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नयी दिल्ली. केंद्र सरकार ने यात्री सेवाओं के लिए निजी (गैर-परिवहन) मोटरसाइकिल के इस्तेमाल को मंगलवार को मंजूरी दे दी और कहा कि यह राज्य सरकार की स्वीकृति पर निर्भर करेगा। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने अपने 'मोटर वाहन एग्रीगेटर दिशानिर्देश 2025' में कहा कि इन नए दिशानिर्देशों में उपयोगकर्ता की सुरक्षा और चालक के कल्याण के मुद्दों पर ध्यान देते हुए एक हल्की-फुल्की नियामक प्रणाली निर्धारित करने का प्रयास किया गया है। दिशानिर्देश में कहा गया है, "राज्य सरकार एग्रीगेटर्स के माध्यम से यात्री सेवाओं के लिए गैर-परिवहन मोटरसाइकिल के इस्तेमाल को मंजूरी दे सकती है, जिसके परिणामस्वरूप यातायात की भीड़ और वाहन प्रदूषण में कमी आएगी, साथ ही सस्ती यात्रा और आजीविका के अवसर बढ़ेंगे।" इस कदम से रैपिडो और उबर जैसे बाइक टैक्सी ऑपरेटरों को राहत मिली है, जो लंबे समय से कानूनी अनिश्चितता के बीच काम कर रहे थे, खासकर कर्नाटक जैसे राज्यों में, जहां हाल ही में बाइक टैक्सियों पर प्रतिबंध के कारण व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ था। उबर और रैपिडो समेत प्रमुख कंपनियों ने इस कदम का स्वागत किया है।
उबर के प्रवक्ता ने कहा, “यह विनियामक स्पष्टता को बढ़ावा देने की दिशा में एक दूरदर्शी कदम है। हम मंत्रालय के संतुलित दृष्टिकोण की सराहना करते हैं, और दिशा-निर्देशों के प्रभावी व समावेशी कार्यान्वयन का समर्थन करने के लिए सभी स्तरों पर सरकारों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” रैपिडो ने एक बयान में कहा, " इस फैसले से सरकार ने लाखों लोगों के लिए अधिक किफायती परिवहन विकल्प खोल दिए हैं। इस कदम से यातायात की भीड़ और प्रदूषण जैसी चुनौतियों का समाधान करने में भी मदद मिलेगी।” -
नयी दिल्ली. केंद्रीय कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को पेंशन प्रशासन में तत्काल व्यवस्थागत सुधारों की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों की संख्या अब सेवारत कर्मचारियों से अधिक हो गई है। सिंह ने यहां विज्ञान भवन में पेंशन मुकदमों पर आयोजित एक कार्यशाला में कहा कि पेंशन से जुड़े कानूनी विवादों को कम करना और सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों को त्वरित न्याय सुनिश्चित करना जरूरी हो गया है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 60 लाख से अधिक पेंशनभोगी हैं जो सेवारत केंद्रीय कर्मचारियों की संख्या से अधिक है। ऐसे में पेंशन प्रशासन से जुड़ी चुनौती नए दौर में पहुंच चुकी है। उन्होंने कहा, ‘‘पेंशन से संबंधित मुकदमों की उत्पत्ति अक्सर नियमों की गलत व्याख्या से होती है और अगर शिकायतों को निपटारा न हो तो वरिष्ठ नागरिकों को गैरजरूरी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।'' उन्होंने कहा कि लगभग 300 पेंशन संबंधी मामले लंबित हैं, जिनमें से 70 प्रतिशत केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) के समक्ष विचाराधीन हैं। इन सभी मामलों में सरकार एक पक्ष है। कार्यशाला में भारत के अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने वर्ष 2028 तक ‘शून्य पेंशन मुकदमेबाजी' का महत्वाकांक्षी लक्ष्य पेश किया। उन्होंने मध्यस्थता और सुलह की व्यवस्था अपनाने, डिजिटल माध्यमों का उपयोग करने और मुकदमेबाजी प्रबंधन के लिए एक संरचित राष्ट्रीय दृष्टिकोण की भी वकालत की। कार्मिक राज्यमंत्री ने पेंशन मामलों से संबंधित जागरूकता और शिकायत निवारण को बढ़ाने के लिए कई प्रकाशन और पहल भी शुरू कीं। इनमें विशेष अभियान 2.0 भी शामिल है जो पारिवारिक और अति-वरिष्ठ पेंशनभोगियों की शिकायतों को हल करने पर केंद्रित है।
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नयी दिल्ली/ रेलवे अगले दिन सुबह पांच बजे से दोपहर दो बजे के बीच रवाना होने वाली ट्रेनों के लिए रात नौ बजे तक आरक्षण चार्ट तैयार करेगा, जबकि बाकी ट्रेनों के लिए यह आठ घंटे पहले तैयार किया जाएगा। वर्ष 2015 से, पहला आरक्षण चार्ट ट्रेन के प्रस्थान के निर्धारित समय से कम से कम चार घंटे पहले तैयार किया जाता रहा है। रेल मंत्रालय द्वारा इस मामले में पहली बार नियम बनाए जाने के बाद ऐसा किया जा रहा था। मंत्रालय के अनुसार, यात्रियों की सुविधा के लिए चार्ट से जुड़े नियम में नवीनतम बदलाव किया गया है।
रेलवे बोर्ड ने दो जुलाई को सभी जोन को जारी एक परिपत्र में निर्देश दिया कि ‘‘सुबह पांच बजे से दोपहर दो बजे के बीच प्रस्थान करने वाली ट्रेनों के लिए, पहला आरक्षण चार्ट, एक दिन पहले रात नौ बजे तक तैयार किया जाएगा।'' दोपहर दो बजे से रात 11:59 बजे तथा रात 12 बजे से सुबह 5:00 बजे के बीच प्रस्थान करने वाली ट्रेनों के लिए, पहला आरक्षण चार्ट आठ घंटे पहले तैयार किया जाएगा। परिपत्र में सभी जोन को आवश्यक निर्देश जारी करने को कहा गया, लेकिन इसके कार्यान्वयन की कोई निश्चित तारीख नहीं बताई गई है, न ही दूसरे आरक्षण चार्ट को तैयार करने में किसी बदलाव का उल्लेख किया गया है। रेलवे के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ट्रेन के प्रस्थान से आठ घंटे पहले चार्ट तैयार होने के बाद, यदि सीट खाली रह जाती है, तो यात्री इन्हें ट्रेन के रवाना होने से ठीक पहले बुकिंग सुविधा के तहत आरक्षित करा सकते हैं। दूसरा चार्ट ट्रेन के प्रस्थान से 30 मिनट से पांच मिनट पहले तैयार किया जाता है और यह मुख्य रूप से ट्रेन के रवाना होने से ठीक पहले बुकिंग के तहत टिकट लेने वाले यात्रियों के लिए होता है।'' चार्ट तैयार होने और ट्रेन के रवाना होने के बीच समय अंतराल बढ़ाने का कारण पूछे जाने पर अधिकारियों ने कहा कि हालांकि, यात्रियों की ओर से यह अंतराल बढ़ाने के बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है, लेकिन मंत्रालय का मानना है कि यात्रियों को अपनी यात्रा की योजना बनाने के लिए अधिक समय देना चाहिए। रेलवे बोर्ड ने बीकानेर रेल डिवीजन में 24 घंटे पहले आरक्षण चार्ट तैयार करने के लिए एक प्रायोगिक परियोजना भी चलाई थी और उस अनुभव के आधार पर आठ घंटे का अंतराल तय किया गया। अधिकारियों ने कहा, ‘‘यदि आपको आठ घंटे पहले पता चल जाए कि आपकी टिकट ‘कन्फर्म' हुई है या नहीं, तो इससे अनिश्चितता दूर होगी और आपको अपनी यात्रा की योजना सही ढंग से बनाने में मदद मिलेगी।'' उन्होंने कहा कि टिकट ‘कन्फर्म' हो जाने पर, इसे रद्द किये जाने की स्थिति में यात्रियों को जुर्माने के रूप में टिकट की राशि का एक बड़ा हिस्सा गंवाना पड़ेगा। टिकट रद्द करने संबंधी नियमों के अनुसार, यदि प्रस्थान से 48 से 12 घंटे पहले ‘कन्फर्म' टिकट रद्द किया जाता है, तो यात्रियों को टिकट की राशि का 25 प्रतिशत वापस मिलेगा। एक अधिकारी ने कहा, ‘‘टिकट रद्द होने के कारण खाली होने वाली सीट ट्रेन के प्रस्थान करने से ठीक पहले बुकिंग प्रणाली के माध्यम से भरी जाएंगी।''
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज बुधवार को अब से कुछ देर पहले पांच देशों की यात्रा पर नई दिल्ली से रवाना हुए। पीएम मोदी ने घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया के लिए प्रस्थान करने से पहले जारी वक्तव्य में कहा, ”मेरी इन देशों की यात्रा से ग्लोबल साउथ में भारत के मैत्रीपूर्ण रिश्ते मजबूत होंगे।” प्रधानमंत्री के इस वक्तव्य को भारत सरकार के पत्र एवं सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने जारी किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर भी साझा किया है।
घाना ग्लोबल साउथ में मूल्यवान भागीदारउन्होंने लिखा है, ” आज, मैं 02 से 09 जुलाई 2025 तक घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया की पांच देशों की यात्रा पर जा रहा हूं। राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा के निमंत्रण पर मैं 02-03 जुलाई को घाना जाऊंगा। घाना वैश्विक दक्षिण में एक मूल्यवान भागीदार है और अफ्रीकी संघ और पश्चिमी अफ्रीकी राज्यों के आर्थिक समुदाय में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मैं अपने आदान-प्रदान की प्रतीक्षा कर रहा हूं जिसका उद्देश्य हमारे ऐतिहासिक संबंधों को और गहरा करना और निवेश, ऊर्जा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, क्षमता निर्माण और विकास साझेदारी के क्षेत्रों सहित सहयोग के नए द्वार खोलना है। साथी लोकतंत्रों के रूप में, घाना की संसद में बोलना मेरे लिए सम्मान की बात होगी।”अर्जेंटीना के राष्ट्रपति से मिलने का इंतजारप्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ” पोर्ट ऑफ स्पेन से मैं ब्यूनस आयर्स की यात्रा करूंगा। यह 57 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की अर्जेंटीना की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी। अर्जेंटीना लैटिन अमेरिका में एक प्रमुख आर्थिक साझेदार है और जी-20 में एक करीबी सहयोगी है। मैं राष्ट्रपति जेवियर माइली के साथ अपनी चर्चा का इंतजार कर रहा हूं, जिनसे मुझे पिछले साल मिलने का सौभाग्य भी मिला था। हम कृषि, महत्वपूर्ण खनिजों, ऊर्जा, व्यापार, पर्यटन, प्रौद्योगिकी और निवेश के क्षेत्रों सहित अपने पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।”भारत ब्रिक्स के लिए प्रतिबद्धउन्होंने कहा, ” मैं 06-07 जुलाई को रियो डी जेनेरियो में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लूंगा। एक संस्थापक सदस्य के रूप में, भारत उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में ब्रिक्स के लिए प्रतिबद्ध है। साथ मिलकर, हम एक अधिक शांतिपूर्ण, न्यायसंगत, लोकतांत्रिक और संतुलित बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था के लिए प्रयास करते हैं। शिखर सम्मेलन के दौरान, मैं कई विश्व नेताओं से भी मिलूंगा। मैं एक द्विपक्षीय राजकीय यात्रा के लिए ब्रासीलिया की यात्रा करूंगा, जो लगभग छह दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा होगी। यह यात्रा ब्राजील के साथ हमारी घनिष्ठ साझेदारी को मजबूत करने और मेरे मित्र, राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा के साथ मिलकर ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करेगी।”नामीबियाई संसद के संयुक्त सत्र करेंगे संबोधितप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, ” मेरा अंतिम गंतव्य नामीबिया होगा। एक विश्वसनीय भागीदार जिसके साथ हम उपनिवेशवाद के खिलाफ संघर्ष का एक साझा इतिहास साझा करते हैं। मैं राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवा से मिलने और हमारे लोगों, हमारे क्षेत्रों और व्यापक वैश्विक दक्षिण के लाभ के लिए सहयोग के लिए एक नया रोडमैप तैयार करने के लिए उत्सुक हूं। नामीबियाई संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करना भी एक विशेष अवसर होगा क्योंकि हम स्वतंत्रता और विकास के लिए अपनी स्थायी एकजुटता और साझा प्रतिबद्धता का जश्न मनाते हैं।”बहुपक्षीय मंचों पर भागीदारी होगी गहरीप्रधानमंत्री ने कहा, ”मुझे विश्वास है कि इन पांच देशों की मेरी यात्रा से ग्लोबल साउथ में हमारी मैत्रीपूर्ण रिश्ते मजबूत होंगे। अटलांटिक के दोनों ओर हमारी साझेदारी मजबूत होगी। ब्रिक्स, अफ्रीकी संघ, इकोवास और कैरीकॉम जैसे बहुपक्षीय मंचों पर हमारी भागीदारी और गहरी होगी।” -
नई दिल्ली। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि भारत हाल ही में जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना है और इस क्रम में 2030 तक जर्मनी को पीछे छोड़कर अर्थव्यवस्था को लेकर तीसरे पायदान पर आने की ओर अग्रसर है।
पिछले 11 वर्षों में भारत ग्यारहवीं से दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है
उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में भारत ग्यारहवीं से दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। केंद्रीय मंत्री पुरी ने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के 77वें स्थापना दिवस को संबोधित करते हुए कहा, “हमारी जीडीपी दोगुनी से भी अधिक हो गई है, जो कि 2014 में 2.1 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 2025 में 4.3 ट्रिलियन डॉलर हो गई है।”
केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा कि प्रमुख सामाजिक पहलों के तहत 27 करोड़ से अधिक नागरिकों को बहुआयामी गरीबी से बाहर निकाला गया है
केंद्रीय मंत्री ने वैश्विक चुनौतियों के दौरान देश की मजबूती और साहसिक नीति सुधारों, व्यापक सामाजिक कल्याण योजनाओं और सुदृढ़ वित्तीय प्रबंधन द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा कि प्रमुख सामाजिक पहलों के तहत 27 करोड़ से अधिक नागरिकों को बहुआयामी गरीबी से बाहर निकाला गया है, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लगभग चार करोड़ घरों को मंजूरी दी गई है और जल जीवन मिशन के माध्यम से 15.4 करोड़ ग्रामीण परिवार पानी की सुविधा पा रहे हैं।
आयुष्मान भारत ने 5 लाख रुपए के बीमा लाभ के साथ 70 करोड़ से अधिक व्यक्तियों को स्वास्थ्य कवरेज का विस्तार किया है
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “आयुष्मान भारत ने 5 लाख रुपए के बीमा लाभ के साथ 70 करोड़ से अधिक व्यक्तियों को स्वास्थ्य कवरेज का विस्तार किया है, जो समावेशी विकास के लिए भारत की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।” उन्होंने वैश्विक निवेश को आकर्षित करने में भारत की सफलता पर जोर दिया, जिसमें 2014 और 2025 के बीच 748 बिलियन डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हुआ, जो पिछले दशक की तुलना में 143 प्रतिशत की वृद्धि है।
प्रशासन में परिवर्तन भारत की विकसित होती वित्तीय संस्कृति को रेखांकित करता है
केंद्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा, “दिवालियापन और दिवालियापन संहिता, उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन योजनाएं, माल और सेवा कर, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण और 25,000 से अधिक अनुपालन और 1,400 अप्रचलित कानूनों को समाप्त करने सहित नीति सुधार में मील के पत्थर ने देश के व्यापार परिदृश्य को मजबूत किया है।” उन्होंने कहा कि कर प्रशासन में परिवर्तन भारत की विकसित होती वित्तीय संस्कृति को रेखांकित करता है। दाखिल किए गए वार्षिक आयकर रिटर्न वित्त वर्ष 2013-14 में 3.6 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 8.5 करोड़ हो गए, जिनमें से 95 प्रतिशत 30 दिनों के भीतर प्रोसेस किए गए। केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा, “प्रत्येक रिटर्न, एकत्र किए गए कर का प्रत्येक रुपया, ठोस लाभ में तब्दील होता है, जिसमें माताओं के लिए एलपीजी कनेक्शन, गरीबों के लिए दवाइयां, ग्रामीण घरों के लिए बिजली, बुजुर्गों के लिए पेंशन और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर शामिल हैं।”
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नई दिल्ली। जम्मू ‘बम-बम भोले’ के नारों से गूंज रहा है। भगवान शिव शंकर के जयकारों के बीच भगवती नगर बेस कैंप से बुधवार सुबह अमरनाथ यात्रा के लिए जम्मू से पहला जत्था रवाना हुआ। पहले विधिवत पूजा-अर्चना की गई। इसमें जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा शामिल हुए। पूजा के बाद उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
पहले चरण में लगभग 4500 श्रद्धालुओं का जत्था अमरनाथ यात्रा के लिए रवानापहले चरण में लगभग 4500 श्रद्धालुओं का जत्था अमरनाथ यात्रा पर रवाना हुआ। उपराज्यपाल ने कहा, “एक बार फिर जम्मू में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन देखने को मिल रहा है। यह आतंकवाद पर एक बहुत बड़ा तमाचा है कि देशभर से श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा के लिए जम्मू पहुंच रहे हैं।”एलजी मनोज सिन्हा ने सभी श्रद्धालुओं को भगवान शिव के पवित्र निवास तक सुरक्षित और आरामदायक यात्रा की शुभकामनाएं दींएलजी मनोज सिन्हा ने सभी श्रद्धालुओं को भगवान शिव के पवित्र निवास तक सुरक्षित और आरामदायक यात्रा की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने सभी के लिए शांति और आशीर्वाद के लिए बाबा अमरनाथ से प्रार्थना की। पहले जत्थे में शामिल एक महिला ने कहा कि बहुत ही अच्छा लगा है। हमें इस बात की भी खुशी है कि हम पहले जत्थे के साथ रवाना हो रहे हैं।सुरक्षा के मसले पर श्रद्धालुओं ने कहा कि जब तक हमारी सेना और प्रधानमंत्री मोदी हैं, तब तक कोई हमारा ‘बाल भी बांका’ नहीं कर सकतासुरक्षा के मसले पर श्रद्धालुओं ने कहा कि जब तक हमारी सेना और प्रधानमंत्री मोदी हैं, तब तक कोई हमारा ‘बाल भी बांका’ नहीं कर सकता है। हमें अपनी सेना पर पूरा भरोसा है। एक व्यक्ति ने कहा, “हम लोगों को यही संदेश देंगे कि बिना डर के यहां आएं। बिंदास होकर इस यात्रा के लिए पहुंच सकते हैं।”निडरता के साथ भक्त यात्रा के लिए निकल कर आ रहे हैंपुरानी मंडी मंदिर के महंत रामेश्वर दास ने कहा कि यात्रा में लोगों के मन में उत्साह है। लोगों में निडरता है, भोले के जयकारे गूंज रहे हैं। बाबा के दर्शन के लिए सरकार ने बहुत अच्छी सुविधाएं दी हैं। पहले के मुकाबले इस बार यात्रा अच्छी होगी। निडरता के साथ भक्त यात्रा के लिए निकल कर आ रहे हैं। लोगों में किसी तरह का कोई डर नहीं है। उन्होंने कहा कि आज का दिन उन लोगों के लिए मुंहतोड़ जवाब है, जो इसे कमजोर करने के प्रयास करते हैं। लेकिन मेरा मानना है कि यात्रा इस बार और भी अच्छी होने वाली है। -
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को तमिलनाडु में 4-लेन परमकुडी-रामनाथपुरम सेक्शन (46.7 किमी) के निर्माण को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना को हाइब्रिड एन्युटी मोड (एचएएम) पर विकसित किया जाएगा, जिसकी कुल पूंजी लागत 1,853 करोड़ रुपये होगी।
वर्तमान में, मदुरै, परमकुडी, रामनाथपुरम, मंडपम, रामेश्वरम और धनुषकोडी के बीच संपर्क मौजूदा 2-लेन राष्ट्रीय राजमार्ग 87 (एनएच-87) और संबंधित राज्य राजमार्गों पर निर्भर है, जो खासकर घनी आबादी वाले इलाकों और गलियारे के साथ प्रमुख शहरों में यातायात की अधिकता के कारण काफी भीड़भाड़ का सामना करते हैं। इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए, परियोजना परमकुडी से रामनाथपुरम तक एनएच -87 के लगभग 46.7 किमी हिस्से को 4-लेन कॉन्फिगरेशन में अपग्रेड करेगी। इससे मौजूदा गलियारे में भीड़भाड़ कम होगी, सुरक्षा में सुधार होगा और परमकुडी, सथिराकुडी, अचुंदनवयाल और रामनाथपुरम जैसे तेजी से बढ़ते शहरों की आवागमन संबंधी जरूरतें पूरी होंगी।परियोजना का एलाइनमेंट 5 प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच -38, एनएच -85, एनएच -36, एनएच -536, और एनएच -32) और 3 राज्य राजमार्गों (एसएच -47, एसएच -29, एसएच -34) के साथ जुड़ा है, जो दक्षिणी तमिलनाडु में प्रमुख आर्थिक, सामाजिक और लॉजिस्टिक्स नोड्स को निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त, उन्नत गलियारा 2 प्रमुख रेलवे स्टेशनों (मदुरै और रामेश्वरम), 1 हवाई अड्डे (मदुरै) और 2 छोटे बंदरगाहों (पम्बन और रामेश्वरम) से जुड़कर बहु-मॉडल एकीकरण को बढ़ाएगा, जिससे पूरे क्षेत्र में माल और यात्रियों की तेज आवाजाही की सुविधा होगी।परियोजना के पूरा होने पर, परमकुडी-रामनाथपुरम खंड क्षेत्रीय आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, प्रमुख धार्मिक और आर्थिक केंद्रों के बीच संपर्क को मजबूत करेगा, रामेश्वरम और धनुषकोडी में पर्यटन को बढ़ावा देगा और व्यापार और औद्योगिक विकास के लिए नए रास्ते खोलेगा। यह परियोजना लगभग 8.4 लाख व्यक्ति-दिन प्रत्यक्ष और 10.45 लाख व्यक्ति-दिन अप्रत्यक्ष रोजगार भी पैदा करेगी और आसपास के क्षेत्रों में विकास, प्रगति और समृद्धि के नए रास्ते खोलेगी। - -सभी क्षेत्रों में रोजगार सृजन, रोजगार क्षमता और सामाजिक सुरक्षा बढ़ाने की योजना-विनिर्माण क्षेत्र पर जोर और पहली बार काम करने वालों के लिए प्रोत्साहन-पहली बार काम करने वालों को दो किस्तों में एक महीने का वेतन अधिकतम 15,000 रुपये मिलेगा-एक लाख करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ दो वर्षों में 3.5 करोड़ से अधिक रोजगार के सृजन को समर्थन देने की योजनानई दिल्ली। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विनिर्माण क्षेत्र पर विशेष जोर देते हुए मंगलवार को सभी क्षेत्रों में रोजगार सृजन, रोजगार क्षमता और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ाने के लिए रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन (ईएलआई) योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत, जहां पहली बार रोजगार करने वाले कर्मचारियों को एक महीने का वेतन (15,000 रुपये तक) मिलेगा, वहीं नियोक्ताओं को अतिरिक्त रोजगार पैदा करने के लिए दो साल की अवधि के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा, साथ ही विनिर्माण क्षेत्र के लिए दो साल के लिए विस्तारित लाभ दिया जाएगा। ईएलआई योजना की घोषणा केंद्रीय बजट 2024-25 में प्रधानमंत्री की पांच योजनाओं के पैकेज के हिस्से के रूप में की गई थी, जिसका कुल बजट परिव्यय 2 लाख करोड़ रुपये है।ईएलआई योजना का लक्ष्य 99,446 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ, 2 वर्षों की अवधि में देश में 3.5 करोड़ से अधिक रोजगार के सृजन को प्रोत्साहित करना है। इनमें से 1.92 करोड़ लाभार्थी पहली बार कार्यबल में प्रवेश करने वाले होंगे। इस योजना का लाभ 01 अगस्त 2025 से 31 जुलाई, 2027 के बीच सृजित रोजगार पर लागू होगा।इस योजना में दो भाग हैं, जिसमें भाग-ए पहली बार आवेदन करने वालों पर केंद्रित है, तथा भाग-बी नियोक्ताओं पर केंद्रित है:भाग ए: पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों के लिए प्रोत्साहन:ईपीएफओ के साथ पंजीकृत पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों को ध्यान में रखते हुए, इस भाग में एक महीने का ईपीएफ वेतन 15,000 रुपये तक दो किस्तों में दिया जाएगा। इसके लिए 1 लाख रुपये तक के वेतन वाले कर्मचारी पात्र होंगे। पहली किस्त 6 महीने की सेवा के बाद और दूसरी किस्त 12 महीने की सेवा और कर्मचारी द्वारा वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम पूरा करने के बाद देय होगी। बचत की आदत को प्रोत्साहित करने के लिए, प्रोत्साहन राशि का एक हिस्सा एक निश्चित अवधि के लिए जमा खाते के बचत साधन में रखा जाएगा और कर्मचारी द्वारा बाद की तारीख में निकाला जा सकता है।भाग ए से पहली बार रोजगार पर आने वाले लगभग 1.92 करोड़ कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।भाग बी: नियोक्ताओं को सहायता:इस भाग में सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार सृजन को शामिल किया जाएगा, जिसमें विनिर्माण क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। नियोक्ताओं को 1 लाख रुपये तक के वेतन वाले कर्मचारियों के संबंध में प्रोत्साहन मिलेगा। सरकार नियोक्ताओं को कम से कम छह महीने तक निरंतर रोजगार वाले प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए दो साल तक 3000 रुपये प्रति माह तक का प्रोत्साहन देगी। विनिर्माण क्षेत्र के लिए प्रोत्साहन तीसरे और चौथे वर्ष तक भी बढ़ाया जाएगा।ईपीएफओ के साथ पंजीकृत प्रतिष्ठानों को कम से कम छह महीने के लिए निरंतर आधार पर कम से कम दो अतिरिक्त कर्मचारी (50 से कम कर्मचारियों वाले नियोक्ताओं के लिए) या पांच अतिरिक्त कर्मचारी (50 या अधिक कर्मचारियों वाले नियोक्ताओं के लिए) नियुक्त करने की आवश्यकता होगी।प्रोत्साहन राशि संबंधी संरचना निम्नानुसार होगी:अतिरिक्त कर्मचारी का ईपीएफ वेतन स्लैबनियोक्ता को लाभ (प्रति माह प्रति अतिरिक्त रोजगार)10,000 रुपये तक*1,000 रुपये तक10,000 रुपये से अधिक और 20,000 रुपये तक2,000 रुपये20,000 रुपये से अधिक (1 लाख रुपये प्रति माह वेतन तक)3,000 रु.* जिन कर्मचारियों का ईपीएफ वेतन 10,000 रुपये तक है, उन्हें आनुपातिक प्रोत्साहन राशि मिलेगी।इस भाग से लगभग 2.60 करोड़ व्यक्तियों के लिए अतिरिक्त रोजगार सृजन हेतु नियोक्ताओं को प्रोत्साहन राशि मिलने की उम्मीद है।प्रोत्साहन राशि के भुगतान हेतु प्रणाली:योजना के भाग ए के अंतर्गत पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों को सभी भुगतान आधार ब्रिज भुगतान प्रणाली (एबीपीएस) का उपयोग करके डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण) मोड के माध्यम से किए जाएंगे। भाग बी के अंतर्गत नियोक्ताओं को भुगतान सीधे उनके पैन-लिंक्ड खातों में किया जाएगा।ईएलआई योजना के साथ, सरकार का इरादा सभी क्षेत्रों, विशेष रूप से विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के अलावा पहली बार कार्यबल में शामिल होने वाले युवाओं को प्रोत्साहित करना है। इस योजना का एक महत्वपूर्ण परिणाम करोड़ों युवा पुरुषों और महिलाओं के लिए सामाजिक सुरक्षा कवरेज का विस्तार करके देश के कार्यबल का औपचारिकीकरण भी होगा।
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नई दिल्ली। भारत के अनुसंधान और नवोन्मेषण इको-सिस्टम को सुदृढ़ करने के लिए एक रूपांतरणकारी कदम के रूप में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को एक लाख करोड़ रुपये की राशि के साथ अनुसंधान विकास और नवोन्मेषण (आरडीआई) योजना को मंजूरी दी है।
नवोन्मेषण को बढ़ावा देने और अनुसंधान के व्यावसायीकरण में निजी क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए, आरडीआई योजना का उद्देश्य आरडीआई में निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा देने के लिए कम या शून्य ब्याज दरों पर लंबी अवधि के साथ दीर्घकालिक वित्तपोषण या पुनर्वित्त प्रदान करना है। इस योजना को निजी क्षेत्र के वित्तपोषण में बाधाओं और चुनौतियों को दूर करने के लिए डिज़ाइन किया गया है और नवोन्मेषण को सुविधाजनक बनाने, प्रौद्योगिकी के अंगीकरण को बढ़ावा देने और प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि के लिए उभरते (सनराइज) और रणनीतिक सेक्टरों को विकास तथा जोखिम पूंजी प्रदान करना है। योजना के मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैं:निजी क्षेत्र को उभरते कार्यक्षेत्रों और आर्थिक सुरक्षा, रणनीतिक उद्देश्य और आत्मनिर्भरता के लिए सुसंगत अन्य क्षेत्रों में अनुसंधान, विकास और नवोन्मेषण (आरडीआई) को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना;टेक्नोलॉजी रेडिनेस लेवल (टीआरएल) के उच्च स्तरों पर रूपांतरकारी परियोजनाओं को वित्तपोषित करनाउन प्रौद्योगिकियों के अधिग्रहण में सहायता करना जो महत्वपूर्ण या उच्च कार्यनीतिक महत्व की हैं;डीप-टेक फंड ऑफ फंड्स की स्थापना की सुविधा प्रदान करना।प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एएनआरएफ) का शासी बोर्ड आरडीआई योजना को व्यापक रणनीतिक दिशा प्रदान करेगा। एएनआरएफ की कार्यकारी परिषद (ईसी) योजना के दिशानिर्देशों को मंजूरी देगी और सनराइज सेक्टरों में द्वितीय स्तर के फंड मैनेजरों और परियोजनाओं के दायरे और प्रकार की अनुशंसा करेगी। कैबिनेट सचिव के नेतृत्व में सचिवों का एक अधिकार प्राप्त समूह (ईजीओएस) योजना के निष्पादन की समीक्षा करने के अतिरिक्त योजना में बदलाव, सेक्टरों और परियोजनाओं के प्रकार के साथ-साथ द्वितीय स्तर के फंड मैनेजरों को मंजूरी देने के लिए उत्तरदायी होगा। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) आरडीआई योजना के कार्यान्वयन के लिए नोडल विभाग के रूप में कार्य करेगा।आरडीआई योजना में द्वि-स्तरीय वित्तपोषण तंत्र होगा। पहले स्तर पर, एएनआरएफ के भीतर एक विशेष प्रयोजन निधि (एसपीएफ) स्थापित की जाएगी, जो निधियों के संरक्षक के रूप में कार्य करेगी। एसपीएफ निधियों से विभिन्न द्वितीय स्तर के निधि प्रबंधकों को निधि आवंटित की जाएगी। यह मुख्य रूप से दीर्घकालिक रियायती ऋणों के रूप में होगा। द्वितीय स्तर के निधि प्रबंधकों द्वारा अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं को वित्तपोषण सामान्यतः कम या शून्य ब्याज दरों पर दीर्घकालिक ऋण के रूप में होगा। विशेष रूप से स्टार्टअप के मामले में इक्विटी के रूप में भी वित्तपोषण किया जा सकता है। डीप-टेक फंड ऑफ फंड्स (एफओएफ) या आरडीआई के लिए किसी अन्य एफओएफ में योगदान पर भी विचार किया जा सकता है।दीर्घकालिक, किफायती वित्तपोषण के लिए निजी क्षेत्र की महत्वपूर्ण आवश्यकताओं पर ध्यान देते हुए आरडीआई योजना आत्मनिर्भरता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देती है। इसके माध्यम से देश को अनुकूल नवोन्मेषण इको-सिस्टम की सुविधा प्राप्त होती है जो 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य के अनुरूप है। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को राष्ट्रीय खेल नीति (एनएसपी) 2025 को स्वीकृति दे दी है। देश के खेल परिदृश्य को नया आकार देने और खेलों के माध्यम से लोगों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से एक यह ऐतिहासिक पहल है।नई नीति मौजूदा राष्ट्रीय खेल नीति, 2001 का स्थान लेगी और देश को वैश्विक खेल महाशक्ति के रूप में स्थापित करने और वर्ष 2036 ओलंपिक खेलों सहित अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए एक मजबूत दावेदार के रूप में स्थापित करने के लिए एक दूरदर्शी और कार्यनीतिक रोडमैप तैयार करेगी।
एनएसपी 2025 को केंद्रीय मंत्रालयों, नीति आयोग, राज्य सरकारों, राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ), खिलाड़ियों, खेल विशेषज्ञों और सार्वजनिक हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श के बाद तैयार किया गया है। यह खेल नीति पांच प्रमुख स्तंभों पर आधारित है।1. वैश्विक मंच पर उत्कृष्टताइसका उद्देश्य है:-खेल प्रतिभा की शीघ्र पहचान और उसे तैयार करने के तंत्र सहित जमीनी स्तर से लेकर शीर्ष स्तर तक खेल कार्यक्रमों को सुदृढ़ करना।-प्रतिस्पर्धी लीग और प्रतियोगिताओं की स्थापना को बढ़ावा देना, और ग्रामीण तथा शहरी दोनों क्षेत्रों में खेल बुनियादी ढांचे का विकास करना।-प्रशिक्षण, कोचिंग और खिलाड़ियों को सहयोग के लिए विश्व स्तरीय प्रणाली बनाना।-राष्ट्रीय खेल महासंघों की क्षमता और प्रबंधन को बढ़ाना।-खेल प्रदर्शन को बढ़ावा देने के लिए खेल विज्ञान, चिकित्सा और प्रौद्योगिकी को अपनाने को प्रोत्साहित करना।-कोच, तकनीकी अधिकारियों और सहायक कर्मचारियों सहित खेल कर्मियों को प्रशिक्षित और विकसित करना।2. आर्थिक विकास के लिए खेल-एनएसपी 2025 में खेलों की आर्थिक क्षमता पर जोर दिया गया है और इसका उद्देश्य है:-खेल पर्यटन को बढ़ावा देना और भारत में प्रमुख अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजन कराने का प्रयास करना।-खेल विनिर्माण परितंत्र को मजबूत करना, और इस क्षेत्र में स्टार्टअप तथा उद्यमिता को बढ़ावा देना।-सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी), कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) और अभिनव वित्तपोषण पहलों के माध्यम से निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करना।3. सामाजिक विकास के लिए खेल-नई खेल नीति में सामाजिक समावेशन को आगे बढ़ाने में खेलों की भूमिका पर जोर है:-केंद्रित कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाओं, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों, आदिवासी समुदायों और दिव्यांगजनों के बीच भागीदारी को बढ़ावा देना।-स्वदेशी और पारंपरिक खेलों को पुनर्जीवित करना और बढ़ावा देना।-शिक्षा से खेलों को जोड़कर, स्वयंसेवा को प्रोत्साहित करके और दोहरे करियर के रास्ते को सुविधाजनक बनाकर खेलों को एक व्यवहार्य करियर विकल्प के रूप में स्थापित करना।-खेलों के माध्यम से भारतीय प्रवासियों को शामिल करना।4. जन आंदोलन के रूप में खेल-खेलों को राष्ट्रीय आंदोलन बनाने के लिए खेल नीति का उद्देश्य है:-राष्ट्रव्यापी अभियानों और समुदाय-आधारित कार्यक्रमों के माध्यम से खेल में जन भागीदारी और फिटनेस की संस्कृति को बढ़ावा देना।-स्कूलों, कॉलेजों और कार्यस्थलों आदि के लिए फिटनेस सूचकांक शुरू करना।-खेल सुविधाओं तक सबकी पहुंच को बढ़ाना।5. शिक्षा के साथ एकीकरण (एनईपी 2020)-राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप, एनएसपी 2025 में निम्नलिखित प्रस्ताव हैं:-स्कूली पाठ्यक्रम में खेलों को शामिल करना।-खेल शिक्षा और जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए शिक्षकों और शारीरिक शिक्षा शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण से तैयार करना।6. कार्यनीतिक रूपरेखा-अपने उद्देश्यों को साकार करने के लिए, एनएसपी 2025 में एक व्यापक कार्यान्वयन कार्यनीति है, जिसमें शामिल हैं:-शासन: कानूनी ढांचे सहित खेल प्रशासन के लिए एक मजबूत नियामक ढांचा स्थापित करना।-निजी क्षेत्र का वित्तपोषण और सहयोग: नवीन वित्तपोषण तंत्र विकसित करना और पीपीपी और सीएसआर के माध्यम से निजी क्षेत्र की भागीदारी को शामिल करना।-प्रौद्योगिकी और नवाचार: प्रदर्शन ट्रैकिंग, अनुसंधान और कार्यक्रम कार्यान्वयन के लिए एआई और डेटा एनालिटिक्स सहित उभरती प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाना।-राष्ट्रीय निगरानी रूपरेखा: अच्छी तरह से परिभाषित मानदंड, प्रमुख प्रदर्शन संकेतक (केपीआई) और समयबद्ध लक्ष्यों के साथ एक राष्ट्रीय रूपरेखा बनाना।-राज्यों के लिए आदर्श नीति: एनएसपी 2025 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए एक मॉडल के रूप में काम करेगा, जो उन्हें इन राष्ट्रीय उद्देश्यों के अनुरूप अपनी नीतियों को संशोधित करने या तैयार करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।-समग्र सरकारी दृष्टिकोण: इस नीति में समग्र प्रभाव प्राप्त करने के लिए सभी मंत्रालयों और विभागों की गतिविधियों, योजनाओं और कार्यक्रमों में खेल प्रोत्साहन को जोड़ने का आह्वान।-अपनी संरचित दृष्टि और दूरदर्शी कार्यनीति के साथ, राष्ट्रीय खेल नीति 2025 देश को वैश्विक स्तर पर अग्रणी खेल राष्ट्र बनने की दिशा में एक परिवर्तनकारी पथ पर स्थापित करेगी। इसके साथ ही यह नीति स्वस्थ, अधिक संलग्न और सशक्त नागरिक बनाएगी। - कुशीनगर. उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा के लिए सोमवार को ‘मॉक ड्रिल' की गयी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इसके अलावा सुरक्षा, संचालन और पर्यावरण प्रबंधन की समीक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण बैठकें आयोजित की गईं। जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर और पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा की देखरेख में टर्मिनल बिल्डिंग के अंदर ‘मॉक ड्रिल' की गई। अधिकारियों ने बताया कि विमान अपहरण रोधी और आपातकालीन प्रतिक्रिया अभ्यास में सुरक्षा बलों, हवाई अड्डे के कर्मचारियों और अन्य संबंधित विभागों के कर्मियों ने भाग लिया। उन्होंने बताया कि इस अभ्यास का उद्देश्य अपहरण या अन्य आपात स्थितियों से निपटने की तैयारी और समन्वय का आकलन करना था। अधिकारियों के मुताबिक, इसके साथ ही एयरफील्ड पर्यावरण प्रबंधन बैठक में स्वच्छता और हवाई अड्डे के आसपास पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं को कम करने की रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित किया गया। उन्होंने बताया कि एरोड्रम समिति की बैठक में अधिकारियों ने यात्री सुविधाओं, हवाई अड्डे के संचालन और सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा की। जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर ने बताया, “कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा न केवल क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ावा दे रहा है बल्कि बौद्ध पर्यटन के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में भी उभर रहा है। इन बैठकों और अभ्यासों के माध्यम से, हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि हवाई अड्डा सुरक्षित, पर्यावरण की दृष्टि से सतत और यात्रियों के अनुकूल बना रहे।” पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा ने बताया, “सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। विमान अपहरण रोधी एवं आपातकालीन ‘मॉक ड्रिल' ने किसी भी अप्रत्याशित स्थिति में तेजी और प्रभावी ढंग से जवाब देने की हमारी तैयारी को और मजबूत किया है।
- पुरी/भुवनेश्वर, पुरी में भगदड़ में तीन लोगों की मौत और 50 अन्य के घायल हो जाने के एक दिन बाद ओडिशा की विकास आयुक्त (डीसी) अनु गर्ग ने सोमवार को इस घटना की प्रशासनिक जांच शुरू कर दी। इस बीच, ओडिशा मानवाधिकार आयोग (ओएचआरसी) ने सोमवार को जिला प्रशासन और पुलिस से भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए उचित कदम उठाने को कहा। गर्ग को पुरी में रथ यात्रा के दौरान श्री गुंडिचा मंदिर के पास हुई भगदड़ की घटना की जांच सौंपी गई है। उन्होंने पुरी का दौरा किया और उस जगह का निरीक्षण किया जहां भगदड़ हुई थी। गर्ग अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) भी हैं। गर्ग ने पुरी में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ आज मैंने उस जगह को देखा जहां रविवार सुबह भगदड़ मची थी।मैंने घटना से जुड़े लोगों से भी बात की है। मुझे मामले की जांच के लिए 30 दिन का समय दिया गया है।'' विकास आयुक्त ने यह भी कहा, ‘‘मैं उन परिस्थितियों की भी जांच करूंगी जिनके तहत ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी। मैं यह भी देखूंगी कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए और क्या उपाय किए जा सकते हैं।'' घटनास्थल की पुष्टि करने के अलावा, गर्ग ने श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक, आईएएस अधिकारी अरबिंद पाधी से भी प्रारंभिक चर्चा की। पाधी अनुष्ठानों सहित रथ यात्रा के विभिन्न पहलुओं की देखरेख करते हैं। इसके अलावा, गर्ग ने पुरी जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से भी बात की।उन्होंने पुलिस अधिकारियों, जगन्नाथ मंदिर पुलिस (जेटीपी) के कर्मियों, वरिष्ठ सेवादारों और कुछ मीडियाकर्मियों से भी प्रारंभिक चर्चा की। गर्ग ने सोमवार को पुरी का अपना पहला दौरा पूरा कर लिया। सूत्रों ने बताया कि वह आठ जुलाई को रथ यात्रा उत्सव के समापन के बाद जांच का अगला चरण शुरू करेंगी। वह एक महीने में भगदड़ की घटना पर मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी को रिपोर्ट सौंपेंगी।राज्य भर में आक्रोश पैदा करने वाली इस दुखद घटना से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए मानवाधिकार आयोग ने पुरी के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक (एसपी) को नोटिस जारी कर कहा कि वे ओएचआरसी को बताएं कि आखिर किस वजह से अचूक सुरक्षा व्यवस्था होने के बावजूद भगदड़ मची। ओएचआरसी ने अधिकारियों को घायल व्यक्तियों को उचित स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने का भी निर्देश दिया .
- नयी दिल्ली. खाना पकाने में उपयोग होने वाले ईंधन से उत्पन्न वायु प्रदूषण के संपर्क में आने वाली महिलाओं को पुरुषों की अपेक्षा अधिक संज्ञानात्मक हानि की आशंका होती है। बेंगलुरु स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) के एक अध्ययन में यह जानकारी दी गई है। यह अध्ययन प्रतिष्ठित पत्रिका द लैंसेट रीजनल हेल्थ – साउथईस्ट एशिया में प्रकाशित हुआ है। इसमें कर्नाटक के श्रीनिवासपुरा कस्बे के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले वृद्धों के मस्तिष्क के ‘एमआरआई स्कैन' का विश्लेषण किया गया, जिसमें यह पता चला कि महिलाओं के मस्तिष्क पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने का खतरा अधिक हो सकता है। इस संबंध में अध्ययन करने वाली टीम में अमेरिका के शिकागो विश्वविद्यालय के शोधकर्ता भी शामिल थे।अध्ययन में यह पाया गया कि खाना पकाने के लिए ठोस ईंधन को जलाने से, विशेष रूप से कम हवादार स्थानों में वायु प्रदूषक निकल सकते हैं, जैसे कार्बन, नाइट्रोजन, सल्फर और भारी धातुओं के ऑक्साइड। उन्होंने कहा कि प्रदूषक विभिन्न प्रक्रियाओं के माध्यम से मस्तिष्क को प्रभावित करते हैं, जिनमें से प्रमुख हैं सूजन और ‘ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस'। शोधकर्ताओं ने 45 वर्ष और उससे अधिक आयु के 4,100 से अधिक लोगों का विश्लेषण किया।उन्होंने बताया कि संज्ञानात्मक हानि (कॉग्निटिव इम्पेयरमेंट) स्मृति, तर्क करने की क्षमता और भाषा (बोलने) को प्रभावित करती है। यह स्थिति डिमेंशिया और अल्ज़ाइमर जैसी बीमारियों से पहले भी हो सकती है, जिनमें प्रभावित व्यक्ति को रोज़मर्रा के सामान्य कार्य करने में कठिनाई होती है।
- नयी दिल्ली. केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने सोमवार को कहा कि वह विभिन्न पदों पर तैनात 12 हजार से अधिक महिला कर्मियों की शिकायतों और समस्याओं के समाधान के लिए एक विशेष डेस्क स्थापित कर रहा है। बल के प्रवक्ता ने बताया कि यह डेस्क दिल्ली में सीआईएसएफ मुख्यालय में स्थित होगा और यह ‘विशेष रूप से' उनके मुद्दों और शिकायतों का समाधान करेगा। लगभग 1.80 लाख कर्मियों वाले इस बल में 12,510 महिला कार्मिक हैं, जो इसकी कुल संख्या का लगभग आठ प्रतिशत है। इस प्रकार केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन कार्यरत सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) में प्रतिशत के हिसाब से ये सबसे अधिक महिला कर्मियों वाला बल है। प्रवक्ता के अनुसार, यह पहली बार है कि कुल 16 महानिरीक्षक (आईजी) रैंक के अधिकारियों में चार महिलाएं हैं। प्रवक्ता ने कहा, ‘‘यह नेतृत्व में लैंगिक समानता की दिशा में महत्वपूर्ण बदलाव है।''‘लैंगिक समानता' की दिशा में अपनी पहल के तहत बल इस वर्ष खेल भर्ती अभियान भी चला रहा है, जिसमें 229 महिलाओं और 204 पुरुषों की भर्ती की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद सीआईएसएफ खेल टीम की कुल संख्या 26 से बढ़कर 60 हो जाएगी, जिनमें 31 पुरुष टीम और 29 महिला टीम होंगी।
- मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को ऑनलाइन धोखाधड़ी से निपटने और वित्तीय क्षेत्र में साइबर सुरक्षा बढ़ाने के लिए जोखिम-आधारित पर्यवेक्षण, सतर्क रुख और कृत्रिम मेधा (एआई) को लेकर सजग सुरक्षा रणनीतियों को अपनाने का सुझाव दिया है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि कि सृजन से जुड़े एआई संचालित तरीकों के माध्यम से धोखाधड़ी के नये स्वरूप विकसित हो रहे हैं। इसमें धोखाधड़ी के इरादे से भेजे जाने वाले ई-मेल, संदेश और ‘डीपफेक' शामिल हैं। आरबीआई की छमाही वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) में कहा गया, ‘‘डिजिटल वित्तीय सेवाओं, क्लाउड-आधारित बुनियादी ढांचे और विभिन्न क्षेत्रों में परस्पर जुड़ी प्रणालियों का उपयोग बढ़ रहा है।इसके साथ साइबर हमले का जोखिम भी तेजी से बढ़ा है।'' रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय संस्थाओं और प्रौद्योगिकी सेवा प्रदाताओं के बीच प्रणाली के स्तर पर जुड़ाव को देखते हुए, भरोसा, स्थिरता और कारोबारी निरंतरता बनाये रखने के लिए साइबर मजबूती को सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। संगठनों की अपने व्यावसायिक संचालन के लिए तीसरे पक्ष के सेवा प्रदाताओं पर निर्भरता तेजी से बढ़ रही है। इसलिए आपूर्ति श्रृंखला में कमजोरी प्रणाली के स्तर पर जोखिम पैदा कर सकती है। इसके अलावा, कुछ प्रमुख आईटी और क्लाउड सेवा प्रदाताओं पर अत्यधिक निर्भरता की स्थिति ने भी समस्या पैदा की है।इससे वित्तीय नुकसान का जोखिम बढ़ा है।रिपोर्ट में कहा गया है कि एक प्रणाली में समस्या तेजी से पूरे नेटवर्क में फैल सकती है, जिससे कई संस्थाएं प्रभावित हो सकती हैं। इस संदर्भ में, साइबर सुरक्षा, सुरक्षा संचालन केंद्र (एसओसी) की दक्षता, जोखिम-आधारित पर्यवेक्षण, सर्तक दृष्टिकोण और एआई-सजग रक्षा रणनीतियों पर निर्भर करेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि डिजिटल लेनदेन में तेज वृद्धि से सुविधा और दक्षता बढ़ाने में मदद मिली है, लेकिन इसके साथ ही वित्तीय धोखाधड़ी में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
- मुजफ्फरनगर. मुजफ्फरनगर जिले में खटीमा-पानीपत राजमार्ग पर फ्लाईओवर से कार गिरने से गुजरात के चार तीर्थयात्रियों की मौत हो गई और एक गंभीर रूप से घायल हो गया। पुलिस ने यह जानकारी दी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) संजय कुमार के अनुसार, यह दुर्घटना चपर थाना क्षेत्र के रामपुर तिराहा के पास हुई। तीर्थयात्रियों कार से केदारनाथ जा रहे थे। पुलिस ने बताया कि वाहन अनियंत्रित हो गया और फ्लाईओवर से नीचे खेतों में जा गिरा।पुलिस के अनुसार मृतकों की पहचान भरत (22), अमित (24), करण (26) और विपुल (21) के रूप में हुई है। ये सभी गुजरात के गांधीनगर के तारापुर से थे। पुलिस ने बताया कि पांचवां यात्री गंभीर रूप से घायल हो गया और उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया। पुलिस ने बताया कि सूचना मिलने पर पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और बचाव अभियान संचालित किया।
- कुशीनगर. उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा के लिए सोमवार को ‘मॉक ड्रिल' की गयी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इसके अलावा सुरक्षा, संचालन और पर्यावरण प्रबंधन की समीक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण बैठकें आयोजित की गईं। जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर और पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा की देखरेख में टर्मिनल बिल्डिंग के अंदर ‘मॉक ड्रिल' की गई। अधिकारियों ने बताया कि विमान अपहरण रोधी और आपातकालीन प्रतिक्रिया अभ्यास में सुरक्षा बलों, हवाई अड्डे के कर्मचारियों और अन्य संबंधित विभागों के कर्मियों ने भाग लिया।उन्होंने बताया कि इस अभ्यास का उद्देश्य अपहरण या अन्य आपात स्थितियों से निपटने की तैयारी और समन्वय का आकलन करना था। अधिकारियों के मुताबिक, इसके साथ ही एयरफील्ड पर्यावरण प्रबंधन बैठक में स्वच्छता और हवाई अड्डे के आसपास पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं को कम करने की रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित किया गया। उन्होंने बताया कि एरोड्रम समिति की बैठक में अधिकारियों ने यात्री सुविधाओं, हवाई अड्डे के संचालन और सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा की। जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर ने बताया, “कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा न केवल क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ावा दे रहा है बल्कि बौद्ध पर्यटन के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में भी उभर रहा है।इन बैठकों और अभ्यासों के माध्यम से, हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि हवाई अड्डा सुरक्षित, पर्यावरण की दृष्टि से सतत और यात्रियों के अनुकूल बना रहे।” पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा ने बताया, “सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। विमान अपहरण रोधी एवं आपातकालीन ‘मॉक ड्रिल' ने किसी भी अप्रत्याशित स्थिति में तेजी और प्रभावी ढंग से जवाब देने की हमारी तैयारी को और मजबूत किया है।”--
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भुवनेश्वर. ओडिशा पुलिस ने सोमवार को कंधमाल जिले में दो माओवादियों को मार गिराया और उनके ठिकाने से हथियार और गोला-बारूद जब्त किया। मारे गए माओवादियों की पहचान मनकू और चंदन के रूप में हुई है। मनकू प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) में एरिया कमेटी सदस्य (एसीएम) था, जबकि चंदन संगठन का सदस्य था। पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सुरक्षाकर्मियों ने दो शव बरामद करने के अलावा मौके से एक राइफल भी जब्त की है। रिवॉल्वर, कारतूस, वॉकी-टॉकी सेट, बैटरी और अन्य सामान भी जब्त किया गया है। बालीगुडा थाना क्षेत्र में एक संरक्षित वन के पास कुछ माओवादियों की मौजूदगी की गुप्त सूचना के आधार पर जिला स्वैच्छिक बल (डीवीएफ) ने अभियान शुरू किया। बयान में कहा गया, "आज दोपहर के समय डीवीएफ जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। गोलीबारी में मनकू और चंदन मारे गए। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर इलाके में अभियान तेज कर दिया है।" ओडिशा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वाई बी खुरानिया ने सफल अभियान के लिए कंधमाल के पुलिस अधीक्षक हरीश बी सी और डीवीएफ के सदस्यों को बधाई दी।
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नयी दिल्ली/ केंद्र ने विशेष रूप से बढ़ती जलवायु चुनौतियों के मद्देनजर समुदाय आधारित भूजल प्रबंधन में सुधार करने और जल संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने में अटल भूजल योजना की सफलता का हवाला देते हुए इसका पूरे देश में विस्तार करने की आवश्यकता पर बल दिया है। यह योजना अटल जल नाम से लोकप्रिय है।
यहां अटल जल की राष्ट्रीय स्तरीय संचालन समिति (एनएलएससी) की आठवीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग की सचिव देबाश्री मुखर्जी ने इस योजना को एक ‘अद्वितीय और अग्रणी पहल' बताया, जिसने स्थानीय समुदायों को भूजल उपयोग का स्वामित्व अपने हाथों में लेने के लिए सशक्त बनाया है। मुखर्जी ने जल चक्र पर जलवायु परिवर्तन के बिगड़ते प्रभाव की ओर इशारा करते हुए, राष्ट्रीय स्तर पर अटल जल को मुख्यधारा में लाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने सभी ग्राम पंचायतों में अनिवार्य जल बजट की वकालत की और बैठक में भाग लेने वाले राज्यों से इस योजना के तहत स्थापित बुनियादी ढांचे के लिए दीर्घकालिक संचालन और रखरखाव योजनाएं विकसित करने की अपील की। मुखर्जी ने राज्यों को सफल प्रायोगिक परियोजनाओं को दोहराने तथा कार्यान्वयन के दौरान विकसित ज्ञान और कौशल का उपयोग जल संरक्षण की अन्य पहलों को बढ़ाने के लिए करने के लिए भी प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा,‘‘समुदायों को भूजल प्रबंधन में केंद्रीय भूमिका निभानी चाहिए।'' -
नयी दिल्ली. रेल मंत्रालय ने एक जुलाई से मेल और एक्सप्रेस ट्रेन में गैर-वातानुकूलित श्रेणी के किराए में एक पैसा प्रति किलोमीटर और सभी वातानुकूलित श्रेणी में दो पैसा प्रति किलोमीटर की वृद्धि की है। मंत्रालय ने सोमवार को एक आधिकारिक परिपत्र जारी कर यह जानकारी दी। मंत्रालय के अधिकारियों ने ट्रेन के किराए में प्रस्तावित संशोधन के संबंध में 24 जून को संकेत दिए थे।
हालांकि, ट्रेन और श्रेणियों के अनुसार किराया सूची के साथ आधिकारिक परिपत्र सोमवार को जारी किया गया। दैनिक यात्रियों के हित में उपनगरीय ट्रेन और मासिक पास टिकट के किराए में कोई बदलाव नहीं किया गया है। साधारण द्वितीय श्रेणी का किराया 500 किलोमीटर तक नहीं बढ़ाया गया है और इससे अधिक दूरी के लिए टिकट की कीमत में आधा पैसा प्रति किलोमीटर की वृद्धि की गई है। साधारण शयनयान श्रेणी और प्रथम श्रेणी के यात्रियों को भी एक जुलाई से रेल यात्रा के लिए प्रति किलोमीटर आधा पैसा अधिक देना होगा।
मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘किराया संशोधन प्रमुख और विशेष ट्रेन सेवाओं, जैसे राजधानी, शताब्दी, दुरंतो, वंदे भारत, तेजस, हमसफर, अमृत भारत, महामना, गतिमान, अंत्योदय, जन शताब्दी, युवा एक्सप्रेस, एसी विस्टाडोम कोच, अनुभूति कोच और सामान्य गैर-उपनगरीय सेवाओं पर भी लागू होता है।'' इसमें कहा गया है, ‘‘संशोधित किराया एक जुलाई 2025 को या उसके बाद बुक किए गए टिकटों पर लागू होगा। इस तिथि से पहले जारी किए गए टिकट बिना किसी किराया समायोजन के मौजूदा किराए पर वैध रहेंगे। पीआरएस, यूटीएस और मैनुअल टिकटिंग सिस्टम को तदनुसार अपडेट किया जा रहा है।'' मंत्रालय के अनुसार, आरक्षण शुल्क, सुपरफास्ट अधिभार और अन्य शुल्क अपरिवर्तित रहेंगे। इसी प्रकार, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू नियमों के अनुसार वसूला जाता रहेगा।
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नई दिल्ली। ‘अंतरराष्ट्रीय संसदीय दिवस’ की लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू समेत कई नेताओं ने बधाई दी। उन्होंने कहा कि गर्व है कि हम इस लोकतांत्रिक यात्रा का हिस्सा हैं।
अंतरराष्ट्रीय संसदीय दिवस’ पर समस्त सांसदों एवं जनप्रतिनिधियों को हार्दिक शुभकामनाएंलोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने एक्स पर लिखा, “‘अंतरराष्ट्रीय संसदीय दिवस’ पर समस्त सांसदों एवं जनप्रतिनिधियों को हार्दिक शुभकामनाएं। जनता की आकांक्षाओं को स्वर देने, सरकारों को जवाबदेह बनाने और मानवाधिकारों की रक्षा में विश्व भर में संसदों की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। भारत में संसद न केवल विधायी कार्यों की सर्वोच्च संस्था है, अपितु यह हमारी लोकतांत्रिक चेतना, विविधता में एकता तथा संवैधानिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता का भी प्रतीक है। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की सर्वोच्च प्रतिनिधि संस्था के रूप में भारतीय संसद ने अपनी समृद्ध संवैधानिक परंपराओं, पारदर्शिता व उत्तरदायित्व के सिद्धांतों के माध्यम से राष्ट्र की एकता, अखंडता और सम्प्रभुता को सदैव सुदृढ़ रखा है। इस विशेष अवसर पर हम राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए, लोकतांत्रिक मूल्यों, विधि के शासन तथा जनता के प्रति संसद की उत्तरदायित्वशीलता को और अधिक सुदृढ़ करने का संकल्प दोहराते हैं।”केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा गर्व है कि हम इस लोकतांत्रिक यात्रा का हिस्सा हैं, जहां जवाबदेही और जन-आकांक्षाएं साथ चलती हैंकेंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “‘अंतरराष्ट्रीय संसदीय दिवस’ हमें यह याद दिलाता है कि हर सवाल जो पूछा जाता है, हर जवाब जो दिया जाता है, और हर कानून जो पास होता है, उसमें हमारे लोगों की उम्मीदें जुड़ी होती हैं। गर्व है कि हम इस लोकतांत्रिक यात्रा का हिस्सा हैं, जहां जवाबदेही और जन-आकांक्षाएं साथ चलती हैं।”संसदीय प्रणाली न केवल शासन का माध्यम है, बल्कि जनता की आकांक्षाओं और विश्वास की बुनियाद भी हैउत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम और भाजपा नेता केशव प्रसाद मौर्य ने इस दिवस को जनता की आकांक्षाओं और विश्वास की बुनियाद बताते हुए लिखा, “‘अंतरराष्ट्रीय संसदीय दिवस’ के अवसर पर समस्त जनप्रतिनिधियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। यह दिन लोकतंत्र की उस भावना को सजीव करता है, जिसमें जनता सर्वोपरि होती है और जनहित सबसे बड़ा कर्तव्य। संसदीय प्रणाली न केवल शासन का माध्यम है, बल्कि जनता की आकांक्षाओं और विश्वास की बुनियाद भी है। आइए, इस अवसर पर जन-सेवा, जवाबदेही और संवैधानिक मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को और सशक्त करें।”जन सुलभ व जनसेवा को समर्पित देश व प्रदेश के समस्त जनप्रतिनिधियों, देवतुल्य जनमानस को अंतरराष्ट्रीय संसदीय दिवस की हार्दिक शुभकामनाएंराजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने एक्स पर लिखा, “जन सुलभ व जनसेवा को समर्पित देश व प्रदेश के समस्त जनप्रतिनिधियों, देवतुल्य जनमानस को अंतरराष्ट्रीय संसदीय दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। यह अवसर जनप्रतिनिधियों को उनके जनसरोकारों के प्रति संकल्पबद्ध करता है तथा लोकतांत्रिक व्यवस्था के केंद्र में विधायी निकायों की सक्रिय व सकारात्मक भूमिका का स्मरण दिलाता है।”समस्त जनप्रतिनिधियों एवं देश-प्रदेशवासियों को अंतरराष्ट्रीय संसदीय दिवस की हार्दिक शुभकामनाएंबिहार विधानसभा के अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने भी ‘अंतरराष्ट्रीय संसदीय दिवस’ की बधाई दी। उन्होंने एक्स पर लिखा, “समस्त जनप्रतिनिधियों एवं देश-प्रदेशवासियों को अंतरराष्ट्रीय संसदीय दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। लोकतंत्र के इस स्तंभ को सशक्त बनाने में आपका योगदान सराहनीय है।” राजस्थान से भाजपा सांसद सीपी जोशी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “‘अंतरराष्ट्रीय संसदीय दिवस’ पर संसदीय कार्य प्रणाली से जुड़े सभी जन सेवकों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। -
नई दिल्ली। प्रौद्योगिकी से पशु चिकित्सा और देखभाल में क्रांतिकारी बदलाव आ सकता है। जीनोम एडिटिंग, भ्रूण स्थानांतरण तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और बिग डेटा एनालिटिक्स जैसी तकनीकों का उपयोग इस क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।
सोमवार को उत्तर प्रदेश के बरेली में भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) के दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेने पहुंची राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि मनुष्य का वनों और वन्य जीवों के साथ सह-अस्तित्व का रिश्ता है। उन्होंने कहा कि कई प्रजातियां या तो विलुप्त हो चुकी हैं या विलुप्त होने की कगार पर हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन प्रजातियों का संरक्षण जैव विविधता और पृथ्वी के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। कोरोना महामारी ने मानव जाति को चेतावनी दी है कि उपभोग पर आधारित संस्कृति न केवल मानव जाति को बल्कि अन्य जीवों और पर्यावरण को भी अकल्पनीय नुकसान पहुंचा सकती है।राष्ट्रपति ने कहा कि आज दुनिया भर में ‘वन हेल्थ’ की अवधारणा को महत्व मिल रहा है। मनुष्य, पालतू और जंगली जानवर, वनस्पतियां और व्यापक पर्यावरण सभी एक दूसरे पर निर्भर हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रमुख पशु चिकित्सा संस्थान के रूप में आईवीआरआई इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, खासकर जूनोटिक बीमारियों की रोकथाम और नियंत्रण में। उन्होंने आईवीआरआई जैसे संस्थानों से पशुओं के लिए स्वदेशी और कम लागत वाले उपचार और पोषण खोजने की अपील की।दीक्षांत समारोह में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि देश के प्रत्येक जिले में वैज्ञानिकों की 2,000 टीमें भेजी जाएंगी। वह स्थानीय किसानों को आधुनिक कृषि, उन्नत नस्लों, तकनीकी खेती और बागवानी के विषय में जानकारी देंगी। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक अब सिर्फ लैब में सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि खेत और खलिहान तक जाकर किसानों से जुड़ेंगे। उन्होंने बताया कि देश में 300 से अधिक अभिनव कृषि प्रयोग किसानों ने खुद किए हैं, जिनमें वैज्ञानिकों के सहयोग से और अधिक परिष्कृत करने की आवश्यकता है।दीक्षांत समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आईवीआरआई द्वारा विकसित टीके ने उत्तर प्रदेश को लंपी स्किन डिज़ीज से मुक्त कराने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने बताया कि इस बीमारी की दूसरी लहर के दौरान जब गोवंश बुरी तरह प्रभावित हुआ, तब आईवीआरआई द्वारा विकसित टीके ने उत्तर प्रदेश को संक्रमण से मुक्त कराने में अहम भूमिका निभाई। -
नई दिल्ली। भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने बिहार की 2003 की मतदाता सूची अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दी है। इस सूची में 4.96 करोड़ मतदाताओं के नाम हैं। इससे विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में काफी आसानी होगी, क्योंकि अब करीब 60 प्रतिशत मतदाताओं को कोई अतिरिक्त दस्तावेज जमा नहीं करना पड़ेगा। चुनाव आयोग के 24 जून 2025 के निर्देशों के अनुसार, 2003 की मतदाता सूची को मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ), जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) और निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) द्वारा बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) को हार्ड कॉपी में उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही, यह सूची ऑनलाइन भी उपलब्ध होगी, ताकि कोई भी व्यक्ति इसे डाउनलोड कर सके और मतदाता सूची में नाम जोड़ने या संशोधन के लिए फॉर्म के साथ इसका उपयोग कर सके।
जिन मतदाताओं के नाम 2003 की सूची में हैं, उन्हें केवल अपने विवरण सत्यापित करने और फॉर्म जमा करने की जरूरत होगीइस सुविधा से मतदाताओं और बीएलओ दोनों को फायदा होगा। जिन मतदाताओं के नाम 2003 की सूची में हैं, उन्हें केवल अपने विवरण सत्यापित करने और फॉर्म जमा करने की जरूरत होगी। इसके अलावा, जिन लोगों का नाम इस सूची में नहीं हैं, लेकिन उनके माता-पिता के नाम हैं, उन्हें अपने माता-पिता के लिए कोई अतिरिक्त दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होगी। ऐसे मतदाताओं को केवल अपने लिए दस्तावेज जमा करने होंगे।चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और मतदाता पंजीकरण नियम 1960 के तहत हर चुनाव से पहले मतदाता सूची में संशोधन जरूरी हैचुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और मतदाता पंजीकरण नियम 1960 के तहत हर चुनाव से पहले मतदाता सूची में संशोधन जरूरी है। पिछले 75 वर्षों से आयोग वार्षिक आधार पर गहन और संक्षिप्त संशोधन करता रहा है। यह प्रक्रिया इसलिए जरूरी है, क्योंकि मतदाता सूची में लगातार बदलाव अपरिहार्य है। मृत्यु, प्रवास, शादी, नौकरी, शिक्षा या 18 वर्ष की आयु पूरी करने जैसे कारणों से इसमें बदलाव होते रहते हैं। संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार, 18 वर्ष से अधिक उम्र के भारतीय नागरिक, जो उस निर्वाचन क्षेत्र के निवासी हों, मतदाता के रूप में पंजीकरण के पात्र हैं। यह कदम मतदाता सूची को पारदर्शी बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। -
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु आज सोमवार को उत्तर प्रदेश के बरेली में भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) के दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति ‘ईशावास्यम् इदं सर्वम्’ के जीवन मूल्य पर आधारित है, जो सभी जीवों में ईश्वर की उपस्थिति को देखती है। हमारे देवताओं और ऋषियों द्वारा पशुओं से संवाद करने की मान्यता भी इसी सोच पर आधारित है।
राष्ट्रपति मुर्मु ने आईवीआरआई दीक्षांत समारोह में छात्रों को संदेश देते हुए कहा कि मनुष्य का वनों और वन्य जीवों के साथ सह-अस्तित्व का रिश्ता है। कई प्रजातियां या तो विलुप्त हो चुकी हैं या विलुप्त होने की कगार पर हैं।उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन प्रजातियों का संरक्षण जैव विविधता और पृथ्वी के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। ईश्वर ने मनुष्य को जो सोचने-समझने की शक्ति दी है, उसका उपयोग सभी जीवों के कल्याण के लिए किया जाना चाहिए। कोरोना महामारी ने मानव जाति को चेताया है कि उपभोग पर आधारित संस्कृति न केवल मानव जाति को बल्कि अन्य जीव-जंतुओं और पर्यावरण को भी अकल्पनीय क्षति पहुंचा सकती है।उन्होंने कहा कि आज दुनिया भर में ‘एक स्वास्थ्य’ की अवधारणा को महत्व मिल रहा है। यह अवधारणा मानती है कि मनुष्य, पालतू और जंगली जानवर, वनस्पतियां और व्यापक पर्यावरण सभी एक-दूसरे पर निर्भर हैं। हमें पशु कल्याण के लिए प्रयास करना चाहिए। एक प्रमुख पशु चिकित्सा संस्थान के रूप में आईवीआरआई इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, खासकर जूनोटिक बीमारियों की रोकथाम और नियंत्रण में।राष्ट्रपति ने कहा कि अन्य क्षेत्रों की तरह प्रौद्योगिकी में पशु चिकित्सा और देखभाल में भी क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता है। प्रौद्योगिकी के उपयोग से देश भर के पशु चिकित्सालयों को सशक्त बनाया जा सकता है। जीनोम एडिटिंग, भ्रूण स्थानांतरण तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और बिग डेटा एनालिटिक्स जैसी तकनीकों का उपयोग इस क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।उन्होंने आईवीआरआई जैसे संस्थानों से पशुओं के लिए स्वदेशी और कम लागत वाले उपचार और पोषण खोजने की अपील की। उन्होंने कहा कि उन्हें उन दवाओं के विकल्प भी तलाशने चाहिए, जिनके दुष्प्रभाव न केवल पशुओं, बल्कि मनुष्यों और पर्यावरण को भी प्रभावित करते हैं।राष्ट्रपति मुर्मु ने आईवीआरआई के छात्रों की इस बात के लिए सराहना की कि उन्होंने बेजुबान जानवरों के इलाज और उनके कल्याण को अपना करियर चुना है। उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि वे अपने जीवन और करियर में किसी दुविधा की स्थिति में उन जानवरों के बारे में सोचें। इससे उन्हें सही रास्ता मिलेगा।उन्होंने छात्रों से उद्यमी बनने और पशु विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में स्टार्ट-अप स्थापित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस प्रयास से वे न केवल जरूरतमंदों को रोजगार दे पाएंगे, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में भी योगदान दे पाएंगे। -
नई दिल्ली। चार धाम यात्रा पर रविवार को 24 घंटे का प्रतिबंध लगाया गया था, जिसे अब हटा लिया गया है। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि चार धाम यात्रा पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया गया है और यात्रा एक बार फिर शुरू हो गई है।
यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले जिलों के जिलाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में मौसम की स्थिति के अनुसार वाहनों को रोकने या आगे बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैंगढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया कि चार धाम यात्रा पर लगाया गया 24 घंटे का प्रतिबंध अब हटा लिया गया है। उन्होंने कहा कि यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले जिलों के जिलाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में मौसम की स्थिति के अनुसार वाहनों को रोकने या आगे बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।संबंधित जिलों के प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा गया है और बचाव और राहत दल सक्रिय कर दिए गए हैंबता दें कि उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलन के बढ़ते खतरे को देखते हुए रविवार को चार धाम यात्रा एक दिन के लिए स्थगित कर दी गई है। यात्रा स्थगित करने की जानकारी देते हुए गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने रविवार को बताया कि लगातार भारी बारिश और भूस्खलन की आशंका को देखते हुए चारधाम यात्रा एक दिन के लिए स्थगित कर दी गई है।लोगों और संपत्ति की सुरक्षा के लिए यह एहतियाती कदम उठाया गया हैलोगों और संपत्ति की सुरक्षा के लिए यह एहतियाती कदम उठाया गया है। उन्होंने तीर्थयात्रियों से आग्रह किया कि वे जहां हैं, वहीं रहें और स्थिति में सुधार होने तक केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा करने से बचें। संबंधित जिलों के प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा गया है और बचाव और राहत दल सक्रिय कर दिए गए हैं।श्रद्धालुओं से कहा गया है कि वे प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और मौसम सामान्य होने तक यात्रा स्थलों के लिए रवाना न होंउन्होंने कहा, “मौसम की स्थिति और मार्गों की समीक्षा के बाद आगे की यात्रा के बारे में निर्णय लिया जाएगा। श्रद्धालुओं से कहा गया है कि वे प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और मौसम सामान्य होने तक यात्रा स्थलों के लिए रवाना न हों।”चार धाम यात्रा करने आए श्रद्धालुओं को मौसम संबंधी जानकारी लेने के बाद ही अपनी यात्रा शुरू करने और यात्रा के दौरान सतर्क रहने की अपील की गई हैगौरतलब है कि बीते कुछ दिनों से हो रही बारिश और भूस्खलन के कारण कई जगह मार्ग अवरुद्ध हैं। चार धाम यात्रा करने आए श्रद्धालुओं को मौसम संबंधी जानकारी लेने के बाद ही अपनी यात्रा शुरू करने और यात्रा के दौरान सतर्क रहने की अपील की गई है। प्रदेश के आपदा प्रबंधन सचिव ने भी लोगों को बारिश के दौरान गैर-जरूरी यात्रा से बचने की सलाह दी है।








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