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- - सांसद संतोष पाण्डेय ने किया प्रतिभागियों को पुरस्कृतराजनांदगांव 1 । स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित 25वीं राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता 2025 के समापन समारोह का आयोजन आज अंतर्राष्ट्रीय एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम राजनांदगांव में हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सांसद श्री संतोष पाण्डेय उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती किरण वैष्णव ने की। सांसद श्री संतोष पाण्डेय ने हॉकी के जादूगर स्वर्गीय श्री ध्यान चंद को याद करते हुए बताया कि उन्होंने राजनांदगांव में अपनी खेल प्रतिभा का प्रदर्शन किया था। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय श्री ध्यान चंद खेल का इतना ज्यादा अभ्यास करते थे कि वे हॉकी के जादूगर हो गए। वे हॉकी खेल के प्रति समर्पित हो गए। उन्होंने कहा कि जब किसी खेल में समर्पित होते है तो वह प्रतिभा निखरकर प्रदेश के मंच, मैदान, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी होते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी खेल व खिलाडिय़ों के प्रति हमेशा सजग रहते है। खिलाडिय़ों से चर्चा करते है। उन्होंने बताया कि ओलंपिक खेल की मेजबानी भारत करने वाला है। इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि आने वाला समय खिलाडिय़ों का है। यहां के अनेक खिलाड़ी बड़े-बड़े पदों पर है। उन्होंने खिलाडिय़ों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए अच्छे खिलाड़ी बनने तथा देश के लिए खेलने के लिए शुभकामनाएं दी।अध्यक्ष जिला पंचायत श्रीमती किरण वैष्णव ने कहा कि खिलाडिय़ों ने 25वीं राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता में सभी खिलाडिय़ों ने अपनी प्रतिभा का बेहतर तरीके से प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि खेल अनुशासन एवं नियम के साथ खेला जाए तो खेल रूचिकर हो जाता है। सभी खिलाडिय़ों ने नियम और अनुशासन से खेल में भाग लिया है। उन्होंने कहा कि खेल में एक लक्ष्य बनाकर खेलना आवश्यक होता है। खिलाड़ी पूर्ण निष्ठा, अनुशासन, नियम और संघर्ष करने से सफलता जरूर हासिल होती है। उन्होंने कहा कि खिलाडिय़ों ने अपनी खेल प्रतिभा को दिखाते हुए जीत हासिल किया है। उन्होंने खिलाडिय़ों को हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए शुभकानाएं दी। इस दौरान स्कूली विद्यार्थियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई। इस अवसर पर उपाध्यक्ष जिला पंचायत श्रीमती किरण साहू, पूर्व विधायक श्री विनोद खाण्डेकर, पूर्व अध्यक्ष राजगामी संपदा न्यास श्री रमेश पटेल, श्री सुमित सिंह भाटिया, श्री आलोक, श्रीमती अमृता सिन्हा, श्री फिरोज अंसारी, श्री रघुवीर सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी श्री प्रवास सिंह बघेल सहित जनप्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारी, प्रतिभागी एवं बड़ी संख्या में खेल प्रेमी उपस्थित थे।
- -पंजीकृत किसानों से होगी समर्थन मूल्य पर धान खरीदी-मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक आयोजितरायपुर ।खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल की अध्यक्षता में धान खरीदी एवं कस्टम मिलिंग की नीति निर्धारण से संबंधित निर्णय लेने हेतु गठित मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक आज मंत्रालय महानदी भवन में संपन्न हुई। बैठक में कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, वित्त मंत्री श्री ओ. पी. चौधरी तथा राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा उपस्थित थे।बैठक में आगामी खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में पंजीकृत किसानों से भारत सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य पर धान खरीदी किए जाने के लिए समुचित एवं पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। खरीफ वर्ष 2025-26 में किसानों का पंजीकरण एग्रीस्टेक पोर्टल के साथ-साथ एकीकृत किसान पोर्टल में किया जाएगा। किसान पंजीकरण का कार्य निर्धारित समय-सीमा में संपन्न करने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश भी दिए गए।बैठक में यह भी निर्देशित किया गया कि किसानों को उनके द्वारा समर्थन मूल्य पर बेचे गए धान का भुगतान समय पर प्राप्त हो, इसके लिए आवश्यक प्रबंध किए जाएँ। धान उपार्जन के लिए आवश्यक नये एवं पुराने जूट बारदाने की व्यवस्था समयानुसार सुनिश्चित करने की जानकारी दी गई। धान की रिसाइक्लिंग रोकने हेतु प्रभावी प्रबंध करने और सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध धान की रोकथाम के लिए विशेष जाँच दल गठित करने के निर्देश दिए गए। इसी प्रकार, उपार्जित धान की मिलिंग हेतु आवश्यक तैयारियाँ करने पर भी बल दिया गया।इस अवसर पर बैठक में सचिव खाद्य विभाग श्रीमती रीना बाबा साहेब कंगाले, सचिव वित्त विभाग श्री मुकेश बंसल, सचिव वाणिज्य एवं उद्योग विभाग श्री रजत कुमार, प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ श्रीमती किरण कौशल, संयुक्त सचिव कृषि विभाग श्री राहुल देव तथा प्रबंध संचालक अपेक्स बैंक श्री के. एन. कांडे उपस्थित थे।
- -समर्थ दिव्यांग केंद्र और नशामुक्ति केंद्र की व्यवस्थाओं का लिया जायजा-दिव्यांग बच्चों को चॉकलेट देकर उनका हौसला बढ़ाया-शिक्षकों को बच्चों की शिक्षा और स्वच्छता पर ध्यान देने के दिए निर्देशरायपुर,। समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने अपने सरगुजा संभाग के दौरे के दौरान जशपुर पहुंचकर कई शासकीय संस्थाओं का निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने समर्थ दिव्यांग आवासीय प्रशिक्षण केन्द्र में दिव्यांग बच्चों के साथ समय बिताया और वहां उनके शिक्षण-प्रशिक्षण संबंधी व्यवस्थाओं का मुआयना किया।श्रीमती राजवाड़े ने समर्थ आवासीय दिव्यांग प्रशिक्षण केंद्र में बच्चों से उनकी दिनचर्या की जानकारी ली। बच्चों से आत्मीय संवाद के दौरान उन्होंने सभी को टॉफियां बांटी और मन लागकर पढ़ाई करने की सीख दी। निरीक्षण के दौरान एक नन्हे दिव्यांग बालक की ड्रेस को उन्होंने स्वयं ठीक किया और उसे स्वच्छता और नियमित पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया। मंत्री ने बच्चों की नोटबुक भी देखी और शिक्षकों को बच्चों के सर्वांगीण विकास पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।इसके बाद उन्होंने नशामुक्ति केंद्र का निरीक्षण किया। यहां नशा छोड़ने के लिए उपचार ले रहे लोगों से बातचीत करते हुए उन्होंने परिवार के महत्व पर प्रकाश डाला और उन्हें नशा त्याग कर जिन्दगी की फिर से एक नई शुरुआत करने के लिए प्रोत्साहित किया। केंद्र में योग, खेल और काउंसिलिंग जैसी गतिविधियों की जानकारी मिलने पर मंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की और संचालकों को नियमित काउंसिलिंग तथा अनुशासित दिनचर्या बनाए रखने के निर्देश दिए।मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने दृष्टिबाधित बच्चों के विशेष विद्यालय का भी निरीक्षण किया। मंत्री श्रीमती राजवाड़े के विद्यालय आगमन पर दृष्टिबाधित बच्चों ने स्वागत गीत की शानदार प्रस्तुति दी। मंत्री ने बच्चों से आत्मीय बातचीत कर उनकी रुचियों और सपनों को जाना। उन्होंने शिक्षकों को निर्देशित किया कि बच्चों को उनकी रुचि अनुसार विषय और कला प्रशिक्षण दिया जाए। उन्होंने बच्चों के लिए नए ड्रेस एवं वस्त्र का वितरण सुनिश्चित करने के साथ ही स्वच्छता और भोजन व्यवस्था पर विशेष रूप से ध्यान देने के निर्देश दिए।निरीक्षण के दौरान समाज कल्याण विभाग की संचालक श्रीमती रोक्तिमा यादव, महिला एवं बाल विकास विभाग की संयुक्त संचालक श्रीमती अर्चना राणा सेठ, जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री अजय शर्मा, डिप्टी कलेक्टर श्री समीर बड़ा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
- -प्रार्थना व किचन शेड का भूमिपूजन, 57 छात्राओं को साइकिल वितरितरायपुर,। राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने शुक्रवार को बलौदाबाजार विकासखंड के शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय चांपा में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होकर छात्र-छात्राओं के बीच नई ऊर्जा का संचार किया। उन्होंने विद्यालय परिसर में प्रार्थना शेड एवं किचन शेड निर्माण के लिए भूमिपूजन किया तथा सरस्वती साइकिल योजना अंतर्गत 57 छात्राओं को साइकिल वितरित की। इसके साथ ही कक्षा 10वीं एवं 12वीं की मेरिट सूची में स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को प्रोत्साहन राशि के चेक भी प्रदान किए।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री श्री वर्मा ने कहा कि दृढ़ निश्चय और ईमानदार मेहनत से कोई भी लक्ष्य कठिन नहीं रहता। विद्यार्थियों को अभी से अपना लक्ष्य निर्धारित कर पूरी लगन से पढ़ाई करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रदेश सरकार शिक्षा के क्षेत्र को सुदृढ़ बनाने के लिए सतत कार्य कर रही है। युक्तियुक्तकरण नीति के तहत शिक्षकविहीन व एकल शिक्षक संचालित शालाओं में शिक्षकों की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।मंत्री श्री वर्मा ने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश में राष्ट्रीय महत्व के संस्थान स्थापित हुए हैं। इंजीनियरिंग व मेडिकल शिक्षा में भी बेहतर अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए संसाधन और सुविधाएं दी जा रही हैं। उन्होंने विशेष रूप से बेटियों की शिक्षा पर बल देते हुए कहा कि शिक्षित महिला न केवल घर-परिवार को संवारती है बल्कि समाज और भविष्य को भी नई दिशा देती है।इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि, शिक्षक, ग्रामीण व बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे उपस्थित रहे।
- -आर्थिक तंगी झेल रही महिला को मिला नया जीवनरायपुर। कोण्डागांव के बाजारपारा की 35 वर्षीय सावित्री कोर्राम घर चलाने के लिए दूसरों के घरों में झाड़ू–पोछा और बर्तन धोने का काम करके अपने दो बेटे और दो बेटियों का पालन–पोषण कर रही थी। लेकिन तकदीर ने फिर करवट बदली। दो वर्ष पहले उन्हें गंभीर किडनी रोग की पुष्टि हुई। डॉक्टरों ने तत्काल ऑपरेशन की सलाह दी, लेकिन निजी अस्पताल का खर्च सुनते ही सावित्री की दुनिया जैसे थम गई। आर्थिक स्थिति ने उन्हें मजबूर किया कि वह अधूरे इलाज के साथ घर लौट आएँ। चार बच्चों की परवरिश और घर की जिम्मेदारियों के बीच सावित्री को लगा कि उनकी जिंदगी धीरे-धीरे खत्म हो रही है।कोण्डागांव जिला अस्पताल बना सहाराहताशा और निराशा के बीच उन्होंने जिला अस्पताल कोण्डागांव का दरवाजा खटखटाया। अस्पताल के सर्जन डॉ. एस. नगुलन व उनकी टीम ने जांच की और स्पष्ट किया कि उनकी एक किडनी पूरी तरह खराब हो चुकी है, जिसे निकालना ही एकमात्र विकल्प है।सामान्य ऑपरेशन में बड़े चीरे और संक्रमण का खतरा अधिक था। यह जोखिम उठाना सावित्री के लिए कठिन था। तब डॉक्टर नगुलन ने साहसिक निर्णय लिया ऑपरेशन लेप्रोस्कोपिक तकनीक से किया जाएगा।जिला अस्पताल से प्राप्त जानकारी अनुसार 4 सितंबर को जिला अस्पताल कोण्डागांव में सावित्री का ऑपरेशन हुआ। ऑपरेशन थिएटर में डॉ. एस. नगुलन के साथ डॉ. शैलेश कुमार, डॉ. अनिल देवांगन, डॉ. कृष्णा मरकाम मौजूद थे। ओटी हेड नर्स स्वप्नप्रिया, स्टाफ नर्स पुष्पलता कुंवर, हेमंत मंडावी, संजना जैन, रामेश्वरी, अर्चना, साधना और रीना ने भी अहम भूमिका निभाई। करीब तीन घंटे चले इस ऑपरेशन में सावित्री की खराब किडनी को सफलतापूर्वक निकाला गया। यह ऑपरेशन पूर्णत: सफल रहा और अब सावित्री तेजी से स्वास्थ्य लाभ ले रही हैं। किडनी के सफलतापूर्वक इलाज के बाद सावित्री ने कहा"पहले लगा कि गरीबी और बीमारी ने मेरी जिंदगी खत्म कर दी है। लेकिन जिला अस्पताल और आयुष्मान कार्ड ने मुझे नया जीवन दिया है।"प्रशासन की दूरदर्शिता और टीमवर्कइस सफलता के पीछे जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की योजनाबद्ध मेहनत भी है। कलेक्टर श्रीमती नूपुर राशि पन्ना जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने पर विशेष जोर दे रहे हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर.के. चतुर्वेदी और सिविल सर्जन डॉ. प्रेम मंडावी के मार्गदर्शन में यह ऐतिहासिक ऑपरेशन संभव हुआ।यह उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व और स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाएँ निरंतर सुदृढ़ हो रही हैं। राज्य सरकार का विजन है कि अब इलाज के लिए मरीजों को बड़े शहरों पर निर्भर न रहना पड़े।पहले बस्तर अंचल के लोग गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए विशाखापत्तनम, रायपुर या अन्य बड़े शहरों का रुख करते थे, लेकिन अब जिला स्तर पर ही आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं। कोण्डागांव जिला अस्पताल में हुआ यह लेप्रोस्कोपिक ऑपरेशन इसी दिशा में मील का पत्थर है।
- रायपुर। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप ने आज जगदलपुर में प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह रथ पावर हाउस चौक स्थित सब स्टेशन से अपनी यात्रा पर निकला है। इस रथ का उद्देश्य शहर और आस-पास के गांवों में घूमकर लोगों को जागरूक कर इस योजना के लाभ और आवेदन प्रक्रिया के बारे में जानकारी देना है।इस अवसर पर वन मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि यह योजना लोगों को बिजली के बिल से राहत दिलाने में सहायक होगी। यह केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य देशभर में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत सरकार द्वारा 78 हजार रुपये तक की सब्सिडी प्रदान की जा रही है, इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा भी 30 हजार रुपए की सहायता प्रदान की जा रही है। इससे लोगों को अपने घरों में सोलर पैनल लगाना आसान हो गया है। इस अवसर पर विधायक श्री किरण देव और महापौर श्री संजय पांडे सहित अन्य जनप्रतिनिधि और ऊर्जा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
- -महिलाओं और बच्चों के पोषण पर ध्यान देने के निर्देश-विशेष पिछड़ी जनजातीय क्षेत्रों में योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंरायपुर। महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने आज जशपुर स्थित जिला पंचायत कार्यालय के सभाकक्ष में में महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों की संयुक्त बठैक लेकर दोनों विभागों की योजनाओं एवं कार्यक्रमों की प्रगति की गहन समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को आम जनता के हित में योजनाओं एवं कार्यक्रमों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने कहा कि जशपुर मुख्यमंत्री जी का गृह जिला है। इसे आदर्श जिले के रूप में विकसित करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि गर्भवती एवं शिशुवती माताओं और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण पोषण उपलब्ध कराया जाए तथा रेडी-टू-ईट और टीएचआर वितरण में किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो।श्रीमती राजवाड़े ने आंगनबाड़ी केंद्रों की स्वच्छता पर विशेष बल देते हुए कहा कि बरसात के दिनों में विषैले जीव-जंतु का खतरा अधिक रहता है, इसलिए प्रत्येक केंद्र की नियमित सफाई की जानी चाहिए। उन्हांेने बच्चों और अभिभावकों को भी स्वच्छता के प्रति जागरूक करने की भी बात कही। मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने विशेष पिछड़ी जनजातीय क्षेत्रों में शासकीय योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और जागरूकता के लिए बेहतर नीति बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इन इलाकों में महिला और बच्चों को सुपोषित बनाना तथा कुपोषण को जड़ से समाप्त करना ही सरकार का लक्ष्य है।बैठक में यह भी निर्देश दिए गए कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सुपरवाइजर बच्चों को पोषण के साथ-साथ औपचारिक शिक्षा का भी ज्ञान दें। समाज कल्याण विभाग की समीक्षा के दौरान उन्होंने बुजुर्गों और दिव्यांगों तक सभी शासकीय योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करने और नशा मुक्ति अभियान को व्यापक रूप से चलाने पर बल दिया। बैठक में जशपुर विधायक श्रीमती रायमुनी भगत ,समाज कल्याण विभाग की संचालक श्रीमती रोक्तिमा यादव, महिला एवं बाल विकास विभाग की संयुक्त संचालक श्रीमती अर्चना राणा सेठ, जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री अजय शर्मा, डिप्टी कलेक्टर श्री समीर बड़ा सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
- -स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने पर दें विशेष जोर: वन मंत्री श्री केदार कश्यप-वन आधारित रोजगार सृजन एवं वनों के संरक्षण हेतु कार्ययोजना के अनुरूप करें पहलरायपुर । वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप की अध्यक्षता में आज जगदलपुर स्थित वन विद्यालय के सभाकक्ष में वन विभाग के विभिन्न कार्यों की विस्तृत समीक्षा की गई। बैठक में वृक्षारोपण, कूप कटाई, निर्माण कार्य, राजस्व संग्रहण, वनों के संरक्षण तथा जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन प्रगति पर विस्तृत चर्चा हुई। साथ ही, ग्रामीणों की आय में वृद्धि के लिए विभाग द्वारा संचालित प्रयासों की गहन समीक्षा की गई। वन मंत्री श्री कश्यप ने बैठक में कहा कि वनों के संरक्षण के साथ-साथ स्थानीय ग्रामीणों विशेषकर युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने पर विशेष जोर दिया जाए। इस दिशा में कार्ययोजना के अनुरूप वृक्षारोपण, सयुंक्त वन प्रबंधन और समुदाय की सहभागिता से वनों की देखभाल और प्रबंधन के लिए व्यापक प्रयास किया जाए। साथ ही लाख पालन, वनोत्पाद पर आधारित प्रसंस्करण एवं ईको टूरिज्म के जरिए रोजगार सृजन को बढ़ावा दिया जाए।बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों ने विभिन्न योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि वृक्षारोपण अभियान के तहत लाखों पौधे रोपे जा चुके हैं, जबकि कूप कटाई और निर्माण कार्यों में भी तेजी आई है। राजस्व संग्रहण में वृद्धि दर्ज की गई है और मालिक मकबूजा योजना के माध्यम से वनवासियों को उनके अधिकार सुनिश्चित किए जा रहे हैं। जन कल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत लघु वनोपज संग्रहण और वैकल्पिक आजीविका स्रोतों पर फोकस किया गया, ताकि ग्रामीणों की आय दोगुनी हो सके।इस अवसर पर वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि वनोपज वनवासियों की आजीविका का आधार है। इको टूरिज्म और वनोपज प्रसंस्करण के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को रोजगार दें। बस्तर कई दशकों से माओवाद से पीड़ित रहा है, किंतु अब माओवाद के साए से बाहर आ रहा है। उन्होंने कहा कि बस्तर के विभिन्न पर्यटन स्थानों पर सुविधाएं प्रदान करते हुए स्थानीय युवाओं को रोजगार दें। पर्यटन स्थानों के विकास में स्थानीय परंपराओं का विशेष ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि लघु वनोपज के प्रसंस्करण का लाभ स्थानीय युवाओं को मिले। नीलगिरी और अकेशिया के विदोहन के लिए आवश्यक नीति निर्माण हेतु तत्परता से कार्य करें। वन भूमि से अतिक्रमण हटाने के पश्चात तत्काल वृक्षारोपण करें। वनमंत्री श्री कश्यप ने बैठक में वृक्षों की कटाई और अवैध परिवहन पर नजर रखने और कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। वन भूमि पर अतिक्रमण पर त्वरित कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि वनौषधि के संरक्षण के साथ ही वैद्यों के परंपरागत ज्ञान का उपयोग कर उनकी भूमि में वनौषधियों का रोपण करें तथा वन भूमि के तालाबों का उपयोग मछली पालन हेतु करें और स्थानीय युवाओं को रोजगार दें। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण के साथ ही पौधों की देखभाल और वृक्षों का संरक्षण हमारा दायित्व है। इस दायित्व का निर्वहन भली भांति करें। योजना बनाकर कार्य को पूर्ण करें।वन मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि बस्तर क्षेत्र में माओवाद के खात्मे के बाद विकास की नई लहर चल रही है और वन विभाग को इसमें अग्रणी भूमिका निभानी होगी। उन्होंने अधिकारियों को योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने के निर्देश दिए। वन मंत्री श्री कश्यप ने बस्तर के नियद नेल्लानार योजना क्षेत्रों में वन विभाग की जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में विशेष तौर पर ध्यान केंद्रित करने सहित नियमित रूप से मॉनिटरिंग किए जाने की बात कही।बैठक में प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री व्ही. श्रीनिवास राव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ श्री अनिल साहू, प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी श्री अरुण पाण्डे, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री ओपी यादव, मुख्य वन संरक्षक श्री आरसी दुग्गा, मुख्य वन संरक्षक कांकेर श्री दिलराज प्रभाकर, मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी जगदलपुर सुश्री स्टाइलो मंडावी, तीनों वन वृत्त के सभी वन मंडलाधिकारी एवं उप वन मंडलाधिकारी उपस्थित रहे।
- -छत्तीसगढ़ के आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के गौरव गाथा पर आधारित है संग्रहालय- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी राज्योत्सव पर करेंगे संग्रहालय का शुभारंभ-संग्रहालय निर्माण का कार्य 30 सितम्बर तक पूर्ण करने का लक्ष्य-प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने की निर्माण कार्यो की समीक्षारायपुर । नवा रायपुर में शहीद वीर नारायण सिंह स्मारक सह आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय लगभग बनकर तैयार हो गया है। देश का पहला डिजिटली संग्रहालय होगा, जहां छत्तीसगढ़ के आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के गौरव गाथा एवं योगदान की जीवंत झांकी देखने को मिलेगी। यह संग्रहालय आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, परिसर में तैयार हो रहा है।प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के राज्योत्सव के मौके पर छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान इस संग्रहालय के उद्घाटन के मद्देनजर प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने संग्रहालय की निर्माण की प्रगति की समीक्षा की और 30 सितम्बर तक सभी कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा एवं रानी गाइडल्यू की मूर्ति लगाने और संग्रहालय के फर्श पर ट्राईबल कलाकारों की आर्ट्स को अंकित करने के साथ ही संग्रहालय की सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में भी अधिकारियों को निर्देश दिए। बैठक में आयुक्त डॉ. सारांश मित्तर, छत्तीसगढ़ राज्य अंत्यावसायी निगम के संचालक डॉ. जगदीश कुमार सोनकर, संचालक टीआरटीआई श्रीमती हीना अनिमेष नेताम सहित निर्माण कार्य से जुड़े अधिकारी और निविदाकार उपस्थित थे।डिजिटल स्क्रीन पर मिलेगी जनजातीय विद्रोहों की झलकशहीद वीर नारायण सिंह स्मारक सह आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय में स्वतंत्रता आंदोलन के समय छत्तीसगढ़ में हुए विभिन्न आदिवासी विद्रोहों जैसे हल्बा विद्रोह, सरगुजा विद्रोह, भोपालपट्टनम विद्रोह, परलकोट विद्रोह, तारापुर विद्रोह, लिंगागिरी विद्रोह, कोई विद्रोह, मेरिया विद्रोह, मुरिया विद्रोह, रानी चौरिस विद्रोह, भूमकाल विद्रोह, सोनाखान विद्रोह, झण्डा सत्याग्रह एवं जंगल सत्याग्रह के वीर आदिवासी नायकों के संघर्ष (1923, 1920) एवं शौर्य के दृश्य का जीवंत प्रदर्शन होगा।शहीद वीरनारायण सिंह स्मारक सह आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों पर आधारित यह संग्रहालय पूरी तरह से डिजिटली रूप से तैयार किया जा रहा है। आगंतुक डिजिटल स्क्रीन के माध्यम से आदिवासी विद्रोहों की जानकारी ले सकेंगे। इसके अलावा मोबाइल फोन के जरिए भी क्यू आर कोड स्कैन के जरिए देखी जा सकेगी। स्वतंत्रता सेनानियों की जानकारी हिन्दी एवं अंग्रेजी भाषाओं में उपलब्ध रहेगी।सेल्फी प्वाइंट और दिव्यांग जनों के लिए भी विशेष इंतजामसंग्रहालय में पर्यटकों एवं आगंतुको के लिए आदिवासी विद्रोहों से संबंधित कॉफी टेबल बुक भी उपलब्ध रहेगा। इसके अलावा संग्रहालय में आगंतुकों के लिए भी सेल्फी प्वाइंट भी बनाया जा रहा है। यहां आने वाले सीनियर सिटीजन और दिव्यांग जनों के लिए भी विशेष सुविधाओं का भी इंतजाम किया जा रहा है।
- -40 हजार से अधिक खिलाड़ी लेंगे भाग, 11 खेलों में दिखाएंगे कौशलरायपुर । उप मुख्यमंत्री द्वय श्री अरुण साव और श्री विजय शर्मा ने बस्तर ओलंपिक की तैयारियों की समीक्षा की। उप मुख्यमंत्री श्री साव के नवा रायपुर स्थित निवास कार्यालय में आज आयोजित बैठक में पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी बस्तर ओलंपिक का वृहद आयोजन करने इसकी रुपरेखा और व्यवस्थागत तैयारियों पर गहन चर्चा की गई। आगामी अक्टूबर-नवम्बर में होने वाले बस्तर ओलंपिक में तीन स्तरों विकासखंड, जिला और संभाग स्तर पर विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। इनमें बस्तर संभाग के सातों जिलों और 32 विकासखंडों के 40 हजार से अधिक खिलाड़ी भाग लेंगे। खेल और युवा कल्याण विभाग के सचिव श्री यशवंत कुमार, संयुक्त सचिव श्री सुखनाथ अहिरवार और संचालक श्रीमती तनूजा सलाम भी बैठक में शामिल हुईं।उप मुख्यमंत्रीद्वय श्री अरुण साव और श्री विजय शर्मा ने बस्तर ओलंपिक की तैयारियों की समीक्षा कीउप मुख्यमंत्री तथा खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री अरुण साव ने बैठक में कहा कि बस्तर ओलंपिक केवल खेलों का आयोजन नहीं है, बल्कि विकास और खेल का संगम है। यह संगठित रूप से बस्तर के युवाओं के सशक्तीकरण और उनमें नेतृत्व के विकास की पहल है। राज्य सरकार इन रचनात्मक पहलों से बस्तर में भयमुक्त वातावरण बनाकर युवाओं को खेल और उत्सव से जोड़ना चाहती है। उन्होंने बस्तर ओलंपिक के सफल आयोजन के लिए विभिन्न विभागों के साथ समन्वय कर पुख्ता कार्ययोजना तैयार करते हुए आयोजन के ध्येय वाक्य ‘करसाय ता बस्तर बरसाय ता बस्तर’ (खेलेगा बस्तर जीतेगा बस्तर) को धरातल पर उतारने के निर्देश दिए। श्री साव ने यूथ आइकॉन घोषित किए गए पिछले वर्ष के विजेता खिलाड़िय़ों, बस्तर संभाग के सभी खेल अधिकारियों, पी.टी.आई., पंचायत सचिवों, ‘बिहान’ की महिलाओं और खेल संघों को सक्रियता से जोड़कर बस्तर ओलंपिक को जन-जन तक पहुंचाने को कहा।उप मुख्यमंत्रीद्वय श्री अरुण साव और श्री विजय शर्मा ने बस्तर ओलंपिक की तैयारियों की समीक्षा कीउप मुख्यमंत्री तथा गृह मंत्री श्री विजय शर्मा ने बैठक में खेल एवं युवा कल्याण विभाग के अधिकारियों से कहा कि बस्तर ओलंपिक को यादगार बनाने सभी विभाग अपनी-अपनी भूमिका और कार्यों के अनुरूप जिम्मेदारियों का वहन करें। बस्तर के ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ियों की भागीदारी उनका आत्मविश्वास बढ़ाएगी और सकारात्मक वातावरण तैयार करेगी। उन्होंने बस्तर ओलंपिक के आयोजन का व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए इसमें बस्तर के सभी गांवों के सभी बच्चों की भागीदारी सुनिश्चत करने को कहा। श्री शर्मा ने आयोजन की तैयारियों को मूर्त रूप देने जल्दी ही इससे जुड़े विभागों, अधिकारियों और संस्थाओं की बस्तर में भी बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए जिससे की तैयारियों को और गति दी जा सके।11 खेलों की स्पर्धाएं होंगी, नक्सल हिंसा के दिव्यांग और आत्मसमर्पित नक्सली भी दिखाएंगे अपना दमखमविकासखंड, जिला और संभाग स्तर पर करीब डेढ़ महीने तक चलने वाले बस्तर ओलंपिक में 11 खेलों को शामिल किया गया है। जूनियर वर्ग में बालक और बालिकाओं तथा सीनियर वर्ग में महिला और पुरूषों के लिए प्रतियोगिताएं होंगी। नक्सल हिंसा के दिव्यांगों तथा आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए भी संभाग स्तर पर पुरूषों और महिलाओं के लिए प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। बस्तर ओलंपिक के दौरान एथलेटिक्स, तीरंदाजी, बैडमिंटन, फुटबॉल, हॉकी, वेटलिफ्टिंग, कराटे, कबड्डी, खो-खो, वॉलीबॉल और रस्साखींच में पूरे बस्तर के खिलाड़ी अपना खेल कौशल दिखाएंगे।
- -उप मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग के कार्यों की समीक्षा की-कार्यों की धीमी प्रगति पर जताई नाराजगी, अगली बैठक के पहले भू-अर्जन, प्राक्कलन, निविदा, कार्य अनुबंध व कार्यादेश संबंधी सभी कार्यवाहियों को पूर्ण करने कहा-सड़क निर्माण के कार्यों में तेजी लाने के दिए निर्देश, बरसात के तुरंत बाद युद्धस्तर पर करें सड़कों की मरम्मतरायपुर । उप मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण मंत्री श्री अरुण साव ने आज विभागीय कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने नवा रायपुर स्थित विश्राम भवन में आयोजित बैठक में शासन द्वारा स्वीकृति प्राप्त सड़क निर्माण के कार्यों के लिए जरूरी भू-अर्जन की कार्यवाहियों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने इस संबंध में जिला कलेक्टर के साथ मिलकर त्वरित कार्यवाही करने को कहा। उन्होंने सभी निर्माण कार्यों में गुणवत्ता के साथ ही उन्हें निर्धारित समय पर पूरा करने पर जोर दिया। लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह और प्रमुख अभियंता श्री वी.के. भतपहरी भी समीक्षा बैठक में शामिल हुए।उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने वित्तीय वर्ष 2024-25 और 2025-26 के कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि सड़क, सेतु और भवन निर्माण की सभी परियोजनाओं के कार्यों को समयबद्ध ढंग से आगे बढ़ाते हुए समय-सीमा में पूर्ण करें। उन्होंने कार्यों की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को फील्ड में सक्रियता व गंभीरता से काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त सभी कार्यों में तेजी से भू-अर्जन कर निविदा की कार्यवाही पूर्ण करने और यथाशीघ्र कार्यारंभ करने को कहा।भू-अर्जन की कार्यवाहियों में लाएं तेजी – श्री अरुण सावउप मुख्यमंत्री श्री साव ने बैठक में मौजूद सेतु बंध तथा सभी परिक्षेत्रों के मुख्य अभियंताओं को निर्देशित करते हुए कहा कि अपने दायित्वों का गंभीरता से निर्वहन करते हुए प्रस्तावित कार्यों के लिए जरूरी मंजूरी तत्परता से प्रदान करें। उन्होंने डीपीआर बनाते समय ही परियोजना का अच्छे से मूल्यांकन करने को कहा ताकि बजट और कार्य पूर्णता के लिए निर्धारित समय के पुनरीक्षण की जरूरत न पड़े। उन्होंने बरसात के तुरंत बाद प्रदेशभर में सड़कों की मरम्मत का काम युद्धस्तर पर प्रारंभ करने के निर्देश दिए। उन्होंने दिसम्बर तक सभी जिलों में मरम्मत का काम पूर्ण करने को कहा।श्री साव ने सभी मुख्य अभियंताओं को अगली समीक्षा बैठक के पहले भू-अर्जन, प्राक्कलन, निविदा, कार्य अनुबंध और कार्यादेश से संबंधित सभी कार्यवाहियों को पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने बैठक में सड़कों पर पेच रिपेयर के लिए कार्ययोजना के अनुसार अनुबंध एवं कार्यादेश की स्थिति, राष्ट्रीय राजमार्ग तथा ए.डी.बी. के अपूर्ण कार्यों की प्रगति की भी समीक्षा की।
- -विकास योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर:गांव-गांव तक योजनाओं की पहुँच सुनिश्चित करने के निर्देशरायपुर / मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह ने आज मंत्रालय महानदी भवन में राज्य के नक्सल प्रभावित जिलों में विकास कार्यों की समीक्षा की। बैठक में बस्तर, सुकमा, दक्षिण बस्तर, दंतेवाड़ा, उत्तर बस्तर कांकेर, नारायणपुर, कोंडागांव, बीजापुर, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी और गरियाबंद जिलों में हितग्राही मूलक कार्यक्रमों और योजनाओं की समीक्षा की गई।प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह ने नक्सल प्रभावित जिलों में मनरेगा, आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड, उज्ज्वला योजना, जनधन खाता, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, आधार कार्ड सहित अन्य हितग्राही मूलक कार्यक्रमों की विस्तार से समीक्षा की।बैठक में बताया गया कि एलडब्ल्यूई प्रभावित जिलों में लगभग 99 प्रतिशत से अधिक लोगों का आधार पंजीकरण पूरा कर लिया गया है। इसी प्रकार लगभग 28 लाख 18 हजार 616 किसानों का प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अंतर्गत पंजीकरण कर उन्हें योजना का लाभ दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत 26 लाख 21 हजार 491 हितग्राहियों के बैंक खाते खोले गए हैं। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 35 लाख 66 हजार 409 हितग्राहियों को गंभीर बीमारियों के उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। ग्रामीण इलाकों में मोबाइल कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए मोबाइल टावर स्थापित किए जा रहे हैं। क्षेत्र में लोगों को अधिक से अधिक बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु विभिन्न बैंकों और डाकघरों की शाखाएं खोली जा रही हैं। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत सभी पात्र हितग्राहियों को नियमित रूप से खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए राशन कार्ड बनाए गए हैं।बैठक में प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह ने निर्देशित किया कि क्षेत्र के सभी पात्र मनरेगा हितग्राहियों को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु उनका जॉब कार्ड अवश्य प्रदान किया जाए। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत स्वीकृत सभी आवासों का निर्माण कार्य शीघ्र पूरा किया जाए तथा सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को प्रधानमंत्री आवास उपलब्ध कराए जाएं।उन्होंने निर्देश दिया कि महतारी वंदन योजना के अंतर्गत शेष हितग्राहियों का शीघ्र सर्वे कर उन्हें लाभान्वित किया जाए। आत्मसमर्पित नक्सलियों को कौशल विकास योजना के तहत क्षेत्रीय आवश्यकताओं के अनुरूप विशेष ट्रेडों में प्रशिक्षण दिया जाए। प्राथमिक और माध्यमिक स्तर की भवन-विहीन शालाओं के भवन शीघ्र निर्मित किए जाएं और यह सुनिश्चित किया जाए कि प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय एक ही परिसर में हों।वीडियो कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, वित्त विभाग के सचिव श्री मुकेश बंसल, शिक्षा विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी, लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, उच्च शिक्षा, कौशल विकास एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. एस. भारतीदासन, श्रम विभाग के सचिव श्री हिमशिखर गुप्ता, मुख्यमंत्री के संयुक्त सचिव डॉ. रवि मित्तल, आयुक्त बस्तर संभाग तथा पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज सहित बस्तर, सुकमा, दक्षिण बस्तर, दंतेवाड़ा, उत्तर बस्तर कांकेर, नारायणपुर, कोंडागांव, बीजापुर, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी और गरियाबंद जिलों के कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक शामिल थे।
- बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में शुक्रवार सुबह सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच जोरदार मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में मारे गए दो नक्सलियों के शव बरामद हो चुके हैं। जबकि, एक राइफल सहित अन्य हथियार और बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री जब्त की गई है। सुरक्षाबलों का ऑपरेशन अभी भी जारी है।गुरुवार रात से हुआ था सर्च ऑपरेशन शुरूपुलिस के अनुसार, नक्सलियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने गुरुवार की रात से ही सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। वहीं, आज शुक्रवार की सुबह करीब 6 बजे दक्षिण-पश्चिमी बीजापुर के घने जंगलों में संयुक्त टीम ने माओवादियों को घेर लिया। जवाबी कार्रवाई में माओवादियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। लगभग दो घंटे चली इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने क्षेत्र पर पूर्ण नियंत्रण हासिल कर लिया।मौके पर पहुंची फॉरेंसिक टीम ने सर्च के दौरान दो माओवादियों के शव बरामद किए। इनके पास से एक 303 राइफल, एक एसएलआर, कुछ देसी हथियार और भारी मात्रा में आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) मिले।इसके अलावा, दैनिक उपयोग की वस्तुएं जैसे चावल, दवाइयां और प्रचार सामग्री भी बरामद हुई। पुलिस को शक है कि मारे गए माओवादी स्थानीय दस्ते के सदस्य हो सकते हैं। लेकिन, उनकी पहचान अभी जारी है।ऑपरेशन सफल रहायह घटना बीजापुर के उन इलाकों में हुई, जहां माओवादी लंबे समय से सक्रिय हैं। जिला पुलिस अधीक्षक ने बताया, “ऑपरेशन सफल रहा है। लेकिन, अभी खतरा बरकरार है, इसी कारण सर्च जारी रखी गई है।”उन्होंने यह भी कहा कि ऑपरेशन में शामिल बलों की संख्या, सटीक स्थान जैसी संवेदनशील जानकारियां अभी साझा नहीं की जा सकतीं, ताकि जवानों की सुरक्षा सुनिश्चित रहे। किसी सुरक्षाकर्मी के घायल होने की खबर नहीं है।बता दें कि बीजापुर छत्तीसगढ़ का वह जिला है, जो नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में प्रमुख है। यहां के जंगल माओवादियों के लिए छिपने का सुरक्षित ठिकाना बने हुए हैं। इस साल अब तक राज्य में कई ऐसी मुठभेड़ें हो चुकी हैं, जिनमें कई नक्सली मारे गए हैं।
- रायपुर। छत्तीसगढ़ स्टेट पाॅवर कंपनी के डंगनिया औषधालय द्वारा विद्युत कर्मियों के लिए निःशुल्क न्यूरो एवं ऑर्थो शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर मे तीनों कंपनियों जनरेशन , ट्रांसमिशन एवं डिस्ट्रीब्यूशन के कर्मियों ने न्यूरो एवं ऑर्थो के विशेषज्ञों से परामर्श एवं चिकित्सा के संबंध मे जानकारी प्राप्त की। लगभग 100 कर्मियों ने इस शिविर का लाभ उठाया। डगनिया औषधालय के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ एच एल पंचारी ने बताया कि शिविर में बीपी,शुगर,हार्टरेट,एसपीओटू एवं बीएमडी टेस्ट किये गए। विद्युत कंपनी के अधिकारी,कर्मचारी,पेंशनर्स एवं आश्रित परिवरजनों को निःशुल्क परीक्षण की सुविधा प्राप्त हुई। परीक्षण एवं जाॅच में आस्टियोपोरोसिस से ग्रस्त पीड़ितों की संख्य अधिकतम थी। यह शिविर ग्लोबल स्टार हाॅस्पिटल रायपुर से आए डाॅ प्रकाश अग्रवाल एमएस (ऑर्थो) एवं डाॅ संजीव गुप्ता एमसीएच (न्यूरो सर्जन) के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ स्टेट पाॅवर कंपनी की वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डाॅ इंदू साहू एवं चिकित्सा अधिकारी डाॅ श्वेता जैन उपस्थित थी।
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बिलासपुर/प्रति वर्ष की भांति इस साल भी जिले में 1 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस मनाया जाएगा। जिला स्तरीय आयोजन की रूपरेखा तैयार करने के लिए 15 सितम्बर को अपरान्ह 3 बजे ओल्ड कम्पोजिट बिल्डिंग कक्ष क्रमांक 4 स्थित संयुक्त संचालक समाज कल्याण कार्यालय में बैठक आयोजित की गई है। वरिष्ठ नागरिकों हेतु संचालित समाज सेवी संस्थाएं, पेंशनर संगठन एवं अन्य सामाजिक संस्थाओं को बैठक में आमंत्रित किया गया है। समारोह में 1 अक्टूबर को वृद्धजनों का सम्मान के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम, स्वास्थ्य परीक्षण, वित्तीय संरक्षण कार्यशाला, माता पिता भरण अधिनियम 2007 तथा खेलकूद प्रतियोगिता आयोजन के संबंध में विचार विमर्श किया जाएगा। संयुक्त संचालक टीपी भावे ने बैठक में शामिल होने अधिकाधिक संस्थाओं के प्रतिनिधियांे को अनुरोध किया है।
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0संस्कृति विभाग अध्यक्ष व वार्ड 57 पार्षद अमर गिदवानी ने वार्ड क्षेत्र में आवश्यक कार्यों के सम्बन्ध में किया निरीक्षण,दिए निर्देश
रायपुर - आज नगर पालिक निगम रायपुर की महापौर श्रीमती मीनल चौबे के निर्देश पर रायपुर नगर पालिक निगम संस्कृति विभाग के अध्यक्ष और पण्डित भगवती चरण शुक्ल वार्ड क्रमांक 57 के पार्षद श्री अमर गिदवानी ने नगर निगम जोन क्रमांक 4 अंतर्गत पण्डित भगवती चरण शुक्ल वार्ड क्रमांक 57 के अंतर्गत प्रगतिरत विकास और निर्माण कार्यों की प्रगति का कार्यपालन अभियंता श्री शेखर सिंह और उपअभियंता श्री रंजीत बारवा की उपस्थिति में प्रत्यक्ष निरीक्षण कर निर्माण कार्य को शीघ्र जनहित में पूर्ण करवाने के निर्देश सम्बंधित अनुबंधित ठेकेदार श्री शिवेंद्र गुप्ता को दिए.निगम संस्कृति विभाग अध्यक्ष और वार्ड 57 पार्षद श्री अमर गिदवानी ने पण्डित भगवती चरण शुक्ल वार्ड क्षेत्र के अंतर्गत आवश्यक कार्यों के सम्बन्ध में कार्यपालन अभियंता श्री शेखर सिंह और उपअभियंता श्री रंजीत बारवा की उपस्थिति में विभिन्न स्थानों का निरीक्षण कर आवश्यक निर्देश दिए. -
रायपुर- नगर पालिक निगम रायपुर के जल कार्य विभाग के कार्यपालन अभियंता ( फिल्टरप्लांट ) श्री नर सिंह फरेन्द्र ने जानकारी दी है कि 150 एमएलडी फिल्टरप्लांट के रॉ वाटर 1400 एमएम व्यास की एच.एस. राईजिंग पाईप लाईन में भाठागांव चौक के पास लीकेज की मरम्मत हेतु 10 घंटे का शटडाउन दिनांक 12 सितम्बर 2025 शुक्रवार को रात्रि में लिया जाना है। उक्त मरम्मत कार्य करने के कारण 150 एम.एल.डी. फिल्टरप्लांट से भरने वाली टंकियों भाठागांव, चंगोराभाठा, कुशालपुर, डी.डी. नगर, ईदगाहभाठा, सरोना, टाटीबंध, कोटा, कबीर नगर, जरवाय, गोगांव, मठपुरैना, लालपुर, अमलीडीह, अवंति विहार, मण्डी, मोवा, सडडू, दलदल सिवनी, रामनगर, कचना, आमासिवनी, देवपुरी, बोरियाखुर्द, जोरा, भनपुरी नया, रायपुरा, कुकुरबेड़ा एवं नया 80 एम.एल.डी. प्लांट से भरने वाली टंकियों बैरन बाजार नया, देवेन्द्र नगर नया, संजय नगर एवं मोतीबाग टंकी से दिनांक 12 सितम्बर 2025 को शाम जलप्रदाय होने के पश्चात् दिनांक 13 सितम्बर 2025 को सुबह जलप्रदाय नही होगा। दिनांक 13 सितम्बर 2025 को शाम से जलप्रदाय नियमित रूप से होगा।
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रायपुर - नगर पालिक निगम रायपुर के संस्कृति विभाग के तत्वावधान में नगर पालिक निगम जोन क्रमांक 4 के सहयोग से भारत रत्न महान अभियंता मोक्षगुंडम विश्वेश्वरेया के जन्मदिवस दिनांक 15 सितम्बर 2025 को प्रातः 11 बजे राजधानी शहर रायपुर में पीडब्ल्यूडी कॉलोनी सिविल लाईन में स्थित उनके मूर्ति स्थल पर उनका सादर नमन करने पुष्पांजलि आयोजन रखा गया है।
पुष्पांजलि आयोजन हेतु नगर पालिक निगम रायपुर के संस्कृति विभाग की ओर से रायपुर नगर पालिक निगम जोन 4 जोन कमिश्नर को पीडब्ल्यूडी कॉलोनी सिविल लाईन में स्थित भारत रत्न महान अभियंता मोक्षगुंडम विश्वेश्वरेया के जन्मदिवस दिनांक 15 सितम्बर 2025 को उनके मूर्ति स्थल और आसपास के क्षेत्र में आवश्यक साफ-सफाई, पुष्प, पुष्पमाला, फूलों की पंखुडियां आदि के साथ-साथ अन्य सामान्य यथोचित व्यवस्था करवाने निर्देशित किया गया है। -
*विजेता करेंगे राज्य स्तर पर प्रतिनिधित्व*
बिलासपुर/छत्तीसगढ़ की रजत जयंती वर्षगांठ के अवसर पर जिला कौशल विकास प्राधिकरण के तत्वावधान में जिला स्तरीय कौशल प्रतियोगिता एवं विविध रचनात्मक प्रतियोगिताओं का आयोजन जिला परियोजना लाईवलीहुड कॉलेज में किया गया। यह आयोजन “कौशल तिहार 2025” के अंतर्गत किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य जिले के युवाओं में कौशल, रचनात्मकता और रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण को प्रोत्साहित करना है।मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना एवं प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत आयोजित जिला स्तरीय कौशल प्रतियोगिता में जिले के विगत दो वर्षों में प्रशिक्षित कुल 210 हितग्राहियों ने पंजीयन कराया। प्रतिभागियों ने इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स,कंप्यूटर एवं हेल्थकेयर जैसे तकनीकी एवं व्यावसायिक क्षेत्रों में अपने कौशल का प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता दो आयु वर्गों क्रमशः 22 वर्ष से कम तथा 22 से 45 वर्ष में कराई गई। दोनों श्रेणियों में प्रथम एवं द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागी अब जिले का प्रतिनिधित्व आगामी राज्य स्तरीय कौशल प्रतियोगिता में करेंगे।इसी क्रम में व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदाताओं में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे युवाओं के लिए वाद-विवाद, रंगोली निर्माण, पोस्टर मेकिंग जैसी विविध रचनात्मक एवं बौद्धिक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इन प्रतियोगिताओं के विषय “पिछले 25 वर्षों में छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा, भविष्य की संभावनाएं एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाएं’’ आदि रहे। प्रतिभागियों ने इन गतिविधियों में अपनी कला, रचनात्मकता एवं तर्कशक्ति का प्रभावशाली प्रदर्शन किया।इन सभी कार्यक्रमों का उद्देश्य युवाओं में कौशल विकास के प्रति जागरूकता, रुचि एवं आत्मविश्वास को बढ़ावा देना तथा उन्हें भविष्य के लिए रोजगारोन्मुखी एवं आत्मनिर्भर बनाना था। - रायपुर । असामाजिक गतिविधियों से त्रस्त कुरुद वासियों की पहल पर बीते रविवार को आयोजित ग्रामीण सभा में उमड़ी भीड़ व ग्रामीणों के तेवरों से उत्साहित महिलाओं ने बीते कल गुरुवार को ग्राम में रैली निकाल ग्रामीणों को असामाजिक गतिविधियों से दूर रहने ताकीद की । साथ ही इन गतिविधियों में लिप्त तत्वों को अब अपने हरकतों से बाज आने आगाह भी किया । रैली के पहले आयोजित बैठक में ग्रामीण व्यवस्था के तहत असामाजिक गतिविधियों पर रोक लगाने बीते रविवार को लिये गये निर्णय के परिप्रेक्ष्य में गुरुवार तक के इसके प्रभाव की समीक्षा की गयी। साथ ही इस पर संतोष व्यक्त करते हुए रात में 11 बजे के बाद अकारण नहीं घूमने के लिये ग्रामीणों से आग्रह करते हुए उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्यवाही किये जाने के प्रति भी आगाह किया ।ज्ञातव्य हो कि असामाजिक गतिविधियों से त्रस्त कुरूद के ग्रामीणों ने बीते रविवार को ग्रामीण व्यवस्था के तहत इन पर रोक लगाने बैठक आहूत की थी जिसमें लगभग एक हजार ग्रामीण मौजूद थे । ग्रामीणों ने ग्रामीण व्यवस्था के तहत इस पर रोक लगाने नियम भी बनाया व लिप्त तत्वों को दंडित करने के साथ - साथ जानकारी देने वालों को पुरस्कृत करने व निगरानी हेतु समिति बनाने तथा जागरुकता रैली निकालने का सर्वसम्मत निर्णय लिया था । इस अवसर पर पहुंचे मंदिर हसौद थाना प्रभारी आशीष यादव ने भी असामाजिक गतिविधियों पर रोक लगाने हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया था। इसके बाद से ग्रामीणों की सक्रियता व जागरुकता के चलते असामाजिक गतिविधियों पर तकरीबन लगाम कसा हुआ है और लिप्त तत्वों को समझाईश का दौर भी साथ में जारी है । इसी कड़ी में जागरूकता का संदेश देने महिलाओं ने रैली निकाल ग्राम के गली - कूचों में भ्रमण किया । नगर पालिका मंदिर हसौद के अंतर्गत आने वाले ग्राम कुरूद के तीन वार्डों के महिलाएं रैली में शामिल हुईं जिसमें प्रमुख रूप से वार्ड पार्षद श्रीमती मंजू ललित कश्यप , देवकी यादव , पद्मिनी पटेल , भारती कुंभकार , मनोरमा देवांगन , मधु वर्मा , चित्रलेखा सिन्हा , भगवती वैष्णव , दुलौरीन धीवर , संगीता यादव , शैल सिन्हा , पुष्पा लहरी , ज्योति पटेल , टिकेश्वरी पटेल , संतोषी कश्यप , पार्वती धीवर , शीतल पटेल , द्रौपदी पटेल , शशि पटेल , रिया साहू , लता धीवर , संतोषी पटेल आदि शामिल थीं। इन महिलाओं का मनोबल बढ़ाने रैली में ग्राम से निर्वाचित दो अन्य पार्षद सागर पटेल व राकेश मिश्रा सहित अन्य जागरूक ग्रामीण भी शामिल रहे ।
- रायपुर ।किसानों को नवाचार और तकनीकी ज्ञान से अद्यतन कराने के लिए कृषक रजत संवाद आयोजित हो रहे हैं, जो अब तक 69 सोसायटियों में हुए हैं। उसमें 2339 कृषक, 525 प्रगतिशील कृषक एवं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि शामिल हुए। यह शिविर 3 सितंबर को प्रारंभ हुआ है जो 16 सितम्बर 2025 तक संचालित किए जाएंगेे।शिविर में प्रगतिशील कृषकों ने अपने अनुभव साझा कर अन्य कृषकों को प्रेरित किया। अब तक प्राप्त आवेदनों में 164 नवीन केसीसी, 155 निष्क्रिय केसीसी को सक्रिय करने हेतु, पीएम किसान सम्मान निधि के 124 एवं एग्रीस्टैक पंजीयन के 283 आवेदन शामिल हैं। इसके साथ ही योजनाओं की जानकारी देने हेतु कृषकों को व्हाट्सएप्प चैनल से भी जोड़ा जा रहा है।कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह ने कहा कि “जिले के कृषक आर्थिक विकास की रीढ़ हैं। शासन की सभी योजनाएँ तभी सफल होंगी जब कृषक इनसे सीधे लाभान्वित हों। इस प्रकार के संवाद शिविर कृषकों को जागरूक करने और योजनाओं तक उनकी पहुँच सुनिश्चित करने का सशक्त माध्यम हैं।”उप संचालक कृषि ने बताया कि आगामी दिनों में विकासखंड-धरसींवा में सड्डू, मांढर, पंडरभट्ठा, मोहदी, कुंरा, भाठागांव, उरला, सिलतरा, टाटीबंध, टेकारी, विकासखंड-आरंग में चिखली, भंडारपुरी, फरफौद, लखौली, भलेरा, गोईन्दा, बाना, गुल्लू, चपरीद, पंधी, जरौद, गोढ़ी, खमतराई, टेकारी, गनौद, मुनरेठी, खोरसी, कोरासी, अमसेना, देवर तिल्दा, सेमरिया, विकासखंड-अभनपुर में मानिकचौरी, परसदा, सारखी, सुन्दरकेरा, बंजारी, तोरला, टीला, पटेवा, जामगांव, बेन्द्री, सकरी, पिपरौद एवं विकासखंड-तिल्दा में टोहड़ा, सरोरा, देवरी, बिलाड़ी, सांकरा, किरना, बरतौरी, रायखेड़ा, खैरखुटा, बुडेरा, छडिया, असौंदा, मांठ, भिंभौरी, अड़सेना में आयोजित होंगे। कृषि विभाग ने कृषकों से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में शिविरों में शामिल होकर विभागीय योजनाओं का लाभ प्राप्त करें।
- -बालोद जिले की सभी 436 ग्राम पंचायतें और 9 नगरीय निकाय बाल विवाह मुक्त घोषित किए जाने की प्रक्रिया में, अन्य जिलों में भी पहल जारीरायपुर। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ में बाल विवाह उन्मूलन की दिशा में विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में बालोद जिले की सभी 436 ग्राम पंचायतें और 09 नगरीय निकाय बाल विवाह मुक्त घोषित किए जाने की प्रक्रिया में शामिल किए गए हैं।बालोद जिला के कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग ने जानकारी दी कि विगत दो वर्षों में जिले के किसी भी ग्राम पंचायत एवं नगरीय निकाय से बाल विवाह का कोई प्रकरण प्राप्त नहीं हुआ है। नियमानुसार प्रमाणिक दस्तावेजों की समीक्षा के उपरांत इन ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों को बाल विवाह मुक्त घोषित कर प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।विभागीय अधिकारियों ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति या संस्थान को इस संबंध में आपत्ति है अथवा किसी ग्राम पंचायत/नगरीय निकाय में बाल विवाह का प्रकरण संज्ञान में आया है, तो वह समाचार प्रकाशन की तिथि से 07 दिवस की अवधि में अपनी दावा/आपत्ति प्रस्तुत कर सकता है। दावा/आपत्ति जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, संयुक्त जिला कार्यालय कलेक्टोरेट (कक्ष क्रमांक 79), बालोद में कार्यालयीन समय प्रातः 10 बजे से शाम 5:30 बजे तक लिखित में तथा सुसंगत दस्तावेजों के साथ जमा की जा सकती है।गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय द्वारा 10 मार्च 2024 को बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान का शुभारंभ किया गया था। जिसका संचालन महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े के मार्ग दर्शन में विभाग द्वारा यूनिसेफ के सहयोग से किया जा रहा है। राज्य सरकार ने बाल विवाह जैसी कुप्रथा के उन्मूलन को अपनी सर्वाेच्च प्राथमिकताओं में शामिल किया है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा लगातार जनजागरूकता, निगरानी और सामाजिक सहभागिता के माध्यम से बाल विवाह रोकथाम की दिशा में प्रभावी कार्य किए जा रहे हैं। बालोद जिले की तरह छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों में भी बाल विवाह मुक्त पंचायत और नगरीय निकाय घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। जिन जिलों में विगत दो वर्षों के दौरान बाल विवाह का कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है, वहां भी पंचायतों और नगरीय निकायों को बाल विवाह मुक्त प्रमाण पत्र प्रदान करने की तैयारी की जा रही है।
- रायपुर । छत्तीसगढ़ में 1 जून से अब तक 989.9 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा स्थापित राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में अब तक बस्तर जिले में सर्वाधिक 1386.6 मि.मी. वर्षा रिकार्ड की गई है। बेमेतरा जिले में सबसे कम 478.6 मि.मी. वर्षा दर्ज हुई है।रायपुर संभाग में रायपुर जिले में 859.8 मि.मी., बलौदाबाजार में 721.8 मि.मी., गरियाबंद में 866.1 मि.मी., महासमुंद में 715.8 मि.मी. और धमतरी में 884.0 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है।बिलासपुर संभाग में बिलासपुर जिले में 1014.5 मि.मी., मुंगेली में 991.0 मि.मी., रायगढ़ में 1206.2 मि.मी., सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 819.8़ मि.मी., जांजगीर-चांपा में 1177.5 मि.मी., सक्ती में 1071.5 मि.मी., कोरबा में 1014.1 मि.मी. और गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही 931.7 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है।दुर्ग संभाग में दुर्ग जिले में 777.4 मि.मी., कबीरधाम में 705.8 मि.मी., राजनांदगांव में 844.3 मि.मी., मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 1215.3 मि.मी., खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 705.3 मि.मी. और बालोद में 1056.1 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है।सरगुजा संभाग में सरगुजा जिले में 702.4 मि.मी., सूरजपुर में 1048.9 मि.मी., बलरामपुर में 1366.5 मि.मी., जशपुर में 952.9 मि.मी., कोरिया में 1108.0 मि.मी. और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 997.8 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। बस्तर संभाग में कोंडागांव जिले में 939.9 मि.मी., कांकेर में 1127.6 मि.मी., नारायणपुर में 1204.4 मि.मी., दंतेवाड़ा में 1359.3 मि.मी., सुकमा में 1062.8 मि.मी. और बीजापुर में 1353.9 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है।
- -जशपुर जिले के रूपसेरा और लोदाम आंगनबाड़ी केंद्रों का औचक निरीक्षण-बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करना राज्य सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता : मंत्री राजवाड़ेरायपुर। महिला एवं बाल विकास और समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े इन दिनों विभागीय योजनाओं की जमीनी हकीक़त देखने सरगुजा संभाग के दौरे पर हैं। इसी कड़ी में उन्होंने आज जशपुर जिले के ग्राम रूपसेरा और लोदाम स्थित आंगनबाड़ी केंद्रों का औचक निरीक्षण किया।निरीक्षण के दौरान मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने बच्चों को उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं, पोषण आहार वितरण व्यवस्था, स्वास्थ्य परीक्षण, शिक्षा संबंधी गतिविधियों, स्वच्छता व्यवस्था तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा संचालित सेवाओं का विस्तार से अवलोकन किया।इस दौरान मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने मासूम बच्चों को गोद में लेकर दुलार किया और उन्हें चॉकलेट भी वितरित की। उनके इस स्नेहिल व्यवहार से बच्चे बेहद खुश नज़र आए और केंद्र का माहौल उत्साहपूर्ण हो गया। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र बच्चों के भविष्य को आकार देने की पहली पाठशाला है, इसे और सशक्त बनाना हमारी साझा जिम्मेदारी है।महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती राजवाड़े सरगुजा संभाग के दौरे परभ्रमण के दौरान मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने स्पष्ट निर्देश दिए कि बच्चों से संबंधित किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों की सुदृढ़ व्यवस्था ही बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की नींव है। इस कड़ी में उन्होंने ग्राम रूपसेरा एवं लोदाम के आंगनबाड़ी केंद्रों को और अधिक सक्षम एवं सुव्यवस्थित बनाने हेतु संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों और कर्मचारियों से कहा कि हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण पोषण और शिक्षा उपलब्ध कराना ही विभाग का मूल उद्देश्य है, इसमें किसी प्रकार की ढिलाई स्वीकार्य नहीं होगी।क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणजनों की उपस्थिति में हुए इस निरीक्षण के दौरान मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने कहा कि राज्य सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है कि प्रत्येक बच्चा स्वस्थ, शिक्षित और सुरक्षित वातावरण में बड़ा हो। इसके लिए शासन की ओर से सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
- महासमुंद / मां बनना हर स्त्री के जीवन का सबसे बड़ा सुख है। परंतु इस सुख के साथ कई जिम्मेदारियाँ और चुनौतियाँ भी आती हैं। गर्भावस्था के दौरान शारीरिक कमजोरी, कामकाज का बोझ और आर्थिक अभाव अक्सर माताओं और शिशुओं के स्वास्थ्य पर असर डालते हैं। इन्हीं कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की शुरुआत की जो गर्भवती माताओं के लिए संबल और वरदान बनकर सामने आई।महासमुंद जिले की हजारों माताओं ने इस योजना का लाभ उठाया है। महासमुंद निवासी श्रीमती अंशुनी साय, रेखा देवांगन, राजकुमारी निषाद और तबस्सुम खातून जैसी हितग्राही महिलाओं का कहना है कि इस योजना से उन्हें न सिर्फ आर्थिक सहयोग मिला, बल्कि अपने और अपने बच्चे के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की हिम्मत और अवसर भी मिला। योजना से प्राप्त राशि से उन्होंने पौष्टिक आहार लिया और आज मां और शिशु दोनों स्वस्थ हैं। यही अनुभव वे अब अन्य गर्भवती माताओं के साथ भी साझा कर उन्हें इस योजना का लाभ लेने के लिए प्रेरित कर रही हैं।जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग श्री टीकवेंद्र जटवार ने बताया कि इस योजना का मूल उद्देश्य यही है कि गर्भवती माताओं को पर्याप्त विश्राम और अच्छा पोषण मिले ताकि जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ रहें और आने वाली पीढ़ी मजबूत हो।वर्ष 2017 से शुरू हुई इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत पिछले तीन वर्षों में ही महासमुंद जिले की 19,036 गर्भवती माताओं को 6 करोड़ 32 लाख 84 हजार रुपये का लाभ दिया गया है। पंजीयन के बाद गर्भावस्था के सातवें माह में 3,000 रुपये और प्रसव के साढ़े तीन माह बाद बच्चे को टीका लगने के पश्चात 2,000 रुपये प्रदान किए जाते हैं। यही नहीं, दूसरी डिलीवरी में यदि बालिका जन्म लेती है तो माताओं को 6,000 रुपये की विशेष प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है, एक पहल जो बेटियों के जन्म को सम्मान और सुरक्षा देती है।
यह योजना केवल आर्थिक सहायता तक ही सीमित नहीं है, बल्कि मातृत्व का सम्मान है। यह एक ऐसा स्पर्श है, जो गर्भवती माताओं के चेहरे पर संतोष की मुस्कान और शिशुओं के भविष्य में स्वास्थ्य की नींव रखता है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना ने वास्तव में माताओं के जीवन में उम्मीद, पोषण और सुरक्षा का उजियारा भरा है।















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