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नई दिल्ली। गोवा 30 अक्टूबर से 27 नवंबर के बीच फिडे विश्व कप की मेजबानी करेगा। शतरंज की वैश्विक नियामक संस्था ने मंगलवार को इसकी घोषणा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुशी जाहिर करते हुए उम्मीद जताई है कि इस टूर्नामेंट में रोमांचक मुकाबले देखने को मिलेंगे।
पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, “भारत को प्रतिष्ठित फिडे वर्ल्ड कप 2025 की मेजबानी करने पर बेहद खुशी है, और वह भी दो दशकों से ज्यादा समय के बाद। शतरंज हमारे युवाओं के बीच लोकप्रियता हासिल कर रहा है। मुझे यकीन है कि इस टूर्नामेंट में रोमांचक मुकाबले देखने को मिलेंगे और दुनियाभर के शीर्ष खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे।”शुरुआत में नई दिल्ली को मेजबान स्थल माना जा रहा था, लेकिन लॉजिस्टिक संबंधी चिंताओं के कारण फैसला बदला गया और आखिरकार फिडे ने गोवा को आयोजन स्थल के रूप में चुना। कुल 206 प्रतिभागी गोवा में आठ राउंड के नॉकआउट मुकाबलों में भिड़ते हुए दो मिलियन अमेरिकी डॉलर की प्राइज मनी जीतने की कोशिश करेंगे। यह टूर्नामेंट विन-ऑर-गो-होम फॉर्मेट में खेला जाएगा, जिसने लंबे समय से वर्ल्ड कप को खेल जगत का सबसे रोमांचक आयोजन बना दिया है।शीर्ष 50 वरीय खिलाड़ियों को पहले दौर से छूट मिलेगी, जबकि शेष खिलाड़ी अपने अभियान की शुरुआत राउंड 1 से करेंगे। प्रत्येक मुकाबला दो क्लासिकल गेम्स पर आधारित होगा। अगर नतीजा नहीं निकलता, तो टाई-ब्रेकर के लिए रैपिड और ब्लिट्ज मुकाबले खेले जाएंगे।पुरस्कार राशि और खिताबों के अलावा, विश्व कप में बहुत कुछ दांव पर लगा है। शीर्ष तीन खिलाड़ी 2026 के कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई करेंगे, जो विश्व चैंपियनशिप के ताज के लिए दावेदार का निर्धारण करता है।भारत ने इस टूर्नामेंट का दूसरा संस्करण साल 2002 में हैदराबाद में आयोजित किया था। विश्वनाथन आनंद ने वर्ष 2000 और 2002 में विश्व कप के शुरुआती दो संस्करण जीते थे। वहीं, 2023 में बाकू (अजरबैजान) में खेले गए विश्व कप में भारत के आर. प्रज्ञानानंद दूसरे स्थान पर रहे, जबकि नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन चैंपियन बने थे। हालांकि, इस बार प्रतिष्ठित आयोजन में पांच बार के चैंपियन मैग्नस कार्लसन के हिस्सा लेने की संभावना कम है। - नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर 26 अगस्त को हुए भूस्खलन के बाद केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज बुधवार को स्थिति पर अपडेट साझा किया है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि जम्मू संभाग आयुक्त रमेश कुमार उनके लगातार संपर्क में हैं और विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं।पीएम मोदी व्यक्तिगत रूप से स्थिति पर नजर रख रहे हैंउन्होंने बताया कि हम सभी के लिए एक बेहद आश्वस्त करने वाली बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्यक्तिगत रूप से स्थिति पर नजर रख रहे हैं और अपडेट प्राप्त कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू संभाग के मौजूदा हालात पर अपडेट देते हुए बताया कि पुंछ और राजौरी जिलों को छोड़कर पूरे जम्मू संभाग में बारिश जारी है, लेकिन इसकी तीव्रता कम हो गई है।चिनाब नदी अभी भी खतरे के निशान के करीब बह रही हैतवी नदी का जलस्तर कम हुआ है, जो राहत की बात है, लेकिन चिनाब नदी अभी भी खतरे के निशान के करीब बह रही है। तत्काल प्राथमिकता बिजली, पानी की आपूर्ति और मोबाइल सेवाओं की बहाली है, जिसके लिए अधिकारी रात भर लगातार काम कर रहे हैं। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, अर्धसैनिक बल, सेना और वायु सेना के अधिकारी नागरिक प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।स्कूलों और कॉलेज बंदउन्होंने बताया कि स्कूलों और कॉलेजों को बंद रखने का आदेश दिया गया है, और आम जनता को उनकी सुरक्षा के लिए अनावश्यक आवाजाही से बचने की सलाह दी गई है।आगे कहा कि क्षतिग्रस्त संरचनाओं में ऐतिहासिक माधोपुर पुल भी शामिल है, जो 11 मई 1953 को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की इसी पुल के बीचों-बीच गिरफ्तारी के बाद इतिहास का हिस्सा बन गया था। आज सुबह लगभग 3 बजे से इस पुल पर यातायात रोक दिया गया है।प्रशासन ने प्रत्येक जिले के लिए हेल्पलाइन नंबर दिएजनता से अपील है कि बिना घबराए, हम सभी आपस में और अधिकारियों के साथ सहयोग करें। हम सभी के लिए एक बेहद आश्वस्त करने वाली बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्यक्तिगत रूप से स्थिति पर नज़र रख रहे हैं और अपडेट प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रशासन द्वारा प्रत्येक जिले के लिए हेल्पलाइन नंबर दिए गए हैं।
- जम्मू।जम्मू के कटरा स्थित वैष्णो देवी धाम के ट्रैक पर लैंडस्लाइड में मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर बुधवार को 32 हो गया। हादसा मंगलवार को दोपहर 3 बजे पुराने ट्रैक पर अर्धकुमारी मंदिर से कुछ दूर इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास हुआ।कल देर रात तक 7 लोगों के मरने की खबर थी, लेकिन सुबह आंकड़ा बढ़ गया। बड़े-बड़े पत्थर, पेड़ और मलबा में दबने से ज्यादा नुकसान हुआ है। एक चश्मदीद ने बताया- बड़े-बड़े पत्थर अचानक गिरने लगे और सब तबाह हो गया।प्रशासन का कहना है कि 23 से ज्यादा लोग जख्मी हैं। कई लापता हैं। मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है। फिलहाल, इस इलाके में भारी बारिश की वजह से वैष्णो देवी यात्रा स्थगित कर दी गई है।मंगलवार को जम्मू शहर में 24 घंटे से भी कम समय में 250 मिमी से ज्यादा बारिश हुई। इससे कई जगहों पर बाढ़ जैसे हालात हैं। घरों और खेतों में पानी भर गया है। नॉर्दर्न रेलवे ने भी आज जम्मू-कटरा से चलने वाली और यहां रुकने वाली 22 ट्रेनें रद्द की हैं। इसके अलावा 27 ट्रेनों को शॉर्ट टर्मिनेट किया गया है। हालांकि, कटरा-श्रीनगर के बीच ट्रेन सर्विस जारी है।
- नोएडा. उत्तर प्रदेश के नोएडा में साइबर अपराधियों ने वायुसेना के सेवानिवृत्त कर्मचारी को पत्नी और बेटी समेत 36 दिन तक 'डिजिटल अरेस्ट' रखकर उनसे 3.21 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी कर ली। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस के मुताबिक जालसाजों ने पीड़ित परिवार को धनशोधन मामले में आरोपी बताकर खुद को मुंबई पुलिस की अपराध शाखा का अधिकारी बताया और उन्हें गिरफ्तारी का भय दिखाकर ठगी कर ली। पुलिस उपायुक्त (साइबर अपराध) प्रीति यादव ने बताया कि सेक्टर-25 स्थित जलवायु विहार में रहने वाली मलोबिका मित्रा ने मंगलवार को साइबर अपराध थाने में शिकायत दर्ज कराई कि उनके पिता सुबीर मित्रा को 18 जुलाई को अज्ञात नंबर से कॉल आई थी। मलोबिका ने बताया कि पिता सुबीर मित्रा वायुसेना से सेवानिवृत्त हैं तथा वह पिता और मां केया मित्रा के साथ रहती हैं। उन्होंने बताया कि जालसाजों ने खुद को ट्राई का कर्मचारी बताया। पुलिस ने इस सिलसिले में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
- नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को देशवासियों को गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं दी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। पोस्ट में उन्होंने लिखा, “देश-विदेश में रह रहे सभी भारतीयों को गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं! यह महापर्व बुद्धि और विवेक के देवता भगवान श्री गणेश के जन्मोत्सव के रूप में हर्षोल्लास से मनाया जाता है।विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश से मैं प्रार्थना करती हूं कि वे व्यक्ति-निर्माण तथा राष्ट्र-निर्माण के मार्ग की सभी बाधाओं को दूर करते रहें तथा उनके आशीर्वाद से सभी देशवासी, पर्यावरण-अनुकूल जीवन शैली अपनाते हुए, सशक्त भारत के निर्माण में निष्ठा के साथ कार्यरत रहें। गणपति बाप्पा मोरया।”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। पोस्ट में उन्होंने लिखा, “आप सभी को गणेश चतुर्थी की ढेरों शुभकामनाएं। श्रद्धा और भक्ति से भरा यह पावन अवसर हर किसी के लिए शुभकारी हो। भगवान गजानन से प्रार्थना है कि वे अपने सभी भक्तों को सुख, शांति और उत्तम स्वास्थ्य का आशीर्वाद दें। गणपति बाप्पा मोरया।”रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “गणेश चतुर्थी के पावन पर्व पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। विघ्नहर्ता श्री गणेश जी हम सभी के जीवन में सुख, शांति व समृद्धि का संचार करें। उनकी कृपा से भारत निरंतर एकता, सद्भाव और विकास के पथ पर अग्रसर हो। गणपति बाप्पा मोरया।“उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक्स पोस्ट में कहा, “विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश की आराधना के पावन पर्व ‘श्री गणेश चतुर्थी’ की सभी श्रद्धालुओं व प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं! भगवान सिद्धिविनायक सभी को सुख-समृद्धि और आरोग्यता का आशीर्वाद प्रदान करें, यही प्रार्थना है। गणपति बप्पा मोरया।“लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने एक्स पोस्ट में लिखा, श्री गणेश चतुर्थी पर देशवासियों को हार्दिक मंगलकामनाएं। समस्त सिद्धियों के प्रदाता, प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश जी के आशीर्वाद से प्रत्येक जीवन में शुभ-लाभ का संचार हो, हमारा राष्ट्र निरंतर उन्नति के मार्ग पर गतिमान रहे, गौरीसुत श्री गणेश जी से यह प्रार्थना है। ॐ गं गणपतये नमः।“
- नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में हो रही लगातार बारिश के कारण भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने लोगों को अलर्ट किया है। मौसम विभाग ने बुधवार को पूरे इलाके में तेज गरज के साथ बारिश होने की आशंका जताई है। आईएमडी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “जम्मू डीडब्ल्यूआर की बुधवार को भारतीय मानक समय के अनुसार सुबह 5.10 बजे की तस्वीरें पूरे क्षेत्र में व्यापक गरज के साथ बारिश की गतिविधि का संकेत देता है।”मौसम विज्ञान विभाग ने बताया, “जम्मू, आरएस पुरा, सांबा, अखनूर, नगरोटा, कोट भलवाल, बिश्नाह, विजयपुर, पुरमंडल और कठुआ व उधमपुर के कुछ हिस्सों में भारी बारिश, गरज के साथ बारिश और संभावित ओलावृष्टि हो सकती है। रियासी, रामबन, डोडा, बिलावर, कटरा, रामनगर, हीरानगर, गूल, बनिहाल और सांबा व कठुआ जिलों के आसपास के क्षेत्रों में मध्यम वर्षा हो रही है।”विभाग ने बताया, “वर्टिकल प्रोफाइल में 12 किमी तक ऊंचे बादलों के शिखर दिखाई दे रहे हैं, जो गहरे और सक्रिय गरज के साथ बारिश की ओर इशारा करते हैं।यह सिस्टम सामान्यतः पूर्व-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ रहा है, और पहाड़ी इलाकों और तराई क्षेत्रों में बारिश जारी रह सकती है।”लोगों को सतर्क करते हुए उन्होंने कहा, “निवासियों को सलाह दी जाती है कि वे गरज के साथ बारिश के दौरान घर के अंदर रहें, निचले और जलभराव वाले इलाकों से बचें और सुरक्षा के लिए आधिकारिक सलाह का पालन करें।” इससे पहले जम्मू कश्मीर में एक दिन में कुल 361.2 मिमी (36 सेमी) वर्षा दर्ज की गई थी। विभाग ने अनंतनाग, डोडा, जम्मू, किश्तवाड़, कुलगाम, राजौरी, रामबन, रियासी, उधमपुर, सांबा, कठुआ, मीरपुर, पुंछ, शोपियां में बिजली और गरज के साथ मध्यम बारिश (5-15 मिमी/घंटा) की ऑरेंज अलर्ट की चेतावनी दी थी।
- सतना. मध्यप्रदेश के सतना जिले में एक स्कॉर्पियो कार और ऑटो रिक्शा की आमने-सामने की टक्कर में तीन लोगों की मौत हो गई। पुलिस के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह घटना उचेहरा थाना अंतर्गत राम वनगमन पथ पर सोमवार रात हुई, जिसके बाद मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। उचेहरा थाना प्रभारी सतीश मिश्रा ने बताया कि सोमवार रात तकरीबन 10 बजे नौगवां के पास स्कॉर्पियो कार ने ऑटो को जोरदार टक्कर मार दी, जिससे तिपहिया वाहन अनियंत्रित होकर पलट गया और उसमें सवार पप्पू उर्फ अजय कुशवाहा (35) की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।उन्होंने बताया कि इस हादसे में बुरी तरह घायल हुए ऑटो में सवार अरुण कुशवाहा (40) और नंदू कुशवाहा को एम्बुलेंस से उचेहरा अस्पताल ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को सतना जिला चिकित्सालय के लिए रेफर कर दिया गया। अधिकारी ने बताया कि जिला अस्पताल पहुंचने के कुछ देर बाद ही अरुण और नंदू ने दम तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि तीनों शवों का पोस्टमार्टम कर उन्हें परिजनों को सौंप दिया गया है और दोनों वाहनों को जब्त कर कार्रवाई की जा रही है।
- नयी दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि उनका संगठन अपने स्वयंसेवकों और उससे जुड़े संगठनों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नियंत्रित नहीं करता। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संघ कोई दबाव समूह बनाने में नहीं, बल्कि सभी को एकजुट करने में विश्वास रखता है। भागवत ने यहां विज्ञान भवन में "100 वर्ष की संघ यात्रा : नए क्षितिज" विषय पर आयोजित तीन दिवसीय व्याख्यान श्रृंखला के पहले दिन संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आरएसएस के स्वयंसेवक विभिन्न संगठनों में अपने कामकाज में स्वतंत्र और स्वायत्त हैं तथा उन पर संघ के सुझावों का पालन करने का कोई दबाव नहीं है।आरएसएस प्रमुख की यह टिप्पणी भाजपा के संगठनात्मक मामलों को लेकर संघ और सत्तारूढ़ दल के बीच कथित मतभेदों के बीच आई है। भाजपा वैचारिक रूप से आरएसएस से प्रेरित है। हालांकि, भागवत ने इस मुद्दे पर किसी संगठन का नाम नहीं लिया। विश्व हिंदू परिषद (विहिप), अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और आरएसएस से प्रेरित संगठनों सहित कुल 32 संगठन हैं, जिन्हें सामूहिक रूप से संघ परिवार कहा जाता है। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवक संघ से प्राप्त विचारों और संस्कार के आधार पर आवश्यक परिवर्तन और रचनात्मक सुधार लाने के लिए कई क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। भागवत ने कहा, "लेकिन ये स्वयंसेवक जो करते हैं, वह उनका स्वतंत्र, पृथक और स्वायत्त कार्य है। इसका श्रेय उन्हें जाता है, संघ को नहीं।" उन्होंने कहा, "हालांकि, संघ को (यदि कोई बदनामी हुई है तो) इसका हिस्सा बनना होगा। क्योंकि माल हमारा गया है।''उन्होंने कहा, "संघ न तो प्रत्यक्ष रूप से और अप्रत्यक्ष रूप से नियंत्रण करता है।" उन्होंने कहा, "हम कोई दबाव समूह नहीं बनाना चाहते; संघ पूरे भारत में सभी को संगठित करने के लिए है।" भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) का उदाहरण देते हुए, आरएसएस प्रमुख ने कहा, "हमारे स्वयंसेवक वहां काम करने गए थे। उन्होंने श्रम क्षेत्र से संबंधित पूरी दुनिया को एक नया दृष्टिकोण दिया।" आरएसएस प्रमुख ने कहा कि किसी भी संगठन में सभी स्वयंसेवक नहीं होते। उन्होंने कहा, "वहां कई अन्य लोग भी हैं। ये संगठन संघ के नहीं हैं। ये लोगों के हैं... इन संगठनों की स्थापना स्वयंसेवकों ने की है या वे वहां गए हैं।" उन्होंने कहा, "कई बार उनका प्रभाव घटता-बढ़ता रहता है। उन्होंने सबको साथ लेकर संगठन चलाया है। हमें यही सिखाया गया है।" भागवत ने कहा कि स्वयंसेवकों और संघ के बीच का बंधन अटूट और चिरस्थायी है।उन्होंने कहा, "इसी वजह से स्वयंसेवक हमसे मिलते हैं, बातचीत करते हैं। हम भी बातचीत करते हैं। वे पूछते हैं, हम बताते हैं। अगर हमारे मन में कुछ आता है, तो हम बताते हैं। वे मदद मांगते हैं, हम मदद करते हैं। हम हर जगह अच्छे काम का समर्थन करते हैं, न केवल स्वयंसेवकों का, बल्कि किसी का भी। ऐसे कई उदाहरण हैं।" आरएसएस प्रमुख ने कहा, लेकिन उन पर संघ की बात मानने या सुनने का कोई दबाव नहीं है। उन्होंने कहा, "वे हमारी बात समझेंगे और वही करेंगे जो उनका मन करेगा। क्योंकि वे एक खास क्षेत्र में काम कर रहे हैं जिसमें उन्हें अनुभव और विशेषज्ञता हासिल है।" उन्होंने कहा कि संघ केवल यही अपेक्षा करता है कि ऐसे संगठन ठीक से काम करें और स्वयंसेवक अच्छा प्रदर्शन करें। भागवत ने कहा, "वे स्वतंत्र और स्वायत्त हैं और धीरे-धीरे इस हद तक आत्मनिर्भर हो जाते हैं कि वे (संघ से) मदद मांगने की स्थिति में नहीं रहते। हमें केवल स्वयंसेवकों की चिंता है। वे अपने संगठनों का ध्यान रखते हैं।"
- महू (मध्य प्रदेश). वायुसेना प्रमुख ए पी सिंह ने मंगलवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर' पर कहा कि भारतीय वायुसेना अच्छी स्थिति में थी और वह पाकिस्तान पर हमले जारी रख सकती थी, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया क्योंकि वांछित लक्ष्य पहले ही हासिल किया जा चुका था। ‘आर्मी वॉर कॉलेज' में एक चर्चा में वायुसेना प्रमुख ने यह भी कहा कि यह अभियान, विश्व भर में लम्बे समय तक जारी अनेक युद्धों की पृष्ठभूमि में "संघर्ष समाप्ति" का प्रतिबिंब है। उन्होंने नौ और 10 मई की मध्य रात्रि को पाकिस्तान पर भारतीय वायुसेना द्वारा किए गए हमलों का जिक्र करते हुए कहा, "उस रात हम अच्छी स्थिति में थे। हम हमले जारी रख सकते थे, लेकिन वह हमारा उद्देश्य नहीं था। हमारा उद्देश्य पहले ही पूरा हो चुका था।" वायुसेना प्रमुख ने सोशल मीडिया पर आई उन टिप्पणियों का भी ज़िक्र किया, जिनमें कहा गया था कि भारतीय सेना को पाकिस्तान के ख़िलाफ़ हमले जारी रखने चाहिए थे।उन्होंने कहा, "ऐसा कहना बहुत आसान है। लेकिन आप उस युद्ध को क्यों लंबा खींचना चाहते हैं, जिसे अपना उद्देश्य हासिल करने के बाद रोका जा सकता है। मुझे लगता है कि यही जरूरी है।" सिंह ने यह भी कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भारत में यह मिथक टूट गया कि वायु शक्ति के इस्तेमाल से किसी भी संघर्ष की स्थिति और बिगड़ सकती है। उन्होंने कहा, "हम इस तथ्य से मुंह नहीं मोड़ सकते कि आज वायु शक्ति का इस्तेमाल आक्रामक तरीके से किया जाना चाहिए। इसका इस्तेमाल किसी निर्णय बिंदु पर पहुंचने के लिए किया जाना चाहिए।" उन्होंने कहा, "चाहे युद्ध आज का हो या कल का, वायु शक्ति की प्रासंगिकता बढ़ती ही रहेगी। हमें अपने वायु और अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधार के लिए तकनीक का लाभ उठाने पर विचार करना होगा।" वायु सेना प्रमुख ने कहा कि भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर' के सफल संचालन में तकनीक ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में भारत ने सात मई को पाकिस्तान नियंत्रित क्षेत्रों में आतंकवादी ढांचों को निशाना बनाते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया। इस हमले के बाद चार दिनों तक भीषण झड़पें हुईं, जो 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति के साथ समाप्त हुईं।
- ब्रह्मपुर. ओडिशा के गंजाम जिले में मंगलवार को आकाशीय बिजली गिरने से तीन महिलाओं की मौत हो गई। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि छतरपुर थाना क्षेत्र के साराभीमपुर में दोपहर को यह घटना हुई। पुलिस ने बताया कि मृतकों की पहचान कुनी गौड़ा (49), निरुपमा गौड़ा (40) और मिनी गौड़ा (61) के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया कि घटना के समय ये महिलाएं खेत में काम कर रही थीं।
- नयी दिल्ली. भारत को अपने स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों को पूरा करने के लिए ऊर्जा भंडारण प्रणालियों को बड़े पैमाने पर बढ़ाने की जरूरत होगी। एक अध्ययन में कहा गया है कि 2030 तक 61 गीगावाट और 2032 तक लगभग 100 गीगावाट ऊर्जा भंडारण क्षमता की आवश्यकता होगी। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले स्थित भारत ऊर्जा एवं जलवायु केंद्र (आईईसीसी) और बिजली मंत्रालय के तत्वावधान में पावर फाउंडेशन ऑफ इंडिया ने यह अध्ययन किया। इसके मुताबिक, भारत 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म बिजली क्षमता के अपने लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में अच्छी तरह आगे बढ़ रहा है। हालांकि, इसमें चेतावनी दी गई कि अगर ऊर्जा भंडारण क्षमता तैयार करने में देरी हुई तो भारत को कोयले पर निर्भर रहना पड़ सकता है।
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विशाखापत्तनम . रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को यहां भारतीय नौसेना की पूर्वी नौसेना कमान में दो बहुउद्देशीय स्टील्थ फ्रिगेट, आईएनएस उदयगिरि और आईएनएस हिमगिरि को शामिल किया। उदयगिरि और हिमगिरि भारतीय नौसेना की नवीनतम अत्याधुनिक ‘प्रोजेक्ट 17ए' के तहत बने हैं और इनका जलावतरण ऐसा पहला अवसर है जब दो अलग-अलग शिपयार्ड में निर्मित अग्रिम पंक्ति के दो जंगी पोतों को एक साथ जलावतरण समारोह में शामिल किया गया। यह घटनाक्रम भारत के पूर्वी तट के बढ़ते समुद्री महत्व को रेखांकित करता है।
भारतीय नौसेना ने सोमवार देर रात को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘दो अत्याधुनिक लड़ाकू जहाज भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल हो गए हैं, जो समुद्र में भारत की ताकत को और मजबूत करेंगे। रक्षा अधिकारियों के मुताबिक उदयगिरि और हिमगिरि, परियोजना 17 (शिवालिक) श्रेणी के मध्यम आकार के अनुवर्ती पोत हैं, और दोनों जहाजों में डिजाइन, स्टील्थ (रडार की पहुंच से बच निकलने की क्षमता), हथियार और सेंसर प्रणालियों में महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं, जो गहन समुद्री परिस्थितियों में मिशनों की पूरी श्रृंखला को अंजाम देने में सक्षम हैं। उदयगिरि, प्रोजेक्ट 17ए युद्धपोत का दूसरा जहाज है और इसका निर्माण मुंबई स्थित मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) द्वारा किया गया है। हिमगिरि, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई), कोलकाता द्वारा निर्मित पहला पी17ए जहाज है। दोनों ही युद्धपोत पहले के डिजाइनों की तुलना में बेहद अत्याधुनिक हैं। उदयगिरि को शुरुआत के बाद निर्मित होने वाला अपनी श्रेणी का सबसे तेज जहाज होने का गौरव भी प्राप्त है, जो भारतीय शिपयार्ड द्वारा अपनाई गई मॉड्यूलर निर्माण पद्धति का परिणाम है। करीब 6,700 टन वजनी पी17ए श्रेणी के फ्रिगेट अपने पूर्ववर्ती शिवालिक श्रेणी के फ्रिगेट्स की तुलना में लगभग पांच प्रतिशत बड़े हैं। इनमें अधिक सुव्यवस्थित संरचना और कम रडार प्रतिबिंब (रडार क्रॉस सेक्शन) जैसी उन्नत विशेषताएं शामिल की गई हैं। इनमें भारतीय निर्माताओं द्वारा विकसित उन्नत हथियारों और सेंसरों को भी शामिल किया गया है।
इन पोत के हथियारों के समूह में सुपरसोनिक सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें, मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, 76 मिमी एमआर तोप और 30 मिमी और 12.7 मिमी ‘क्लोज-इन' हथियार प्रणालियों का संयोजन शामिल है। -
नयी दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में जनसांख्यिकीय परिवर्तन एक “सोची समझी साजिश ” के तहत हो रहा है और वे देश और इसकी सीमाओं की सुरक्षा को सीधे प्रभावित करते हैं। शाह ने सीमावर्ती जिलों के जिलाधिकारियों से अवैध धार्मिक अतिक्रमण को हटाने के लिए उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सीमाओं से कम से कम 30 किलोमीटर के दायरे में सभी अवैध अतिक्रमण हटाए जाने चाहिए। उन्होंने समुद्री और स्थलीय सीमाओं पर कई अतिक्रमण को हटाने में "सराहनीय कार्य" करने के लिए गुजरात सरकार की प्रशंसा की। यहां दो दिवसीय ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम' (वीवीपी) कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि वीवीपी तीन प्रमुख बिंदुओं पर आधारित है -- सीमावर्ती गांवों से पलायन को रोकना, यह सुनिश्चित करना कि सीमावर्ती गांवों के प्रत्येक नागरिक को केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का 100 प्रतिशत लाभ मिले और वीवीपी के तहत गांवों को सीमा और राष्ट्रीय सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए मजबूत उपकरण के रूप में विकसित करना। शाह ने जिलाधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि चुनौतीपूर्ण भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद नागरिक अपने गांवों को न छोड़ें, पलायन को रोका जाए और गांव की आबादी भी बढ़े। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से कहा था कि जनसांख्यिकीय परिवर्तन चिंता का विषय है। मंत्री ने कहा, "वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम में शामिल जिलों के कलेक्टरों को इस मुद्दे को गंभीरता से और बारीकी से ध्यान देकर समाधान करने की आवश्यकता है। सीमावर्ती क्षेत्रों में जनसांख्यिकीय परिवर्तन देश और उसकी सीमाओं की सुरक्षा को सीधे प्रभावित करते हैं।" शाह ने कहा कि यह नहीं माना जाना चाहिए कि ऐसा भौगोलिक परिस्थितियों के कारण हो रहा है, बल्कि, "यह एक सोची समझी साजिश के तहत हो रहा है।" उन्होंने राज्यों के मुख्य सचिवों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) से भी इस मुद्दे पर ध्यान देने को कहा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वीवीपी शुरू करने का एक मकसद यह भी था कि सीएपीएफ (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों) और सेना को होने वाली आपूर्ति का स्रोत स्थानीय स्तर पर हो। गृह मंत्री ने कार्यक्रम में वीवीपी ‘लोगो' का अनावरण करते हुए कहा कि अरुणाचल प्रदेश में इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन के बाद कई सीमावर्ती गांवों की जनसंख्या बढ़ गई है। उन्होंने कहा, "यह हमारे देश के सभी सीमावर्ती गांवों के लिए एक संदेश है कि इन गांवों में लौटने की प्रवृत्ति सही दिशा में बढ़ रही है।" शाह ने कहा कि जब प्रधानमंत्री मोदी ने वीवीपी की अवधारणा प्रस्तुत की तो यह निर्णय लिया गया कि इसे चरणबद्ध तरीके से क्रियान्वित किया जाएगा। उन्होंने कहा, “न केवल हर सीमांत गांव को सभी सुविधाओं से युक्त किया जाए, बल्कि सीमांत गांवों में रहने वाले हर नागरिक को भारत सरकार और राज्य सरकार की सभी योजनाओं से लैस करके उनके व्यक्तिगत जीवन को बेहतर बनाया जाए।” शाह ने कहा कि इन गांवों को देश और सीमा की सुरक्षा के मजबूत उपकरण के तौर पर विकसित किया जाए।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश के अंतिम गांव को देश के पहले गांव के रूप में नामित कर सीमावर्ती गांवों को देखने का लोगों का नजरिया बदल दिया। शाह ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में आईटीबीपी (भारत तिब्बत सीमा पुलिस) ने वाइब्रेंट गांव से दूध, सब्जियां, अंडे और अनाज जैसी दैनिक आवश्यकता की वस्तुएं खरीदने का सफल प्रयोग किया है और उन्होंने प्रत्येक सीमावर्ती गांव में इस प्रयोग को जमीनी स्तर पर लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया। -
नयी दिल्ली. अमेरिकी दूतावास के एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों और सेवाओं के निर्यात पर भारत के साथ सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत में अमेरिकी दूतावास के प्रधान वाणिज्यिक अधिकारी जियाबिंग फेंग ने कहा कि इससे भारत की ऊर्जा सुरक्षा और उच्च आर्थिक वृद्धि में मदद मिलेगी। भारत-अमेरिका चैंबर ऑफ कॉमर्स के तीसरे ऊर्जा शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग वैश्विक ऊर्जा क्षेत्र में बड़ा बदलाव ला सकता है। वैश्विक भू-राजनीतिक और आपूर्ति श्रृंखला में उतार-चढ़ाव के बीच, उन्होंने कहा कि अमेरिका, भारत को ऊर्जा सुरक्षा और उच्च आर्थिक वृद्धि हासिल करने में मदद के लिए गुणवत्ता वाले उत्पादों और सेवाओं के निर्यात पर सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है। फेंग ने कहा कि अमेरिका, भारत के लिए तेल और तरलीकृत प्राकृतिक गैस का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता बन सकता है।
- नयी दिल्ली. फिच रेटिंग्स ने भारत की साख को स्थिर परिदृश्य के साथ सोमवार को ‘बीबीबी-' पर बरकरार रखा है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि वृद्धि दर में मजबूती एवं राजकोषीय विश्वसनीयता में सुधार से संरचनात्मक मानकों में सुधार आएगा। फिच ने कहा, ‘‘ भारत की साख को उसकी मजबूत वृद्धि और ठोस बाह्य वित्त का समर्थन प्राप्त है।''एजेंसी ने वित्त वर्ष 2025-26 में सकल घरेल उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, जो वित्त वर्ष 2024-25 के समान है और 2.5 प्रतिशत के ‘बीबीबी' औसत से काफी ऊपर है। इसने कहा कि भारत का आर्थिक परिदृश्य समकक्ष देशों की तुलना में मजबूत बना हुआ है, हालांकि पिछले दो वर्ष में इसकी गति धीमी हुई है। फिच ने कहा, ‘‘ यदि प्रस्तावित माल एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधार अपनाए जाते हैं, तो इससे उपभोग को बढ़ावा मिलेगा तथा वृद्धि संबंधी कुछ जोखिम कम हो जाएंगे।'' गौरतलब है कि एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने 14 अगस्त को भारत की साख को स्थिर परिदृश्य के साथ ‘बीबीबी-' से बढ़ाकर ‘बीबीबी' कर दिया था। एजेंसी ने 18 वर्ष में पहली बार भारत की साख को बढ़ाया था।
- भोपाल. अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर शुल्क लगाए जाने के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कहा कि देश ने किसानों के हित में कृषि उपज के आयात की अनुमति देने की मांग का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि नए भारत ने राष्ट्रहित में निर्णय लिया है और वह किसानों और मछुआरों के हितों से समझौता नहीं करेगा। वे (अमेरिका) चाहते हैं कि हम उनके कृषि उत्पादों के लिए अपने दरवाजे खोलें।भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान के 12वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा, "वे जीएम बीज का इस्तेमाल करके कई हेक्टेयर जमीन पर खेती करते हैं और अनुदान प्राप्त करते हैं। हमारे छोटे किसान इस प्रतिस्पर्धा का सामना नहीं कर सकते हैं।" उन्होंने कहा कि देश के हित के विरुद्ध कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा।चौहान ने कहा, "उन्होंने (अमेरिका ने) सोचा था कि हम डर जाएंगे। लेकिन यह आज का भारत है, जो आत्मविश्वास से भरा हुआ है।" अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर लगाए गए शुल्क को दोगुना करके 50 प्रतिशत कर देने के बाद (जिसमें भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल की खरीद पर लगाया गया 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क शामिल है) नयी दिल्ली और वाशिंगटन के बीच संबंधों में खटास आ गई है। चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के 144 करोड़ लोगों से अपने दैनिक उपयोग के लिए स्वदेशी सामान खरीदने की अपील की है, जिससे रोज़गार के अवसर पैदा होंगे और अर्थव्यवस्था मज़बूत होगी। उन्होंने आयातित वस्तुओं की प्रशंसा करने की मानसिकता की भी आलोचना की। चौहान ने कहा कि भारत में अपार प्रतिभा और एक मज़बूत कार्यबल है। उन्होंने कहा, "देश के पास पुष्पक विमान था, जिसका उल्लेख (रामायण में) मिलता है।"
- नयी दिल्ली. सरकार ने सोमवार को पशु चिकित्सा रक्त चढ़ाने संबंधी सेवाओं के लिए देश के पहले व्यापक दिशानिर्देश जारी किए, जो आपातकालीन पशु स्वास्थ्य सेवा में एक महत्वपूर्ण कमी को दूर करेगा। एक सरकारी बयान में कहा गया है कि 'भारत में पशुओं के लिए रक्त चढ़ाने और रक्त बैंकों के लिए दिशानिर्देश और मानक संचालन प्रक्रियाएं' पशु रक्तदान, भंडारण और रक्त चढ़ाने संबंधी प्रक्रियाओं के लिए एक वैज्ञानिक ढांचा स्थापित करती हैं, जो पहले राष्ट्रीय मानकों के बिना किए जाते थे। इसके प्रमुख प्रावधानों में जैव सुरक्षा-अनुरूप बुनियादी ढांचे के साथ राज्य-विनियमित पशु चिकित्सा रक्त बैंकों की स्थापना, रोग जोखिमों के प्रबंधन के लिए वन हेल्थ सिद्धांतों का एकीकरण, और दाता पंजीकरण एवं प्रतिकूल प्रतिक्रिया रिपोर्टिंग के लिए मानकीकृत प्रक्रियाएं शामिल हैं।यह ढांचा डिजिटल रजिस्ट्री, रीयल-टाइम इन्वेंट्री ट्रैकिंग और एक आपातकालीन हेल्पलाइन की सुविधा वाले राष्ट्रीय पशु चिकित्सा रक्त बैंक नेटवर्क की योजनाओं की रूपरेखा प्रस्तुत करता है। प्रशिक्षण मॉड्यूल को पशु चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रमों में शामिल किया जाएगा। दिशानिर्देशों के तहत प्रोत्साहित किए जाने वाले भविष्य के नवाचारों में मोबाइल रक्त संग्रह इकाइयां, दुर्लभ रक्त प्रकारों के लिए संरक्षण तकनीकें और दाता-प्राप्तकर्ता मिलान के लिए मोबाइल एप्लिकेशन शामिल हैं। भारत के पशुधन क्षेत्र में 53.7 करोड़ से अधिक पशु शामिल हैं, जबकि साथी पशुओं की संख्या 12.5 करोड़ से अधिक है। यह संयुक्त क्षेत्र राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में 5.5 प्रतिशत और कृषि सकल घरेलू उत्पाद में 30 प्रतिशत से अधिक का योगदान देता है, जिससे खाद्य सुरक्षा और ग्रामीण आजीविका को सहायता मिलती है। ये दिशानिर्देश वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाने के लिए भारतीय पशु चिकित्सा परिषद, पशु चिकित्सा विश्वविद्यालयों, अनुसंधान संस्थानों, राज्य सरकारों और कार्यरत पशु चिकित्सकों के परामर्श से विकसित किए गए थे।
- नयी दिल्ली. आईआईटी परिषद ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के बढ़ते इस्तेमाल के बीच पाठ्यक्रम और शिक्षण पद्धति को अनुकूलित करने के लिये एक विस्तृत कार्य योजना तैयार करने के मकसद से सोमवार को एक टास्क फोर्स के गठन का फैसला लिया। आईआईटी परिषद की सोमवार को दो साल बाद बैठक हुई। इसकी पिछली बैठक अप्रैल 2023 में हुई थी। आईआईटी परिषद 23 प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थानों की सर्वोच्च समन्वय संस्था है। उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) में अनुसंधान का व्यावसायीकरण, गुणवत्ता, वैश्विक प्रासंगिकता और अनुसंधान परिणामों को बढ़ाने के लिए पीएचडी शिक्षा में सुधार, वैश्विक रैंकिंग में सुधार, शीर्ष स्तर की प्रतिभाओं को आकर्षित करने और उन्नत अनुसंधान केंद्र के रूप में आईआईटी की प्रतिष्ठा को मजबूत करने सहित अन्य विषयों पर बैठक में चर्चा हुयी।एक अधिकारी ने कहा, ‘‘उच्च शिक्षा संस्थानों में अनुसंधान के व्यावसायीकरण पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया। परिषद ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता के मद्देनजर पाठ्यक्रम और शिक्षण पद्धति को अनुकूलित करने पर भी ज़ोर दिया। देश में उच्च और स्कूली शिक्षा के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने हेतु एक कार्यबल गठित करने का निर्णय लिया गया।'' उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, आईआईटी के सामाजिक-आर्थिक और वैश्विक प्रभाव को, विशेष रूप से उनके पूर्व छात्रों के माध्यम से, स्वीकार किया गया, जो वैश्विक अगुआ, नवप्रवर्तक और धन सृजनकर्ता के रूप में विकसित हुए हैं। परिषद ने मार्गदर्शन, उद्योग संबंधों और छात्र विकास के लिए पूर्व छात्र नेटवर्क का लाभ उठाने के महत्व पर भी ज़ोर दिया।'' उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर ज़ोर दिया गया और विभिन्न आईआईटी द्वारा अपनाए गए मॉडल को साझा किया गया तथा परिसरों के अंदर स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने और वार्षिक स्वास्थ्य जांच कराने का भी सुझाव दिया गया। अधिकारी ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और सामाजिक आवश्यकताओं के अनुरूप वैज्ञानिक अनुसंधान में आईआईटी की भूमिका पर ज़ोर दिया गया। उद्योग, शिक्षा जगत और नीति निर्माताओं के बीच मज़बूत संबंध की आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया। विभिन्न सुझावों और प्रथाओं का उल्लेख किया गया।'' अधिकारी ने कहा, ‘‘एक महीने के भीतर एक नीति बनाने का निर्णय लिया गया, जिसमें विभिन्न व्यावहारिक तरीके सुझाए जायेंगे, ताकि भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भारतीय परिसरों में वैज्ञानिक अनुसंधान एवं उत्पाद का विकास हो सके।''
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कोहिमा. मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने सोमवार को यहां राजभवन में आयोजित एक समारोह में नागालैंड के 22वें राज्यपाल के रूप में शपथ ली। राज्यपाल ला गणेशन के निधन के बाद भल्ला को नागालैंड के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
गौहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार ने भल्ला को पद की शपथ दिलाई।
शपथ ग्रहण समारोह में नगालैंड के मुख्यमंत्री नीफियू रियो, उपमुख्यमंत्री टीआर जेलियांग और वाई पैटन, कई राज्य मंत्री, विधायक, वरिष्ठ नौकरशाह और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। शपथ ग्रहण के बाद भल्ला ने यहां राजभवन में रियो के नेतृत्व वाले राज्य मंत्रिमंडल के साथ पहली बातचीत की। उन्होंने शपथ ग्रहण समारोह के अंतर्गत औपचारिक ‘गार्ड ऑफ ऑनर' का भी निरीक्षण किया।
मुख्य सचिव सेंतियांगर इमचेन की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम का समापन राजभवन में एक समारोह के साथ हुआ जहां राजनीतिक नेताओं, जनजातीय निकायों, चर्च प्रतिनिधियों और नागरिक समाज संगठनों ने राज्य के नए संवैधानिक प्रमुख को शुभकामनाएं दीं। नगालैंड की 17 प्रमुख जनजातियों में से एओ, अंगामी, लोथा, रेंगमा और सुमी जनजातियों का प्रतिनिधित्व करने वाले ‘आरक्षण नीति की समीक्षा (सीओआरआरपी) समिति' के सदस्यों ने समारोह का बहिष्कार किया। पांच जनजातियों का यह पैनल राज्य में पिछड़ी जनजातियों के लिए चार दशक से अधिक पुरानी, रोजगार आरक्षण नीति की समीक्षा के लिए दबाव बना रहा है। सरकार ने मांग स्वीकार कर ली है और आरक्षण समीक्षा आयोग के गठन की घोषणा भी की है लेकिन समिति ने इसे अस्वीकार कर दिया। समिति ने इस बात पर जोर दिया कि आयोग में जनजातीय निकायों और नागरिक समाज संगठनों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाना चाहिए। पैनल ने घोषणा की कि जब तक उसकी मांग पूरी नहीं हो जाती, वह किसी सरकारी कार्य का हिस्सा नहीं बनेंगे। पांचों जनजातियों ने इस महीने स्वतंत्रता दिवस समारोह का भी बहिष्कार किया था। -
नयी दिल्ली. भारत और फिजी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और फिजी के प्रधानमंत्री सितवेनी लिगामामादा राबुका के साथ व्यापक वार्ता के बाद अपने रक्षा संबंधों को विस्तार देने के लिए एक व्यापक कार्य योजना तैयार की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और फिजी भले ही दूर हों लेकिन हमारी आकांक्षाएं समान हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत और फिजी स्वतंत्र, समावेशी, खुले, सुरक्षित और समृद्ध भारत-प्रशांत क्षेत्र का समर्थन करते हैं। राबुका रविवार को तीन दिवसीय यात्रा पर दिल्ली पहुंचे। प्रधानमंत्री के रूप में यह भारत की उनकी पहली यात्रा है। समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में फ़िजी भारत के लिए अहम राष्ट्र है। प्रशांत क्षेत्र में अपनी रणनीतिक पकड़ बढ़ाने के चीन के अथक प्रयासों की पृष्ठभूमि में, भारत फ़िजी के साथ अपने रक्षा संबंधों को बढ़ाने पर विचार कर रहा है। मोदी और राबुका के बीच वार्ता के बाद, दोनों पक्षों ने विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक सहयोग के लिए सात समझौतों पर हस्ताक्षर किए। मोदी ने कहा, ‘‘हमने रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में आपसी सहयोग को मज़बूत करने का निर्णय लिया है।''
उन्होंने अपने मीडिया वक्तव्य में कहा कि इसके लिए एक कार्य योजना तैयार की गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत, फिजी की समुद्री सुरक्षा को मज़बूत करने के लिए प्रशिक्षण और साजोसामान प्रदान करेगा। अपने संबोधन में मोदी ने ‘‘ग्लोबल साउथ'' के लिए भारत की प्राथमिकताओं का भी ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत ‘‘ग्लोबल साउथ'' के विकास में सह-यात्री है। उन्होंने कहा, ‘‘हम एक ऐसी विश्व व्यवस्था के निर्माण में भागीदार हैं जहां ग्लोबल साउथ की स्वतंत्रता, विचारों और पहचान का सम्मान किया जाता है।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन फिजी के लिए एक खतरा है और भारत इससे निपटने में उसकी मदद करेगा। -
उडुपी (कर्नाटक). प्रसिद्ध कन्नड़ अभिनेता और कला निर्देशक दिनेश मंगलुरु का सोमवार को यहां उनके आवास पर लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 55 वर्ष के थे। यह जानकारी उनके परिवार के सदस्यों ने दी। मूल रूप से मंगलुरु के रहने वाले दिनेश ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत कला निर्देशक के रूप में की थी और कई प्रमुख कन्नड़ फिल्मों में काम किया था। बाद में उन्होंने अभिनय के क्षेत्र में कदम रखा और एक कुशल चरित्र अभिनेता के रूप में पहचान बनाई। परिजनों के अनुसार, वह पिछले कुछ समय से बीमार थे और उपचार करा रहे थे। हाल ही में उनकी हालत बिगड़ गई थी। एक निपुण कला निर्देशक के रूप में लोकप्रिय दिनेश ने अभिनय में भी गहरी छाप छोड़ी। उन्हें फिल्म ‘आ दिनगलु' में सीताराम शेट्टी की भूमिका के बाद पहचान मिली, जिसके बाद उन्होंने ‘केजीएफ' में “बॉम्बे डॉन” की भूमिका निभाकर लोकप्रियता हासिल की। अपने करियर में उन्होंने ‘इंथि निन्ना प्रीतिया', ‘रिक्की', ‘हरिकथे अल्ला गिरीकथे' और ‘स्लम बाला' जैसी फिल्मों में अभिनय किया। उनके निधन की खबर से कन्नड़ फिल्म जगत और उनके प्रशंसकों में शोक की लहर है। सहकर्मियों और शुभचिंतकों ने उन्हें एक समर्पित कलाकार, विनम्र व्यक्तित्व और कला निर्देशन व अभिनय के बीच सेतु के रूप में याद किया।
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मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने सोमवार को कहा कि शुल्क अनिश्चितताओं एवं भू-राजनीतिक चिंताओं से उत्पन्न चुनौतियों के बीच निवेश को बढ़ावा देने के लिए कॉरपोरेट तथा बैंकों को एक साथ आने की जरूरत है। साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि केंद्रीय बैंक अब भी वृद्धि के लक्ष्य पर नजर गड़ाए हुए है। वार्षिक फिबैक कार्यक्रम में यहां गवर्नर ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अमेरिका और भारतीय व्यापार प्रतिनिधियों के बीच जारी बातचीत से ऐसा निर्णय निकलेगा जिससे घरेलू अर्थव्यवस्था पर शुल्क का प्रभाव ‘‘न्यूनतम'' हो जाएगा। भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाने के अमेरिकी कदम और कपड़ा, झींगा आदि पर इसके संभावित प्रभाव को लेकर चिंताओं के बीच मल्होत्रा ने भरोसा दिलाया कि यदि अर्थव्यवस्था के कुछ वर्गों को परेशानी होती है तो क्षेत्र-विशेष को मदद दी जाएगी। मल्होत्रा ने स्पष्ट किया कि कि मौद्रिक नीति में मुद्रास्फीति एवं वृद्धि दोनों की गतिशीलता को ध्यान में रखा जाएगा और कहा, ‘‘ हम भू-राजनीतिक मोर्चे और शुल्क से उत्पन्न चुनौतियों के साथ एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं। साथ ही आर्थिक विस्तार सुनिश्चित करने के तरीकों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘ ऐसे समय में जब बैंकों एवं कॉरपोरेट के बही-खाते अपने सबसे अच्छे स्तर पर है, उन्हें एक साथ आना चाहिए और निवेश चक्र बनाने की भावना को बढ़ावा देना चाहिए, जो इस समय बेहद महत्वपूर्ण है।'' मल्होत्रा ने कहा कि वित्तीय स्थिरता और मूल्य स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करने से वृद्धि में कोई बाधा नहीं आती है। साथ ही वित्तीय स्थिरता एवं वृद्धि के बीच कोई ‘‘संघर्ष'' नहीं है। वित्त वर्ष 2024-25 में कर्ज वृद्धि दर के तीन साल के निचले स्तर पर आने के बीच मल्होत्रा ने कहा, ‘‘ हम विभिन्न क्षेत्रों में बैंक ऋण का विस्तार करने के उपायों पर विचार कर रहे हैं।'' मल्होत्रा ने कहा कि आरबीआई ‘‘बैंक ऋण बढ़ाने के तरीकों पर गौर किया जा रहा ही है।'' हालांकि, उन्होंने योजनाबद्ध कदमों के बारे में विस्तार से नहीं बताया। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन सी. एस. शेट्टी ने कहा कि कंपनियों की ओर से ऋण की मांग कम हो गई है, क्योंकि कंपनियां अपनी वित्तपोषण आवश्यकताओं के लिए निजी ऋण एवं पूंजी बाजारों का रुख कर रही हैं। शेट्टी उद्योग लॉबी समूह आईबीए का भी नेतृत्व करते हैं।
एसबीआई चेयरमैन ने बैंकों को कम से कम शीर्ष कंपनियों के लिए अधिग्रहण वित्तपोषण की अनुमति देने का भी अनुरोध किया। यह एक ऐसा क्षेत्र जहां अबतक उन्हें प्रतिबंधित किया गया है। परामर्श कंपनी बीसीजी के रुचिन गोयल ने कहा कि पिछले कुछ समय में कॉरपोरेट ऋण में कमी आई है। अब यह समग्र प्रणाली जोखिम का 36 प्रतिशत है, जो कुछ वर्ष पहले 60 प्रतिशत था। इस बीच, मल्होत्रा ने यह भी कहा कि आरबीआई विनियमित संस्थाओं के लिए कारोबार को आसान बनाने पर भी काम कर रहा है, जिससे मध्यस्थता की लागत कम करने में भी मदद मिलेगी। मल्होत्रा ने स्वीकार किया कि बैंकों को अधिक स्वायत्तता देने पर आरबीआई के ध्यान देने के कारण बैंक के निदेशक मंडल पर अत्यधिक बोझ पड़ा है। उन्होंने कहा कि आरबीआई कुछ नीतियों को ‘‘तर्कसंगत'' बनाने की कोशिश कर रहा है जिन्हें निदेशक मंडल से मंजूरी की आवश्यकता है तथा इसके प्रक्रियात्मक पहलुओं को प्रबंधन पर छोड़ दिया गया है। यह स्वीकार करते हुए कि ऐसी भावना है कि आरबीआई बहुत अधिक विवरण मांग रहा है...मल्होत्रा ने हितधारकों से अनुरोधों में सहयोग करने का आग्रह किया तथा कहा कि अधिक जानकारी से बेहतर नियमन लाने में मदद मिलेगी। मल्हत्रा ने कहा कि आरबीआई जल्द ही बासेल तीन मानदंडों को लागू करने का इरादा रखता है और अपेक्षित ऋण हानि के लिए दिशानिर्देश भी जल्द ही सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए जारी किए जाएंगे। गवर्नर ने वित्तीय समावेश को गहरा करने, छोटे व्यवसायों को ऋण देने और ग्राहक सेवा को बेहतर बनाने को आरबीआई की प्राथमिकता बताया। मल्होत्रा ने कहा, ‘‘ हालांकि, हमने जन-धन योजना के जरिये करीब पूरी वयस्क आबादी के खाते खोल दिए हैं, लेकिन इसे और बढ़ाने की गुंजाइश है।'' उन्होंने कहा कि ‘व्यापार प्रतिनिधि नेटवर्क' को उनकी संख्या बढ़ाकर तथा उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं का विस्तार करके मजबूत बनाने की आवश्यकता है। इसके अलावा, आरबीआई ग्राहक सेवा एजेंडा में मदद के लिए आंतरिक लोकपाल ढांचे की भी समीक्षा कर रहा है। -
गंगटोक. सिक्किम में नाथू ला दर्रे के रास्ते 48 तीर्थयात्रियों के दसवें जत्थे की वापसी के साथ ही कैलाश मानसरोवर यात्रा संपन्न हो गई। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। सिक्किम पर्यटन विकास निगम (एसटीडीसी) के अधिकारियों ने 48 तीर्थयात्रियों की रविवार को वापसी पर, उनका स्वागत किया और कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 के सफल समापन पर एक समारोह का आयोजन किया गया। एसटीडीसी के अध्यक्ष लुकेन्द्र रसैली ने कहा कि अधिकारियों के समर्पित कार्य के कारण ही करीब 500 तीर्थयात्रियों यात्रा सुगम हो सकी। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने अर्धसैनिक बलों और अन्य एजेंसियों के सहयोग से तीर्थयात्रियों के लिए विभिन्न प्रबंध किये और यह सुनिश्चित किया कि यात्रा निर्बाध रूप से संपन्न हो सके। हिंदू आस्था के अनुसार, कैलाश पर्वत को ‘भगवान शिव का निवास' माना जाता है इसलिए ‘कैलाश मानसरोवर यात्रा' (केएमवाई) धार्मिक और सांस्कृतिक दोनों रूप से महत्वपूर्ण है। प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में लोग इस तीर्थयात्रा पर जाते हैं। इस यात्रा में 19,500 फुट तक की ऊंचाई पर दुर्गम परिस्थितियों में चढ़ाई करनी पड़ती है, जिसमें खराब मौसम और ऊबड़-खाबड़ इलाका शामिल है और यह उन लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है जो शारीरिक और चिकित्सकीय रूप से स्वस्थ नहीं हैं।
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बेंगलुरु. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने श्रीहरिकोटा के निकट रविवार को इंटीग्रेटेड एयर ड्रॉप टेस्ट (आईएडीटी-01) का सफल परीक्षण किया जो गगनयान कार्यक्रम के लिए पैराशूट-आधारित मंदन प्रणाली की प्रणाली-स्तरीय योग्यता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसरो ने कहा कि श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) में किए गए इस परीक्षण में ‘‘एक विशिष्ट मिशन परिदृश्य में गगनयान मिशन के लिए क्रू मॉड्यूल की महत्वपूर्ण पैराशूट-आधारित मंदन प्रणाली को सफलतापूर्वक दर्शाया गया।'' इसरो ने इस परीक्षण को ‘‘पैराशूट-आधारित मंदन प्रणाली का प्रणाली-स्तरीय मूल्यांकन'' का हिस्सा बताया, जिसमें मंदन प्रणाली को शामिल करते हुए एक कृत्रिम क्रू मॉड्यूल (सीएम) को एक हेलीकॉप्टर का उपयोग करके उतारा जाता है। इसके उद्देश्य की व्याख्या करते हुए इसरो ने रविवार देर रात जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘गगनयान मिशनों में क्रू मॉड्यूल के उतरने के क्रम में अंतिम चरण के दौरान पैराशूट-आधारित मंदन प्रणाली का उपयोग किया जाता है ताकि समुद्र में सुरक्षित रूप से उतरने के लिए ‘टचडाउन' वेग को स्वीकार्य सीमा तक कम किया जा सके।'' जिस पैराशूट प्रणाली का परीक्षण किया गया वह ‘‘गगनयान मिशनों के समान'' थी और इसमें 10 पैराशूट शामिल थे - दो एपेक्स कवर सेपरेशन (एसीएस), दो ड्रोग, तीन पायलट और तीन मुख्य कैनोपी। इसरो ने कहा कि इसरो केंद्रों के अलावा, ‘‘रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ), भारतीय वायु सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल सहित अन्य सरकारी एजेंसियों ने भी इस बड़े परीक्षण को सफलतापूर्वक पूरा करने में योगदान दिया।'' आने वाले दिनों में इसी तरह के अन्य परीक्षण करने की योजना है।
- नयी दिल्ली.। अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने बताया कि मिशन पर रवाना होने से पहले ‘एक्सिओम-4' के चालक दल के सदस्य कृत्रिम वातावरण में जीवित रहने के परीक्षण, अंतरिक्ष अनुभव को रिकॉर्ड करने के लिए फोटोग्राफी सीखने और टीम भावना को मजबूत करने के लिए मैक्सिको के तट पर ‘कायकिंग' (नौकायान) करने जैसे कुछ अनुभवों से गुजरे थे। ग्रुप कैप्टन शुक्ला को लोग प्यार से ‘शुक्स' कहकर बुलाते हैं। उन्होंने रविवार को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए ‘एक्सिओम-4 मिशन' का हिस्सा होने और उससे पहले लिए गए प्रशिक्षण के अपने अनुभवों और चुनौतियों को साझा किया। अंतरिक्ष के लिए रवाना होने से पहले ‘एक्सिओम-4 मिशन' कई बार स्थगित हुआ और आखिरकार शुक्ला एवं तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर ‘ड्रैगन' अंतरिक्ष यान 25 जून को अमेरिका के कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित हुआ। शुक्ला ने प्रक्षेपण के अनुभव की तीव्रता को याद करते हुए कहा, ‘‘यह इतना शक्तिशाली था कि यह सचमुच आपके शरीर की हर हड्डी को हिलाकर रख देता है। आप 8.5 मिनट में शून्य किलोमीटर प्रति घंटा से 28,500 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार पर पहुंच जाते हैं और यही इसकी तीव्रता को दर्शाता है।'' अंतरिक्ष यान के प्रक्षेपित होने पर भारत और दुनिया भर के लोगों ने इस मिशन का उत्साह बढ़ाया और 15 जुलाई को धरती पर वापसी के दौरान भी लोगों ने वही जोश दिखाया। लखनऊ में जन्मे शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) की यात्रा करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बने और उन्होंने इस मिशन के अनुभव को ‘‘बेहद रोमांचक'' बताया। भारतीय वायुसेना द्वारा यहां सुब्रतो पार्क में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उन्होंने इस मिशन के तहत अपने 20-दिवसीय अंतरिक्ष प्रवास के कुछ किस्से भी साझा किए, जिसके लिए कई महीनों का कड़ा प्रशिक्षण लिया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘जब आप अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन जाते हैं, तो आप असल में एक नए घर में रहते हैं और इसके अपने नियम और शर्तें होती हैं, जैसे आप कैसे खाएंगे, कैसे सोएंगे। आप बाथरूम कैसे जाएंगे।'' शुक्ला माहौल की गंभीरता को कम करते हुए थोड़े हास्य के अंदाज में कहा, ‘‘दरअसल अंतरिक्ष में शौचालय जाना सबसे चुनौतीपूर्ण काम होता है।'' अंतरिक्ष यात्री शुक्ला इसी 10 अक्टूबर को 40 वर्ष के हो जाएंगे। वह 2006 में भारतीय वायुसेना में शामिल हुए थे और वह सुखोई-30 एमकेआई, मिग-29, जगुआर और डोर्नियर-228 जैसे उन्नत लड़ाकू विमानों पर 2,000 घंटे से ज्यादा उड़ान भरने के अनुभव के साथ एक सम्मानित परीक्षण पायलट बने। शुक्ला शुरू से ही ‘‘शर्मीले और संकोची'' स्वभाव वाले व्यक्ति रहे हैं और बचपन में वह राकेश शर्मा की 1984 की अंतरिक्ष उड़ान की कहानियां सुनते हुए बड़े हुए हैं। अंतरिक्ष की उनकी हालिया यात्रा ने उन्हें जीवन का नया अनुभव कराया है। वह अब खुद लोगों के लिए प्रेरणा बन गए हैं। उन्होंने स्कूली छात्रों को ऑटोग्राफ दिए और कार्यक्रम में अपने साथी वायुसेना कर्मियों के साथ फोटो खिंचवाई। यह बदलाव कैसा लग रहा है, यह पूछे जाने पर उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया, ‘‘अंतरिक्ष और भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के प्रति छात्रों में उत्साह देखकर बहुत अच्छा लग रहा है।'' ‘एक्सिओम-4 मिशन' में उनका योगदान एक मिशन पायलट का था, जिसमें अमेरिका की कमांडर पैगी व्हिटसन और पोलैंड के मिशन विशेषज्ञ स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी के टिबोर कापू भी शामिल थे। उन्होंने कहा, ‘‘एक मिशन पायलट के रूप में आपको ‘डिस्प्ले' और ‘कैप्सूल' के संपर्क में रहना होता है। इसलिए, मिशन विशेषज्ञ की तुलना में आपका प्रशिक्षण थोड़ा कठिन होता है।'' ह्यूस्टन स्थित नासा (नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) के जॉनसन स्पेस सेंटर सहित प्रशिक्षण के अनुभव को याद करते हुए शुक्ला ने कहा, ‘‘पिछले एक साल से यह अनुभव अद्भुत रहा है।'' शुक्ला ने जीवन विज्ञान, कृषि, अंतरिक्ष जैव प्रौद्योगिकी और बोधात्मक अनुसंधान के विविध क्षेत्रों में भारत के नेतृत्व वाले सात सूक्ष्म-गुरुत्व प्रयोग किए। अपने संबोधन के दौरान शुक्ला ने अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम के कुछ वीडियो और अंतरिक्ष से देखे गए भारत के दृश्यों की एक छोटी क्लिप भी साझा की, जिसे उन्होंने कैमरे में कैद करने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा, ‘‘भारत वाकई बहुत खूबसूरत दिखता है। मैं ऐसा सिर्फ इसलिए नहीं कह रहा हूं क्योंकि हम सब भारतीय हैं और यहां बैठे हैं, बल्कि मुझे लगता है कि अगर आप स्टेशन पर मौजूद किसी भी अंतरिक्ष यात्री से बात करें... तो वे भी यही कहेंगे। इसकी अनोखी स्थिति और आकार इसे खास बनाता है, खासकर रात के समय, अगर आप भारत के ऊपर से गुजरते हैं, हिंद महासागर से दक्षिण से उत्तर की ओर जाते हैं, तो मुझे लगता है कि यह शायद आपके जीवन में देखे जाने वाले सबसे खूबसूरत नजारों में से एक है।'' शुक्ला ने उस खगोलीय अनुभव को याद करते हुए कहा कि कक्षा से, चालक दल ने दिन में 16 बार सूर्योदय और सूर्यास्त देखा और ‘‘आप इससे कभी ऊबते नहीं हैं''।