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- बिलासपुर. एकीकृत बाल विकास परियोजना मस्तुरी अंतर्गत ग्राम बहतरा के आंगनबाड़ी केंद्र बहतरा 01 में आंगनबाड़ी सहायिका के रिक्त 1 पद पर 21 नवम्बर तक आवेदन किये जा सकते है। आवेदन के संबंध में अधिक जानकारी एकीकृत बाल विकास परियोजना मस्तुरी के कार्यालय से प्राप्त कर सकते है।
- 0- साल के अंत तक पूरे होंगे सभी मरम्मत कार्यबिलासपुर. लोक निर्माण विभाग द्वारा जिले के सड़कों के मरम्मत का काम युद्धस्तर पर प्रारंभ कर दिया है। उप मुख्यमंत्री एवं छत्तीसगढ़ शासन के लोक निर्माण मंत्री श्री अरूण साव ने खराब सड़कों का सुगम आवागमन के अनुरूप सुधार करने के निर्देश दिए है। जिसके लिए माह दिसम्बर 2025 तक मरम्मत के कार्य पूरे करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वर्तमान में लोक निर्माण विभाग के संभाग क्रमांक 1 के अंतर्गत जिले के विभिन्न मार्गाें में बी.टी. पेच रिपेयर का कार्य जारी है। मोपका, खैरा, गतौरा, जयरामनगर मार्ग में बी.टी. पेच का काम 6 नवम्बर से शुरू कर दिया गया है और कार्य प्रगति पर है। शेष बी.टी. पेच के कार्य इस साल के अंत तक पूरे कर लिये जाएंगे।लोक निर्माण विभाग संभाग बिलासपुर के कार्यपालन अभियंता श्री सी एस विन्ध्यराज ने बताया कि विभाग का लक्ष्य निर्धारित समय सीमा के भीतर गुणवत्तापूर्ण पेच रिपेयर कार्य पूर्ण करना है। यह मरम्मत अभियान जिले के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे नागरिकों को सुरक्षित एवं सुगम आवागमन की सुविधा प्राप्त होगी। लोक निर्माण विभाग बिलासपुर द्वारा की जा रही यह पहल जिले की सड़क व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने एवं नागरिकों को बेहतर यातायात सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में एक सराहनीय कदम है।
- 0- वृद्धाश्रम में हर महीने आयोजित किये जा रहे एमएमयू शिविर में बुजुर्गों को मिल रही निःशुल्क जाँच, दवाईयां, लैब टेस्ट, चिकित्सा परामर्श ब्लड टेस्ट की नियमित सुविधारायपुर. सुंदर नगर क्षेत्र रायपुर नगर पालिक निगम जोन क्रमांक 5 अंतर्गत स्थित “प्रशामक देखरेख गृह,” जो ग्रास रूट सोसाइटी द्वारा संचालित है यह वृद्धाश्रम में आयोजित स्वास्थ्य शिविर एमएमयू की उस विशेष पहल का हिस्सा है, जिसके तहत टीम जरूरतमंदों और वंचित वर्गों के लिए विशेष शिविर आयोजित करती है। इन शिविरों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर व्यक्ति, चाहे वह वृद्धाश्रम में हो या झुग्गी-झोपड़ी में, बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त कर सके।वृद्धाश्रम में हर महीने आयोजित किए जा रहे शिविर में बुजुर्गों को नि:शुल्क जांच, दवाइयां, लैब टेस्ट और चिकित्सा परामर्श की सुविधा दी जाती है। खासकर ब्लड टेस्ट जैसे HbA1c नियमित रूप से किए जाते हैं.एमएमयू एक चलते-फिरते क्लीनिक के रूप में कार्य करता है, वृद्धावस्था में चलने-फिरने में दिक्कत को देखते हुए डॉक्टर और उनकी टीम प्रत्येक बुजुर्ग के बिस्तर तक जाकर उनकी जांच और इलाज करती है। इलाज के बाद भी डॉक्टर और टीम बुजुर्गों के संपर्क में रहती है, जिससे उनकी नियमित देखभाल हो सके।छत्तीसगढ़ के स्थापना दिवस के रजत जयंती समारोह के उपलक्ष्य मे वृद्धाश्रम के बुजुर्गों के लिए स्वास्थ्य शिविर न केवल इन लोगों को समय पर इलाज उपलब्ध करा रहे हैं, बल्कि उनके जीवन को आसान और स्वस्थ भी बना रहे हैं।
- रायपुर. मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार, जिला प्रशासन रायपुर द्वारा बच्चों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए चलाई जा रही योजना “प्रोजेक्ट धड़कन“ के अंतर्गत ज़िले भर में विशेष स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इस अभिनव पहल का उद्देश्य है - बच्चों में जन्मजात हृदय रोग की समय रहते पहचान कर उन्हें बेहतर और निःशुल्क उपचार उपलब्ध कराना।कलेक्टर डॉ गौरव सिंह के मार्गदर्शन में जिला प्रशासन तथा श्री सत्य साई हॉस्पिटल के सहयोग से आज शासकीय प्राइमरी स्कूल सोनपरी आरंग में 57 बच्चों की स्क्रीनिंग किया गया जिसमें छात्र 25 एवं छात्राएं 32 छात्राएं शामिल थीं, आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक 02 सोन परी आरंग में कुल स्क्रीनिंग 11 बच्चों का किया गया जिसमें छात्र 05 एवं छात्राएं 06 शामिल थी जिसमें कोई भी बच्चा सस्पेक्टेड नहीं मिला एवं आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक 01 में 22 बच्चों की स्क्रीनिंग की गई जिसमें 10 छात्र एवं 12 छात्राएं शामिल रही। तथा 01 बच्चा सस्पेक्टेड मिला। शिविर के दौरान बच्चों की जांच तेज धड़कन, वजन न बढ़ना, शरीर में नीलापन, बार-बार सर्दी-खांसी, सांस लेने में तकलीफ, तथा स्तनपान के समय पसीना आने जैसे लक्षणों के आधार पर की गई।
- 0- पर्यावरण संरक्षण का संदेश, प्रसूता माताओं को हरियाली की भेंट0- नए बच्चों के जन्म पर 13 माताओं को दिए गए 65 फलदार पौधेरायपुर. मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की पर्यावरण संरक्षण हेतु प्रतिबद्धता के अनुरूप रायपुर जिला प्रशासन द्वारा “प्रोजेक्ट ग्रीन पालना” अभियान को प्रभावशाली ढंग से आगे बढ़ाया जा रहा है। इस अभिनव पहल के तहत शासकीय अस्पतालों में प्रसव उपरांत माताओं को फलदार पौधे भेंट स्वरूप दिए जा रहे हैं, ताकि एक नई ज़िंदगी के आगमन के साथ एक नया वृक्ष भी धरती पर जन्म ले।कलेक्टर डॉ गौरव सिंह के मार्गदर्शन में इस अभियान के तहत आज एमसीएचएच कालीबाड़ी 03, अभनपुर 02, बिरगांव 05, सिलयारी 01, मंदिर हंसोड़ 02, आज कुल 13 प्रसूति महिलाओं को 65 पौधे भेंट किए गए।यह प्रयास मातृत्व के साथ प्रकृति से जुड़ाव को भी बढ़ावा देता है। प्रोजेक्ट ग्रीन पालना न सिर्फ नवजात के जीवन की शुरुआत को यादगार बनाता है, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए हरियाली और शुद्ध वातावरण की नींव भी रखता है।
- 0- कलेक्ट्रेट में आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम में शामिल हुए कैबिनेट मंत्री श्री गुरू खुशवंत साहेब0- कलेक्ट्रेट सहित शासकीय संस्थानों, विद्यालयों और जेल परिसर में गूंजा – “वंदे मातरम्”रायपुर. भारत की आत्मा और एकता के प्रतीक राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूर्ण होने के ऐतिहासिक अवसर पर आज रायपुर जिले में उत्सव, सम्मान और देशभक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला। जिलास्तरीय मुख्य कार्यक्रम कलेक्ट्रेट के रेडक्रॉस सभाकक्ष में गरिमामय वातावरण में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री श्री गुरू खुशवंत साहेब, विधायक श्री अनुज शर्मा, कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह, अपर कलेक्टर श्रीमती नम्रता जैन सहित जिले के अधिकारी एवं कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।सभी ने एक स्वर में भावपूर्ण तरीके से राष्ट्रगीत “वंदे मातरम्” का सामूहिक गायन किया, जिससे पूरा सभाकक्ष देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत हो उठा। इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को नमन करते हुए उनके अदम्य साहस और राष्ट्रसेवा के योगदान को याद किया गया।कार्यक्रम के दौरान उपस्थित जनों ने नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय समारोह में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रेरणादायी उद्बोधन का सीधा प्रसारण देखा और सुना। प्रधानमंत्री के संदेश ने उपस्थित जनसमूह में नई ऊर्जा और राष्ट्रीय गौरव का भाव जगाया। जिले के शासकीय विद्यालयों, विभागीय कार्यालयों एवं अन्य संस्थानों में भी “वंदे मातरम्” के 150 वर्ष पूर्ण होने पर उत्सवपूर्वक कार्यक्रम आयोजित किए गए।नगर निगम बिरगांव में भी राष्ट्रगीत की 150वीं वर्षगांठ पर भव्य आयोजन हुआ। प्रधानमंत्री के संबोधन का सीधा प्रसारण देखने के बाद उपस्थित जनों ने एक स्वर में “वंदे मातरम्” गाकर देशभक्ति का संदेश दिया। इस अवसर पर निगम आयुक्त श्री युगल किशोर उर्वशा, जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।इसी प्रकार, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग रायपुर में भी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने राष्ट्रगीत का सामूहिक गायन कर एकता और राष्ट्रभावना का संदेश दिया। जेआर. दानी शासकीय कन्या उत्कृष्ट हिंदी विद्यालय में छात्राओं ने राष्ट्रीय कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखा, प्रधानमंत्री के उद्बोधन से प्रेरित हुईं और राष्ट्रगीत का सस्वर गायन कर देशप्रेम की भावना व्यक्त की।इसके साथ ही केंद्रीय जेल रायपुर में भी वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने का कार्यक्रम भावनात्मक रूप से मनाया गया। सुबह 10 बजे से 11 बजे तक बंदियों ने प्रधानमंत्री जी के संबोधन को देखा और तत्पश्चात एक स्वर में “वंदे मातरम्” का गायन कर राष्ट्र के प्रति अपनी निष्ठा और जुड़ाव व्यक्त किया। पूरा जेल परिसर देशभक्ति के स्वर से गूंज उठा। जेल प्रशासन ने बताया कि “वंदे मातरम्” जैसे गीत बंदियों में आत्मचिंतन, राष्ट्रीय चेतना एवं समाज में पुनः समाहित होने की प्रेरणा उत्पन्न करते हैं। इस प्रकार रायपुर जिले में वंदे मातरम् के 150 गौरवशाली वर्ष का उत्सव राष्ट्रभावना, एकता और गर्व का प्रतीक बन गया।--
- दुर्ग. कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह के निर्देशानुसार जिले के चिन्हित सभी शासकीय व अशासकीय स्कूलों में मैंडेटरी बायोमेट्रिक अपडेशन एवं आधार अपडेशन का कार्य निरंतर जारी है। 50 विभिन्न स्कूलों में शिविर लगाकर आज 2062 विद्यार्थियों का मैंडेटरी बायोमेट्रिक अपडेशन तथा 299 विद्यार्थियों का आधार अपडेशन किया गया और एक विद्यार्थी का नया आधार बनाया गया।जिले में 28 अक्टूबर से 07 नवम्बर 2025 तक चलाए गए इस विशेष अभियान के अंतर्गत अब तक 349 शासकीय एवं अशासकीय स्कूलों में शिविर आयोजित किए जा चुके हैं। इन शिविरों के माध्यम से कुल 15086 विद्यार्थियों का मैंडेटरी बायोमेट्रिक अपडेशन, 2382 विद्यार्थियों का आधार अपडेशन एवं 13 विद्यार्थियों का नया आधार निर्माण किया गया है।कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह ने इस कार्य की नियमित समीक्षा करते हुए संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जिले के प्रत्येक पात्र विद्यार्थी का बायोमेट्रिक एवं आधार अपडेशन समय-सीमा के भीतर पूर्ण किया जाए, ताकि शैक्षणिक एवं शासकीय योजनाओं के लाभ विद्यार्थियों तक सुगमता से पहुँच सकें।
- दुर्ग. भारत सरकार, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, नई दिल्ली के निर्देशानुसार मिशन वात्सल्य योजना के अंतर्गत दुर्ग जिले में चाइल्ड हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है। इस हेल्प डेस्क का शुभारंभ जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, दुर्ग द्वारा न्यू बस स्टैंड प्रतीक्षालय में रैन बसेरा के नीचे भूतल कक्ष क्रमांक-02 अनुसूचित जाति में किया गया। यह हेल्प डेस्क 24 घंटे और सप्ताह के सातों दिन (24×7) कार्यरत रहेगी, ताकि बच्चों के सर्वाेत्तम हित में त्वरित सहायता और संरक्षण उपलब्ध कराया जा सके।चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 का मुख्य उद्देश्य 0-18 वर्ष के बच्चों को सुरक्षा और देखरेख उपलब्ध कराना है, जिन्हें तत्काल सहायता की आवश्यकता होती है। इस सेवा के माध्यम से जरूरतमंद बच्चों को आपात स्थिति में सहायता, पुनर्वास, परामर्श और सुरक्षा से संबंधित सभी आवश्यक सेवाएं प्रदान की जाएंगी। महिला एवं बाल विकास विभाग ने बताया कि इस केंद्र के माध्यम से जिले में बाल सुरक्षा से संबंधित कार्यों को और अधिक सशक्त एवं प्रभावी बनाया जाएगा, जिससे किसी भी जरूरतमंद बच्चे को समय पर सहायता मिल सके।
- दुर्ग. छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रदेश में बच्चों को किसी घटना विशेष में उनके द्वारा प्रदर्शित अदम्य साहस एवं बुद्धिमता के लिए राज्य वीरता पुरस्कार प्रदान किया जाना है। इसके तहत 05 बालक/बालिकाओं को 25 (पच्चीस) हजार रूपये की राशि तथा प्रशस्ति पत्र पुरस्कार के रूप में प्रदान किया जाएगा। वीरता पुरस्कार हेतु आवेदन पत्र कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग दुर्ग को 20 दिसम्बर 2025 तक सीलबंद लिफाफे में एवं लिफाफे के ऊपर राज्य वीरता पुरस्कार वर्ष 2025 अंकित कर प्रेषित किया जाए। निर्धारित तिथि के पश्चात प्राप्त प्रविष्टियों पर विचार नहीं किया जाएगा। पुरस्कार के संबंध में विस्तृत जानकारी के लिए जिले की वेबसाईट www.durg.gov.in का अवलोकन किया जा सकता है।
- 0- जिले के लोक निर्माण विभाग के विधानसभा संभाग में 98.05 किमी में पंेंच रिपेयर कार्य प्रगति पर, अभी तक 25.90 किमी का कार्य पूर्णरायपुर. मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देश एवं लोक निर्माण मंत्री श्री अरूण साव के मार्गदर्शन में पूरे प्रदेश में सड़कों के मरम्मत का कार्य तेजी किया जा रहा है। रायपुर जिले में बरसात के कारण जो सड़कों में गढ्ढे हो गए थे या जो सड़कें खराब हो गई थी उसमें पेंच रिपेयर का काम किया जा रहा है। रायपुर परिक्षेत्र में विधानसभा संभाग में कुल 94.05 किमी सड़क में पेंच रिपेयर का काम किया जा रहा है। जिसका लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता श्री पंकज मोहन कश्यप एवं कार्यपालन अभियंता श्री विशाल त्रिवेदी द्वारा निरीक्षण किया गया।इसके अंतर्गत बीरगांव-उरला-बेन्द्री-कारा-बाना-गोमची-नंदनवन मार्ग, हीरापुर-जरवाय-नंदनवन मार्ग बेन्द्री पहुंच मार्ग और धरसींवा-कुरा-पण्डरभट्टा-लखना-भूमिया पण्डरभट्टा-मुरा मार्ग एवं बलौदी पहुंच मार्ग, कुरा कोल्हान नाला मार्ग, एनएच-130 बी रायपुर-बिलासपुर मार्ग से तरपोंगी-देवरी बायपास मार्ग का निरीक्षण किया गया। इनमें पाया गया कि 25.90 किमी बीटी पेंच रिपेयर का कार्य पूर्ण हो चुका है। कलेक्टर डॉ गौरव सिंह ने पेंच रिपेयर का कार्य जल्द पूर्ण करने का निर्देश दिए हैं। श्री त्रिवेदी ने बताया कि टाटीबंध-हीरापुर फोरलेन मार्ग, उरला-गुमा-हीरापुर-सोनडोंगरी-तेंदुआ मार्ग, उरला-पठारीडीह मार्ग, धरसींवा-कुरा-पण्डरभट्टा-सगुनी-बेलौदी मार्ग, सोमनाथ मंदिर पहंुच मार्ग, तिल्दा-नेवरा मार्ग, नेवरा-सिनोघा-खपरी-मोहदा-हथबंद मार्ग, तिल्दा-नेवरा-कोटा-चांपा-मानपुर-कोहका-परसवानी-चिंगोरी-छछानपैरी-नोहरा मार्ग, बंगोली पहंुच मार्ग और मोहरा पहंुच मार्ग सहित अन्य मार्गों के पेंच रिपेयर का कार्य जल्द पूर्ण कर लिया जाएगा।
- -धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर होंगे विशेष आयोजन-रायपुर, / भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय के निर्देशानुसार इस वर्ष 15 नवम्बर 2025 को धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में समूचे देश में “जनजातीय गौरव दिवस” भव्य रूप से मनाया जाएगा। इस अवसर पर 1 नवम्बर से 15 नवम्बर 2025 तक “जनजातीय गौरव पखवाड़ा” का आयोजन किया जा रहा है।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में प्रदेश के सभी जिलों में प्रभारी मंत्री, सांसद, विधायक, जनप्रतिनिधि एवं प्रभारी सचिवों की उपस्थिति में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। जिला स्तरीय समारोह में जनजातीय संस्कृति, लोककला, व्यंजन, हस्तशिल्प और विकास प्रदर्शनी के साथ-साथ भारत सरकार एवं राज्य सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का भी प्रदर्शन किया जाएगा।कार्यक्रमों में शहीद वीर नारायण सिंह लोक कला महोत्सव एवं उत्तर छत्तीसगढ़ जनजातीय लोक नृत्य महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही आश्रम-छात्रावासों, शासकीय संस्थानों और जनजातीय ग्रामों में प्रभातफेरी, जन-जागरूकता यात्राएँ, वृक्षारोपण, निबंध, वाद-विवाद एवं चित्रकला प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाएँगी। जनजातीय नायक-नायिकाओं के जीवन और योगदान पर संगोष्ठियाँ भी होंगी।इस पखवाड़े के दौरान विशेष लाभार्थी संतृप्ति शिविरों का आयोजन किया जाएगा, जिनमें आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, जनधन खाता, सिकल सेल जांच, स्वास्थ्य परीक्षण, जाति प्रमाणपत्र वितरण, पीएम किसान सम्मान निधि एवं किसान क्रेडिट कार्ड जैसी सेवाएँ प्रदान की जाएँगी।जिले के “आदि सेवा केन्द्रों” में भी गौरव दिवस का आयोजन किया जाएगा। जिला स्तरीय मुख्य कार्यक्रम में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों, जनजातीय समुदाय के प्रमुखों, प्रतिभावान बच्चों एवं उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों का सम्मान किया जाएगा। साथ ही पी.एम. जनमन, आदि कर्मयोगी तथा धरतीआबा योजनाओं से संबंधित लघु फिल्में प्रदर्शित की जाएँगी। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का संदेश-पाठ (पाती वाचन) भी किया जाएगा।जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर यह आयोजन प्रदेश के आदिवासी समाज की संस्कृति, परंपरा, संघर्ष और गौरवगाथा को नई पीढ़ी तक पहुँचाने का अवसर बनेगा।"धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती हम सबके लिए गर्व और प्रेरणा का अवसर है। भगवान बिरसा मुंडा ने अपने अदम्य साहस, संघर्ष और त्याग से जनजातीय समाज को स्वाभिमान और स्वतंत्रता का संदेश दिया। जनजातीय गौरव पखवाड़ा न केवल हमारी सांस्कृतिक विरासत के उत्सव का प्रतीक है, बल्कि यह आदिवासी समाज के उत्थान, सम्मान और सशक्तिकरण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का भी प्रमाण है। मैं सभी प्रदेशवासियों से आग्रह करता हूँ कि वे इस पखवाड़े में उत्साहपूर्वक भाग लें और हमारी जनजातीय संस्कृति, परंपरा एवं मूल्यों को आगे बढ़ाने में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएँ।"- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
- रायपुर, / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की घोषणा के अनुरूप अनुसूचित जनजाति वर्ग के बैगा, गुनिया एवं हड़जोड़ के चिन्हित व्यक्तियों को प्रति वर्ष 5,000 रुपए की सम्मान सह-प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। इस योजना को ‘मुख्यमंत्री बैगा गुनिया हड़जोड़ सम्मान योजना (अनुसूचित जनजाति) वर्ष 2025’ के नाम से जाना जाएगा। योजना के संबंध में 6 नवम्बर को आदिम जाति विकास विभाग द्वारा विस्तृत अधिसूचना जारी की गई है।उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के जनजातीय बाहुल्य ग्रामीण क्षेत्रों में परंपरागत रूप से वनौषधीय चिकित्सा संबंधी कार्यों में संलग्न बैगा, गुनिया एवं हड़जोड़ लोगों की परंपरागत वनौषधीय चिकित्सा पद्धति को प्रोत्साहित करने और उनके सेवा एवं योगदान को मान्यता देने के उद्देश्य से, जनजातीय गौरव दिवस 15 नवम्बर 2024 के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय द्वारा प्रति चिन्हित व्यक्ति को प्रतिवर्ष 5,000 रुपए की सम्मान सह-प्रोत्साहन निधि प्रदान करने की घोषणा की गई थी।आदिम जाति विकास विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में उल्लेखित है कि ‘मुख्यमंत्री बैगा, गुनिया-हड़जोड़ सम्मान योजना’ का उद्देश्य जनजातीय संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के अंतर्गत परंपरागत रूप से वनौषधियों के ज्ञान में दक्ष बैगा, गुनिया और हड़जोड़ व्यक्तियों के पारंपरिक ज्ञान को संरक्षित करना, उसे आगामी पीढ़ियों तक हस्तांतरित करना और उनके वनौषधीय चिकित्सकीय अनुभवों का अभिलेखीकरण कर उनकी आजीविका एवं सेवा को सुदृढ़ बनाना है।अधिसूचना में यह भी उल्लेख किया गया है कि जनजाति समाजों में वनौषधीय चिकित्सा संबंधी अनुभव परिवारों में पीढ़ी-दर-पीढ़ी हस्तांतरित होते हैं। अनुसूचित क्षेत्रों के ग्रामों में ऐसे बैगा, गुनिया एवं हड़जोड़ व्यक्ति जो विगत तीन वर्षों से वनौषधीय चिकित्सा सेवा कार्य में संलग्न हैं, उन्हें संरक्षित करने और सम्मानित करने के उद्देश्य से प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिवर्ष 5,000 रुपए की सम्मान राशि प्रदान की जाएगी।छत्तीसगढ़ राज्य के अनुसूचित जनजाति वर्ग के स्त्री, पुरुष एवं तृतीय लिंग (ट्रांसजेंडर) व्यक्ति, जो बैगा, गुनिया या हड़जोड़ के रूप में कम से कम 30 वर्षों से अपने स्थानीय क्षेत्र में सेवाएँ दे रहे हैं तथा जिनके परिवार में कम से कम दो पीढ़ियों से वनौषधीय चिकित्सा का ज्ञान स्थानांतरित हुआ है, पात्र माने जाएंगे। साथ ही, जो व्यक्ति पादप औषधि बोर्ड, आयुष विभाग, वन विभाग या लघु वनोपज संघ जैसी पंजीकृत संस्थाओं से जुड़े हुए हैं, उनका चयन निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार ग्राम स्तर पर किया जाएगा।ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायत द्वारा प्रेषित नामों की अनुशंसा ग्राम स्तर पर ग्राम सचिव, सरपंच, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन तथा प्राथमिक अथवा माध्यमिक शाला के प्रधानपाठक द्वारा अनुमोदित की जाएगी। इस अनुशंसा के आधार पर संबंधित जिले के सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास स्तर पर गठित समिति — जिसमें संबंधित जनपद अध्यक्ष, अनुसूचित जनजाति वर्ग के एक जनपद सदस्य, मुख्य कार्यपालन अधिकारी (जनपद पंचायत) एवं मंडल संयोजक शामिल होंगे — द्वारा अनुशंसित नामों का परीक्षण और सत्यापन किया जाएगा। सत्यापित सूची आयुक्त, आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास कार्यालय को प्रेषित की जाएगी। समिति द्वारा किसी मान्यता प्राप्त संस्था से प्रशिक्षण प्राप्त सदस्यों का विशेष रूप से उल्लेख किया जाएगा।ग्राम सभा/ग्राम पंचायत से प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर तथा जनपद स्तर पर गठित समिति की अनुशंसा के उपरांत सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास द्वारा कलेक्टर से अनुमोदन प्राप्त कर प्रस्ताव आयुक्त, आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास को भेजा जाएगा। प्राप्त प्रस्तावों के अनुसार जिलों को आवश्यक धनराशि का आबंटन किया जाएगा। तत्पश्चात सहायता राशि का वितरण जिला कलेक्टर द्वारा किया जाएगा तथा सम्मान निधि प्राप्त व्यक्तियों की सूची संबंधित ग्राम सभा में सार्वजनिक रूप से पढ़ी जाएगी।"छत्तीसगढ़ की जनजातीय परंपराएं हमारे सांस्कृतिक वैभव और प्राचीन ज्ञान का जीवंत प्रतीक हैं। बैगा, गुनिया और हड़जोड़ हमारे समाज के वे सम्मानित जन हैं, जिन्होंने सदियों से वनौषधीय चिकित्सा की लोकपरंपरा को जीवित रखा है। उनकी इस अनमोल सेवा और ज्ञान को सम्मान देने के लिए राज्य सरकार ने “मुख्यमंत्री बैगा गुनिया हड़जोड़ सम्मान योजना” प्रारंभ की है। इस योजना के माध्यम से हम न केवल उनके योगदान को मान्यता दे रहे हैं, बल्कि उनकी परंपरागत चिकित्सा प्रणाली को संरक्षित करते हुए आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने का संकल्प भी निभा रहे हैं।" - मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय
- - विधायक राजेश मूणत ने अपने विधानसभा क्षेत्र के पदाधिकारियों की ली बैठक-मतदाताओं से बूथ स्तर के अधिकारियों के साथ सहयोग करने की अपीलरायपुर। रायपुर पश्चिम के विधायक और पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने आज चौबे कॉलोनी स्थित अपने निवास कार्यालय मेंं अपने विधानसभा क्षेत्र के भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारियों के साथ एक अत्यंत महत्वपूर्ण बैठक की।इस बैठक में विधायक श्री मूणत ने मतदाता सूचियों के ‘विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा की। यह अभियान मतदाता सूची को पूरी तरह से शुद्ध करने, डुप्लीकेट/मृत मतदाताओं के नाम हटाने और 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके सभी पात्र नागरिकों के नाम सूची में शामिल करने के लिए चलाया जा रहा है।बैठक में श्री मूणत ने इस बात पर जोर दिया कि भाजपा के बूथ स्तर के अधिकारी और पदाधिकारी घर-घर जाकर सत्यापन की इस प्रक्रिया में जनता का पूरा सहयोग करें। एक-एक पात्र मतदाता का नाम सूची में सुनिश्चित करना उनकी नैतिक जिम्मेदारी है।श्री मूणत ने कहा कि रायपुर पश्चिम में एक ऐसी मतदाता सूची तैयार की जाए, जिस पर हर नागरिक को भरोसा हो। उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर लोकतंत्र के इस महायज्ञ में अपनी सहभागिता देंगे।उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं और मतदाताओं से आग्रह किया कि एस.आई.आर. प्रक्रिया में बूथ लेवल के अधिकारी का सहयोग करें और अपनी जानकारी सुनिश्चित करें।
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रायपुर। महाराष्ट्र मंडल के रोहिणीपुरम केंद्र की महिलाओं ने मंडल भवन में धूमधाम से दिवाली मिलन मनाया। हनुमान चालीसा के सामूहिक पाठ के साथ कार्यक्रम शुरू हुआ। इसके बाद महिलाओं ने हाउजी खेला। गीत- संगीत के बीच महिलाओं ने दिवाली मिलन मनाया। साथ ही सभी ने मंडल के मेस प्रकल्प में बने स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद भी लिया।
इस अवसर पर अचला मोहरीकर, अलका कुलकर्णी, संध्या खंगन, चित्रा बल्की, सुनिता रामटेके, अपर्णा जोशी, विशाखा पोगड़े, जयश्री गायकवाड़, मीरा कुपटकर, जयश्री भूरे, साधना बहिरट, सोनाली कुलकर्णी, अपर्णा वराडपांडे, अनुभा साडेगांवकर, राजश्री वैद्य, मीना विभूते, वीणा वंडलकर, प्राची गनोदवाले, शीतल कंबलकर, मंगला कुलकर्णी, नीता तनखीवाले, रश्मि तनखीवाले समेत अनेक महिलाएं उपस्थिति रहीं। -
-राष्ट्रगीत वन्देमातरम का किया सामूहिक जयघोष
रायपुर - केन्द्र सरकार, छत्तीसगढ़ शासन के निर्देश अनुसार आज 7 नवम्बर 2025 को रायपुर नगर पालिक निगम मुख्यालय भवन महात्मा गाँधी सदन के चतुर्थ तल पर स्थित निगम सामान्य सभा सभागार में राष्ट्रीय गीत वन्देमातरम की 150 वीं वर्षगांठ पर राष्ट्रीय राजधानी नईदिल्ली से भारत गणराज्य के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी के प्रेरक उदबोधन और संगीत कलाकारों की संगीतमय लयबद्ध सुमधुर प्रस्तुति को रायपुर नगर पालिक निगम की महापौर श्रीमती मीनल चौबे, सभापति श्री सूर्यकान्त राठौड़, आयुक्त श्री विश्वदीप, अपर आयुक्त स्वास्थ्य श्री विनोद पाण्डेय, अपर आयुक्त सामान्य प्रशासन विभाग श्रीमती कृष्णा खटिक, मुख्य अभियंता श्री यू. के. धलेन्द्र, नगर निगम मुख्यालय भवन के विभिन्न विभागों के अधिकारियों, कर्मचारियों, सभी 10 जोन कार्यालयों में जोन अध्यक्ष, पार्षदों, जोन कमिश्नरों, कार्यपालन अभियंताओं, जोन के अधिकारियों, कर्मचारियों ने लाइव सुना और लाइव आयोजन के अंत में भारत गणराज्य के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी की अपील पर उनके साथ राष्ट्रीय गीत वन्देमातरम का सामूहिक जयघोष किया. -
- क्षेत्रीय कार्यालयों में भी 150वीं वर्षगांठ पर आयोजन
रायपुर । छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनीज में राष्ट्रगीत "वंदे मातरम" की 150वीं वर्षगांठ पर सामूहिक गान हुआ। पॉवर कंपनी के मुख्यालय डंगनिया स्थित विद्युत सेवा भवन में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का उद्बोधन सुना गया। तत्पश्चात् पॉवर कंपनी के प्रबंध निदेशकगण सर्वश्री एसके कटियार (उत्पादन), श्री राजेश कुमार शुक्ला (पारेषण) एवं श्री भीमसिंह कंवर (वितरण) एवं निदेशक श्री आरए पाठक सहित तीनों कंपनियों के उपस्थित अधिकारी-कर्मचारियों ने वंदे मातरम् का सामूहिक गान किया।भारत सरकार तथा छत्तीसगढ़ शासन के संस्कृति विभाग के सचिव डॉ. रोहित यादव व्दारा इस संबंध में सभी विभागों को पत्र जारी कर वर्षभर आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा जारी की गई है। तद्अनुसार आज वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ का आगाज किया गया।राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने पर पॉवर कंपनी के सभी क्षेत्रीय कार्यालयों के साथ मैदानी कार्यालयों व उपकेंद्रों में भी इसका सामूहिक गायन किया गया, जिसमें अधिकारी-कर्मचारियों ने अपनी भागीदारी दी। इस दौरान भारत मंडपम् दिल्ली से प्रधानमंत्री श्री मोदी के संदेश के सीधा प्रसारण को देखने की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी। सभी अधिकारी-कर्मचारियों ने वंदे मातरम् का गायन के साथ भारत माता की जय और वंदे मातरम् का उद्घोष किया। कार्यक्रम का संचालन अति. महाप्रबंधक (जनसंपर्क) श्री उमेश कुमार मिश्रा ने किया। इस अवसर पर कार्यपालक निदेशकगण सर्वश्री वीके साय, जेएस नेताम, संजय पटेल, केएस मनोठिया, एमएस चौहान, वीके दीक्षित, सीएल नेताम, एमएस कंवर सहित मुख्य अभियंता (मानव संसाधन) श्री एएम परियल, श्री राजेंद्र प्रसाद आदि अधिकारी-कर्मचारी सहित बड़ी संख्या में उपस्थित थे। - -प्रधानमंत्री के उद्बोधन का सीधा प्रसारण किया गयारायपुर ।भारत के राष्ट्रीय गीत “वंदे मातरम्‘‘ के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आज राजभवन, रायपुर में भावपूर्ण सामूहिक गायन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल श्री रमेन डेका की गरिमामयी उपस्थिति रही। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण नई दिल्ली से किया गया, जहां प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस ऐतिहासिक आयोजन का शुभारंभ किया। राजभवन में अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक कार्यक्रम का लाइव प्रसारण देखा और एक स्वर में “वंदे मातरम्” का सामूहिक गायन किया।राजभवन के छत्तीसगढ़ मंडपम में आयोजित इस कार्यक्रम में उपस्थित सभी ने राष्ट्रीय भावना और मातृभूमि के प्रति समर्पण की भावना के साथ राष्ट्रीय गीत का सामूहिक रूप से गायन किया।इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव डॉ. सी. आर. प्रसन्ना सहित अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
- -केरे में आठ होम स्टे की सुविधा, देशदेखा में रॉक क्लाइंबिंग और लोक नृत्य-संस्कृति का आकर्षणरायपुर, / छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में आयोजित जशपुर जम्बुरी ने पर्यटन को नया आयाम देते हुए स्थानीय संस्कृति, प्रकृति और रोमांच को एक साथ जोड़ा है। जिला प्रशासन द्वारा 6 से 9 नवम्बर तक आयोजित इस चार दिवसीय आयोजन में देशभर से आए पर्यटकों को जशपुर की सुन्दर वादियों, लोक संस्कृति और आतिथ्य का सजीव अनुभव प्राप्त हो रहा है।ग्राम केरे में पर्यटकों के लिए आठ होम स्टे की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जहाँ मेहमानों को सभी आवश्यक सुविधाएँ प्रदान की जा रही हैं। प्रशासन की इस पहल ने ग्रामीण पर्यटन को नई दिशा दी है और स्थानीय परिवारों को भी आर्थिक सशक्तिकरण का अवसर मिला है।होम स्टे में ठहरे पर्यटक केवल अतिथि नहीं, बल्कि स्थानीय परिवारों के सदस्य बनकर रह रहे हैं। वे जशपुर की जीवनशैली, खान-पान और परंपराओं को नजदीक से महसूस कर रहे हैं। पर्यटकों ने कहा कि “होम स्टे में रहना होटल से कहीं बेहतर अनुभव है। यहाँ की सादगी, आत्मीयता और घरेलू भोजन ने मन मोह लिया।”होम स्टे की यह अवधारणा स्थानीय जीवन से सीधा जुड़ाव प्रदान करती है। यहाँ पर्यटक घरेलू वातावरण में रहकर न केवल स्थानीय संस्कृति और भाषा को समझते हैं, बल्कि परंपरागत छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का स्वाद भी लेते हैं। यह मॉडल होटल की तुलना में अधिक किफायती होने के साथ-साथ व्यक्तिगत और पारिवारिक वातावरण भी प्रदान करता है।भारत के कई राज्यों — हिमाचल, उत्तराखंड, केरल, सिक्किम और असम — की तरह अब छत्तीसगढ़ भी होम स्टे आधारित ग्रामीण पर्यटन के नए दौर में प्रवेश कर चुका है। जशपुर की पहाड़ियाँ और हरियाली इस अवधारणा को और अधिक आकर्षक बनाती हैं।जशपुर जम्बुरी में रोमांच प्रेमियों के लिए भी विशेष आकर्षण रहा। देशदेखा क्षेत्र में लगभग 120 पर्यटकों ने रॉक क्लाइंबिंग का रोमांचक अनुभव लिया, जो पूरी सुरक्षा और विशेषज्ञों की निगरानी में संपन्न हुआ। पर्यटक हरी-भरी वादियों के बीच एडवेंचर और सुकून दोनों का आनंद ले रहे हैं।पहले दिन पंजीकृत पर्यटकों को जशपुर की पारंपरिक शैली में दोना-पत्तल में भोजन परोसा गया। दिनभर की गतिविधियों के बाद संध्या बेला में पर्यटक लोक कलाकारों के साथ झूमते नजर आए। चांदनी रात और संगीत की स्वर-लहरियों ने माहौल को उत्सवमय बना दिया।जशपुर जम्बुरी की विशेषता रही स्टार-गेजिंग सेशन, जिसमें पर्यटकों ने खुले आसमान के नीचे तारों को निहारते हुए प्रकृति की अद्भुत सुंदरता का अनुभव किया। लोक कलाकारों के गीत, नृत्य और चांदनी की उजास ने कार्यक्रम को अविस्मरणीय बना दिया।जिला प्रशासन द्वारा निवास, भोजन, सुरक्षा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की सुदृढ़ व्यवस्था ने जशपुर जम्बुरी को एक आदर्श ग्रामीण-पर्यटन उत्सव बना दिया है। इस आयोजन से न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिला है, बल्कि जशपुर को “प्रकृति, संस्कृति और एडवेंचर का संगम” के रूप में राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर नई पहचान मिली है।
- रायपुर / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राष्ट्रगीत वन्देमातरम के 150 वर्ष पूर्ण होने पर मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वाल्मीकि रामायण में मातृभूमि को स्वर्ग से भी श्रेष्ठ बताया गया है — “जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी”। उन्होंने कहा कि जिस भूमि ने हमें जन्म दिया, पालन-पोषण किया और पहचान दी, उसकी सेवा ही हमारे जीवन का सबसे बड़ा धर्म है। भारत माता की आराधना केवल शब्दों में नहीं, अपने कर्तव्यों के सम्यक निर्वहन के माध्यम से होनी चाहिए।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जब हम भारत माता की पूजा करते हैं, तो पूजा में दक्षिणा देना भी आवश्यक होता है। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए छत्तीसगढ़ के प्रत्येक अधिकारी, कर्मचारी और जनप्रतिनिधि को अपने-अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूर्ण निष्ठा और ईमानदारी से करना चाहिए। यही हमारी मातृभूमि के प्रति सच्ची देशभक्ति और सबसे महत्वपूर्ण दक्षिणा होगी।
- -मुख्यमंत्री ने किया ‘मेक इन सिलिकॉन’ संगोष्ठी का शुभारंभरायपुर, / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी अंतरराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT) नवा रायपुर के 10वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित दो दिवसीय ‘मेक इन सिलिकॉन’ संगोष्ठी का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह आयोजन भारत को सेमीकंडक्टर निर्माण और तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर करने वाला एक महत्वपूर्ण कदम है।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ अपना रजत जयंती वर्ष मना रहा है और आज राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ का भी ऐतिहासिक अवसर है। उन्होंने इस अवसर पर प्रदेशवासियों और ट्रिपल आईटी परिवार को बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संस्थान महान शिक्षाविद् डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर स्थापित है, जिन्होंने शिक्षा, एकता और औद्योगिक विकास को राष्ट्र की प्रगति से जोड़ा।मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत आज तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने सेमीकंडक्टर मिशन, इलेक्ट्रॉनिक्स और चिप निर्माण के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धियाँ हासिल की हैं। यह मिशन न केवल बुनियादी ढांचा विकसित कर रहा है, बल्कि युवाओं को सशक्त बनाने और नवाचार को प्रोत्साहन देने का भी कार्य कर रहा है।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सेमीकंडक्टर आज आधुनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है— मोबाइल, सैटेलाइट, रक्षा प्रणाली और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सभी इससे जुड़े हैं। ऐसे में ‘मेक इन सिलिकॉन’ जैसी पहल भारत की चिप क्रांति को नई दिशा देने में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ इस मिशन में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की नई औद्योगिक नीति में सेमीकंडक्टर सेक्टर के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं।उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में कुशल मानव संसाधन, सुदृढ़ औद्योगिक ढांचा, निर्बाध बिजली आपूर्ति और तकनीकी विकास के लिए अनुकूल माहौल उपलब्ध है। नवा रायपुर में सेमीकंडक्टर यूनिट की स्थापना का भूमिपूजन हो चुका है, जिससे युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि नवा रायपुर को आईटी और इनोवेशन हब के रूप में विकसित किया जा रहा है।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य का ‘छत्तीसगढ़ अंजोर विजन डॉक्यूमेंट’ सतत विकास पर केंद्रित है, जिसमें सेमीकंडक्टर को प्रमुख क्षेत्र के रूप में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इज ऑफ डूइंग बिज़नेस के साथ अब स्पीड आफ डूइंग बिज़नेस पर भी बल दे रही है।मुख्यमंत्री ने देशभर से आए विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस संगोष्ठी से न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश को लाभ मिलेगा। उन्होंने आह्वान किया कि “हम सब मिलकर छत्तीसगढ़ को मध्य भारत का ज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार का केंद्र बनाएं तथा भारत के सेमीकंडक्टर मिशन में सक्रिय योगदान दें।”वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि जब मैं पढ़ाई कर रहा था, तब छत्तीसगढ़ में एक भी राष्ट्रीय स्तर का संस्थान नहीं था। किंतु पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की दूरदर्शी नेतृत्व क्षमता के कारण आज प्रदेश में आईआईटी, आईआईएम, एचएनएलयू, एम्स, एनआईटी और ट्रिपल आईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान स्थापित हुए हैं। इन संस्थानों ने राज्य को उच्च शिक्षा और शोध के क्षेत्र में नई पहचान दी है।श्री चौधरी ने कहा कि वर्तमान समय में छत्तीसगढ़ में शिक्षा और तकनीकी विकास की अपार संभावनाएँ हैं। आज का युग टेक्नोलॉजी-ड्रिवन इकोनॉमी का है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि हाल ही में माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर डाउन होने से विश्वभर में जिस प्रकार कार्य प्रभावित हुए, उससे स्पष्ट है कि पावर टेक्नोलॉजी आज जीवन, अर्थव्यवस्था और वैश्विक प्रणाली को किस हद तक प्रभावित करती है। इसलिए हमें इन चुनौतियों का सामना करने के लिए अभी से तैयार रहना होगा।उन्होंने कहा कि नवाचार, कौशल और काबिलियत ही भविष्य में आपकी वास्तविक उपयोगिता सिद्ध करेंगे। बड़ी उपलब्धियाँ वही व्यक्ति प्राप्त करता है, जो अपनी क्षमता को निरंतर तराशता है। युवाओं को प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा कि परिवर्तन हमेशा दृष्टिकोण, संकल्प और निरंतर प्रयास से आता है। साउथ कोरिया के तकनीकी परिवर्तन का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि “हमें भी उसी प्रकार शिक्षा, तकनीक और शोध में निवेश बढ़ाकर आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ना होगा।”वित्त मंत्री ने युवाओं से आह्वान किया कि वे तकनीकी दक्षता, शोध और रचनात्मक सोच को अपने जीवन का आधार बनाएं, क्योंकि आने वाला समय उन्हीं का होगा जो ज्ञान और नवाचार को अपनी शक्ति बनाएंगे।उच्च शिक्षा मंत्री श्री टंक राम वर्मा ने कहा कि सेमीकंडक्टर और औद्योगिक क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ‘मेक इन सिलिकॉन’ संगोष्ठी एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप शैक्षणिक संस्थान सेमीकंडक्टर क्षेत्र में शोध और नवाचार को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार उच्च शिक्षा और तकनीकी क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने युवाओं से कहा कि “आपका नवाचार और आपका संकल्प भारत की तकनीकी पहचान को नई ऊँचाई देगा।”डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी अंतरराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT) नवा रायपुर के निदेशक प्रो. ओम प्रकाश व्यास ने अतिथियों को संस्थान की 10 वर्षों की उपलब्धियों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि संस्थान में विकसित भारत की अवधारणा के अनुरूप शिक्षण, अनुसंधान और नवाचार पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। छात्रों के कौशल विकास और क्षमता निर्माण के लिए उन्नत तकनीकी प्रशिक्षण एवं उद्योग आधारित परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है।इस अवसर पर ट्रिपल आईटी इलाहाबाद के निदेशक प्रो. मुकुल सुतावणे, आईआईटी इंदौर के प्रो. संतोष विश्वकर्मा, श्री मनोज कुमार मजूमदार सहित शिक्षाविद् एवं छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहीं।उल्लखेनीय है कि ‘मेक इन सिलिकॉन’ - स्वदेशी सेमीकंडक्टर इंफ्रास्ट्रक्चर पर राष्ट्रीय संगोष्ठी - ट्रिपल आईटी नया रायपुर के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार अभियांत्रिकी (ECE) विभाग के माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स और वीएलएसआई डिजाइन समूह द्वारा आयोजित की जा रही है। इस संगोष्ठी का उद्देश्य भारत की सेमीकंडक्टर क्षमताओं को सशक्त बनाना और आत्मनिर्भर सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण को प्रोत्साहित करना है। यह आयोजन शिक्षा जगत, उद्योग और अनुसंधान संस्थानों के बीच नवाचार, ज्ञान-विनिमय और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक सशक्त मंच है, जिससे भारत वैश्विक सेमीकंडक्टर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा सके।संगोष्ठी में वीएलएसआई डिजाइन और माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में उन्नत तकनीक, जैसे नैनोइलेक्ट्रॉनिक्स, एमईएमएस, क्वांटम डिवाइस, तथा उद्योग-शिक्षा सहयोग पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है। इन क्षेत्रों में प्रगति न केवल तकनीकी नवाचार को प्रोत्साहित करेगी बल्कि भारत के अनुसंधान और औद्योगिक विकास के बीच एक सशक्त सेतु का कार्य भी करेगी।राष्ट्रीय मिशन के तहत यह पहल सेमीकंडक्टर उपकरण, पैकेजिंग और फ्लेक्सिबल इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता एवं नवाचार को गति देने का प्रयास है। संगोष्ठी में नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं और स्टार्टअप्स की सहभागिता से कौशल विकास, आपूर्ति श्रृंखला सुदृढ़ीकरण और सस्टेनेबल मैन्युफैक्चरिंग पर जोर दिया गया है। यह आयोजन आत्मनिर्भर भारत मिशन की भावना के अनुरूप भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर नवाचार और निर्माण का केंद्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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बालोद/शहीद वीर नारायण सिंह स्मृति लोक कला महोत्सव वर्ष 2025-26 अंतर्गत इच्छुक सांस्कृतिक दल से 11 नवंबर आवेदन आमंत्रित की गई है। आदिवसी विकास विभाग के सहायक आयुक्त ने बताया कि जिले में शहीद वीर नारायण सिंह स्मृति लोक कला महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। जिसके अंतर्गत इच्छुक सांस्कृतिक दल 11 नवंबर 2025 तक संयुक्त जिला कार्यालय स्थित सहायक आयुक्त आदिवासी विकास बालोद के कक्ष क्र. 62 में कार्यालयीन समय में आवेदन कर सकते हैं।
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बालोद/महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश में महतारी वंदन योजना 01 मार्च 2024 से सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ में लागू है। महतारी वंदन योजना अंतर्गत पात्र महिला हितग्राहियों को प्रतिमाह 01 हजार रूपये राशि का भुगतान डीबीटी के माध्यम से किया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री समीर पाण्डेय ने बताया कि महतारी वंदन योजना के अंतर्गत कुछ अपात्र महिलाओं के द्वारा भी इस योजना का लाभ प्राप्त किया जा रहा है। जबकि शासन द्वारा पूर्व में पात्र-अपात्र के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि महतारी वंदन योजना अंतर्गत कोई भी अपात्र लाभार्थी इस योजना का लाभ ले रहे हैं तो वे आई.सी.आई. बैंक के खाता क्रमांक 472001000010, आईएफएससी कोड आईसीआईसी0004720 में राशि जमा कर सकते है। इसके साथ ही संबंधित एकीकृत बाल विकास परियोजना कार्यालय में लिखित में सूचना के माध्यम से अपना हक का त्याग कर सकते हंै। उन्होंने बताया कि भविष्य में अपात्र व्यक्तियों द्वारा महतारी वंदन योजना का लाभ प्राप्त किए जाने की सूचना पर नियमानुसार कठोर कार्यवाही की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि शासन द्वारा महतारी वंदन योजना अंतर्गत पात्रता का मापदण्ड निर्धारित किया गया है। जिसके अंतर्गत विवाहित महिला जो छत्तीसगढ़ के स्थायी निवासी हो। आवेदन के कैलेण्डर वर्ष में जिस वर्ष आवेदन किया गया है उस वर्ष 01 जनवरी को विवाहित महिला की उम्र 21 वर्ष से कम न हो। विधवा, परित्यकता, तलाकशुदा महिला भी योजना के लिए पात्र होगी। इसके साथ ही परिवार का कोई भी सदस्य आयकरदाता हो, जिनके परिवार के कोई भी सदस्य भारत सरकार या राज्य सरकार के शासकीय विभाग, उपक्रम/मंडल/स्थानीय निकाय में स्थायी/अस्थायी/संविदा पदों पर कार्यरत प्रथम वर्ग, द्वितीय वर्ग व तृतीय वर्ग के अधिकारी-कर्मचारी हो, जिनके परिवार का कोई भी सदस्य वर्तमान अथवा भूतपूर्व सांसद या विधायक हो, जिनके परिवार का कोई भी सदस्य भारत सरकार अथवा राज्य सरकार के बोर्ड/निगम/मंडल के वर्तमान एवं पूर्व अध्यक्ष, एवं उपाध्यक्ष हो महतारी वंदन योजना के लिए अपात्र होंगे। - -एथलेटिक्स, हॉकी, कुश्ती सहित 11 स्पर्धाएँ शामिल, 35 वर्ष तक की महिलाएं ले सकती है हिस्सादुर्ग, / कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह के निर्देशानुसार जिला खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा विकासखण्ड एवं जिला स्तरीय महिला खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। खेल एवं युवा कल्याण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार विकासखण्ड स्तरीय दुर्ग, पाटन एवं धमधा में होने वाले महिला खेल प्रतियोगिता के अन्तर्गत एथलेटिक्स (100 मीटर एवं 400 मीटर दौड, एवं तवा फेक), खो-खो, हॉकी, बैडमिंटन (सिंगल एवं डबल), व्हॉलीबाल. कुश्ती (50 किलो एवं 53 किलो), बास्केटबॉल, फुटबॉल, वेटलिफ्टिंग (40 किलो एवं 45 किलो), एवं रस्साकसी, खेल की स्पर्धाये होगी। महिला खेल प्रतियोगिता अंतर्गत 02 आयुवर्ग 09-18 वर्ष एवं 18 से 35 वर्ष तक महिला खिलाड़ियों को भाग लेने की पात्रता होगी। इच्छुक अभ्यर्थी पंजीयन के लिए अपना आधार कार्ड एवं जन्म प्रमाण पत्र लेकर प्रतियोगिता स्थल में पहुंचेंगे। (18 से 35 आयुवर्ग के लिए वर्ष 01.01.1990 से 01.01.2007 तक) एवं (09-18 आयुवर्ग के लिए वर्ष 01.01.2008 से 01.01.2016 तक) भाग लेंगे। जिले के विकासखंड दुर्ग, पाटन एवं धमधा में विकासखंड स्तर पर तथा पाटन (सेलूद) में जिला स्तरीय आयोजन पूर्वान्ह 8 बजे होगा। प्रत्येक स्थल हेतु स्पर्धा प्रभारी नियुक्त किए गए हैं। 7 नवंबर 2025 को विकासखंड दुर्ग के शा.उ.मा.वि. कोडिया के आयोजन हेतु श्री अशोक रिगरी स्पर्धा प्रभारी होंगे। इसी प्रकार 8 नवंबर 2025 को सेजस सेलूद विकासखंड पाटन और कॉलेज मैदान सिरना भाठा विकासखंड धमधा के आयोजन हेतु क्रमशः श्री पोखरन लाल साहू तथा श्री कौशलेंद्र पटेल स्पर्धा प्रभारी होंगे। 10 नवंबर 2025 को ज़िला स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन सेजेस सेलूद, पाटन में किया जाएगा, जिसके प्रभारी भी श्री पोखरन लाल साहू होंगे। विकास खण्ड स्तर पर उपरोक्त खेलों का आयोजन कराया जाना है। जिसमें दो आयुवर्ग से प्रथम स्थान प्राप्त प्रतिभागी/दल जिला स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेंगें। प्रतिभागी अपने विकासखण्ड पर ही खेल में भाग लेंगें एवं एक खिलाड़ी एक ही खेल में भाग लेंगें तथा निर्धारित समय में पहले पहुंच कर अपना जन्म प्रमाण पत्र एवं आधार कार्ड लेकर निर्धारित प्रपत्र को साफ-सुथरे स्पष्ट भर कर संबंधित विकासखण्ड आयोजन प्रभारी के पास जमा करेंगे। अधिक जानकारी के लिए अपने विकासखण्ड नोडल अधिकारी एवं जिला खेल एवं युवा कल्याण विभाग के रविशंकर स्टेडियमय दुर्ग स्थित कार्यालय मे संपर्क कर सकते है।
- बालोद,। बालोद जिले के डौंडी विकासखण्ड के दूरस्थ ग्राम पंचायत गुजरा ने विकास की नई कहानी लिखी है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सुनील चंद्रवंशी के नेतृत्व और सकारात्मक पहल से अटल डिजिटल सुविधा केंद्र (एडीएसके) की शुरुआत हुई है। जिसने ग्राम पंचायत गुजरा को नई पहचान दी है। ग्राम पंचायत गुजरा के ग्रामीणों ने बताया कि ग्रामवासियों को पहले आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र, पेंशन, बैंकिंग लेनदेन सुविधा, आयुष्मान कार्ड एवं आधार कार्ड जैसी मूलभूत शासकीय सेवाओं के लिए विकासखंड मुख्यालय के बैंक या जिला मुख्यालय के बैंक जाना पड़ता था। जिससे समय और पैसे दोनों खर्च होती थी। खासकर महिलाओं और बुजुर्गों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। गांव में अटल डिजिटल सुविधा केंद्र की स्थापना से ग्रामीणों को बहुत सहूलियत हो रही है एवं ग्रामीणों के समय और धन की बचत भी हो रही है। अब छोटे-छोटे कामों के लिए दूर नहीं जाना पड़ता। अटल डिजिटल सुविधा केंद्र के माध्यम से ग्रामीण डिजिटल लेनदेन, विभिन्न योजनाओं के ऑनलाइन आवेदन, नगद आहरण, प्रमाण पत्र आदि सुविधाओं का लाभ ले रहे है। अटल डिजिटल सुविधा केंद्र के स्थापित होने से पारदर्शिता और भरोसा बढ़ा और बिचैलियों की भूमिका खत्म हुई। ग्रामीणों को सभी डिजीटल सेवाओं का लाभ घर के नजदीक मिल रही है। शासन की यह पहल ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता, डिजिटल इंडिया मिशन की मजबूती और विकास की मुख्यधारा से जुड़ाव का सशक्त उदाहरण है। ग्राम पंचायत गुजरा का अटल डिजिटल सेवा केंद्र बालोद जिले के तीसरे चरण में चयनित ग्राम पंचायत है। उल्लेखनीय है कि अटल डिजिटल सुविधा केंद्र गुजरा के माध्यम से अब तक कुल 1.30 लाख रुपये से अधिक का डिजिटल ट्रांजेक्शन हो चुका है।
- दुर्ग / कृषि विज्ञान केन्द्र पाहंदा के कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को बिना जुताई गेहूं बोने की विधि, जीरो टिलेज सीड ड्रिल पद्धति अपनाने हेतु सलाह दी गई है। उन्होंने अवगत कराया है कि पिछली फसल (जैसे धान) की कटाई के बाद खेत में जुताई न करें। खेत में कम से कम 30-40 प्रतिशत अवशेष रहने दें। जीरो टिलेज सीड ड्रिल मशीन का उपयोग करें, जो बिना जुताई के सीधे खेत में बीज और उर्वरक बोती है। बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी होनी चाहिए। बहुत अधिक सूखा या बहुत अधिक गीले खेत में बुवाई से बचें। बुवाई शुरू करने से पहले, सुनिश्चित करें कि मशीन को सही ढंग से समायोजित किया गया है, ताकि बीज और खाद उचित मात्रा और गहराई में गिरें। गेहूं के लिए 3-4 सेंटीमीटर की गहराई ठीक होती है। धान की कटाई के बाद डंठल (नरई) 15-20 सेंटीमीटर से अधिक नहीं होने चाहिए, ताकि मशीन आसानी से चल सके। मशीन को खेत में चलाएं। यह एक पतली लाइन में बीज और उर्वरक बोएगी, जिससे खेत की मिट्टी फटेगी नहीं और बीज सही जगह पर जाएगा।जीरो टिलेज विधि के फायदेजुताई और खेत तैयार करने का खर्च और समय बचता है। बीज और उर्वरक सही गहराई में गिरते हैं, जिससे अंकुरण बेहतर होता है। मिट्टी की नमी बनी रहती है, जिससे सिंचाई की आवश्यकता कम हो जाती है। इस विधि के अध्ययनों के अनुसार, पैदावार 10 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। पिछली फसल के अवशेष खेत में ही सड़कर मिट्टी को उपजाऊ बनाते हैं।























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