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- -सिंचाई परियोजनाओं के रखरखाव और मरम्मत पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता-मैदानी अधिकारी–कर्मचारी फील्ड में जाकर बांधों एवं संबंधित संरचनाओं का करें सतत निरीक्षण-मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने की जल संसाधन विभाग के कामकाज की समीक्षारायपुर, / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने बलरामपुर–रामानुजगंज जिले में स्थित लुत्ती बांध के टूटने की घटना पर गहरी नाराज़गी व्यक्त की। उन्होंने कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि भविष्य में इस तरह की गलती किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। श्री साय ने नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि मैदानी अधिकारी और कर्मचारी फील्ड में जाकर नियमित निरीक्षण नहीं कर रहे हैं, जिसके कारण यह स्थिति बनी है। उन्होंने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को सतत रूप से फील्ड में जाकर बांधों सहित अन्य संरचनाओं का निरंतर निरीक्षण करने के निर्देश दिए।मुख्यमंत्री श्री साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में जल संसाधन विभाग की गहन समीक्षा बैठक ली। उन्होंने सिंचाई परियोजनाओं के रखरखाव और मरम्मत पर विशेष ध्यान देने, सभी बांधों की जलभराव क्षमता, वर्तमान सिंचाई स्थिति और आगामी परियोजनाओं की प्रगति आदि के सम्बन्ध में अधिकारियों को आवश्यक दिशा–निर्देश दिए। साथ ही विशेष रूप से बांध सुरक्षा अधिनियम 2021 का कड़ाई से पालन करने तथा जिला प्रशासन के साथ प्रभावी समन्वय स्थापित करने के निर्देश भी दिए।बैठक में मुख्यमंत्री श्री साय ने लक्षित सिंचाई क्षमता और वास्तविक सिंचाई क्षमता के बीच अंतर को कम करने के लिए ठोस कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने विशेषकर बस्तर और सरगुजा संभाग की अधूरी योजनाओं को शीघ्र पूर्ण करने तथा निर्माणाधीन वृहद परियोजनाओं को समय पर पूरा करने पर बल दिया, ताकि किसानों को योजनाओं का लाभ समय पर मिल सके।बैठक में विभागीय अधिकारियों ने जानकारी दी कि वर्तमान में 04 वृहद परियोजनाएँ, 357 लघु परियोजनाएँ और 300 एनीकेट, इस प्रकार कुल 661 कार्य प्रगतिरत हैं। इसके अतिरिक्त 1036 जीर्णोद्धार कार्य भी चल रहे हैं। इस तरह कुल 1697 कार्य प्रगतिरत हैं, जिनमें लगभग ₹8966 करोड़ की राशि व्यय होगी।इस बैठक में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, मुख्यमंत्री के संयुक्त सचिव श्री रवि मित्तल, जल संसाधन विभाग के सचिव श्री राजेश सुकुमार टोप्पो, प्रमुख अभियंता श्री इंद्रजीत उईके तथा बस्तर, सरगुजा, बिलासपुर, रायपुर और दुर्ग मंडलों के मुख्य अभियंता सहित जल संसाधन विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे।
- रायपुर। पर्यटन, संस्कृति, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री श्री राजेश अग्रवाल ने आज मंत्रालय महानदी भवन स्थित कार्यालय मे विधिवत पूजा अर्चना कर कामकाज की शुरूआत की। इस अवसर पर राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा, खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल, विधायक श्री अनुज शर्मा, श्री संपत अग्रवाल, श्री प्रबोध मिंज, श्रीमती उद्धेश्वरी पैंकरा, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल के अध्यक्ष श्री अनुराग सिंह देव, छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य संनिर्माण मंडल के अध्यक्ष श्री रामप्रताप सिंह, छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद के अध्यक्ष श्री शशांक शर्मा एवं श्री पवन साय और वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें पुष्प गुच्छ भेंट कर बधाई और शुभकामनाएं दी।संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री राजेश अग्रवाल ने मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव के मार्गदर्शन में राज्य में पर्यटन और संस्कृति के क्षेत्र में काफी तेजी से कार्य करना है। राज्य में पर्यटन और संस्कृति के क्षेत्र में काफी संभावनाऐं है। पर्यटन क्षेत्रों के विकसित होंने से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेगें। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की मदद से राज्य में सड़क कनेक्टिविटी का तेजी से विस्तार हो रहा है, इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। राज्य में नई सड़कों की स्वीकृति के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय भू-तल परिवहन मंत्री श्री नीतिन गडकरी के प्रति आभार जताया।इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग श्री सुब्रत साहू, संस्कृति विभाग के सचिव श्री रोहित यादव, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के जनरल मैनेजर श्री वेदव्रत सिरमौर, छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की सचिव श्रीमती पुष्पा साहू सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
- -ग्रामीण युवाओं को राजमिस्त्री का निःशुल्क प्रशिक्षणरायपुर।, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) को समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण रूप से क्रियान्वित करने के लिए बलरामपुर जिला प्रशासन ने अभिनव पहल की है। कलेक्टर बलरामपुर-रामानुजगंज के मार्गदर्शन में जिले के ग्रामीण युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वरोजगार एवं निर्माण कार्यों में दक्ष बनाने की योजना लागू की गई है।ग्रामीण स्व-रोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) के माध्यम से जिले के वाड्रफनगर, रामचंद्रपुर, बलरामपुर, राजपुर एवं शंकरगढ़ जनपद पंचायतों में कुल 5 प्रशिक्षण बैच (प्रत्येक में 35 प्रशिक्षार्थी) प्रारंभ किए गए हैं। इस तरह 175 युवाओं को 30 दिवसीय निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण का लाभ दिलाया गया। जिसमें ले-आउट, नींव से छत तक निर्माण की तकनीकी ज्ञान, निर्माण सामग्री का अनुपात एवं गुणवत्ता निर्धारण, सुरक्षा मानक तथा फील्ड प्रैक्टिकल शामिल है।इस पहल से न केवल प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत स्वीकृत घरों का निर्माण तेज़ी और गुणवत्ता के साथ तेजी से पूरा पूरा कराया जा रहा है। ग्रामीण युवाओं को राजमिस्त्री का प्रशिक्षण की व्यवस्था कर स्वरोजगार के अवसर भी सृजित किए जा रहे हैं। इससे स्थानीय स्तर पर दक्ष श्रमिकों की उपलब्धता बढ़ेगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।राजमिस्त्री प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए विशेष रूप से महिला स्व-सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं या उनके परिजन, मनरेगा में 100 दिवस कार्य कर चुके श्रमिक और इच्छुक ग्रामीण युवाओं को शामिल किया गया। जिला पंचायत सीईओ बलरामपुर ने बताया कि, हमारा लक्ष्य है कि सभी प्रधानमंत्री आवास समय-सीमा में और गुणवत्ता के साथ पूरे हों। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम युवाओं को अपने गांव में ही रोजगार दिलाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी बड़ा कदम है।जिला प्रशासन ने अधिक से अधिक युवाओं से अपील की है कि वे इस प्रशिक्षण का लाभ उठाकर न केवल एक नया कौशल सीखें, बल्कि जिले के विकास में भी योगदान दें। इच्छुक उम्मीदवार अपने ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत अथवा सीधे ग्रामीण स्व-रोजगार प्रशिक्षण संस्थान बलरामपुर से संपर्क कर सकते हैं।
- रायपुर। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) गरीब एवं जरूरतमंद परिवारों के लिए पक्के और सुरक्षित मकान उपलब्ध कराए जा चुके हैं। कच्चे घरों से पक्के घरों में शिफ्ट हुए परिवार अब सम्मानजनक एवं सुरक्षित जीवन व्यतीत कर रहे हैं। जनपद पंचायत दंतेवाड़ा के ग्राम पंचायत गामावाड़ा के नियद नेल्ला नार क्षेत्र में मात्र 135 दिनों में एक आवास का निर्माण कार्य पूरा किया गया, जबकि सामान्य परिस्थितियों में जिले में निर्माण कार्यों में अपेक्षाकृत अधिक समय लगता है। रिकॉर्ड समय में मकान का तैयार होना प्रशासन की दक्षता और प्रतिबद्धता का परिचायक है।योजना के तहत प्रत्येक पात्र लाभार्थी को तीन किस्तों में 1 लाख 20 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाती है। इसके साथ ही 90 दिन का मनरेगा रोजगार भी उपलब्ध कराया जाता है, ताकि ग्रामीणों को न केवल आवास बल्कि रोजगार का भी सहारा मिल सके। “सबका साथ, सबका विकास” की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में यह योजना एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है।सुदूर वनांचल के दंतेवाड़ा जैसे कठिन भौगोलिक परिस्थितियों वाले क्षेत्र में भी इस योजना से लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव आया है। कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी के मार्गदर्शन में आवास निर्माण कार्य समयबद्ध तरीके से पूरे किए जा रहे हैं। बरसात और निर्माण सामग्री की कमी जैसी चुनौतियों के बावजूद प्रशासन ने उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। जिले में अब तक कुल 2118 पक्के मकान बनकर तैयार हो चुके हैं, जिनमें केवल जनपद दंतेवाड़ा में 547 मकानों का निर्माण संपन्न हुआ है। जिला प्रशासन का कहना है कि आने वाले समय में और अधिक पात्र परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना से जोड़ा जाएगा, ताकि जिले का कोई भी परिवार पक्के घर से वंचित न रहे और प्रत्येक परिवार का पक्का मकान का सपना साकार हो सके।
- -कथक और भरतनाट्यम की प्रस्तुतियों से भक्ति रस में डूबे दर्शकरायपुर। रायगढ़ में चल रहे चक्रधर समारोह के आठवें दिन नृत्यों ने उत्तर-दक्षिण का संगम कराया। उत्तर भारत की संस्कृति को दर्शाने वाले कथक तो दक्षिण भारत की गौरवशाली पुरातन संस्कृति को प्रदर्शित करने वाले भरतनाट्यम नृत्य की प्रस्तुतियों ने माहौल भक्तिमय कर दिया। समारोह में उपस्थित दर्शक दोनों नृत्यों की प्रस्तुतियों के दौरान भक्ति रस में डूबे रहे।समारोह के आठवंे दिन कथक नृत्यांगना और गुरु संगीता कापसे और उनकी होनहार शिष्याओं की प्रस्तुति ने शास्त्रीय नृत्य को कृष्ण भक्ति की गहराई से जोड़ा। उन्होंने तीनताल और झपताल की संरचनाओं पर आधारित नृत्य में श्रीकृष्ण के जीवन प्रसंगों को भावपूर्ण ढंग से प्रस्तुत किया।संगीता कापसे और उनकी शिष्याओं ने मंच पर ‘कृष्ण सांवरिया‘ प्रसंग को जीवंत किया। आज चक्रधर समारोह में कृष्ण सांवरा की प्रस्तुति रही-कृष्ण के गोकुल आगमन पर खुशी और उल्लास का भाव, माखन चोरी करते समय यशोदा और कृष्ण की ममता का भाव, गोपियों को परेशान करना, फिर कालिया नाग से सारे गोकुल को मुक्त करना और अंत में गोपियों के साथ रास करके प्रेम का संदेश देना। इन सबको उन्होंने भाव और लय की सुंदरता से पिरोया। उनकी प्रस्तुति में कथक का सौंदर्य ही नहीं, बल्कि लोक और शास्त्र के संगम का भी अनुभव हुआ। कार्यक्रम में कला-प्रेमियों ने उनकी नृत्य साधना और कृष्ण भक्ति से ओतप्रोत इस प्रस्तुति को सराहा।अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मलेशिया और दुबई तक अपनी कला का प्रदर्शन कर चुकी संगीता कापसे को कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिल चुके हैं। छत्तीसगढ़ में पंजीकृत संगीता कला एकेडमी, रायपुर उनकी संस्था है, जो सामान्य बच्चों के साथ-साथ गरीब बच्चों को भी नृत्य का निरूशुल्क प्रशिक्षण दे रही है और उनकी शिक्षा का दायित्व उठा रही है।छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की सुप्रसिद्ध नृत्यांगना अजीत कुमारी कुजूर और उनकी टीम ने भरतनाट्यम की मनमोहक प्रस्तुति देकर दर्शकों का दिल जीत लिया। उनकी भावपूर्ण अभिव्यक्ति, सधे हुए पदचालन और नृत्य की बारीकियों ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। अजीत कुमारी की प्रस्तुति में दक्षिण भारत की संस्कृति और परंपरा की झलक सजीव रूप में दिखाई दी। उन्होंने भरतनाट्यम के माध्यम से कहानी कहने और भावनाओं को व्यक्त करने के लिए हाथों के हाव-भाव (मुद्रा), चेहरे के भाव (नवरस) और पैरों की तालबद्ध चाल का बेहतरीन उपयोग किया। यह प्रस्तुति न केवल भरतनाट्यम की शास्त्रीयता को दर्शाती थी, बल्कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर का अद्भुत संगम भी प्रतीत हुई।अपनी बहुमुखी प्रतिभा के लिए जानी जाने वाली अजीत कुमारी कुजूर ने जबलपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक और योग में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की है। वर्तमान में वह जल संसाधन विभाग, रायपुर में उप अभियंता के पद पर कार्यरत हैं। अपनी पेशेवर जिम्मेदारियों के साथ-साथ, उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी नृत्य कला से एक विशिष्ट पहचान बनाई है। कला प्रेमियों ने उनकी प्रस्तुति की सराहना करते हुए कहा कि यह न केवल भरतनाट्यम की उत्कृष्टता को दर्शाती है, बल्कि लगन और समर्पण से कोई भी व्यक्ति अपने पेशेवर जीवन के साथ-साथ अपनी कला साधना को भी नई ऊंचाइयों तक ले जा सकता है। ज्ञात हो कि भरतनाट्यम तमिलनाडु, दक्षिण भारत का एक प्राचीन शास्त्रीय नृत्य है, जिसकी जड़ें मंदिरों में हैं और यह हिंदू धर्म की आध्यात्मिक विचारों और धार्मिक कहानियों को व्यक्त करता है।
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-पद्मश्री स्व.डॉ सुरेन्द्र दुबे को भी याद किया गयारायपुर ।अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त चक्रधर समारोह में आठवें दिन हास्य, वीर रस और व्यंग्य के साथ काव्य पाठ और मधुर गीत-गायन-संगीत की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। समारोह की आठवीं शाम छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध कवि पद्मश्री स्व.डॉ.सुरेन्द्र दुबे की स्मृतियों को नमन करते हुए एक विशेष काव्य संध्या का आयोजन रायगढ़ के रामलीला मैदान में हुआ। पद्मश्री डॉ.दुबे, जिन्होंने हास्य और व्यंग्य को वैश्विक पहचान दिलाई, अनेक बार इस मंच पर अपनी रचनाओं से श्रोताओं को गुदगुदा चुके थे। उनकी स्मृतियों को समर्पित इस संध्या में प्रदेश के ख्यात कवियों ने वीर रस, हास्य और व्यंग्य की रचनाओं से दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया।समारोह में राजनांदगांव के पद्मलोचन मुंहफट ने हास्य, व्यंग्य और पैरोडी से हंसी की फुहारें बिखेरीं। भिलाई के किशोर तिवारी ने अपने मधुर गीतों से श्रोताओं के दिलों को छू लिया। मुंगेली के देवेन्द्र परिहार ने ओजस्वी वीर रस की कविताओं ने वातावरण को ऊर्जावान बना दिया। रायपुर की शशि सुरेन्द्र दुबे ने गीत और व्यंग्य की रचनाओं से श्रोताओं को गुदगुदाया और सोचने पर विवश किया। रायगढ़ के नरेन्द्र गुप्ता ने वीर रस की कविताओं ने देशभक्ति और पराक्रम की भावना को जीवित किया।बिलाईगढ़ के बंशीधर मिश्रा ने हास्य कविताओं की चुटीली पंक्तियों से माहौल को खुशनुमा बना दिया। कवर्धा के अभिषेक पांडे ने युवा ऊर्जा और समकालीन व्यंग्य से भरी हास्य कविताओं ने मंच को जीवंत किया। बता दे कि गत वर्ष आयोजित 39वें चक्रधर समारोह में डॉ.दुबे ने अपनी चिरपरिचित पैनी व चुटीली कविताओं से मंच को हँसी और व्यंग्य से गूंजा दिया था। अब वे हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी साहित्य साधना और कला अवदान अमर है। इस काव्य संध्या ने उनके योगदान को सच्ची श्रद्धांजलि दी।शशि सुरेंद्र दुबे-छत्तीसगढ़ की जानीमानी कवयित्री और दिवंगत डॉ.सुरेंद्र दुबे की धर्मपत्नी हैं। उन्होंने ‘वाह वाह क्या बात है‘ जैसे कई टीवी कार्यक्रमों और दूरदर्शन पर काव्य पाठ किया है। उनका काव्य संग्रह ‘पट्टी खोलो गांधारी‘ प्रकाशित हो चुका है। किशोर तिवारी-मधुर गीतकार हैं, जो वाह वाह क्या बात है समेत विभिन्न राष्ट्रीय मंचों, आकाशवाणी और दूरदर्शन पर काव्य पाठ कर चुके हैं। पद्मलोचन मुंहफट-पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे के शिष्य, पद्मलोचन हास्य-व्यंग्य और पैरोडी के लिए मशहूर हैं। उन्होंने देश के 16 राज्यों में काव्य पाठ कर छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया है। देवेन्द्र परिहार-वीर रस के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने ज़ी न्यूज़ के कवि युद्ध सहित कई राष्ट्रीय और प्रादेशिक चौनलों पर काव्य पाठ किया है। नरेंद्र गुप्ता-रायगढ़ के मूल निवासी और वीर रस के कवि हैं। उन्हें अटल साहित्य सम्मान और दिनकर साहित्य सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। बंशीधर मिश्रा-ख्यात हास्य कवि, जो देश के कई राज्यों में काव्य पाठ और मंच संचालन कर चुके हैं। वे वाह भाई वाह टीवी शो में भी 6 एपिसोड में शामिल हुए थे। उनकी हास्य संग्रह ‘भूतहा लोरी‘ प्रकाशित हो चुकी है और उन्हें धुरंधर हास्य सम्मान 2025 से सम्मानित किया गया है। अभिषेक पांडे-युवा कवि, वक्ता और आयोजक हैं, जो अपनी वक्ता कला के लिए युवा पुरस्कार से सम्मानित हैं। वे दूरदर्शन सहित विभिन्न निजी चौनलों पर काव्य पाठ कर चुके हैं।सुप्रसिद्ध संगीतकार एवं गायक अर्नव चटर्जी ने अपनी अनूठी प्रस्तुति से दर्शकों का मन मोह लिया। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में जन्में और ऑल इंडिया रेडियो, मुंबई से प्रमाणित गायक अर्नव चटर्जी ने भजन, गज़ल और गीतों की प्रस्तुति दी। उनकी मधुर आवाज़ और सुर-ताल की अद्भुत संगति ने श्रोताओं को मुग्ध कर दिया। कार्यक्रम के दौरान अर्नव चटर्जी ने फिल्म, टीवी सीरियल, म्यूज़िक एल्बम और डॉक्यूमेंट्री फिल्मों के लिए किए गए अपने सृजनात्मक योगदान की झलक भी प्रस्तुत की। संगीत प्रेमियों ने उन्हें खड़े होकर तालियों से सम्मानित किया। चक्रधर समारोह की इस संध्या में उनकी प्रस्तुति ने न केवल भारतीय संगीत की समृद्ध परंपरा को जीवंत किया बल्कि अर्नव चटर्जी की संगीतमयी संध्या ने समारोह को अविस्मरणीय बना दिया। - -सात वर्षीय कलाकार सहित दुर्ग, बेंगलुरू, रायगढ़ और जबलपुर के कलाकारोें ने दी प्रस्तुतियांरायपुर। चक्रधर समारोह का आठवां दिन कथक नृत्य की प्रस्तुतियों से सराबोर रहा। रायगढ़ में आयोजित इस समारोह में आठवें दिन मंच पर सात वर्षीय कथक नृत्यांगना अंशिका सिंघल के साथ दुर्ग, बेंगलुरू, रायगढ़ घराने, जबलपुर के कथक कलाकरों ने अनुपम प्रस्तुतियां दी। चक्रधर समारोह के आठवें दिन का शुभारंभ नन्हीं बाल कलाकार आशिका सिंघल की कथक नृत्य प्रस्तुति से हुआ। केवल 7 वर्ष की आयु में ही आशिका ने अपनी सधी हुई ताल और भावपूर्ण अभिनय से उपस्थित दर्शकों का दिल जीत लिया। आशिका ने मैया मोरी मैं नहीं माखन खायो जैसे भक्ति गीत पर कथक नृत्य प्रस्तुत कर मंच की गरिमा बढ़ाई। उनकी लय, ताल और भावाभिव्यक्ति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। रायपुर की बाल कलाकार आशिका सिंघल विगत चार वर्षों से कथक की साधना कर रही हैं। उन्होंने विद्यालय एवं विभिन्न प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर कई उपलब्धियां हासिल की हैं।दुर्ग की कथक नृत्यांगना देविका दीक्षित ने अपनी प्रस्तुति से दर्शकों का मन मोह लिया। लगभग चौबीस वर्षों से कथक साधना में रमीं देविका ने परंपरा और नवीनता का ऐसा संगम प्रस्तुत किया, जिसमें भाव, लय और ताल की उत्कृष्टता स्पष्ट झलकी। उनकी प्रस्तुति में कथक की गहराई के साथ आधुनिक दृष्टि का समावेश दिखाई दिया। दर्शकों ने इस प्रतिभाशाली कलाकार के समर्पण और साधना से सजी प्रस्तुति को तालियों की गडग़ड़ाहट के साथ सराहा।देविका दीक्षित ने पाँच वर्ष की उम्र से ही नृत्य यात्रा की शुरुआत की और गुरु श्रीमती उपासना तिवारी एवं आचार्य पंडित कृष्ण मोहन मिश्र से प्रशिक्षण प्राप्त किया। कथक में ‘कोविद‘ और ‘विशारद‘ उपाधियाँ अर्जित करने के साथ उन्हें नेशनल नृत्य शिरोमणि पुरस्कार, श्रेष्ठ भारत सम्मान और गोपीकृष्ण नेशनल अवॉर्ड सहित कई राष्ट्रीय सम्मान मिल चुके हैं। दिल्ली के कामानी ऑडिटोरियम से लेकर बनारस लिट फेस्ट तक उन्होंने अपनी कला का प्रदर्शन कर सराहना प्राप्त की है। नृत्य के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी देविका ने अपनी अलग पहचान बनाई है। लंदन यूनिवर्सिटी कॉलेज से अर्बन डिजाइन में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के बाद वे वर्तमान में आईआईएम, रायपुर से एमबीए की पढ़ाई कर रही हैं।बेंगलुरू के प्रख्यात कथक कलाकार डॉ. लक्ष्मीनारायण जेना और उनकी टीम ने कथक की ऐसी अनुपम प्रस्तुति दी कि दर्शक भावविभोर होकर तालियों की गडग़ड़ाहट से सभागार गूंजाते रहे। डॉ. जेना ने लखनऊ-जयपुर घराने की बारीकियों को अपने नृत्य में समाहित कर भारतीय परंपरा और संस्कृति का अद्भुत चित्रण प्रस्तुत किया। उनकी भाव-भंगिमाएं, पदचालन और ताल की सटीकता ने कथक की शास्त्रीयता को मंच पर जीवंत कर दिया। प्रस्तुति में उनके साथ श्री मैसुर बी.नागराज, श्री अजय कुमार सिंह, श्री रघुपति झा और श्री विजय ने संगत कर समां और भी भव्य बना दिया। भाव, राग और ताल के इस अनूठे संगम ने समारोह में उपस्थित कला प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर दिया।रायगढ़ घराने की विशिष्ट छाप छोड़ते हुए बिलासपुर की सुप्रसिद्ध कथक नृत्यांगना श्रीमती वासंती वैष्णव, सुश्री ज्योतिश्री और उनकी टीम ने शास्त्रीय नृत्य की ऐसी मोहक प्रस्तुति दी, जिसने उपस्थित दर्शकों को भावविभोर कर दिया। कार्यक्रम की शुरुआत गणेश स्तुति से हुई, जिसके पश्चात तबले की उठान, शिव तांडव, तबला और घुंघरुओं की जुगलबंदी तथा वर्षा ऋतु की अद्भुत झलकियों को नृत्य में पिरोया गया। सुर, ताल और भाव की इस अनूठी संगति ने सभागार में ऐसा वातावरण निर्मित किया कि दर्शक मंत्रमुग्ध होकर तालियों की गडग़ड़ाहट से कलाकारों का उत्साहवर्धन करते रहे।ज्ञात हो कि रायगढ़ घराने की स्थापना राजा चक्रधर सिंह द्वारा की गई थी। कला-संरक्षक के रूप में उनकी दूरदृष्टि और नृत्य-प्रेम के कारण विभिन्न घरानों के महान गुरुओं व कलाकारों ने रायगढ़ को अपना केंद्र बनाया। यहीं से मेघ पुष्प, चमक बिजली, ब्रह्म बीज और दाल-बादल परन जैसी अनुपम नृत्य बंदिशों की रचना हुई, जो आज भी रायगढ़ घराने की पहचान बनी हुई हैं। इस घराने की एक विशेषता यह भी है कि इसके कलाकार या तो अत्यंत धीमी या फिर अत्यंत तेज गति में अपनी प्रस्तुति देते हैं, जो कथक की गहराई और विविधता को दर्शाता है। श्रीमती वासंती वैष्णव ने रायगढ़ घराने की शिक्षा अपने पिता व सुप्रसिद्ध कलागुरु श्री फिरतूराम महाराज से प्राप्त की है। कठोर साधना और संगतिक अनुशासन के प्रति उनकी निष्ठा ने उन्हें देश की प्रतिष्ठित कथक नृत्यांगनाओं की श्रेणी में स्थापित किया है। वे देश के प्रमुख कला मंचों पर अपनी अद्वितीय प्रस्तुतियों से रायगढ़ घराने की परंपरा को निरंतर आगे बढ़ा रही हैं।कथक की प्रख्यात गुरु नीलांगी कालांतरे ने अपनी विलक्षण प्रस्तुति से ऐसा समां बाँधा कि पूरा कार्यक्रम स्थल तालियों की गडग़ड़ाहट से गूँज उठा। उनकी साधना, भाव-भंगिमा और मनमोहक नृत्य मुद्राओं ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।गुरु नीलांगी कालांतरे ने सात वर्ष की आयु से कथक की शिक्षा आरंभ की। उन्हें यह ज्ञान गुरु शरदिनी गोले जी और पंडित रोहिणी भाटे जैसे विख्यात गुरुओं से प्राप्त हुआ। लगभग तीन दशकों से अधिक समय से वे कथक की परंपरा को साधते हुए इसे नई ऊँचाइयों पर पहुँचा रही हैं। मंच पर उनकी उपस्थिति मात्र ने ही वातावरण को आध्यात्मिक और कलात्मक ऊर्जा से भर दिया। उन्होंने पारंपरिक कथक की बारीकियों के साथ आधुनिक प्रयोगों का ऐसा सुंदर समन्वय प्रस्तुत किया, जिसने दर्शकों को शास्त्रीय नृत्य की गहराई से अवगत कराया। भक्ति और लयात्मकता से ओतप्रोत उनकी प्रस्तुतियों ने यह संदेश दिया कि कला साधना केवल प्रदर्शन नहीं, बल्कि जीवन का अभिन्न हिस्सा है।
- -देश ही नहीं, पूरी दुनिया में प्रतिष्ठित हो रहा है चक्रधर समारोह-केंद्रीय राज्य मंत्री श्री रामदास अठावले-केंद्रीय राज्य मंत्री श्री अठावले ने समारोह के आठवें दिन के कार्यक्रम का किया विधिवत शुभारंभरायपुर। अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त चक्रधर समारोह 2025 का आठवां दिन विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और लोक-शास्त्रीय कलाओं की अनूठी छटा से सराबोर रहा। रामलीला मैदान में आयोजित सुर, ताल, छंद और घुंघरू के आठवें दिन कलाकारों की सजीव प्रस्तुतियों ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया और समारोह की गरिमा को नई ऊंचाइयों पर पहुँचा दिया।कार्यक्रम का शुभारंभ केंद्रीय राज्य मंत्री, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार श्री रामदास अठावले ने भगवान श्री गणेश की पूजा-अर्चना, राजा चक्रधर के चित्र पर पुष्प अर्पित कर तथा दीप प्रज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री श्री रामदास अठावले ने कहा कि राजा चक्रधर सिंह केवल रायगढ़ के नहीं, बल्कि पूरे देश के गौरव हैं। वे एक महान शासक, समाजसेवी और संगीत साधक थे। गरीबों, किसानों, मजदूरों और आदिवासी समाज के उत्थान के लिए उन्होंने कार्य किया और कथक को नया आयाम देकर ‘रायगढ़ घराने‘ की स्थापना की। आज उनका यह सांगीतिक धरोहर देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में सम्मान पा रहा है। इस मौके पर राज्यसभा सांसद श्री देवेंद्र प्रताप सिंह, नगर निगम रायगढ़ महापौर श्री जीवर्धन चौहान सहित अनेक जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।चक्रधर समारोह में आठवें दिन का मुख्य आकर्षण अबूझमाड़ का प्रसिद्ध मल्लखंभ दल रहा। उनकी रोमांचक प्रस्तुतियों ने दर्शकों को उत्साहित कर तालियों से सभागार गूंजा दिया। इस अवसर पर रायपुर की आशिका सिंघल, संगीता कापसे संगीत कला अकादमी रायपुर, दुर्ग की देविका दीक्षित, बिलासपुर की श्रीमती वासंती वैष्णव एवं टीम, जबलपुर की श्रीमती निलांगी कालान्तरे और बेंगलुरु के डॉ.लक्ष्मी नारायण जेना ने कथक की विभिन्न शैलियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। रायपुर की श्रीमती अजीत कुमारी कुजूर ने भरतनाट्यम और मुंबई के श्री अर्नव चटर्जी ने मधुर गायन से समा बांध दिया। चक्रधर समारोह के अवसर पर पद्मश्री स्व. डॉ. सुरेन्द्र दुबे की स्मृति में विशेष काव्य संध्या का आयोजन हुआ। कवियों की प्रस्तुतियों में हास्य, वीर रस और व्यंग्य का सुंदर संगम देखने को मिला। दर्शक देर तक तालियों से कवियों का उत्साहवर्धन करते रहे।चक्रधर समारोह में उस समय अविस्मरणीय बन गई, जब अबूझमाड़ से आए श्री मनोज प्रसाद के नेतृत्व में मल्लखंब दल ने मंच पर प्रवेश किया। परंपरा, अनुशासन और अद्भुत संतुलन के साथ खिलाडिय़ों ने ऐसा प्रदर्शन किया कि पूरा कार्यक्रम स्थल रोमांचित हो उठा। बस्तर और नारायणपुर के छोटे-छोटे गांवों से निकलकर अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुँचे इंडियाज गॉट टैलेंट सीजन-10 के विजेता नरेंद्र गोटा और फुलसिंह सलाम ने अपने साथियों संग अद्भुत मल्लखंब कला की प्रस्तुति दी।मंच पर कलाकारों ने खंभे पर कौशल, कला व जिम्नास्टिक की अद्भुत मुद्राओं का प्रदर्शन किया, जिसने दर्शकों को रोमांचित कर दिया। इस प्रस्तुति ने साबित कर दिया कि सुदूर वनांचल की प्रतिभाएं अब विश्व मंच तक अपनी पहचान दर्ज करा रही हैं। समारोह में उपस्थित हजारों दर्शकों ने खड़े होकर तालियों से इन कलाकारों की सराहना की और उन्हें छत्तीसगढ़ का गौरव बताया। यह वही दल है जिसने 2023 में इंडियाज गॉट टैलेंट सीजन 10 जीतकर पूरे देश का दिल जीता था। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी इन कलाकारों ने भारत का परचम लहराया है।इन कलाकारों की सफलता के पीछे है अबूझमाड़ मल्लखंब अकादमी, जो 2018 से आदिवासी अंचलों के बच्चों को प्रशिक्षण देकर उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिला रही है। अब तक इस अकादमी के 500 से अधिक राष्ट्रीय पदक विजेता तैयार हो चुके हैं और 50 से अधिक बच्चे यहाँ रहकर शिक्षा एवं मल्लखंब की विधिवत ट्रेनिंग ले रहे हैं। इनके प्रशिक्षक मनोज प्रसाद ने अपनी मेहनत, समर्पण और जुनून से इन बच्चों को विश्वस्तरीय मंच दिलाया है।
- -“विजेता” बनी मेहनत, तकनीक और आत्मनिर्भरता की मिसाल-कोसा बीज उत्पादन में हासिल की उपलब्धि, केंद्रीय रेशम बोर्ड से मिला सम्मानरायपुर। विजेता कोरी ने आज अपने नाम के अनुरूप विजेता बनकर अपने नाम को सार्थक बना दिया है और यह सिद्ध कर दिया है कि मेहनत, धैर्य और कौशल से कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है। वे अब न केवल अपने परिवार के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र की महिलाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं। ग्राम रमतला की विजेता रामसनेही उर्फ अन्नू कोरी आज ग्रामीण महिलाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं। साधारण परिवार से आने वाली अन्नु ने मेहनत और लगन से न केवल अपनी आजीविका को सशक्त बनाया बल्कि पूरे क्षेत्र में रेशम उत्पादन के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित किया। उन्होंने एक माह में 12 हजार कोसा बीज का उत्पादन किया। केंद्रीय रेशम बोर्ड द्वारा विजेता को उनकी उपलब्धि के लिए सम्मानित किया गया।बिलासपुर जिला के बेलतरा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम रमतला निवासी श्रीमती विजेता कोरी उर्फ अनु पिछले 10 वर्षों से रमतला रेशम अनुसंधान एवं विकास केंद्र से जुड़ी हुई हैं। प्रारंभ में उन्हें इस कार्य की जानकारी नहीं थी, लेकिन केंद्र से मिले प्रशिक्षण और तकनीकी मार्गदर्शन ने उनके भीतर आत्मविश्वास जगाया। उन्होंने धीरे-धीरे रेशम और कोसा बीज उत्पादन की बारीकियों को सीखी। विजेता ने बताया कि रेशम उत्पादन की प्रक्रिया बेहद कठिन है और कड़ा परिश्रम करनी पड़ती है, फिर भी मैंने हार नहीं मानी। दिन-रात मेहनत कर कोसा बीज उत्पादन किया और अकेले ही 12 हजार से अधिक बीज का निर्माण किया।हाल ही में केंद्रीय रेशम बोर्ड द्वारा कोरबा जिले के पाली विकासखंड के ग्राम डोंगानाला में आयोजित कार्यक्रम मेरा रेशम, मेरा अभिमान में केंद्रीय रेशम बोर्ड द्वारा उन्हें विशेष रूप से सम्मानित किया गया। उन्होंने मात्र एक माह में 12 हजार नग कोसा बीज तैयार कर रिकॉर्ड बनाया। इस कार्य से उन्होंने 40 हजार रुपये की आमदनी अर्जित की, विजेता ने अकेले यह उपलब्धि हासिल की। यह उपलब्धि उनकी मेहनत, कौशल और आत्मविश्वास का परिणाम है। विजेता कोरी को केंद्रीय रेशम बोर्ड रांची के निदेशक डॉ. एन.बी. चौधरी, बिलासपुर के डॉ. नरेंद्र कुमार भाटिया और श्री सी एस लोन्हारे के हाथों सम्मानित किया गया। यह पहला अवसर था जब उनके कार्य के लिए ऐसा बड़ा सम्मान मिला। उन्होंने कहा कि यह सम्मान उनके लिए अविस्मरणीय है। उन्होंने बताया कि कोसा और रेशम बीज निर्माण की प्रक्रिया में एक माह का समय लगता है और मौसम के अनुकूल वर्ष भर में तीन से चार बार उत्पादन की प्रक्रिया की जा सकती है।उन्होंने बताया कि कोसा बीज उत्पादन कार्य के साथ साथ वह केंद्र में समय समय पर दैनिक मजदूरी का काम कर भी आजीविका कमाती हैं। विजेता अपनी मेहनत से मिली आमदनी से अपने परिवार को आर्थिक संबल दिया है। अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा और परवरिश दे रही हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना से पक्का घर मिला। महतारी वंदन योजना से हर माह 1000 रुपए और श्रम विभाग की बीमा योजना सहित कई अन्य योजनाओं, बच्चों को छात्रवृत्ति योजना का भी लाभ मिल रहा है। बिहान के तहत गंगा जमुना स्व-सहायता समूह से जुड़कर उन्होंने मछली पालन का कार्य भी शुरू किया, जिससे उनकी आय के स्रोत बढ़ गए।विजेता कहती हैं - सरकार की मदद से मैंने अपने जीवन को बेहतर बनाया है। आज मैं अपने पैरों पर खड़ी हूँ और अपने परिवार को एक सुरक्षित भविष्य दे पा रही हूँ। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की आभारी हूँ। विजेता ने बताया कि केंद्रीय रेशम बोर्ड के अधिकारियों से उन्हें तकनीकी मार्गदर्शन मिलता रहा, जिससे वह अपने काम को बेहतर तरीके से कर पाई जिसका बेहतर परिणाम उन्हें मिला।
- -आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल, कारली की छात्रा कुमारी खुशी ठाकुर का चयन हुआ पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज रायपुर में-कलेक्टर ने छात्रा के उज्जवल भविष्य की दी शुभकामनाएंदंतेवाड़ा । स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल, कारली में आज न्योता भोजन कार्यक्रम में कलेक्टर श्री कुणाल दुदावत और सीईओ श्री जयंत नाहटा शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने उक्त शैक्षणिक संस्था की अध्ययनरत छात्रा कुमारी खुशी ठाकुर द्वारा नीट परीक्षा क्वालीफाई कर पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज रायपुर में चयनित होने पर शुभकामनाएं दी। उल्लेखनीय है कि जिले में शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धि हासिल करने वाले छात्रा के सम्मान में बुधवार को न्योता भोजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।दोनों अधिकारियों ने छात्रा के साथ न्योता भोजन साझा करते हुए अन्य छात्रों को भी प्रेरणा लेते हुए उत्कृष्ट प्रदर्शन करने हेतु प्रोत्साहित किया। कलेक्टर श्री दुदावत ने छात्रा को हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि सभी छात्रों को पढ़ने की प्रक्रिया को तनाव ना लेते हुए शांत, सकारात्मक तरीके से अपना प्रदर्शन को प्रभावी बना सकते है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मेहनत, अनुशासन और सकारात्मक सोच से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। कार्यक्रम में जिला पंचायत सीईओ श्री जयंत नाहटा ने भी छात्रा की सफलता की सराहना करते हुए इसे पूरे जिले के लिए गर्व का विषय बताया। उन्होंने विद्यालय के शिक्षकों और अभिभावकों के योगदान को भी महत्वपूर्ण करार दिया और कहा कि ऐसे आयोजन विद्यार्थियों को निरंतर आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। न्योता भोजन कार्यक्रम न केवल छात्र और उसके परिवार को गौरवान्वित किया, बल्कि यह जिले के अन्य विद्यार्थियों के लिए भी प्रेरणादायी संदेश बनकर सामने आया।
- दंतेवाड़ा । जिले के सभी 169 ग्राम पंचायत भवनों और गांव के प्रमुख स्थलों पर अब क्यूआर कोड चस्पा किए जाएंगे। ग्रामीण जन इन क्यूआर कोड को अपने मोबाइल से स्कैन कर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत संपादित विकास कार्यों की पूरी जानकारी घर बैठे प्राप्त कर सकेंगे। इस पहल से पिछले पांच वर्षों में किए गए कार्यों की सूची, कार्य की स्थिति, लागत राशि, खर्च का विवरण, भुगतान की जानकारी, धनराशि का उपयोग कहां हुआ, जॉब कार्ड धारकों की संख्या और सृजित मानव दिवस जैसी सभी जानकारियां एक क्लिक में उपलब्ध होंगी।कलेक्टर कुणाल दुदावत के मार्गदर्शन एवं निर्देशानुसार शुरू की गई यह व्यवस्था मनरेगा कार्यों में पारदर्शिता लाने की दिशा में अहम कदम साबित होगी। ग्रामीणों को अब दफ्तरों के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि वे सीधे अपने मोबाइल से पंचायतवार और ग्रामवार पूरी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इससे न केवल भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी, बल्कि योजना पर जनता का भरोसा भी मजबूत होगा। जिला पंचायत सीईओ जयंत नाहटा ने बताया कि क्यूआर कोड प्रणाली से आम नागरिक योजना से जुड़ी प्रत्येक जानकारी तत्काल और पारदर्शी तरीके से देख पाएंगे। इसके माध्यम से ग्रामीण अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होंगे और अपने गांव के विकास कार्यों की वास्तविक निगरानी भी कर सकेंगे। जनपद पंचायत दंतेवाड़ा, गीदम, कटेकल्याण और कुआकोंडा अंतर्गत सभी ग्राम पंचायतों के लिए विशेष क्यूआर कोड तैयार कर लिए गए हैं, जिन्हें 10 सितम्बर तक हर पंचायत में चस्पा कर दिया जाएगा। यह नवाचार ग्रामीणों को केवल दर्शक नहीं, बल्कि विकास कार्यों की निगरानी करने वाला वास्तविक सहभागी बनाएगा। क्योंकि अब विकास का पूरा हिसाब सबके सामने होगा और हर किसी की जेब में रहेगा।
- -घर-घर पहुंचकर प्रभावितों के नुकसान का किया आकलन-प्रभावितों के खातों में सहायता राशि के अतरण की सूचना ग्रामीणों को अवश्यंभावी देवें अधिकारी-पीड़ितों से राशन सामग्री से लेकर चिकित्सा एवं अन्य घरेलू आवश्यकताओं के संबंध में कलेक्टर ने उनसे किया आत्मीय संवाददंतेवाड़ा, । भारी वर्षा के झड़ी के बीच कलेक्टर श्री कुणाल दुदावत द्वारा बुधवार को गीदम विकासखण्ड अन्तर्गत अति वर्षा प्रभावित ग्राम बांगापाल, तुमनार, एवं फुंडरी में क्षतिग्रस्त पारा टोलों का अनवरत निरीक्षण कर वर्षा से हुए नुकसान का जमीनी आकलन किया गया। अति वर्षा से हुई ग्रामीण क्षेत्रों में क्षति का वास्तविक आंकलन करने के साथ -साथ उन्हें संबल देने के मद्देनजर कलेक्टर ने ग्राम बड़े तुमनार पहुंचे यहां उन्होंने प्रभावित परिवार के क्षतिग्रस्त मकानों को देखकर प्रभावितों को उनके खातों में सहायता राशि के अतरण से अवगत कराते हुए मकान के मरम्मत करवाने का आग्रह किया। साथ ही उनसे कहा कि पीड़ितों के मकानो के मरम्मत अथवा पुनर्निर्माण तक उनके रहवास की व्यवस्था प्रशासन द्वारा की जा रही है। साथ ही फसल को हुई क्षति के संबंध में फसल बीमा के तहत उसका मुआवजा अलग से दिया जाएगा। इसके अलावा पीड़ितों के तात्कालिक घरेलू आवश्यकता जैसे तिरपाल,बड़े पॉलीथिन, जलाउ लकड़ी बांस बल्ली, बच्चों एवं महिलाओं के दैनिक उपयोगी सामान की व्यवस्था भी प्रशासन द्वारा किया जा रहा है। प्रभावितों को इस संकट की घड़ी में मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार मदद देने हेतु जिला प्रशासन प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही कलेक्टर ने यहां पटेलपारा स्थित प्राथमिक शाला का भी अवलोकन करते हुए बच्चों से पहाड़े और वर्णमाला संबंधी प्रश्न पूछे एवं कक्षा दूसरी की छात्रा कामेश्वरी द्वारा पहाड़े का सही उच्चारण करने पर उसे शाबाशी दिया साथ ही शिक्षकों से बच्चों की लर्निंग स्किल सुधारने हेतु विशेष प्रयास करने को कहा।वर्षा प्रभावित राजकुमार नाग के उपचार एवं नर्सिंग की पढ़ाई कर रही ग्राम बांगापाल की पूर्णिमा कुंजाम के पढ़ाई की फीस एवं पुस्तकों को उपलब्ध कराने का जिम्मा प्रशासन उठायेगाग्राम तुमनार में ही प्रभावित परिवार में से पैरालिसिस पीड़ित राजकुमार नाग को सहायता राशि के अलावा उपचार हेतु अलग राशि उपलब्ध कराने के लिए कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिया। उल्लेखनीय है कि ग्राम तुमनार में अति वर्षा से पीड़ित कुल 35 परिवारों के खातों में सहायता राशि का अंतरण किया जा चुका है। इसके साथ ही कलेक्टर ने बांगापाल के वर्षा प्रभावित क्षेत्र का दौरा करते हुए यहां के पीड़ित ग्रामीणों लच्छूराम यादव, राजू कुंजाम, सहित अन्य ग्रामीणों को संपूर्ण प्रशासनिक सहायता उपलब्ध कराने का दिलासा देते हुए कहा कि प्रभावितों के खातों में सहायता राशि के अंतरण का पठन किये जाने हेतु मैदानी अमले को निर्देशित कर दिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि अगर किसी कारणवश पीड़ित छूट गए है उनके लिए पुनः सर्वे कराकर उनकी क्षति का आकलन कर सहायता राशि प्रदाय की जायेगी। ज्ञात हो कि बांगापाल में कुल 71 परिवार वर्षा से प्रभावित है जिनके खातों में राशि का अंतरण किया जा चुका है। यहां कलेक्टर ने एक अन्य प्रभावित नर्सिंग की छात्रा कुमारी पूर्णिमा कुंजाम के नर्सिंग की पढ़ाई फीस सहित पुस्तकों के लिए प्रशासन द्वारा सहायता देने की बात कही। यहीं उन्होंने छात्र धर्मेन्द्र कुमार कश्यप द्वारा अपने 10वीं और 12वीं की मूल अंकसूची वर्षा से नष्ट होने के संबंध में कलेक्टर को अवगत कराने पर नई अंकसूची उपलब्ध कराने हेतु आश्वस्त किया।इसके पश्चात कलेक्टर जिले के सरहद पर स्थित ग्राम फुंडरी पहुंचे। यहां कुल वर्षा प्रभावित कुल 17 परिवारों को सहायता राशि उपलब्ध कराई गई है। यहां भी कलेक्टर ने प्रभावितों को अपने -अपने बैंक खातों को चेक कर राशि प्राप्त होने की चर्चा करते हुए कहा कि प्रशासन की पहली प्राथमिकता प्रभावितों के रहवास स्थलों को दुरुस्त करना है। ताकि वे अपने सामान्य जन जीवन की ओर लौट सकें। साथ ही इन क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त पहुंच मार्गो के मरम्मतीकरण के लिए भी विभागों को निर्देशित कर दिया गया है। इस मौके पर जिला पंचायत सीईओ श्री जयंत नाहटा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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राजनांदगांव । कलेक्टर एवं अध्यक्ष भारतीय रेडक्रास सोसायटी डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे की पहल पर भारतीय रेडक्रास सोसायटी राजनांदगांव द्वारा एवं उदयाचल समाज सेवी संस्था के सौजन्य से बस्तर जिले में बाढ़ पीडि़तों की सहायता के लिए भारतीय रेडक्रास सोसायटी बस्तर को 500 नग मच्छरदानी भेजी गई। इस दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं सचिव भारतीय रेडक्रास सोसायटी राजनांदगांव डॉ. नेतराम नवरतन, रेडक्रास सोसायटी के अन्य सदस्य तथा उदयाचल समाज सेवी संस्था के पदाधिकारी उपस्थित थे।
- मानपुर । ग्रामीण अंचलों में दिव्यांगजन और वरिष्ठ नागरिकों के जीवन को सहारा देने के उद्देश्य से सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र, लौह अयस्क खदान समूह दल्लीराजहरा द्वारा भारत कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को) जबलपुर के सहयोग से ग्राम पंचायत खड़गांव (विकासखण्ड मानपुर) में दो दिवसीय चयन शिविर का बुधवार को शुभारंभ किया गया। इस शिविर में जिला प्रशासन एवं समाज कल्याण विभाग, छत्तीसगढ़ शासन का भी सहयोग मिल रहा है।शिविर का उद्घाटन मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी के उप कलेक्टर जी.आर. मरकाम ने किया। इस अवसर पर मानपुर एसडीएम अमित नाथ योगी, जनपद पंचायत अध्यक्ष पुष्पा मंडावी, जनपद सदस्य शाहिदा खान, खड़गांव की सरपंच रामिला धुर्वे, ब्लॉक मेडिकल अधिकारी डॉ. गिरीश खोब्रागड़े तथा जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी भारती चंद्राकर उपस्थित रहीं।अब तक 197 लाभार्थियों ने पंजीयन कराया है, जिनमें 137 मानपुर व 60 मोहला से शामिल हैं। चयनित दिव्यांगजनों की जांच एवं मूल्यांकन कर उन्हें ट्राइसाइकिल, व्हीलचेयर, बैसाखी, हियरिंग एड, दृष्टिबाधितों के लिए फोल्डिंग स्टिक, एम.एस.आई.ई.डी. किट, ट्राइपॉड, टेट्रापॉड, सर्वाइकल कॉलर, नी-बेस आदि निःशुल्क उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे।इस अवसर पर खदान विभाग की ओर से महाप्रबंधक अरुण कुमार, उप महाप्रबंधक मनीष जायसवाल, वरिष्ठ प्रबंधक राकेश कुमार ठाकुर, उप प्रबंधक (सीएसआर) कमलकांत वर्मा तथा सीएसआर विभाग से आशुतोष सोनी उपस्थित रहे। एलिम्को से डॉ. नरेंद्र कुमार और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन भी शिविर में शामिल हुए।गणमान्य अतिथियों ने कहा कि इस प्रकार के शिविर न केवल दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में सहायक होंगे, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे। उन्होंने इस पहल के लिए सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र और एलिम्को के प्रयासों की सराहना की, जिन्होंने ग्रामीण अंचल तक इस महत्त्वपूर्ण सेवा को पहुँचाया है।
- -शाला त्यागी बच्चों का सर्वे कर निरंतर पालक से सम्पर्क बनाए रखें व उन्हें शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़े - श्री नंदनवारमहासमुंद / मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान के सुव्यवस्थित क्रियान्वयन हेतु बुधवार को जिला परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा, महासमुंद में जिले के पाँचों विकासखंडों के विषय विशेषज्ञ एवं पीएलसी सदस्यों की आवश्यक बैठक आयोजित की गई। बैठक में विकासखंड शिक्षा अधिकारी, बीआरसीसी एवं सक्रिय पीएलसी सदस्य उपस्थित रहे।अवसर पर प्रभारी कलेक्टर एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री हेमंत रमेश नंदनवार ने कहा कि शिक्षा गुणवत्ता के लिए पालकों की जागरूकता सबसे महत्वपूर्ण है। यदि पालक जागरूक होंगे तो बच्चे नियमित रूप से विद्यालय आएंगे तथा विद्यालयीन गतिविधियों की परख घर पर भी करेंगे। शाला त्यागी बच्चों के लिए सर्वे कर निरंतर पालक सम्पर्क बनाए रखने और उन्हें शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में किसी प्रकार का समझौता नहीं होगा। विद्यालय का वातावरण आकर्षक एवं गतिविधि आधारित बने जिससे बच्चों में सीखने की लालसा जागृत हो। जिले के पाँचवी एवं आठवीं के बच्चों के लिए विद्यालय समयावधि में ही नवोदय एवं प्रयास पद्धति पर आधारित तर्कशक्ति, ट्रिक मैथेमेटिक्स तथा भाषाई शिक्षा को सुदृढ़ किया जाएगा।जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि जिले में जानकारी के आदान-प्रदान में समयबद्धता सुनिश्चित हो। प्रत्येक स्तर पर निरीक्षण सुदृढ़ किया जाए तथा रजत जयंती वर्ष की प्रत्येक गतिविधि का पालन विद्यालयों में अनिवार्य रूप से हो। जाति प्रमाणपत्र हेतु विशेष अभियान तथा अटल मॉनिटरिंग पोर्टल में पीएम श्री स्कूल, छात्रवृत्ति एवं आरटीई संबंधी जानकारी का सत्यापन करने के निर्देश दिए।जिला मिशन समन्वयक श्री रेखराज शर्मा ने कहा कि राज्य द्वारा प्रदत्त पाठ्यक्रम को विद्यालयों में समयबद्ध लागू किया जाए। इकाई एवं तिमाही मूल्यांकन व्यवस्थित रूप से हो तथा सभी स्तरों के लिए परीक्षा प्रश्नपत्र ब्लूप्रिंट के आधार पर तैयार किए जाएँ। अवसर पर जिले भर से आए पीएलसी सदस्यों ने अपनी अपनी बातें प्रोजेक्टर के माध्यम से रखें जिसमें शिक्षा के क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों और उसके क्या समाधान हो सकते हैं को विस्तार से बताया गया त्रैमासिक परीक्षा हेतु प्रश्न पत्र पर विस्तृत चर्चा जगदीश सिन्हा, एसडीपी पर विस्तृत चर्चा ओम नारायण शर्मा, स्कूल सहजता से विद्यालय मैनेजमेंट विजय शर्मा, एनईपी 2020 पे चर्चा रिंकल बग्गा, एफएलएन पर प्रेजेंटेशन अमित उईके ने बेहतर ढंग से दिया। कार्यक्रम का संचालन एपीसी श्रीमती संपा बोस द्वारा किया गया।
- महासमुंद / प्रभारी कलेक्टर एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री हेमंत नंदनवार ने बुधवार को महासमुंद विकासखंड के ग्राम पटेवा, सिनोधा, बावनकेरा, टूरीडीह एवं झलप पहुंचे। उन्होंने यहाँ आवास योजना एवं मनरेगा अंतर्गत संचालित कार्यों का स्थल निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों को कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने तथा समयसीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए।श्री नंदनवार ने ग्रामों में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत कार्यरत स्व-सहायता समूहों से भी चर्चा की और उनके आर्थिक सशक्तिकरण तथा आजीविका संवर्धन की गतिविधियों की जानकारी ली। उन्होंने महिलाओं को बेहतर विपणन सुविधा उपलब्ध कराने और उत्पादों की गुणवत्ता सुधार हेतु प्रशिक्षण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।इसके साथ ही उन्होंने ग्राम के शासकीय विद्यालयों का भी निरीक्षण किया और शिक्षण व्यवस्था, बच्चों की उपस्थिति, मध्याह्न भोजन तथा आधारभूत सुविधाओं का अवलोकन किया। उन्होंने शिक्षकों को बच्चों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।प्रभारी कलेक्टर ने दलदली रोड महासमुंद स्थित घरोंदा का निरीक्षण किया साथ ही उन्होंने वृद्धाश्रम का भी निरीक्षण किया तथा यहां निवासरत वृद्धजनों से भेंटकर उनकी समस्याएँ जानीं। उन्होंने वृद्धजनों के लिए भोजन, चिकित्सा, स्वच्छता एवं आवासीय सुविधा बेहतर बनाने के निर्देश अधिकारियों को दिए।श्री नंदनवार ने कहा कि शासन की विभिन्न योजनाओं का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराना है। इसलिए सभी विभागीय अधिकारी एवं मैदानी अमला योजनाओं को प्राथमिकता और पारदर्शिता से क्रियान्वित करें।
- रायपुर। छत्तीसगढ़ में 1 जून से अब तक 940.7 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा स्थापित राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में अब तक बलरामपुर जिले में सर्वाधिक 1323.4 मि.मी. वर्षा रिकार्ड की गई है। बेमेतरा जिले में सबसे कम 457.1 मि.मी. वर्षा दर्ज हुई है।रायपुर संभाग में रायपुर जिले में 809.2 मि.मी., बलौदाबाजार में 695.5 मि.मी., गरियाबंद में 781.3 मि.मी., महासमुंद में 688.3 मि.मी. और धमतरी में 836.2 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है।बिलासपुर संभाग में बिलासपुर जिले में 971.8 मि.मी., मुंगेली में 954.3 मि.मी., रायगढ़ में 1146.4 मि.मी., सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 791.9 मि.मी., जांजगीर-चांपा में 1125.7 मि.मी., सक्ती में 1015.0 मि.मी., कोरबा में 958.5 मि.मी. और गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही 897.8 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है।दुर्ग संभाग में दुर्ग जिले में 742.6 मि.मी., कबीरधाम में 660.9 मि.मी., राजनांदगांव में 830.3 मि.मी., मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 1161.6 मि.मी., खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 688.2 मि.मी. और बालोद में 1011.7 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है।सरगुजा संभाग में सरगुजा जिले में 673.0 मि.मी., सूरजपुर में 995.7 मि.मी., जशपुर में 913.0 मि.मी., कोरिया में 1013.5 मि.मी. और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 924.7 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है।बस्तर संभाग में बस्तर जिले में 1312.8 मि.मी., कोंडागांव जिले में 867.7 मि.मी., कांकेर में 1068.3 मि.मी., नारायणपुर में 1142.6 मि.मी., दंतेवाड़ा में 1280.1 मि.मी., सुकमा में 1020.7 मि.मी. और बीजापुर में 1282.9 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है।
- 0- गुरूर विकासखण्ड में मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास, मोर गांव-मोर पानी अभियान, गौधाम योजना सहित अन्य विकास कार्यों की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की0- प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत द्वितीय किश्त की राशि प्राप्त कर चुके हितग्राहियों के निर्माणाधीन आवासों को 30 सितंबर तक पूर्ण कराने के दिए निर्देशबालोद. कलेक्टर श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा ने शासन के जनकल्याणकारी योजनाओं का निर्धारित समयावधि में सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। जिससे कि आम जनता को समय पर उसका समुचित लाभ मिल सके। कलेक्टर श्रीमती मिश्रा आज जनपद पंचायत गुरूर के सभाकक्ष में विकासखण्ड स्तरीय अधिकारियों एवं ग्राम पंचायत सचिवों तथा रोजगार सहायकों की बैठक लेकर गुरूर विकासखण्ड में विकास कार्यों की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने गुरूर विकासखण्ड में चल रहे महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, प्रधानमंत्री आवास, मोर गांव-मोर पानी अभियान, राष्ट्रीय आजीविका मिशन के कार्य एवं गौधाम योजना आदि के कार्यों की प्रगति के संबंध में संबंधित विभाग के अधिकारियों से विस्तारपूर्वक जानकारी ली। बैठक में कलेक्टर श्रीमती मिश्रा ने प्रधानमंत्री आवास योजना के कार्यों की प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत जिन हितग्राहियों को द्वितीय किश्त की राशि प्राप्त हो चुकी है। उनके निर्माणाधीन आवासों के निर्माण कार्य को 30 सितंबर तक अनिवार्य रूप से पूर्ण कराने के निर्देश ग्राम पंचायत सचिव एवं रोजगार सहायक को दिए। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सुनील कुमार चंद्रवंशी, एसडीएम गुरूर श्री रामकुमार सोनकर, जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सहित अन्य अधिकारियों के अलावा ग्राम पंचायत सचिव एवं रोजगार सहायकगण उपस्थित थे।बैठक में कलेक्टर श्रीमती मिश्रा ने ग्राम पंचायत सचिवों, रोजगार सहायकों से प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के कार्यों के प्रगति के संबंध में बारी-बारी से जानकारी ली। उन्होंने आवास निर्माण कार्य में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने तथा निर्धारित समयावधि में निर्माणाधीन आवास निर्माण कार्य को पूरा कराने के निर्देश भी दिए। इस दौरान उन्होंने स्वीकृत आवास निर्माण कार्य को निर्धारित समयावधि में पूर्ण कराने में आ रही दिक्कतों के संबंध में भी जानकारी दी। कलेक्टर ने कहा कि ऐसे हितग्राही जो प्रधानमंत्री आवास योजना का राशि प्राप्त कर चुके हैं किंतु आवास बनाने में रूचि नही ले रहे है। इसके अलावा आवास योजना के स्वीकृत राशि को अन्य कार्य में खर्च करने पर इन हितग्राहियों से शीघ्र राशि की वसूली की कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए। इसके साथ ही आवास निर्माण के प्रगति स्तर का जियो टैग के आधार पर आवास किश्त का आबंटन जारी करने को कहा। मौके पर उपस्थित अधिकारियों ने बताया कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत 90 मानव दिवस का रोजगार इसी के आधार पर मस्टररोल ग्राम रोजगार सहायकों द्वारा जारी किया गया है। कलेक्टर ने निर्धारित समय-सीमा आवास निर्माण कार्य पूर्ण नही होने तथा इस कार्य में लापरवाही बरतने वाले ग्राम पंचायत सचिवों एवं आवास मित्रों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। बैठक में कलेक्टर ने संचालित विभिन्न विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा करते हुए सभी विकास कार्यों को निर्धारित समयावधि में गुणवत्तायुक्त ढंग से पूरा कराने के निर्देश भी दिए।बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सुनील चंद्रवंशी ने अधिकारी-कर्मचारियों को सभी ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत संचालित कार्यों का क्यूआर कोड प्रत्येक ग्राम पंचायतों की सूचना पटल पर अनिवार्य रूप से चस्पा करने के निर्देश भी दिए। जिससे कि ग्रामीणजन क्यूआर कोड स्कैन कर ग्राम पंचायतों में संचालित कार्यों की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सके। उन्होंने कहा कि इससे महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के कार्य एवं ग्रामीण विकास कार्ययोजना तैयार करने में सहभागिता में भी वृद्धि हो सकेगी।
- 0- स्व. सरयु प्रसाद अग्रवाल स्टेडियम बालोद में आयोजित प्रतियोगिता में बड़ी संख्या में शामिल हुए प्रतिभागीबालोद. छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव 2025 के अवसर पर आज खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा जिला मुख्यालय बालोद स्थित स्व. सरयु प्रसाद अग्रवाल स्टेडियम में जिला स्तरीय शालेय क्रीडा चयन प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। जिसमें जिले के विभिन्न स्कूलों के प्रतिभागी विद्यार्थी शामिल हुए। प्रतिभागियों ने प्रतियोगिता में अपने खेल प्रतिभा का उत्कृष्ट प्रदर्शन कर अपना स्थान आगामी प्रतियोगिता के लिए सुनिश्चित किया। डिप्टी कलेक्टर एव प्रभारी सहायक खेल अधिकारी श्रीमती प्राची ठाकुर ने बताया कि आज स्टेडियम में दौड़, लंबी कूद, बाधा दौड़, ऊँची कूद, गोला फेंक, ट्रिपल जंप सहित विभिन्न खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें 14 वर्ष, 17 वर्ष और 19 वर्ष सहित तीन वर्ग के खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस अवसर पर खेल एवं युवा विभाग के अधिकारी-कर्मचारी सहित बड़ी संख्या में प्रतिभागी मौजूद थे।
- 0- जिला पंचायत अध्यक्ष, अपर कलेक्टर, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास सहित संबंधित विभाग के अधिकारी-कर्मचारी हुए शामिल0- जनजातियों के विकास एवं कल्याण से जुड़े प्रमुख योजनाओं का ग्राम स्तर तक सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करने हेतु दी गई आवश्यक जानकारियांबालोद. जिला मुख्यालय बालोद के समीपस्थ ग्राम पाकुरभाट में स्थित जिला पंचायत संसाधन केन्द्र में आदि कर्मयोगी अभियान रेस्पोंसिव गवर्नेंस प्रोग्राम के तहत 03 से 05 सितबर तक आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। कार्यशाला में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती तारणी पुष्पेन्द्र चंद्राकर, अपर कलेक्टर एवं आदि कर्मयोगी अभियान के नोडल अधिकारी श्री अजय किशोर लकरा, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्री विजय सिंह कंवर, ट्रायफेड के सहायक संचालक सहित संबंधित विभाग के अधिकारी-कर्मचारीगण उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि बालोद जिले के 186 आदिवासी बहुल ग्रामों में जनजातीय वर्ग के लोगों के कल्याण एवं विकास से जुड़े प्रमुख योजनाओं के सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करने हेतु आदि कर्मयोगी अभियान संचालित किया जा रहा है। इस कार्यशाला के माध्यम से करने हेतु भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए इस अभियान के अंतर्गत जनजातीय वर्गों के विकास एवं कल्याण से जुड़े प्रमुख योजनाओं का ग्राम स्तर तक सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करने हेतु कलस्टर स्तर के सभी प्रभारी अधिकारियों को आवश्यक जानकारियां दी जा रही है।कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती तारणी पुष्पेन्द्र चंद्राकर ने कार्यशाला में उपस्थित अधिकारी-कर्मचारियों को भारत सरकार के द्वारा शुरू किए गए आदि कर्मयोगी अभियान के अंतर्गत जिले के चयनित कुल 186 गांवों आदिवासी बहुल गांवों में जनजातीय वर्ग के कल्याण से जुड़े योजनाओं का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करने को कहा। इस अवसर पर अपर कलेक्टर एवं नोडल अधिकारी श्री अजय किशोर लकरा ने आदि कर्मयोगी अभियान के महत्व एवं उद्देश्यों के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आदि कर्मयोगी अभियान के अंतर्गत जिले के आदिवासी बहुल ग्रामों में बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करने तथा जनजातीय वर्गों के कल्याण से जुड़े प्रमुख योजनाओं तथा सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे सभी अधिकारी-कर्मचारियों को पूरे मनोयोग से प्रशिक्षण प्राप्त कर जिले के चयनित सभी 186 गांवों में निवासरत आदिवासी वर्ग के लोगों को शासन के विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं से शत प्रतिशत लाभान्वित कराने को कहा। सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्री विजय सिंह कंवर ने कहा कि इस कार्यशाला एवं प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य ग्राम स्तर पर चयनित कैडर एवं वालंटियर्स द्वारा अपने गांव के विकास हेतु योजना का निर्माण किया जाना है। जो कि आवास, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार आदि मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराकर जिले के चयनित आदिवासी गांवों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे।--
- 0- ग्राम सोहपुर में अमृत सरोवर का अवलोकन कर किया पौधरोपणबालोद. कलेक्टर श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सुनील चंद्रवंशी ने गुरूर विकासखण्ड के ग्राम तार्री पहुँचकर महिला स्व सहायता समूह द्वारा किए जा रहे प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट कार्य का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट कार्य में लगे स्व सहायता समूह की दीदियों से चर्चा कर प्लास्टिक संग्रहण केन्द्र में संचालित मशीन, बेलिंग, फटका एवं थे्रड के कार्य प्रणाली के संबंध में जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने ग्राम सोहपुर पहुँचकर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत निर्मित अमृत सरोवर का अवलोकन किया। इस मौके पर कलेक्टर श्रीमती मिश्रा ने अमृत सरोवर के समीप नीम के पौधे का रोपण भी किया।उन्होंने मौके पर उपस्थित ग्रामीणों को पेड़-पौधों की महत्व की जानकारी देते हुए अधिक से अधिक पौधरोपण करने तथा रोपे गए पौधों के सुरक्षा के उपाय सुनिश्चित करने को कहा। इस दौरान कलेक्टर एवं सीईओ जिला पंचायत ने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के हितग्राही श्रीमती दुलौरिन बाई के नवनिर्मित आवास का निरीक्षण कर श्रीमती दुलौरिन बाई से आवास निर्माण कार्य के संबंध में आवश्यक जानकारी भी ली। उन्होंने श्रीमती दुलौरिन बाई को इस नवनिर्मित आवास में रेनवाटर हार्वेस्टिंग लगाने की समझाईश दी। इसके अलावा उन्होंने मौके पर उपस्थित अधिकारी-कर्मचारियों को प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत निर्मित की जाने वाली सभी आवासों में रेनवाटर हार्वेस्टिंग बनाने के निर्देश भी दिए।
- 0– पर्यावरण, जल, सड़क सुरक्षा, स्वच्छ भारत, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसे विषयों पर लोगों को कर रहे जागरुकदुर्ग. डैंजर्स एडवेंचर्स स्पोर्ट्स लांगेस्ट वर्ल्ड टूर ऑन फुट जर्नी’ के सदस्य और गिनीज बुक, लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर टीम, जिसमें श्री अवध बिहारी लाल, श्री जितेंद्र प्रताप, श्री महेंद्र प्रताप और श्री गोविंदा नंद शामिल हैं, छत्तीसगढ़ के 33 जिलों में जागरूकता अभियान चला रही है। उक्त टीम द्वारा अब तक विश्व के 11 देशो में 04 लाख 52 हजार किमी की विश्वशांति विश्वपदयात्रा पूरी की जा चुकी है। इस विश्वशान्ति विश्वपदयात्रा के दौरान इन्होंने वर्ष 2018 में दुनिया की सबसे ऊँची चोटी माउण्ट ऐवरेस्ट बेस कैम्प की यात्रा सफलता पूर्वक सम्पन्न की।टीम द्वारा अब तक 14 करोड़ 50 लाख पौधो का वृक्षारोपण भी कराया जा चुका है और टीम विभिन्न स्कूलो, कालेजो, गाँवो एवं सार्वजनिक स्थानों में जाकर जनजागरूकता अभियान के माध्यम से लोगों को जागरूक करते हुए स्थलीय निरीक्षण भी कर रही है। यह टीम भारत के लगभग 600 जनपदों की यात्रा कर चुकी है, जिसमें उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गोवा, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्य के जनपद शामिल हैं। इसी क्रम में, इन्होंने छत्तीसगढ़ के 33 जिलों में से दो जिलों की यात्रा पूरी कर ली है। इस दौरान टीम द्वारा दुर्ग जिले के जनपद दुर्ग में 1 से 3 सितंबर 2025 तक 3 दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न गतिविधियों के द्वारा युवाओं को केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित पर्यावरण संरक्षण, वन संरक्षण, वन्य जीव संरक्षण, जल संरक्षण के साथ-साथ सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा, स्वच्छ भारत, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाआ, मतदाता जागरूकता से संबंधित योजनाओं की जानकारी देते हुए जागरूक किया गया।इस विश्वशांति विश्वपदयात्रा की शुरूआत जनपद लखीमपुर खीरी उत्तर प्रदेश के श्री अवध बिहारी लाल द्वारा 30 जुलाई 1980 को शुरू की गयी थी। रात में आयी अचानक भयंकर बाढ़ के कारण श्री अवध बिहारी लाल का पूरा परिवार जलमग्न हो गया था। श्री अवध बिहारी लाल वहाँ मौजूद एक बरगद के वृक्ष को पकड़ कर कई घन्टो तक भयंकर बाढ़ से लड़ते रहे। जिले की रेस्क्यू टीम एवं भारतीय सेना के जवान जब वहां पहुँचे तब उनकी जान बची। तब उन्होंने संकल्प लेकर पर्यावरण संरक्षण, वन संरक्षण, वन्य जीव संरक्षण, पर्वत संरक्षण, जल एवं नदी संरक्षण के साथ-साथ सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा, स्वच्छ भारत, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ मतदाता जागरूकता इत्यादि उद्देश्यों को लेकर सम्पूर्ण भारत की यात्रा शुरू की। आज टीम में 20 सदस्य है और यही इस टीम का मूल उद्देश्य है। टीम उक्त विभिन्न विषयों से संबंधित केन्द्र/राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही जन-कल्याणकारी योजनाओ के लिए जनजागरूकता लाने का कार्य कर रही है। इस यात्रा के दौरान टीम के सदस्य भी शहीद हो चुके है। फिर भी टीम कर्तव्य के प्रति निरंतर कार्यरत् है.
- दुर्ग. कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह के निर्देशानुसार नगर निगम भिलाई चरोदा के सभागार में वेटलैंड (आर्द्रभूमि) सर्वे एवं सीमांकन से संबंधित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह प्रशिक्षण राजस्व निरीक्षक, पटवारी, वन विभाग के बीट गॉर्ड एवं अन्य कर्मचारियों/अधिकारियों को दिया गया।प्रशिक्षण का संचालन वनमण्डलाधिकारी श्री दीपेश कपिल द्वारा किया गया। उन्होंने प्रतिभागियों को वेटलैंड सर्वेक्षण के दौरान शुद्धता एवं सटीकता के साथ कार्य निष्पादित करने के निर्देश दिये। प्रशिक्षण का उद्देश्य वेटलैंड संरक्षण को प्रभावी रूप से लागू करना एवं सर्वेक्षण प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना था। इस अवसर पर एडीएम श्री अभिषेक अग्रवाल, एसडीएम श्री महेश राजपूत, भिलाई-3 के पटवारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार तथा वन विभाग के अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।
- 0 आबकारी विभाग ने मध्य प्रदेश की अवैध मदिरा और 01 वाहन जप्त कर 01 आरोपी गिरफ्तारदुर्ग. कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह के दिशा-निर्देश व सहायक आयुक्त आबकारी श्री सी.आर. साहू के मार्गदर्शन में 02 सितम्बर 2025 को गश्त के दौरान आबकारी विभाग जिला दुर्ग वृत-भिलाई क्रमांक-02 के द्वारा अवैध शराब के परिवहन की सूचना मिलने पर त्वरित विधिवत कार्यवाही कर आरोपी परमजीत सिंह गिल उर्फ पम्मा स्थान स्ट्रीट 01 शांति नगर पीएस वैशाली नगर दुर्ग के कब्जे से मध्यप्रदेश राज्य में विक्रय हेतु अधिकृत 24 नग बोतल रॉयल चौलेंज व्हिस्की, 50 नग पाव मेक्डावल नम्बर वन व्हिस्की एवं 200 नग पाव गोवा कुल मात्रा 63 बल्क लीटर जिसका बाजार मूल्य 52,240 रूपये है तथा एक सफेद रंग की आई 20सी कार सी.जी. 04 एलसी 4534 जिसका मूल्य लगभग 5 लाख, कुल कीमत लगभग 5,52,240 रूपये जप्त किया गया।मौके पर आरोपी के कब्जे से अत्यधिक मात्रा में विदेशी शराब पाए जाने एवं आरोपी द्वारा छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम की धारा 34(2) का उल्लघंन किये जाने पर आरोपी के विरूद्ध धारा 34(2), 36, 59(क) में दर्ज कर गिरफ्तार किया जाकर न्यायिक अभिरक्षा में जेल दाखिल किया गया। इस प्रकरण की विवेचना सहायक जिला आबकारी अधिकारी सुप्रिया शर्मा द्वारा की जा रही है। इस प्रकरण में सहायक जिला आबकारी अधिकारी पंकज कुजूर, आबकारी मुख्य आरक्षक भरथरी, आबकारी आरक्षक डी.पी. पटेल, संदीप तिर्की, चितेश्रवरी ध्रुव एवं ड्राइवर दीपक राजू का योगदान रहा।
- 0- महाराष्ट्रीयन परिवारों में तीन दिवसीय उत्सव- पूजा के बाद दी गई भावभीनी विदाईरायपुर। महाराष्ट्रीयन परिवारों में रविवार को महालक्ष्मी की स्थापना की गई। उसके बाद तीन दिवसीय उत्सव का माहौल रहा। माना जाता है कि महालक्ष्मी, ज्येष्ठा और कनिष्ठा साल में एक बार अपने मायके आतीं हैं। इस दौरान वे विघ्नहर्ता से मुलाकात भी करती हैं। उत्सव को लेकर सप्ताह भर पहले से तैयारियां शुरू हो जाती है।मंडल के सचिव और आचार्य चेतन गोविंद दंडवते ने बताया महाराष्ट्रीय पंचाग के अनुसार भाद्रपद में ज्येष्ठ गौरी पूजा का विशेष महत्व है। प्रथम दिन महालक्ष्मी का आह्वान कर उन्हें आमंत्रित किया गया। ढोल- ताशे की ध्वनि के साथ जब महालक्ष्मी घर आईं, तो पूरा घर उन्हें दिखाया गया। पश्चात एक स्थान पर आसन दिया गया। जहां पूजा पाठ कर उन्हें विराजित किया गया। महालक्ष्मी के दूसरे महाप्रसादी का आयोजन किया गया। बहुत से ऐसे परिवार हैं, जिन्होंने महाप्रसादी का आयोजन तीसरे दिन भी किया। इसी दिन हल्दी-कुंकू के बाद महालक्ष्मी को विदाई दी गई। ऐसे समय उनकी सेवा में जुटे भक्तों का मन भारी और आंखें उनकी विदाई के समय नम हो गईं।


























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