- Home
- देश
-
नई दिल्ली। भारत के 14वें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 की तैयारियां तेज कर दी हैं। आज शुक्रवार को आयोग ने चुनाव से जुड़ी अहम प्रक्रिया शुरू करते हुए रिटर्निंग अधिकारी और दो सहायक रिटर्निंग अधिकारियों की नियुक्ति कर दी है। निर्वाचन आयोग ने एक आधिकारिक पत्र जारी कर बताया कि संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत उपराष्ट्रपति पद का चुनाव कराना आयोग की जिम्मेदारी है। यह चुनाव “राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति निर्वाचन अधिनियम, 1952” और “राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति निर्वाचन नियम, 1974” के मुताबिक होगा।
इस नियम के तहत, केंद्र सरकार से परामर्श कर आयोग एक रिटर्निंग अधिकारी नियुक्त करता है, जिसका कार्यालय नई दिल्ली में होता है। परंपरा के अनुसार, लोकसभा और राज्यसभा के महासचिवों को बारी-बारी से यह जिम्मेदारी दी जाती है। चूंकि पिछली बार लोकसभा महासचिव को यह जिम्मेदारी दी गई थी,इसलिए इस बार राज्यसभा के महासचिव को रिटर्निंग अधिकारी बनाया गया है।इसके साथ ही राज्यसभा सचिवालय की संयुक्त सचिव गरिमा जैन और निदेशक विजय कुमार को सहायक रिटर्निंग अधिकारी नियुक्त किया गया है, ताकि चुनाव प्रक्रिया में सहयोग मिल सके। आयोग ने बताया कि इस संबंध में आवश्यक राजपत्र अधिसूचना अलग से जारी की जाएगी।गौरतलब है कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 22 जुलाई 2025 को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को लिखे पत्र में कहा था कि वे स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए तत्काल प्रभाव से पद छोड़ रहे हैं। अगले दिन राष्ट्रपति मुर्मु ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया था। अब नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया आधिकारिक रूप से शुरू हो गई है और जल्द ही निर्वाचन तिथि की घोषणा भी की संभावना है। - मुंबई। मस्कट से बृहस्पतिवार को मुंबई आ रहे एअर इंडिया एक्सप्रेस के विमान में थाईलैंड की एक महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया। एक बयान में इसकी जानकारी दी गयी है। विज्ञप्ति के अनुसार, एयरलाइन के चालक दल के सदस्यों और विमान में मौजूद एक नर्स ने उड़ान के दौरान प्रसव में मदद की। एयरलाइन ने एक बयान में कहा, ‘‘जिस क्षण थाई नागरिक को प्रसव पीड़ा शुरू हुई, चालक दल ने तुरंत कदम उठाया- जन्म के लिए एक सुरक्षित और अनुकूल वातावरण सुनिश्चित करने के लिए अपने कठोर प्रशिक्षण के दौरान बतायी गयी बातों का इस्तेमाल किया।..पायलटों ने तुरंत विमान यातायात नियंत्रण कक्ष को सूचित किया और मुंबई में प्राथमिकता के आधार पर उड़ान को उतरने देने का अनुरोध किया, जहां मेडिकल टीम और एक एम्बुलेंस आगमन पर तैयार थे।'' एयरलाइन ने कहा, ‘‘मुंबई हवाई अड्डे पर उतरने के बाद, मां और बच्चे को देखभाल के लिए तुरंत पास के एक अस्पताल में ले जाया गया। साथ ही निरंतर सहायता प्रदान करने के लिए एक महिला एयरलाइन स्टाफ सदस्य भी मौजूद थी।'' विमान में यात्रियों की संख्या के बारे में तत्काल जानकारी उपलब्ध नहीं हो सकी।
- नयी दिल्ली । शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, देश भर के केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों में शिक्षकों के 12 हजार से अधिक पद रिक्त हैं। शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी।उन्होंने बताया कि केंद्रीय विद्यालय संगठन और नवोदय विद्यालय समिति में शिक्षकों के पदों में रिक्तियां विभिन्न कारणों से होती हैं, जिनमें नये केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय की स्थापना, सेवानिवृत्ति, त्यागपत्र, पदोन्नति, स्थानांतरण, कर्मचारियों का अन्य विभागों में स्थानांतरण और विद्यालयों का उन्नयन शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आज की तारीख तक देश भर में केंद्रीय विद्यालय संगठन में शिक्षकों के कुल 7,765 पद और नवोदय विद्यालय समिति में शिक्षकों के 4,323 पद रिक्त हैं।'' मंत्री ने कहा कि इन रिक्तियों को भरना एक सतत प्रक्रिया है और संबंधित भर्ती नियमों के अनुसार आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। निर्बाध शिक्षण सुनिश्चित करने के लिए अस्थायी अवधि के लिए संविदा शिक्षकों की नियुक्ति का प्रावधान है।
- नयी दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर को ‘ऐतिहासिक' और प्रत्येक नागरिक के लिए गर्व और अवसर का क्षण बताया। भारत और ब्रिटेन ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करके 112 अरब डॉलर तक पहुंचाने के लक्ष्य के साथ बृहस्पतिवार को एफटीए पर हस्ताक्षर किए। शाह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर कहा, “भारत ने वैश्विक व्यापार में एक और मील का पत्थर स्थापित किया है। यह प्रत्येक नागरिक के लिए गौरव का क्षण है।''इस ऐतिहासिक समझौते के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बधाई देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि यह संधि मोदी की जन-केंद्रित व्यापार कूटनीति के रूप में सामने आई है, जो 95 प्रतिशत कृषि निर्यात पर शुल्क माफ करके देश के किसानों के लिए समृद्धि के एक नए युग की शुरुआत करेगी। शाह ने कहा कि इससे मछुआरों को भी लाभ होगा क्योंकि 99 प्रतिशत समुद्री निर्यात पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। उन्होंने कहा, “यह समझौता ‘मेक इन इंडिया' (भारत में विनिर्माण करो) के संकल्प को बढ़ावा देगा और हमारे कारीगरों, बुनकरों, कपड़ा, चमड़ा, जूते-चप्पल, रत्न और आभूषणों तथा खिलौनों के लिए व्यापक बाज़ार खोलकर हमारे स्थानीय उत्पादों का वैश्वीकरण करेगा, जिससे उनकी क्षमता एक नई ऊंचाई पर पहुंचेगी।”
- नयी दिल्ली / केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के प्रमुख रवि अग्रवाल ने बृहस्पतिवार को कहा कि आयकर विभाग नए आयकर विधेयक, 2025 के नियमों और प्रक्रियाओं को स्वरूप देने पर काम कर रहा है। इस पहल का उद्देश्य छह दशक पुराने प्रत्यक्ष कर कानून को सरल बनाना है। अग्रवाल ने यहां 166वें आयकर दिवस समारोह में यह भी कहा कि विभाग ‘सहानुभूति के साथ नियमों के क्रियान्वयन' के सिद्धांत का पालन कर रहा है। इसके तहत वह करदाताओं को अपने रिटर्न की समीक्षा करने और स्वेच्छा से उसे अद्यतन करने का मौका दे रहा है। अग्रवाल ने कहा, ‘‘नियमों, प्रपत्रों और प्रक्रियाओं को आकार देने का काम पहले से ही चल रहा है।यह एक महत्वपूर्ण कदम है... ये परिभाषित करेंगे कि कानून कैसे काम करता है और कैसे व्यवहार करता है। और मुझे विश्वास है कि विधेयक की तरह, ये भी स्पष्टता, सरलता और करदाताओं की सुविधा के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता को दर्शाएंगे।''नया आयकर विधेयक, 2025, 13 फरवरी, 2025 को संसद में पेश किया गया था और इसपर विचार के लिए इसे एक संसदीय समिति को भेजा गया था। समिति ने 21 जुलाई को संसद को अपनी रिपोर्ट सौंपी जिसमें आयकर विधेयक में कुछ बदलावों का सुझाव दिया गया है। अग्रवाल ने कहा कि आयकर विभाग निष्पक्ष कर संग्रह, स्वैच्छिक अनुपालन को बढ़ावा देने और यह सुनिश्चित करने के माध्यम से भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में अपनी भूमिका निभाता रहेगा कि हमारी प्रणालियां नागरिकों के भरोसे के योग्य हों। उन्होंने कहा कि विभाग स्वैच्छिक अनुपालन के लिए आंकड़ा विश्लेषण का उपयोग कर रहा है।अग्रवाल ने कहा, ‘‘हमारा ‘नज अभियान' यानी करदाताओं को मार्गदर्शन और सक्षम बनाने के लिए आंकड़ों का गैर-हस्तक्षेपकारी उपयोग के तहत आज विसंगतियों का पता लगाने के लिए लेन-देन स्तर के आंकड़ों का उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘चाहे वह खुलासा की गई आय हो, गलत कटौती हो, या उच्च जोखिम वाले दावे हों। अनुपालन उपायों को तुरंत शुरू करने के बजाय, अब हम करदाताओं को अपनी रिटर्न फाइलिंग की समीक्षा करने और स्वेच्छा से उसे अद्यतन करने का मौका दे रहे हैं। यह सहानुभूति के साथ नियमों को लागू करना है और यह व्यक्तियों पर भरोसा करने के लिए विभाग की विकसित होती मानसिकता को दर्शाता है।''
- नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली कंपनी एनटीपीसी को निजी नियोजन के आधार पर गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर जारी कर 18,000 करोड़ रुपये तक जुटाने के लिए शेयरधारकों की मंजूरी मिल गई है। कंपनी ने बृहस्पतिवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि विशेष प्रस्ताव पारित होने की तिथि से लेकर एक वर्ष पूरा होने तक की अवधि के दौरान निजी नियोजन के माध्यम से 12 किस्तों में यह धनराशि जुटाई जाएगी। एनटीपीसी ने 23 जून, 2025 को डाक मतपत्र की सूचना जारी की थी। इसका उद्देश्य 18,000 करोड़ रुपये तक के गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) जारी करके धन जुटाने के संबंध में ई-वोटिंग के माध्यम से विशेष प्रस्ताव के जरिये सदस्यों की मंजूरी लेना था। कंपनी ने सूचना में कहा कि उक्त प्रस्ताव को अपेक्षित बहुमत से मंजूरी मिल गयी है।
- बांकुड़ा/बर्धमान। पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा और पूर्व बर्धमान जिलों में बृहस्पतिवार को आकाशीय बिजली गिरने की घटनाओं में कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। बांकुड़ा के पुलिस अधीक्षक वैभव तिवारी ने बताया कि जिले के विभिन्न हिस्सों में आंधी-तूफान के दौरान आकाशीय बिजली गिरने से आठ लोगों की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि ओंडा में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि कोटुलपुर, जॉयपुर, पतरासेयर और इंदास पुलिस थाना क्षेत्रों में एक-एक व्यक्ति की आकाशीय बिजली गिरने से मौत हुई। आपदा प्रबंधन अधिकारी ने बताया कि पूर्व बर्धमान जिले में आकाशीय बिजली गिरने से पांच लोगों की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए। उन्होंने बताया कि माधवडीही में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि जिले के औसग्राम, मंगलकोट और रैना पुलिस थाना क्षेत्रों में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई। अधिकारी ने बताया कि झुलसे लोगों का स्थानीय अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है।
- नयी दिल्ली। भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन 'गगनयान' वर्ष 2027 की पहली तिमाही में प्रक्षेपित किया जाएगा और इसके लिए आवश्यक अवसंरचना जैसे ऑर्बिटल मॉड्यूल प्रिपरेशन फैसिलिटी, गगनयान कंट्रोल सेंटर, क्रू प्रशिक्षण सुविधा और लॉन्च पैड में आवश्यक संशोधन पूरे कर लिए गए हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री तथा कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गगनयान कार्यक्रम के तहत ह्यूमन रेटेड लॉन्च व्हीकल (एचएलवीएम3) का विकास और ग्राउंड परीक्षण पूरा हो चुका है। इसके अलावा चालक दल और सर्विस मॉड्यूल की प्रणोदन प्रणाली, ईसीएलएसएस इंजीनियरिंग मॉडल, तथा क्रू एस्केप सिस्टम (सीईएस) के पांच प्रकार के मोटर्स का विकास और स्थैतिक परीक्षण सफलतापूर्वक किया गया है। डॉ. सिंह ने बताया कि गगनयान के लिए आवश्यक अवसंरचना जैसे ऑर्बिटल मॉड्यूल प्रिपरेशन फैसिलिटी, गगनयान कंट्रोल सेंटर, क्रू प्रशिक्षण सुविधा और लॉन्च पैड में आवश्यक संशोधन पूरे कर लिए गए हैं।उन्होंने कहा ‘‘इसके साथ ही प्रीकर्सर मिशन के तहत टेस्ट व्हीकल (टीवी-डी1) के माध्यम से क्रू एस्केप सिस्टम का परीक्षण सफलतापूर्वक किया गया, जबकि आगामी टीवी-डी2 और आईएडीटी-01 मिशनों पर कार्य प्रगति पर है। सिंह ने बताया कि पहले मानवरहित मिशन (जी1) के तहत लॉन्च स्टेज, मोटर्स, क्रू मॉड्यूल और सर्विस मॉड्यूल की संरचनाएँ तैयार हो चुकी हैं और उनका प्रारंभिक परीक्षण किया जा चुका है। उनहोंने भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और चंद्रमा पर मानव मिशन के बारे में बताया कि गगनयान कार्यक्रम भारत को एक पूर्ण अंतरिक्ष कौशल संपन्न राष्ट्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। ‘‘इसके बाद अगला लक्ष्य पृथ्वी की निचली कक्षा में भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना करना है, ताकि दीर्घकालिक मानव अंतरिक्ष मिशन संभव हो सकें।'' सिंह ने बताया कि भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन का पहला मॉड्यूल जून 2028 तक प्रक्षेपित किया जाएगा और फिर दिसंबर 2028 तक उस मॉड्यूल से एक डॉकिंग मिशन भी भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि 2035 तक सभी पाँच मॉड्यूल मिलाकर एक पूर्ण रूप से कार्यशील भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित किया जाएगा। डॉ. सिंह ने यह भी बताया कि 2040 तक भारत का लक्ष्य एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को चंद्रमा पर उतारने का है जिसके लिए इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) के केंद्रों में आवश्यक प्रौद्योगिकी, लॉन्च यान और ऑर्बिटल मॉड्यूल के विन्यास को लेकर कार्य प्रगति पर है।
- नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को आयकर अधिकारियों से नीतियों के समय पर क्रियान्वयन में मानकों को ऊंचा करने और अपने व्यवहार से करदाताओं का भरोसा अर्जित करने को कहा। सीतारमण ने आयकर अधिकारियों की नई प्रौद्योगिकी को अपनाने और केवल छह महीनों के भीतर नए आयकर विधेयक का मसौदा तैयार करने में उनकी तत्परता की सराहना की। उन्होंने जल्द से जल्द ओजीई के लंबित मामलों को निपटाने के लिए प्रेरित किया। ओजीई (या प्रभावी आदेश) एक ऐसा आदेश है जो एक आयकर अधिकारी को तब पारित करना होता है जब कोई करदाता कर निर्धारण के विरुद्ध अपील में विभाग के खिलाफ मामला जीत जाता है।उन्होंने यहां 166वें आयकर दिवस समारोह में कहा, ‘‘अच्छी नीतियां ही पर्याप्त नहीं हैं। वास्तव में जो मायने रखता है वह है समय पर क्रियान्वयन... मुझे लगता है कि इतने वर्षों में आपने (कर अधिकारी) अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। अब मानकों को ऊंचा करने का समय आ गया है।'' वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘आप और भी बेहतर हो सकते हैं। आप अपने व्यवहार से करदाताओं का विश्वास अर्जित कीजिए।'' उन्होंने कहा कि आयकर दिवस राज्य और करदाता के बीच अघोषित सामाजिक अनुबंध की फिर से पुष्टि करने का अवसर है। सीतारमण ने नए आयकर विधेयक, 2025 का मसौदा तैयार करने वाले अधिकारियों को पुरस्कार प्रदान करते हुए कहा कि आयकर कानून 1961 को सरल बनाने वाले प्रस्तावित कानून का मसौदा तैयार करने में 60,000 मानव घंटे लगे। उन्होंने कहा, ‘‘1961 से इसे छुआ तक नहीं गया। इसमें कई संशोधन जुड़ते गये। व्यापक समीक्षा नहीं हुई। इसलिए, जो काम शुरू किया गया, उसमें इतने घंटे लगे।''
- नयी दिल्ली। केंद्रीय सड़क परि वहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार अगस्त के अंत तक पेट्रोल में 27 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण के मानदंड लागू कर देगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2023 में 20 प्रतिशत एथनॉल-मिश्रित पेट्रोल की शुरुआत की थी।गडकरी ने यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “भारत पहले ही 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण का अपना लक्ष्य हासिल कर चुका है। ब्राजील में, गैसोलीन में एथनॉल मिश्रण 27 प्रतिशत है।” वर्तमान में, वाहन इंजन मामूली संशोधन के साथ ई20 (ईंधन में 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण) पर चल सकते हैं।केंद्रीय मंत्री ने कहा, “वर्तमान में, भारत में ई27 ईंधन के लिए मानक मानदंड नहीं हैं...ई27 के मानदंडों को अगस्त के अंत से पहले अंतिम रूप दे दिया जाएगा।” भारत अपनी 85 प्रतिशत कच्चे तेल की जरूरतों को आयात से पूरा करता है।उन्होंने कहा, “हम 22 लाख करोड़ रुपये मूल्य के जीवाश्म ईंधन का आयात करते हैं, जिससे प्रदूषण भी बढ़ रहा है।'' गडकरी ने कहा कि 11 वाहन कंपनियों ने ‘फ्लेक्स-फ्यूल' इंजन से चलने वाले वाहन बनाए हैं।फ्लेक्स फ्यूल इंजन वाले वाहनों को पारंपरिक ईंधन के साथ एथनॉल के मिश्रण पर, या यहां तक कि 100 प्रतिशत एथनॉल पर भी चलने के लिए डिजायन किया गया है। उन्होंने कहा, “भारत खाद्यान्न अधिशेष वाला देश है और किसानों के हितों की रक्षा करने की आवश्यकता है।” गन्ने के साथ-साथ टूटे हुए चावल और अन्य कृषि उत्पादों से निकाले गए एथनॉल के उपयोग से भारत को विदेशी आयात पर अपनी निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता है। औसतन 10 प्रतिशत मिश्रण प्राप्त करने का लक्ष्य जून, 2022 में ही प्राप्त कर लिया गया, जो नवंबर, 2022 की निर्धारित तिथि से काफी पहले था।
- नयी दिल्ली। ब्रिटेन के मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के तहत शून्य शुल्क पर सहमति के बाद भारत के जेनेरिक दवाओं और चिकित्सकीय उपकरणों जैसे एक्स-रे सिस्टम और सर्जिकल उपकरणों के निर्यात को बड़ा बढ़ावा मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर की उपस्थिति में बृहस्पतिवार को लंदन में दोनों देशों के बीच हस्ताक्षरित मुक्त व्यापार समझौते का यह हिस्सा है।वाणिज्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ सर्जिकल उपकरण, जांच में उपयोग (डायग्नोस्टिक) वाले उपकरण, ईसीजी मशीन, एक्स-रे सिस्टम जैसे चिकित्सकीय उपकरणों के एक बड़े हिस्से पर कोई शुल्क नहीं लगेगा।'' उन्होंने कहा कि इससे भारतीय चिकित्सकीय-प्रौद्योगिकी कंपनियों की लागत कम होगी और उनके उत्पाद ब्रिटेन के बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी बनेंगे। अधिकारी ने कहा, ‘‘ यूरोपीय संघ छोड़ने (ब्रेक्जिट) और कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद ब्रिटेन के चीनी आयात पर निर्भरता से दूर होने के मद्देनजर भारतीय विनिर्माता एक पसंदीदा, लागत प्रभावी विकल्प बनने के लिए तैयार हैं खासकर चिकित्सकीय उपकरणों के लिए शून्य-शुल्क मूल्य निर्धारण के साथ...'' मंत्रालय ने कहा कि एफटीए के तहत शून्य शुल्क प्रावधानों से ब्रिटेन के बाजार में भारतीय जेनेरिक दवाओं की प्रतिस्पर्धात्मकता में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है, जो यूरोप में भारत का सबसे बड़ा दवा निर्यात गंतव्य बना हुआ है।भारत वैश्विक स्तर पर दवा क्षेत्र के तहत 23.31 अरब अमेरिकी डॉलर का निर्यात करता है और ब्रिटेन करीब 30 अरब अमेरिकी डॉलर का आयात करता है। हालांकि, ब्रिटेन के आयात में भारतीय दवा क्षेत्र का योगदान एक अरब डॉलर से कम है, जो विकास की पर्याप्त गुंजाइश दर्शाता है। दस्तावेज के अनुसार, दवा क्षेत्र में केवल 56 शुल्क श्रेणियां हैं, जो कुल शुल्क श्रेणियों का केवल 0.6 प्रतिशत है। इसके बावजूद दवा क्षेत्र आमतौर पर खासकर वैश्विक व्यापार में उच्च मूल्य और रणनीतिक महत्व रखता है।भारतीय दवा उद्योग मात्रा के हिसाब से दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा और मूल्य के मामले में 14वां सबसे बड़ा उद्योग है। वित्त वर्ष 2024-25 में भारतीय दवा निर्यात सालाना आधार पर 10 प्रतिशत बढ़कर 30.5 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया। यह उद्योग पिछले 30 वर्षों में प्रतिस्पर्धी कीमतों पर उच्च गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाएं बनाने में अग्रणी बन गया है। भारत जेनेरिक दवाओं का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। इसकी वैश्विक आपूर्ति में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी है और यह 60 चिकित्सीय श्रेणियों में 60,000 विभिन्न जेनेरिक ब्रांड पर काम कर रहा है। भारतीय उत्पाद दुनियाभर के 200 से अधिक देशों में भेजे जाते हैं, जिनमें जापान, ऑस्ट्रेलिया, पश्चिमी यूरोप और अमेरिका मुख्य गंतव्य हैं। भारत में चिकित्सकीय उपकरण क्षेत्र का वर्तमान बाजार आकार 11 अरब अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है और 2030 तक इसके 50 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
- गुरुग्राम। हरियाणा के गुरुग्राम के मानेसर में स्थित महिला पुलिस थाने में तैनात एक महिला हेड कांस्टेबल को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने बुधवार को 5,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। एसीबी अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी प्रमिला ने विवाद का थाने में समझौता होने के बाद व्यक्ति को इसकी प्रति मुहैया कराने के एवज में 10,000 रुपये की मांग की थी। बाद में उक्त व्यक्ति ने एसीबी में शिकायत दर्ज कराई।एसीबी के अनुसार, शिकायतकर्ता का एक महिला के साथ विवाद चल रहा था और दोनों को सुलह के लिए महिला पुलिस थाने में बुलाया गया था। उन्होंने बताया कि सुलह के बाद उनके बयान दर्ज किए गए। हालांकि, जब शिकायतकर्ता ने समझौते की एक प्रति मांगी, तो आरोपी प्रमिला ने बदले में 10,000 रुपये मांगे। शिकायत मिलने पर एसीबी ने जाल बिछाया और बुधवार को शिकायतकर्ता को 5,000 रुपये लेकर आरोपी प्रमिला के पास भेजा। कार्रवाई के दौरान, उसे थाना परिसर के सामने उसकी कार में ही पकड़ लिया गया। एसीबी अधिकारी ने बताया कि आरोपी महिला हेड कांस्टेबल से पूछताछ की जा रही है।
- नयी दिल्ली/ खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने बृहस्पतिवार को कहा कि खुले बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत सरकारी भंडार से गेहूं बेचने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि आपूर्ति पर्याप्त है और कीमतें स्थिर हैं। सरकार, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा प्रबंधित केंद्रीय पूल से अधिशेष भंडार को पूर्व निर्धारित आरक्षित मूल्यों पर सीधे बाजार में बेचकर गेहूं की आपूर्ति और कीमतों को विनियमित करने के लिए खुला बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) का संचालन करती है। चोपड़ा ने भारतीय वनस्पति तेल उत्पादक संघ (आईवीपीए) की वैश्विक गोलमेज बैठक से इतर पत्रकारों से कहा, ‘‘ पर्याप्त भंडार मौजूद है। हमने काफी अच्छी मात्रा में खरीद की है। इसलिए बाजार में पर्याप्त आपूर्ति है। कीमतें पहले से ही स्थिर हैं। इसलिए (गेहूं ओएमएसएस) की कोई जरूरत नहीं है।'' भारत ने वित्त वर्ष 2024-25 में ओएमएसएस के तहत करीब 30 लाख टन गेहूं बेचा, जबकि 2023-24 में करीब 1.01 करोड़ टन गेहूं की बिक्री की थी। देश का गेहूं उत्पादन फसल वर्ष 2024-25 में रिकॉर्ड 11.75 करोड़ टन रहने का अनुमान है।
-
नयी दिल्ली। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) 2036 ओलंपिक की मेजबानी के अधिकार मिलने को लेकर बहुत सकारात्मक है लेकिन उसे लगता है कि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी क्योंकि और भी देश इस दौड़ में शामिल हो रहे हैं। कतर नवीनतम देश है जिसने खुलासा किया है कि उसने 2036 खेलों की मेजबानी के अधिकारों के लिए अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के भविष्य मेजबान आयोग के साथ बातचीत प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह मेजबान देश के चयन से पहले की लंबी प्रक्रिया का पहला कदम है।
आईओए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रघुराम अय्यर ने गुरुवार को यहां एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘हम यह मानना चाहेंगे कि हम बहुत सकारात्मक हैं। लेकिन फिर भी यह कहना जल्दबाजी होगी (कि किसे मेजबानी के अधिकार मिलेंगे) क्योंकि अब भी कई देश इसमें शामिल हो रहे हैं। '' भारत ने पिछले साल ओलंपिक की मेजबानी के लिए रुचि पत्र प्रस्तुत किया था और वह आईओसी के भविष्य मेजबान आयोग (एफएचसी) के साथ ‘निरंतर संवाद प्रक्रिया' में एक कदम आगे है। अगला कदम ‘लक्षित संवाद प्रक्रिया' है जिसके बाद ही एफएचसी आईओसी कांग्रेस को पसंदीदा मेजबान देश की सिफारिश करेगा। उन्होंने कहा कि 2036 ओलंपिक के लिए मेजबान देश का नाम दो साल बाद ही पता चलने की संभावना है क्योंकि आईओसी ने खुद पूरी प्रक्रिया पर ‘रोक' लगाने की घोषणा की है। अय्यर ने कहा, ‘‘हम इस समय आईओसी के साथ निरंतर बातचीत के दौर में हैं। आईओसी के लिए अभी ठहरकर सोचने का समय है क्योंकि उसे अभी नया अध्यक्ष मिला है जो आईओसी में कुछ बदलाव ला रहा है। '' उन्होंने कहा, ‘‘अगले कुछ वर्षों में हमें पता चल जाएगा कि यह किस दिशा में बढ़ रहा है। ''
वहीं आईओए के कार्यकारी सदस्य हरपाल सिंह ने 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की बोली के फैसले पर कहा, ‘‘यह प्रक्रिया चल रही है। राष्ट्रमंडल खेल प्रतिनिधि, टीम प्रबंधन और खेल प्रबंधन पहले सभी संभावित मेजबानों से बातचीत करेंगे जिसके बाद नवंबर के आखिरी हफ्ते में ग्लास्गो में होने वाली आमसभा में मेजबान को चुना जाएगा। '' कनाडा के बोली की दौड़ से हटने के बाद भारत की 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी पाने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमें पूरी उम्मीद है कि 2030 के खेल भारत में आयोजित होंगे। -
नयी दिल्ली। केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को सहकारिता क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए एक नई राष्ट्रीय नीति की घोषणा की। इस नीति का उद्देश्य हर गांव में अधिक पेशेवर रूप से प्रबंधित और वित्तीय रूप से स्वतंत्र सहकारी संगठन बनाना है। सहकारी समितियों के लिए इसी तरह की नीति वर्ष 2002 में लाई गई थी। उस समय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सत्ता में था। 23 साल बाद नई नीति लाई गई है। ‘राष्ट्रीय सहकारिता नीति - 2025' का अनावरण करते हुए, शाह ने ज़ोर देकर कहा कि सहकारिताएं, कराधान सहित सभी पहलुओं में कॉरपोरेट क्षेत्र के बराबर हैं। उन्होंने राज्यों से नई नीति को जल्द से जल्द लागू करने का आग्रह किया और इस बात पर ज़ोर दिया कि सहकारी क्षेत्र में भारत के लिए विकास लाने की क्षमता है। भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। उन्होंने कहा कि इस मिशन का उद्देश्य सहकारी संगठनों को पेशेवर, पारदर्शी, तकनीक से लैस और वित्तीय रूप से स्वतंत्र होने के साथ-साथ सफल भी बनाना है। शाह ने कहा, ‘‘देश के हर गांव में कम से कम एक सहकारी संस्था स्थापित करने का लक्ष्य है।''
इसके अलावा, कम से कम 50 करोड़ लोगों को सहकारिता के दायरे में लाने का लक्ष्य है। मंत्री ने कहा, ‘‘यह नीति दूरदर्शी, व्यावहारिक और परिणामोन्मुखी है।'' उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने वर्ष 2027 तक भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है। मुझे पूरा विश्वास है कि हम इस लक्ष्य को अवश्य प्राप्त करेंगे।'' शाह ने कहा कि पिछले चार साल में सहकारिता मंत्रालय ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं, लेकिन इसकी सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि आज देश की सबसे छोटी सहकारी इकाई का सदस्य भी गर्व से खड़ा है। मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि यह नवीनतम नीति वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में सहायक होगी। उन्होंने राज्य सरकारों से भी नई नीति को लागू करने का आग्रह किया।
शाह ने याद दिलाया कि केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने ही वर्ष 2002 में सहकारी क्षेत्रों के लिए पहली राष्ट्रीय नीति पेश की थी और अगली नीति भी प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा ही पेश की गई है। यह नीति पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु की अध्यक्षता वाली 48 सदस्यीय राष्ट्रीय स्तर की समिति द्वारा तैयार की गई है। इस समिति को अंशधारकों से लगभग 750 सुझाव प्राप्त हुए और इसने भारतीय रिजर्व बैंक और नाबार्ड के साथ व्यापक विचार-विमर्श भी किया। मंत्रालय ने पहले कहा था कि नई सहकारी नीति वर्ष 2025-45 तक यानी अगले दो दशक के लिए भारत के सहकारी आंदोलन में एक मील का पत्थर साबित होगी। इसे सहकारी संस्थाओं को ‘‘वर्तमान आर्थिक परिदृश्य में अधिक सक्रिय और उपयोगी'' बनाने और वर्ष 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य को प्राप्त करने में इस क्षेत्र की भूमिका को बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। यह नीति सहकारी संस्थाओं को रोजगार सृजन केंद्र बनाने का भी प्रयास करेगी। -
भुवनेश्वर। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी द्वारा छत्तीसगढ़ के साथ महानदी जल विवाद का "सौहार्दपूर्ण" समाधान किये जाने के पक्ष में बयान देने के एक दिन बाद गुरुवार को राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता नवीन पटनायक ने सवाल उठाया कि क्या राज्य सरकार (इस मामले में) कानूनी रास्ते से पीछे हट गई है। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के एक बयान के अनुसार, बुधवार को एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद माझी ने कहा कि चूंकि केंद्रीय जल आयोग में समस्या को हल करने के प्रयास धीमी गति से आगे बढ़ रहे हैं, इसलिए केंद्र सरकार के सहयोग से दोनों राज्यों के बीच बातचीत के जरिए इसे सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाया जा सकता है।
सोशल मीडिया पर पटनायक ने कहा, "लोगों को जवाब मिलना चाहिए।बुधवार को मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने लंबे समय से चले आ रहे महानदी जल विवाद पर एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति और महाधिवक्ता की एक पोस्ट के अनुसार, इस मुद्दे को आपसी सहमति से सुलझाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।" बीजू जनता दल (बीजद) अध्यक्ष पटनायक ओडिशा के मुख्यमंत्री रहे हैं और उनके मुख्यमंत्री के कार्यकाल में महानदी जल न्यायाधिकरण का गठन हुआ था। उन्होंने आगे कहा, "लेकिन इससे कुछ गंभीर सवाल उठते हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। किस 'आपसी समझौते' पर चर्चा हो रही है? महानदी ओडिशा की जीवन रेखा है। राज्य की भाजपा सरकार को तुरंत एक सर्वदलीय बैठक बुलाकर यह बताना चाहिए कि छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार के साथ किस तरह के समझौते पर विचार किया जा रहा है या पहले ही निर्णय हो चुका है।" जब यह पूछा गया कि क्या ओडिशा कानूनी रास्ते से हट रहा है तो पटनायक ने कहा, "क्या राज्य महानदी जल विवाद न्यायाधिकरण के समक्ष मामले को आगे बढ़ाता रहेगा? या सरकार कानूनी लड़ाई छोड़ने की तैयारी कर रही है?" पटनायक ने यह उल्लेख करते हुए कि न्यायाधिकरण की (दो अगस्त को) अगली सुनवाई में केवल आठ दिन बचे हैं । -
नयी दिल्ली। केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने गुरुवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों का हवाला देते हुए संसद में यह बताया कि देश में नियोजित लोगों की संख्या 2017-18 में 47.5 करोड़ थी, जो बढ़कर 2023-24 में 64.33 करोड़ हो गई। श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह भी बताया कि नवीनतम वार्षिक आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) रिपोर्टों के अनुसार, 2019-20, 2020-21, 2021-22, 2022-23 और 2023-24 के दौरान 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए अनुमानित महिला श्रमिक संख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) क्रमशः 28.7 प्रतिशत, 31.4 प्रतिशत, 31.7 प्रतिशत, 35.9 प्रतिशत और 40.3 प्रतिशत था। इस बीच, बुधवार को श्रम मंत्रालय ने मीडिया में आई उस खबर को खारिज कर दिया, जिसमें आधिकारिक बेरोजगारी आंकड़ों के सटीक होने पर संदेह जताया गया था। मंत्रालय ने बताया कि सर्वेक्षण को भारत में रोजगार और बेरोजगारी के आंकड़ों के एक अनुभवजन्य और सांख्यिकीय रूप से मजबूत स्रोत के रूप में विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त है। सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) 2017-18 के 49.8 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 60.1 प्रतिशत हो गई। इसी अवधि के दौरान, श्रमिक जनसंख्या अनुपात 46.8 प्रतिशत से बढ़कर 58.2 प्रतिशत हो गया, जबकि बेरोजगारी दर 6 प्रतिशत से घटकर 3.2 प्रतिशत हो गई। मंत्रालय ने बताया कि ये संकेतक कार्यबल के उत्पादक रोजगार में अधिक समावेशन का संकेत देते हैं।
-
नयी दिल्ली। सरकार ने गुरुवार को संसद को बताया कि ‘कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट' की पहली तीन इमारतों का निर्माण सितंबर तक पूरा हो जाएगा। इन इमारतों का निर्माण केंद्र की महत्वाकांक्षी ‘सेंट्रल विस्टा' पुनर्विकास योजना के तहत किया जा रहा है और इनमें विभिन्न मंत्रालयों के कार्यालय होंगे। ‘कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट' (सीसीएस) के अंतर्गत कुल 10 इमारतों का निर्माण किया जाएगा। तीन इमारतों का निर्माण पूरा होने के करीब है, जबकि तीन अन्य इमारतें भी निर्माणाधीन हैं और उनका निर्माण अगले साल तक पूरा होने की उम्मीद है। केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री तोखन साहू ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि पहली तीन इमारतों - सीसीएस 1, सीसीएस 2 और सीसीएस 3 - का 88 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और यह सितंबर तक पूरी तरह से तैयार हो जाएगा। मंत्री ने कहा कि इमारत संख्या 10 के अगले साल अप्रैल तक पूरा होने की उम्मीद है, जबकि सीसीएस 6 और सीसीएस 7 के अक्टूबर 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है। योजना के अनुसार, रायसीना हिल्स पर स्थित करीब एक सदी पुरानी इमारतें, नॉर्थ और साउथ ब्लॉक, जिनमें गृह, वित्त, रक्षा और विदेश मंत्रालय सहित कई मंत्रालय स्थित हैं, को एक भव्य संग्रहालय का रूप देने के लिए बड़े पैमाने पर नवीनीकरण का काम किया जाएगा। गृह और अन्य मंत्रालयों के कार्यालय पहले तीन भवनों में स्थानांतरित हो जाएंगे।
इस वर्ष की शुरुआत में, आवास और शहरी कार्य मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) ने नॉर्थ ब्लॉक के पुनर्निर्माण के लिए 338 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली एक निविदा जारी की थी। साउथ ब्लॉक में भी, दूसरे चरण में इसी तरह की मरम्मत और नवीनीकरण का काम किया जाएगा।
रायसीना हिल्स पर स्थित केंद्रीय सचिवालय की दो इमारतों को विश्वस्तरीय सांस्कृतिक संस्थान, युग युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय में तब्दील किया जाएगा। अपने जवाब में साहू ने कहा कि सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास योजना के तहत नये संसद भवन, उपराष्ट्रपति एन्क्लेव और कर्तव्य पथ के पुनर्विकास की परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। -
नयी दिल्ली। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक हालिया अध्ययन में सभी प्रकार के कैंसर के इलाज में बड़े पैमाने पर रेडियोथेरेपी का इस्तेमाल नहीं किए जाने का जिक्र किया गया है। इसके अलावा, अध्ययन में कैंसर पीड़ितों की देखभाल के लिए आवश्यक मशीनों की कमी को पूरा करने की खातिर हस्तक्षेप की आवश्यकता को रेखांकित किया गया है। ‘बीएमसी कैंसर' पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि 28.5 प्रतिशत कैंसर रोगियों को रेडियोथेरेपी मिलती है, जो अनुमानित इष्टतम दर 58.4 प्रतिशत से कम है। इसमें कहा गया है कि भारत में स्तन, सिर व गर्दन, फेफड़े और गर्भाशय ग्रीवा कैंसर से जुड़े 60 प्रतिशत मामलों में रेडियोथैरेपी की जरूरत होती है। शोधकर्ताओं ने कहा, "हालांकि, देश में वर्तमान रेडियोथेरेपी उपयोग केवल 28.5 प्रतिशत है, जो आवश्यक स्तर की तुलना में आधे से भी कम है।" आईसीएमआर-राष्ट्रीय रोग सूचना विज्ञान एवं अनुसंधान केंद्र, बेंगलुरु के शोधकर्ताओं ने अध्ययन के लिए ‘ऑस्ट्रेलियन कॉलेबोरेशन फॉर कैंसर आउटकम्स रिसर्च एंड इवैल्युएशन' (सीसीओआरई) के डेटा का इस्तेमाल किया। कैंसर के इलाज में रेडियोथेरेपी पद्धति का इस्तेमाल किया जाता है। यह ट्यूमर के फैलाव को नियंत्रित करने, सर्जरी से पहले ट्यूमर के आकार को कम करने और उन्नत चरणों में दर्द को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अध्ययन में कहा गया है कि कैंसर देश में मौत का पांचवां प्रमुख कारण है, ऐसे में बीमारी की रोकथाम, निदान और उपचार में सुधार लाने पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है।
-
नयी दिल्ली। भाजपा सांसद कंगना रनौत ने गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की, जिन्होंने उन्हें आश्वासन दिया कि हिमाचल प्रदेश में बाढ़ प्रभावित सभी लोगों को हरसंभव सहायता और शीघ्र पुनर्वास प्रदान किया जाएगा। मंडी से सांसद रनौत ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ नयी दिल्ली में माननीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह जी से मुलाकात कर मंडी लोकसभा क्षेत्र में हाल ही में आई भयंकर प्राकृतिक आपदा की विस्तृत जानकारी साझा की।'' उन्होंने कहा, ‘‘मंत्री जी ने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए आश्वासन दिया कि सभी प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता और शीघ्र पुनर्वास प्रदान किया जाएगा। केंद्र सरकार इस संकट की घड़ी में हिमाचल के साथ मज़बूती से खड़ी है।'' हिमाचल प्रदेश में 22 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से, राज्य भर में बारिश से संबंधित घटनाओं में कम से कम 76 लोगों की मौत हो गई है और 34 लापता हैं। राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, इस मानसून में राज्य में 40 बार अचानक बाढ़, 23 बार बादल फटने और 25 बार भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं, जिससे लगभग 1,247 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
-
श्रीनगर। दक्षिण कश्मीर हिमालयी क्षेत्र में होने वाली वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए न केवल देश, बल्कि विदेश से भी श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। दुनिया के छह देशों के नौ युवा श्रद्धालुओं के ऐसे ही एक समूह ने पवित्र गुफा मंदिर में बाबा बर्फानी के दर्शन कर वैश्विक आस्था और आध्यात्मिक सद्भाव का एक सुंदर उदाहरण पेश किया है। इन श्रद्धालुओं में अमेरिका, कनाडा और जर्मनी के श्रद्धालु भी शामिल हैं, जिन्होंने बालटाल मार्ग से यात्रा की है। उन्होंने तीर्थयात्रा को एक बहुत ही विशेष अनुभव बताया और घाटी में मिले आतिथ्य की सराहना भी की।
कनाडा के नागरिक रॉस नॉर्मन लीच ने 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गुफा मंदिर में बाबा बर्फानी के दर्शन के बाद कहा, ‘‘मैं कश्मीर में सुंदर भूविज्ञान और प्रकृति तथा पवित्र गुफा की अपार ऊर्जा का अनुभव कर रहा हूं।'' लीच ने कहा कि समूह पिछले चार-पांच वर्षों से इस यात्रा की तैयारी कर रहा था और यह अनुभव बहुत शानदार रहा। उन्होंने यात्रा के अनुभव के बारे में कहा, ‘‘गुफा में मेरी आंखों से आंसू बह रहे थे और अंदर एक गहरी खामोशी छा गई। पूरा संसार इन ऊर्जाओं से जुड़ा हुआ है। यहां गहन मौन और चेतना में महादेव से मिलना बहुत ही विशेष है।'' हालांकि, लीच ने तीर्थयात्रा को एक बहुत ही खास अनुभव बताते हुए कहा कि वह ज्यादा लोगों को इस पर जाने की सलाह नहीं दे सकते। उन्होंने कहा, ‘‘यात्रा का मार्ग बहुत चुनौतीपूर्ण है, आपको इसके लिए तैयार रहना होगा, लेकिन यह बहुत ही सार्थक है। अगर आपको मौका मिले, अगर आपको यहां आने का मन करे, तो जरूर आइए। यह एक शक्तिशाली स्थान है।'' लीच ने कहा कि कश्मीर के लोगों का आतिथ्य और यात्रा की व्यवस्था भी अद्भुत रही है।
अमरनाथ यात्रा पर आए एक अन्य विदेशी तीर्थयात्री ने कहा कि उसका अनुभव अद्भुत रहा। उसने कहा, "हम यहां फिर से आने के लिए उत्सुक हैं। यह अद्भुत था और हमें बहुत अच्छा लगा कि हमारा बहुत ध्यान रखा गया, हमें समर्थन मिला और हम बहुत सुरक्षित महसूस कर रहे थे।" -
नयी दिल्ली। जल शक्ति राज्य मंत्री वी सोमन्ना ने गुरुवार को संसद में कहा कि एक सरकारी सर्वेक्षण के अनुसार, लगभग 95.1 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों के पास शौचालय की सुविधा है, जबकि 92.7 प्रतिशत के पास जैविक अपशिष्ट के निपटारे और 78.7 प्रतिशत के पास अशोधित जल के निपटान की व्यवस्था है। मंत्री ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में, पेयजल और स्वच्छता विभाग द्वारा किये गए स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2023-24 के निष्कर्षों का हवाला दिया, जिसमें देश के 729 जिलों के 17,304 गांवों को शामिल किया गया था। सर्वेक्षण में 2,60,059 परिवारों और 85,901 सार्वजनिक स्थानों जैसे स्कूल, आंगनवाड़ी, स्वास्थ्य केंद्र और बाजारों से लिए गए फीडबैक को शामिल किया गया। कचरा पृथक्करण के संदर्भ में, केवल 39.9 प्रतिशत परिवारों ने ही कचरे को जैविक रूप से विघटित होने वाले और ठोस कचरा के रूप में अलग-अलग रखे जाने के बारे में बताया। मंत्री ने अपने जवाब में सर्वेक्षण का हवाला देते हुए बताया कि ग्राम स्तर पर, 45 प्रतिशत गांवों के पास ठोस कचरा इकट्ठा करने और परिवहन के लिए विशेष या साझा वाहन हैं, और 29.4 प्रतिशत गांवों में भंडारण और पृथक्करण के लिए निर्धारित ढलाव घर (कूड़ा जमा करने का स्थान) हैं। सर्वेक्षण में शामिल सार्वजनिक स्थानों में 76.7 प्रतिशत में शौचालयों की सुविधा है। सर्वेक्षण का हवाला देते हुए मंत्री ने बताया कि शहरों से जुड़े 437 मल-जल शोधन संयंत्रों में से 83.8 प्रतिशत चालू हालत में हैं। वहीं, 1,029 प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन इकाइयों में से 61.4 प्रतिशत चालू हालत में हैं, जबकि 451 ‘गोबरधन' और बायोगैस संयंत्रों में से 58.5 प्रतिशत चालू हालत में पाये गए।
-
नयी दिल्ली/ राज्यसभा में बृहस्पतिवार को उन छह सदस्यों को विदाई दी गई जिनका कार्यकाल समाप्त हो रहा है जिनमें से एक उच्च सदन के लिए पहले ही पुनर्निर्वाचित हो चुके हैं। सदन की बैठक शुरू होने पर उपसभापति हरिवंश ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने कहा कि छह सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है जिसमें एक, अन्नाद्रमुक के पी विल्सन दूसरे कार्यकाल के लिए सदन में वापस आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि द्रमुक के एम मोहम्मद अब्दुल्ला और एन षणमुगम, अन्नाद्रमुक के एम चंद्रशेखरन और पी विल्सन, पीएमके के डॉ अंबुमणि रामदॉस तथा एमडीएमके के एम वाइको का उच्च सदन में कार्यकाल समाप्त हो रहा है। उन्होंने बताया कि इनमें से विल्सन सदन के लिए पुनर्निर्वाचित हुए हैं। हरिवंश ने कहा कि सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों ने सदन में हुई बहसों, चर्चा तथा विभिन्न विमर्श में उल्लेखनीय योगदान दिया। उन्होंने सभी सदस्यों के बेहतर भविष्य और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दीं। सदन के नेता और केंद्रीय मंत्री जे पी नड्डा ने कहा कि सदन में समय समय पर नए सदस्य आते हैं और कार्यकाल पूरा होने पर जाते हैं। उन्होंने कहा ‘‘प्रजातंत्र में चर्चा और वाद-विवाद स्वाभाविक है। लोकतंत्र में असहमति का भी स्थान होता है और हम यह मानते भी हैं। विदा ले रहे हमारे साथियों ने मत विभिन्नता के बावजूद बहसों, में विभिन्न समसामायिक, सामाजिक, कानूनी मुद्दों आदि पर चर्चा की और उसे उच्च स्तरीय बनाया। इसके लिए उनका धन्यवाद।'' उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्ति से काम करने की अवधि पूरी नहीं होती और काम करने का मौका सबको मिलता है।
नड्डा ने वाइको का जिक्र करते हुए कहा कि उनके योगदान को सदन में और बाहर हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह सदन में कल उन्होंने मछुआरों का मुद्दा उठाया, उसे देख कर ऐसा नहीं लगता कि उनका उत्साह कम हुआ है। उन्होंने सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों के बेहतर भविष्य और अच्छे स्वास्थ्य की कामना की।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों ने सामाजिक न्याय से जुड़े मुद्दे उठाए और वह उनके बेहतर भविष्य की कामना करते हैं। द्रमुक के तिरुचि शिवा ने कहा कि सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों ने कई मुद्दे उठाए और अपना पक्ष रखा जिसे याद रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि वाइको की बात हमेशा सबने ध्यान से सुनी गई और वह हमेशा याद आएंगे। उन्होंने कहा कि सदन में उन सदस्यों की कमी महसूस होगी जो सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
अन्नाद्रमुक के एम थंबीदुरै ने कहा कि उनकी पार्टी ने हमेशा सदन की गरिमा बनाए रखने का प्रयास किया और इसके लिए वह अपने दल के सहयोगियों के आभारी हैं। कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान, सेवानिवृत्त सदस्यों ने जनता की आवाज उठाई और उम्मीद है कि ये सदस्य किसी न किसी रूप में आम जनता से जुड़े रहेंगे। तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, बीजू जनता दल के सस्मित पात्रा, वाईएसआरसीपी के सुभाषचंद्र बोस पिल्ली, राष्ट्रीय जनता दल के प्रेमचंद्र गुप्ता, प्रो मनोज कुमार झा, बीआरएस के के आर सुरेश रेड्डी, माकपा के जॉन ब्रिटॉस, डा वी शिवदासान, जनता दल (यूनाइटेड) के संजय कुमार झा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रफुल्ल पटेल, समाजवादी पार्टी के प्रो रामगोपाल यादव, शिवसेना के मिलिंद मुरली देवरा, आईयूएमएल के अब्दुल वहाब, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के संदोष कुमार पी ने भी सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों को शुभकामनाएं दीं। भाषा
सदन के लिए पुन:निवार्चित हुए अन्नाद्रमुक सदस्य पी विल्सन ने कहा कि प्रत्येक सदस्य ने सदन की कार्यवाही में अपने अपने स्तर पर योगदान दिया और सदन की गरिमा बढ़ाई है, तथा उनकी कमी महसूस होगी। - नयी दिल्ली। रेल मंत्री ने बृहस्पतिवार को 32 मंडल रेल प्रबंधकों (डीआरएम) की नियुक्ति के आदेश जारी किए, जो दो वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुके मौजूदा मंडल रेल प्रबंधकों का स्थान लेंगे।आदेश में कहा कि मौजूदा डीआरएम की अगली नियुक्ति के संबंध में आदेश जल्द ही जारी किये जाएंगे।डीआरएम को रेल मंडल के कामकाज संभालने के लिए नियुक्त किया जाता है। वह उस मंडल के प्रशासनिक प्रमुख होते हैं और उनकी मुख्य जिम्मेदारी सुरक्षित ट्रेन परिचालन सुनिश्चित करना होता है।अधिकारी का कार्यकाल दो वर्ष का होता है जिसके बाद उसे क्षेत्रीय मुख्यालय में समकक्ष या पदोन्नति वाले पद पर स्थानांतरित कर दिया जाता है।रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) वेद प्रकाश डीआरएम के रूप में नियुक्त प्रमुख नामों में से एक हैं और उन्हें अहमदाबाद का डीआरएम नियुक्त किया गया है। मध्य रेलवे जोन के अधिकारी शिवाजी सुतार मारुति को वैष्णव का नया ओएसडी नियुक्त किया गया है।
- संबलपुर, । ओडिशा पुलिस ने लगातार भारी बारिश के कारण गंधमर्दन की पहाड़ियों पर फंसे छत्तीसगढ़ के 17 पर्यटकों को बुधवार को रात भर चले अभियान के दौरान बचा लिया। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि समूह में 13 महिलाएं और चार पुरुष थे, जो छत्तीसगढ़ के सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले से आए थे। बचाव अभियान में शामिल पुलिस अधिकारी निरंजन बारिक ने बताया कि पर्यटकों ने बुधवार शाम बरगढ़ जिले के नृसिंहनाथ से पड़ोसी बोलनगीर जिले के हरिशंकर तक की यात्रा शुरू की थी। उन्होंने बताया कि खराब मौसम और कम दृश्यता के कारण पर्यटक रास्ता भटक गए और रात भर पहाड़ी पर फंसे रहे। बारिक के अनुसार, सूचना मिलने पर बरगढ़ जिला पुलिस ने बचाव अभियान शुरू किया और जिला स्वयंसेवक बल की एक टीम को आवश्यक खाद्य आपूर्ति, प्राथमिक चिकित्सा किट और बचाव उपकरण के साथ मौके पर भेजा गया। उन्होंने बताया कि टीम चुनौतीपूर्ण भौगोलिक स्थिति का सामना करते हुए बृहस्पतिवार तड़के फंसे हुए पर्यटकों तक पहुंच गई। बारिक के मुताबिक, ‘‘पर्यटकों को मौके पर ही भोजन और प्रारंभिक चिकित्सा सुविधा प्रदान की गई। इसके बाद उन्हें सुरक्षित रूप से नृसिंहनाथ स्थित आधार शिविर में वापस ले जाया गया, जहां एक चिकित्सा दल ने उनकी जांच की।'' उन्होंने कहा, ‘‘सभी पर्यटकों की हालत स्थिर पाई गई। कुछ को एहतियात के तौर पर चिकित्सकों ने कुछ सामान्य दवाएं दीं।'' बारिक ने बताया कि पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद सहाय मीणा ने व्यक्तिगत रूप से बचाव अभियान की निगरानी की, जबकि पुलिस महानिरीक्षक (उत्तरी रेंज) हिमांशु लाल ने बचाव प्रयासों का जायजा लेने के लिए घटनास्थल का दौरा किया।