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मुंबई. केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव और अश्विनी वैष्णव ने महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तैयारियों का जायजा लेने के लिए बृहस्पतिवार को यहां पार्टी की प्रदेश इकाई के नेताओं के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री यादव और रेल मंत्री वैष्णव महाराष्ट्र में पार्टी के प्रभारी और सह-प्रभारी हैं। पार्टी सूत्रों ने बताया कि बैठक में उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस और प्रदेश इकाई के प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले समेत भाजपा की राज्य कोर कमेटी के सदस्य मौजूद थे। सूत्रों ने बताया कि भाजपा राज्य की 150 सीट पर चुनाव लड़ने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि दोनों केंद्रीय मंत्री शुक्रवार को भी मुंबई में ही रहेंगे। सूत्रों ने बताया कि 21 जुलाई को पुणे में भाजपा की प्रदेश इकाई का सम्मेलन होगा, जिसमें केंद्रीय मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहेंगे। पूर्व सांसद रावसाहेब दानवे ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन (जिसमें शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) भी शामिल हैं) के नेताओं द्वारा मिलकर सीट बंटवारे पर चर्चा की जाएगी। महाराष्ट्र में इस वर्ष अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है।
महाराष्ट्र के लोकसभा चुनाव में भाजपा की सीटों की संख्या 2019 में 23 से घटकर मात्र नौ रह गई, जिसमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने सात सीटें हासिल कीं और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) सिर्फ एक लोकसभा सीट पर जीत हासिल कर सकी। शिवसेना (यूबीटी), राकांपा (शरदचंद्र पवार) और कांग्रेस वाली महाविकास अघाडी ने मिलकर राज्य की 48 लोकसभा सीट में से 30 सीट हासिल कीं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े मराठी साप्ताहिक 'विवेक' द्वारा हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट में लोकसभा चुनावों में भाजपा के खराब प्रदर्शन के लिए अजित पवार के नेतृत्व वाले राकांपा के साथ हाथ मिलाने के भाजपा के कदम को जिम्मेदार ठहराया गया है।
- नयी दिल्ली. केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने बृहस्पतिवार को ‘लोक संवर्धन पर्व' का उद्घाटन किया, जिसका उद्देश्य मंत्रालय की योजनाओं, कार्यक्रमों और उपलब्धियों को लोगों के समक्ष प्रदर्शित करना है। मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि रीजीजू ने वर्ष 2024-25 के दौरान 2.5 लाख से अधिक लाभार्थियों को 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण देने के लिए राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास और वित्त निगम (एनएमडीएफसी) की एक क्रेडिट योजना भी शुरू की। उन्होंने मंत्रालय की योजनाओं और उपलब्धियों पर एक कॉफी टेबल पुस्तिका भी जारी की। बयान में कहा गया है, ‘‘अपने 100 दिनों के कार्यक्रम के हिस्से के रूप में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय अपनी योजनाओं, कार्यक्रमों और उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए 'लोक संवर्धन पर्व' का आयोजन कर रहा है।'' उद्घाटन समारोह के दौरान, एनएमडीएफसी की विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए एनएमडीएफसी और इंडियन बैंक, भारतीय यूनियन बैंक और पंजाब ग्रामीण बैंक के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
- नयी दिल्ली. केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि मध्य प्रदेश ने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना में ‘सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य' की श्रेणी में पहला स्थान हासिल किया है। रेहड़ी-पटरी वालों को कारोबार के लिए ऋण उपलब्ध कराने वाली योजना नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा 2020 में कोविड-19 प्रकोप के दौरान शुरू की गई थी। इस योजना के तहत 50 हजार रुपये तक का ऋण दिया जाता है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ‘सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों- नवाचार और सर्वोत्तम तौर-तरीके पुरस्कार' श्रेणी में मध्य प्रदेश के बाद असम को दूसरा स्थान मिला। 'सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले शहरी स्थानीय निकायों - दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में ऋण प्रदर्शन' श्रेणी में, दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है, जिसके बाद बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) और अहमदाबाद नगर निगम का स्थान है। केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए।बयान में कहा गया कि राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डीएवाई-एनयूएलएम) के लिए भी पुरस्कारों की घोषणा की गई, जिसमें 'सिस्टेमेटिक प्रोग्रेसिव एनालिटिकल रियल टाइम रैंकिंग (एसपीएआरके)' श्रेणी में केरल शीर्ष पर रहा, जबकि उसके बाद उत्तर प्रदेश और राजस्थान का स्थान रहा।
- नयी दिल्ली. केंद्र ने राज्य सरकारों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि जेलों में बंद ‘एलजीबीटीक्यू' समुदाय के सदस्य अपने अधिकारों के तहत बिना किसी भेदभाव के अपनी पसंद के व्यक्ति से मिल सकें। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों को भेजे पत्र में कहा कि केंद्र का निरंतर प्रयास रहा है कि वह सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के संपर्क में रहे तथा कुशल जेल प्रशासन व प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर समकालीन दिशा-निर्देशों और सर्वोत्तम तौर-तरीकों को साझा करे। मंत्रालय ने कहा कि उसके संज्ञान में आया है कि ‘एलजीबीटीक्यू' सदस्यों के साथ अक्सर उनकी लैंगिक पहचान के कारण भेदभाव किया जाता है और उन्हें अक्सर हिंसा व अनादर का सामना करना पड़ता है। मंत्रालय ने पत्र में राज्य सरकारों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि ऐसे सदस्यों के साथ उन सुविधाओं, विशेष रूप से जेल में मुलाकात संबंधी अधिकार, के संदर्भ में किसी प्रकार का कोई भेदभाव न हो, जो आम जनता को उपलब्ध हैं। पत्र के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने ‘मॉडल जेल नियमावली, 2016' और ‘मॉडल जेल एवं सुधारात्मक सेवा अधिनियम 2023' तैयार किया है और इनका सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा पालन किया जाना चाहिए। पत्र में कहा गया है, “यह दोहराया जाता है कि ये प्रावधान ‘एलजीबीटीक्यू' सदस्यों पर भी समान रूप से लागू होते हैं और वे बिना किसी भेदभाव या निर्णय के अपनी पसंद के व्यक्ति से मिल सकते हैं।”
- नयी दिल्ली. भारत 21 से 31 जुलाई के बीच देश में पहली बार आयोजित किए जा रहे विश्व धरोहर समिति के 46वें सत्र की मेजबानी के लिए पूरी तरह से तैयार है। सूत्रों ने बताया कि इस सत्र का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कर सकते हैं। सत्र से पहले सरकार ने हाल ही में एक सार्वजनिक कला परियोजना शुरू की है, जिसमें भारत की सांस्कृतिक विरासत और देश के यूनेस्को विरासत स्थलों पर आधारित कलाकृतियां शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि प्रस्तावित 46वीं विश्व धरोहर समिति की बैठक के तहत विश्व धरोहर स्थलों और भारत के प्राकृतिक विश्व धरोहर स्थलों से प्रेरित कुछ कलाकृतियां और मूर्तियां जैसे भीमबेटका को प्रस्तावित कलाकृतियों में विशेष स्थान दिया जाएगा। विश्व धरोहर समिति (डब्ल्यूएचसी) का 46वां सत्र भारत में पहली बार 21-31 जुलाई के बीच दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित किया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी 21 जुलाई को इस कार्यक्रम का उद्घाटन कर सकते हैं। हालांकि, इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने बताया कि पिछले साल सितंबर में ‘होयसल के पवित्र स्थलों' को प्रतिष्ठित सूची में स्थान मिलने के साथ ही भारत में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों की संख्या बढ़कर 42 हो गई है। इन स्थलों में सांस्कृतिक श्रेणी में 34, प्राकृतिक श्रेणी में सात तथा मिश्रित संपत्ति वाला एक स्थल शामिल है। विश्व धरोहर सूची में दिल्ली का लाल किला, हुमायूं का मकबरा और कुतुब मीनार, आगरा में स्थित ताजमहल, प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के अवशेष और बिहार में महाबोधि मंदिर, कर्नाटक में होयसल के पवित्र मंदिर और पश्चिम बंगाल में शांतिनिकेतन शामिल हैं। इस समय भारत का दुनिया में (यूनेस्को) स्थलों की संख्या के हिसाब से छठा स्थान है। भारत के अलावा इटली, स्पेन, जर्मनी, चीन और फ्रांस ऐसे देश हैं जहां पर 42 या उससे अधिक विश्व धरोहर स्थल हैं।
- नई दिल्ली। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो-- सी बी आई ने नीट-यूजी प्रवेश परीक्षा पेपर लीक मामले में पटना एम्स के सभी चार छात्रों को गिरफ्तार किया। लगातार पूछताछ के बाद सी बी आई ने औपचारिक रूप से मेडिकल के इन छात्रों को गिरफ्तार किया है। इनमें तीन एम बी बी एस तृतीय वर्ष तथा एक द्वितीय वर्ष का छात्र है। सी बी आई सूत्रों के अनुसार इन लोगों पर कथित रूप से मुख्य आरोपी पंकज सिंह के पेपर हल किया था, जिसने संगठित आपराधिक गिरोह के माध्यम से पेपर खरीदे थे। इससे पहले सी बी आई ने इन चारों छात्रों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। इनके लैपटॉप भी जब्त कर लिये गये थे और उनके हॉस्टल के कमरे भी सील कर दिये गये थे।
- 0 रिपोर्ट में कहा गया- भारत में टीकाकरण से वंचित बच्चों की संख्या अधिक है
नई दिल्ली। सरकार ने गुरुवार को यूनिसेफ की उस रिपोर्ट को गलत बताया जिसमें कहा गया है कि भारत में टीकाकरण से वंचित बच्चों की संख्या अधिक है। यह रिपोर्ट देश में टीकाकरण की अधूरी तस्वीर को दिखाती है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उन्हें यह समझना चाहिए की इन देशों के जनसंख्या आधार और टीकाकरण कवरेज की तुलना में कोई कारक नहीं है। मंत्रालय ने कहा कि रिपोर्टें भारत की जनसंख्या और उच्च टीकाकरण कवरेज पर विचार किए बिना देशों के साथ त्रुटिपूर्ण तुलना प्रस्तुत करती हैं। इसमें इस बात पर ध्यान आकृष्ट किया गया कि सरकार के टीकाकरण प्रयासों की सटीक और संपूर्ण स्थिति का अनुमान डेटा और कार्यक्रम संबंधी हस्तक्षेपों की व्यापक समझ के माध्यम से लगाया जा सकता है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि कुल जनसंख्या के प्रतिशत के रूप में, शून्य-खुराक वाले बच्चे देश की कुल जनसंख्या का 0.11 प्रतिशत हैं। इसमें पाया गया कि भारत की बड़ी आबादी के कारण, पूरे देश में शून्य खुराक वाले बच्चों की संख्या अधिक है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए देश का पूर्ण टीकाकरण कवरेज 93.23 प्रतिशत है और भारत का टीकाकरण कार्यक्रम विश्व स्तर पर सबसे बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य पहल है। बयान में यह भी कहा गया है कि इस पहल के तहत 1.2 करोड़ टीकाकरण सत्रों के माध्यम से सालाना 2.6 करोड़ बच्चों और 2.9 करोड़ गर्भवती महिलाओं के एक बडे समूह को लक्षित करता है। मिशन इंद्रधनुष के तहत 2023 तक 5.46 करोड़ बच्चों और 1.32 करोड़ गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जा चुका है। - नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को राष्ट्रीय नारकोटिक्स हेल्पलाइन ‘मानस‘ 1 9 3 3 की शुरूआत की। ‘मानस’ (मादक पदार्थ निषेध आसूचना केंद्र) हेल्पलाइन के माध्यम से, नागरिक मादक पदार्थों की तस्करी की जानकारी साझा कर सकते हैं तथा नशामुक्ति और पुनर्वास पर सलाह लेने के लिए 24 घंटे नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो से जुड़ सकते हैं। गृह मंत्री ने आज शाम नई दिल्ली में नार्को-समन्वय केन्द्र की 7वीं उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मादक पदार्थो के सेवन के खिलाफ लड़ाई बहुत महत्वपूर्ण है और इसे गंभीरता से और प्राथमिकता के आधार पर लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नशा मुक्त भारत का संकल्प उनकी महत्वपूर्ण प्रतिबद्धता को दर्शाता है। श्री शाह ने कहा कि यह चुनौती भी है और अवसर भी है। गृह मंत्री ने कहा कि एकजुटता और दृढ़ संकल्प के साथ यह लडाई जीती जा सकती है। बैठक का उद्देश्य केन्द्र और राज्य सरकार की एजेन्सियों के समन्वय से देश में मादक पदार्थों की तस्करी और इनके गलत इस्तेमाल पर नियंत्रण करना है।
- उन्नाव। उत्तर प्रदेश में उन्नाव जिले के बांगरमऊ क्षेत्र में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर एक कार के अनियंत्रित होकर पलट जाने से उस पर सवार तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गयी तथा तीन अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गये। बांगरमऊ के पुलिस क्षेत्राधिकारी अरविंद कुमार ने बताया कि बृहस्पतिवार शाम छह बजे बांगरमऊ क्षेत्र में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर दिल्ली से अयोध्या जा रही एक कार अनियंत्रित होकर पलट गयी। इस घटना में कार सवार वैभव पांडेय (35), मनोज सिंह (45) तथा अरविंद सिंह (40) की मौके पर ही मौत हो गयी। शवों को पोस्टमार्टम के लिये भेजा गया है। उन्होंने बताया कि दुर्घटना में महेन्द्र सिंह, आशीष कुमार और अनुज पांडेय नामक व्यक्ति गम्भीर रूप से घायल हुए हैं। उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
- पुरी। पुरी स्थित 12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर के प्रतिष्ठित खजाने ‘रत्न भंडार' (कोषागार) में रखी गयी मूल्यवान सामग्री और आभूषणों को एक अस्थायी भंडार कक्ष में स्थानांतरित करने का कार्य बृहस्पतिवार को सात घंटों के भीतर पूरा हो गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रत्न भंडार को इस सप्ताह दूसरी बार खोला गया ताकि बहुमूल्य चीजों को मंदिर परिसर के भीतर एक अस्थायी ‘स्ट्रॉन्ग रूम' में रखा जा सके। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के प्रमुख अरविंद पाढ़ी ने संवाददाताओं को बताया, “रत्न भंडार के आंतरिक कक्ष से सभी कीमती सामान को सफलतापूर्वक मंदिर परिसर के भीतर एक अस्थायी ‘स्ट्रांग रूम' में स्थानांतरित कर दिया गया है। लकड़ी और स्टील की अलमारियों और संदूकों सहित सात कंटेनरों को स्थानांतरित करने की पूरी प्रक्रिया में सात घंटे लगे।” पाढ़ी ने कहा कि प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी हो गई है और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के दिशा-निर्देशों के अनुसार आंतरिक कक्ष और अस्थायी ‘स्ट्रांग रूम' दोनों को बंद कर सील कर दिया गया है। पर्यवेक्षण समिति के अध्यक्ष एवं उड़ीसा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ ने कहा कि आंतरिक कक्ष के अंदर आभूषण और कीमती सामान सात कंटेनरों में रखे गए, जिनमें तीन लकड़ी की अलमारियां, दो लकड़ी की पेटियां, एक स्टील की अलमारी और एक लोहे की पेटी शामिल है। उन्होंने कहा कि सभी कीमती सामान को नये कंटेनरों में सावधानी से रखा गया और बाद में मंदिर परिसर के अंदर अस्थायी ‘स्ट्रांग रूम' में स्थानांतरित कर दिया गया। रथ ने कहा कि ‘स्ट्रांग रूम' को सील कर चाबियां पुरी जिलाधिकारी को दे दी गई।चाबियां खजाने में रखी जाएंगी
न्यायमूर्ति रथ ने खजाने के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा, “आंतरिक कक्ष के अंदर हमने जो कुछ देखा उसका विवरण गोपनीय है। जिस तरह कोई अपने घर में कीमती सामान का खुलासा नहीं करता, उसी तरह भगवान के खजाने को सार्वजनिक रूप से उजागर करना अनुचित होगा।” इसके पहले रत्न भंडार से मूल्यवान सामग्री को स्थानांतरित करने के लिए ओडिशा सरकार द्वारा गठित पर्यवेक्षण समिति के सदस्यों ने सुबह करीब नौ बजकर 51 मिनट पर मंदिर में प्रवेश किया। मंदिर में प्रवेश करने से पहले संवाददाताओं से पर्यवेक्षण समिति के अध्यक्ष एवं उड़ीसा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ ने कहा, ‘‘हमने भगवान जगन्नाथ से कोषागार के आंतरिक कक्ष में रखी मूल्यवान सामग्री को स्थानांतरित करने के लिए आशीर्वाद मांगा।'' इससे पहले, 46 वर्ष बाद 14 जुलाई को ‘रत्न भंडार' खोला गया था। उस दिन कोषागार के बाहरी कक्ष से आभूषण और मूल्यवान सामान को ‘स्ट्रांग रूम' में स्थानांतरित किया गया था। न्यायमूर्ति रथ ने पुरी के राजा एवं गजपति महाराजा दिव्य सिंह देव से भी अनुरोध किया कि वह ‘रत्न भंडार' में उपस्थित रहें और वहां से मूल्यवान सामग्री को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया की निगरानी करें। मंदिर परिसर में अस्थायी ‘स्ट्रांग रूम' में मूल्यवान सामग्री को स्थानांतरित करने के कार्य की निगरानी करने वाले देव ने कहा, ‘‘खाताशेजा (भंडार कक्ष) का अस्थायी ‘स्ट्रांग रूम' के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। रत्न भंडार के आंतरिक कक्ष से मूल्यवान सामग्री को कड़ी सुरक्षा के बीच ‘खाताशेजा' में स्थानांतरित किया जाएगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘आंतरिक कक्ष से मूल्यवान सामग्री को बाहर निकालने का काम शाम तक पूरा होने की उम्मीद है। अस्थायी ‘स्ट्रांग रूम' को सील कर दिया जाएगा और रत्न भंडार की मरम्मत का काम भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा किया जाएगा। मरम्मत का काम पूरा होने के बाद ही आभूषणों और अन्य मूल्यवान सामग्री की सूची तैयार की जाएगी।'' देव ने कहा, ‘‘रत्न भंडार के बाहरी कक्ष को साफ कर दिया गया है और वहां से मूल्यवान सामग्री हटा दी गयी है। आंतरिक कक्ष की मरम्मत की जरूरत है, क्योंकि इसे 46 वर्षों के बाद खोला जा रहा है।'' यह पूछे जाने पर कि क्या आंतरिक कक्ष में कोई सुरंग थी जैसा कि कई लोग दावा कर रहे हैं, देव ने कहा कि एएसआई कक्ष की स्थिति का आकलन करने के लिए आधुनिक उपकरणों का उपयोग करेगा और सर्वेक्षक ही इसकी संरचना के बारे में विवरण दे सकते हैं।'' पुरी के जिलाधिकारी सिद्धार्थ शंकर स्वैन ने कहा, ‘‘केवल अधिकृत लोगों को पारंपरिक पोशाक के साथ कोषागार में प्रवेश करने की अनुमति है। यदि मूल्यवान सामग्री को स्थानांतरित करने का काम आज पूरा नहीं होता है तो मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार यह आगे जारी रहेगा। पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जा रही है।'' पुरी के पुलिस अधीक्षक पिनाक मिश्रा ने बताया कि ‘एसओपी' के अनुसार मंदिर के आसपास सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और पर्याप्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। एक अधिकारी ने कहा, ‘‘किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सांप पकड़ने वालों, ओडिशा त्वरित कार्रवाई बल के कर्मियों तथा अग्निशमन सेवा के अधिकारियों को तैयार रहने के लिए कहा गया है।'' मंदिर प्रशासन ने बृहस्पतिवार को सुबह आठ बजे से मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया। एक अधिकारी ने कहा, ‘‘मूल्यवान सामग्री को स्थानांतरित करने के दौरान केवल अधिकृत लोगों और कुछ सेवकों को ही मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी गई।'' -
नयी दिल्ली. ड्रोन डेस्टिनेशन और राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (एनएसआईसी) ने कौशल विकास, रोजगार सृजन और भारत में ड्रोन पारिस्थितिकी तंत्र को सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एनएसआईसी, नई दिल्ली में एक ड्रोन प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने के लिए साझेदारी की है। इस पहल का उद्देश्य ड्रोन प्रौद्योगिकी, मरम्मत और रखरखाव, डेटा प्रसंस्करण एवं विश्लेषण, दूरस्थ पायलट प्रशिक्षण और नए युग के स्पोर्ट ड्रोन सॉकर पर प्रशिक्षण प्रदान करना है। एक बयान में कहा गया है, ‘‘ड्रोन डेस्टिनेशन और एनएसआईसी के बीच सहयोग ड्रोन प्रौद्योगिकी और कृत्रिम मेधा (एआई) के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति लाने तथा ड्रोन क्षेत्र में विशेष रूप से डिजिटल कृषि, सर्वेक्षण और मानचित्रण, खनन, संपत्ति निरीक्षण, देखभाल एवं निगरानी, आपदा प्रबंधन और कई अन्य क्षेत्रों में कुशल श्रमबल की बढ़ती और विविध मांगों को पूरा करने की दृष्टि से भविष्य के लिए तैयार कार्यबल विकसित करने के लिए है।'' इस पहल से कौशल विकास और रोजगार के लिए कई अवसर पैदा होंगे, जिससे ड्रोन क्षेत्र में आर्थिक विकास और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा। एनएसआईसी के योजना एवं विपणन निदेशक कार्तिकेय सिन्हा ने कहा कि इस ड्रोन प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना खासतौर पर प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आगे बढ़ने के इच्छुक युवाओं और महिलाओं के लिए एक बड़ा परिवर्तनकारी कदम साबित होगा। उन्होंने कहा, ‘‘व्यक्तियों को आवश्यक कौशल से लैस करके हम एक अधिक तकनीकी रूप से उन्नत और आत्मनिर्भर भारत का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं।
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नयी दिल्ली. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत एक ग्राम भी मादक पदार्थ देश में नहीं आने देगा। शाह ने मादक पदार्थ निरोधक एजेंसियों से आपूर्ति श्रृंखलाओं को ध्वस्त करने के लिए ‘‘कठोर'' रुख अपनाने का आह्वान भी किया। वह राष्ट्रीय राजधानी में एनसीओआरडी या नार्को-समन्वय केंद्र की 7वीं शीर्षस्तरीय बैठक के दौरान केंद्रीय और राज्य मादक पदार्थ निरोधक एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। शाह ने एमएएनएएस हेल्पलाइन नंबर '1933' के साथ-साथ एक ईमेल आईडी की भी शुरुआत की। इनका इस्तेमाल लोग मादक पदार्थों की तस्करी के बारे में स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) को जानकारी देने के लिए कर सकते हैं। शाह ने कहा, "नशे का पूरा कारोबार अब मादक पदार्थ-आतंकवाद से जुड़ गया है और इससे मिलने वाला पैसा देश की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गया है। सभी एजेंसियों का लक्ष्य न केवल नशा करने वालों को पकड़ना होना चाहिए, बल्कि पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ करना भी होना चाहिए।" उन्होंने कहा कि उनकी सरकार "एक ग्राम भी मादक पदार्थ भारत में नहीं आने देगी, न ही हम भारत की सीमाओं का इस्तेमाल किसी भी तरह से मादक पदार्थ तस्करी के लिए होने देंगे।'' उन्होंने यहां विज्ञान भवन में बैठक के दौरान कहा, "मादक पदार्थ आपूर्ति श्रृंखला के प्रति कठोर दृष्टिकोण, मांग में कमी के प्रति रणनीतिक दृष्टिकोण और नुकसान में कमी के लिए मानवीय दृष्टिकोण होना चाहिए।" शाह ने कहा कि यदि कोई मादक पदार्थ जमीन, पानी या हवाई अड्डे के जरिए देश में आता है, तो उसका पता लगाया जाना चाहिए और उस आखिरी बिंदु तक जांच की जानी चाहिए जहां से उसकी तस्करी की गई है। मंत्री ने कहा कि पिछले पांच सालों में नरेन्द्र मोदी सरकार ने मादक पदार्थ रोधी लड़ाई को पूरे सरकारी दृष्टिकोण और संरचनात्मक, संस्थागत और सूचनात्मक सुधारों पर आधारित किया है। शाह ने कहा कि पहले एजेंसियों का मंत्र "जानने की जरूरत" था, लेकिन अब उन्हें "साझा करने के कर्तव्य" की कार्यक्षमता की ओर बढ़ना चाहिए और सभी एजेंसियों को इस महत्वपूर्ण बदलाव को अपनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, "सरकार जल्द ही मादक पदार्थों की प्रारंभिक जांच के लिए कम खर्चीली किट उपलब्ध कराएगी, जिससे सभी एजेंसियों द्वारा मामले दर्ज करना बहुत आसान हो जाएगा।" शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2047 तक भारत को हर क्षेत्र में अग्रणी बनाने का लक्ष्य रखा है और यह युवा पीढ़ी को नशे के अभिशाप से दूर रखकर ही हासिल किया जा सकता है। उन्होंने बैठक के दौरान एनसीबी की 'वार्षिक रिपोर्ट 2023' और 'नशा मुक्त भारत' पर एक संग्रह भी जारी किया।
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नयी दिल्ली. नीति आयोग ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को गति देने की जरूरत है और इस क्षेत्र में 2030 तक 500 अरब अमेरिकी डॉलर का लक्ष्य रखा जाना चाहिए चाहिए। इस तरह की वृद्धि से लगभग 60 लाख लोगों के लिए रोजगार सृजित होंगे। आयोग ने ‘इलेक्ट्रॉनिक्स: वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में भारत की भागीदारी को सशक्त बनाना' शीर्षक से जारी रिपोर्ट में कहा कि इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य में तैयार वस्तुओं के विनिर्माण का योगदान 350 अरब डॉलर और कलपुर्जों के विनिर्माण की हिस्सेदारी 150 अरब डॉलर रखी गयी है। देश में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन वित्त वर्ष 2022-23 तक 101 अरब डॉलर का था। इसमें तैयार वस्तुओं का हिस्सा 86 अरब डॉलर और कलपुर्जों के विनिर्माण की हिस्सेदारी 15 अरब डॉलर थी। रिपोर्ट के अनुसार, भारत से इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का निर्यात 240 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने और घरेलू मूल्यवर्धन 35 प्रतिशत से अधिक होने की उम्मीद है। इसमें कहा गया है, ‘‘भारत ने तीसरी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए प्रौद्योगिकी-संचालित क्षेत्रों के लिए अधिक महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण की आवश्यकता है।'' रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘राजकोषीय प्रोत्साहन और गैर-राजकोषीय हस्तक्षेप सहित अनुकूल कारोबारी माहौल और मजबूत नीतिगत समर्थन के साथ, भारत को वित्त वर्ष 2029-30 तक मूल्य के हिसाब से इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में 500 अरब डॉलर का लक्ष्य हासिल करना चाहिए।'' आयोग ने कहा कि मौजूदा स्थिति के अनुसार, कामकाज चलता रहा तो भारत में इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का विनिर्माण वित्त वर्ष 2029-30 तक 278 अरब डॉलर तक बढ़ सकता है। इसमें तैयार माल की हिस्सेदारी 253 अरब डॉलर और कलपुर्जों के विनिर्माण की हिस्सेदारी 25 अरब डॉलर होगी। वहीं रोजगार सृजन लगभग 34 लाख रहने की उम्मीद है। जबकि निर्यात 111 अब डॉलर तक पहुंच सकता है। रिपोर्ट में इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ने के लिए राजकोषीय, वित्तीय, नियामकीय और बुनियादी ढांचे के स्तर पर रणनीतिक हस्तक्षेप की सिफारिश की गयी है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में एक मजबूत इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण परिवेश को बढ़ावा देने के लिए कलपुर्जों और पूंजीगत वस्तुओं को बढ़ावा देना, अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहन, शुल्क दर को युक्तिसंगत बनाना, कौशल विकास, बुनियादी ढांचा विकास शामिल हैं। भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में तेजी से वृद्धि हुई है और यह 2022-23 में 155 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। वहीं उत्पादन वित्त वर्ष 2016-17 में 48 अरब डॉलर का था जो 2022-23 में 101 अरब डॉलर का हो गया। उत्पादन में वृद्धि का प्रमुख कारण मोबाइल फोन है। कुल इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन में इसकी हिस्सेदारी 43 प्रतिशत है। रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार 4,300 अरब डॉलर का है। इसमें चीन, ताइवान, अमेरिका, दक्षिण कोरिया, वियतनाम और मलेशिया जैसे देशों का दबदबा है। भारत वर्तमान में सालाना लगभग 25 अरब अमेरिकी डॉलर का निर्यात करता है। इसकी वैश्विक हिस्सेदारी एक प्रतिशत से भी कम है। रिपोर्ट जारी करते हुए नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) बी वी आर सुब्रमण्यम ने कहा कि भारत वैश्विक मूल्य श्रृंखला का हिस्सा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण का सवाल है, फिलहाल भारत की हिस्सेदारी बहुत ही कम है।'' उन्होंने कहा कि कुछ प्रकार के कलपुर्जे भारत में नहीं बनते हैं।
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नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और उनके प्रयासों की सराहना की। प्रधानमंत्री मोदी ने इसके साथ ही लगातार तीसरी बार सत्ता में आने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित भी किया। सूत्रों ने बताया कि मोदी ने पार्टी कार्यकर्ताओं के काम की सराहना की और बीते दशकों में पार्टी की सफल यात्रा के बारे में बात की। भाजपा के सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने 'एक्स' पर कहा, "आज, प्रधानमंत्री मोदी हमारे कर्मचारियों से मिलने भाजपा मुख्यालय आए, जिनमें से कई दशकों से पार्टी के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने पार्टी को 2 सीटों से 303 तक बढ़ते देखा है, जब हमारे पास सिर्फ एक एंबेसडर कार थी और अब गाड़ियों का एक बेड़ा है।" मालवीय ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा कार्यकर्ताओं को पहचानना उनके लिए एक भावनात्मक क्षण था।
इससे पहले, भाजपा मुख्यालय पहुंचने पर भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने मोदी का स्वागत किया। उन्होंने 2019 की चुनावी जीत के बाद भी इसी तरह पार्टी कार्यालय के कर्मचारियों से मुलाकात की थी और उनसे संवाद किया था। -
नयी दिल्ली. प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने बृहस्पतिवार को 25 साल पहले हुए करगिल युद्ध में भारतीय जांबाजों की वीरता की सराहना करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि 1999 के संघर्ष के दौरान पाकिस्तान के सभी प्रयास स्पष्ट रूप से “उद्देश्यों को पूरा करने से चूक गए।” उन्होंने कहा, “आज हम जो छद्म युद्ध देख रहे हैं, वह उसी विचारधारा और सोच का परिणाम है, जो नहीं बदली है।” करगिल युद्ध की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर ‘टीवी9 नेटवर्क' द्वारा आयोजित ‘करगिल दिवस सम्मान' में सीडीएस ने यह भी कहा कि युद्ध की यादों को संजो कर रखने के अलावा, इसके बाद की स्थिति को देखना और भविष्य के लिए “सही सबक” लेना भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “हमें वही गलतियां नहीं दोहरानी चाहिए।” इस कार्यक्रम में सीडीएस ने करगिल के कई नायकों और 1999 के युद्ध में सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीदों के परिवार के सदस्यों को पुरस्कार भी प्रदान किए। भारत द्वारा 26 जुलाई 1999 को युद्ध की समाप्ति की घोषणा की गई- जिसे ‘करगिल विजय दिवस' के रूप में मनाया जाता है, जब भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को सफलतापूर्वक पीछे धकेल दिया। पाकिस्तान की सेना ने लद्दाख में महत्वपूर्ण ऊंचाइयों पर चुपके से कब्जा कर लिया था। जनरल ने कहा, “1971 (युद्ध) में हार के बाद पाकिस्तान हमेशा हमसे बदला लेना चाहता था। 1984 में सियाचिन ग्लेशियर पर हमारे द्वारा किया गया कब्जा एक और अपमान था, जो पाकिस्तान को सहना पड़ा। करगिल में इसकी कार्रवाई अपने सम्मान को पुनः प्राप्त करने के लिए थी, लेकिन स्पष्ट रूप से उसके सभी प्रयास अपने उद्देश्य में असफल रहे।” सीडीएस ने कहा कि “आज हम जो छद्म युद्ध देख रहे हैं, वह उसी विचारधारा और सोच का परिणाम है जो नहीं बदली है। इसलिए हमें, जैसा कि ओलिवर क्रॉमवेल ने कहा था ‘....ईश्वर पर भरोसा रखना चाहिए..., लेकिन...अपना बारूद सूखा रखना चाहिए।” उन्होंने कहा कि हमारे सशस्त्र बलों की दृढ़ता, अदम्य साहस और दृढ़ संकल्प का पर्याय बन गया करगिल युद्ध “हम सभी को भविष्य के खतरों और चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित और सामूहिक रूप से प्रोत्साहित करता है।” उन्होंने कहा, “हमें इस प्रकार की चुनौतियों का सामना करने के लिए उच्च स्तर की तैयारी बनाए रखनी होगी।” सीडीएस ने संघर्ष में लड़ने वाली विभिन्न इकाइयों के योगदान की सराहना की और साथ ही उन वीर नारियों की भी सराहना की, जिनके बेटों या पतियों ने राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। जनरल चौहान ने कहा, “हमारे सैनिकों द्वारा दिए गए बलिदान की यादें हमारी राष्ट्रीय लोककथा का हिस्सा बननी चाहिए, जैसा कि करगिल युद्ध के साथ हुआ है।” सीडीएस ने कहा कि वीरता, साहस और धैर्य की गाथा से भावी पीढ़ी के युवाओं के साथ-साथ भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल होने वाले सैनिकों को भी प्रेरणा मिलती रहेगी। उन्होंने कहा कि युद्ध की स्मृतियों को संजोने के अलावा, इसके परिणामों पर गौर करना और भविष्य के लिए उपयोगी सबक लेना भी महत्वपूर्ण है।
- नई दिल्ली। कला इतिहासकार मधु खन्ना ने अपनी पुस्तक “तंत्र ऑन द एज” के लिए ऑक्सफोर्ड बुकस्टोर आर्ट बुक प्राइज का दूसरा संस्करण जीता है। भारत और श्रीलंका में नॉर्वे की राजदूत मे-एलिन स्टेनर द्वारा आयोजित पुरस्कार समारोह में खन्ना और पुस्तक के प्रकाशक डीएजी को ट्रॉफी, प्रमाण पत्र और एक लाख रुपये नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया। खन्ना ने कहा, “इस पुस्तक को लिखना जुनून और समर्पण की यात्रा रही है। जैसे-जैसे हम हिंसा और पारिस्थितिकीय क्षरण से त्रस्त 21वीं सदी में प्रवेश कर रहे हैं, हमें अतीत के गुमनाम शिल्पी-योगियों और ऋषि-विद्वानों से विरासत में मिली तंत्र और योग की आध्यात्मिक विरासत को पुनः प्राप्त करना होगा।” उन्होंने कहा, “उनकी विरासत के कारण ही हम आज तंत्र कला और उसके दर्शन की कालातीत आधुनिकता का जश्न मना पा रहे हैं।” निर्णायक मंडल में स्टेनर के अलावा कला इतिहासकार अलका पांडे और ऑक्सफोर्ड बुकस्टोर्स की प्रीति पॉल शामिल थीं। निर्णायक मंडल ने विजयी पुस्तक के अतिरिक्त - दो अन्य पुस्तकों की भी सराहना की जिसमें नियोगी बुक्स द्वारा प्रकाशित शिल्पा शाह और रोजमरी क्रिल की “द शूमेकर्स स्टिच: मोची एम्ब्रॉयडरीज ऑफ गुजरात इन द तापी कलेक्शन” तथा एलेफ बुक कंपनी द्वारा प्रकाशित “थोटा वैकुंठम्स थोटा वैकुंठम: ए सेलिब्रेशन” शामिल हैं।
- श्योपुर/बैतूल। मध्यप्रदेश के श्योपुर और बैतूल जिलों में दो अलग-अलग घटनाओं में दो नाबालिग लड़कों और एक व्यक्ति की डूबने से मौत हो गयी। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी। ओछापुर थाना प्रभारी जय सिंह रघुवंशी ने बताया कि श्योपुर में 12 और 17 साल के दो चचेरे भाई बुधवार सुबह ओछापुर गांव में बारिश के पानी से भरी पत्थर की खदान में नहाने गए थे। उन्होंने बताया कि नहाते-नहाते उनमें से एक गहरे पानी में चला गया, जिसे बचाने के लिए दूसरे लड़का भी गहरे पानी में उतर गया और दोनों की डूबने से मौत हो गयी। अधिकारी ने बताया कि मवेशी चरा रहे एक व्यक्ति ने गांववालों को घटना के बारे में सूचित किया और बाद में शवों को बाहर निकालकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया। मुलताई थाना प्रभारी राजेश सातनकर ने बताया कि बैतूल जिले के मासोद गांव में 39 वर्षीय गुड्डू कवन मंगलवार को पानी भरते समय कुएं में गिर गया। पुलिस ने बताया कि बाद में कुछ गांववालों ने उसे बाहर निकाला, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
- नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा ने बुधवार को कहा कि औषधि विनियमन में वैश्विक अग्रणी देश बनने के लिए भारत को विश्व स्तरीय नियामक ढांचे की आवश्यकता है। नड्डा ने कहा कि भारत को ‘विश्व की फार्मेसी' की अपनी वैश्विक प्रतिष्ठा के अनुरूप औषधि विनियमन में वैश्विक अग्रणी देश बनने के लिए अपने परिचालन के पैमाने और अंतरराष्ट्रीय अपेक्षाओं के अनुरूप विश्व स्तरीय नियामक ढांचे की जरूरत है। नड्डा ने यहां औषधियों, सौंदर्य प्रसाधनों और चिकित्सा उपकरणों के विनियमन की समीक्षा बैठक में दवाओं के अग्रणी उत्पादक और निर्यातक के रूप में भारत की वैश्विक स्थिति को रेखांकित किया। उन्होंने केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) द्वारा अपने कार्यादेश के तहत वैश्विक मानकों को प्राप्त करने की समयसीमा के साथ एक रूपरेखा तैयार करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दवाओं के निर्यात के लिए उचित प्रणाली तैयार की जानी चाहिए, ताकि निर्यात की जा रही औषधियों की गुणवत्ता बनाये रखी जा सके। नड्डा ने सीडीएससीओ के कामकाज में पारदर्शिता के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि औषधि विनियामक निकाय तथा उद्योग दोनों को पारदर्शिता के उच्चतम सिद्धांतों पर काम करना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि भारत द्वारा निर्मित किये जाने वाले और बेचे जाने वाले उत्पाद वैश्विक गुणवत्ता मानकों के उच्चतम मानकों को पूरा करते हों।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सीडीएससीओ के लिए दवा एवं चिकित्सा उपकरण उद्योग के साथ निरंतर संवाद बनाए रखना महत्वपूर्ण है, ताकि उनके मुद्दों को समझा जा सके तथा सीडीएससीओ की गुणवत्ता अपेक्षाओं और मानकों को पूरा करने के लिए उनका समर्थन किया जा सके। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा ध्यान ऐसी व्यवस्था विकसित करने पर होना चाहिए, जो विनियामक आवश्यकताओं के भीतर दवा उद्योग के लिए व्यापार करना आसान बना सकें।'' औषधि निर्माण में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र तथा लघु उद्योगों के समक्ष गुणवत्ता मानकों को पूरा करने में आने वाली समस्याओं के विषय पर, नड्डा ने कहा, ‘‘हमें एमएसएमई क्षेत्र के समक्ष आने वाली समस्याओं को समझने की जरूरत है तथा एक ओर उनकी क्षमता और उत्पादों की गुणवत्ता को मजबूत करने में उनका समर्थन किया जाना चाहिए तथा दूसरी ओर उन्हें विनियामक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।'' मंत्री को 850 करोड़ रुपये के बजट के साथ राज्य औषधि विनियामक प्रणाली को मजबूत करने की योजना की प्रगति के बारे में भी जानकारी दी गई। केंद्रीय मंत्री को केंद्रीय और राज्य औषधि विनियामक निकायों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों तथा उनके बीच तालमेल बिठाने में आने वाली कुछ चुनौतियों के बारे में भी जानकारी दी गई।
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नयी दिल्ली. सीबीएसई नए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे (एनसीएफ) के तहत साल में दो बार बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करने को लेकर दुविधा में है और इस बाबत तीन विकल्पों पर चर्चा कर रहा है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) सेमेस्टर प्रणाली पर भी विचार कर रहा है जिसमें द्विवार्षिक परीक्षाएं शामिल हैं। वर्तमान में, कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षाएं फरवरी-मार्च में आयोजित की जाती हैं। अधिकारियों ने बताया कि विचार-मंथन जारी है और अब तक इस बारे में कोई निर्णय नहीं किया गया है कि वर्ष में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित करने की योजना कब और किस प्रारूप में लागू की जाएगी। एक अधिकारी ने बताया, “तीन संभावित विकल्पों पर चर्चा की गई है, जिनमें से एक सेमेस्टर प्रणाली में परीक्षा आयोजित करना है। इसमें पहली बोर्ड परीक्षा जनवरी-फरवरी में और दूसरी मार्च-अप्रैल में आयोजित करना है या फिर कंपार्टमेंट या सुधार परीक्षाओं के साथ जून में बोर्ड परीक्षाओं का दूसरा चरण आयोजित किया जाए।” उन्होंने बताया, “जिस तरह से हमारा शैक्षणिक कैलेंडर बनाया गया है, साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं का कार्यक्रम और सीबीएसई स्कूल देश भर में और विदेश तक में होने के चलते भौगोलिक चुनौतियां हैं जिससे सेमेस्टर प्रणाली कम व्यवहार्य लगती है।” बोर्ड ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से कहा है कि मौजूदा व्यवस्था में कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करने के लिए 150 से अधिक कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘इस प्रक्रिया में कम से कम 310 दिन लगते हैं, जिसमें विद्यार्थियों की सूची भरना, केंद्र अधिसूचना, रोल नंबर जारी करना, प्रैक्टिकल आयोजित करना, लिखित परीक्षा, परिणाम घोषित करना, सत्यापन और पुनर्मूल्यांकन शामिल है। दो परीक्षाओं का आयोजन करने के लिए कम से कम 55 दिन की जरूरत है।” अब सीबीएसई के सामने चुनौती यह है कि दूसरे चरण के लिए यह व्यापक कवायद कब और कैसे दोहराई जाए।
अधिकारी ने कहा,“फरवरी से पहले परीक्षाएं आयोजित करने में अपनी तरह की चुनौतियां हैं, क्योंकि कुछ राज्यों में सर्दियां बेहद कठिन होती हैं। वर्तमान में बोर्ड परीक्षाएं 15 फरवरी के आसपास शुरू होती हैं, इसलिए पर्याप्त अंतराल रखने के लिए तिथियों पर भी उसी के अनुसार काम करना होगा।” उन्होंने कहा, “ दूसरा विकल्प कंपार्मेंट या सुधार परीक्षा के साथ जून में परीक्षा का दूसरा चरण आयोजित करना हो सकता है। हालांकि, इनमें से कोई भी विकल्प अंतिम नहीं है। हम अब भी विचार-विमर्श कर रहे हैं और व्यापक परामर्श जारी है। यह संभव है कि प्रक्रिया के दौरान और भी विकल्प सामने आएं।” मंत्रालय की योजना 2024-25 शैक्षणिक सत्र से वर्ष में दो बार बोर्ड परीक्षाएं शुरू करने की थी। हालांकि, इसे एक साल के लिए टाल दिया गया है। इसरो के पूर्व अध्यक्ष के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में केंद्र सरकार की ओर से नियुक्त राष्ट्रीय संचालन समिति द्वारा तैयार की गई नई एनसीएफ में कक्षा 11 वीं और 12वीं के छात्रों के लिए एक सेमेस्टर प्रणाली का प्रस्ताव रखा गया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पिछले अक्टूबर में बताया था कि छात्रों के लिए साल में दो बार बोर्ड परीक्षा देना अनिवार्य नहीं होगा। -
चंडीगढ़. विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले हरियाणा की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने कांस्टेबल, वन रक्षकों और जेल वार्डन की भर्ती के साथ-साथ अन्य पदों पर अग्निवीर के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की बुधवार को घोषणा की। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने यह भी कहा कि यदि कोई अग्निवीर अपना व्यवसाय शुरू करना चाहता है तो सरकार उसे पांच लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराएगी। सैनी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘राज्य सरकार द्वारा कांस्टेबल, खनन रक्षक, वन रक्षक, जेल वार्डन और विशेष पुलिस अधिकारी के पदों पर की जाने वाली सीधी भर्ती में अग्निवीर के लिए 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण होगा।'' मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रुप सी और डी के पदों पर भी आयु सीमा में तीन वर्ष की छूट दी जाएगी। सैनी ने कहा, ‘‘हालांकि अग्निवीर के पहले बैच के लिए यह छूट पांच वर्ष होगी।'' उन्होंने अग्निवीर को रोजगार देने वाली औद्योगिक इकाइयों के लिए भी रियायतों की घोषणा की। सैनी ने कहा, ‘‘अगर कोई औद्योगिक इकाई अग्निवीर को 30,000 रुपये प्रति माह से अधिक वेतन पर नियुक्त करती है, तो हमारी सरकार उस इकाई को 60,000 रुपये की वार्षिक सब्सिडी देगी।'' उन्होंने यह भी घोषणा की कि अग्निवीर को प्राथमिकता के आधार पर हथियार लाइसेंस दिए जाएंगे।
केंद्र की भाजपा नीत सरकार द्वारा जून 2022 में सशस्त्र बलों में कर्मियों की अल्पकालिक भर्ती के लिए शुरू की गई अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना को विपक्षी दलों सहित कई धड़ों से कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा है। हाल में हुए लोकसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हरियाणा के महेंद्रगढ़ में कहा था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आयी तो अग्निवीर योजना को रद्द कर कूड़ेदान में फेंक दिया जाएगा। जून 2022 में केंद्र द्वारा इस योजना की घोषणा किए जाने के तुरंत बाद, हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि राज्य सरकार सशस्त्र बलों में चार साल के कार्यकाल के बाद अग्निवीर को रोजगार मुहैया कराने की गारंटी देती है। अग्निपथ योजना में साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष के आयु समूह के युवाओं को चार वर्षों के लिए भर्ती करने का प्रावधान है। इनमें से 25 प्रतिशत को अगले 15 वर्षों तक सेवा में बनाए रखने की योजना है। -
जम्मू. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच बुधवार को 3,700 तीर्थयात्रियों का एक नया जत्था दक्षिण कश्मीर में अमरनाथ गुफा मंदिर के लिए रवाना हुआ। तीर्थयात्रियों का 20वां जत्था भगवती नगर आधार शिविर से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के सुरक्षा घेरे में सुबह तीन बजकर पांच मिनट पर 127 वाहनों से रवाना हुआ। इस जत्थे में 2,734 पुरुष, 952 महिलाएं और नौ बच्चे शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि 2,305 तीर्थयात्रियों ने पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबा पहलगाम मार्ग चुना, जबकि 1,435 ने अपेक्षाकृत छोटे (14 किलोमीटर) लेकिन कठिन बालटाल मार्ग को यात्रा के लिए चुना। अमरनाथ की 52 दिन की यात्रा औपचारिक रूप से 29 जून को शुरू हुई थी और इसका समापन 19 अगस्त को होगा। पिछले साल 4.5 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने अमरनाथ गुफा मंदिर में पूजा-अर्चना की थी। अधिकारियों ने बताया कि अब तक 3.40 लाख से अधिक श्रद्धालु पवित्र गुफा मंदिर में हिम शिवलिंग के दर्शन कर चुके हैं। हाल की आतंकवादी हमलों की घटनाओं के बाद आधार शिविरों और यात्रा मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। कड़े सुरक्षा इंतजाम के तहत त्रिस्तरीय सुरक्षा प्रणाली की व्यवस्था, पूरे क्षेत्र में सुरक्षाबलों की तैनाती, मार्ग पर जांच चौकियां स्थापित की गई हैं।
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छपरा.बिहार के सारण जिले के रसूलपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत धानाडीह गांव में कथित तौर पर प्रेम संबंध के कारण तीन लोगों की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई। पुलिस ने यह जानकारी दी। सारण जिला पुलिस मुख्यालय की ओर से बुधवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार हत्या के इस मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। विज्ञप्ति में कहा गया कि बीती रात सूचना मिली थी कि धानाडीह गांव निवासी तारकेश्वर सिंह उर्फ झाबर सिंह सहित तीन लोगों की हत्या कर दी गई है। इसमें कहा गया कि रसूलपुर थाने की पुलिस तुरंत घटनास्थल पहुंची जहां तारकेश्वर और उनकी दो नाबालिग बेटियां मृत पाई गईं वहीं तारकेश्वर की पत्नी जख्मी हालत में मिलीं। बयान के अनुसार पुलिस ने मृतक की पत्नी के बयान के आधार पर आरोपी सधांशु कुमार उर्फ रौशन और आरोपी अंकित कुमार को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ शुरू की। पूछताछ के दौरान दोनों अभियुक्तों ने इस घटना में अपनी संलिप्ता स्वीकार कर ली है और पुलिस ने वारदात को अंजाम देने में इस्तेमाल किये गए चाकू को बरामद कर लिया है। बयान में कहा गया कि आरोपी रौशन के मृतक की एक बेटी से प्रेम संबंध थे।
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नई दिल्ली। दिल्ली के लुटियंस ज़ोन के बंगले खाली करने के लिए 200 से ज्यादा पूर्व लोकसभा सदस्यों को नोटिस भेजा गया है.। वर्ष 2024 में लोकसभा चुनावों में हारने वाले नेताओं को ये नोटिस भेजा गया है.। नियम के अनुसार एक महीने की अवधि पूरी होने के बावजूद सांसदों ने बगंला खाली नहीं करवाया। जिसकी वजह से इन्हें नोटिस दिया गया है। . पूर्व सांसदों को लोकसभा के गृहनिर्माण समिति ने ये नोटिस दिया है। इन पूर्व सांसदों के बंगले खाली करने के बाद नए सांसदों को बंगले दिए जाएंगे। जानकारी के मुताबिक़ पूर्व सांसदों को पिछली लोकसभा भंग हो जाने के एक महीने के भीतर बंगले खाली करने थे। लेकिन बावजूद इसके मुद्दत समाप्त होने के बाद भी कई सांसदों ने बंगले खाली नहीं किए है। ' एक अधिकारी ने बताया की पूर्व सांसदों के बंगले खाली नहीं करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और बंगले खाली करने के लिए पथक भेजा जाएगा। लोकसभा की हाउस कमेटी सांसदों को आवास आवंटित करती है। जबकि केंद्रीय आवास और नागरिक मामलों के मंत्रालय के तहत संपदा निदेशालय मंत्रियों को बंगले आवंटित करता है। जानकारी के मुताबिक़ मोदी सरकार-3.0 के शपथ ग्रहण को एक महीने से ज्यादा समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक नए मंत्री को बंगला आवंटित नहीं किए गए है।
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मुंबई। इंस्टग्राम इन्फ्लुएंसर अन्वी कामदार की मौत हो गई है। मुंबई के पास रायगढ़ में आने वाले एक झरने में गिरने से 26 वर्षीय अन्वी की मौत हुई.। जांच में सामने आया है कि मुंबई की रहने वाली ट्रैवल इन्फ्लुएंसर अन्वी कामदार रायगढ़ में कुंभे झरने की सुंदरता के कैमरे में कैद करने में अन्वी हादसे का शिकार हुई। . एक रील शूट करते समय 300 फीट गहरी खाई में गिर गई, जिसमें उनकी मौत हो गई.। अन्वी 16 जुलाई को अपने दोस्तों के साथ झरने की सैर पर निकली थी।
अन्वी अपने दोस्तों के साथ रायगढ़ जिले के मानगांव तालुका में घूमने आई थी। अन्वी कुंभे झरने के पास एक छोटे से स्पाइक पर जाकर रील बनाने के लिए वहां गई और उनका पैर फिसल गया। इस दुर्घटना में अन्वी 300 फीट गहरी खाई में गिर गई। अन्वी के गिरते ही उसे बचाने के लिए टीम वहां पहुंच गई। . दोपहर करीब 12.30 बजे रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ। . अगले 15 मिनट में बचाव दल अन्वी तक पहुंच गया।बचाव दल ने जब अन्वी की सांसें जांचीं तो वह जीवित पाई गई.। आवाज देने के बाद अन्वी धीमी आवाज में कुछ बोलने की कोशिश भी कर रही थी.। . इसके तुरंत बाद अन्वी को स्ट्रेचर पर बांध दिया गया। . बचाव दल ने अन्वी को 120 मीटर की दूरी तक हाथ से उठाया.। इसके बाद रस्सी की मदद से उसे 200 से 250 फीट ऊंची चट्टान से ऊपर लाया गया.। इसके बाद अन्वी को मनगांव तालुका के सरकारी अस्पताल ले जाया गया,। लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.। -
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तबियत को लेकर चिंता बढ़ गई है। बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान उनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि सोते समय केजरीवाल का ब्लड शुगर लेवल घटकर 50 तक पहुंच गया था। सिंघवी ने कहा कि यह स्थिति बहुत खतरनाक है। उन्होंने बताया कि नींद के दौरान शुगर लेवल में इतनी गिरावट जानलेवा हो सकती है। ऐसी स्थिति में मरीज जाग ही न पाए, यह खतरा रहता है। वकील ने कोर्ट से अपील की कि वह इस स्थिति को पूरी तरह से समझे और विचार करे। उन्होंने यह भी कहा कि पहले से ही तीन आदेश उनके पक्ष में हैं।
अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर चल रही कोर्ट की सुनवाई में उनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कई महत्वपूर्ण बातें रखीं। उन्होंने कहा कि सीबीआई के पास केजरीवाल को गिरफ्तार करने का कोई ठोस कारण नहीं था, क्योंकि वे पहले से ही जेल में थे। सिंघवी ने बताया कि सीबीआई की हिरासत में केजरीवाल का ब्लड शुगर पांच बार खतरनाक स्तर तक गिरा।उन्होंने इस गिरफ्तारी को “बाद का सोचा गया फैसला” बताते हुए कहा कि यह तब की गई जब एक निचली अदालत ने केजरीवाल को शराब नीति केस में जमानत दे दी थी। सिंघवी ने सवाल उठाया कि क्या सीबीआई केजरीवाल को तब तक हिरासत में रख सकती है जब तक वे उनका मनचाहा जवाब न दें, और कोर्ट से अपील की कि वह इस मामले की सच्चाई का पता लगाए।पिछले हफ्ते आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने एक चिंताजनक खुलासा किया। उन्होंने बताया कि 21 मार्च को ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से अरविंद केजरीवाल का वजन 8.5 किलो कम हो गया है। गिरफ्तारी के समय केजरीवाल 70 किलो के थे, जो अब घटकर 61.5 किलो रह गया है। सिंह ने कहा कि इतना वजन कम होने का कारण अभी तक पता नहीं चला है और न ही इसकी कोई गंभीर जांच की गई है। उन्होंने चेतावनी दी कि यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है।इसके बाद, एक निचली अदालत द्वारा जमानत दिए जाने के बावजूद सीबीआई ने केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया। दिल्ली हाई कोर्ट ने बाद में इस जमानत पर रोक लगा दी, जिससे केजरीवाल की हिरासत और लंबी हो गई है और उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।