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झांसी. उत्तर प्रदेश के झांसी में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के बच्चों के वार्ड में शुक्रवार रात आग लगने से कम से कम 10 शिशुओं की मौत हो गई जबकि 16 बच्चे गंभीर रूप से झुलस गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। झांसी के जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि अस्पताल की नवजात शिशु देखभाल इकाई (एनआईसीयू) में दस बजकर 45 मिनट पर संभवत: शार्ट सर्किट से आग लग गयी। एनआईसीयू के बाहरी हिस्से में मौजूद सभी बच्चों को और अंदर मौजूद कुछ बच्चों को निकाल लिया गया। कुमार ने कहा, फिलहाल 10 बच्चों की मौत की सूचना है।''
उन्होंने बताया कि जिन बच्चों की हालत ज्यादा गंभीर नहीं होती है उन्हें एनआईसीयू के बाहरी हिस्से में जबकि गंभीर हालत वाले बच्चों को भीतरी हिस्से में रखा जाता है। मध्य रात्रि के करीब अस्पताल पहुंचे झांसी के मंडल आयुक्त विमल दुबे ने संवाददाताओं को बताया कि एनआईसीयू के भीतरी हिस्से में करीब 30 बच्चे थे और उनमें से अधिकतर को निकाल लिया गया था। झांसी की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) सुधा सिंह ने शनिवार को बताया कि इस हादसे में गंभीर रूप से झुलसे 16 बच्चों का इलाज जारी है। इस हादसे के समय एनआईसीयू में 50 से अधिक बच्चे भर्ती थे। झांसी पुलिस ने सोशल मीडिया पर एक संक्षिप्त बयान में कहा कि दमकल विभाग की एक गाड़ी को घटनास्थल पर भेजा गया,साथ ही जिले के वरिष्ठ अधिकारी भी मेडिकल कॉलेज पहुंचे। झांसी के पास स्थित महोबा जिले के एक दंपति ने इस हादसे में अपने नवजात बच्चे को खो दिया है। बच्चे की मां ने संवाददाताओं को बताया कि उनके बच्चे का जन्म 13 नवंबर को सुबह आठ बजे हुआ था। उन्होंने रोते हुए कहा, ‘‘मेरा बच्चा आग में जलकर मर गया।'' लखनऊ में जारी एक बयान के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लिया और जिला प्रशासन के अधिकारियों को हादसे में झुलसे बच्चों का समुचित इलाज कराने का निर्देश दिया। -
लखनऊ/झांसी .उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में आग लगने से कम से कम 10 नवजात शिशुओं की मौत के कुछ घंटों बाद, राज्य सरकार ने शनिवार को मृतकों के माता-पिता को पांच-पांच लाख रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की। उत्तर प्रदेश सरकार के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शनिवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने झांसी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में हुई घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। बयान में कहा गया है, ‘‘घटना में असामयिक मृत्यु का शिकार हुए नवजात शिशुओं के माता-पिता को मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्यमंत्री राहत कोष से पांच-पांच लाख रुपये और घायलों के परिजनों को 50-50 हजार रुपये की सहायता प्रदान की जा रही है।" बयान में कहा गया है कि शुक्रवार देर रात घटना की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री ने उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को मौके पर भेजा। इसमें बताया गया कि मुख्यमंत्री रात भर घटनास्थल से हर पल की जानकारी लेते रहे।
बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने झांसी के संभागीय आयुक्त और पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) को घटना के संबंध में 12 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में शुक्रवार रात महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 10 बच्चों की मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि इस हादसे में घायल हुए 16 अन्य बच्चे जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) अविनाश कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज की नवजात गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीयू) में शुक्रवार रात करीब पौने 11 बजे आग लग गई, जो संभवतः शॉर्ट सर्किट के कारण लगी थी। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने शनिवार को कहा, "घटना में 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई है। झांसी मेडिकल कॉलेज के अन्य वार्ड में 16 बच्चों का इलाज जारी है।" उन्होंने बताया कि यह घटना बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण हुई और उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) सुधा सिंह ने शनिवार की सुबह संवाददाताओं को बताया कि 16 घायल बच्चों का इलाज किया जा रहा है और उनकी जान बचाने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा कि उनके लिए सभी डॉक्टर उपलब्ध हैं और पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं भी हैं।
सिंह ने कहा कि 10 बच्चों की मौत हो गई और अन्य को या तो बचा लिया गया या वे घायल हैं। ऐसी भी जानकारी मिली है कि एनआईसीयू में आग लगने के बाद कुछ माता-पिता अपने बच्चों को घर ले गए। उन्होंने कहा कि पुलिस एनआईसीयू में भर्ती बच्चों की संख्या और उनकी वर्तमान स्थिति की पुष्टि करने का प्रयास कर रही है। सिंह ने कहा, "मेडिकल कॉलेज ने बताया है कि घटना के समय 52 से 54 बच्चे भर्ती थे। उनमें से 10 की मौत हो गई, 16 का इलाज जारी है जबकि अन्य के लिए सत्यापन जारी है।" उन्होंने कहा कि देर रात करीब एक बजे एनआईसीयू में बचाव अभियान पूरा हो गया। -
मुंबई, भारतीय कप्तान रोहित शर्मा की पत्नी ने बेटे को जन्म दिया है जिससे इस सलामी बल्लेबाज की ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 22 नवंबर से पर्थ में शुरू होने वाले पहले टेस्ट मैच में खेलने की संभावना बढ़ गई है। रोहित की पत्नी रितिका सजदेह ने शुक्रवार रात यहां एक स्थानीय अस्पताल में बेटे को जन्म दिया।
रोहित बेटे के जन्म के कारण भारतीय टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया नहीं गए थे। इस दंपति की एक बेटी समायरा है, जिसका जन्म 2018 में हुआ था। पहला टेस्ट शुरू होने में अब एक सप्ताह से भी कम समय बचा है और यह स्पष्ट नहीं है कि जल्द से जल्द ऑस्ट्रेलिया पहुंचने पर भी रोहित कुछ अभ्यास सत्र के बाद ही मैच में खेलेंगे या नहीं। अभी किसी भी तरह की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। रोहित का पहले टेस्ट मैच में खेलना संदिग्ध था, भले ही मुख्य कोच गौतम गंभीर ने उम्मीद जताई थी कि भारतीय कप्तान मैच के लिए उपलब्ध रहेंगे। रोहित भले ही इस समय अपनी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में नहीं हैं लेकिन भारतीय शीर्ष क्रम अभी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहा है और ऐसे में टीम को कप्तान और सलामी बल्लेबाज के रूप में उनकी सख्त जरूरत है। उनके विकल्प के रूप में अभिमन्यु ईश्वरन और केएल राहुल टीम में शामिल हैं लेकिन यह दोनों भी रन बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। राहुल की कोहनी में भी चोट लगी है, हालांकि माना जा रहा है कि यह गंभीर नहीं है। इन दोनों खिलाड़ियों ने यशस्वी जायसवाल के साथ पारी की शुरुआत करने के लिए मजबूत दावा पेश नहीं किया है। भारत की टी20 टीम के कप्तान सूर्यकुमार यादव ने रोहित को दूसरी बार पिता बनने पर बधाई दी।
उन्होंने भारत की टी20 श्रृंखला में दक्षिण अफ्रीका पर 3-1 से जीत के बाद कहा, ‘‘रोहित और उनके परिवार को बहुत-बहुत बधाई। एक शानदार दिन में यह अच्छी खबर मिली है। '' सूर्यकुमार ने कहा, ‘‘हमारे परिवार (मुंबई इंडियंस) के एक अन्य सदस्य (तिलक वर्मा) ने अच्छा प्रदर्शन किया है। यह अच्छी बात है। मैं रोहित को बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के लिए भी शुभकामनाएं देता हूं। -
नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि अब आतंकवादी अपने घरों में भी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं, जबकि पिछली सरकारों के समय आतंकवाद के कारण लोग असुरक्षित महसूस करते थे। दिल्ली में ‘‘एचटी लीडरशिप समिट'' को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि समय बदल गया है।
मोदी ने कहा कि उन्होंने कार्यक्रम में आयोजित एक प्रदर्शनी में 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले पर रिपोर्ट देखीं। उन्होंने कहा, ‘‘उस समय आतंकवाद के कारण भारत के लोग असुरक्षित महसूस करते थे, लेकिन अब समय बदल गया है और अब आतंकवादी अपने घरों में भी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रहे हैं।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रदर्शनी में उन्होंने कश्मीर का भारत में विलय की पुरानी खबरें देखीं और उन्हें वैसा ही उत्साह महसूस हुआ जैसा देश के लोगों ने अक्टूबर 1947 में महसूस किया था। उन्होंने कहा, ‘‘उस क्षण मुझे एहसास हुआ कि कैसे अनिर्णय की स्थितियों ने सात दशक तक कश्मीर को हिंसा में घेर कर रखा।'' मोदी ने कहा कि यह खुशी की बात है कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर में हुए चुनावों में रिकॉर्ड मतदान की खबरें अखबारों में छप रही हैं। यहां शुक्रवार को आयोजित प्रथम बोडोलैंड महोत्सव का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह एक बड़ी उपलब्धि है कि युवा और लोग पांच दशक के बाद हिंसा छोड़ चुके हैं और दिल्ली में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2020 के बोडो शांति समझौते के बाद लोगों का जीवन बदल गया है। -
नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में एक मेडिकल कॉलेज के बच्चों के वार्ड में आग लगने की घटना में शिशुओं की मौत होने पर शोक व्यक्त किया और प्रत्येक मृतक के परिजन को दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। प्रधानमंत्री कार्यालय ने प्रधानमंत्री मोदी के हवाले से सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हृदयविदारक! उत्तर प्रदेश में झांसी के मेडिकल कॉलेज में आग लगने से हुआ हादसा मन को व्यथित करने वाला है। इसमें जिन्होंने अपने मासूम बच्चों को खो दिया है, उनके प्रति मेरी गहरी शोक-संवेदनाएं हैं। ईश्वर से प्रार्थना है कि उन्हें इस अपार दुख को सहने की शक्ति प्रदान करे। राज्य सरकार की देखरेख में स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव के हरसंभव प्रयास में जुटा है।'' कार्यालय ने एक अन्य ‘पोस्ट' के जरिए बताया कि प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने की घटना में मारे गए प्रत्येक बच्चे के परिजन को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। उसने बताया कि घायलों को पचास-पचास हजार रुपये दिए जाएंगे।
झांसी के जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने संवाददाताओं बताया कि अस्पताल की नवजात शिशु देखभाल इकाई (एनआईसीयू) में शुक्रवार रात दस बजकर 45 मिनट पर संभवत: शार्ट सर्किट से आग लग गयी थी जिसके कारण 10 बच्चों की मौत हो गई और 16 अन्य घायल हो गए। - -डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को ऐसे समाधान निकालने होंगे जो उनकी व्यवस्थाओं के हमारे समाज पर पड़ने वाले प्रभाव को ध्यान में रखते हों: अश्विनी वैष्णव-श्री वैष्णव ने बदलते मीडिया परिदृश्य और भारत के विविध सांस्कृतिक और सामाजिक संदर्भ के मद्देनजर सेफ हार्बर प्रणाली पर फिर से विचार करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला-डिजिटल प्लेटफॉर्म और पारंपरिक मीडिया के बीच अंतर को पाटने के लिए पारंपरिक सामग्री निर्माताओं के लिए पर्याप्त मुआवजे की आवश्यकता है: श्री वैष्णव-एल्गोरिथम से संबधित पूर्वाग्रह के सामाजिक परिणाम चिंता का विषय, डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में जोखिम को कम करना होगा-श्री अश्विनी वैष्णव ने एआई की नैतिक और आर्थिक चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए रचनाकारों के बौद्धिक संपदा अधिकारों की रक्षा करने का आह्वान कियानई दिल्ली। राष्ट्रीय प्रेस दिवस 2024 के उपलक्ष्य में भारतीय प्रेस परिषद ने आज राष्ट्रीय मीडिया केंद्र, नई दिल्ली में राष्ट्रीय प्रेस दिवस समारोह आयोजित किया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण, रेलवे तथा इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और संसदीय कार्य राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव, भारतीय प्रेस परिषद की अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्रीमती रंजना प्रकाश देसाई और वरिष्ठ पत्रकार श्री कुंदन रमनलाल व्यास भी उपस्थित थे।केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस समारोह में मुख्य अतिथि और मुख्य वक्ता के रूप में समारोह को संबोधित करते हुए भारत के जीवंत और विविध मीडिया इकोसिस्टम पर प्रकाश डाला, जिसमें 35,000 पंजीकृत समाचार पत्र, कई समाचार चैनल और एक मजबूत डिजिटल बुनियादी ढांचा शामिल है। श्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 4जी और 5जी नेटवर्क में निवेश ने भारत को वैश्विक स्तर पर सबसे कम डेटा कीमतों के साथ डिजिटल कनेक्टिविटी के मामले में अग्रणी बना दिया है।उन्होंने चार प्रमुख चुनौतियों पर बात की जिनका सामना हमारा समाज मीडिया और प्रेस के बदलते परिदृश्य के कारण कर रहा है:भ्रामक समाचर और गलत सूचनाभ्रामक समाचरों के प्रसार से मीडिया पर भरोसा कम होता जा रहा है और लोकतंत्र के लिए खतरा पैदा होता है। अपने संबोधन के दौरान श्री अश्विनी वैष्णव ने डिजिटल मीडिया के तेजी से हो रहे विकास और इन प्लेटफार्मों पर प्रकाशित सामग्री की जिम्मेदारी पर महत्वपूर्ण सवाल उठाया। सेफ हार्बर की अवधारणा 1990 के दशक में विकसित हुई थी, जब डिजिटल मीडिया की उपलब्धता विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों में चुनिंदा उपयोगकर्ताओं तक सीमित थी और प्लेटफॉर्म उपयोगकर्ता द्वारा उत्पन्न सामग्री के लिये कानूनी रूप से उत्तरदायी होने से बचाता है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर इस बात पर बहस तेज हो रही है कि क्या सेफ हार्बर प्रावधान अभी भी उपयुक्त हैं, जबकि गलत सूचना, दंगे और यहां तक कि आतंकवादी कृत्यों को फैलाने में इनकी भूमिका है। उन्होंने कहा, “क्या भारत जितने जटिल संदर्भ में काम करने वाले प्लेटफ़ॉर्म को अलग तरह की ज़िम्मेदारियाँ नहीं अपनानी चाहिए? ये ज्वलंत प्रश्न एक नए ढांचे की आवश्यकता को रेखांकित करते हैं जो जवाबदेही सुनिश्चित करे और राष्ट्र के सामाजिक ताने-बाने की सुरक्षा करे।"कंटेंट क्रिएटर्स के लिए उचित मुआवजापारंपरिक से डिजिटल मीडिया में परिवर्तन ने पारंपरिक मीडिया को आर्थिक रूप से प्रभावित किया है, जो पत्रकारिता की अखंडता और संपादकीय प्रक्रियाओं में भारी निवेश करता है। श्री वैष्णव ने डिजिटल प्लेटफॉर्म और पारंपरिक मीडिया के बीच वित्तीय शक्ति में असमानता को पाटते हुए पारंपरिक सामग्री निर्माताओं के लिए उचित मुआवजे की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "सामग्री बनाने के लिए पारंपरिक मीडिया द्वारा किए गए प्रयासों को निष्पक्ष और उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए।"एल्गोरिथम पूर्वाग्रहडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म को चलाने वाला एल्गोरिदम उस सामग्री को प्राथमिकता देता है जो जुड़ाव को अधिकतम करती है, मजबूत प्रतिक्रियाओं को प्रोत्साहित करती है और इस तरह प्लेटफ़ॉर्म के लिए राजस्व को परिभाषित करती है। ये अक्सर संवेदनशील या विभाजनकारी कहानियों को जन्म देते हैं। श्री वैष्णव ने विशेष रूप से भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में इस तरह के पूर्वाग्रहों के सामाजिक परिणामों पर प्रकाश डाला, और मंचों से उनकी प्रणाली द्वारा हमारे समाज पर पड़ने वाले प्रभाव के समाधान के साथ आने का आह्वान किया।बौद्धिक संपदा अधिकारों पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता का प्रभावएआई का उदय उन रचनाकारों के लिए नैतिक और आर्थिक चुनौतियां प्रस्तुत करता है, जिनके काम का उपयोग एआई मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए किया जाता है। केंद्रीय मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता में प्रगति के कारण रचनात्मक दुनिया में आ रहे महत्वपूर्ण परिवर्तनों पर प्रकाश डाला। एआई प्रणालियों द्वारा उत्पन्न चुनौतियों पर बात करते हुए उन्होंने मूल रचनाकारों के बौद्धिक संपदा (आईपी) अधिकारों की सुरक्षा की आवश्यकता पर बल दिया। श्री अश्विनी वैष्णव ने सवाल किया, “आज एआई मॉडल उन विशाल डेटासेटों के आधार पर रचनात्मक सामग्री तैयार कर सकते हैं जिन पर प्रशिक्षित किया जाता है। लेकिन उस डेटा में योगदान देने वाले मूल रचनाकारों के अधिकारों और मान्यता का क्या होगा? क्या उन्हें उनके काम के लिए मुआवजा या मान्यता दी जा रही है?" उन्होंने कहा, ‘‘यह सिर्फ आर्थिक मुद्दा नहीं है, यह नैतिक मुद्दा भी है।’’श्री वैष्णव ने हितधारकों से राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर इन चुनौतियों से निपटने के लिए खुली बहस और सहयोगात्मक प्रयासों में शामिल होने का आग्रह किया। उन्होंने लोकतंत्र के एक मजबूत स्तंभ के रूप में मीडिया की भूमिका को बनाए रखने और 2047 तक एक सामंजस्यपूर्ण और समृद्ध विकसित भारत के निर्माण के महत्व पर जोर दिया।डिजिटल युग में आगे बढ़ना: भ्रामक खबरों से निपटना और पत्रकारिता में नैतिकता को कायम रखनापारंपरिक प्रिंट से लेकर सैटेलाइट चैनलों और अब डिजिटल युग तक पत्रकारिता के विकास पर प्रकाश डालते हुए, डॉ. मुरुगन ने आज लोगों तक समाचार पहुँचने की गति पर ध्यान दिलाया। हालाँकि, उन्होंने भ्रामक समाचारों की बढ़ती चुनौती पर ज़ोर दिया, जिसे उन्होंने “वायरस से भी तेज़” फैलने वाला बताया। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि भ्रामक समाचर राष्ट्रीय अखंडता के लिए ख़तरा हैं, देश की सेना को कमज़ोर करते हैं और भारत की संप्रभुता को चुनौती देते हैं।हर व्यक्ति को संभावित कंटेंट क्रिएटर में बदलने में स्मार्टफोन की भूमिका को स्वीकार करते हुए, डॉ. मुरुगन ने गलत सूचना से निपटने में अधिक जिम्मेदारी की आवश्यकता और नियमों पर जोर दिया। उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि संविधान द्वारा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी दी गई है, लेकिन इसका प्रयोग सटीकता और नैतिक जिम्मेदारी के साथ किया जाना चाहिए।डॉ. मुरुगन ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार के प्रयासों की सराहना की, जिसमें समाचारों की प्रामाणिकता सुनिश्चित करने और झूठे आख्यानों का मुकाबला करने के लिए पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) के भीतर एक तथ्य जांच इकाई की स्थापना भी शामिल है।सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव श्री संजय जाजू ने पत्रकारों को समर्थन देने के उद्देश्य से सरकार की पहलों पर प्रकाश डाला, जिसमें मान्यता, स्वास्थ्य और कल्याण योजनाएं, तथा भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) जैसे संस्थानों के माध्यम से क्षमता निर्माण कार्यक्रम शामिल हैं। उन्होंने प्रेस और पत्रिकाओं का पंजीकरण अधिनियम, 2023 जैसे सुधारों का भी उल्लेख किया, जो मीडिया विनियमों को आधुनिक बनाता है। नियमित प्रेस ब्रीफिंग, वेब स्क्रीनिंग, सम्मेलनों आदि के माध्यम से सूचना तक पहुँच में सुधार के प्रयासों पर भी जोर दिया गया। उन्होंने निष्पक्ष, पारदर्शी और टिकाऊ प्रेस इकोसिस्टम बनाने के लिए सामूहिक प्रयासों का भी आह्वान किया, जो पत्रकारिता को सच्चाई के प्रतीक, विविध आवाज़ों के लिए एक मंच और समाज में सकारात्मक बदलाव के उत्प्रेरक के रूप में स्थापित करता है।पत्रकारिता की सच्चाई बनाए रखने में पीसीआई की भूमिकाअपने संबोधन के दौरान, न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई ने इस बात पर प्रकाश डाला कि डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म की व्यापक उपलब्धता और आध्यात्मिक मीडिया, ब्लॉग और पॉडकास्ट के लगातार उपयोग ने समाचार और सूचना तक पहुँच को काफ़ी हद तक बढ़ा दिया है। इसने न केवल जीवन को आसान बनाया है, बल्कि अपने साथ चुनौतियाँ भी लाई हैं और इसी संबंध में सटीक समाचार समय पर हम तक पहुँचना चाहिए।उन्होंने बताया कि भारतीय प्रेस परिषद ने पत्रकारिता की सच्चाई को बनाए रखने, जनहित की रक्षा करने और यह सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कदम उठाए हैं कि मीडिया सूचना के लिए एक विश्वसनीय और नैतिक मंच के रूप में कार्य करे। उन्होंने पीसीआई द्वारा चलाए जा रहे पुरस्कारों और इंटर्नशिप कार्यक्रमों पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, "इस साल, 15 पत्रकारों को विभिन्न श्रेणियों में राष्ट्रीय उत्कृष्टता पुरस्कार मिले और पीसीआई की पहल का उद्देश्य पत्रकारिता में प्रतिभा, नैतिक विकास को बढ़ावा देना है, लेकिन साथ ही महत्वाकांक्षी पत्रकारों के बीच जिम्मेदारी और जागरूकता की भावना को भी बढ़ावा देना है।"
- नयी दिल्ली. भारत ने प्रमाणन परीक्षणों के एक भाग के रूप में निर्देशित पिनाका हथियार प्रणाली के उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे कर लिए हैं। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इन परीक्षणों के दौरान, रॉकेटों के व्यापक परीक्षण के माध्यम से ‘प्रोविजनल स्टाफ क्वालिटेटिव रिक्वायरमेंट' (पीएसक्यूआर) के मापदंडों, जैसे कि रेंजिंग, सटीकता, स्थिरता और सैल्वो मोड (सैल्वो तोपखाने या आग्नेयास्त्रों का एक साथ प्रयोग है जिसमें लक्ष्य को भेदने के लिए तोपों से गोलीबारी शामिल है) में कई लक्ष्यों पर निशाना साधने की दर का आकलन किया गया है। इसमें कहा गया, “रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने पीएसक्यूआर सत्यापन परीक्षणों के भाग के रूप में निर्देशित पिनाका हथियार प्रणाली के उड़ान परीक्षणों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।” उड़ान परीक्षण विभिन्न फील्ड फायरिंग रेंजों पर तीन चरणों में आयोजित किए गए।बयान में कहा गया है, “प्रत्येक उत्पादन एजेंसी द्वारा प्रक्षेपक उत्पादन एजेंसियों द्वारा उन्नत किए गए दो सेवारत पिनाका प्रक्षेपकों से प्रक्षेपित 12 रॉकेटों का परीक्षण किया गया है।” रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रणाली के सफल पीएसक्यूआर सत्यापन परीक्षणों के लिए डीआरडीओ और भारतीय सेना की सराहना की है और कहा है कि इस निर्देशित पिनाका हथियार प्रणाली को शामिल करने से सशस्त्र बलों की तोपखाने की मारक क्षमता में और वृद्धि होगी।
- नयी दिल्ली. नागरिकता अधिकारों के लिए प्रतिबद्ध कानून के एक छात्र और पशु चिकित्सा विज्ञान की पढ़ाई कर रहे छात्र सहित पांच व्यक्ति 2025 के लिए रोड्स विद्वान के रूप में चुने गए पांच भारतीयों में शामिल हैं। वे अक्टूबर 2025 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय जाएंगे, जहां पांचों भारतीय पूरी तरह से वित्तपोषित स्नातकोत्तर अध्ययन करने के लिए दुनिया भर के सौ से अधिक विद्वानों के समूह का हिस्सा बनेंगे। रोड्स छात्रवृत्ति दुनिया की सबसे प्रमुख और सबसे पुरानी स्नातक फेलोशिप है, जिसकी शुरूआत 1903 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में हुई थी। भारत के लिए छात्रवृत्ति 1947 में शुरू हुई और हर साल प्रदान की जाती है। रोड्स सीईओ एलिजाबेथ किस ने कहा, ‘‘एक सदी से भी अधिक समय से, रोड्स ट्रस्ट असाधारण व्यक्तियों को ऑक्सफोर्ड में लायी है और एक जीवंत वैश्विक समुदाय को बढ़ावा दिया है।'' चयनित भारतीयों में शामिल हैं - रेयान चक्रवर्ती, जो जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे हैं; विभा स्वामीनाथन, जो नेशनल लॉ स्कूल, बेंगलुरू में विधि की अंतिम वर्ष की छात्रा हैं; अवनीश वत्स, जिन्होंने झारखंड में विकलांग व्यक्तियों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल पर शोध किया है। इनके अलावा, आईसीएआर, बरेली में पशु चिकित्सा विज्ञान और पशुपालन में स्नातक की पढ़ाई कर रहे शुभम नरवाल और आईआईटी,बंबई में बीटेक इंजीनियरिंग भौतिकी के अंतिम वर्ष के छात्र पाल अग्रवाल भी चयनित भारतीयों में शामिल हैं।
- लखनऊ. साहित्य अकादमी ने 21 भारतीय भाषाओं के साहित्यकारों को 2024 के प्रतिष्ठित बाल साहित्य पुरस्कार से बृहस्पतिवार को यहां सम्मानित किया। साहित्य अकादमी ने यहां जारी एक बयान में बताया कि अकादमी के 70 साल के इतिहास में पहली बार लखनऊ में आयोजित हुए पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में विजेता बाल साहित्यकारों को पुरस्कार स्वरूप उत्कीर्ण ताम्रफलक और 50 हजार रुपये की सम्मान राशि से नवाजा गया। ये पुरस्कार अकादमी के अध्यक्ष माधव कौशिक ने प्रदान किये। बयान के अनुसार, हिंदी में देवेंद्र कुमार, उर्दू में शम्सुल इस्लाम फारूकी और सिंधी में लाल होतचंदानी ‘लाचार' खराब स्वास्थ्य के कारण पुरस्कार ग्रहण करने नहीं आ सके और अंग्रेजी भाषा के लिए पुरस्कार विजेता नंदिनी सेनगुप्ता की तरफ से उनके प्रतिनिधि ने पुरस्कार ग्रहण किया। अकादमी के सचिव के. श्रीनिवास राव ने इस मौके पर कहा कि संस्थान के 70 साल के इतिहास में पहली बार बाल साहित्य पुरस्कार वितरण का कार्यक्रम लखनऊ में आयोजित किया गया। राव ने कहा कि बाल साहित्य बच्चों के संतुलित विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उनके मुताबिक, बाल साहित्य बच्चों की कल्पनाशीलता को न सिर्फ बढ़ाता है बल्कि समाज में उन्हें अच्छे व्यवहार के लिए भी प्रेरित करता है। अकादमी के अध्यक्ष माधव कौशिक ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा, “ बच्चों के लिए लिखना बहुत मेहनत का काम है। बाल लेखन के लिए बच्चों की दृष्टि से लिखना ही काफी नहीं है, बल्कि उनकी मुस्कान को बरकरार रखना भी जरूरी होता है।” उन्होंने कहा कि पहले सभी भाषाओं के महत्वपूर्ण साहित्यकारों ने बाल साहित्य का प्रचुर मात्रा में लेखन किया है लेकिन अब यह परंपरा टूट सी गई है, लेकिन इसका जारी रहना जरूरी है। समारोह के मुख्य अतिथि सूर्य प्रसाद दीक्षित ने बाल साहित्य के इतिहास और परंपरा के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि बाल साहित्य को बच्चों की नई पीढ़ी के अनुसार पठनीय बनाना होगा। बाल साहित्य पुरस्कार के विजेताओं में मुज़फ़्फ़र हुसैन दिलबर (कश्मीरी), भारत सासणे (मराठी), वसंत थापा (नेपाली), कुलदीप सिंह दीप (पंजाबी), प्रहलाद सिंह ‘झोरड़ा' (राजस्थानी) व हर्षदेव माधव (संस्कृत) समेत 21 भारतीय भाषाओं के साहित्याकार शामिल है
- पथनमथिट्टा (केरल) .केरल पुलिस ने बृहस्पतिवार को कहा कि 16 नवंबर से शुरू हो रही सबरीमला तीर्थयात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के लिए सुगम एवं सुरक्षित दर्शन सुनिश्चित करने के लिए सभी इंतजाम किए गए हैं। पंपा में मंडला-मकरविलक्कु तीर्थयात्रा की तैयारियों की समीक्षा करने के बाद राज्य पुलिस प्रमुख शेख दरवेश साहिब ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुगम यात्रा के मद्देनजर सभी उपाय किए गए हैं। साहिब ने पंपा, सन्निधानम और निलक्कल में अधिकारियों के साथ चर्चा की और कहा कि पुलिस की प्राथमिक जिम्मेदारी श्रद्धालुओं को सन्निधानम में सुगम और सुरक्षित दर्शन का अनुभव कराने में मदद करना है। पुलिस प्रमुख ने कहा, ‘‘सबरीमला तीर्थयात्रा के दौरान पुलिस की भूमिका सिर्फ कर्तव्य पूरा करना नहीं, बल्कि मानवता की सेवा है।'' वहीं, हवाई मार्ग से सबरीमाला भगवान अयप्पा मंदिर जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए कोच्चि में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक 'एडाथावलम' (ठहराव बिंदु) स्थापित किया गया है। राज्य के उद्योग और कानून मंत्री पी राजीव ने इस सुविधा का बृहस्पतिवार को उद्घाटन किया। मंत्री ने कहा कि सरकार ने श्रद्धालुओं के लिए सुगम और सुविधाजनक तीर्थयात्रा अनुभव प्रदान करने के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित की हैं
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता जनजातीय समुदायों के लिए शिक्षा, उपचार और रोजगार रही है और यह सरकार की योजनाओं से स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि सरकार ने विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से जनजातीय समुदायों को मुख्यधारा में शामिल किया है। श्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार सिकल सेल रोग को समाप्त करने के लिए ईमानदारी से काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि सात सौ से अधिक एकलव्य स्कूल, आदिवासी अनुसंधान केंद्र और विश्वविद्यालय खोले गए हैं। प्रधानमंत्री आज बिहार के जमुई जिले से 6600 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का अनावरण करने के बाद एक सभा को संबोधित कर रहे थे। श्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार जनजातीय समुदाय की विरासत और संस्कृति को संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जनजातीय समुदाय की पारंपरिक और लोक चिकित्सा को संरक्षित किया है और अब विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ मिलकर इसे सुव्यवस्थित करने के लिए काम कर रही है।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्होंने पीएम जनमन और धरती आबा जनजातीय उत्कर्ष ग्राम अभियान शुरू किया है। इसमें जनजातियों को सीधा लाभ सुनिश्चित करके अच्छे परिणाम दिए हैं। उन्होंने कहा कि जनजातीय उत्कर्ष ग्राम अभियान के अंतर्गत आदिवासी गांवों के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए अस्सी हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।प्रधानमंत्री ने जनजातीय समाज के लिए ऐसी पहल तैयार करने में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के विचारों के लिए धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर आदिवासी बहुल जिलों में बिरसा मुंडा गौरव उपवन शुरू करने की घोषणा की।उन्होंने देश के आदिवासी गौरव, विरासत, संस्कृति और परंपरा के साथ न्याय नहीं करने के लिए पूर्ववर्ती सरकारों की आलोचना की। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पार्टी की आलोचना करते हुए कहा कि आजादी के बाद तत्कालीन सरकारों ने बिरसा मुंडा, सिद्धू कान्हू और अन्य आदिवासी बहादुरों के योगदान को कम करने की कोशिश की, लेकिन एनडीए सरकार ने उस दृष्टिकोण को बदल दिया।श्री मोदी ने आज बिहार के जमुई में बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर एक समारोह में भाग लिया। बिरसा मुंडा की जयंती को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा के सम्मान में एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी किया। श्री मोदी ने जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान – पीएम-जनमन के अंतर्गत जनजातीय परिवारों के लिए बनाए गए ग्यारह हजार घरों के ‘गृह प्रवेश’ में भी वर्चुअल माध्यम से भाग लिया। -
प्रयागराज .उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने अभ्यर्थियों की मांगों को स्वीकार करते हुए बृहस्पतिवार को समीक्षा अधिकारी (आरओ) और सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) परीक्षा स्थगित कर दी और प्रांतीय सिविल सेवा (पीसीएस) प्रारंभिक परीक्षा को पुराने पैटर्न पर आयोजित करने की घोषणा की। आयोग ने आरओ और एआरओ परीक्षाओं के लिए एक समिति बनाने की भी घोषणा की।
आयोग के सचिव अशोक कुमार ने उपस्थित अभ्यर्थियों के समक्ष आयोग द्वारा लिये गये निर्णयों की जानकारी देते हुए कहा, ''पिछले कुछ दिन से पीसीएस और अन्य भर्ती परीक्षाओं को लेकर छात्रों के बीच असंतोष की स्थिति थी। छात्रों की मांग थी कि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा को एक से ज्यादा पालियों में कराने के बजाय एक ही दिन में संपन्न कराया जाए।” उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छात्रों की इन मांगों का संज्ञान लेते हुए आयोग को निर्देश दिया कि वह छात्रों के साथ संवाद स्थापित करके आवश्यक निर्णय ले। आयोग ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर छात्रों से संवाद किया और उनकी मांगों पर विचार करते हुए यह निर्णय लिया कि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2024 पूर्व की भांति एक ही दिन में आयोजित की जाएगी।'' उन्होंने कहा, ''मुख्यमंत्री की पहल पर यूपीपीएससी ने समीक्षा अधिकारी (आरओ) और सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) परीक्षा-2023 को स्थगित करते हुए उसकी पारदर्शिता व निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए एक समिति का गठन किया है। यह समिति सभी पहलुओं पर गहन अध्ययन करके अपनी विस्तृत रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करेगी, जिससे इन परीक्षाओं की शुचिता और विश्वसनीयता को सुनिश्चित किया जा सके।'' आयोग के सचिव ने कहा कि हाल के महीनों में देश के कई हिस्सों में पेपर लीक की घटनाओं को देखते हुए प्रदेश सरकार ने चयन परीक्षाओं की शुचिता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि इसी वजह से आयोग ने दिसंबर में प्रस्तावित पीसीएस और आरओ/एआरओ परीक्षाओं को एक से ज्यादा पालियों में आयोजित करने की घोषणा की थी, हालांकि छात्रों की मांग और मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद अब पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा एक ही दिन में आयोजित की जाएगी। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि इस परीक्षा की तैयारी कर रहे लाखों छात्रों को राहत मिलेगी।
उन्होंने कहा कि परीक्षा को एक ही दिन में आयोजित करने से छात्रों को परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता व निष्पक्षता का भरोसा मिलेगा, साथ ही आयोग द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट से भविष्य में होने वाली परीक्षाओं की शुचिता को और अधिक मजबूती मिलेगी। एक पाली में परीक्षा आयोजित करने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में अभ्यर्थी यूपीपीएससी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। पीसीएस-प्री परीक्षा पहले की तरह आयोजित करने की घोषणा से कुछ अभ्यर्थियों में खुशी है, वहीं आरओ-एआरओ की तैयारी कर रहे अभ्यर्थी कुछ निराश नजर आए। अभ्यर्थी राहुल पांडे ने कहा कि आरओ-एआरओ परीक्षा पर वांछित फैसला होने तक वे आंदोलन जारी रखेंगे।
पांडे ने कहा, ''हमें इस घोषणा पर भरोसा नहीं है क्योंकि इस संबंध में आयोग की वेबसाइट पर कोई आधिकारिक सूचना अपलोड नहीं की गई है।'' एक अन्य अभ्यर्थी ने कहा कि सरकार "फूट डालो और राज करो" की नीति पर चल रही है और इसे पक्षपातपूर्ण निर्णय बताते हुए कहा कि ऐसा इसलिये किया गया है ताकि पीसीएस प्री के अभ्यर्थी यहां से चले जाएं। इस बीच, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने संपर्क किए जाने पर कहा कि सरकार छात्रों के हित में काम करेगी और उनके साथ खड़ी रहेगी। उन्होंने कहा, "छात्रों के हित में निर्णय लिए जाएंगे।" इससे पहले, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने प्रयागराज दौरे के दौरान छात्रों के पक्ष में मांगें उठाईं। यादव ने भाजपा सरकार पर हमला करते हुए कहा कि जो लोग 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की बात करते हैं, वे एक ही दिन में परीक्षाएं नहीं करा सकते। -
समस्तीपुर. बिहार के समस्तीपुर जिले में एक महिला पुलिस कांस्टेबल का शव बैरक के शौचालय में फंदे से लटका मिला। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। महिला कांस्टेबल की पहचान वैशाली जिले की निवासी चांदनी कुमारी के रूप में हुई है। समस्तीपुर (सदर) अनुमंडल पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) संजय कुमार पांडे ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘चांदनी कुमारी मुसरीघरारी थाने की दूसरी मंजिल पर बैरक में रह रही थी। बुधवार शाम को एक अन्य महिला कांस्टेबल ने शौचालय का दरवाजा अंदर से बंद पाया। जब अन्य कांस्टेबलों की मदद से दरवाजा खोला गया तो चांदनी का शव बाथरूम के अंदर फंदे से लटका मिला।'' उन्होंने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और उसके परिजनों को सूचना दे दी गई है।
अनुमंडल पुलिस अधिकारी ने बताया कि बैरक से बरामद उसका मोबाइल फोन तथा एक डायरी जब्त कर ली गई है और उनका विश्लेषण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मामले में जांच जारी है। -
नयी दिल्ली. कैरेबियाई देश डोमिनिका की सरकार ने कहा है कि वह इस महीने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देश के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार ‘डोमिनिका अवार्ड ऑफ ऑनर' से सम्मानित करेगी। प्रधानमंत्री मोदी को यह पुरस्कार कोविड-19 महामारी के दौरान डोमिनिका के लिए मोदी के योगदान और दोनों देशों के बीच साझेदारी को मजबूत करने के प्रति उनके समर्पण के लिए प्रदान किया जा रहा है। डोमिनिका के प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि डोमिनिका राष्ट्रमंडल के राष्ट्रपति सिल्वेनी बर्टन 19 से 21 नवंबर तक गुयाना के जॉर्जटाउन में आयोजित होने वाले भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन के दौरान यह पुरस्कार प्रदान करेंगे। बयान में कहा गया है, ‘‘ फरवरी 2021 में प्रधानमंत्री मोदी ने डोमिनिका को कोविड-19 से बचाव के टीके एस्ट्राजेनेका की 70,000 खुराक की आपूर्ति की- दिल को छू लेने वाला एक उपहार जिसने डोमिनिका को अपने अन्य कैरेबियाई पड़ोसियों को सहयोग देने में सक्षम बनाया।'' बयान में कहा गया है कि यह पुरस्कार प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और सूचना प्रौद्योगिकी में डोमिनिका के लिए भारत के समर्थन के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर जलवायु अनुकूल निर्माण पहल तथा सतत विकास को बढ़ावा देने में उनकी भूमिका को भी मान्यता देता है। बयान में प्रधानमंत्री रूजवेल्ट स्केरिट के हवाले से कहा गया कि यह पुरस्कार डोमिनिका और व्यापक क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री मोदी की एकजुटता के प्रति डोमिनिका की कृतज्ञता की अभिव्यक्ति है। बयान में स्केरिट ने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री मोदी डोमिनिका के एक सच्चे साथी रहे हैं, खासकर वैश्विक स्वास्थ्य संकट के बीच हमारी जरूरत के समय में। उनके समर्थन के लिए हमारी कृतज्ञता के प्रतीक के रूप में और हमारे देशों के बीच मज़बूत संबंधों के प्रतिबिंब के रूप में उन्हें डोमिनिका का सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान प्रदान करना सम्मान की बात है। हम इस साझेदारी को आगे बढ़ाने और प्रगति और लचीलेपन के अपने साझा दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए तत्पर हैं।'' बयान में कहा गया कि पुरस्कार की पेशकश स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने जलवायु परिवर्तन और भू-राजनीतिक संघर्ष जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने में सहयोग के महत्व पर बल दिया तथा इन मुद्दों के समाधान में डोमिनिका और कैरेबियाई देशों के साथ मिलकर काम करने की भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
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नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को राजधानी दिल्ली स्थित साई इंदिरा गांधी खेल परिसर में पहले बोडोलैंड महोत्सव का उद्घाटन करेंगे और इस मौके पर सभा को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने बृहस्पतिवार को एक बयान में यह जानकारी दी।
पीएमओ ने कहा कि दो दिवसीय महोत्सव शांति बनाए रखने और जीवंत बोडो समाज के निर्माण के लिए भाषा, साहित्य और संस्कृति पर आधारित एक बड़ा कार्यक्रम है। बयान में कहा गया कि इसका उद्देश्य न केवल बोडोलैंड बल्कि असम, पश्चिम बंगाल, नेपाल के अन्य हिस्सों और पूर्वोत्तर के अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले स्वदेशी बोडो लोगों को एकीकृत करना है। महोत्सव का विषय ‘समृद्ध भारत के लिए शांति और सद्भाव' है, जिसमें बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (बीटीआर) के अन्य समुदायों के साथ-साथ बोडो समुदाय की समृद्ध संस्कृति, भाषा और शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसका उद्देश्य सांस्कृतिक और भाषाई विरासत, पारिस्थितिकी जैव विविधता और बोडोलैंड की पर्यटन क्षमता की समृद्धि का दोहन करना है। बयान में कहा गया कि यह महोत्सव प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 2020 में बोडो शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद से स्थिति में हुए सुधार और विकास की उल्लेखनीय यात्रा का जश्न मनाने के बारे में भी है। पीएमओ ने कहा कि शांति समझौते ने न केवल बोडोलैंड में दशकों के संघर्ष, हिंसा और जीवन के नुकसान को हल किया, बल्कि अन्य शांति बस्तियों के लिए उत्प्रेरक के रूप में भी काम किया। उसने कहा, ‘‘समृद्ध बोडो संस्कृति, परंपरा और भारतीय विरासत और परंपराओं में योगदान देने वाला साहित्य' विषय पर सत्र महोत्सव का मुख्य आकर्षण होगा और समृद्ध बोडो संस्कृति, परंपराओं, भाषा और साहित्य पर विचार-विमर्श का गवाह बनेगा।'' पीएमओ ने कहा कि ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के माध्यम से मातृभाषा माध्यम की शिक्षा की चुनौतियां और अवसर' पर एक अन्य सत्र भी आयोजित किया जाएगा। बोडोलैंड क्षेत्र के पर्यटन और संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘स्वदेशी सांस्कृतिक सम्मेलन और संस्कृति और पर्यटन के माध्यम से 'जीवंत बोडोलैंड' क्षेत्र के निर्माण पर चर्चा' पर एक विषयगत गोष्ठी आयोजित की जाएगी। इस कार्यक्रम में बोडोलैंड क्षेत्र, असम, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, नागालैंड, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, भारत के अन्य हिस्सों और पड़ोसी नेपाल और भूटान से भी 5,000 से अधिक सांस्कृतिक, भाषाई और कला उत्साही शामिल होंगे। - छत्रपति संभाजीनगर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव में मुकाबला संभाजी महाराज को मानने वाले देश भक्तों और औरंगजेब का गुणगान करने वालों के बीच है।यहां एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र का यह चुनाव केवल नई सरकार चुनने का ही चुनाव नहीं है। इस चुनाव में एक ओर संभाजी महाराज को मानने वाले देशभक्त हैं और दूसरी ओर औरंगजेब का गुणगान करने वाले लोग हैं। कुछ लोग संभाजी महाराज के हत्यारे में अपना मसीहा देखते हैं।’’संभाजी महाराज मराठा साम्राज्य की नींव रखने वाले मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज के सबसे बड़े पुत्र थे और महज 32 साल की उम्र में मुगल बादशाह औरंगजेब ने उनकी हत्या करवा दी थी। मोदी ने कहा कि पूरा महाराष्ट्र जानता है कि छत्रपति संभाजीनगर को यह नाम देने की मांग शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे ने उठाई थी।उन्होंने कहा, ‘‘महा विकास अघाडी (एमवीए) सरकार ढाई साल सत्ता में रही लेकिन कांग्रेस के दबाव में इन लोगों की हिम्मत नहीं हुई। जबकि महायुति सरकार ने आते ही इस शहर का नाम छत्रपति संभाजीनगर किया। हमने आपकी इच्छा को पूरा किया, हमने बालासाहेब ठाकरे की इच्छा को पूरा किया।’’प्रधानमंत्री ने दावा किया कि औरंगाबाद को छत्रपति संभाजीनगर बनाने पर सबसे ज्यादा तकलीफ कांग्रेस और एमवीए को हुई।उन्होंने कहा, ‘‘इनके पाले-पोसे हुए लोग इस फैसले को पलटने के लिए अदालत तक चले गए थे।’’प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस, सरकार बनाने के लिए विकास पर नहीं बल्कि बंटवारे पर भरोसा करती है। साथ ही उन्होंने दावा किया कि वह दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को आगे बढ़ने से रोकती है ताकि सत्ता पर पीढ़ी-दर-पीढ़ी उसका कब्जा बना रहे।उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए कांग्रेस शुरू से ही आरक्षण के खिलाफ रही है। इन दिनों इंटरनेट पर पुराने अखबारों की तस्वीरें वायरल हो रही हैं। आरक्षण को लेकर कांग्रेस की असली सोच क्या है, वह उन विज्ञापनों में साफ दिख रहा है। कांग्रेस, आरक्षण को देश के खिलाफ और मेरिट के खिलाफ बताती थी।’’मोदी ने कहा कि कांग्रेस की मानसिकता और कांग्रेस का एजेंडा अभी भी वही है, इसलिए पिछले 10 वर्षों से अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समाज का प्रधानमंत्री इन्हें बर्दाश्त ही नहीं हो रहा है।उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस के ‘शहजादे’ विदेश में जाकर खुलेआम बयान देते हैं कि वह आरक्षण को खत्म कर देंगे। अब अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस और अघाडी वाले एससी, एसटी और ओबीसी समाज को छोटी छोटी जातियों में बांटने का षड्यंत्र रच रहे हैं।’’प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सोच रही है कि ओबीसी जातियों में बंटेगा तो उसकी ताकत कम हो जाएगी और जब समाज की ताकत कम हो जाएगी तो उसे बैठे-बैठे ही फायदा मिल जाएगा।उन्होंने कहा, ‘‘यहीं से कांग्रेस सत्ता में वापसी की तलाश कर रही है। अगर कांग्रेस को सरकार में आने का मौका मिला तो वह एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण रोक देगी।प्रधानमंत्री ने लोगों से ‘इन साजिशों’ से बचने और एकजुट रहने का आह्वान करते हुए एक बार फिर ‘एक हैं तो सेफ हैं’ का नारा बुलंद किया।पिछली लगभग सभी चुनावी जनसभाओं में प्रधानमंत्री मोदी ने इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया है और ‘एक हैं तो सेफ हैं’ का नारा बुलंद किया है। प्रधानमंत्री ने इस रैली में जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 का मुद्दा भी उठाया और कहा कि इसकी बहाली की मांग करके कांग्रेस ‘पाकिस्तान की ’ बोल रही है।
- चंडीगढ़। चंडीगढ़ में गुरुवार को देश में सबसे खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की गई और इस मौसम में पहली बार क्षेत्र का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गया। हरियाणा और पंजाब के कई हिस्सों में भी वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' और 'खराब' श्रेणी में दर्ज की गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के समीर ऐप के अनुसार चंडीगढ़ में दोपहर 12 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 427 दर्ज किया गया।सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, चंडीगढ़ के सेक्टर-22 स्थित वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन पर एक्यूआई 460, सेक्टर-25 में 365 और सेक्टर -53 में 455 दर्ज किया गया।आंकड़ों के अनुसार, चंडीगढ़ की वायु गुणवत्ता दिल्ली से भी खराब थी, जहां दोपहर 12 बजे एक्यूआई 424 दर्ज किया गया।चंडीगढ़ से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासक और पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से सभी स्कूलों को बंद करने पर विचार करने का आग्रह किया।पिछले कुछ दिनों से केंद्र शासित प्रदेश की वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में बनी हुई है, जिससे यह देश के सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाले कुछ शहरों में से एक बन गया है।इस दौरान हरियाणा के गुरुग्राम में एक्यूआई 323, पंचकुला में 299, बहादुरगढ़ में 293, हिसार में 289, सोनीपत में 269, कैथल में 246, कुरुक्षेत्र में 223 और यमुनानगर में 228 दर्ज किया गया।पंजाब के अमृतसर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 325, लुधियाना में 211, मंडी गोबिंदगढ़ में 210 और बठिंडा में 192 दर्ज किया गया।एक्यूआई 0-50 के बीच ‘अच्छा’, 51-100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101-200 के बीच ‘मध्यम’, 201-300 के बीच ‘खराब’, 301-400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401-500 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है। अक्टूबर और नवंबर में धान की फसल की कटाई के बाद पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने को अक्सर दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है।
- बेंगलुरु ।भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने गुरुवार को मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को उस आरोप को साबित करने की चुनौती दी जिसमें उन्होंने कहा है कि सरकार गिराने के लिए 50 कांग्रेस विधायकों को 50-50 करोड़ रुपये रिश्वत की पेशकश की गई थी।विजयेंद्र ने मुख्यमंत्री से आरोप के आधार का खुलास करने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को अपने ही विधायकों पर भरोसा नहीं रह गया है इसलिए वह झूठे आरोप लगा रहे हैं।विजयेंद्र ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री यह साबित करने में विफल रहते हैं कि 50 कांग्रेस विधायकों में से हर एक को 50 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी, तो लोग उन्हें गंभीरता से नहीं लेंगे। सिद्धरमैया ने विजयेंद्र के बयान पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं उनपर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। आप मुझसे उस व्यक्ति के बारे में क्यों पूछते हैं जो अभी हाल ही में (राजनीति में) आया है?’’विजयेंद्र ने आरोप लगाया कि एक जिम्मेदार पद पर रहते हुए सिद्धरमैया इस तरह का व्यवहार कर रहे हैं जिससे इसकी गरिमा कम हो रही है। उन्होंने कहा, ‘‘आपकी अपनी सरकार और अपनी जांच एजेंसियां हैं। इसलिए, यह आपकी नैतिक जिम्मेदारी है कि आप लोगों को 50 करोड़ रुपये के रिश्वत के आरोप का स्रोत बताएं। अन्यथा, आपका बयान एक बचकाना राजनीतिक बयान से ज्यादा कुछ नहीं होगा।’’
- प्रतापगढ़. उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में बुधवार शाम एक मोटरसाइकिल पर पुलिस के वेश में आए बदमाश एक सर्राफ कर्मी से लाखों रुपये के आभूषण लूट कर फरार हो गए। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अपर पुलिस अधीक्षक (पूर्वी) दुर्गेश कुमार सिंह ने बताया कि शिव शंकर शुक्ला लखनऊ के मातेश्वरी गोल्ड की दुकान के कर्मचारी हैं और वह दुकानों पर आभूषण का नमूना दिखाकर आर्डर लेते हैँ। उन्होंने बताया कि बुधवार शाम शुक्ला चौक घंटाघर के निकट सर्राफ की दुकानों पर आर्डर लेने आए थे और उनके हाथ में आभूषण का एक बैग था। अधिकारी ने बताया कि तभी मोटरसाइकिल सवार दो बदमाश वहां पहुंचे और खुद को पुलिस अधिकारी बताकर बैग चेक करने के बहाने शुक्ला को थाना चलने के लिए कहा। सिंह ने बताया कि जब शुक्ला उनके साथ कोतवाली के लिए निकले तो कोतवाली से पहले ही बदमाश उसे छोड़ आभूषण वाला बैग लेकर फरार हो गए। अधिकारी ने बताया कि बैग में लगभग 237 ग्राम सोने के आभूषण थे, जिसकी क़ीमत लगभग 16 लाख रुपये है।
- पुणे. महाराष्ट्र के कोल्हापुर में पांच लोगों ने सतर्कता अधिकारी बनकर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए एक व्यापारी से कथित तौर पर 25 लाख रुपये ठग लिए। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि यह घटना मंगलवार सुबह हुई। महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए फिलहाल चुनाव आचार संहिता लागू है। चुनाव संबंधी अनियमितताओं को रोकने के लिए पूरे राज्य में स्टेटिक सर्विलांस टीम (एसएसटी), चुनाव आयोग के उड़न दस्ते और पुलिस दल तैनात किये गए हैं। कोल्हापुर के गांधीनगर पुलिस थाने के निरीक्षक दीपक जाधव ने बताया, "पीड़ित जो एक झूला व्यापारी है, मंगलवार की सुबह जैसे ही कोल्हापुर के निकट राजमार्ग पर एक निजी बस से उतरा तो एक व्यक्ति उसके पास आया और खुद को सतर्कता अधिकारी बताया। उसने व्यापारी से पूछा कि क्या उसके पास कोई नकदी है। जब पीड़ित ने उसे बताया कि उसके पास नकदी है, तो उसने कहा कि चुनाव आचार संहिता के तहत ऐसा करना प्रतिबंधित है।" उन्होंने कहा कि इसके बाद आरोपी व्यक्ति ने व्यापारी को पूछताछ के लिए अपनी कार में बैठने को कहा। कार में पहले से ही चार अन्य व्यक्ति बैठे थे। वे कोल्हापुर की ओर चले गए और कहा कि उन्हें यह जांच करनी है कि तुम्हारे पास कितनी नकदी है। आरोपियों के कहने पर व्यापारी से अपना बैग और मोबाइल फोन उन्हें सौंप दिया। आरोपियों में से एक ने संभावित समझौते का संकेत दिया। हालांकि, व्यापारी ने पुलिस थाने जाने का दबाव बनाया क्योंकि वह नकदी के वैध होने को लेकर दृढ़ था। पुलिस के अनुसार व्यापारी के कहने के बाद भी जब कार थाने की दिशा में नहीं मुड़ी तो उसे अहसास हुआ कि वे सभी ठग हैं। उन्होंने बताया कि अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित व्यवसायी ने आरोपियों से नकदी ले लेने और उसे छोड़ देने का अनुरोध किया। आखिरकार उन्होंने उसे सरनोबटवाड़ी में छोड़ दिया और 25.50 लाख रुपये नकद तथा उसका मोबाइल फोन लेकर फरार हो गए। पीड़ित की शिकायत के आधार पर गांधीनगर पुलिस थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है और आरोपियों की तलाश जारी है।
- आगरा. चाहे आमंत्रित हों या न हों, मगर अब आगरा पुलिस के जवान जिले में होने वाली हर शादी में शामिल होंगे। इसका मकसद विवाह स्थलों पर चोरी की घटनाओं को रोकना है। पुलिस उपायुक्त (नगर) सूरज राय ने बुधवार को बताया कि जिला पुलिस ने विवाह समारोहों में संदिग्ध आगंतुकों, चोरों और बच्चों के गिरोह आदि पर नजर रखने के लिए पुलिसकर्मियों की एक विशेष टीम बनाई है। टीम के सदस्य पुलिसकर्मी सादे कपड़ों में तैनात रहेंगे और परिवार के सदस्य की तरह विवाह समारोहों में शामिल होंगे। राय ने संवाददाताओं से कहा, ''शादियों में चोरी की पिछली घटनाओं को देखते हुए उनकी रोकथाम के लिये यह पहल की गई है। चोर अक्सर मेहमान बनकर विवाह समारोह में दाखिल होते हैं और मौका मिलते ही नकदी या जेवरात से भरे बैग चोरी कर लेते हैं।'' उन्होंने कहा, ''विवाहों में चोरी की ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए 18 क्लस्टर चिह्नित किए गए हैं जहां मुख्य रूप से मैरिज लॉन और बैंक्वेट हॉल और अन्य स्थल हैं। हर क्लस्टर में पुलिसकर्मियों की तीन टीमें होंगी।'' राय ने बताया कि विवाह समारोहों में ये पुलिसकर्मी सामान्य कपड़ों में तैनात होंगे और संदिग्ध लोगों पर नजर रखेंगे। कोई गड़बड़ होने पर कार्रवाई करेंगे। पुलिस उपायुक्त ने कहा, ''जिन निवासियों को दूसरे जिलों या क्षेत्रों में होने वाली शादियों में जाना है वे स्थानीय पुलिस थानों या चौकियों को सूचित कर सकते हैं, ताकि उनकी अनुपस्थिति के दौरान उनके घर के पास पुलिस गश्त की जा सके।" उन्होंने कहा, ''इस पहल का मुख्य उद्देश्य शादी के मौसम में होने वाली चोरी की घटनाओं को रोकना है।
- नयी दिल्ली. रियो डी जेनेरियो में जी-20 शिखर सम्मेलन से कुछ दिन पहले भारत ने बुधवार को विश्वास जताया कि समूह की ब्राजील की अध्यक्षता यूक्रेन और पश्चिम एशिया में संघर्ष के जटिल मुद्दे के बावजूद एक “समेकित” नेतृत्व घोषणापत्र जारी करने में सफल रहेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन 18 और 19 नवंबर को शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले नेताओं में शामिल होंगे। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने मीडिया वार्ता में कहा कि आगामी जी-20 शिखर सम्मेलन “बहुत विशेष” होगा, क्योंकि यह पहली बार होगा जब अफ्रीकी संघ इस समूह में पूर्ण सदस्य के रूप में अपना स्थान लेगा। पचपन देशों के अफ्रीकी संघ को जी-20 के स्थायी सदस्य के रूप में शामिल करना तथा यूक्रेन संघर्ष पर गहरे मतभेदों को दूर करते हुए नेताओं का घोषणापत्र तैयार करना, पिछले वर्ष जी-20 में भारत की अध्यक्षता के प्रमुख मील के पत्थर के रूप में देखा गया। विदेश सचिव ने कहा कि जी-20 की ब्राजील की अध्यक्षता की प्राथमिकताएं भारत की प्राथमिकताओं से बहुत अच्छी तरह मेल खाती हैं। मिस्री ने कहा, “भारत के लिए यह शिखर सम्मेलन विशेष रूप से महत्वपूर्ण होगा क्योंकि हम नयी दिल्ली शिखर सम्मेलन से अपनी प्राथमिकताओं की निरंतरता की ओर देखेंगे, जहां विशेष रूप से उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं से संबंधित अनेक मुद्दों पर चर्चा की गई थी।” ब्राजील की जी-20 अध्यक्षता का विषय है, एक न्यायपूर्ण विश्व और एक टिकाऊ ग्रह का निर्माण करना।यह पूछे जाने पर कि क्या यूक्रेन में युद्ध और पश्चिम एशिया में संघर्ष नेतृत्व घोषणापत्र पर आम सहमति बनाने में बाधा बन रहे हैं, मिस्री ने कहा कि इस पर बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा, “आप जानते हैं कि पिछले जी-20 शिखर सम्मेलन के बाद से अंतरराष्ट्रीय भू-राजनीतिक स्थिति और भी जटिल हो गई है।”
- चेन्नई । . तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां बुधवार को कलाईनार सेंटिनरी अस्पताल के एक डॉक्टर पर उनके मरीज के बेटे ने हमला कर दिया. बताया जा रहा है कि डॉ. बालाजी जगन्नाथन, जो एक ऑन्कोलॉजिस्ट हैं, पर मरीज के बेटे ने कैंसर इलाज में हुई चूक से नाराज होकर चाकू से हमला किया.सुबह करीब 10:15 बजे आरोपी, जो खुद मरीज बनकर आया था, डॉक्टर बालाजी से मिलने गया और अचानक उन पर चाकू से वार कर दिया. यह हमला इतने आक्रोशित तरीके से किया गया कि डॉक्टर को सिर, कान और छाती में गंभीर चोटें आईं. घटना के बाद आरोपी ने भागने की कोशिश की, लेकिन अस्पताल के कर्मचारियों ने उसे पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया.प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपी की माँ, प्रेमा, मई से नवंबर तक कलाईनार मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में कैंसर का इलाज करवा रही थीं. आरोपी का आरोप है कि इलाज के दौरान लापरवाही हुई, जिससे उसकी माँ को कई जटिलताएं झेलनी पड़ी. बुधवार को उसने तीन दोस्तों के साथ डॉक्टर से मिलने की योजना बनाई और चाकू लेकर अस्पताल पहुंच गया.हमले के बाद डॉक्टर बालाजी को तुरंत आपातकालीन सर्जरी के लिए ले जाया गया. अस्पताल के निदेशक डॉ. एल पार्थसारथी ने बताया, "डॉ. बालाजी के सिर, कान और गर्दन पर गंभीर चोटें आई हैं. उनकी स्थिति नाजुक बनी हुई है."इस हादसे के बाद अस्पताल के डॉक्टरों में गुस्सा फूट पड़ा है. सर्विस और पीजी डॉक्टर्स एसोसिएशन ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए हमलावरों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है. डॉक्टरों ने सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अस्पताल में हड़ताल की घोषणा की है, हालांकि इमरजेंसी सेवाएं जारी रखी गई हैं.तमिलनाडु की पूर्व राज्यपाल और बीजेपी नेता डॉ. तमिलिसाई सुंदरराजन ने भी इस हमले की निंदा की है और तमिलनाडु सरकार से डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है. उन्होंने एक पोस्ट में लिखा, "यह घटना डॉक्टरों के लिए असुरक्षा की भावना पैदा करती है. सरकार को इस ओर ध्यान देकर अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए. मैं डॉक्टर बालाजी के जल्द स्वस्थ होने की कामना करती हूं."
- दरभंगा । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को बिहार के दरभंगा पहुंचे और प्रदेश को 12,100 करोड़ रुपये से ज्यादा की योजनाओं का उपहार दिया. इस दौरान उन्होंने बिहार के दूसरे तथा दरभंगा में बनने वाले एम्स का भी शिलान्यास किया. इस मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उपस्थित रहे. प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को दरभंगा पहुंचे और 12,100 करोड़ रुपये की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का रिमोट के जरिये उद्घाटन, शिलान्यास और राष्ट्र को समर्पित किया. दरभंगा एम्स को पूरा करने के लिए 36 महीनों का लक्ष्य रखा गया है. पटना के बाद बिहार को मिला यह दूसरा एम्स है.इस क्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार में करीब 5,070 करोड़ रुपये की लागत वाली कई राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया. उन्होंने एनएच -327ई के चार लेन वाले गलगलिया-अररिया खंड का उद्घाटन किया. प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में आठ राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की भी आधारशिला रखी।प्रधानमंत्री मोदी ने इसके अलावा 1740 करोड़ रुपए से अधिक की रेलवे परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया. प्रधानमंत्री मोदी ने झंझारपुर-लौकाहा बाजार खंड में ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस दौरान वे बिहार के औरंगाबाद जिले में चिरालापोथु से बाघा बिशुनपुर तक 220 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली रेल परियोजनाएं की आधारशिला रखी. पीएम मोदी ने 1520 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली रेलवे परियोजनाओं को भी राष्ट्र को समर्पित किया. इनमें झंझारपुर-लौकाहा बाजार रेल खंड का आमान परिवर्तन, दरभंगा बाईपास रेलवे लाइन शामिल है.प्रधानमंत्री मोदी ने विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर 18 प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र राष्ट्र को समर्पित किया. उन्होंने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस क्षेत्र में 4,020 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई योजनाओं की भी आधारशिला रखी. घरों तक पीएनजी पहुंचाने और वाणिज्यिक और औद्योगिक क्षेत्रों को स्वच्छ ऊर्जा विकल्प प्रदान करने के दृष्टिकोण के अनुरूप, प्रधानमंत्री भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा बिहार के पांच प्रमुख जिलों दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, सीतामढ़ी और शिवहर में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) नेटवर्क के विकास की आधारशिला भी रखी.
- नयी दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को सुबह कम दृश्यता के कारण विमान परिचालन प्रभावित हुआ और दिल्ली हवाईअड्डे पर आने वाली कम से कम दस उड़ानों के मार्गों में बदलाव किया गया, वहीं कई विमानों के परिचालन में देरी हुई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि दिल्ली में सुबह 5.30 बजे के आसपास बहुत घना कोहरा छाना शुरू हो गया और शहर के विभिन्न हिस्सों में दृश्यता कम हो गई। राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को इस मौसम में पहली बार घना कोहरा छाया और दिल्ली हवाई अड्डे पर दृश्यता शून्य हो गई।एक अधिकारी ने बताया कि कम दृश्यता के कारण कुछ उड़ानों के मार्ग परिवर्तित कर दिए गए।आईएमडी ने बताया कि सुबह साढ़े आठ बजे इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दृश्यता शून्य मीटर दर्ज की गई, जबकि विभिन्न स्थानों पर ‘रनवे विजुअल रेंज’ 125 से 500 मीटर के बीच रही।एक अधिकारी ने बताया कि खराब मौसम के कारण सुबह सात बजे से नौ उड़ानों को जयपुर भेजा गया है, वहीं एक को लखनऊ की ओर रवाना किया गया।एक अन्य अधिकारी ने कहा कि कुछ विमानों के परिचालन में देरी हुई और बाद में दृश्यता की स्थिति में सुधार हुआ। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय विमानपत्तन (आईजीआई) देश के सबसे व्यस्त हवाईअड्डों में से एक है।