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दुर्ग। संभागायुक्त महादेव कावरे ने आज दिनांक 20 मार्च को दुर्ग जिला अंतर्गत धमधा अनुविभाग के तहसील कार्यालय बोरी का औचक निरीक्षण किया, निरीक्षण के दौरान अनुविभागीय अधिकारी धमधा श्री बृजेश सिंह क्षत्रिय भी उपस्थित थे।निरीक्षण के दौरान उन्होंने नवीन तहसील बोरी में पदस्थ सभी कर्मचारियों के टेबल पर नाम पट्टिका अवश्य रूप से रखे जाने के निर्देश दिए।
न्यायालयीन प्रकरणों का त्वरित करें निराकरण
संभागायुक्त ने तहसील कार्यालय बोरी अंतर्गत न्यायालय तहसीलदार बोरी में लंबित राजस्व प्रकरणों का अवलोकन किया जहां कुल 109 प्रकरण लंबित पाए गए जिसमे सर्वाधिक 44 प्रकरण सीमांकन के लंबित पाए जाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए उपस्थित तहसीलदार श्री राधेश्याम वर्मा को विशेष अभियान चलाकर सीमांकन के प्रकरणों के निराकरण किए जाने के निर्देश दिए।
इसी प्रकार न्यायालय नायब तहसीलदार बोरी में 82 प्रकरण लंबित पाए गए जिनमें 32 प्रकरण सीमांकन के पाए जाने पर संबंधित नायब तहसीलदार श्री अखिलेश देशलहरा को भी त्वरित निराकरण की कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए।
पंजियों के अद्यतन नही पाए जाने पर कर्मचारियों को थमाया नोटिस
संभागायुक्त ने निरीक्षण के दौरान तहसील कार्यालय बोरी में संधारित संजीव का अवलोकन किया जिसमें उन्होंने आदेशिका पंजी, अभिलेख कोष्ठ पंजी, अभिलेख पासबुक पंजी, वाद सूची अद्यतन नहीं पाए जाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की साथ ही इस हेतु न्यायालय के संबंधित कर्मचारी श्री वीरेंद्र तुरकाने एवं श्री ठाकुर राम साहू को कारण बताओ नोटिस जारी किया।
पटवारी कार्यालय बोरी का भी निरीक्षण
संभागायुक्त ने पटवारी कार्यालय बोरी, हल्का नंबर 26 का भी निरीक्षण किया जिस दौरान उन्होंने स्वामित्व योजना के तहत निर्मित नक्शे का अवलोकन किया साथ ही कार्यालय में संधारित होने वाले अतिक्रमण पंजी, खसरा पंचसाला पंजी, निस्तार पत्रक, मिसल का अवलोकन किया। डेली डायरी एवं बी 5 के अद्यतन नही पाए जाने पर संबंधित पटवारी श्री गीतानंद पांडे को नोटिस जारी किए जाने हेतु अनुविभागीय अधिकारी धमधा श्री क्षत्रिय को निर्देशित किया साथ ही 15 दिवस के भीतर पंजियो के अद्यतन किए जाने के सख्त निर्देश दिए सा -
रायपुर। कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर भुरे ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में बैठक लेकर कुकरा-सण्डी-भनसोज (नहर पार) मार्ग पर 2 किमी सड़क निर्माण तथा उप महाप्रबंधक (निर्माण) गेल (इंडिया) लिमिटेड रायपुर छ.ग. को गैस पाईप लाइन द्वारा जल निकायों को पार करने के लिए प्रशासनिक सहायता प्रदान करने के लिए अनुमति हेतु विभिन्न शर्तों के अधीन अनुमोदन किया।
बैठक में कार्यपालन अभियंता जल प्रबंध संभाग क्रमांक 1 श्री मधुकर बोरकर, कार्यपालन अभियंता जल संसाधन संभाग रायपुर श्री जी. आर. पटेल, कार्यपालन अभियंता छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मण्डल श्री एल. के. साहू और कार्यपालन अभियंता महानदी जलाशय परियोजना डिसनेटा संभाग क्रमांक 3 तिल्दा श्री कृष्ण कांत खरे उपस्थित थे। -
रायपुर। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर आज ‘‘मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना’’ का वर्चुअल शुभारंभ किया गया। रायपुर के सरोना में जिला स्तरीय कार्यक्रम में विभिन्न जनप्रतिनिधि, कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर भुरे और डीएफओ श्री वी कुमार ने योजना से लाभान्वित हितग्राही डाॅ. मंढरिया की भूमि पर टिशू कल्चर सागौन की प्रजाति के पौधों का रोपण किया।
इस योजना के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के छोटे किसानों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में भी भूमि रखने वाले हितग्राहियों में बड़ा उत्साह है। आज के जिला स्तरीय कार्यक्रम में सरोना में डाॅ. नलिनी मंढरिया की 5 एकड़ भूमि पर टिशु कल्चर सागौन के 1 हजार 250 पौधे रोपे गये। हितग्राही दंपत्ति डाॅ मंढरिया ने परिवार सहित कार्यक्रम में उपस्थित रहकर वीडियो काॅफ्रेसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री श्री बघेल से बात भी की और इस महत्वाकांक्षी योजना को शुरू करने के लिए आभार भी जताया।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर सभी प्रदेशवासियों को मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना की शुरूआत के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा की छत्तीसगढ़ के जंगल और जैवविविधता हमारी पहचान है। हमारा पर्यावरण और वन बचा रहे इस दिशा में हमारी सरकार द्वारा लगातार कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैदानी क्षेत्रों के लोगो को इस योजना से ज्यादा से ज्यादा जोड़े जाने के लिए प्रयास करने की आवश्यता है।
उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को मैदानी स्तर पर योजना के सभी लाभ हितग्राहियों को बताते हुए प्रोत्साहित करने कहा। जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इस योजना से लाभान्वित हो सके। वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ वृक्षों के दृष्टिकोण से संपन्न राज्य है। इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा इस योजना के माध्यम से अगले 5 सालों में 1 लाख 80 हजार एकड़ में योजना का क्रियान्वयन किया जाना है। जिसका लाभ प्रदेशवासियों को मिलेगा।
मुख्यमंत्री से बात करते हुए हितग्राही डाॅ मंढरिया ने कहा कि बिना वर्ग भेद किए इस योजना से छोटे-बडे़, ग्रामीण-शहरी सभी लोग लाभान्वित होंगे। इस योजना का बड़ा आर्थिक लाभ तो लोगों को मिलेगा ही इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण के लिए भी यह एक बड़ी योजना साबित होगी। डाॅ मंढरिया ने कहा कि अब इमारती लकड़ियों के पेड़ों या औषधी पौधों की उपलब्धता जंगलों तक सीमित नहीं होकर किसानों और भू-मालिकों के खेतों तक भी होगी।
व्यावसायिक और वाणिज्यिक रूप से लकड़ी की खेती से निश्चित ही लोगों को उनकी लागत का बड़ा लाभ मिलेगा और उनकी माली स्थिति ठीक होगी। इस योजना से लकड़ियों विशेष कर इमारती टिम्बर के लिए जंगलों पर दबाव कम होगा। डाॅं मंढरिया ने ऐसी दूरदर्शी और पर्यावरण हितैषी सर्व हितकारी योजना के लिए मुख्यमंत्री श्री बघेल का आभार भी व्यक्त किया। डाॅ मंढरिया ने इस योजना को वनोपज उत्पादन और वन वासियों के लिए भी उपयोगी बताया।
कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर भुरे ने जिलेवासियों से इस योजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने की अपील की। कलेक्टर ने कहा कि जिले में वन क्षेत्र की कमी को दूर करने के लिए यह एक बेहतर योजना है। उन्होंने बताया इस योजना के तहत 5 एकड़ क्षेत्र तक वृक्षारोपण के लिए शत प्रतिशत अनुदान तथा 5 एकड़ से अधिक क्षेत्र में वृक्षारोपण पर 50 प्रतिशत की अनुदान दिया जाएगा। वन मण्डलाधिकारी श्री वी. कुमार ने योजना के तहत पौधरोपण के साथ ही इंटरक्रॉपिंग तथा औषधिय पौधों के रोपड़ और योजना के तहत उपलब्ध कराये जाने वाले विभिन्न पौधों की जानकारी दी तथा इसके फायदों के बारे में बताया।
मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना किसानों की निजी भूमि पर वृक्षारोपण कर ग्रामीणों की आय बढ़ाने के साथ-साथ छत्तीसगढ़ में ग्रीन कवर बढ़ाने की एक महत्वकांक्षी योजना है। समस्त वर्ग के सभी इच्छुक भूमि स्वामी, शासकीय, अर्द्ध शासकीय एवं शासन की स्वायत्त संस्थाऐं, निजी शिक्षण संस्थाऐं, निजी ट्रस्ट, गैर शासकीय संस्थाऐ, पंचायते तथा भूमि अनुबंध धारक इस योजना का लाभ ले सकते है। हितग्राही की निजी भूमि में 05 एकड़ तक वाणिज्यिक पौध रोपण के लिए शत् प्रतिशत तथा 05 एकड़ से अधिक क्षेत्र में रोपण के लिए 50 प्रतिशत वित्तीय अनुदान शासन द्वारा हितग्राहियों को प्रदाय किया जाएगा।
शासन द्वारा चयनित वृक्ष प्रजातियों की खरीदी के लिए प्रतिवर्ष न्यूनतम क्रय मूल्य निर्धारित किया जाएगा, जिससे कृषकों को निश्चित आय प्राप्त होगी। योजना के तहत क्लोनल नीलगिरी, टिश्यू कल्चर बांस, सागौन, मालाबार नीम जैसे आर्थिक लाभ देने वाले पौधों का रोपण किया जाएगा। -
रायपुर। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, बंगलोर में आयोजित 21वीं अखिल भारतीय अन्तर कृषि विश्वविद्यालयीन युवा सांस्कृतिक महोत्सव (एग्री यूनिफेस्ट) में लोक नृत्य प्रतियोगिता में प्रथम स्थान हासिल कर स्वर्ण पदक हासिल किया है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने लोक नृत्य प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ के लोकप्रिय पारंपरिक पंथी नृत्य प्रस्तुत किया था।
21वीं अखिल भारतीय अन्तर कृषि विश्वविद्यालयीन युवा सांस्कृतिक महोत्सव में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों की 31 सदस्यीय दल ने भाग लिया था। इस युवा सांस्कृतिक महोत्सव में नृत्य, गायन, कला साहित्य और नाट्य विधा में लगभग 20 विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया था। युवा सांस्कृतिक महोत्सव में आयोजित नाट्य विधा के अंतर्गत स्किट प्रतियोगिता में भी विश्वविद्यालय के दल को चतुर्थ स्थान प्राप्त हुआ।
इसी प्रकार कला विधा के अन्तर्गत पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में कृषि महाविद्यालय बिलासपुर की छात्रा वैदेही देवांगन को चतुर्थ स्थान प्राप्त हुआ। विद्यार्थयों के दल के वापस लौटने पर उनका रायपुर रेलवे स्टेशन आत्मीय स्वागत किया गया। विजेता प्रतिभागियों ने अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. संजय शर्मा के नेतृत्व में कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल से सौजन्य मुलाकात कर उन्हें प्राप्त पुरस्कारों के बारे में जानकारी दी।
कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने दल के सभी विद्यार्थियों को सम्मानित किया। उन्होंने लोक नृत्य समूह के विद्यार्थयों के साथ-साथ दल में शामिल सभी सदस्यों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए भविष्य में और भी बेहतर प्रदर्शन करने की आशा व्यक्त की।
उल्लेखनीय है कि भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा इस वर्ष कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, बंगलोर में 13 से 17 मार्च, 2023 तक 21वीं अखिल भारतीय अन्तर कृषि विश्वविद्यालयीन युवा सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन किया गया था। जिसमें देश भर के 65 कृषि विश्वविद्यालयों की टीमें शामिल हुई थीं। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय का सांस्कृतिक दर विश्वविद्यालय के क्रीडा अधिकारी डॉ. आर.के. ठाकुर एवं डॉ. सोनाली देवले के नेतृत्व में प्रतियोगिता में शामिल हुआ था।
विश्वविद्यालय प्रशासनिक भवन में आयोजित सम्मान समारोह में विश्वविद्यालय के निदेशक शिक्षण डॉ. एस.एस. सेंगर, लेखानियंत्रक श्री उमेश अग्रवाल, अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. संजय शर्मा, तकनीकी अधिकारी डॉ. बी.पी. कतलम, विभिन्न छात्रावास अधीक्षक तथा विश्वविद्यालय प्रशासन के अनेक अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे। -
बालोद। संयुक्त जिला कार्यालय के सभाकक्ष में आज आयोजित जनदर्शन में पहुंचे लोगों ने अपने मांगों और समस्याओं से संबंधित आवेदन अपर कलेक्टर श्रीमती इंदिरा तोमर को सौंपा। अपर कलेक्टर श्रीमती इंदिरा तोमर ने विभिन्न स्थानों एवं दुरस्थ अंचलों से आए लोगों से बारी-बारी मुलाकात कर उनकी मांगों एवं समस्याओं के संबंध में जानकारी ली।
उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को तलब कर उनके आवेदनों के निराकरण हेतु त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए। जनदर्शन में ग्राम मोखा के बालाराम नेवेन्द्र को श्रवण यंत्र भी प्रदान किया गया। इसी प्रकार ग्राम कोड़ेकसा के सबल सिंह ने भूमि स्वामी अधिकार दिलाने, ग्राम चिचोल के चुरामण सिहं पटेल ने खेत से विद्युत पोल हटाने, ग्राम कमरौद के खेमलाल कंवर ने अवैध रेत खनन परिवहन पर प्रतिबंध लगाने, ग्राम बड़भूम के गेंद उइके ने आश्रित ग्रामों में पेयजल हेतु बोर खनन, ग्राम माहूद अ के ओम कुमारी ने पिछले दो वर्षों से रूके छात्रवृत्ति दिलाने तथा ग्राम पैरी के झग्गू राम साहू ने पुत्री के ईलाज हेतु सहायता राशि दिलाने संबंधी आवेदन अपर कलेक्टर श्रीमती इंदिरा तोमर को सौंपे।
इसी प्रकार अन्य आवेदकों ने भी अपनी माँगों एवं समस्याओं से संबंधित आवेदन अपर कलेक्टर को सौंपे। इस अवसर पर सभी राजस्व अनुविभागीय अधिकारी एंव जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे। -
बालोद। महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क का वर्चुअल शुभारंभ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के द्वारा 25 मार्च को किया जाएगा। कलेक्टर श्री कुलदीप शर्मा ने आज संयुक्त जिला कार्यालय सभाकक्ष में आयोजित सप्ताहिक समय-सीमा की बैठक में महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क से संबंधित कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्माण कार्य को पूरा कराने के अलावा अन्य सभी तैयारियों को 25 मार्च के पूर्व सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।
उल्लेखनीय है कि जिले के प्रत्येक विकासखण्डों में 2-2 सहित जिले में कुल 10 महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) का निर्माण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के द्वारा 25 मार्च को राज्य के सभी महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क का एक साथ वर्चुअल शुभारंभ किया जाएगा। बैठक में आज अपर कलेक्टर श्रीमती इंदिरा तोमर सहित जिले के सभी राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों के अलावा सभी जिला स्तरीय अधिकारीगण उपस्थित थे।
बैठक में कलेक्टर ने जिले में शालाओं की मरम्मत, जीर्णोद्धार एवं अतिरिक्त कक्ष निर्माण हेतु राज्य शासन से राशि की स्वीकृति मिलने की भी जानकारी दी। उन्होंने इन सभी कार्यों को 1 अपै्रल से अनिवार्य रूप से शुरू करने तथा 15 मई तक पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके पश्चात् शाला मरम्मत के कोई भी कार्य शेष नहीं होनी चाहिए। श्री शर्मा ने निर्माण कार्यों को गुणवत्ता ढंग से पूरा कराने तथा शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इसकी सतत माॅनिटरिंग करने के निर्देश दिए।
बैठक में कलेक्टर ने अवैध शराब विक्रेताओं के विरूद्ध की जा रही कार्रवाई की समीक्षा करते हुए आबकारी अधिकारियों को शिकायत प्राप्त होने पर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने समाधान तुंहर दुआर शिविर में प्राप्त आवेदनों के निराकरण की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को शत् प्रतिशत निराकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
बैठक में उन्होंने दल्लीराजहरा में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग सेंटर की स्थापना हेतु की जा रही कार्रवाई की भी समीक्षा की। श्री शर्मा ने एसडीएम श्री योगेन्द्र श्रीवास्तव एवं सहायक आयुक्त आदिवासी विकास को भवन एवं अन्य जरूरी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कर शीघ्र कोचिंग सेंटर शुरू कराने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने जिले के सभी मुख्य नगरपालिका अधिकारियों को सप्ताह में एक दिन श्री धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर का अनिवार्य रूप से निरीक्षण कर इसका सफलता पूर्वक संचालन कराने को कहा। उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को जिले के शासकीय अस्पतालों के मरीजों के लिए केवल श्री धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर से ही दवाईयां खरीदने के भी निर्देश भी दिए। बैठक में उन्होंने प्राकृतिक पेंट इकाई से प्राकृतिक पेंट के उत्पादन की भी जानकारी ली तथा समूचित मात्रा में उसका उत्पादन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। -
बालोद। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर आज ‘‘मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना’’ का वर्चुअल शुभारंभ किया गया। बालोद जिले में जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन डौंडीलोहारा विकासखंड के ग्राम पिनकापर में किया गया। इस दौरान अतिथियों के द्वारा ग्राम पिनकापार के भू-स्वामी श्री गौतम नखत के 4.93 एकड़ भूमि में 5000 नग नीलगिरी पौधे का रोपण किया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा शहीद महेंद्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत जिले के 15 हितग्राहियों के खाते में 36 लाख रुपये हस्तांतरित किए गए राशि का प्रमाण पत्र वितरित किया गया। शुभांरभ समारोह में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सोनादेवी देशलहरा, जिला पंचायत के वन समिति के सभापति श्रीमती धनेश्वरी सिन्हा, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती चंद्रप्रभा सुधाकर एवं ललिता साहू के अलावा कलेक्टर श्री कुलदीप शर्मा, पुलिस अधीक्षक श्री जितेन्द्र कुमार यादव, वन मण्डलाधिकारी श्री आयुष जैन सहित जनपद पंचायत अध्यक्ष श्री जागृत सोनकर, सरपंच ग्राम पंचायत पिनकापार श्री कोदूराम दिल्लीवार एवं जनप्रतिनिधियों तथा ग्रामीणों ने पौधा रोपण किया।
मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के अंतर्गत बालोद जिले में 171 हितग्राहियों के द्वारा 357.897 एकड़ निजी भूमि पर विभिन्न प्रजातियों के कुल 2,29,694 (क्लोनल नीलगिरी, टिश्यू कल्चर बांस, सागौन, मालाबार नीम, चंदन, मिलिया, डुबिया) के पौधे के रोपण हेतु सहमति प्रदान किया गया।
उल्लेखनीय है कि इस योजना के तहत 5 एकड़ क्षेत्र तक वृक्षारोपण के लिए शत प्रतिशत अनुदान तथा 5 एकड़ से अधिक क्षेत्र में वृक्षारोपण पर 50 प्रतिशत की अनुदान दी जाएगी। उन्होंने पौधरोपण के साथ ही इंटरक्रॉपिंग तथा औषधिय पौधों के महत्व को बताते हुए इसका भी लाभ लेने की जानकारी दी। वनमण्डलाधिकारी श्री आयुष जैन ने योजना के तहत उपलब्ध कराये जाने वाले विभिन्न पौधों एवं लाभ की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना किसानों की निजी भूमि पर वृक्षारोपण कर ग्रामीणों की आय बढ़ाने के साथ-साथ छत्तीसगढ़ में ग्रीन कवर बढ़ाने की एक महत्वकांक्षी योजना है। इस योजना अंतर्गत समस्त वर्ग के सभी इच्छुक भूमि स्वामी, शासकीय, अर्ध शासकीय एवं शासन की स्वायत्त संस्थाए, निजी शिक्षण संस्थाए, निजी ट्रस्ट, गैर शासकीय संस्थाए, पंचायते तथा भूमि अनुबंध धारक इस योजना का लाभ ले सकते है।
हितग्राही की निजी भूमि में 05 एकड़ तक रोपण हेतु 100 प्रतिशत तथा 05 एकड़ से अधिक क्षेत्र में रोपण हेतु 50 प्रतिशत वित्तीय अनुदान शासन द्वारा हितग्राहियों को प्रदाय किया जाएगा। राज्य में इस योजना के माध्यम से प्रति वर्ष 36 हजार एकड़ के मान से कुल 05 वर्षों में 1 लाख 80 हजार एकड़ में 15 करोड़ पौधों के रोपण का लक्ष्य रखा गया है। शासन द्वारा चयनित वृक्ष प्रजातियों की खरीदी के लिए प्रतिवर्ष न्यूनतम क्रय मूल्य निर्धारित किया जाएगा, जिससे कृषकों को निश्चित आय प्राप्त हो सके।
योजना अंतर्गत क्लोनल नीलगिरी, टिश्यू कल्चर बांस, सागौन, मालाबार नीम जैसे आर्थिक लाभ देने वाले पौधों का रोपण किया जाएगा। शुभारंभ समारोह में शहीद महेंद्र कर्मा तेंदुपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत हितग्राही रतन लाल मसिया, साक्षी धनकर, परशुराम गोरे के बैंक खाते में चार-चार लाख रुपए तथा केवल सिंह, दुर्गा बाई महर, ईश्वरी बाई, चिंता बाई, परसादीराम, संतराम, पुर्णिमा बाई, ईश्वर सिंह बागमरिया, नीलकमल नेताम, झमित बाई निषाद, रामधुनी, जितेन्द्र कुमार के बैंक खाते में दो-दो लाख रूपए भुगतान की गई राशि का प्रमाण पत्र वितरित किया गया। - रायपुर / मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को चैत्र नवरात्रि, नव संवत्सर और गुड़ी पड़वा की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने इस अवसर पर सभी नागरिकों के लिए सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि चैत्र माह के पहले दिन से हिन्दू नववर्ष और नया संवत्सर शुरू होता है। इस दिन से नौ दिनों तक चलने वाले शक्ति आराधना के पर्व नवरात्रि का भी शुभारंभ होता है। महाराष्ट्र में इस दिन गुड़ी पड़वा का त्यौहार मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में मां शीतला, दंतेश्वरी, महामाया, बम्लेश्वरी, कंकाली, गंगा मैया, बिलईमाता, चंद्रहासिनी देवी तथा अन्य स्वरूपों में मां भगवती विराजमान हैं। चैत्र नवरात्रि के अवसर पर छत्तीसगढ़ में लोग भक्ति-भाव और उत्साह के साथ नौ दिनों तक देवी आराधना का पर्व मनाते हैं। मुख्यमंत्री ने देवी भगवती से प्रार्थना की है कि उनका आशीष प्रदेशवासियों पर बना रहे और प्रदेश निरंतर विकास के पथ पर अग्रसर हो।
- रायपुर /मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की घोषणा के अनुरूप 23 मार्च 2023 दिन गुरूवार को चेट्रीचंड्र (चौतीचांद) महोत्सव के लिए राज्य के नगर-निगम व नगर पालिका क्षेत्रों में सामान्य अवकाश रहेगा। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा सामान्य अवकाश की अधिसूचना जारी कर दी गई है।23 मार्च को राज्य में सभी बैंक एवं अन्य शासकीय वित्तीय संस्थाएं, कोषालय, उप कोषालय, सहकारी बैंक आदि खुले रहेंगे। नया रायपुर स्थित सभी शासकीय कार्यालय खुले रहेंगे। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में भी सभी शासकीय कार्यालय खुले रहेंगे।
- -राजूराम ने एक एकड़ में लगाए टिशु कल्चर सागौन के 250 पौधे : 12 वर्षों में 24 से 26 लाख रुपए की आमदनी का अनुमानरायपुर।. मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना के हितग्राहियों से चर्चा कर उन्हें योजना की विस्तार से जानकारी दी और योजना से जुड़ने पर शुभकामनाएं दीं। कांकेर वन मंडल के तुएगहन गांव के श्री राजूराम उसेंडी ने मुख्यमंत्री से चर्चा करते हुए बताया कि आज उनकी एक एकड़ भूमि में टिशु कल्चर सागौन के 250 पौधों का रोपण किया गया है। मुख्यमंत्री के पूछने पर उन्होंने बताया कि वन विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी कि 12 वर्ष में सागौन के वृक्ष तैयार होंगे और उन्हें 24 से 26 लाख रुपए की आमदनी होगी। श्री उसेंडी ने बताया कि पहले वे अपनी 1 एकड़ जमीन में धान लगाते थे, जिसमें 3 से 4 क्विंटल धान का उत्पादन होता था। सिंचाई के बारे में उन्होंने बताया कि उनके खेत में बोर भी है, जल्द ही वे ड्रिप सिंचाई की व्यवस्था करेंगे।बलरामपुर वन मंडल राधा नगर के श्री अभिषेक दुबे ने बताया कि उन्होंने 2 एकड़ में टिशू कल्चर सागौन के 500 पौधों का रोपण किया है। पहले वह सरसों की फसल लेते थे। सरगुजा वन मंडल के सखौली गांव की श्रीमती प्रमिला सिंह ने बताया कि उन्होंने 2 एकड़ में चंदन के 320 पौधे लगाए हैं । अधिकारियों ने बताया कि सरगुजा की जलवायु चंदन के लिए अनुकूल है।बीजापुर वन मंडल के मंगालूर गांव के श्री मंगल राम राणा ने बताया कि उन्होंने 5 एकड़ खाली जमीन में 1250 टिशु कल्चर सागौन के पौधे लगाए हैं। इसी तरह कवर्धा वनमंडल के अमरौदी गांव के मोहम्मद हसीम खान ने बताया कि उन्होंने 2 एकड़ में टिशु कल्चर सागौन के 550 पौधे और बोककरखार के श्री सुखलाल धुर्वे ने बताया कि उन्होंने एक एकड़ में क्लोन नीलगिरी के 900 पौधे लगाए हैं। राजनवागांव के श्री जलेश्वर पाली ने बताया कि उन्होंने 2 एकड़ में टिशु कल्चर सागौन के 500 पौधे रोपे हैं। रायपुर वनमण्डल के सरोना के डॉ मढरिया ने बताया उन्होंने 7 एकड़ में 1250 टिशु कल्चर सागौन के पौधे लगाए हैं। हितग्राहियों ने मुख्यमंत्री से चर्चा के दौरान इस योजना को आमदनी और पर्यावरण की दृष्टि से अच्छी योजना बताया।
- बीजापुर, / बीजापुर वनमंडल के भैरमगढ़ प्राथमिक लघु वनोपज समिति के लाट क्रमांक 64बी, भैरमगढ़ सीजन 2022 में 3521.180 मानक बोरा तेंदूपत्ते का कुल संग्रहण किया गया। इसका भुगतान चार हजार रूपए प्रति मानक बोरा के मान से कुल 1,40,08,720 रूपए भैरमगढ़ लघु वनोपज समिति के द्वारा संग्राहकों को किया जा चुका है। भैरमगढ़ समिति के द्वारा तेंदूपत्ता सीजन 2022 में संग्रहित तेंदूपत्तों का संग्राहकों को पूरा भुगतान किया जा चुका है।तेंदूपत्ता के परिवहन का कार्य राजनांदगांव के क्रेता श्री सुधीर कुमार मानेक द्वारा कराया गया था और उनके द्वारा चेक से परिवहनकर्ताओं को भुगतान किया गया था। इसके बाद चक्काजाम के दिन जब परिवहनकर्ताओं ने पहली बार वन विभाग को मौखिक रूप से चेक बाउंस होने की जानकारी दी, तो तत्काल उसी दिन तत्परता दिखाते हुए बीजापुर वनमंडलाधिकारी सह प्रबंध संचालक ने बीजापुर पुलिस अधीक्षक को क्रेता श्री सुधीर कुमार मानेक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए पत्र लिखा है । file photo
- -महिला कोष के बजट में वृद्धि: 25.20 करोड़ रुपये का हुआ प्रावधान-सामाजिक सहायता पेंशन राशि में 150 रूपए की वृद्धि: अब मिलेंगे 500 रूपएरायपुर / छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया केे विभागों के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 हेतु 1468 करोड़ 77 लाख 08 हजार रूपए की अनुदान मांगे सर्व सम्मति से पारित की गई। इसमें महिला एवं बाल विकास के लिए 1357 करोड़ 17 लाख 95 हजार रूपए तथा समाज कल्याण विभाग के लिए 111 करोड़ 59 लाख 13 हजार रूपए की राशि शामिल हैं। अनुदान मांगों की चर्चा में सदस्य विधायकगण श्रीमती रंजना दीपेन्द्र साहू और श्रीमती सावित्री मनोज मंडावी ने भाग लिया।मंत्री श्रीमती भेंड़िया ने सदन में चर्चा में कहा कि पिछले बजट की तुलना में उनके विभाग के बजट में 14.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा कामकाजी महिलाओं के लिए 4 जिलों में 6 सखी सेंटर संचालित किया जा रहा है। इसके लिए वर्ष 2023-24 के बजट में 1.37 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही महिलाओं की सुरक्षा के लिये निःशुल्क हेल्पलाइन सेवा नंबर 181 संचालित है ।मंत्री श्रीमती भेंड़िया ने कहा कि इस वर्ष महिला कोष के बजट में वृद्धि करते हुए 25.20 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ महिला कोष के माध्यम से स्व-सहायता समूहों को दिए जाने वाले ऋण सीमा को 50 हजार रुपये से बढ़ाकर ऋण की सफलतापूर्वक वापसी पर 2 लाख रूपये से 4 लाख रूपये तक का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ महिला कोष द्वारा संचालित ऋण योजनांतर्गत ऋण लेने वाले ऐसे समूह जो अपरिहार्य कारणों से लंबी अवधि से ऋण एवं ब्याज नहीं चुका पा रहे थे, उनके प्रति संवेदनशीलता से निर्णय लेते हुए उनका 11.03 करोड़ का ऋण माफ कर दिया है।श्रीमती भेंड़िया ने कहा कि महिलाओं को अर्थिक रूप से सशक्त और स्वावलंबी बनाने के लिए राज्य स्तर पर महिला मड़ई का आयोजन हर साल महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किया जाता है। जिले में भी महिलाओं को जागृत और सशक्त बनाने इसी तरह के आयोजन किए जा रहे हैं, जिसमें महिलाएं लाखों रुपए कमाती है। इसके साथ ही अन्य महिलाओं के लिए भी स्वावलंबन का मार्ग प्रशस्त कर रही हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की बहनें गौठानों, मध्यान्ह भोजन और वन उत्पादों के विक्रय सहित कई कामों में लगी हुई हैं। छत्तीसगढ़ की बहनें कमजोर नहीं हैं, वे बैंकिंग लेनदेन सहित अपने सारे काम खुद करती हैं।श्रीमती भेड़िया ने बताया कि राज्य सरकार ने सामाजिक सहायता कार्यक्रम अंतर्गत पेंशन राशि में वृद्धि करते हुए उसे 500 रूपए कर दिया है। विगत 15 सालों में जहां पेंशन राशि में मात्र 50 रूपए की बढ़ोतरी की गई थी, वहीं हमारी सरकार ने 150 रूपए की वृद्धि की है। उन्होंने कहा कि उभयलिंगी समुदाय को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के परिणाम स्वरूप उभयलिंगी समुदाय के व्यक्ति पुलिस और बस्तर फाइटर्स में चयनित हुए हैं। file photo
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-284 बुनकर सहकारी समितियों द्वारा हो रहा है गणवेश वस्त्रों का उत्पादन
-972 महिला स्व-सहायता समूहों की लगभग 12 हजार महिलाएं कर रही हैं गणवेश की सिलाईरायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य हाथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ मर्या. रायपुर को स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत 33 शैक्षणिक जिलो में लोक शिक्षण संचालनालय एवं समग्र शिक्षा योजनांतर्गत संचालित विद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2023-24 में 64 लाख गणवेश सेट आपूर्ति हेतु क्रय आदेश प्राप्त हुआ है। छत्तीसगढ़ राज्य हाथकरघा संघ द्वारा 21 मार्च से शैक्षणिक सत्र 2023-24 हेतु गणवेश आपूर्ति का कार्य बीजापुर एवं दंतेवाड़ा जिले से प्रारंभ किया गया है।छत्तीसगढ़ राज्य हाथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ मर्या. रायपुर के महाप्रबंधक से मिली जानकारी के अनुसार प्रथम चरण में बीजापुर जिले में 42,582 गणवेश सेट एवं दंतेवाड़ा जिले में 35,468 गणवेश सेट की आपूर्ति हेतु छत्तीसगढ़ राज्य हाथकरघा संघ के गोडाउन से जिलो में वितरण हेतु वाहन रवाना किये गये हैं।उल्लेखनीय है कि स्कूल शिक्षा विभाग के गणवेश वस्त्रों के उत्पादन में राज्य की 284 बुनकर सहकारी समितियों में लगभग 37,500 व्यक्ति संलग्न हैं। छ.ग. राज्य हाथकरघा संघ द्वारा गणवेश वस्त्रों की सिलाई राज्य की 972 महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से करायी जाती है, जिससे लगभग 11,700 महिलाओं को सिलाई के माध्यम से अतिरिक्त रोजगार प्राप्त होता है। छ.ग. राज्य हाथकरघा संघ द्वारा अन्य जिलो में भी आने वाले समय में निरंतर गणवेश की आपूर्ति का कार्य किया जायेगा। - -ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने श्रीसीमेंट प्रतिदिन खरीदेगा 10 मीट्रिक टन गोबर-एडीशनल फ्यूल रिर्सोसेज के रूप में होगा गोबर का उपयोगरायपुर । मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की उपस्थिति में आज यहां विधानसभा परिसर स्थित उनके कार्यालय कक्ष में श्रीसीमेंट उद्योग और जिला प्रशासन बलौदाबाजार-भाटापारा के बीच एमओयू हुआ।बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के सिमगा विकासखण्ड में स्थापित श्री सीमेंट उद्योग द्वारा गोबर क्रय करने की सहमति दी गई है। कोयले की जगह ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने श्रीसीमेंट प्रतिदिन खरीदेगा 10 मीट्रिक टन गोबर। एडीशनल फ्यूल रिर्सोसेज के रूप में गोबर का भट्टी को गरम करने में कोयले के साथ उपयोग किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, कलेक्टर बलौदाबाजार-भाटापारा श्री रजत बंसल और श्री सीमेंट के श्री रवि तिवारी भी उपस्थित थे।अधिकारियों ने बताया कि श्रीसीमेंट के सबसे समीप के गांव चण्डी में गोबर अन्य स्थानों से एकत्र कर कंपनियों को दिया जायेगा। गोबर की पूर्ति सीमेंट उद्योग के 15 किलोमीटर के परिधि वाले 16 गांव से प्रतिदिवस 10 मीट्रिक टन गोबर प्रदाय किया जाएगा। कम्पनी को अब तक 38.8 मीट्रिक टन गोबर प्रदाय किया जा चुका है।बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में 07 गौ-शालाएं हैं, जिसमें 1739 पशुओं को रखा गया है, इनमें 04 सिमगा विकासखण्ड में ही स्थित है जो 20-25 किलोमीटर की दूरी पर है। गौ-शालाओं से भी प्रति दिवस 6 मीट्रिक टन गोबर प्रदाय की संभावना है। जिले में उद्योेगों के समीपस्थ लगभग 95 गांव हैं, जिसमें पशुओं की संख्या लगभग 80 हजार है।गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ शासन की गोबर खरीदी की गोधन न्याय योजना से प्रभावित होकर गोबर के उपयोग के नए-नए नवाचार सामने आ रहे हैं। गोबर से वर्मी कम्पोस्ट, दिये और गमले बनाने के साथ-साथ छत्तीसगढ़ में अब प्राकृतिक पेंट और बिजली का उत्पादन भी किया जा रहा है। इसी कड़ी में बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के श्रीसीमेंट उद्योग ने एडीशनल फ्यूल रिर्सोसेज के रूप में गोबर का उपयोग करने का फैसला किया है।
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सरगुजा। सरगुजा जिले में सोमवार शाम हुए सड़क हादसे में एक युवक की मौत हो गई, वहीं 2 बहनें गंभीर रूप से घायल हो गईं। हादसा अंबिकापुर-रामानुजगंज मार्ग पर शहर से लगे शंकरघाट के पास हुआ। यहां एक तेज रफ्तार ट्रक ने बाइक सवार युवक को अपनी चपेट में ले लिया। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। मामला सिटी कोतवाली क्षेत्र का है।
पुलिस ने बताया कि सूरजपुर जिले के कल्याणपुर का रहने वाला युवक सुनील 18 वर्ष अंबिकापुर के सुभाष नगर में किराए का मकान लेकर रहता था। वो यहां से अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरी कर रहा था। सोमवार शाम वो अपनी दो दोस्तों के साथ बाइक पर घूमने के लिए निकला था। सुनील अपनी दोनों दोस्तों सरोजिनी पैंकरा और मेनका पैंकरा के साथ गोधनपुर क्षेत्र से निकलकर बांसबाड़ी होते हुए शंकरघाट की ओर जा रहा था। तीनों अंबिकापुर-रामानुजगंज नेशनल हाईवे- 343 पर पहुंचे ही थे कि तेज रफ्तार ट्रक ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया।
टक्कर के बाद बाइक सवार युवक और दोनों युवतियां सड़क पर जा गिरीं। इस दौरान ट्रक के पहिए के नीचे आ जाने के कारण युवक की कुचलकर मौत हो गई, जबकि दोनों युवतियां गंभीर रूप से घायल हैं। दोनों युवतियां सरोजिनी पैंकरा 19 वर्ष और मेनका पैंकरा 20 वर्ष सगी बहने हैं। दोनों कुसमी की रहने वाली हैं। लोगों ने सड़क हादसे की सूचना सिटी कोतवाली पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने गंभीर रूप से घायल दोनों बहनों को एंबुलेंस से मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया। -
अंबिकापुर। बलरामपुर में हुए सड़क हादसे में एक चार साल के बच्चे की मौत हो गई है। वो घर के बाहर खेल रहा था। इसके बाद रोड क्रॉस कर दूसरी तरफ जा रहा था। इसी दौरान तेज रफ्तार कार ने उसे टक्कर मार दिया। जिससे बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई है। हादसा त्रिकुंडा थाना क्षेत्र में हुआ है।
घटना के संबंध में कुंडा थाना प्रभारी सतीश ने बताया कि नावाडीह निवासी सुमन यादव का बेटा विवेक यादव रविवार सुबह घर के बाहर खेल रहा था। इसके बाद वह सड़क पार कर रहा था, तभी एक तेज रफ्तार कार आई और उसे टक्कर मार दिया। इससे बच्चा सिर के सहारे जमीन पर गिरा और उसके सिर से काफी खून बह गया। हादसे के बाद मौके पर ही उसकी मौत हो गई। उधर, घटना के बाद कार सवार गाड़ी लेकर मौके से भाग निकला। वहीं आस-पास के लोग काफी नाराज हो गए थे। ऐसे में किसी ने इस बात की सूचना पुलिस को दी। जिसके बाद पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। फिर लोगों को शांत कराया गया।
कुंडा थाना प्रभारी सतीश सहारे ने बताया कि कार सवार झारखंड के गढ़वा से सूरजपुर जिले के कुदरगढ़ धाम जा रहे थे। कार में 4 से 5 लोग सवार थे। पुलिस ने आरोपी कार चालक को गिरफ्तार कर लिया है। -
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में भी 22 मार्च से शुरू होने वाले चैत्र नवरात्र की तैयारियां जोरों पर हैं। श्री आदिशक्ति मां दुर्गा देवी मंदिर धनपुर में शांति एवं सद्भाव के साथ चैत्र नवरात्रि महोत्सव हर साल मनाया जाता है। इस साल भी पुलिस-प्रशासन की उपस्थिति में ग्रामीणों और ट्रस्ट के पदाधिकारियों की बैठक हुई, जिसमें चैत्र नवरात्र मनाने को लेकर चर्चा हुई।
22 मार्च बुधवार से इस बार चैत्र नवरात्रि शुरू होकर 30 मार्च को खत्म होगी। श्री आदिशक्ति मां दुर्गा देवी मंदिर पब्लिक ट्रस्ट धनपुर में चैत्र नवरात्रि महोत्सव पूरे 9 दिनों तक आयोजित होगा। चैत्र नवरात्रि महोत्सव शांतिपूर्ण एवं धूमधाम से मनाने के लिए मंदिर पब्लिक ट्रस्ट के पदाधिकारियों एवं ग्रामीणों की संयुक्त बैठक सोमवार को मरवाही एसडीएम आनंद तिवारी ने ली। इसमें सभी ने शांति और सौहाद्र्र से चैत्र नवरात्रि महोत्सव मनाने के लिए सहमति जताई।
चैत्र नवरात्रि महोत्सव के लिए मंदिर में मनोकामना ज्योति कलश एवं जवारे की स्थापना की जाएगी। इसके लिए मंदिर के पुजारी एवं ट्रस्ट के पदाधिकारियों से संपर्क कर ज्योति कलश की स्थापना कराई जा सकती है। इस बैठक में अनुविभागीय अधिकारी पुलिस अशोक वाडेगांवकर, थाना प्रभारी पेंड्रा धर्म तिवारी, ग्राम धनपुर की सरपंच मीरावती श्याम, कार्यकारी अध्यक्ष आनंद जायसवाल, कोषाध्यक्ष सुरेश पांडे, भागवत सिंह गोंड़, गोविंद सिंह, भारत सिंह श्याम, पीतांबर सिंह मार्को, गणेश पांडे, रामनिवास तिवारी, वेद प्रकाश पाण्डेय, लक्ष्मी प्रसाद तिवारी, रघुवीर श्याम, गुलाब वाकरे, अमन ओट्टी, अजमेर सिंह अध्यक्ष पेसा कमेटी धनपुर, पूर्व जनपद अध्यक्ष देवकी ओट्टी, नायब तहसीलदार प्रशांत गुप्ता, अक्षय नामदेव सहित प्रशासन एवं पुलिस के अधिकारी व बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
विकासखंड मुख्यालय पेंड्रा से उत्तर में सिवनी जाने के रास्ते में पेंड्रा से 14 किलोमीटर दूर मुख्य मार्ग पर पुरातात्विक पौराणिक गांव धनपुर स्थित है। धनपुर गांव बिलासपुर-कटनी रेल मार्ग के पेंड्रा रोड रेलवे स्टेशन से 22 किलोमीटर दूर स्थित है, जबकि विकासखंड मुख्यालय मरवाही से ग्राम धनपुर की दूरी 30 किलोमीटर है।
पौराणिक कथाओं के मुताबिक, प्राचीन काल में पांडवों ने रतनपुर में रहने के बाद एक वर्ष का अज्ञातवास धनपुर के जंगलों में व्यतीत किया था। इस दौरान उन्होंने लगभग 350 तालाब भी बनाए, जिनमें से 200 की संख्या में तालाब अभी भी अस्तित्व में हैं, जबकि बाकी तालाब पर किसानों ने खेत बना लिए हैं।
धनपुर में खुदाई के दौरान कई मूर्तियां एवं निर्माण के अवशेष मिले हैं। ये अविभाजित बिलासपुर जिले में बिखरे जैन कलचुरी हैहैवंशी मूर्ति शिल्प के समकालीन हैं, जिनके 9वीं-10वीं शताब्दी के होने का अनुमान लगाया गया है। जानकारी के मुताबिक, धनपुर जैन धर्मावलंबियों के आश्रय का केंद्र रहा होगा। कई जगहों पर बिखरी जैन मूर्तियों के अवशेष से ये अनुमान लगाया जाता है। पांडवों की नगरी धनपुर अपने आप में कई इतिहास समेटे हुए है। यहां दुर्गा देवी के अलावा भैरव बाबा पत्थर के नीचे गुफा में विराजमान हैं। मंदिर परिसर से कुछ ही दूरी पर प्रसिद्ध बेनीबाई मां की विशालकाय पत्थर में अंकित चित्र है। कहा जाता है कि इसके नीचे जमीन के अंदर कुबेर का खजाना छिपा हुआ है। यहां से कुछ ही दूरी पर भस्मासुर नाम का स्थान है, जहां भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण करके उसे भस्म कर दिया था। इसकी प्रत्यक्ष मूर्ति विराजमान है।
भस्मासुर नाम के स्थान से 1 किलोमीटर दूर जंगल में एक पहाड़ है, जहां दुर्गा देवी की एक बड़ी से पत्थर में चित्र अंकित किया हुआ है। यहां मौजूद कुछ पत्थरों को पत्थर से चोट करने पर घंटी की ध्वनि निकलती है। कथाओं के मुताबिक, पूजा-पाठ के समय पांडव पत्थरों से पत्थरों को बजाते थे, जिससे घंटी की आवाज निकलती थी। यहां तालाब खुदाई के समय भी पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व की कई मूर्तियां निकली थी। -
रायपुर। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री विमल कुमार मुंशी के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है। मुख्यमंत्री ने श्री मुंशी के शोक संतप्त परिवारजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है। मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा है कि श्री विमल कुमार मुंशी रायपुर अधिवक्ता संघ के वरिष्ठ प्रेरक और मार्गदर्शक रहे।
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बेमेतरा। रवेन्द्र सिंह वर्मा कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र ढोलिया बेमेतरा द्वारा राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत 50 छात्र-छात्राओं द्वारा ग्राम चारभाठा में 7 दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया है। इसमें सभी छात्र-छात्राऐं बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। छात्र-छात्राओं द्वारा ग्राम में स्वामी विवेकानंद के मूलभूत सिद्धांत मैं नहीं तुम को आधार बनाकर कार्य करते नजर आ रहे हैं। छात्र-छात्राएं सुबह प्रार्थना, योगासन एवं कसरत के आलावा अन्य साफ-सफाई का कार्य भी कर रहे हैं, जिसमें वे गांव के स्कूल एवं तालाब के आस-पास फैले गंदगी की साफ-सफाई कर रहे हैं, साथ ही स्कूल के बच्चों एवं ग्रामवासियों को भी स्वच्छता की सीख दे रहे हैं। छात्र-छात्राओं द्वारा शिविर में कल स्वास्थ्य दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें डॉ. नरेश कुमार जांगडे द्वारा स्वास्थ्य सुझाव दिये गये एवं स्वास्थ्य रक्षा एवं निवारण के उपायों से भी अवगत कराया गया। इसमें ग्राम चारभाठा की महिला मितानिन श्रीमती सुरेखा और राजकुमारी भी सम्मिलित हुई। इस स्वास्थ्य दिवस का लाभ लेने के लिए ग्राम-चारभाठा के महिला एवं पुरुष ने उपस्थित होकर स्वास्थ्य शिविर का लाभ लिया। डॉ. असित कुमार के नेतृत्व में लगाये गये इस शिविर में छात्र-छात्राओं द्वारा सामाजिक समस्या जैसे-दहेज प्रथा, कुपोषण, साफ-सफाई एवं पेड़-पौधों के रखरखाव, फसल सुधार विषय पर भी भाषण एवं वाद-विवाद कार्यक्रम का आयोजन किया है। जिसमें स्कूल के बच्चे एवं ग्रामीणजन भी शामिल हो रहें हैं। इस शिविर में डॉ.योगेंद्र कुमार, डॉ. नूतन सिंह एवं डॉ. सरिता शर्मा सहयोगी के रूप में उपस्थित थे।
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बेमेतरा। छ.ग.माध्यमिक शिक्षा मण्डल रायपुर द्वारा आयोजित हाईस्कूल परीक्षा 2023 में आज 21 मार्च 2023 को विषय संस्कृत की परीक्षा बेमेतरा जिले के कुल 76 केन्द्रों आयोजित हुई। बेमेतरा जिले में कक्षा 10वीं में कुल 12924 पंजीकृत विद्यार्थी हैं। आज 11604 में 11307 प्रविष्ट एवं 297 परीक्षार्थी अनुपस्थित थे। जिला प्रशासन बेमेतरा द्वारा गठित निरीक्षण दल द्वारा परीक्षा केन्द्र का सघन निरीक्षण किया गया। डिप्टी कलेक्टर पिकी मनहर द्वारा परीक्षा केन्द्र खण्डसरा, सेजेस बेमेतरा का, श्री पुष्पराज खटकर पशु चिकित्सा द्वारा परीक्षा केन्द्र सरदा, बारगांव, आनन्दगांव, भिंभौरी, सेजेस बेरला का, श्री भावेश सिंह द्वारा परीक्षा केन्द्र कुसमी, भनसूली, बालसमुन्द, मउ, खाम्ही, बावामोहतरा, चंदनु का, सुश्री अल्का शुल्का जिला प्रबंधक नागरीक विभाग द्वारा परीक्षा केन्द्र अंधियारखोर, नांदल, झाल, गाड़ामोर का, श्री सांतु लाल नेताम जिला पंजीयक द्वारा परीक्षा केन्द्र ओड़िया, बालक दाढी, कन्या दाढ़ी, खाती, कारेसरा का, श्रीमती बरखा कासु उप संचालक समाज कल्याण विभाग द्वारा परीक्षा केन्द्र नांदघाट, टेमरी, मारो, खेड़ा, सम्बलपुर, नवागांव का, नायब तहसीलदार बेमेतरा/बेरला/नवागढ/साजा/थानखम्हरिया द्वारा परीक्षा केन्द्रों का निरीक्षण किया गया। परीक्षा शांति पूर्ण से संचालित हो रही है, केन्द्राध्यक्षों से प्राप्त जानकारी के अनुसार नकल प्रकरण निरंक रहा। जिले में हाईस्कूल परीक्षा सम्पन्न हो गई है।
- -तेलगा समाज के बैनर तले मिलन समारोह आयोजितटी सहदेवभिलाई नगर। भिलाई तेलगा समाज के बैनर तले रविवार को सेक्टर 06 स्थित डीएसएम तेलुगु स्कूल में उगादि पर्व की पूर्व संध्या पर महिला समूह द्वारा मिलन समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर पूजा थाली श्रृंगार, दक्षिण भारतीय व्यंजन एवं सोलह श्रृंगार प्रतियोगिताएं रखी गईं। इन प्रतियोगिताओं के अलावा गीत-संगीत कार्यक्रम भी हुआ।नतीजों के अनुसार पूजा थाली श्रृंगार प्रतियोगिता में प्रथम रेवती, द्वितीय श्यामला एवं निर्मला, तृतीय जानू दक्षिण भारतीय व्यंजन प्रतियोगिता में पहला स्थान ए स्वाति, दूसरा रेवती तथा तीसरा स्थान जयालक्ष्मी को हासिल हुआ। जबकि श्यामला को सांत्वना पुरस्कार से ही संतोष करना पड़ा। इस प्रतियोगिता में महिलाएं 36 प्रकार के व्यंजन अपने घरों से लाई थीं। सोलह श्रृंगार प्रतियोगिता में निर्मला को प्रथम तथा सीएच नीतू को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ। इस मौके पर पी लक्ष्मी ने अपनी सुरीली आवाज में गीत पेश किया, जिसे सभी ने सराहा।समारोह में ऑल इंडिया तेलुगु कम्युनिटी वेलफेयर एसोसिएशन-तेलुगु सेना के प्रदेशाध्यक्ष नीलम चन्नाकेशवुलु, नीलम माला, समाजसेविका बी पोलम्मा, भूतपूर्व अध्यक्ष सीएच डिल्लीराव एवं पी रामाराव, संस्थापक राजेश्वर राव समेत बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का संचालन सीएच नीतू ने किया। अध्यक्ष डी मोहन राव ने आभार प्रकट किया।
- -खुलेंगे 101 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय-शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाने चॉक परियोजना में 400 करोड़ रूपए का प्रावधान-‘मुख्यमंत्री स्कूल जतन’ योजना में 500 करोड़ रूपए का प्रावधान: विद्यालयों का दिखेगा नया स्वरूप-मेडिकल और इंजीनियरिंग की कोचिंग के लिए कोटा में छात्रावास के लिए 25 लाख रूपए का प्रावधानरायपुर /छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास, स्कूल शिक्षा और सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम के विभाग के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 हेतु 48093 करोड़ 99 लाख 32 हजार रूपए की अनुदान मांगे ध्वनि मत से पारित की गई। इसमें आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विभाग के लिए 40468 करोड़ 4 लाख 80 हजार रूपए, स्कूल शिक्षा के लिए 7 हजार 338 करोड़ 97 लाख 29 हजार रूपए और सहकारिता विभाग के लिए 286 करोड़ 97 लाख 23 हजार रूपए की राशि शामिल है।मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने विभागीय बजट पर चर्चा का उत्तर देते हुए बताया कि स्कूली बच्चों को उत्कृष्टतापूर्ण शिक्षा देना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप सत्र 2021-22 में 52 स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल प्रारंभ किए गए। ये विद्यालय इतने लोकप्रिय हुए कि स्कूलों में बच्चों के लिए उपलब्ध एक-एक सीट के लिए 40-40 आवेदन प्राप्त हुए। इतना ही नहीं बहुत से निजी विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को माता-पिता ने इन स्कूलों में भर्ती कराया। इन स्कूलों की लोकप्रियता को देखते हुए शासन ने लगातार स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालयों की संख्या में वृद्धि की और वर्तमान में 247 अंग्रेजी माध्यम तथा 32 हिन्दी माध्यम विद्यालय संचालित हो रहे हैं। 247 अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में 01 लाख 30 हजार अंग्रेजी माध्यम और लगभग 90 हजार हिन्दी माध्यम के विद्यार्थी अध्ययनरत् हैं। हिन्दी माध्यम के 32 विद्यालयों में लगभग 24 हजार विद्यार्थी अध्ययनरत् हैं।मंत्री डॉ. टेकाम ने कहा कि स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों की लोकप्रियता इस बात से भी प्रमाणित होती है कि दूरस्थ अंचलों में होने वाले भेंट-मुलाकात कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के समक्ष अनेक स्थानों पर नवीन अंग्रेजी माध्यम स्कूल प्रारंभ करने की मांग आई है। इस मांग की पूर्ति के लिए आगामी वर्ष में बजट में 101 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय प्रावधानित किए गए हैं। इससे लगभग 60 हजार नवीन बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में पढ़ने का मौका मिलेगा। आगामी बजट में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों के लिए 870 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त बड़ी संख्या में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम विद्यालय भी प्रारंभ किए जाएंगे।मंत्री डॉ. टेकाम ने बताया कि राज्य सरकार ने सभी महापुरूषों के प्रति सम्मान रखते हुए यह निर्णय लिया है कि यदि किसी विद्यालय को स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में परिवर्तित किया जा रहा है एवं संबंधित विद्यालय का पूर्व में नामकरण किया जा चुका हो तो उसे नहीं बदला जाएगा, बल्कि पूर्व से संचालित विद्यालय के नाम के पश्चात् ‘‘स्वामी आत्मानंद योजना के अंतर्गत’’ शब्द जोड़े जाएंगे।मंत्री डॉ. टेकाम ने कहा कि बच्चों की शैक्षणिक गतिविधियों के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने कई नवाचार किए। कोरोना काल में बुल्टू के बोल, मोहल्ला क्लास, लाउडस्पीकर वाले गुरूजी, श्यामपट वाले गुरूजी, अंगना म शिक्षा के माध्यम से शैक्षणिक गतिविधियों को बनाए रखा। छत्तीसगढ़ में बच्चों के शैक्षणिक स्तर को बचाए रखने में काफी हद तक सफल रहे। इसका प्रमाण ‘असर सर्वे’ की रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश, गुजरात, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक जैसे राज्यों में बच्चों के पढ़ने के स्तर में काफी गिरावट आई है, उसकी तुलना में छत्तीसगढ़ के बच्चों का असर काफी अच्छा रहा। कोरोना महामारी के कारण शैक्षणिक अधिगम के स्तर में आई कमी को दूर करने के लिए विश्व बैंक के समर्थन से 2500 करोड़ रूपए की चॉक परियोजना शुरू कर रहे हैं। इस परियोजना के लिए वर्ष 2023-24 में 400 रूपए का प्रावधान किया गया है।मंत्री डॉ. टेकाम ने बताया कि एससीईआरटी के माध्यम से शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाता है। जिन शिक्षकों ने अपने विद्यालय को उत्कृष्ट बनाने के लिए प्रशिक्षण चाहा था उन्हें प्रशिक्षण दिया गया। कुछ शिक्षकों ने मांग की उन्हें राष्ट्रीय स्तर का अकादमिक एवं प्रशासनिक प्रशिक्षण की आवश्यकता है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए आगामी सत्र के लिए नवा रायपुर में राष्ट्रीय स्तर का शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान हेतु बजट में एक करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।विद्यार्थियों में बुनियादी दक्षताओं को प्राप्त करने के लिए विभाग द्वारा ‘सुघ्घर पढ़वैय्या’ योजना प्रारंभ की गई है। योजना का मूलभाव यह है कि विद्यार्थियों को उनके प्रारंभिक वर्षों में अर्थात् 8 वर्ष की आयु तक समझ के साथ पढ़ना और जोड़ना, घटाना, गुणा-भाग आदि को करने में दक्षता हासिल करना। यह योजना कक्षा पहली से 8वीं तक विद्यार्थियों के लिए है। अभी तक 48 हजार 501 विद्यालयों में से 39009 विद्यालयों में इस चुनौती को स्वीकार किया है। थर्ड पार्टी आकलन के लिए 3880 विद्यालयों ने अनुरोध किया है। इनमें से 630 विद्यालयों का आकलन एससीईआरटी द्वारा किया जा रहा है।मंत्री डॉ. टेकाम ने कहा कि प्रदेश की शालाओं में उच्च स्तर की अधोसंरचनात्मक सुविधाएं विकसित करने के लिए हमारी सरकार ने ‘मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना’ शुरू की है। इससे शीघ्र ही विद्यालयों को नये भौतिक स्वरूप में देखेंगे। इस योजना के लिए बजट में 500 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। नवीन सत्र में विद्यार्थी अपने विद्यालय के सुसज्जित भवन में नई उमंग के साथ पढ़ने जाएंगे। योजना के तहत 20408 विद्यालय चिन्हित किए गए हैं, जहां मरम्मत व अतिरिक्त कक्षों की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए जिलों को अब तक 193 करोड़ की राशि विमुक्त की जा चुकी है। सभी जिलों से 31 मार्च तक जानकारी मंगाई गई है, ताकि स्कूल सत्र शुरू होने से पूर्व स्कूलों को सुसज्जित किया जा सके।मंत्री डॉ. टेकाम ने कहा कि विज्ञान विषय लेकर पढ़ने वाले प्रत्येक विद्यार्थी का सपना रहता है कि वह अच्छे मेडिकल या इंजीनियरिंग संस्थान में एडमिशन ले। इसके लिए बच्चे स्कूली पढ़ाई के साथ-साथ विभिन्न कोचिंग संस्थान में कोचिंग हेतु जाते हैं। राजस्थान के कोटा में संचालित कोचिंग संस्थानों ने पूरे देश में पहचान बनाई है। हमारे प्रदेश से भी बड़ी संख्या में बच्चे कोचिंग के लिए कोटा जाते हैं, परन्तु बहुत से गरीब परिवारों के बच्चे इस सुविधा से वंचित हो जाते हैं। अतः आर्थिक रूप से कमजोर बच्चे कोटा राजस्थान में जाकर कोचिंग ले सकें, इसके लिए सरकार ने वहां छात्रावास निर्माण करने की योजना रखी है। सत्र 2023-24 के लिए 25 लाख के बजट का प्रावधान किया गया है। इसके लिए राजस्थान सरकार से जमीन की मांग की गई है।मंत्री डॉ. टेकाम ने बताया कि हमारी सरकार ने नौनिहालों की नींव मजबूत करने के उद्देश्य से प्रदेश में 5 हजार 173 बालवाड़ी 2022-23 में प्रारंभ किए हैं। बालवाड़ी में 5 से छह वर्ष के बच्चों को प्रवेश दिया गया है और यह आंगनबाड़ी तथा कक्षा पहली के बीच सेतु का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष पूरा विश्व ‘मिलेट्स ईयर’ मना रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार को मिलेट्स में की गई पहल के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है। इसी कड़ी में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा मध्यान्ह भोजन योजना में मिलेट्स को शामिल करने का निर्णय लिया गया है, ताकि बच्चों को कुपोषण से मुक्ति में सहायता मिले। मंत्री डॉ. टेकाम ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में कभी भी शिक्षकों की सीधी भर्ती नहीं की गई थी। हमारी सरकार ने शिक्षा को प्राथमिकता देते हुए 10834 शिक्षकों की भर्ती की है और आने वाले समय में भी आवश्यकतानुसार शिक्षकों की भर्ती की जाएगी।मंत्री डॉ. टेकाम ने सहकारिता विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा का उत्तर देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री बघेल की सरकार बनते ही दो घंटे के भीतर किसानों की ऋण माफी की। सरकार की नीतियों के कारण किसानों का सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है। सहकारी समितियों के माध्यम से गोपालन के लिए 2 लाख रूपए की सीमा तक 01 प्रतिशत एवं 2 से 3 लाख रूपए तक तीन प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। लाख उत्पादकों को दो लाख रूपए की सीमा तक और मत्स्य पालन, उद्यानिकी कार्य हेतु तीन लाख रूपए की सीमा तक शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। विभाग की इस योजना के फलस्वरूप ऋण लेने वाले किसानों की संख्या में वृद्धि हो रही है। वर्ष 2021-22 में 12 लाख 99 हजार कृषकों को 5 हजार 458 करोड़ रूपए का अल्पकालीन ऋण उपलब्ध कराया गया था। वर्ष 2022-23 में 14 मार्च तक लगभग 14 लाख 10 हजार किसानों को 6 हजार 434 करोड़ रूपए का अल्पकालीन ऋण सहकारी समितियों से उपलब्ध कराया गया है, जो विगत वर्ष की अपेक्षा लगभग 18 प्रतिशत अधिक है। कृषक ऋण ब्याज दर युक्तियुक्तकरण के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 में 290 करोड़ रूपए का प्रावधान प्रस्तावित किया गया है।मंत्री डॉ. टेकाम ने प्रदेश में संचालित 1333 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों का पुनर्गठन कर 725 नवीन प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां गठित की गई है। इस तरह प्रदेश में कुल 2058 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां संचालित हैं। प्रदेश में प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के पुनर्गठन के लिए फलस्वरूप नवीन पंजीकृत 725 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में 200 मीट्रिक टन क्षमता का गोदाम सह-कार्यालय निर्माण के लिए प्रति गोदाम 25.56 लाख रूपए की लागत से कुल 185 करोड़ 31 लाख की परियोजना स्वीकृत की गई है। इसके लिए वर्ष 2023-24 में 34 करोड़ 16 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है।मंत्री डॉ. टेकाम ने आदिम जाति, अनुसूचित जाति विकास विभाग की अनुदान मांगों की चर्चा पर उत्तर देते हुए कहा कि वर्ष 2022-23 की तुलना में वर्ष 2023-24 के बजट प्रावधान में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। मुख्य बजट वित्तीय वर्ष 2022-23 में 2347 करोड़ 70 लाख का प्रावधान था, जिसमें 628 करोड़ 65 लाख की वृद्धि हुई है। वर्ष 2023-24 के मुख्य बजट में 2976 करोड़ 35 लाख रूपए का प्रावधान रखा गया है। इस प्रकार प्रावधानित बजट में 26.77 प्रतिशत की वृद्धि परिलक्षित हुई है। इसी प्रकार आदिवासी उपयोजना एवं अनुसूचित जाति उपयोजना के माध्यम से विभिन्न सेक्टरों में विकास कार्यों का गति प्रदान करने के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 में राज्य के मुख्य बजट में आदिवासी उपयोजना मद अंतर्गत कुल बजट प्रावधान 26168 करोड़ 69 लाख 45 हजार शामिल है। इसी तरह अनुसूचित जाति उपयोजना मद वर्ष 2023-24 में कुल बजट प्रावधान 8276 करोड़ 15 लाख 02 हजार रूपए शामिल है।अनुसूचित जनजाति उपयोजना तथा अनुसूचित जाति उपयोजना मदों में वर्ष 2022-23 की तुलना में वर्ष 2023-24 के मुख्य बजट प्रावधान में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। अनुसूचित जनजाति उपयोजना मुख्य बजट प्रावधान वर्ष 2022-23 में 21492 करोड़ 34 लाख 10 हजार रूपए था। वर्ष 2023-24 में 26168 करोड़ 69 लाख 45 हजार का प्रावधान किया गया है। इसमें तुलनात्मक वृद्धि 4676 करोड़ 35 लाख 35 हजार रूपए हुई है, जो 21.75 प्रतिशत है। इसी प्रकार अनुसूचित जाति उपयोजना मद में गत वर्ष के मुख्य बजट की तुलना में वर्ष 2023-24 के मुख्य बजट प्रावधान में 22.67 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्ष 2022-23 के मुख्य बजट में 6746 करोड़ 44 लाख 40 हजार रूपए का प्रावधान था। वर्ष 2023-24 में 8276 करोड़ 15 लाख 2 हजार रूपए का प्रावधान किया गया है। इसमें तुलनात्मक वृद्धि 1529 करोड़ 70 लाख 62 हजार रूपए परिलक्षित हुई है।मंत्री डॉ. टेकाम ने बताया कि वर्ष 2023-24 के मुख्य बजट में नवीन मद के रूप में 15 पोस्ट मैट्रिक छात्रावासों की स्थापना के लिए 01 करोड़ 43 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए हर जिले में पोस्ट मैट्रिक छात्रावास खोले जाएंगे।
- -राजस्व के लंबित प्रकरणों में 34 प्रतिशत की कमी-आवश्यकता एवं मांग के अनुसार नए तहसील और उप तहसील बनाए जाएंगे: राजस्व मंत्री श्री अग्रवालरायपुर / छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज राजस्व एवं आपदा प्रबंधन तथा पुनर्वास विभाग मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल के विभागों के लिए कुल 3287 करोड़ 80 लाख 31 हजार रुपए की अनुदान मांगे सर्वसम्मति से पारित की गईं। इनमें राजस्व विभाग से संबंधित व्यय के लिए 29 करोड़ 24 लाख 69 हजार रुपए, भू-राजस्व तथा जिला प्रशासन के लिए 1885 करोड़ 57 लाख 51 हजार रुपए, पुनर्वास के लिए दो करोड़ 53 लाख 40 हजार रुपए तथा प्राकृतिक आपदाओं एवं सूखाग्रस्त क्षेत्रों में राहत पर व्यय के लिए 1370 करोड़ 44 लाख 71 हजार रुपए शामिल हैं।राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल ने अपने विभागों से संबंधित अनुदान मांगों पर चर्चा के जवाब में कहा कि प्रदेश में तीन-चार वर्षों में जितना काम हुआ है, उतना 30-40 वर्षों में नहीं हुआ है। शासकीय जमीनों से अतिक्रमण कई ज़िलों में हटाया गया है तथा जहां भी अतिक्रमण की शिकायत प्राप्त होती है उनके अतिक्रमण हटाने के लिए नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि नामांतरण प्रक्रिया का ऑनलाइन निराकरण किया जा रहा है। ऑनलाइन नक्शों में नियमानुसार बटांकन भी किया जा रहा है। दिसम्बर-2018 में प्रदेश में नामांतरण, खाता विभाजन, डायवर्सन और सीमांकन के 50 हजार 406 लंबित प्रकरण थे, जो अभी की स्थिति में 32 हजार 831 है। पिछले 4 वर्षों में राजस्व न्यायालयों में लंबित प्रकरणों की संख्या में लगभग 34 प्रतिशत की कमी आई है।उल्लेखनीय है कि अभी तक 13 लाख से ज़्यादा प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है।राजस्व मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि डायवर्सन के कामों में तेजी लाने के लिए राज्य शासन ने एसडीएम को भी डायवर्सन का अधिकार दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जरूरत के मुताबिक नए तहसील और उप तहसील खोले जाएंगे। अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान जिन सदस्यों ने तहसील और उप तहसील की मांग की है, उनका भी ध्यान इसमें रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि भैसाझार नहर परियोजना से संबंधित मुआवजा प्रकरणों की जांच के लिए गठित जिला स्तरीय समिति की रिपोर्ट आ गई है, इसका परीक्षण कर उचित कार्रवाई की जाएगी। साथ ही अन्य मुआवजा प्रकरणों में नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है।श्री अग्रवाल ने बताया कि स्वामित्व योजना के अंतर्गत प्रथम चरण में रायपुर, दुर्ग एवं बिलासपुर संभाग के कुल 3732 ग्रामों में ड्रोन सर्वे पूर्ण किया जा चुका है। प्रदेश के 13 जिलों में फायरब्रिगेड तथा अन्य आपदा राहत कार्यों के लिए 64 करोड़ रूपए दिए गए हैं। विधानसभा में आज राजस्व एवं आपदा प्रबंधन तथा पुनर्वास विभाग से संबंधित अनुदान मांगों पर चर्चा में विधायक सर्वश्री बृजमोहन अग्रवाल, डॉ. विनय जायसवाल, धर्मजीत सिंह, रामकुमार यादव, धरमलाल कौशिक, केशव प्रसाद चंद्रा, सौरभ सिंह और नारायण चंदेल ने हिस्सा लिया।
- रायपुर, / मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को अंतर्राष्ट्रीय वानिकी दिवस 21 मार्च के अवसर पर शुभकामनाएं दी है। आज यहां जारी अपने संदेश में उन्होंने कहा है कि जंगल, पृथ्वी पर प्राणवायु ऑक्सीजन के साथ विभिन्न खाद्य और अन्य उपयोगी सामग्रियों के स्रोत हैं। विश्व भर में पेड़ों और जंगल की सुरक्षा और उसका महत्व जन-जन तक पहुंचाने के लिए 21 मार्च को विश्व वानिकी दिवस मनाया जाता है। बढ़ती जनसंख्या और बदलती जीवन शैली का दुष्प्रभाव हमें सिमटते जंगल और प्रदूषित पर्यावरण के रूप में दिखाई दे रहा है। जंगल पर हजारों-लाखों प्रकार के जीव-जन्तु, कीट पतंगों और प्राणियों की परस्पर निर्भरता रहती है। यह व्यवस्था पर्यावरण के साथ-साथ जैविक सह-अस्तित्व की सुरक्षा के लिए बहुत आवश्यक है। सभी प्रदेशवासी पर्यावरण संरक्षण के लिए आगे आएं। सभी पेड़ लगाएं और वर्षों में तैयार हुए जंगल को बचाकर भविष्य की पीढ़ी को प्रदूषण मुक्त पर्यावरण देने में सहभागी बनें।
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रायपुर / मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से आज छत्तीसगढ़ विधानसभा परिसर स्थित उनके कार्यालय कक्ष में बलौदाबाजार जिले के ग्राम पंचायत दतान के सरपंच श्री वेद प्रकाश वर्मा ने सौजन्य मुलाकात की। श्री वर्मा ने मुख्यमंत्री को छत्तीसगढ़ के राज गीत ’अरपा पैरी के धार........’ की काष्ठ कृति भेंट की।
मुख्यमंत्री श्री बघेल को श्री वेद प्रकाश वर्मा ने बताया कि राजगीत की काष्ठ कृति राजधानी रायपुर निवासी हस्तशिल्प कलाकार श्री डागेश्वर वर्मा के द्वारा बनाई गई है। श्री वर्मा ने डॉ नरेंद्र देव वर्मा द्वारा रचित गीत अरपा पैरी के धार को राजगीत का दर्जा दिए जाने पर मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि राजगीत अरपा पैरी के धार में छत्तीसगढ़ का सांस्कृतिक वैभव अपने नैसर्गिक स्वरूप में प्रकट होता है। छत्तीसगढ़ की माटी की सुगंध से ओतप्रोत राजगीत में छत्तीसगढ़ की सुरम्य नदियों और पर्वतों के अनुपम भौगोलिक सौंदर्य और यहां के समृद्ध लोकजीवन को बड़ी ही खूबसूरती से दर्शाया गया है। जिसे सुनकर हर छत्तीसगढ़िया गर्व अनुभव करता है। इस अवसर पर गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू व कसडोल विधायक सुश्री शकुंतला साहू भी उपस्थित थे।