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नयी दिल्ली. आयकर रिफंड पिछले 11 वर्षों में 474 प्रतिशत बढ़कर 2024-25 में 4.77 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो सकल कर संग्रह में 274 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि है। सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। साथ ही, आयकर रिफंड जारी करने में लगने वाले दिनों की संख्या में भी 81 प्रतिशत की कमी आई है। यह 2013 में 93 दिनों से घटकर 2024 में केवल 17 दिन रह गई है। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) शासन के अंतिम वर्ष 2013-14 तक, आयकर विभाग द्वारा जारी रिफंड 83,008 करोड़ रुपये था। जबकि, वर्तमान राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) शासन के 11वें वर्ष 2024-25 के अंत तक, आयकर रिफंड 4.77 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो इस अवधि के दौरान 474 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 2013-14 के 7.22 लाख करोड़ रुपये से 274 प्रतिशत बढ़कर 2024-25 तक 27.03 लाख करोड़ रुपये हो गया। साल 2013 से दाखिल किए गए आयकर रिटर्न में 133 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्ष 2013 में कुल 3.8 करोड़ आयकर रिटर्न दाखिल किए गए थे, जो 2024 में बढ़कर 8.89 करोड़ हो गए हैं। सूत्रों ने कहा कि कर रिफंड में यह भारी वृद्धि और रिफंड जारी करने में लगने वाले दिनों में कमी कर प्रशासन में सुधार, विशेष रूप से डिजिटल बुनियादी ढांचे को अपनाने के कारण है।
- प्रयागराज. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक मामले में कहा है कि बिना वैध कारण के पति से अलग रह रही पत्नी गुजारा भत्ता पाने की हकदार नहीं है। विपुल अग्रवाल की पुनरीक्षण याचिका स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति सुभाष चंद्र शर्मा ने मेरठ की परिवार अदालत के 17 फरवरी के आदेश को रद्द कर दिया। उच्च न्यायालय ने कहा, “निचली अदालत ने यह तथ्य रिकॉर्ड में लिया है कि पत्नी यह साबित करने में विफल रही कि वह पर्याप्त कारण से पति से अलग रह रही है और पति उसका खर्च उठाने में उपेक्षा कर रहा है। फिर भी पत्नी के पक्ष में 5,000 रुपये महीने का गुजारा भत्ता तय कर दिया गया है।” उच्च न्यायालय ने कहा, “सीआरपीसी की धारा 125(4) के तहत यदि पत्नी बिना उचित कारण के पति से अलग रह रही है तो वह गुजारा भत्ता पाने की हकदार नहीं है।” सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि इस मामले में यह तथ्य जानने के बावजूद कि पत्नी बिना उचित कारण के पति से अलग रह रही है, गुजारा भत्ता की राशि तय कर दी गयी। उन्होंने कहा कि अधीनस्थ अदालत ने याचिकाकर्ता की उपार्जन क्षमता पर विचार नहीं किया और पत्नी एवं नाबालिग बच्चे के पक्ष में क्रमशः 5,000 रुपये और 3,000 रुपये प्रति माह का गुजारा भत्ता तय कर दिया। हालांकि, पत्नी की और से पेश वकील ने दलील दी कि पत्नी अपने पति द्वारा उपेक्षा किए जाने की वजह से अलग रह रही है और यही कारण है कि निचली अदालत ने याचिका स्वीकार कर गुजारा भत्ता तय किया। उच्च न्यायालय ने कहा, “अधीनस्थ अदालत द्वारा उक्त तथ्य को रिकॉर्ड में लेना और पत्नी के पक्ष में प्रति माह 5,000 रुपये गुजारा भत्ता तय करना दोनों ही आपस में विरोधाभासी है और धारा 125(4) में दिए गए प्रावधान का उल्लंघन है। इसलिए, 17 फरवरी, 2025 के त्रुटिपूर्ण आदेश में हस्तक्षेप आवश्यक है।” उच्च न्यायालय ने आठ जुलाई को दिए अपने निर्णय में इस मामले को फिर से परिवार अदालत के पास भेजकर दोनों पक्षों को सुनवाई का अवसर देने के बाद कानून के मुताबिक नए सिरे से निर्णय करने को कहा। हालांकि, उच्च न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि इस बीच, याचिकाकर्ता मामले के लंबित रहने के दौरान अपनी पत्नी को 3,000 रुपये प्रति माह और बच्चे को 2,000 रुपये प्रति माह का अंतरिम गुजारा भत्ता देते रहे।
- नयी दिल्ली. वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सोनाली मिश्रा रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की पहली महिला महानिदेशक नियुक्त की गयी हैं। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। मिश्रा मध्यप्रदेश संवर्ग की 1993 बैच की भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी हैं।कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने 31 अक्टूबर 2026 को उनकी सेवानिवृत्ति तक मिश्रा की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। वह 31 जुलाई को सेवानिवृत्त होने वाले वर्तमान महानिदेशक मनोज यादव से पदभार ग्रहण करेंगी।अधिकारियों ने बताया कि मिश्रा आरपीएफ का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी होंगी। अन्य कर्तव्यों के अलावा रेलवे संपत्ति और यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी आरपीएफ की है। मिश्रा फिलहाल मध्यप्रदेश पुलिस में अतिरिक्त महानिदेशक (चयन) हैं।
- उज्जैन. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शनिवार को कहा कि राज्य में लाडली बहना योजना की लाभार्थी करीब 1.27 करोड़ महिलाओं को राखी उपहार के रूप में 250 रुपये मिलेंगे और अक्टूबर से उनकी मासिक सहायता राशि बढ़ाकर 1,500 रुपये कर दी जाएगी। फिलहाल इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को 1250 रुपये प्रतिमाह मिलते हैं।यादव ने घोषणा की, ‘‘रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के बीच अटूट प्रेम का प्रतीक है...नौ अगस्त को राखी है और भाइयों के लिए अपनी बहनों को उपहार देना उचित ही है। हमारी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि स्नेह के प्रतीक के रूप में हर लाडली बहना (नौ अगस्त से पहले) तक 250 रुपये पहुंच जाएं।'' वह उज्जैन जिले के नलवा गांव में आयोजित एक राज्य स्तरीय कार्यक्रम में बोल रहे थे, जहां विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को वित्तीय सहायता वितरित की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार लाडली बहना योजना के तहत मासिक सहायता को धीरे-धीरे बढ़ाकर 3,000 रुपये करने के लिए प्रतिबद्ध है। एक सरकारी बयान के मुताबिक यादव ने कहा , ‘‘दिवाली के बाद भाई दूज (23 अक्टूबर) तक मासिक सहायता 1,250 रुपये से बढ़ाकर 1,500 रुपये कर दी जाएगी।
- शिवमोगा (कर्नाटक). सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों ने एक कैदी के पेट से उस मोबाइल फोन को निकाला लिया है जिसे उसने निगल लिया था। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। हाल ही में फोन निकाले जाने के बाद अधिकारियों ने इस बात की जांच के आदेश दिए हैं कि यह प्रतिबंधित वस्तु उच्च सुरक्षा वाले जेल में कैसे पहुंची। कैदी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत आपराधिक मामला भी दर्ज किया गया है।दोषी ठहराया गया 30 वर्षीय दौलत उर्फ गुंडा 10 साल की सजा काट रहा है। उसने 24 जून को पेट दर्द की शिकायत की और जेल के चिकित्साकर्मियों को बताया कि उसने कुछ निगल लिया है। जेल कर्मचारियों ने उसे आगे के इलाज के लिए तुरंत शिवमोगा के सरकारी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया। चिकित्सकों ने एक्स-रे किया तो पता चला कि उसके पेट में फोन है। कैदी की सहमति प्राप्त करने के बाद शल्य चिकित्सा की गई और लगभग एक इंच चौड़ाई तथा तीन इंच लंबाई वाले फोन को सफलतापूर्वक निकाल लिया गया। फोन को आठ जुलाई को एक सीलबंद लिफाफे में जेल अधिकारियों को सौंप दिया गया।जेल अधिकारी रंगनाथ पी द्वारा तुंगानगर पुलिस थाने में एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराई गई है, जिसमें इस बात की विस्तृत जांच की मांग की गई है ताकि पता चल सके कि कैदी ने कड़ी निगरानी के बावजूद जेल के अंदर फोन कैसे मंगा लिया। यह भी आरोप सामने आए हैं कि कुछ जेल कर्मचारियों ने इसमें सहायता की होगी। अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं।
- जम्मू. जम्मू के अखनूर सेक्टर में सेना के जवानों ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास एक पैंगोलिन को बचाया, जबकि राजौरी जिले के एक गांव में घुस आए एक तेंदुए को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि समझा जा रहा है कि पैंगोलिन नियंत्रण रेखा पार कर भारतीय सीमा में घुस आया था जिसे शनिवार सुबह अखनूर सेक्टर के एक अग्रिम गांव में सेना के गश्ती दल ने देखा। उन्होंने बताया कि इस जानवर को सैनिकों ने बचा लिया और वन्यजीव विभाग को सौंप दिया, जिसने उसे जांच एवं निरीक्षण के लिए मांडा बचाव केंद्र पहुंचा दिया। पैंगोलिन ज्यादातर निशाचर और शर्मीले होते हैं तथा नदी किनारे के नमी वाले क्षेत्रों में पाये जाते हैं। वे बिल खोदकर चींटियों और दीमकों को खाने के लिए जाने जाते हैं।जम्मू-कश्मीर में, इन्हें आमतौर पर राजौरी और पुंछ के सीमावर्ती इलाकों में देखा जाता है। अधिकारियों ने कहा कि एक अलग घटना में राजौरी के कालाकोट उप-मंडल में काकुगाला गांव के दूरदराज के सिम्बल गली से एक मादा तेंदुए को बचाया गया। उन्होंने बताया कि संभवत: बीमार तेंदुआ गांव में घूमता हुआ पाया गया, जिससे लोगों में दहशत फैल गई। उन्होंने बताया कि वन्यजीव संरक्षण विभाग की एक टीम घटनास्थल पर पहुंची और जानवर को बेहोश कर इलाज के लिए पशु चिकित्सालय ले गई।
- नयी दिल्ली. दिल्ली की सड़कों पर एक अक्टूबर से कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) से चलने वाले 3,500 से अधिक कैमरे, ‘गनशॉट सेंसर' और ‘अलर्ट सिस्टम' लगाए जाएंगे। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने कहा कि 'सेफ सिटी' परियोजना के पहले चरण के तहत ये उपकरण लगाए जाएंगे, जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी में पुलिस की कार्यप्रणाली में बदलाव लाना है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वीडियो एनालिटिक्स (एआईवीए) से लैस यह प्रणाली गोलीबारी, महिलाओं के खिलाफ अपराध, वाहन चोरी और लावारिस वस्तुएं मिलने जैसी घटनाओं को लेकर अलर्ट जारी करेगी। यह कदम 31 दिसंबर, 2022 की रात को कंझावला में हुई भयावह घटना के लगभग दो साल से अधिक समय बाद उठाया गया है। इस घटना में 20 वर्षीय युवती को एक कार ने 12 किलोमीटर से ज्यादा दूर तक घसीटा था, जिसके कारण उसकी मौत हो गई थी।इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था और शहर में निगरानी की खामियों की व्यापक समीक्षा की गई थी। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "कंझावाला मामले के बाद, गृह मंत्रालय ने हमें संवेदनशील इलाकों का ऑडिट करने का निर्देश दिया था। हमने पाया कि लगभग 10,000 अतिरिक्त कैमरों की ज़रूरत है। यह परियोजना विभिन्न चरण में लागू की जा रही है और सबसे पहले उच्च जोखिम एवं घनी आबादी वाले इलाकों में कम किया जाएगा।" अधिकारी ने बताया कि पहले चरण में कुल 3,500 कैमरे लगाए जाएंगे, जिनमें 6,121 बुलेट कैमरे, 1,622 स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (एएनपीआर) कैमरे, 370 फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम (एफआरएस) कैमरे और 1,876 पैन-टिल्ट-जूम (पीटीजेड) कैमरे शामिल होंगे।उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त, इस परियोजना में 200 ‘गनशॉट डिटेक्शन सिस्टम' और 300 पब्लिक एड्रेस सिस्टम (स्पीकर) शामिल हैं। अधिकारी ने कहा कि इन्हें आपातकालीन स्थितियों के दौरान अलर्ट प्रदान करने और सार्वजनिक संचार के लिए रणनीतिक रूप से स्थापित किया जाएगा। अधिकारी ने कहा, "ये साधारण सीसीटीवी कैमरे नहीं हैं। ये एआई-आधारित वीडियो एनालिटिक्स वाली प्रणाली पर आधारित हैं। यह प्रणाली किसी भी असामान्य गतिविधि का पता चलने पर पुलिस मुख्यालय में स्थित हमारे एकीकृत कमांड, नियंत्रण, संचार और कंप्यूटर केंद्र (सी4आई) को तुरंत अलर्ट कर देगी।"
- जम्मू. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए देशभर में आयोजित ‘रोजगार मेले' के तहत जम्मू में एक समारोह के दौरान 237 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिए गए। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने विभिन्न सरकारी विभागों और संगठनों में नवनियुक्त युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे तथा जम्मू-कश्मीर के लोगों को आश्वस्त किया कि प्रधानमंत्री मोदी की इस क्षेत्र के लिए विशेष प्राथमिकता है। प्रसाद ने उत्तर रेलवे के जम्मू संभाग द्वारा आयोजित रोजगार मेले के बाद संवाददाताओं से कहा, “मैं प्रधानमंत्री के ‘रोजगार मेले' में शामिल होने आया हूं।मैं मोदी सरकार का जम्मू-कश्मीर पर अधिक ध्यान केंद्रित होते देख रहा हूं और यह उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”मंत्री ने कहा कि उन्होंने रोजगार सृजन और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए उद्योगों व आईटी विभागों के कामकाज की समीक्षा की है। प्रसाद ने कहा, “हम स्थानीय स्तर पर निर्मित वस्तुओं के निर्यात को सुगम बनाने के लिए अलग से क्रेता-विक्रेता बैठकें आयोजित करने, स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए ‘सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क' पर ध्यान केंद्रित करने और बेरोजगार युवाओं को पर्याप्त अवसर प्रदान करने की योजना बना रहे हैं।” प्रधानमंत्री ने 16वें रोजगार मेले के तहत वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से देश भर के 47 स्थानों पर 51,000 से अधिक नियुक्ति पत्र वितरित किए। रेल मंत्रालय, गृह मंत्रालय, डाक विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, वित्तीय सेवा विभाग, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय सहित अन्य विभागों और मंत्रालयों में नई नियुक्तियां की गयी हैं।यह उत्तर रेलवे के जम्मू संभाग में आयोजित पहला रोजगार मेला था और इसकी घोषणा इस वर्ष की शुरुआत में की गई थी। जम्मू के संभागीय रेल प्रबंधक विवेक कुमार ने बताया कि यह रोजगार मेला प्रधानमंत्री की ‘सभी के लिए रोजगार' की प्रतिबद्धता की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने बताया कि इस पहल का उद्देश्य युवाओं को सशक्त बनाना और उन्हें राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करना है। कुमार ने बताया कि नवनियुक्त कर्मियों को ‘कर्मयोगी प्रारम्भ' के माध्यम से ऑनलाइन प्रबोधन प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, ताकि वे सरकारी सेवा में दक्षता प्राप्त कर सकें।
- नयी टिहरी. उत्तराखंड के टिहरी जिले में शनिवार को एक ट्रक ने एक मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी जिससे उस पर सवार पंजाब के रहने वाले दो श्रद्धालुओं की मौत हो गयी। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस ने यहां बताया कि घटना ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर कीर्तिनगर के पास बागवान में हुई जब ऋषिकेश से श्रीनगर की ओर जा रहे एक टाटा-407 ट्रक ने विपरीत दिशा से आ रही एक मोटरसाइकिल को जोरदार टक्कर मार दी जिससे मोटरसाइकिल पर सवार दोनों व्यक्ति ट्रक की चपेट में आकर उसके नीचे फंस गए।पुलिस ने बताया कि दोनों की मौके पर ही मौत हो गयी। मृतकों के शवों को एम्बुलेंस से श्रीनगर बेस चिकित्सालय भिजवाया गया। मृतकों की पहचान पंजाब के पटियाला जिले के मनप्रीत सिंह (28) तथा गुरदीप सिंह (22) के रूप में हुई है जो हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे से ऋषिकेश लौट रहे थे। कीर्तिनगर पुलिस थाने के प्रभारी ने बताया कि टाटा-407 ट्रक को उत्तराखंड के पौड़ी जिले के यमकेश्वर का रहने वाले रामकिशोर चला रहा था। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच में दुर्घटना का कारण चालक की लापरवाही और वाहन को गलत दिशा में चलाना पाया गया है और इस मामले में आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
- कोलकाता। पश्चिम बंगाल के पश्चिमी मेदिनीपुर जिले का एक सुदूरवर्ती गांव ‘नाया' किसी जीवंत कला दीर्घा से कम नहीं है, जहां दीवारें, कपड़े और दैनिक उपयोग की विविध वस्तुएं 'पट्टचित्र' की पारंपरिक कला का प्रदर्शन करती हैं, जिसे इसके 'चित्रकार' निवासियों द्वारा बनाया गया है। वर्ष 2018 में भौगोलिक पहचान (जीआई) टैग प्राप्त और फलों, फूलों और खनिजों से प्राप्त गहरे प्राकृतिक रंगों का उपयोग करने को लेकर विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त, पट्टचित्र 136 परिवारों वाले छोटे से गांव नाया में वित्त पोषण, प्रौद्योगिकी और समर्थन की चुनौतियों का सामना करने के बावजूद फल-फूल रहा है। पट्टचित्र अपनी मौखिक-दृश्य वर्णन शैली में अद्वितीय है, जिसे 'पटुआ' कहे जाने वाले कलाकार बनाते हैं। ये चित्र कभी पत्तों पर बनाये जाते थे और अब कपड़ों, वस्त्रों, मग, दीवार पर लटकाने वाले ‘पेंडेंट' और दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर भी चित्रित किये जाते हैं, जिससे यह कला प्रासंगिक और जीवंत बनी रहती है। .सोनिया चित्रकार ने बताया, ‘‘मैं कार्यशालाओं के लिए जर्मनी गई थी।'' इस कला को संरक्षित करने के लिए उन्होंने और उनके परिवार ने जो प्रयास किए हैं, उसे लेकर उन्हें गर्व है। सोनिया के माता-पिता और पति ही अकेले चित्रकार नहीं हैं, बल्कि उनकी 10 वर्षीय बेटी प्रियंका चित्रकार भी इसमें बराबर की हिस्सेदार हैं। रूस की यात्रा कर चुके पटुआ कलाकार बहादुर चित्रकार के लिए, पट्टचित्र संचार का एक माध्यम है, जिसे वह और उनके साथी ग्रामीण बनाए रखने और पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रहे हैं। इस कलाकार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली में 2022 के गणतंत्र दिवस परेड के दौरान अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए आमंत्रित किया था। इससे पहले, उक्त कलाकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्म से लेकर देश की स्वतंत्रता तक के सफर को दर्शाने के लिए 120 फुट का एक पट्टचित्र बनाया था।पट्टचित्र का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए तेजी से बढ़ रहा है, जिनमें दुर्गा पूजा पंडालों, चुनाव प्रचार, राज्य सरकार की योजनाओं के प्रचार और सामाजिक जागरूकता अभियान शामिल हैं। पहले, पट्टचित्र से संबंधित गीत - एक पटुआ गान - हिंदू पौराणिक कथाओं और लोककथाओं के बारे में होता था। अब, कोरोना वायरस, डेंगू और ग्लोबल वार्मिंग के बारे में जागरूकता पैदा करने वाले विमर्श इस परंपरा का हिस्सा बन गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा हाल ही में क्रोएशिया के राष्ट्रपति जोरान मिलनोविच को हस्तनिर्मित पट्टचित्र पेंटिंग उपहार स्वरूप देने से यह कला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आ गई है। भारत में अपनी वैश्विक पहुंच और लोकप्रियता के बावजूद, कलाकार नयी तकनीक और आर्थिक मदद से जुड़ी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। सोनिया और उनकी मां जोबा चित्रकार ने इंटरनेट के इस्तेमाल के बुनियादी प्रशिक्षण की कमी पर चिंता जताई।सोनिया ने कहा, ‘‘हमें इंटरनेट का इस्तेमाल ठीक से करना नहीं आता, जिसकी वजह से कई लोग हमारी कृतियां कम दामों पर खरीदते हैं और बाद में उन्हें ई-कॉमर्स मंच पर ऊंची कीमतों पर बेचकर भारी मुनाफा कमाते हैं।'' कलाकारों ने यह भी कहा कि अपने उत्पादों को बेचने के लिए बिचौलियों पर निर्भर रहने से एक सफल व्यवसाय चलाने की संभावना भी प्रभावित होती है। सोनिया ने कहा, ‘‘गैर-सरकारी संगठन और स्वयं सहायता समूह हमें यात्रा करने, ठहरने, प्रदर्शन करने और व्यापार मेलों या उत्सवों में अपने उत्पाद बेचने का अवसर प्रदान करते हैं। लेकिन दिल्ली जैसे शहरों में दुकानें खोलना बहुत महंगा है। इसलिए ग्राहकों को सीधे अपनी कलाकृतियां बेचना अब भी एक चुनौती है।''
- नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत द्वारा पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के प्रयोग को एक ऐतिहासिक और अग्रणी कदम बताते हुए जमकर तारीफ की है। WHO ने अपनी पहली तकनीकी रिपोर्ट “पारंपरिक चिकित्सा में AI के अनुप्रयोग का मानचित्रण” में भारत के प्रयासों को वैश्विक मानक के रूप में मान्यता दी है। यह रिपोर्ट भारत के प्रस्ताव पर तैयार की गई और इसमें आयुष (आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध, सोवा रिग्पा और होम्योपैथी) में तकनीक के प्रभावी उपयोग को विस्तार से समझाया गया है।रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत किस प्रकार AI, मशीन लर्निंग और डीप न्यूरल नेटवर्क जैसी उन्नत तकनीकों के माध्यम से पारंपरिक निदान विधियों जैसे- नाड़ी परीक्षण, प्रकृति मूल्यांकन और जीभ परीक्षण को और अधिक वैज्ञानिक और व्यक्तिगत बना रहा है। ये तकनीकें न केवल रोगों की सटीक पहचान में मदद कर रही हैं बल्कि व्यक्ति विशेष की प्रकृति के अनुसार चिकित्सा समाधान भी प्रदान कर रही हैं। केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने WHO की इस सराहना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस विजन का परिणाम बताया, जिसमें वे आधुनिक तकनीक को भारतीय पारंपरिक ज्ञान से जोड़कर वैश्विक स्वास्थ्य सेवा को मजबूत करना चाहते हैं।जाधव ने कहा कि SAHI पोर्टल, NAMASTE पोर्टल और आयुष रिसर्च पोर्टल जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म भारत को उस दिशा में ले जा रहे हैं, जहां व्यक्तिगत, साक्ष्य-आधारित और वैश्विक रूप से सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकें। आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने बताया कि 2018 में शुरू किया गया आयुष ग्रिड प्लेटफॉर्म इन सभी पहलों की नींव है, जिसके जरिए भारत पारंपरिक चिकित्सा ज्ञान को संरक्षित करने और उसे वैश्विक डिजिटल स्वास्थ्य ढांचे में एकीकृत करने की दिशा में काम कर रहा है।WHO रिपोर्ट में भारत की एक और प्रमुख पहल “आयुर्जेनोमिक्स” (Ayurgenomics) पर भी प्रकाश डाला गया है। यह परियोजना आयुर्वेद और जीनोमिक्स का संगम है, जिसमें AI की सहायता से रोगों के जीन-आधारित संकेतों की पहचान की जाती है और व्यक्ति विशेष के स्वास्थ्य के लिए अनुकूल सलाह दी जाती है। यह पहल हर्बल औषधियों के आणविक और जीन स्तर पर प्रभाव को भी स्पष्ट करने में मदद कर रही है। इसके अतिरिक्त, पारंपरिक ज्ञान डिजिटल लाइब्रेरी (TKDL) को भी WHO ने वैश्विक मॉडल करार दिया है, जो भारतीय चिकित्सा ग्रंथों और ज्ञान को AI टूल्स की मदद से संरक्षित, विश्लेषण और डिजिटाइज कर रही है।WHO ने भारत के इन प्रयासों की भी प्रशंसा की कि वह ऑनलाइन परामर्श के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म विकसित कर रहा है, आयुष चिकित्सकों को डिजिटल साक्षरता सिखा रहा है और पारंपरिक चिकित्सा को आधुनिक स्वास्थ्य प्रणालियों से जोड़ने के लिए इंटरऑपरेबल सिस्टम तैयार कर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में आयुष क्षेत्र का बाजार आकार अब 43.4 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच चुका है, जो न केवल स्वास्थ्य सेवा में बल्कि भारत की आर्थिक वृद्धि में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। WHO की यह मान्यता इस बात का प्रमाण है कि भारत पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक तकनीक को जोड़कर विश्व स्वास्थ्य क्षेत्र में एक नई दिशा दे रहा है।
- नई दिल्ली। ग्रामीण भारत में आय को मजबूती देने और देशभर में उपभोग को बढ़ाने में खेती का अच्छा उत्पादन, घटती महंगाई, कम ब्याज दरें और आयकर में राहत जैसे हालिया कारक बड़ी भूमिका निभाएंगे।CareEdge Ratings की एक नई रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में निजी अंतिम उपभोग व्यय की हिस्सेदारी करीब 60% है, इसलिए उपभोग में सुधार भारत की समग्र आर्थिक वृद्धि के लिए बेहद जरूरी है।इसके अलावा, निजी क्षेत्र की पूंजीगत व्यय में स्थायी बढ़ोतरी के लिए उपभोग की स्थिर रिकवरी भी अनिवार्य है। CareEdge ने अनुमान लगाया है कि वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) में निजी उपभोग की वृद्धि दर 6.2% रहने की उम्मीद है, जो पिछले तीन वर्षों के औसत 6.7% से थोड़ी कम है। रिपोर्ट में कहा गया कि लंबी अवधि में घरेलू आय को प्रभावित करने वाले कारकों पर नजर बनाए रखना जरूरी होगा ताकि निजी उपभोग में स्वस्थ वृद्धि बनी रहे।पिछले कुछ वर्षों में कुल उपभोग वृद्धि सामान्य रूप से मजबूत रही है, लेकिन हाल के संकेतकों से यह स्पष्ट होता है कि शहरी मांग पर कुछ दबाव देखा जा रहा है। वहीं, ग्रामीण मांग अब भी मजबूत बनी हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, FY26 में खेती का अनुकूल उत्पादन और महंगाई में राहत ग्रामीण उपभोग को मजबूत बनाए रखेंगे। वहीं शहरी क्षेत्रों के लिए भी रिपोर्ट में कुछ राहत की बात की गई है। आरबीआई की नीतिगत दरों में कटौती, आयकर में छूट और महंगाई में नरमी जैसे हालिया नीतिगत उपायों से शहरी उपभोग को भी निकट भविष्य में मदद मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा, अगर इस साल मानसून अच्छा रहता है, तो ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोग को और अधिक बढ़ावा मिल सकता है।हालांकि रिपोर्ट ने यह भी चेतावनी दी कि देश में आय की वृद्धि दर अभी कमजोर बनी हुई है और इसी दौरान घरेलू कर्ज में बढ़ोतरी देखी गई है। FY24 के अंत तक घरेलू कर्ज जीडीपी के 41% और निवल घरेलू उपलब्ध आय (Net Household Disposable Income) के 55% तक पहुंच चुका है।भारत में घरेलू कर्ज का स्तर अन्य कई उभरती अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में कम है-जैसे कि थाईलैंड (87% जीडीपी), मलेशिया (67%) और चीन (62%) फिर भी रिपोर्ट में असुरक्षित ऋण के तेजी से बढ़ने पर चिंता जताई गई है। यह ट्रेंड कोविड-19 महामारी के बाद ज्यादा देखने को मिला है और मौजूदा समय में जब आय की वृद्धि सुस्त है, तब इस क्षेत्र में चूक के मामलों में इजाफा हो रहा है। इसलिए, रिपोर्ट ने सुझाव दिया कि असुरक्षित ऋण क्षेत्र पर निगरानी बनाए रखना बेहद जरूरी होगा ताकि भविष्य में किसी वित्तीय अस्थिरता से बचा जा सके।-
- नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 4 जुलाई को समाप्त हफ्ते में भारत का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 699.736 अरब डॉलर रहा। इसी अवधि में देश का स्वर्ण भंडार 34.2 करोड़ डॉलर बढ़कर 84.846 अरब डॉलर तक पहुंच गया। यह बढ़ोतरी ऐसे समय में हुई है जब घरेलू और वैश्विक स्तर पर सोने और चांदी की कीमतों में जबरदस्त तेजी देखी जा रही है। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास भारत के विशेष आहरण अधिकार (SDR) 3.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.868 अरब डॉलर हो गए, जबकि आईएमएफ में भारत का आरक्षित भंडार 10.7 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.735 अरब डॉलर पहुंच गया।पिछले सप्ताह भारत का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 4.849 अरब डॉलर बढ़कर 702.784 अरब डॉलर हुआ था, जो सितंबर 2024 के अंत में रिकॉर्ड 704.885 अरब डॉलर के स्तर तक पहुंच गया था। विदेशी मुद्रा भंडार में यूरो, पाउंड और येन जैसी अन्य मुद्राओं के डॉलर के मुकाबले उतार-चढ़ाव का असर भी शामिल होता है। वहीं सोने और चांदी की कीमतों में ऐतिहासिक उछाल भी दर्ज किया गया। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के अनुसार, शुक्रवार को 24 कैरेट सोने की कीमत 465 रुपए बढ़कर 97,511 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गई, जो एक दिन पहले 97,046 रुपए थी। इसी तरह, 22 कैरेट सोने की कीमत 89,320 रुपए और 18 कैरेट सोने की कीमत 73,133 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गई।चांदी ने तो नया रिकॉर्ड बना दिया। पिछले 24 घंटों में चांदी की कीमत 2,356 रुपए बढ़कर 1,10,290 रुपए प्रति किलोग्राम पहुंच गई, जो कि 18 जून को दर्ज 1,09,550 रुपए प्रति किलो के पुराने रिकॉर्ड से भी अधिक है। वैश्विक स्तर पर, सोने की कीमत 1.01% बढ़कर 3,358 डॉलर प्रति औंस और चांदी की कीमत 2.92% बढ़कर 38.40 डॉलर प्रति औंस हो गई। विश्लेषकों के अनुसार, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और व्यापार शुल्कों को लेकर चिंताओं के चलते निवेशकों का रुझान सुरक्षित संपत्तियों जैसे कि सोने और चांदी की ओर बढ़ रहा है।-
- भुवनेश्वर। ओडिशा के वरिष्ठ आदिवासी नेता और केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री जुएल उरांव ने शनिवार को कहा कि वह युवा पीढ़ी को मौका देने के लिए चुनावी राजनीति से ब्रेक लेना चाहते हैं। नरेन्द्र मोदी कैबिनेट के सदस्य उरांव ने संबलपुर में ‘ शनिवार को नियुक्ति मेला’ समारोह में भाग लेते हुए यह बात कही।मंत्री ने कहा कि वह भविष्य में सांसद या विधायक पद के लिए चुनाव नहीं लड़ेंगे। उरांव ने समारोह के बाद पत्रकारों से कहा, ‘मैंने पिछले चुनाव के दौरान ही स्पष्ट कर दिया था कि मैं फिर कभी लोकसभा या विधानसभा सीट से चुनाव नहीं लड़ूंगा। अब समय आ गया है कि युवा पीढ़ी के लिए सीट खाली कर दी जाए। मैं पहले ही 10 बार प्रत्यक्ष चुनाव लड़ चुका हूं।”उरांव ने हालांकि कहा कि वह पार्टी की सेवा करते रहेंगे और राज्यसभा सांसद या किसी भी राज्य का राज्यपाल बनने में संकोच नहीं करेंगे, लेकिन प्रत्यक्ष चुनाव में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है। वह छह बार सांसद और दो बार विधायक रह चुके हैं।उन्होंने कहा, ‘मैं भाजपा के लिए काम करता रहूंगा और पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी, उसे निभाऊंगा।’यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी के कहने पर वह चुनाव लड़ेंगे तो उरांव ने कहा, ‘मेरे पास कोई विकल्प नहीं होगा। मैं पार्टी के निर्देशों का पालन करूंगा।’ उरांव पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल में भी मंत्री रह चुके हैं। वह वाजपेयी द्वारा बनाए गए जनजातीय मामलों के मंत्रालय के पहले मंत्री थे।
- कोल्लम । दक्षिण केरल के कोल्लम जिले के वालकोम में रामविलासोम वोकेशनल हायर सेकेंडरी स्कूल (आरवीएचएसएस) मलयाली फिल्म से प्रेरणा लेकर शिक्षा नवाचार के लिए एक आदर्श के रूप में उभरा है और इसकी वजह कक्षाओं में छात्रों को बैठने की अनूठी व्यवस्था है जिसने अब ‘बैकबेंचर्स’ के विचार को पूरी तरह से समाप्त कर दिया है। प्राथमिक कक्षा में पढ़ने वाले प्रत्येक छात्र को समान ध्यान मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए बैठने की व्यवस्था को पुनः व्यवस्थित करके, आरवीएचएसएस ने प्रशंसा और अनुकरण दोनों प्राप्त किया है।हाल ही में प्रदर्शित मलयालम फिल्म ‘स्थानार्थी श्रीकुट्टन’ से प्रभावित होकर विद्यालय ने बच्चों के बैठने की एक अभिनव व्यवस्था लागू की है, जिसमें एक पंक्ति की सीटें कक्षा की चार दीवारों के साथ संरेखित की गई हैं, ताकि सभी लोग आगे की बेंचों पर बैठ सकें। केरल के आठ विद्यालयों ने पहले ही इस बैठने की व्यवस्था को अपना लिया है, तथा पंजाब के एक स्कूल ने भी इस व्यवस्था को लागू किया है।फिल्म ‘स्थानार्थी श्रीकुट्टन’ के निर्देशक विनेश विश्वनाथन ने बताया, ‘‘मुझे खबर मिली कि पंजाब के एक स्कूल ने भी इसे अपना लिया है। प्रधानाचार्य ने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर फिल्म देखी। उन्होंने छात्रों को फिल्म दिखाई भी। मुझे खुशी है कि इसे राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान मिला।’’उन्होंने कहा कि फिल्म में केवल एक दृश्य में इस व्यवस्था को दिखाया गया है, जिसे फिल्म में 7वीं कक्षा के एक छात्र द्वारा क्रियान्वित किया गया विचार बताया गया है।विनेश ने कहा, ‘‘पीछे बेंच पर बैठकर अपमानित होने के अनुभव से ही उन्हें यह विचार आया। मैंने कभी नहीं सोचा था कि इसकी इतनी चर्चा होगी।’’उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारा विचार नहीं है, लेकिन जिला प्राथमिक शिक्षा कार्यक्रम (डीपीईपी) के तहत कक्षाओं में बैठने की ऐसी व्यवस्था पहले से ही थी, लेकिन बीच में हम इसे भूल गए थे।’’आरवीएचएसएस का प्रबंधन केरल सरकार के मंत्री गणेश कुमार का परिवार करता है। गणेश ने ‘स्थानार्थी श्रीकुट्टन’ का पूर्वावलोकन इसके रिलीज होने से एक वर्ष पहले देखा था और आरएमवीएचएसएस में प्राथमिक कक्षाओं में इसे शुरू करने की संभावना पर शिक्षकों के साथ चर्चा की थी। आरएमवीएचएसएस के प्रधानाध्यापक सुनील पी शेखर ने ‘ बताया, ‘‘गणेश कुमार ने हमसे और अपनी पत्नी (जो स्कूल का प्रबंधन करती हैं) से इस बारे में चर्चा की। हम भी एक कक्षा में इसे शुरू करने पर सहमत हो गए। हमें जो परिणाम मिले, वे बहुत सकारात्मक थे और हमने इसे सभी निम्न प्राथमिक कक्षाओं में शुरू किया।’
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कारवार (कर्नाटक). उत्तर कन्नड़ जिले के कुमटा तालुक की शांत लेकिन दुर्गम रामतीर्थ पहाड़ियों में स्थित एक सुदूर गुफा से रूस की एक महिला एवं उसके दो छोटे बच्चों को बचाया गया है। पुलिस के एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी और कहा कि रूसी महिला आध्यात्मिक शांति की तलाश में वहां रह रही थी। उन्होंने बताया कि महिला की पहचान 40 वर्षीय नीना कुटीना उर्फ मोही के रूप में हुई है। वह ‘बिजनेस वीजा' पर रूस से भारत आई थी। वह हिंदू धर्म तथा भारत की आध्यात्मिक परंपराओं से बहुत ज्यादा प्रभावित हुई, इसलिए वह गोवा के रास्ते पवित्र तटीय शहर गोकर्ण पहुंची थी। अधिकारी ने बताया कि मोही के दो बच्चे भी हैं, जिनका नाम प्रेया (6) और अमा (4) है। ये सभी लगभग दो सप्ताह से जंगल के बीचोंबीच और पूरी तरह से एकांत में रह रहे थे। उन्होंने बताया कि इस छोटे से परिवार ने घने जंगल और खड़ी ढलानों से घिरी एक प्राकृतिक गुफा के अंदर एक साधारण सा घर बना लिया था। अधिकारी ने बताया कि मोही ने वहां रुद्र की प्रतिमा स्थापित की हुई थी। उन्होंने कहा कि वह प्रकृति के बीच आध्यात्मिक शांति की तलाश में पूजा और ध्यान में अपना दिन बिताया करती थी। उसके साथ केवल उसके दो छोटे बच्चे रहे। उन्होंने बताया कि हाल ही में हुए भूस्खलन के बाद शुक्रवार को नियमित गश्त के दौरान पुलिस निरीक्षक श्रीधर और उनकी टीम ने गुफा के बाहर कपड़े लटके हुए देखे थे। उत्तर कन्नड़ के पुलिस अधीक्षक एम नारायण ने शनिवार को कहा, ‘‘हमारी गश्त टीम ने रामतीर्थ पहाड़ी में गुफा के बाहर सूखने के लिए साड़ी और अन्य कपड़े लटके हुए देखे थे। जब वे वहां गए तो उन्होंने मोही को उसके बच्चों प्रेया और अमा के साथ देखा।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत ही हैरानी की बात है कि वह और उसके बच्चे जंगल में कैसे जीवित रहे और क्या खाते-पीते रहे। शुक्र है कि जंगल में रहने के दौरान उनके या उनके बच्चों के साथ कोई अनहोनी नहीं हुई।'' उनके अनुसार, महिला संभवतः गोवा से यहां पहुंची है।
अधिकारी ने बताया कि यह भी पता चला कि महिला का वीजा 2017 में ही समाप्त हो गया था। वह कितने समय से भारत में रह रही है, यह अभी स्पष्ट नहीं है। नारायण ने कहा, ‘‘हमने एक साध्वी द्वारा संचालित आश्रम में उसके रहने की व्यवस्था की है। हमने उसे गोकर्ण से बेंगलुरु ले जाने और निर्वासन की प्रक्रिया शुरू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।'' एक स्थानीय एनजीओ की मदद से रूसी दूतावास से संपर्क किया गया और उसे निर्वासित करने की औपचारिकताएं शुरू की गईं। -
नयी दिल्ली/ विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों, विशेष रूप से आयुष प्रणालियों के साथ कृत्रिम मेधा (एआई) को जोड़ने के भारत के प्रयासों की सराहना की है। केंद्र ने शनिवार को यह जानकारी दी। डब्ल्यूएचओ ने एक तकनीकी संक्षिप्त रिपोर्ट ‘पारंपरिक चिकित्सा में कृत्रिम मेधा के अनुप्रयोग का मानचित्रण' में देश के प्रयासों की सराहना की। आयुष मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह विज्ञप्ति इस विषय पर भारत के प्रस्ताव के बाद जारी की गई है, जिससे पारंपरिक चिकित्सा में एआई के उपयोग के लिए डब्ल्यूएचओ का पहला प्रारूप तैयार हुआ है। इसमें कहा गया है कि आयुष प्रणालियों को आगे बढ़ाने के लिए एआई की क्षमता का उपयोग करने के भारत के प्रयास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘सभी के लिए एआई' के दृष्टिकोण को दर्शाते हैं। केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के संक्षिप्त विवरण में उल्लिखित भारत की एआई पहल, अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के माध्यम से पारंपरिक चिकित्सा को आगे बढ़ाने के लिए भारतीय वैज्ञानिकों की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उन्होंने कहा, ‘‘एआई को आयुष प्रणालियों के साथ एकीकृत करके, तथा साही पोर्टल, नमस्ते पोर्टल और आयुष अनुसंधान पोर्टल जैसे अग्रणी डिजिटल मंचों के माध्यम से, भारत न केवल अपने सदियों पुराने चिकित्सा ज्ञान की रक्षा कर रहा है, बल्कि व्यक्तिगत, साक्ष्य-आधारित और वैश्विक रूप से सुलभ स्वास्थ्य सेवा के भविष्य को आकार देने में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है।'' आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि डब्ल्यूएचओ के दस्तावेज में भारत के एआई-संचालित नवाचारों पर प्रकाश डाला गया है, जैसे कि ‘‘प्रकृति-आधारित मशीन लर्निंग मॉडल'' से लेकर ‘‘आयुर्वेद ज्ञान और आधुनिक जीनोमिक्स को एक साथ लाने वाली अभूतपूर्व आयुर्जेनोमिक्स परियोजना।'' आयुष मंत्रालय ने कहा कि डब्ल्यूएचओ दस्तावेज में आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी, सोवा रिग्पा और होम्योपैथी में एआई-संचालित अनुप्रयोगों की एक श्रृंखला को प्रदर्शित किया गया है। इसमें निदान सहायता प्रणालियां शामिल हैं जो पारंपरिक तरीकों जैसे नाड़ी पढ़ना, जीभ की जांच और प्रकृति मूल्यांकन को मशीन लर्निंग एल्गोरिदम और गहरे तंत्रिका नेटवर्क के साथ एकीकृत करती हैं।
- कन्नूर (केरल)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार शाम को तालीपरम्बा में स्थित प्रसिद्ध राजराजेश्वर मंदिर में दर्शन किए और पूजा-अर्चना की। हजारों लोग हवाई अड्डे और मंदिर जाने वाले रास्ते पर उनके स्वागत के लिए जमा हुए। हवाई अड्डे से निकलने के बाद शाह अपनी कार से निकले और सड़क किनारे खड़े पार्टी कार्यकर्ताओं व समर्थकों के पास गए, उनका अभिवादन किया, कुछ लोगों से हाथ मिलाया और वापस अपनी गाड़ी में बैठ गए, जबकि समर्थकों ने उन पर फूल बरसाए। मंदिर जाते हुए भी, रास्ते के दोनों इमारतों की छतों पर जमा लोगों ने उनके वाहन पर फूल बरसाए।केंद्रीय गृह मंत्री शाम को भगवान शिव को समर्पित राजराजेश्वर मंदिर पहुंचे और पूजा-अर्चना की।
- नयी दिल्ली,। उत्तर-पूर्वी दिल्ली के वेलकम इलाके में शनिवार सुबह चार मंजिला इमारत ढहने से दो साल की बच्ची सहित छह लोगों की मौत हो गई, जबकि आठ लोग घायल हुए हैं। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि इमारत के मालिक, उनकी पत्नी, दो बेटों और दो अन्य लोगों के शव मलबे से निकाले गए और उन्हें जीटीबी अस्पताल भेज दिया गया। उन्होंने बताया कि आठ लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है ।उन्होंने बताया कि बचाव अभियान के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) समेत कई एजेंसियों को तैनात किया गया है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें वेलकम पुलिस थाने में शनिवार सुबह लगभग सात बजकर चार मिनट पर ईदगाह, वेलकम के निकट चार मंजिला इमारत के ढहने की सूचना मिली। जब पुलिस की टीम मौके पर पहुंची तो पाया कि इमारत की तीन मंजिलें ढह चुकी थीं।''अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (उत्तर-पूर्वी) संदीप लांबा ने कहा, ‘‘इमारत के मालिक मतलूब अपने परिवार के साथ इसी इमारत में रहते थे, भूतल और पहली मंजिल खाली हैं। सामने वाली इमारत को भी नुकसान पहुंचा है।'' इस घटना में मतलूब (50), उनकी पत्नी राबिया (46) और दो बेटे जावेद (23) एवं अब्दुल्ला (15) की मौत हो गई। हादसे में 27-वर्षीय जुबिया और उनकी दो-वर्षीय बेटी फोज़िया सहित दो और लोग भी मारे गए हैं। घायलों में मतलूब के दो अन्य बेटे परवेज (32), उसकी पत्नी सिजा (21), उनका एक वर्षीय बेटा अहमद और नावेद (19) शामिल हैं। जमींदोज इमारत के सामने वाली इमारत में रहने वाले गोविंद (60), उनके भाई रवि कश्यप (27) और उन दोनों की पत्नी- क्रमश: दीपा (56) और ज्योति (27), भी घायल हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सामने वाली इमारत में रहने वाले एक अन्य व्यक्ति अनीस अहमद अंसारी ने बताया कि इस घटना में उन्हें भी मामूली चोटें आई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जैसे ही इमारत गिरी, मलबा हमारी इमारत पर गिरा और मैं भी घायल हो गया। स्थानीय लोग परिवार को बचाने की कोशिश में लगे हुए हैं। हमें उम्मीद है कि वे सुरक्षित होंगे।'' इमारत उस समय ढही जब स्थानीय लोग सुबह की सैर पर निकले थे। सैर पर निकले कई लोग सबसे पहले सहयोग का हाथ बंटाने वालों में शामिल थे और अग्निशमन अधिकारियों के घटनास्थल पर पहुंचने से पहले ही फंसे हुए लोगों को बचाने की कोशिश की।
- नयी दिल्ली।. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में रोजगार सृजन को लेकर अपनी सरकार की योजनाओं पर जोर देते हुए कहा कि पिछले 11 वर्षों में देश ने हर क्षेत्र में प्रगति की है। मोदी ने 51,000 से ज्यादा नियुक्ति पत्र वितरित करने के बाद एक कार्यक्रम को डिजिटल रूप से संबोधित करते हुए कहा कि गरीबों के लिए चार करोड़ से अधिक घर बनाना, 10 करोड़ से ज्यादा एलपीजी के नए कनेक्शन वितरित करना या घरों की छत पर सोलर पैनल लगाना जैसी उनकी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं ने रोजगार के लाखों नए अवसर सृजित किए हैं तथा इसी तरह कई अन्य योजनाओं से विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि हुई है। मोदी ने पांच देशों के हालिया दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि अब पूरी दुनिया भारत की जनसांख्यिकी और लोकतंत्र की ताकत को पहचान रही है। उन्होंने कहा कि भारत के युवाओं की ताकत इसकी सबसे बड़ी पूंजी और देश के उज्ज्वल भविष्य की गारंटी है।मोदी ने कहा, “आज दुनिया मान रही है कि भारत के पास दो असीमित शक्तियां हैं। एक जनसांख्यिकी, दूसरा लोकतंत्र। यानी सबसे बड़ी युवा आबादी और सबसे बड़ा लोकतंत्र।” प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि उनके दौरे के दौरान जितने भी समझौते हुए हैं, उनसे देश और विदेश दोनों जगह भारत के नौजवानों को फायदा होना ही है। उन्होंने कहा कि रक्षा, फार्मा, डिजिटल प्रौद्योगिरी, उर्जी, दुर्लभ खनिज जैसे क्षेत्रों में हुए समझौतों से भारत को आने वाले दिनों में बहुत बड़ा फायदा होगा। मोदी ने कहा, “ये योजनाएं न केवल भारत की वैश्विक आर्थिक स्थिति को मजबूत करेंगी बल्कि विनिर्माण और सेवा दोनों क्षेत्रों में युवाओं के लिए सार्थक अवसर भी सृजित करेंगी।” प्रधानमंत्री ने पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी से बाहर निकालने का जिक्र करते हुए कहा कि अगर रोजगार और आय के स्रोत नहीं होते तो ऐसा नहीं हो पाता। उन्होंने कहा कि इन गरीब लोगों का जीवन पहले बेहद कठिन था और उन्हें मौत का डर सताता था लेकिन वे अब इतने सशक्त हो गए हैं कि उन्होंने गरीबी को हरा दिया। मोदी ने ‘इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन' की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि बीते दशक में भारत के 90 करोड़ से अधिक नागरिकों को वेलफेयर स्कीम्स के दायरे में लाया गया है। उन्होंने अपनी सरकार के जनहितैषी प्रयासों को रेखांकित करते हुए कहा कि गिनी सूचकांक के आधार पर भारत सर्वोच्च समानता वाले देशों में से एक है। मोदी ने कहा कि विनिर्माण को बढ़ावा देने पर उनकी सरकार का ध्यान रंग लाया है।उन्होंने कहा कि 11 वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण पांच गुना से अधिक बढ़ गया है और मोबाइल विनिर्माण इकाइयों की संख्या पूर्व में दो से चार की तुलना में बढ़कर लगभग 300 हो गई है। प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के साथ युद्ध के दौरान दिखाई गई भारत की स्वदेशी सैन्य क्षमता का स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर' के बाद रक्षा विनिर्माण पर गर्व से चर्चा हो रही है। उन्होंने कहा कि रक्षा उत्पादन 1.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।मोदी ने कहा कि भारत अब तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है।प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत दुनिया में सबसे ज्यादा लोकोमोटिव बनाने वाला देश बन गया है। लोकोमोटिव हो, रेल कोच हो, मेट्रो कोच हो,आज भारत इनका बड़ी संख्या में दुनिया के कई देशों में निर्यात कर रहा है।” उन्होंने कहा कि ऑटोमोबाइल क्षेत्र में केवल पांच वर्षों में 40 अरब अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया है, जिसके परिणामस्वरूप नए कारखाने, नए रोजगार के अवसर और वाहनों की रिकॉर्ड बिक्री हुई है। मोदी ने ‘एम्प्लॉयमेंट लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम' का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार रोजगार के नए अवसर सृजित करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है। इस योजना के तहत निजी क्षेत्र में पहली नौकरी शुरू करने वाले लोगों को 15,000 रुपये दिए जाएंगे।उन्होंने कहा कि पहली नौकरी की पहली तनख्वाह में सरकार अपना योगदान देगी, जिसके लिए सरकार ने करीब एक लाख करोड़ रुपए का बजट बनाया है। मोदी ने कहा कि इस योजना से लगभग साढ़े तीन करोड़ नए रोजगार के सृजन में मदद मिलेगी।उन्होंने राष्ट्रीय विकास को गति देने, रोजगार सृजन करने और विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में भारत की यात्रा को गति देने में देश के विनिर्माण क्षेत्र की परिवर्तनकारी शक्ति पर जोर दिया। सरकार के रोजगार मेले के तहत नियुक्ति पत्र वितरित किए गए। एक बयान के मुताबिक, रोजगार मेला युवाओं के सशक्तीकरण और राष्ट्र निर्माण में उनकी भागीदारी के लिए सार्थक अवसर प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। रोजगार मेलों में अब तक 10 लाख से अधिक नियुक्ति पत्र जारी किए जा चुके हैं।
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नई दिल्ली। अमरनाथ यात्रा इस वर्ष भी श्रद्धा और सुरक्षा के मजबूत संगम के साथ ऐतिहासिक बनती जा रही है। 3 जुलाई 2025 को शुरू हुई इस पवित्र यात्रा में अब तक 1.63 लाख श्रद्धालुओं ने बर्फानी बाबा के दर्शन कर लिए हैं। आज शनिवार को 6,639 तीर्थयात्रियों का एक नया जत्था जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से कश्मीर घाटी के लिए रवाना हुआ। अधिकारियों के मुताबिक तड़के 2:50 बजे, 2,337 यात्रियों को लेकर 116 वाहनों का पहला काफिला बालटाल बेस कैंप के लिए रवाना हुआ। इसके बाद 3:55 बजे, 4,302 यात्रियों के साथ 161 वाहनों का दूसरा काफिला नुनवान (पहलगाम) बेस कैंप की ओर निकला।
इस बार यात्रा मार्ग पर सुरक्षा के लिहाज से कोई समझौता नहीं किया गया है। पूरे मार्ग को सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा सुरक्षित किया गया है। सुरक्षा बलों की मौजूदा तैनाती को और मजबूत करने के लिए 180 अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनियां लगाई गई हैं। श्रद्धालुओं के लिए दो प्रमुख मार्ग हैं-पहलगाम और बालटाल। पहलगाम मार्ग से तीर्थयात्री चंदनवाड़ी, शेषनाग और पंचतरणी होते हुए गुफा मंदिर तक पहुंचते हैं और यह मार्ग करीब 46 किलोमीटर लंबा है, जिसे तय करने में चार दिन लगते हैं। वहीं, बालटाल मार्ग सिर्फ 14 किलोमीटर लंबा है और उसी दिन यात्रा पूरी कर वापस बेस कैंप लौटा जा सकता है। सुरक्षा कारणों से इस वर्ष हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं कराई गई है, जिससे सभी तीर्थयात्रियों को पैदल ही यात्रा करनी पड़ रही है।तीन जुलाई को शुरू हुई यह यात्रा 9 अगस्त 2025 को समाप्त होगी, जो श्रावण पूर्णिमा और रक्षा बंधन का दिन होगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार, यह वही गुफा है जहां भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरता और शाश्वत जीवन का रहस्य बताया था, इसलिए यह यात्रा हिंदू श्रद्धालुओं के लिए सबसे पवित्र तीर्थों में मानी जाती है। -
नई दिल्ली। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि भारत द्वारा रूस से कच्चा तेल खरीदने के निर्णय ने न केवल देश की ऊर्जा जरूरतें पूरी कीं, बल्कि इससे वैश्विक ऊर्जा कीमतों को स्थिर बनाए रखने में भी मदद मिली। एक अंतरराष्ट्रीय समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि अगर रूस का तेल बाजार से हट जाता, तो दुनिया को आपूर्ति की भारी कमी का सामना करना पड़ता और तेल की कीमतें 120-130 डॉलर प्रति बैरल से भी अधिक हो जातीं। पुरी ने बताया कि रूस दुनिया के सबसे बड़े तेल उत्पादकों में से एक है जो प्रतिदिन 90 लाख बैरल से अधिक कच्चा तेल निकालता है। वैश्विक तेल आपूर्ति करीब 9.7 करोड़ बैरल प्रतिदिन है और रूस का योगदान इसमें लगभग 10 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि यदि यह तेल उपलब्ध नहीं होता, तो वैश्विक उपभोक्ताओं को आपूर्ति की कमी के चलते भारी कीमतें चुकानी पड़तीं।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने ऊर्जा क्षेत्र में उपलब्धता, किफायती दर और टिकाऊ समाधान को प्राथमिकता दी है और वैश्विक तेल बाजार की स्थिरता में एक सकारात्मक भूमिका निभाई है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि रूसी तेल पर कभी कोई वैश्विक प्रतिबंध नहीं लगा था और भारत ने निर्धारित मूल्य सीमा के तहत रियायती दरों पर खरीदारी करके वैश्विक आपूर्ति को संतुलित रखने में योगदान दिया। पुरी ने आलोचकों पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग, जिन्हें ऊर्जा बाजार की समझ नहीं है, भारत की नीतियों की अनावश्यक आलोचना करते हैं, जबकि असल में भारत की रणनीति ने वैश्विक संकट को टालने में मदद की है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत दुनिया में सबसे कम कीमत पर स्वच्छ रसोई गैस अपने नागरिकों को उपलब्ध करा रहा है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 10.3 करोड़ से ज्यादा परिवारों को सिर्फ 0.4 डॉलर प्रति किलोग्राम या 7-8 सेंट प्रति दिन की दर से रसोई गैस दी जा रही है। देश के 33 करोड़ घरों को सस्ती दरों पर क्लीन कुकिंग गैस मिल रही है। एक अन्य बयान में पुरी ने यह भी कहा कि भारत ने तेल और गैस खोज के लिए ओपन एकरेज लाइसेंसिंग पॉलिसी (OALP) के 10वें दौर के तहत 2.5 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में नए ऊर्जा संसाधनों की खोज का लक्ष्य तय किया है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य 2025 तक 0.5 मिलियन वर्ग किलोमीटर और 2030 तक 1 मिलियन वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को अन्वेषण के दायरे में लाना है।
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नई दिल्ली। भारत की सांस्कृतिक विरासत में यूनेस्को ने ‘मराठा मिलिट्री लैंडस्केप’ यानी ‘मराठा सैन्य परिदृश्य’ को अपनी विश्व धरोहर सूची में शामिल किया है। इसमें मराठा साम्राज्य के 12 ऐतिहासिक किलों को शामिल किया गया है, जिनमें 11 महाराष्ट्र और 1 तमिलनाडु में स्थित है। यह भारत की 44वीं संपत्ति है जो यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में शामिल हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पोस्ट में लिखा, “इस सम्मान से हर भारतीय गदगद है। इन ‘मराठा मिलिट्री लैंडस्केप’ में 12 भव्य किले शामिल हैं, जिनमें से 11 महाराष्ट्र में और 1 तमिलनाडु में है।”पीएम मोदी ने आगे लिखा, “जब हम गौरवशाली मराठा साम्राज्य की बात करते हैं, तो हम इसे सुशासन, सैन्य शक्ति, सांस्कृतिक गौरव और सामाजिक कल्याण पर जोर से जोड़ते हैं। महान शासक किसी भी अन्याय के आगे न झुकने के अपने साहस से हमें प्रेरित करते हैं। मैं सभी से इन किलों को देखने और मराठा साम्राज्य के समृद्ध इतिहास के बारे में जानने का आह्वान करता हूं।”पीएम मोदी ने एक अन्य पोस्ट करते हुए लिखा,”ये 2014 में रायगढ़ किले की मेरी यात्रा की तस्वीरें हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज को नमन करने का अवसर मिला था। उस यात्रा को मैं हमेशा संजो कर रखूंगा।” महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस उपलब्धि पर एक्स पोस्ट में लिखा, “सचमुच, यह महाराष्ट्र और भारत के लिए एक अद्भुत क्षण है।” उन्होंने संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का जिक्र करते हुए कहा, “इसे संभव बनाने के लिए आपके सभी प्रयासों और समर्थन के लिए धन्यवाद।”वहीं, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि यह सम्मान भारत की प्राचीन सभ्यता और मराठा साम्राज्य की वास्तुकला की उत्कृष्टता को उजागर करता है। बता दें, ये किले 17वीं से 19वीं सदी के बीच निर्मित हुए और मराठा साम्राज्य की सैन्य रणनीति, स्थापत्य कला और पर्यावरण के साथ सामंजस्य का प्रतीक हैं। इन किलों में रायगढ़, शिवनेरी, तोरण, लोहगढ़ और साल्हेर जैसे नाम शामिल हैं, जो मराठा शौर्य और साहस की कहानियां बयां करते हैं। इस उपलब्धि से महाराष्ट्र में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
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नई दिल्ली। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो-ए.ए.आई.बी. ने पिछले महीने अहमदाबाद में हुई एयर इंडिया विमान दुर्घटना के संबंध में 15 पन्नों की प्रारम्भिक जांच रिपोर्ट कल रात जारी कर दी । इस दुर्घटना में 260 लोगों की मौत हो गई थी। रिपोर्ट में घटनाक्रम और एयर इंडिया के बोइंग 787 विमान ए.आई.-171 की ईंजन की स्थिति की जांच की गई। जांच एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उड़ान भरने के कुछ सैकेंड में ही विमान के दोनों ईंजन के ईंधन नियंत्रण से संबंधित स्विच एक सैकंड के अंतराल पर ही रन से कटऑफ में बदल गए जिसके कारण यह भीषण दुर्घटना हुई।
प्रारम्भिक जांच रिपोर्ट के अनुसार एक पायलट को कॉकपिट वायस रिकॉर्डर पर दूसरे पायलट से यह कहते हुए भी सुना जा सकता है कि उसने ईंधन आपूर्ति प्रणाली को क्यों बंद कर दिया। इसके जवाब में पायलट ने कहा कि उसने ऐसा नहीं किया है। जांच एजेंसी ने कहा है कि ईंधन नियंत्रण से संबंधित स्विच को बाद में ऑन किया गया, लेकिन एक ईंजन में आई ख़राबी को दूर नहीं किया जा सका।
रिपोर्ट के अनुसार, विमान उड़ान भरने और दुर्घटनाग्रस्त होने के बीच तीस सैकेंड तक हवा में रहा। रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों पायलटों को उड़ान भरने से पहले आराम करने का पर्याप्त समय मिला था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि विमान में ईंधन भरने के लिए उपयोग में आने वाले बाउजर और टैंक से ईंधन के नमूने लिए गए और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय प्रयोगशाला में इनकी जांच की गई और रिपोर्ट संतोषजनक पाई गई। जांच एजेंसी ने कहा है कि सभी हितधारकों से मांगी गई अतिरिक्त साक्ष्यों की जांच की जाएगी।
इस बीच, एयर इंडिया ने कहा है कि वह सभी विनियामकों और पक्षकारों के साथ मिलकर काम कर रहा है और अहमदाबाद विमान दुर्घटना की चल रही जांच में अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग करता रहेगा।
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को युवाओं को बड़ा तोहफा देंगे। 12 जुलाई को ‘रोजगार मेला’ का आयोजन होने वाला है, जिसमें पीएम मोदी सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़ेंगे। इस दौरान अलग-अलग सरकारी विभागों और संगठनों में नियुक्त किए गए 51 से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे जाएंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नव-नियुक्त कर्मचारियों को संबोधित भी करेंगे।
यह 16वां ‘रोजगार मेला’ देशभर के 47 स्थानों पर आयोजित किया जाएगा, जबकि नियुक्तियां केंद्र सरकार के मंत्रालयों और विभागों में की जा रही हैं। चयनित नए उम्मीदवार पूरे देश से आए हैं और वो जिन विभागों में शामिल होंगे, उनमें रेल मंत्रालय, गृह मंत्रालय, डाक विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, वित्तीय सेवा विभाग, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय समेत कई अन्य मंत्रालय और विभाग शामिल हैं।‘रोजगार मेला’ पीएम मोदी की रोजगार सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की प्रतिबद्धता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ‘रोजगार मेला’ प्रधानमंत्री मोदी की ओर से 22 अक्टूबर 2022 को मिशन मोड में शुरू किया गया था।


















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