमुख सड़कों के बाद अब अंदरूनी इलाकों की सड़कों को भी दुरुस्त करने का काम प्रारंभ हो गया है। महापौर नीरज पाल ने अधिकारियों के साथ आज नेहरू नगर क्षेत्र में सड़कों के संधारण एवं दुरुस्ती करण कार्य का जायजा लिया। उन्होंने मौके पर अधिकारियों को निर्देश दिए कि शीघ्र अति शीघ्र सड़कों को सुधारने की दिशा में कार्य करें और बारिश से पूर्व कार्य को पूर्ण कर ले। मार्गों के निरीक्षण के दौरान जिला अध्यक्ष मुकेश चंद्राकर, प्रभारी कार्यपालन अभियंता कुलदीप गुप्ता, सहायक अभियंता वसीम खान एवं उप अभियंता अर्पित बंजारे आदि मौके पर मौजूद रहे। गौरतलब है कि नेहरू नगर चौक से लेकर केपीएस चौक तक, प्रियदर्शनी परिसर पश्चिम की सड़कें, 18 नंबर रोड की सड़कें, नंदनी रोड की सड़कें, खमरिया जाने वाली मार्ग की सड़कों के साथ ही अन्य सड़कों का डामरीकरण कार्य किया जा चुका है। अब मार्गो में वाहनों के आवागमन में आसानी हो रही है तथा गड्ढों से निजात लोगों को मिल रहा है। -
सुबह 9 बजे पुलिस परेड ग्राउंड में वाहनों को भेजने के निर्देंश जारी*
रायपुर /रायपुर जिले में चल रहे सभी स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों में छात्र-छात्राओं को लाने-लेजाने के काम में उपयोग हो रहे वाहनों की फिटनेस टेस्ट के लिए 11 जून को शिविर आयोजित किया जायेगा। यह शिविर पुलिस परेड ग्राउंड में सुबह 9 बजे से शुरू होगा। रायपुर के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार सभी शैक्षणिक संस्थानों को इस जांच शिविर में अपने संस्थानों के सभी वाहनों-यानों को पूरे दस्तावेजों के साथ भेजना होगा। आरटीओ कार्यालय से इस संबंध में जरूरी निर्देंश भी जारी कर दिए गए है।
क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी श्री शलभ साहू ने बताया कि यदि वाहनों को फिटनेस टेस्ट के लिए इस जांच शिविर में नहीं भेजा जाता तो यह माना जाएगा कि वाहन-यान शैक्षणिक संस्थान में संचालन योग्य नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि ऐसी स्थिति में वाहन का उपयुक्तता प्रमाण-पत्र और अनुज्ञा पत्र निलंबित करने की कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद यदि वाहन संचालित होता पाया गया तो वाहन को निरूद्ध किया जाएगा। साथ ही उपयुक्तता प्रमाण पत्र रद्द होने के की तिथि से वाहन को साधारण श्रेणी में मानते हुए कर निर्धारण की कार्रवाई की जाएगी। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ने सभी शैक्षणिक संस्थाओं के संचालकों से अपने-अपने वाहनों को 11 जून को पुलिस परेड ग्राउंड रायपुर में फिटनेस जांच के लिए अनिवार्यतः भेजने की अपील भी की है।-file photo
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पांच एकड़ रकबे में चटौद गौठान, लगभग 40 महिलाओं को मिला रोजगार*
रायपुर /रायपुर जिले के आरंग जनपद क्षेत्र के चटौद ग्राम पंचायत में पांच एकड़ रकबे में सुसज्जित गौठान बनाया गया है। चार स्व-सहायता समूहों की लगभग 40 महिलाएं इस गौठान में वर्मी कम्पोस्ट बनाने, केचुआ उत्पादन, सब्जी उत्पादन, मुर्गी पालन, मशरूम उत्पादन के साथ-साथ हल्दी पाउडर बनाने के काम में लगी है। बीते साल इन महिलाओं ने अपनी मेहनत से 30 लाख रूपये से अधिक का व्यवसाय किया है और लगभग 12 लाख रूपये से अधिक का शुद्ध लाभ कमाया है। गौठान में काम कर रहें सीता महिला संगठन की अध्यक्ष श्रीमती गीता वर्मा ने बताया कि गौठान और गौधन न्याय योजना से गांवों में ही महिलाओं को रोजगार मिल रहा है। अपनी मेहनत से महिलाएं गौठानों में काम करके अतिरिक्त आमदनी भी पा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों में बढ़ोत्तरी हुई है। श्रीमती वर्मा ने बताया कि गौठानों से हो रही आय का उपयोग महिलाएं घरेलू जरूरतों की पूर्ति के साथ-साथ बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में भी कर रही है।
ग्राम पंचायत के चटौद के गौठान में चार महिला समूह सीता महिला संगठन, किरण स्व-सहायता समूह, एकता स्व-सहायता समूह और कल्याण स्व-सहायता समूह द्वारा आजीविका मूलक काम किए जा रहें है। गौठान में गोबर खरीदी का काम प्रतिदिन किया जाता है। गौठान में दो रूपये किलो की दर से अभी तक 7 हजार 670 क्विंटल गोबर की खरीदी की जा चुकी है। इसमें से 7 हजार 210 क्विंटल गोबर से 2 हजार 647 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट बनाया गया है। बनाये गये वर्मी कम्पोस्ट में से 2 हजार 280 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट किसानों और अन्य शासकीय संस्थाओं को बेंचकर महिलाओं को लगभग 23 लाख रूपये मिले है। 120 क्विंटल गोबर से 60 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट भी गौठान में ही बनाया गया है। वर्मी कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट को बेंचकर महिला समूहों को लगभग 9 लाख रूपये का शुद्ध लाभ हुआ है। क्षेत्र में गौठान के वर्मी कम्पोस्ट की मांग बढ़ गई है। महिला समूह के सदस्य अब जैविक कीटनाशन भी बनाने लगी है। गौठान में उत्पादित केचुओं की मांग भी पूरे आरंग विकासखण्ड में है। आरंग विकासखण्ड के दूसरे गौठानों में केचुआ चटौद गौठान से ही दिए गये है। सीता महिला संगठन की 20 सदस्य चटौद गौठान में वर्मी कम्पोस्ट के साथ-साथ केचुआ उत्पादन के काम में भी लगी है। इन महिलाओं को कृषि विज्ञान केन्द्र रायपुर और कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा समय-समय पर प्रशिक्षण और तकनीकी मार्गदर्शन भी दिया जाता है। संगठन की महिलाओं कोे बीते साल केचुआ बेंचकर ही तीन लाख रूपये की आमदनी हुई है। गौठान में मुर्गी पालन का काम किरण स्व-सहायता समूह द्वारा किया जा रहा है। समूह ने अभी तक मुर्गी पालन से लगभग 50 हजार रूपये का लाभ कमा लिया है। एकता स्व-सहायता समूह ने गौठान की बाड़ी में सब्जी उगाकर लगभग 10 हजार रूपये की आय अर्जित की है। कल्याण स्व-सहायता समूह की महिलाएं गौठान में मशरूम उत्पादन और हल्दी पाउडर बनाने के काम में लगी है। इससे इन महिलाओं को लगभग 10 हजार रूपये की आमदनी हो चुकी है। गौठान में आने वाले पशुओं की स्वास्थ्य जांच, नश्ल सुधार एवं टेगिंग का काम भी पशुधन विकास विभाग द्वारा गौठान में ही किया जा रहा है। गौठान में पशुओं के लिए चारागाह भी बनाया गया है। - -भगवान राम के वनवास, सीता हरण, जटायु-रावण युद्ध, शबरी प्रसंग की प्रस्तुति को लोगों ने सराहा, तालियां बजाई और कलाकारों का हौसला बढ़ायारायपुर /राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के दूसरे दिन कलाकरों के दल ने रामायण के विविधि प्रसंगों की शानदार प्रस्तुति देकर लोगों को भक्तिभाव से विभोर कर दिया। कार्यक्रम का आगाज झारखंड से आए कलाकार दल ने अरण्यकांड पर मनमोहक प्रस्तुति दी। सीता हरण और राम द्वारा शबरी के झूठे बेर खाने के प्रसंग की प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।दूसरे दिन के कार्यक्रम का शुभारंभ संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत एवं स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर लोकगायक दिलीप षडंगी ने अपनी टीम के साथ हनुमान चालीसा की प्रस्तुति दी। महोत्सव में उपस्थित सभी लोगों ने तालियों की थाप के साथ हनुमान चालीसा का पाठ किया। इस अवसर पर मंत्री श्री अमरजीत भगत ने महोत्सव में उपस्थित दर्शकों को सम्बोधित किया और उपस्थित लोगों के स्वागत के लिए लोकगीत गाया।महाराष्ट्र के वर्धा से आए कलाकार दल ने श्रीराम के वनवास कथा से जुड़े प्रसंग की शानदार मंचन किया। मध्य प्रदेश से आए कलाकार दल ने अरण्यकांड पर जीवंत प्रस्तुति दी। उनकी भावपूर्ण प्रस्तुति ने उस दृश्य को दर्शकों के समक्ष जीवंत कर दिया जब दंडकारण्य में राम ने शबरी के जूठे बेर खाए थे। श्रीराम के वनवास कथा से जुड़े प्रसंग की जीवंत प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मध्यप्रदेश की रामायण मंडली अरण्य कांड से जुड़े सीताहरण प्रसंग में जटायु-रावण का युद्ध और घायल जटायु से राम के संवाद, शबरी प्रसंग को प्रस्तुत किया। असम के परफोर्मिंग आर्ट्स कॉलेज डिब्रूगढ़ और झारखण्ड के कलाकारों ने भी सीताहरण प्रसंग, जटायु प्रसंग और राम के वन-वन भटकने के प्रसंग की भावपूर्ण प्रस्तुति दी।असम से आए कलाकारों की टीम में कुल 21 कलाकार है, जिसमें 16 महिला कलाकार शामिल है। असम के कलाकारों की अरण्यकांड पर शानदार प्रस्तुति को दर्शकों ने खूब सराहा और तालियां बाजाकर कलाकारों की हौसला अफजाई की। उड़ीसा के कलाकारों द्वारा मारीच प्रसंग की भावपूर्ण प्रस्तुति को भी दर्शकों ने खूब सराहा। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा के कलाकारों की अरण्य कांड की प्रस्तुति के दौरान माता सीता के प्रति भगवान श्रीराम का प्रेम, समर्पण और करुणा की भावाभिव्यक्ति ने दर्शकों को भावविभोर किया। स्वर्ण मृग बने हिरण की कथा रामायण के सबसे प्रेरक प्रसंगों में एक है। जब ऐसी घटना हो, जो अप्रत्याशित लगती हो तो इस पर आगे बढ़ने से पहले कई बार विचार करना चाहिये। लक्ष्मण रेखा का सिद्धांत भी गूढ़ अर्थ रखता है। जीवन में सेवा कार्य जरूरी है पर संशय भाव भी होना जरूरी है। सीता जी का अपहरण रावण कर लेता है। वह साधु बनकर आता है। कलाकरों की यह प्रस्तुति बेहद प्रशंसनीय रही। इस प्रस्तुति में शबरी का धैर्य भी दिखा। शबरी ने बरसों इंतज़ार किया और जितनी बड़ी उनकी तपस्या रही, उनका पुण्य उतना ही जागृत हुआ। भगवान उनकी कुटिया में आये। सबके हिस्से में शुभ हो, मीठा हो। सर्वे भवन्तु सुखिनः के वैदिक विचार से शबरी ने मीठे बेर खिलाये। प्रस्तुति के दौरान एक गहन आध्यात्मिक चर्चा हुई। राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के मंच का यह दृश्य देखकर ऐसा लग रहा था कि रामलीला मैदान में हजारों की संख्या में रामकथा सुन रहे लोगों के मन में यह सुंदर विचार उतर रहा है।
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अरपा नदी में नौका विहार एवं वाटर स्पोर्ट्स की सुविधा जल्द
*रतनपुर के आसपास पर्यटकों के ठहरने बनेगा होटल*
*स्थानीय युवाओं को मिलेगा गाईड का प्रशिक्षण*
बिलासपुर /कलेक्टर श्री सौरभ कुमार की अध्यक्षता और छत्तीसगढ़ पर्यटन मण्डल के अध्यक्ष श्री अटल श्रीवास्तव की विशेष उपस्थिति में जिला स्तरीय पर्यटन समिति की बैठक मंथन सभाकक्ष में संपन्न हुई। बैठक में जिले में पर्यटन गतिविधियों के विकास के महत्वपूर्ण बिंदुओं में विचार-विमर्श कर स्वीकृति तथा कार्य योजना तैयार करने के संबंध में निर्णय लिया गया। नवगठित जिला स्तरीय समिति की यह प्रथम बैठक थी।
बैठक में बताया गया कि पर्यटन मण्डल अध्यक्ष श्री अटल श्रीवास्तव के विशेष प्रयास से स्वदेश दर्शन योजना 2.0 में चयनित बिलासपुर जिले के पर्यटन अधोसंरचना विकास कार्य के क्रियान्वयन के लिए राशि रूपए 70-75 करोड़ भारत सरकार द्वारा स्वीकृत किया जाएगा। जिसके लिए जिला स्तरीय पर्यटन समिति डेस्टिनेशन मैनेजमेंट कमेटी के रूप भी कार्य करेगी। स्मार्ट सिटी बिलासपुर द्वारा शहर के मध्य अरपा नदी में नौका विहार एवं वाटर स्पोर्ट्स के संचालन किया जायेगा। जिसके लिए जल संसाधन विभाग को वर्ष भर जल भराव सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
कलेक्टर श्री सौरभ कुमार द्वारा बिलासपुर जिले के सभी पर्यटन स्थलों में आवश्यक मूलभूत सुविधाएं प्राथमिकता क्रम में पेयजल, पब्लिक टॉयलेट रोशनी की जानकारी लेकर तत्काल उसमें कार्य स्वीकृति करवाने के निर्देश दिये गये। जिले सहित राज्य से मुख्य धार्मिक पर्यटन केंद्र रतनपुर में आने वाले श्रद्धालुओं, दर्शनार्थियों के लिए धर्मशाला सह होटल का निर्माण रतनपुर, खूंटाघाट के समीप पर्यटकों के उपयुक्त चिन्हित स्थान पर किया जायेगा। श्री अटल श्रीवास्तव द्वारा भारत भवन की तर्ज पर प्राचीन राजधानी रतनपुर में भी भवन का निर्माण किए जाने का भी सुझाव दिया गया। जो क्षेत्र के पुरातात्विक, सांस्कृतिक, धार्मिक, विरासत का पर्यटन केंद्र बनेगा। बिलासपुर जिले के टूरिस्ट मैप तैयार कर शहरों में स्थित होटल को पर्यटन से जोड़ने हेतु बिलासपुर जिले के होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री प्रकाश सोंथलिया से पर्यटन प्रचार-प्रसार सामग्री एवं आसपास के पर्यटन स्थलों को लॉबी, रिसेप्शन, एरिया में डिस्प्ले करने हेतु अनुरोध किया गया।
जिले के पर्यटन स्थलों के आसपास स्थानीय निवासरत युवक-युवतियों व मितान क्लब के सदस्यों को पर्यटक गाइड, ट्रैकिंग अन्य हॉस्पिटेलिटी कार्य प्रशिक्षण तैयार करने हेतु पंचायत ग्रामीण विकास, कौशल विकास विभाग को वर्क प्लान तैयार कर क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी श्री वर्मा से समन्वय करने के निर्देश दिये गये। जिले के बांधो में जल पर्यटन हेतु बोटिंग और ट्रैकिंग, सफारी करने हेतु इच्छुक संस्था को आमंत्रित और दुर्घटना रहित कराने हेतु प्रशिक्षण कराने पर जोर दिया जाएगा। बैठक में सभी शासकीय सदस्यों के साथ-साथ श्री प्रकाश सौंथलिया, डॉ.श्वेता साव, सुश्री स्वर्णा शुक्ला पार्षद, श्री आनंद जायसवाल, श्री कल्याण सिंह ठाकुर और श्रीमती मीनू यादव उपस्थित थे। -
गोधन न्याय योजना से चरवाहा श्री चंद्रकांत यादव की खुली किस्मत
*कच्चा से पक्का मकान बनाने का सपना हुआ पूरा
दुर्ग/गोधन न्याय योजना गौपालकों और चरवाहों के जीवन में खुशहाली लेकर आया है। श्री चंद्रकांत यादव ने कभी नही सोचा था कि गोधन न्याय योजना से उसकी किस्मत का ताला खुल जाएगा। उसने सपने भी नही सोचा था कि वह गोबर बेचकर लाखों रूपए कमा सकेगा, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना श्री चंद्रकांत यादव के लिए एक वरदान साबित हुई।
दुर्ग जिले के ग्राम पंचायत भानपुरी के चरवाहा श्री चंद्रकांत यादव ने बताया कि इस योजना के शुरू होने के पहले अपने पारिवारिक जरूरतों को पूरा करने के लिए बहुत जुझना पड़ता था। छत्तीसगढ़ सरकार ने जब से 2 रूपए प्रति किलो में गोबर की खरीदी प्रारंभ की तब से मैं अपने परिवार की छोटी-बड़ी जरूरतों को पूरा कर पा रहा हूॅ।
उन्होंने बताया कि गोधन न्याय योजना के तहत अब तक 2 लाख रूपए का गोबर विक्रय कर चुका हूॅ। मैं और मेरा परिवार गोबर इकठ्ठा कर उसे गौठान में विक्रय करने के लिए ले जाते हैं। गोबर के साथ-साथ दुध का भी व्यवसाय किया जा रहा है। पहले उनका घर खपरे वाला था, जिससे बारिश के दिनों में बहुत कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था। आज गोबर बिक्री से प्राप्त राशि से उन्होंने अपना पक्का घर बनवा लिया है।
गाय के दुध के साथ-साथ घी एवं दही भी आस पास के गांवों में बेचकर अतिरिक्त आय प्राप्त कर रहे हैं। प्रतिदिन सुबह व शाम 17 लीटर दुध बेचकर प्रति माह 10 से 15 हजार की आय प्राप्त कर रहेे हैं। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुुए गोधन न्याय योजना की सराहना की। - -रीपा में 50 से अधिक लोगों को मिल रहा रोजगार, गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का सपना हो रहा है साकाररायपुर /छत्तीसगढ़ सरकार की रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) योजना से गांवों में ग्रामीणों को रोजगार व स्व-रोजगार मिलने लगा है। गांवों को उत्पादन का केन्द्र और ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से शुरू की गइ है यह योजना अब ग्रामीण परिदृश्य में एक सकारात्मक बदलाव लाने लगी है। ग्रामीणजन रीपा के माध्यम से अपनी आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति में बदलाव के लिए पूरे मनोयोग जुट गए हैं।छत्तीसगढ़ सरकार की रीपा योजना वास्तव में सुराजी गांव योजना के तहत गांवों में निर्मित गौठान में संचालित आयमूलक गतिविधियां का अभिसरण है। गौठानों में रीपा के माध्यम से आयमूलक गतिविधियों के संचालन के लिए शासन द्वारा आधारभूत संरचनाएं एवं संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे समूह की महिलाओं एवं ग्रामीणों को स्व-रोजगार की गतिविधियों के संचालन में मदद मिली है।मुंगेली जिले के ग्राम संबलपुर में संचालित ग्रामीण औद्योगिक पार्क में वर्तमान में 50 से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध हो रहा है। वहां विभिन्न प्रकार की आयमूलक गतिविधियों का संचालन अलग-अलग समूह कर रहे हैं। प्रत्येक समूह को आजीविकामूलक गतिविधियों के संचालन के लिए प्रशिक्षण भी प्रदाय किया गया है। ग्राम संबलपुर के रीपा में स्व-सहायता समूह जैम-जैली, आचार, टेडी बियर, ब्लैक गार्लिक जैसे विभिन्न उत्पाद तैयार कर रहे हैं।आम, नींबू और कटहल का आचाररीपा में कौशल माता स्व सहायता समूह द्वारा बीते 25 मई से आम, कटहल, नींबू से आचार बनाया जा रहा है। समूह की 07 महिलाओं और तीन पुरुषों द्वारा अब तक 270 किलोग्राम आचार तैयार कर लिया गया है, जिसे पैकेजिंग के बाद सी मार्ट के माध्यम से विपणन किया जायेगा। इसके विक्रय से लगभग 11 हजार रूपए की आमदनी होने की उम्मीद है। आचार की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।ब्लैक गार्लिक का उत्पादन-सेहत के लिए लाभकारीसंबलपुर के रीपा में नवयुवक मंडल कौशल माता स्व सहायता समूह द्वारा औषधीय गुणों से परिपूर्ण ब्लैक गार्लिक का उत्पादन किया जा रहा है। समूह द्वारा लहसुन को 15 दिनों तक एक निश्चित ताप में मशीन में रखकर ब्लैक गार्लिक तैयार किया जाता है। जिसका बाजार मूल्य लगभग 600 रूपए किलो है। औषधि गुणों से भरपूर ब्लैक गार्लिक सेहत के लिए काफी लाभदायक है। इसके सेवन से शुगर, हृदयरोग, पाचन संबंधी रोग के नियंत्रण में मदद मिलती है। ब्लैक गार्लिक में एलिसिन पाया जाता है, जो खून को पतला रखने और हार्ट ब्लाकेज से बचाने में मदद करता है। ब्लैक गार्लिक तैयार करने के लिए समूह के लोगों को राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षक द्वारा प्रशिक्षित किया गया है। ब्लैक गार्लिक के उपयोग से पैर-दर्द में राहत और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।दस दिन में 200 से अधिक टेडी बियर बनाएंसंबलपुर के रीपा में जय शिवशक्ति समूह द्वारा टेडी बियर और कुशन बनाने का कार्य किया जा रहा है। समूह द्वारा मात्र 10 दिनों में 200 से अधिक टेडी बियर बनाया जा चुका है, जिसमे से 80 टेडी बियर का विक्रय किया जा चुका है और खर्च काटकर लगभग 4 हजार की आमदनी प्राप्त की गई है। टेडी बियर बनाने के लिए समूह की महिलाओं को 15 दिनों का विधिवत प्रशिक्षण भी दिया गया है। जय मां दुर्गा स्वसहायता समूह द्वारा रीपा में जैम, जैली, टोमैटो सॉस, एलोवीरा जैल, अर्क, फू्रट कैंडी, अनार मोलिसस, चिली सॉस, साबुन और शैम्पू का कच्चा पदार्थ, कटहल की बड़ी का निर्माण के साथ ही छीन बीज से काफी पावडर भी तैयार किया जा रहा है, जो कि औषधीय गुणों से परिपूर्ण है।
- रायपुर / मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 3 जून को रायगढ़ में आयोजित ‘राष्ट्रीय रामायण महोत्सव 2023‘ के समापन समारोह और ‘केलो महाआरती‘ में शामिल होंगे। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री श्री बघेल रायपुर के स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट से शाम 4 बजे विमान द्वारा रवाना होकर 4.30 बजे रायगढ़ पहुंचेंगे और वहां रायगढ़ के सर्किट हाऊस में शाम 5.45 बजे से विभिन्न प्रतिनिधि मंडलों से मुलाकात करेंगे। मुख्यमंत्री शाम 6.30 बजे रायगढ़ में ‘केलो महाआरती‘ में शामिल होंगे। श्री बघेल इस कार्यक्रम के बाद रामलीला मैदान में ‘राष्ट्रीय रामायण महोत्सव 2023‘ के समापन समारोह में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री रायगढ़ में रात्रि विश्राम करेंगे।
- रायपुर /राज्य शासन द्वारा 4 जून को कबीर जयंती के अवसर पर शुष्क दिवस घोषित किया गया है।वाणिज्यिक कर (आबकारी) विभाग मंत्रालय महानदी भवन द्वारा आज जारी आदेश के अनुसार शुष्क दिवस के दौरान प्रदेश में समस्त देशी एवं विदेशी मदिरा की फुटकर दुकानों तथा होटल बार व क्लबों को बंद रखा जाएगा। साथ ही दुकान, होटल, रेस्टोरेंट, क्लबों में मदिरा बेचने व परोसने की अनुमति नहीं होगी। गैरमालिकाना क्लबों, रेस्टोरेंट, स्टार होटलों और किसी भी व्यक्ति द्वारा संचालित होटलों में मदिरा विक्रय या परोसने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस दिन मदिरा के व्यक्तिगत और गैर लायसेंस प्राप्त परिसरों में मदिरा भण्डारण पर सख्ती से रोक लगाने और उन्हें जप्त कर कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं। आबकारी विभाग के उड़नदस्ता टीमों द्वारा शुष्क दिवस में अवैध रूप से मदिरा के परिवहन और विक्रय पर कार्यवाही करने को कहा गया है।
- रायपुर /मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर छत्तीसगढ़ के शहरी क्षेत्र के स्लम बस्तियों में रहने वाले गरीब परिवारों को निःशुल्क उपचार की सुविधा दी जा रही है। इस योजना के माध्यम से अब तक 49 लाख 5 हजार 123 लोगों का इलाज की सुविधा मिली है।मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत अब पूरे राज्य के नगरीय क्षेत्रों के स्लम बस्तियों में चिकित्सक, पैरामेडिकल टीम, मेडिकल उपकरण एवं दवाओं से लैस 120 मोबाइल मेडिकल यूनिट पहुंचकर लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करा रही है। इस योजना के माध्यम से अब तक 12 लाख 94 हजार 263 मरीजों की पैथालॉजी टेस्ट किया जा चुका है। साथ ही 42 लाख 6 हजार 604 से अधिक मरीजों को निःशुल्क दवाएं भी दी गई हैं। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा संचालित इस योजना में अब तक राज्य के 169 नगरीय निकायों की स्लम बस्तियों में उपचार के लिए 64 हजार 507 कैम्प लगाएं जा चुके हैं।गौरतलब है कि राज्य के 14 नगर निगम क्षेत्रों की स्लम बस्तियों में रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के प्रथम चरण की शुरूआत 01 नवम्बर 2020 को हुई थी। इसके तहत 60 मोबाइल मेडिकल यूनिट द्वारा स्लम बस्तियों में जाकर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण और उपचार एवं दवा वितरण की शुरूआत की गई थी। 31 मार्च 2022 को इसका विस्तार पूरे राज्य के सभी नगरीय निकाय क्षेत्रों में किया गया। जिससे शहरी क्षेत्र के गरीबों और जरूरतमंद लोगों को उनके घर के पास ही स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी।
- -स्लम स्वास्थ्य योजना और दाई-दीदी क्लीनिक के माध्यम से राज्य के 51 लाख से अधिक लोगों को मिला मुफ्त इलाज-श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल से दवा खरीदकर लोगों ने बचाए 102 करोड़ रूपए-अस्पतालों और कार्यालयों में लंबी लाईनों से मिला छुटकारारायपुर / प्रदेश में लोगों को समय, पैसे और श्रम से राहत देने मुख्यमंत्री मितान योजना, स्लम स्वास्थ्य योजना, दाई-दीदी क्लीनिक और श्री धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स योजना का संचालन किया जा रहा है। नगरीय प्रशासन विभाग की ओर से संचालित इन योजनाओं के माध्यम से अब तक 51 लाख से ज्यादा लोगों को मोहल्ले में ही एम्बुलेंस के जरिए निःशुल्क इलाज मिला है। इन योजनाओं से अस्पतालों और शासकीय कार्यालयों में लाइन में खड़े होने और अनावश्यक खर्चों से लोगों को राहत मिली है। गौरतलब है कि लोगों को घर बैठे शासकीय दस्तावेजों से संबंधित सेवाएं देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री मितान योजना का मई 2022 को शुभारंभ किया गया है।घर तक पहुंच रहे मितान-लोगों को शासकीय सेवाओं का लाभ उठाने के लिए बार-बार नगर निगमों, तहसीलों और अन्य सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने की आवश्यकता न पड़े। इसलिए राज्य सरकार ने प्रदेश के 14 नगर पालिक निगमों में मुख्यमंत्री मितान योजना शुरू किया है, जिसमें योजना के प्रथम चरण में 17 नागरिक सेवाओं को प्रारंभ किया गया है। योजना के अंतर्गत 92 हजार 172 नागरिकों को उनकी आवश्यकता के शासकीय दस्तावेज घर बैठे ही प्रदान किए गए हैं। अब तक एक लाख 05 हजार 821 नागरिकों ने योजना के लिए जारी टोल फ्री नंबर 14545 पर दस्तावेज बनाने कॉल किया है। योजना का उद्देश्य एक प्रभावी होम डिलीवरी मॉडल की मदद से नागरिकों को लगभग 100 सरकारी सेवाएं प्रदान करना है। इसीलिए यह योजना मजदूरों, किसानों, महिलाओं और आम नागरिकों को अपना बहुमूल्य समय, धन तथा ऊर्जा बचाने में मददगार है। वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग, शारीरिक रूप से कमजोर वर्ग कार्यालयों में जाने से असमर्थ होने के कारण, इस योजना से अत्याधिक लाभान्वित हो रहा है।मुख्यमंत्री मितान योजना के तहत शासकीय सेवाओं को नागरिकों के घर पर उपलब्ध कराने के लिए राज्य के बेरोजगार युवाओं को मितान एजेंट के रूप में तैनात करके लाभान्वित किया जा रहा है, जो आवश्यक दस्तावेज लेने और प्रमाण पत्र पहुंचाने के लिए नागरिकों के घर जा रहे हैं। यह योजना युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर प्रदान कर रही है, साथ ही आम नागरिकों को उनके घर पर सरकारी सेवाओं का लाभ प्रदान कर रही है।यह योजना राज्य सरकार द्वारा एक अनुकरणीय पहल है। इस योजना के तहत नागरिकों को उनके घरों में आराम से जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र, विवाह प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, दुकान एवं स्थापना, आधार कार्ड पंजीकरण (5 वर्ष तक के बच्चों के लिए) आधार के मोबाइल नंबर में सुधार आदि जैसे प्रासंगिक प्रमाण पत्र प्राप्त होंगे। उन्हें विवाह और मृत्यु प्रमाण पत्र में सुधार जैसी महत्वपूर्ण सेवाएं भी प्राप्त हो रही है। मुख्यमंत्री मितान योजना से लाभान्वित होने के लिए आवेदक को मितान की सेवा लेने अपॉइंटमेंट बुक करने के लिए टोल-फ्री नंबर 14545 पर कॉल करना होता है और आवश्यकतानुसार प्रमाणपत्र के लिए कॉल सेंटर प्रतिनिधि को निवेदन करते है। कॉल करने पर मितान प्रतिनिधि बताते है कि सेवाओं का लाभ लेने के लिए आप 50 रूपए सेवा शुल्क के साथ संबंधित दस्तावेज तैयार रखे। इसके बाद मितान के प्रतिनिधि तय समय और तिथि पर आवेदक के घर पहुंचते है। दस्तावेज लेकर वे प्रमाण पत्र बनने के बाद मितान प्रतिनिधि घर पहुंचाने आते है।51 लाख से ज्यादा मरीजों का हुआ निःशुल्क इलाज-मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना और दाई-दीदी क्लीनिक के अंतर्गत स्लम बस्तियों में रहने वाले गरीब परिवारों को निःशुल्क उपचार की सुविधा दी जा रही है। इन योजनाओं के जरिए अब तक 51 लाख से ज्यादा मरीजों का निःशुल्क इलाज हुआ है।मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना के जरिए प्रदेश में अब तक 64 हजार से ज्यादा शिविर आयोजित किए जा चुके हैं और 49 लाख से ज्यादा मरीजों का इलाज किया गया है। साथ ही 12.94 लाख मरीजों का निशुल्क पैथालौजी टेस्ट और करीब 42.06 लाख मरीजों को दवा वितरण किया गया है। अब इस सेवा को विस्तार देते हुए 120 मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से झुग्गी बस्तियों में ही मरीजों का निःशुल्क परामर्श, ईलाज, दवाईयां और पैथालॉजी लैब की सुविधा सभी नगरीय निकायों में उपलब्ध है। योजना का उद्देश्य प्रदेश के नगरीय निकायों में निवासरत शहरी गरीब परिवारों को उनके घरों के समीप ही मुफ्त चिकित्सीय जांच, लैब टेस्ट एवं मुफ्त दवाईयां मोबाईल मेडिकल यूनिट के माध्यम से घर पहुंच स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना है। योजना का विस्तार करने के उद्देश्य सभी नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों में 31 मार्च 2022 से प्रारंभ किया गया है। योजना के पात्र हितग्राही निकाय क्षेत्र के सभी नागरिक है। योजनांर्तगत स्लम क्षेत्र में निवास करने वाले नागरिकों को प्राथमिकता प्रदान की जाती है।1.52 लाख महिलाओं को मिली घर पहुंच स्वास्थ्य सेवा-दाई-दीदी क्लीनिक योजना अंतर्गत संपूर्ण महिला स्टाफ के साथ मेडिकल यूनिट झुग्गी-बस्तियों में जाकर महिलाओं का इलाज कर रही है। अब तक 2,036 शिविरों के माध्यम से 1.52 लाख हजार महिलाओं को निशुल्क चिकित्सा उपलब्ध कराई गई है। योजना अंतर्गत शिविर लगाकर अब तक 29 हजार से ज्यादा महिलाओं का लैब टेस्ट और 1.44 लाख से ज्यादा महिलाओं को निशुल्क दवा का वितरण किया जा चुका है।60 लाख लोगों को मिली सस्ती दवाईयां-श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स योजना अंतर्गत प्रदेश के सभी 169 नगरीय निकायों में 195 दुकानें शुरू की जा चुकी हैं। इन दुकानों में 329 जेनेरिक दवाएं, 28 सर्जिकल आइटम आदि उपलब्ध है। यह योजना आमजनों को ब्रांडेड जेनेरिक दवाईयां और सर्जिकल आइटम्स की सस्ती दरों पर नियमित आपूर्ति सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इन दुकानों में शासकीय चिकित्सकों को पर्ची पर जेनेरिक दवाई लिखना अनिवार्य किया गया है। श्री धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स योजना के तहत 167.52 करोड़ रूपए एमआरपी की दवाइयों के विक्रय पर 60 लाख से ज्यादा हितग्राहियों को 101.89 करोड़ रूपए की राशि की बचत का लाभ मिल चुका है। दवा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए इन दुकानों में देश की ख्यातिप्राप्त कंपनियों की जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध कराने की शर्त रखी गई है। उपलब्ध दवाइयों में सर्दी, खांसी, बुखार, ब्लड प्रेशर, इंसुलीन आदि सम्मिलित रहेगी। साथ ही साथ गंभीर बीमारियों की दवा, एंटीबायोटिक, सर्जिकल आइटम भी न्यूनतम 50 प्रतिशत की भारी छूट के साथ उपलब्ध है।
- रायपुर / भगवान राम के वनवास से लौटने पर अयोध्या नगरी को जिस तरह दीपों, तोरण और फूलों से दुल्हन की तरह सजाया गया था, उसी तरह राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के आयोजन पर छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति की नगरी रायगढ़ के चौक-चौराहों और घरों के द्वार दीपों और रंग-बिरंगी रौशनी से सजाए गए हैं।राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के आयोजन के दौरान रायगढ़ शहर राम भक्ति के रस में सराबोर नजर आ रहा है। लोगों में इस तीन दिवसीय महोत्सव के आयोजन को लेकर अद्भुत उमंग और उल्लास है। शहर के नागरिकों ने भगवान राम से जुड़े इस आयोजन पर स्व-स्फूर्त रूप से श्रद्धा और भक्ति के भाव के साथ अपने घरों के प्रवेश द्वारों को दीपों और रंग-बिरंगी रौशनी से सजाया है। चौक-चौराहों पर भी आकर्षक रौशनी की गई है। देश-विदेश के रामायण दलों की उपस्थिति ने इस महोत्सव के आयोजन में चार चांद लगा दिए हैं। रामकथा के अलग-अलग राज्यों और देशों में कहने के अंदाज और उनकी नाट्य प्रस्तुति को देखने का आकर्षण लोगों को बरबस ही रामलीला मैदान की ओर खींच रहा है। देश और विदेश के कलाकारों द्वारा राम कथा के अरण्यकाण्ड पर दी जा रही प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया है।
- रायपुर। राष्ट्रीय रामायण महोत्सव, रायगढ़ : गोवा से आये कलाकारों की प्रस्तुतिकोंकण क्षेत्र में महाराष्ट्र के भक्ति आंदोलन का गहरा प्रभाव हुआ। संत रामदास जैसे भक्त हुए।महाराष्ट्र के भक्ति आंदोलन जैसी सुंदर प्रस्तुति यहां भी हो रही है।महाराष्ट्र में नीलमत पुराण का गहरा प्रभाव है और कोंकण में भी।इसमें गणपति की पूजा की परंपरा है।यही वजह है कि यहां रामकथा में गणपति भी दिखे हैं।
- -कलाकारों ने अपनी भावभंगिमा से दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध-रायगढ़ में चल रहे राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के दूसरे दिन इंडोनेशिया की रामायण पर आधारित अरण्य कांड का मंचनरायपुर। रायगढ़ के रामलीला मैदान में चल रहे राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के दूसरे दिन इंडोनेशिया से आए कलाकारों ने इंडोनेशिया की रामायण के आधार पर सीता हरण और राम-रावण युद्ध की अविस्मरणीय प्रस्तुति दी। इस पूरे प्रसंग को इंडोनेशियाई कलाकरों ने अपनी भावभंगिमा के माध्यम से इतना प्रभावी बना दिया कि दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। कलाकारों की यह प्रस्तुति अद्भूत धुनों के साथ आरंभ हुई। इंडोनेशिया के जावा द्वीप के काकवीन रामायण और बाली द्वीप के रामायण प्रमुख हैं। यह भट्टी कवि के काव्य से प्रेरित है। बाली द्वीप में भारतीय सभ्यता स्थानीय प्रभाव के साथ अक्षत हैं। विद्वान मानते हैं कि इस पर दक्षिण का प्रभाव अधिक है। अतएव इनकी भावमुद्रा दक्षिण के कत्थककली कलाकारों जैसी है।
राष्ट्रीय रामायण महोत्सव राष्ट्रीय रामायण महोत्सवइंडोनेशियाई रामायण की प्रस्तुति में संगीत बेहद शानदार है। राम और सीता जी के बाद मंच पर आए हनुमान। इस प्रस्तुति में हनुमान जी की बड़ी भूमिका हैं। उनका मुकुट, उनकी वस्त्र सज्जा बताती है कि भारतीय समाज की तरह ही बाली का समाज भी प्रकृति का गहरा आदर करता है। हाथों की मुद्रा संगीत के साथ बदल रही है। यहां का संगीत बिल्कुल अलग और विशिष्ट है। केवल संगीत के साथ ताल में भाव मुद्रा के माध्यम से राम कथा कही जा रही है। इंडोनेशिया से आए कलाकारों की प्रस्तुति में प्रसंग जैसे-जैसे आगे बढ़ता है, संगीत तीव्र होता जाता है। आंखों की मुद्राओं से बताया जा रहा है कि किस तरह सीता जी का हरण हुआ। दर्शकों के लिए चकित करने वाला दृश्य। बांसुरी जैसे वाद्ययंत्रों के अद्भुत सुरों के साथ रामकथा आगे बढ़ते जाती है। कलाकार केवल भाव मुद्रा में ही पूरे प्रसंग का जीवंत वर्णन करते हैं। यह बड़ी बात है कि इस कला में उनकी सांस्कृतिक धरोहर भी है और राम जैसे उदात्त चरित्र को अपनाने की चेष्टा भी। खास बात यह है कि सीता जी का स्पर्श किये बगैर अपनी चेष्टाओं से ही रावण की अदाकारी कर रहे कलाकार ने हरण का दृश्य दिखाया। यह एक बैले जैसी प्रस्तुति है। आखिर में स्थानीय भाषा में प्रस्तुत गीत से पूरी कथा स्पष्ट होती है।प्रस्तुति के दौरान अशोक वाटिका के दृश्य में हनुमान जी मुद्रिका लेकर जाते हैं। हनुमान जी ने लंका दहन किया और भयंकर ऊर्जा से लंका का नाश किया़। हनुमान जी मुद्रिका श्री राम को दिखाते हैं। आखिर चरण में राम रावण युद्ध होता है। लक्ष्मण राम के हाथों धनुष देते हैं। यहां यह रोचक प्रसंग भी देखने को मिला कि हनुमान जी भी रावण के साथ द्वंद्व कर रहे हैं। राम और सीता पुनः एक होते हैं। आगे राम सीता, फिर लक्ष्मण, पीछे हनुमान जी। तुमुल ध्वनि से लोगों ने जयजयकार किया। गौरतलब है कि इंडोनेशिया की रामायण प्रस्तुति में भगवान श्रीराम का यह चरित्र एक महिला कलाकार श्रीयानी ने निभाया, जो बाली द्वीप की रहने वाली हैं। उन्होंने आज अपने साथी कलाकारों के साथ ऐसी यादगार प्रस्तुति दी कि पूरा वातावरण राममय हो गया था। - -बाली से आये कलाकारों ने अपने द्वीप में भारतीय सांस्कृतिक प्रभाव पर बताया, कहा रामकथा के परिधान जगह जगह तैयार होते हैं-यूरोपियन यूनियन, अमेरिका सहित अनेक देशों में देते हैं प्रस्तुति-कहा पहली बार उस धरती पर आए जहां से रामकथा सृजित हुई, छत्तीसगढ़ वही धरती जहां अरण्य कांड रचा गयारायपुर / भारत से लगभग साढ़े आठ हजार किलोमीटर की दूरी पर बसे इंडोनेशिया के बाली द्वीप में भी किसी लड़की का नाम पद्मा हो सकता है या फिर श्रीयानी हो सकता है यह सोचना भी चकित कर देता है लेकिन बाली द्वीप में ऐसा हो सकता है। 2000 बरस पहले यहां भारतीय उपमहाद्वीप का सांस्कृतिक प्रभाव पड़ा और बाली ने भारत के सांस्कृतिक मूल्यों को अपना लिया। वाल्मीकि की रामायण कथा बाली द्वीप में आज ही उसी तरह से सुनी सुनाई जाती है और स्थानीय संस्कृति के अनुरूप इसका सुंदर मंचन किया जाता है। राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के मौके पर बाली से आए दल की सदस्य ने बताया कि मेरा नाम पद्मा है हमारे यहां बिल्कुल वैसे ही पूजा होती है जैसे भारत में होती है। हमारे यहां भी लोग मंदिर जाते हैं और हम सब भगवान राम के प्रति गहरी श्रद्धा रखते हैं। बाली से ही आई श्रीयानी ने बताया कि लक्ष्मी जो विष्णु जी की पत्नी है उनकी विशेष पूजा बाली द्वीप में होती है और इसी वजह से बहुत सारी लड़कियों के नाम श्री से हैं जैसे श्रीयानी या पदमा।श्रीयानी ने बताया कि उनके दल द्वारा मंचित की गई राम कथा केवल इंडोनेशिया में ही नहीं सुनाई जाती, इसका मंचन आसपास के देशों जैसे सिंगापुर आदि में भी होता है यही नहीं वह यूरोपियन यूनियन तथा अमेरिका में भी अपनी प्रस्तुति दे चुकी हैं। श्रीयानी ने बताया कि जब उनका दल राम कथा सुनाता है तब उनकी कलात्मक प्रस्तुति और उनका वस्त्र विन्यास लोगों को बहुत भाता है। इसके अलावा श्रीराम का अद्भुत चरित्र सब को बहुत पसंद आता है। श्रीयानी ने बताया कि उन्हें रामकथा इसलिए अच्छी लगती है क्योंकि श्रीराम हमेशा अपनी पत्नी सीता का ध्यान रखते हैं। जब उनका अपहरण होता है तब वह उन्हें वापस लाने लंका तक चले जाते हैं लंका में पुल का निर्माण करते हैं। इस तरह से जब भावपूर्ण कथा की प्रस्तुति होती है तो लोगों के लिए अद्भुत दृश्य बनता है।श्रीयानी से जब उनके परिधानों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि बाली में रामकथा से जुड़े हुए जुड़ी हुई सामग्री बनाने का कुटीर उद्योग है यहां न केवल कलाकारों के लिए मुकुट तैयार होते हैं अपितु यहां पर उनके लिए सुंदर वस्त्र भी तैयार होते हैं।श्रीयानी ने वस्त्र दिखाते हुए कहा कि देख लीजिये, सालों से इसी तरह के वस्त्र रामकथा में पहने जा रहे हैं और इन वस्त्रों की विशेषता यह है कि ऐसे ही परिधान हमारे मंदिरों में भी देवताओं ने धारण किए हैं। अपने मुकुट की तरफ इशारा करते हुए श्रीयानी ने बताया कि इसे देखिए, यह वैसा ही है जैसे बाली के मंदिरों में बनी मूर्तियों में दिखता है। फिर उन्होंने बताया कि यह मुकुट दुकानों में बिकते हैं। फूलों की ओर इशारा करते हुए मुस्कुराते हुए उन्होंने कहा कि बस यह फूल ही है जिन्हें हम चुनकर अपने मुकुट में लगाते हैं हमारा इतना ही काम है और फिर उसके बाद अपनी अपनी प्रस्तुति में लग जाते हैं।श्रीयानी ने बताया कि वह पहली बार भारत आई हैं। यहां आकर बहुत अच्छा लगा। यह श्रीराम का देश है। मुझे बताया गया कि रामकथा में वर्णित अरण्यकांड का स्थल दंडकारण्य ही है। यह छत्तीसगढ़ ही है जहां मैं आई हूँ। यह सोचकर ही मुझे बहुत अच्छा लग रहा है हम सब छत्तीसगढ़ में आकर और यहां हुए भव्य स्वागत से अभिभूत हैं।
- -रामायण को यहां नृत्य के रूप में दर्शाया जाता है-भगवान राम की महिमा की गाथा है रिमकररायपुर/ भारत से करीब 4500 किमी की दूरी पर स्थित देश कम्बोडिया में विश्व का सबसे बड़ा विशाल अंगकोर वाट (विष्णु) मंदिर है। यहां की संस्कृति में भगवान राम घर-घर और लोगों के दिलों मे बसते हैं, यहां राम को हर आम आदमी की कहानी से जोड़कर देखा जाता है।कम्बोडिया से पहुंची 12 सदस्यीय टीम ने बताया कि यहां जिस तरह से भगवान राम को पूजते हैं, उसी तरह वहां भी राम की मान्यता है, हमारे यहां राम को रिमकर के नाम से जाना जाता है। यह एक कम्बोडियन महाकाव्य से उद्घृत कविता है जो संस्कृत के रामायण से प्रेरित है। रिमकर यानी राम की महिमा होती है। कम्बोडिया में भी सरकार यहां की कला और संस्कृति को प्रोत्साहित करती है। यहां भगवान की कहानी को आम लोगों से जोड़कर दिखाया जाता है। कम्बोडिया से आए के रामकथा के एक कलाकार ने बताया कि इस तरह की प्रस्तुति देने पहली बार भारत आए हैं, लेकिन इससे पूर्व वे पारिवारिक यात्रा में वे भारत आ चुके हैं।अंतराष्ट्रीय रामायण महोत्सव में शुभारंभ अवसर पर 1 जून को कम्बोडिया की अंतरराष्ट्रीय रामायण टीम ने अपनी मनमोहक प्रस्तुति दी थी। आकर्षक वेशभूषा के साथ 25 मिनट की प्रस्तुति के दौरान टीम ने दर्शकों का दिल जीत लिया। कम्बोडिया रामायण टीम द्वारा अहिरावण प्रसंग की संगीतमय प्रस्तुति की गयी, इस प्रसंग में रावण का भाई अहिरावण राम को मूर्छित कर पाताल लोक ले जाते हैं। तब हनुमान राम को लाने पाताललोक जाते हैं, जहां उनका सामना अपने ही पुत्र मकरध्वज से होता है। युद्ध में दोनों की लड़ाई होती है, लेकिन इसमें किसी जीत या हार नहीं होती। अंत में हनुमान राम को वापस लाते हैं।कम्बोडिया की टीम ने इस प्रसंग को बड़े ही भावपूर्ण तरीके से प्रस्तुत किया। इस प्रस्तुति ने लोगों का मन मोह लिया। भावों को समझने भाषा आड़े नहीं आई। लोग कम्बोडिया के रामायण में भी उसी भावधारा में बहते रहे जैसे मानस कथा सुनकर अभिभूत हो जाते हैं।