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नई दिल्ली ।आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने 169 शहरों में पीपीपी मॉडल पर 10,000 इलेक्ट्रिक बसों की तैनाती के लिए पीएम-ई-बस सेवा योजना की स्थिति का जायजा लिया। यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि परियोजना के उद्देश्यों को प्रभावी ढंग से पूरा किया जाए, मंत्री ने किसी भी चुनौती का निवारण करने और शहरी परिवहन और स्थिरता के लिए वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए प्रगति की निगरानी करने का निर्देश दिया।छत्तीसगढ़ को पीएम-ई-बस सेवा योजना की पहली किस्त में 30.19 करोड़ रुपये दिए गए हैं, जो चार शहरों: रायपुर, दुर्ग-भिलाई, बिलासपुर और कोरबा में ई -परिवहन को बढ़ावा देगा।
छत्तीसगढ़ के लिए, ई-बसों की खरीद के लिए स्वीकृत किए गए सभी बुनियादी ढाँचे के प्रस्ताव, जिसमें चार्जिंग के लिए सिविल डिपो अवसंरचना और बिजली अवसंरचना का विकास शामिल है। मंत्री ने कहा, "यह महत्वाकांक्षी परियोजना छत्तीसगढ़ की अधिक उपयोगी और कुशल सार्वजनिक परिवहन प्रणाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।" इस योजना के तहत, चारों शहरों के लिए 240 ई-बसों को मंजूरी दी गई है। मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह पहल न केवल सार्वजनिक परिवहन की गुणवत्ता को बढ़ाएगी बल्कि शहरों में पर्यावरणीय स्थिरता लक्ष्यों में भी योगदान देगी। उन्होंने पहल के व्यापक प्रभाव पर जोर देते हुए कहा, "यह एक बहुत अच्छी पहल है जो 2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन तक पहुंचने के हमारे प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप है। व्यक्तिगत और सार्वजनिक परिवहन दोनों से जुड़े कार्बन को कम करके, हम अपने राष्ट्रीय जलवायु लक्ष्यों की दिशा में एक महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।"पीएम-ई-बस सेवा योजना" 16 अगस्त 2023 को भारत सरकार द्वारा 169 शहरों में पीपीपी मॉडल पर 10,000 इलेक्ट्रिक बसों की तैनाती करके बस संचालन को बढ़ाने और हरित शहरी प्रगतिशीलता पहल के तहत 181 शहरों में बुनियादी ढांचे को उन्नत करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। इस योजना का मुख्य लक्ष्य डिपो के बुनियादी ढांचे के विकास और उन्नयन के साथ-साथ मीटर के पीछे बिजली के बुनियादी ढांचे के निर्माण करना है, जैसे कि ई-बसों के लिए सबस्टेशन। इस योजना में बस प्राथमिकता, बुनियादी ढांचे, मल्टीमॉडल इंटरचेंज, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और एनसीएमसी-आधारित स्वचालित किराया संग्रह प्रणाली जैसी हरित पहलों की भी परिकल्पना की गई है। - नई दिल्ली।कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण भारत ने आज ओडिशा तट पर स्थित मिसाइल परीक्षण केन्द्र से वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल- (वी एल-एस आर एस ए एम) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। देश में निर्मित कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली इस मिसाइल का आज दोपहर ओडिशा के तट से दूर बालासोर जिले के चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज से परीक्षण किया गया। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन- डीआरडीओ और भारतीय नौसेना ने संयुक्त रूप से परीक्षण किया। परीक्षण सभी आवश्यक प्रदर्शन मानकों पर खरा उतरा। वी एल-एस आर एस ए एम युद्धपोत पर लगाए जाने वाली हथियार प्रणाली है और समुद्री लक्ष्यों सहित नजदीकी सीमा पर विभिन्न हवाई खतरों को बेअसर करने के लिए डिज़ाइन की गई है।
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नई दिल्ली। कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय-एमएसडीई के तहत राष्ट्रीय अनुदेशात्मक मीडिया संस्थान-एनआईएमआई ने आज यूट्यूब चैनलों की एक श्रृंखला शुरू की। इस डिजिटल पहल का प्राथमिक उद्देश्य भारत के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान-आईटीआई के लाखों शिक्षार्थियों को उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षण वीडियो प्रदान करना है। नए चैनल में अंग्रेजी, हिंदी, तमिल, बंगाली, मराठी, पंजाबी, मलयालम, तेलुगु और कन्नड़ में कौशल प्रशिक्षण से संबंधित सामग्री उपलब्ध होगें। इस पहल का उद्देश्य निःशुल्क और सरल डिजिटल माध्यमों से शिक्षार्थियों को उनके तकनीकी कौशल को बेहतर बनाना है। प्रत्येक चैनल आज के व्यावसायिक प्रशिक्षण परिदृश्य में प्रासंगिकता सुनिश्चित करने के लिए उद्योग विशेषज्ञों द्वारा ट्यूटोरियल, कौशल प्रदर्शन और सैद्धांतिक पाठ पेश करता है। एनआईएमआई की यह पहल, भारत के राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन और नई शिक्षा नीति के लक्ष्यों के अनुरूप है।
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को भारतीय नागर विमानन क्षेत्र की वृद्धि संभावनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना ‘उड़ान’ के साथ हवाई यात्रा अब समावेशी हो गई है।प्रधानमंत्री मोदी ने नई दिल्ली में नागर विमानन पर दूसरे एशिया-प्रशांत मंत्री-स्तरीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि यह क्षेत्र आर्थिक वृद्धि में प्रमुख भूमिका निभाता है और इसमें तमाम नौकरियां पैदा होती हैं। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के प्रयास किए जाने चाहिए कि आसमान सभी के लिए खुला रहे और लोगों का उड़ान भरने का सपना पूरा हो सके।
मोदी ने कहा कि क्षेत्रीय हवाई संपर्क बढ़ाने के लिए लाई गई ‘उड़ान’ (उड़े देश का आम नागरिक) योजना के तहत 1.4 करोड़ लोग हवाई यात्रा कर चुके हैं। इसने निम्न मध्यम वर्ग के लोगों का भी उड़ान भरने का सपना पूरा किया है।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश का बढ़ता मध्यम वर्ग और उनसे पैदा हो रही मांग नागर विमानन क्षेत्र के लिए प्रेरक शक्ति है और उड़ान योजना ने हवाई यात्रा को समावेशी बना दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार देश को उन्नत हवाई परिवहन के लिए तैयार कर रही है और जल्द ही हवाई टैक्सी एक हकीकत बन जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में एक अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सर्किट बनाने का सुझाव दिया। बुधवार को शुरू हुए इस सम्मेलन में एशिया-प्रशांत क्षेत्र के परिवहन और विमानन मंत्री, नियामकीय निकाय और उद्योग विशेषज्ञ एकत्र हुए हैं। सम्मेलन में 29 देशों के लगभग 300 प्रतिनिधि शामिल हुए। -
नई दिल्ली। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के दिग्गज नेता सीताराम येचुरी का आज यानी 12 सितंबर को निधन हो गया। वे लंबे समय से चल रही बीमारी के कारण एम्स दिल्ली (AIIMS Delhi) में भर्ती थे।
माकपा (CPI(M)) के जनरल सेट्रेटरी का निधन 72 वर्ष की उम्र में हुआ। येचुरी पिछले कुछ दिनों से गंभीर हालत में थे और वे लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीताराम येचुरी का निधन 3 बजकर 5 मिनट पर हुआ।CPI(M) ने मंगलवार को एक बयान में कहा था कि 72 साल के नेता सीताराम येचुरी को सीने में संक्रमण और उससे सांस लेने की बीमारी है। जिसके चलते वे दिल्ली के AIIMS में ICU में सीने में संक्रमण और उससे सांस लेने की बीमारी का इलाज किया जा रहा था। येचुरी 19 अगस्त को हॉस्पिटल में भर्ती हुए थे। -
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में 2022 में हर दिन सड़क दुर्घटनाओं में कम से कम चार लोग मारे गए और ये दुर्घटनाएं ज्यादातर रात नौ बजे से देर रात दो बजे के बीच हुईं। यह संख्या 2021 में सड़क दुर्घटना में मारे गए लोगों की संख्या से अधिक है।
परिवहन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में सड़क दुर्घटना में मारे गए लोगों में से 50 प्रतिशत पैदल यात्री थे जबकि 45 प्रतिशत दोपहिया या तिपहिया चालक और यात्री थे।दिल्ली सरकार ने हाल में ‘2022 दिल्ली सड़क दुर्घटना मृत्यु रिपोर्ट’ को जारी किया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में घातक दुर्घटनाओं में 1,571 व्यक्तियों की मौत हुई अर्थात हर दिन कम से चार लोगों की मौत हुई जबकि इन सड़क हादसों को रोका जा सकता था। यह चिंता की बात है कि ये आंकड़े 2021 से 28 प्रतिशत अधिक हैं।’’ रिपोर्ट के अनुसार, दुर्घटना में मारे गए कुल 97 प्रतिशत लोग पैदल यात्री, मोटरसाइकिल चालक, साइकिल चालक और ऑटो रिक्शा चालक (मोटर चालित एवं इलेक्ट्रिक दोनों) थे जो कि राष्ट्रीय औसत 70.8 प्रतिशत से अधिक है।सड़क दुर्घटना में मारे गए लोगों में 89 प्रतिशत पुरुष और 11 प्रतिशत महिलाएं थीं, जबकि 30 से 39 वर्ष की आयु के लोगों की संख्या अधिक थी। रिपोर्ट में दुर्घटनाओं के समय का भी विश्लेषण किया गया और निष्कर्ष निकाला गया कि सप्ताह में अधिकांश सड़क दुर्घटनाएं ज्यादातर रात नौ बजे से देर रात दो बजे के बीच होती हैं, जिनमें लोगों के मरने की संख्या अधिक होती है।रिपोर्ट के अनुसार, यह वो समय भी है जब बहुत सारे ‘हिट-एंड-रन’ के मामले होते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि शनिवार, रविवार और सोमवार को हुई दुर्घटनाओं में मौत का आंकड़ा अधिक था। - मुंबई. अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने बुधवार को कहा कि अमेरिका भारत के साथ रिश्तों को नई ऊंचाई पर ले जाने और ‘हमेशा के लिए सबसे अच्छा दोस्त' बनाने को इच्छुक है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका में सत्ता परिवर्तन होने से दोनों देशों के बीच संबंधों में कोई बदलाव नहीं आएगा। चीन का नाम लिए बिना, गार्सेटी ने कहा कि अगर भारत को ‘क्षेत्र के प्रतिस्पर्धी' देशों से मुकाबला करना है, तो उसे एक देश पर निर्भरता को कम करनी होगी। उन्होंने कहा कि एक देश पर अधिक निर्भरता न केवल सुरक्षा के लिहाज से बल्कि आर्थिक नजरिये से भी जोखिम भरा है। यहां मिल्केन इंस्टिट्यूट के कार्यक्रम में राजदूत ने अमेरिकी उद्योगपतियों से अपने लाभ के लिए देश में और अधिक निवेश करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘‘हम अमेरिका और भारत के बीच बीएफएफ (हमेशा के लिए सबसे अच्छे दोस्त) संबंध बनाना चाहते हैं।'' अमेरिकी राजदूत ने यह भी कहा कि निकट भविष्य में दोनों देशों के बीच संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका में इस साल चुनाव होने हैं। हमारे पास एक नया राष्ट्रपति होगा, लेकिन एक चीज नहीं बदलेगी। वह है, भारत के साथ अमेरिका का रिश्ता और दोस्ती।'' गार्सेटी ने हालांकि भारत के लिए कुछ सलाह भी दी।उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत को अपनी पूर्ण विकास क्षमता तक पहुंचने और क्षेत्रीय प्रतिस्पर्धियों के साथ मुकाबला करने के लिए कई चीजें करने की जरूरत है।'' राजदूत ने कहा, ‘‘अगर हम किसी एक देश पर अत्यधिक निर्भर हैं, तो हमें सुरक्षा जोखिम के साथ आर्थिक जोखिम का भी सामना करना पड़ सकता है।'
- नयी दिल्ली. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 70 वर्ष और इससे अधिक आयु के सभी आय वर्गों के लोगों के लिए आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) के तहत स्वास्थ्य कवरेज को बुधवार को मंजूरी दे दी जिससे करीब छह करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को लाभ मिलेगा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह जानकारी दी। इस कदम से 4.5 करोड़ परिवारों के छह करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को पांच लाख रुपये का निःशुल्क स्वास्थ्य बीमा कवर मिलेगा। सरकार ने कहा कि योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को एक नया अलग कार्ड जारी किया जाएगा।आधिकारिक बयान में कहा गया, एबी पीएम-जेएवाई' के दायरे में पहले से ही आने वाले परिवारों के 70 वर्ष और इससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को प्रति वर्ष पांच लाख रुपये तक का अतिरिक्त ‘टॉप-अप कवर' मिलेगा (जिसे उन्हें परिवार के उन अन्य सदस्यों के साथ साझा नहीं करना होगा जो 70 वर्ष से कम आयु के हैं)।'' बयान में कहा गया, ‘‘70 वर्ष और इससे अधिक आयु के अन्य सभी वरिष्ठ नागरिकों को परिवार के आधार पर प्रति वर्ष पांच लाख रुपये तक का कवर मिलेगा।'' मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि 70 वर्ष या इससे अधिक आयु के ऐसे वरिष्ठ नागरिक जो निजी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी या कर्मचारी राज्य बीमा योजना के अंतर्गत आते हैं, वे आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने के पात्र होंगे। बयान में कहा गया कि जो लोग पहले से ही केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस), भूतपूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) और आयुष्मान केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) जैसी अन्य सार्वजनिक स्वास्थ्य बीमा योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं, वे या तो अपनी मौजूदा योजना को चुन सकते हैं या एबी पीएम-जेएवाई का विकल्प चुन सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘हम हर भारतीय के लिए सुलभ, सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। इस संदर्भ में, कैबिनेट ने 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिकों को स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करने के लिए आयुष्मान भारत पीएम-जेएवाई के दायरे का और विस्तार करने का आज निर्णय लिया। यह योजना छह करोड़ नागरिकों की गरिमा, उनकी देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।'' सरकार के अनुसार, ‘एबी पीएम-जेएवाई' सार्वजनिक रूप से वित्त पोषित दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य आश्वासन योजना है। इसके तहत देश के 12.34 करोड़ परिवारों के 55 करोड़ व्यक्तियों को अस्पताल में भर्ती होने पर प्रति परिवार पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य कवर प्रदान किया जाता है। पात्र परिवारों के सभी सदस्यों को योजना में शामिल किया गया है, भले ही वे किसी भी आयु वर्ग के हों। बयान के अनुसार, इस योजना के तहत अस्पताल में भर्ती 7.37 करोड़ मरीजों को कवर किया गया है, जिनमें 49 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं हैं। इसमें कहा गया है कि इस योजना के तहत आम जनता को एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का लाभ हुआ है। इसमें कहा गया कि ‘एबी पीएम-जेएवाई' योजना में लाभार्थी आधार का निरंतर विस्तार हुआ है। शुरुआत में इस योजना के तहत 10.74 करोड़ गरीब और कमजोर परिवारों को कवर किया गया था। जनवरी 2022 में, केंद्र सरकार ने 2011 की जनसंख्या की तुलना में भारत की दशकीय जनसंख्या में 11.7 प्रतिशत वृद्धि को ध्यान में रखते हुए लाभार्थी आधार को 10.74 करोड़ से संशोधित कर 12 करोड़ परिवार कर दिया। इस योजना का विस्तार कर देश भर में कार्यरत 37 लाख आशा/आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ताओं/आंगनवाड़ी सहायकों तथा उनके परिवारों को निःशुल्क स्वास्थ्य देखभाल लाभ प्रदान किया गया। बयान में कहा गया, ‘‘मिशन को आगे बढ़ाते हुए, एबी पीएम-जेएवाई अब देश भर में 70 वर्ष और इससे अधिक आयु के सभी नागरिकों को पांच लाख रुपये का मुफ्त स्वास्थ्य कवर प्रदान करेगी।
- नयी दिल्ली. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के इरादे से पटरियों और आसपास के क्षेत्र पर नजर रखने के लिए ट्रेन में कई कैमरे लगाए जाएंगे। वैष्णव का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब कई ऐसी दुर्घटनाएं घटी हैं, जिनमें प्राधिकारियों को संदेह है कि ट्रेन को पटरी से उतारने की कोशिश की गई। वैष्णव ने संवाददाताओं को बताया कि ट्रेन के इंजन और गार्ड कोच के अगले-पिछले हिस्सों और दोनों किनारों पर कैमरे लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि डिब्बों में और इंजन के अगले हिस्से में जानवरों से बचाव के लिए लगे ‘कैटल गार्ड' पर भी कैमरे लगाए जाएंगे। रेल मंत्री ने कहा कि कैमरे लगाने के लिए तीन महीने के भीतर संविदा जारी की जाएगी। उन्होंने बताया कि कैमरे सभी ट्रेन में लगाए जाएंगे। वैष्णव ने कहा कि एक साझा डेटा सेंटर भी स्थापित किया जाएगा, जहां इन सभी कैमरों में रिकॉर्ड होने वाले वीडियो फुटेज सहेजे जाएंगे। ट्रेन को बेपटरी करने की कथित हालिया कोशिशों को “बेहद गंभीर” करार देते हुए वैष्णव ने कहा कि रेलवे प्रशासन विभिन्न राज्यों के पुलिस प्रमुखों से संपर्क कर उनसे पटरियों की सुरक्षा के लिए सतर्कता बढ़ाने का आग्रह कर रहा है। बाद में सूत्रों ने कहा, “ट्रेन को पटरी से उतारने की किसी भी कोशिश को रोकने के लिए खुफिया नेटवर्क और जन जागरूकता बढ़ाने पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
- नयी दिल्ली केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को इलेक्ट्रिक बस, एम्बुलेंस और ट्रक जैसे इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए 14,335 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय वाली दो प्रमुख योजनाओं को मंजूरी दी। इनमें से पहली योजना 10,900 करोड़ रुपये के परिव्यय वाली पीएम ई-ड्राइव योजना है जबकि दूसरी 3,435 करोड़ रुपये के बजट वाली पीएम-ई-बस सेवा-भुगतान सुरक्षा तंत्र (पीएसएम) योजना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इन योजनाओं को मंजूरी दी गई। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पीएम ई-ड्राइव योजना प्रदूषण को कम करने की दिशा में एक बड़ा फैसला है। दो साल की अवधि वाली ‘पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट' (पीएम ई-ड्राइव) योजना मार्च, 2024 तक लागू रहे ‘फेम' कार्यक्रम की जगह लेगी। फेम कार्यक्रम को हाइब्रिड एवं इलेक्ट्रिक वाहनों के त्वरित क्रियान्वयन एवं विनिर्माण के लिए अप्रैल, 2015 में शुरू किया गया था। पीएम ई-ड्राइव योजना 24.79 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों, 3.16 लाख ई-तिपहिया वाहनों और 14,028 ई-बसों का समर्थन करेगी। पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत 88,500 चार्जिंग स्टेशनों को भी समर्थन मुहैया कराया जाएगा। इससे इलेक्ट्रिक वाहनों के लंबी दूरी तय करने से जुड़ी चिंताएं दूर करने में मदद मिलेगी। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, भारी उद्योग मंत्रालय इस योजना के तहत मांग प्रोत्साहन का लाभ उठाने के लिए ई-वाउचर पेश करेगा। ईवी की खरीद के समय इस योजना के पोर्टल से खरीदार आधार-प्रमाणित ई-वाउचर हासिल कर सकेगा। नई योजना में इलेक्ट्रिक दोपहिया, इलेक्ट्रिक तिपहिया, ई-एम्बुलेंस, ई-ट्रक और अन्य उभरते इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने के लिए 3,679 करोड़ रुपये की सब्सिडी/मांग प्रोत्साहन की पेशकश की गई है। इस योजना के तहत राज्य परिवहन उपक्रमों और सार्वजनिक परिवहन एजेंसियों की तरफ से 14,028 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद के लिए 4,391 करोड़ रुपये की राशि रखी गई है। आधिकारिक बयान के मुताबिक, स्वच्छ एवं किफायती ऊर्जा के क्षेत्र में सक्रिय सीईएसएल 40 लाख से अधिक आबादी वाले नौ शहरों में परिवहन मांग का आंकड़ा तैयार करेगी। इनमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, सूरत, बेंगलुरु, पुणे और हैदराबाद शामिल हैं। राज्यों के परामर्श से अंतर-शहरी और अंतरराज्यीय ई-बसों को समर्थन दिया जाएगा। इसके अलावा ई-एम्बुलेंस की तैनाती के लिए 500 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं। यह मरीजों के आरामदायक परिवहन के लिए ई-एम्बुलेंस का इस्तेमाल बढ़ाने के लिए सरकार की एक नई पहल है। वैष्णव ने कहा कि इलेक्ट्रिक ट्रकों को अपनाने के लिए भी पीएम ई-ड्राइव योजना में 500 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गई है। इस योजना में इलेक्ट्रिक चार-पहिया वाहनों के लिए 22,100 फास्ट चार्जर, ई-बसों के लिए 1,800 फास्ट चार्जर और इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए 48,400 फास्ट चार्जर लगाने का प्रस्ताव है। चार्जिंग स्टेशनों के लिए परिव्यय 2,000 करोड़ रुपये होगा। वैष्णव ने कहा, ‘‘यह पूरा कार्यक्रम सतत विकास और यह सुनिश्चित करने में बड़ा मददगार होगा कि हमारा देश इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल की दिशा में तेजी से आगे बढ़े।'' उन्होंने कहा कि सार्वजनिक परिवहन प्राधिकरणों (पीटीए) द्वारा ई-बसों की खरीद और संचालन के लिए पीएम-ई-बस सेवा-भुगतान सुरक्षा तंत्र (पीएसएम) योजना के तहत 38,000 ई-बसों को लाने के लिए 3,435 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। यह योजना वित्त वर्ष 2024-25 से वित्त वर्ष 2028-29 तक 38,000 से अधिक ई-बसों की तैनाती का समर्थन करेगी। यह योजना तैनाती की तारीख से 12 साल तक की अवधि के लिए ई-बसों के संचालन का समर्थन करेगी। बयान के मुताबिक, पीएसएम योजना एक समर्पित कोष के जरिये वाहन विनिर्माताओं/ ऑपरेटरों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करेगी। पीटीए द्वारा भुगतान में चूक की स्थिति में, कार्यान्वयन एजेंसी सीईएसएल योजना निधि से आवश्यक भुगतान करेगी, जिसे बाद में पीटीए/राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा वसूल किया जाएगा। इससे पहले सरकार ने दो चरणों में फेम योजना को लागू किया था। फेम-1 और फेम-2 के तहत लगभग 16 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों को वित्तीय समर्थन दिया गया।
- जयपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले आगामी कुछ दिनों के लिए राजस्थान के प्रवास पर रहेंगे। आरएसएस की ओर से जारी एक बयान के अनुसार इस दौरान वे विभिन्न संगठनात्मक बैठकों में सम्मिलित होंगे और कार्यकर्ताओं का प्रबोधन करेंगे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र संघचालक डॉ. रमेशचंद्र अग्रवाल ने एक बयान में बताया कि डॉ. भागवत राजस्थान क्षेत्र के प्रवास के पहले चरण में जयपुर प्रांत के अलवर में 14 से 17 सितंबर तक रहेंगे। क्षेत्र प्रवास के दूसरे चरण में डॉ. भागवत तीन से छह अक्टूबर तक चित्तौड़ प्रांत में रहेंगे। इसी प्रकार, आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले 25 से 29 सितंबर तक जोधपुर प्रांत में प्रवास पर रहेंगे। इन प्रवासों में वह कार्यकर्ताओं का प्रबोधन करेंगे तथा कोई सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं रहेगा। उन्होंने बताया कि यह प्रवास आरएसएस के शताब्दी वर्ष में उसके कार्यों के विस्तार एवं समाज परिवर्तन के कार्यों को गति प्रदान करने की दृष्टि से हो रहे हैं।
- नयी दिल्ली. इंडिया हैबिटेट सेंटर (आईएचसी) की अध्यक्ष भास्वती मुखर्जी, कई सेवानिवृत्त नौकरशाह, पूर्व राजनयिक और सैन्य अधिकारी बुधवार को भाजपा के सदस्यता अभियान के तहत पार्टी में शामिल हो गए। इस संबंध में एक बयान में कहा गया कि केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी की मौजूदगी में 19 प्रमुख हस्तियां भाजपा में शामिल हुईं। इनमें आईएचसी की अध्यक्ष और पूर्व राजदूत भास्वती मुखर्जी भी शामिल हैं। बयान में कहा गया कि पार्टी का दामन थामने वाले अन्य लोगों में झारखंड के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) निर्मल, सेवानिवृत्त आईआरएस अधिकारी - सरोज बाला, गुंजन मिश्रा, आर.के. बजाज, विजय सिंघल, दिनेश चंद्र अग्रवाल और अश्विनी गर्ग, मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) पी.सी. खरबंदा, एस.वी.पी. सिंह, जी.एस. कोहली और एस. गोपाल चटर्जी शामिल हैं।
- नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार हर भारतीय के लिए किफायती और उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उनका यह बयान केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 70 वर्ष और इससे अधिक आयु के सभी लोगों के लिए स्वास्थ्य कवरेज को मंजूरी दिए जाने के बाद आया है। मोदी ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हम हर भारतीय के लिए सुलभ, किफायती और उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस संदर्भ में, मंत्रिमंडल ने आज 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिकों को स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करने के लिए आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के दायरे का और विस्तार करने का निर्णय लिया है।'' उन्होंने यह भी कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ई-ड्राइव योजना, जिसे मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है, हरित गतिशीलता को बढ़ावा देगी और हमें एक टिकाऊ भविष्य बनाने में मदद करेगी।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम-ई-बस सेवा-भुगतान सुरक्षा तंत्र (पीएसएम) योजना से इस क्षेत्र में अधिक भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा तथा स्थिरता को प्रोत्साहन मिलेगा। मंत्रिमंडल ने बुधवार को इलेक्ट्रिक बस, एम्बुलेंस और ट्रक जैसे इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए 14,335 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय वाली दो प्रमुख योजनाओं को मंजूरी दी। इनमें से पहली योजना 10,900 करोड़ रुपये के परिव्यय वाली पीएम ई-ड्राइव योजना है जबकि दूसरी 3,435 करोड़ रुपये के बजट वाली पीएम-ई-बस सेवा-भुगतान सुरक्षा तंत्र (पीएसएम) योजना है।
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पूर्वी गोदावरी .आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले में बुधवार को एक ‘मिनी' ट्रक के पलट जाने से उसमें सवार सात लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने यह जानकारी दी। यह हादसा पूर्वी गोदावरी जिले के देवरापल्ली मंडल के चिन्नईगुडेम के चिलका पकाला इलाके में हुआ।
पूर्वी गोदावरी जिले के पुलिस अधीक्षक नरसिम्हा किशोर ने पत्रकारों को बताया, ‘‘सात लोगों की मौत हो गई, एक व्यक्ति बच गया और उसकी हालत ठीक है। वह बात करने की स्थिति में है।'' काजू से लदा ‘मिनी' ट्रक टी नरसापुरम मंडल के बोर्रामपलेम से निदादावोलु मंडल के ताडीमल्ला जा रहा था, तभी चालक ने वाहन से नियंत्रण खो दिया और ट्रक पलट गया। पुलिस के मुताबिक, काजू की बोरियों के नीचे फंस जाने के कारण दम घुटने से उन लोगों की मौत हुई।
स्थानीय लोगों और पुलिस ने शवों को बोरियों के नीचे से निकाला और पोस्टमार्टम के लिए कोव्वुरू अस्पताल ले जाया गया। -
नयी दिल्ली. केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने अल्पसंख्यकों के बारे में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर बुधवार को विपक्ष के नेता पर निशाना साधा और कहा कि वे (अल्पसंख्यक) भारत में सबसे सुरक्षित हैं। अमेरिका में गांधी की इस टिप्पणी से संबंधित एक सवाल के जवाब में कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) कुछ धर्मों, भाषाओं और समुदायों को अन्य की तुलना में कमतर समझता है, रीजीजू ने कहा, ‘‘चाहे जितनी कोशिश कर ली जाए, भारत को बदनाम नहीं किया जा सकता, क्योंकि भारत का संविधान और संस्कृति लोगों के बीच भेदभाव नहीं करती है।'' उन्होंने कहा कि जो लोग भारत विरोधी ताकतों की मदद से भारत को बदनाम करना चाहते हैं, वे सफल नहीं होंगे। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री रीजीजू ने कहा कि भारत के पड़ोस में रहने वाले अल्पसंख्यक, यदि वहां उनके साथ कुछ गलत होता है तो वे यहां आते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘भारत में अल्पसंख्यक सबसे सुरक्षित हैं।
गांधी ने आरोप लगाया था कि आरएसएस कुछ धर्मों, भाषाओं और समुदायों को अन्य की तुलना में कमतर मानता है। उन्होंने कहा था कि भारत में राजनीति के लिए नहीं बल्कि इसी बात की लड़ाई लड़ी जा रही है। लोकसभा में विपक्ष के नेता गांधी ने सोमवार को वाशिंगटन के वर्जीनिया उपनगर में हर्नडॉन में भारतीय अमेरिकी समुदाय के सैकड़ों लोगों को संबोधित करते हुए यह बात कही थी। उन्होंने कहा था, ‘‘सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि लड़ाई किस बारे में है। लड़ाई राजनीति के बारे में नहीं है।'' रीजीजू ने कहा कि भारतीय संविधान और संसदीय प्रणाली पर आखिरी बार हमला 1975 में आपातकाल के दौरान हुआ था। चीन द्वारा भारतीय भूमि पर कब्जा करने संबंधी गांधी के दावे से संबंधित एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए रीजीजू ने कहा कि विदेशी धरती पर भारत को बदनाम करना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘नरेन्द्र मोदी के सत्ता में आने के बाद से कोई भी हमारी जमीन पर कब्जा नहीं कर पाया है... पिछली बार मैंने सदन में विपक्षी दलों के नेताओं से कहा था कि अगर उनके पास समय हो तो वे मेरे साथ (सीमा तक) आएं।
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नयी दिल्ली. केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने महात्मा गांधी की प्रसिद्ध ट्रेन यात्राओं से जुड़े एक एक डिब्बे का बुधवार को यहां अनावरण किया। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान राष्ट्र को एकजुट करने के महात्मा गांधी के मिशन में अहम भूमिका निभाने वाली उनकी प्रसिद्ध रेल यात्राओं का यह डिब्बा प्रतीक है। इसकी बहुत सावधानी से मरम्मत की गई है। इसे यहां राजघाट स्थित गांधी दर्शन में स्थापित किया गया है। इस डिब्बे को भूरे रंग से रंगा गया है और इस पर “III” अंकित है जो तृतीय श्रेणी को दर्शाता है। दरअसल, गांधी जी तृतीय श्रेणी में ही सफर करते थे। इसकी सीढ़ियों पर महात्मा गांधी की एक आदमकद मूर्ति स्थापित की गई है, जिसमें उन्हें डिब्बे से उतरते हुए दिखाया गया है। शेखावत ने विशेष डिब्बे का अनावरण करने के बाद पत्रकारों से कहा, “उनकी मृत्यु के 75 वर्ष से अधिक समय बाद भी, गांधीजी द्वारा अपनाए गए दर्शन और सिद्धांत न केवल भारत के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए अब भी प्रासंगिक हैं।” संस्कृति मंत्रालय ने बताया कि यह डिब्बा रेल मंत्रालय ने दान दिया है।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘इन यात्राओं ने गांधीजी के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे उन्हें सभी क्षेत्रों के लोगों से जुड़ने, उनके संघर्षों को समझने और सत्य, अहिंसा और सामाजिक न्याय के अपने दर्शन को विकसित करने, सामूहिक शक्ति की ताकत का एहसास करने और उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई में राष्ट्र को एकजुट करने की आवश्यकता का एहसास हुआ।” इसने कहा कि इस प्रकार रेलवे एकजुट, समावेशी भारत का ताना-बाना बुनने के उनके मिशन में एक महत्वपूर्ण उपकरण बन गया। - नयी दिल्ली । इस साल के अंत तक 60 प्रतिशत संभावना है कि ला नीना स्थितियां और मजबूत हो जाएगी जिससे देश के उत्तरी भागों में सामान्य से अधिक ठंडी पड़ सकती है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) के दीर्घावधि पूर्वानुमानों के वैश्विक वेधशालाओं की ओर से बुधवार को जारी नवीनतम पूर्वानुमान से संकेत मिलता है कि सितंबर-नवंबर 2024 के दौरान वर्तमान तटस्थ स्थितियों (न तो अल नीनो और न ही ला नीना) से ला नीना स्थितियों में परिवर्तित होने की 55 प्रतिशत संभावना है।डब्ल्यूएमओ ने कहा, ‘‘अक्टूबर 2024 से फरवरी 2025 तक यह संभावना है की ला नीना की प्रबलता 60 प्रतिशत तक बढ़ जाए तथा इस दौरान अल नीनो के पुनः मजबूत होने की संभावना शून्य है।'' ला नीना का तात्पर्य मध्य और पूर्वी भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह के तापमान में बड़े पैमाने पर होने वाली गिरावट से है, जो उष्णकटिबंधीय वायुमंडलीय परिसंचरण, जैसे हवा, दबाव और वर्षा में परिवर्तन से जुड़ा हुआ है। यह आमतौर पर भारत में मानसून के मौसम के दौरान तीव्र और लंबे समय तक होने वाली बारिश और विशेष रूप से उत्तरी भारत में सामान्य से अधिक सर्दियों से संबंधित है। हालांकि, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है कि ला नीना की स्थिति के कारण इस बार सामान्य से अधिक सर्दी पड़ेगी या नहीं। प्रत्येक ला नीना घटना के प्रभाव इसकी तीव्रता, अवधि, वर्ष के समय और अन्य जलवायु कारकों के आधार पर अलग-अलग होते हैं। आम तौर पर, ला नीना एल नीनो के विपरीत जलवायु प्रभाव पैदा करता है, खासकर उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में। डब्ल्यूएमओ ने हालांकि,कहा कि ला नीना और एल नीनो जैसी प्राकृतिक रूप से घटित होने वाली जलवायु घटनाओं पर मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन का व्यापक असर हो रहा है। उसने कहा कि मानवीय गतिविधियों से वैश्विक तापमान में वृद्धि हो रही है, चरम मौसम और जलवायु में वृद्धि हो रही है, तथा मौसमी वर्षा और तापमान की प्रवृत्ति पर असर हो रहा है। डब्ल्यूएमओ के महासचिव सेलेस्टे साउलो ने कहा, ‘‘जून 2023 से, हमने असाधारण वैश्विक स्थल और समुद्री सतह के तापमान में वृद्धि की परिपाटी देखी है। भले ही ला नीना अल्पकालिक रूप से ठंडा करने की घटना हो लेकिन यह वायुमंडल में उष्मा सोखने वाली ग्रीनहाउस गैसों के कारण बढ़ते वैश्विक तापमान के दीर्घकालिक असर को कम नहीं कर सकती।'' उन्होंने कहा कि 2020 से 2023 के प्रारम्भ तक बहुवर्षीय ला नीना के समुद्री सतह को ठंडा करने के प्रभाव के बावजूद पिछले नौ वर्ष अब तक के सबसे गर्म वर्ष रहे हैं। पिछले तीन महीनों से तटस्थ स्थितियां बनी हुई हैं इसका अभिप्राय है कि न तो अल नीनो और न ही ला नीना ने प्रभुत्व स्थापित किया है।
- मुंबई, । भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी बुधवार को मुंबई की श्री सार्वजनिक गणेशोत्सव संस्था पहुंचे और वहां भगवान गणेश की पूजा अर्चना की। लोकमान्य गंगाधर तिलक ने यहीं से गणेश उत्सव को सार्वजनिक कार्यक्रम का रूप दिया था। अपने संदेश में गार्सेटी ने कहा ‘‘लॉस एंजिलिस के मेयर और भारत के राजदूत के तौर पर मैंने हमेशा से अपने कार्यालय और घर में भगवान गणेश की एक मूर्ति रखी है, जिनसे मुझे प्रेरणा मिलती है।'' उन्होंने कहा कि अमेरिका में कई समुदायों के लोगों के दिलों में भगवान गणेश के लिए विशेष स्थान है और अमेरिकी लोग विघ्नहर्ता, सुख समृद्धिदायक गणेश की पूजा करते हैं। मुंबई के गिरगांव इलाके में श्री सार्वजनिक गणेशोत्सव संस्था ने 1901 में केशवजी नायक चॉल में गणेश उत्सव का आयोजन शुरू किया और इसे जन-जन तक पहुंचाया।
- नयी दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ऊर्जा के नए क्षेत्रों जैसे हरित हाइड्रोजन पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए बुधवार को कहा कि यह भविष्य का मामला नहीं है बल्कि अब इस दिशा में कार्रवाई की आवश्यकता है। ‘ग्रीन हाइड्रोजन इंडिया 2024' पर दूसरे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को एक वीडियो संदेश के माध्यम से संबोधित करते हुए, मोदी ने कहा, ‘‘दुनिया एक महत्वपूर्ण बदलाव से गुजर रही है। जलवायु परिवर्तन केवल भविष्य का मामला नहीं है बल्कि इसका प्रभाव अभी से महसूस किया जा सकता है। जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से बचने के लिए प्रयास करने का समय यही और अभी है।'' उन्होंने कहा कि ऊर्जा परिवर्तन और स्थिरता वैश्विक नीतिगत चर्चा का केंद्र बन गए हैं।प्रधानमंत्री ने स्वच्छ और हरित धरती बनाने की दिशा में राष्ट्र की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कहा कि भारत हरित ऊर्जा पर अपने पेरिस संकल्पों को पूरा करने वाले पहले जी20 देशों में से एक है। उन्होंने कहा, ‘‘ये संकल्प 2030 के लक्ष्य से 9 साल पहले ही पूरी हो गए।''पिछले 10 वर्षों में इस क्षेत्र में हुई प्रगति पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की स्थापित गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता में लगभग 300 प्रतिशत और सौर ऊर्जा क्षमता में 3,000 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। उन्होंने जोर देते हुए कहा, ‘‘हम इन उपलब्धियों पर आराम नहीं कर रहे हैं बल्कि राष्ट्र मौजूदा समाधानों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और साथ ही नए तथा अभिनव क्षेत्रों पर भी ध्यान दे रहा है।'' उन्होंने कहा कि ऐसे ही हरित हाइड्रोजन की तस्वीर सामने आती है।प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हरित हाइड्रोजन दुनिया के ऊर्जा परिदृश्य में आशाजनक विकल्प के रूप में उभर रहा है। हरित हाइड्रोजन उन उद्योगों को वातावरण से कार्बन डाय-ऑक्साइड और अन्य ग्रीन हाउस गैसों को हटाने (डीकार्बोनाइज़ेशन) में मदद कर सकता है, जिनका विद्युतीकरण करना मुश्किल है।'' उन्होंने रिफाइनरियों, उर्वरकों, इस्पात, भारी शुल्क वाले परिवहन और कई अन्य क्षेत्रों का उदाहरण दिया, जिन्हें इससे लाभ होगा। मोदी ने यह सुझाव भी दिया कि हरित हाइड्रोजन का उपयोग अधिशेष अक्षय ऊर्जा के भंडारण समाधान के रूप में किया जा सकता है। साल 2023 में शुरू किए गए राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने भारत को हरित हाइड्रोजन के उत्पादन, उपयोग और निर्यात के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाने के लक्ष्यों पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन नवाचार, बुनियादी ढांचे, उद्योग और निवेश को बढ़ावा दे रहा है।'' उन्होंने अत्याधुनिक अनुसंधान और विकास में निवेश, उद्योग और शिक्षा जगत के बीच साझेदारी और इस क्षेत्र के स्टार्ट-अप एवं उद्यमियों को प्रोत्साहन पर भी प्रकाश डाला और साथ ही हरित नौकरियों के परितंत्र के विकास की बड़ी संभावनाओं पर भी बात की। उन्होंने इस क्षेत्र में देश के युवाओं के लिए कौशल विकास की दिशा में सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों को रेखांकित किया।प्रधानमंत्री ने जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा संक्रमण की वैश्विक चिंताओं को ध्यान में रखते हुए कहा कि वैश्विक चिंताओं का जवाब भी वैश्विक होना चाहिए। उन्होंने कार्बन उत्सर्जन में कमी पर हरित हाइड्रोजन के प्रभाव को बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि उत्पादन को बढ़ाना, लागत को कम करना और सहयोग के माध्यम से बुनियादी ढांचे का निर्माण तेजी से हो सकता है। उन्होंने प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने के लिए अनुसंधान और नवाचार में संयुक्त रूप से निवेश करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
- नयी दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शिकागो में स्वामी विवेकानंद की ओर से 1893 में दिए गए उत्कृष्ट भाषण को बुधवार को याद किया और कहा कि उनके शब्द आज भी पीढ़ियों को प्रेरित करते हैं और एकजुटता व सद्भाव की शक्ति की याद दिलाते हैं। स्वामी विवेकानंद ने 1893 में विश्व धर्म संसद में भाषण दिया था और यह भारत के प्राचीन मूल्यों और सांस्कृतिक लोकाचार के प्रतिपादन के लिए प्रसिद्ध है। मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर कहा, ‘‘आज ही के दिन 1893 में स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में अपना प्रतिष्ठित भाषण दिया था। उन्होंने दुनिया को एकता, शांति और भाईचारे के भारत के सदियों पुराने संदेश से परिचित कराया।'' मोदी ने कहा, ‘‘उनके शब्द आज भी पीढ़ियों को प्रेरित करते रहते हैं, हमें एकजुटता और सद्भाव की शक्ति की याद दिलाते हैं।''
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नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के विज़न को आगे बढ़ाते हुए गृह मंत्रालय देश में सुरक्षित साइबर स्पेस निर्माण के लिए कृत संकल्प है।
X प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में श्री अमित शाह ने कहा कि भारतीय साइबर अपराध समन्वय केन्द्र (I4C) ने इस दिशा में अनेक कदम उठाए हैं। गृह मंत्री ने एक साइबर-सुरक्षित भारत के निर्माण के मिशन को गति प्रदान करने में प्रसिद्ध अभिनेता श्री अमिताभ बच्चन के सक्रिय योगदान के लिए उनका आभार प्रकट किया। मेगा स्टार श्री अमिताभ बच्चन ने अपने एक वीडियो संदेश में कहा कि देश और दुनिया में बढ़ रहा साइबर अपराध चिंता का विषय है। गृह मंत्रालय का भारतीय साइबर अपराध समन्वय केन्द्र इसके नियंत्रण की दिशा में कार्य कर रहा है। श्री बच्चन ने कहा कि केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी के आग्रह पर वे इस अभियान से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि हम सब साथ मिलकर देश को इस समस्या से मुक्त कराएं। हमारी थोड़ी सी समझदारी और सावधानी हमें साइबर अपराधियों से बचा सकती है। -
नई दिल्ली। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज (11 सितंबर, 2024) राष्ट्रपति भवन में नर्सिंग पेशेवरों को वर्ष 2024 के लिए राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार प्रदान किए।
राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार की स्थापना स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने उत्कृष्ट नर्सिंग कर्मियों द्वारा प्रदान की गई सराहनीय सेवाओं को मान्यता देने और सम्मानित करने के लिए की थी।पुरस्कार प्राप्त करने वालों की पूरी सूची- -
नई दिल्ली। आवासन एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने आज निर्माण भवन, नई दिल्ली में आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत एक केंद्रीय स्वायत्त निकाय, राष्ट्रीय शहरी मामले संस्थान (NIUA) के साथ एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
आज की चर्चा में CITIIS 2.0 कार्यक्रम शामिल था, जिसमें छत्तीसगढ़ का बिलासपुर शहर 18 चयनित शहरों में से एक है। कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिस्पर्धात्मक रूप से चुनी गई पहलों को वित्त पोषण प्रदान करना और एक परिपत्र अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है। परियोजनाएँ मुख्य रूप से नगरपालिका स्तर पर एकीकृत अपशिष्ट प्रबंधन, राज्य स्तर पर जलवायु- उन्मुख सुधार गतिविधियों, राष्ट्रीय स्तर पर संस्थागत विकास और राष्ट्रीय स्तर पर जान प्रसार पर ध्यान केंद्रित करेंगी। इस क्रम में, मंत्रीजी द्वारा शहर के प्रस्ताव की जाँच की गई, जो बिलासपुर की विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम है।मंत्री साहू ने चुने गए अठारह शहरों द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों की भी गहन समीक्षा की और कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए योजना और रणनीति को भी समझा। मंत्री ने एनआईयूए द्वारा शुरू की गई परियोजनाओं की विविधता की भी जांच की। एनआईयूए की निदेशक डॉ. देबोलिना कुंडू ने मंत्रालय को एनआईयूए की रणनीतिक सहायता के बारे में विस्तार से बताया और स्मार्ट सिटी मिशन, स्वच्छ भारत मिशन, अटल कायाकल्प और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत), राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम) और पीएम स्वनिधि जैसे प्रमुख मिशनों में इसके योगदान पर जोर दिया। उन्होंने विस्तार से बताया कि कैसे एनआईयूए के शोध, तकनीकी विशेषज्ञता, शहर नियोजन और क्षमता निर्माण कार्यक्रम इन राष्ट्रीय शहरी विकास लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में सहायक रहे हैं।सीआईटीआईआईएस 2.0 की पृष्ठभूमिःसीआईटीआईआईएस कार्यक्रम के दूसरे चरण सीआईटीआईआईएस 2.0 की परिकल्पना एएफडी, केएफडब्ल्यू, ईयू और एनआईयूए के सहयोग से एमओएचयूए द्वारा अपने अनूठे मॉडल के माध्यम से भारत सरकार और एमओएचयूए की जलवायु पहलों को पूरक बनाने के लिए की गई है। यह कार्यक्रम CITIIS 1.0 की सीखों और सफलताओं पर आधारित है और इसे नवाचार, समावेशन और स्थिरता के मूल्यों को गहरा करते हुए, चल रहे राष्ट्रीय कार्यक्रमों के माध्यम से MOHUA द्वारा किए गए कार्यों को पूरक बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।CITIIS 2.0 के उद्देश्यःजलवायु-संवेदनशील नियोजन और कार्रवाई को बढ़ावा देना यह कार्यक्रम साक्ष्य-संचालित दृष्टिकोणों के माध्यम से राज्यों और शहरों में जलवायु नियोजन और कार्रवाई को बढ़ावा देगा।शहरी जलवायु कार्रवाई में निवेश को बढ़ावा देना यह कार्यक्रम एकीकृत अपशिष्ट प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करते हुए परिपत्र अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने वाली प्रतिस्पर्धात्मक रूप से चयनित परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगा।संस्थागत तंत्र का निर्माण, भागीदारी का लाभ उठाना और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देना - यह कार्यक्रम राज्य और शहर के स्तर पर जलवायु शासन फ्रेमवर्क को लागू करने में मदद करेगा और साथ ही शहरों और राज्यों में जलवायु कार्रवाई के लिए क्षमता विकास का समर्थन करने के लिए घरेलू, अंतर्राष्ट्रीय और ट्रांसवर्सल विशेषज्ञों के साथ एक त्रि-स्तरीय तकनीकी सहायता संरचना प्रदान करेगा। -
नई दिल्ली। आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने आज निर्माण भवन, नई दिल्ली में हुई बैठक में आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के ओएसडी (शहरी परिवहन) श्री जयदीप कुमार को छत्तीसगढ़ राज्य में मास रैपिड ट्रांजिट कॉरिडोर विकसित करने की संभावना तलाशने के निर्देश दिये। बैठक के दौरान, मंत्री ने मेट्रो, मोनोरेल, रैपिड रेल और केबल कारों सहित विभिन्न परिवहन विकल्पों का पता लगाने की आवश्यकता पर जोर दिया। इस पहल का उद्देश्य छत्तीसगढ़ के तीन प्रमुख औद्योगिक शहरों दुर्ग, भिलाई और रायपुर के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाना है। मंत्री ने इन तीन शहरों के लिए व्यापक गतिशीलता योजना शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिए।
मंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि मास रैपिड ट्रैज़िट कॉरिडोर की स्थापना से रोजगार को बढ़ावा मिलेगा, इन शहरों और आसपास के क्षेत्रों में लोगों को स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और रोजगार के अवसर मिलेंगे।सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार को केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा आगे के मूल्यांकन और विचार के लिए एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार करने और प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जाएगा। - - “भारत का सेमीकंडक्टर क्षेत्र एक क्रांति के कगार पर है, जहां अभूतपूर्व प्रगति उद्योग को बदलने वाली है”-- “आज का भारत दुनिया में विश्वास जगाता है… जब हालात कठिन हो तो भारत पर निर्भर किया जा सकता हैं”नई दिल्ली। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज भारत एक्सपो मार्ट, ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश में सेमीकॉन इंडिया 2024 का उद्घाटन किया। श्री मोदी ने इस अवसर पर प्रदर्शनी का दौरा किया। 11 से 13 सितंबर तक चलने वाले इस तीन दिवसीय सम्मेलन में भारत की सेमीकंडक्टर रणनीति और नीति को प्रदर्शित किया जाएगा, जिसका उद्देश्य भारत को सेमीकंडक्टर के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाना है।प्रधानमंत्री ने सभा को संबोधित करते हुए सेमी के सभी सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि भारत दुनिया का आठवां देश है जो वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग से संबंधित एक कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। “यह सही समय है भारत में रहने का। आप सही जगह पर सही समय पर हैं”, प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देते हुए कहा, “21वीं सदी के भारत में, हालात कभी कठिन नहीं होते।” उन्होंने आगे कहा कि आज का भारत दुनिया को आश्वस्त करता है, जब हालात कठिन हो तो भारत पर निर्भर किया जा सकता हैं।”सेमीकंडक्टर उद्योग और डायोड के बीच संबंध को उजागर करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की सेमीकंडक्टर उद्योग विशेष डायोड्स से सुसज्जित है जहां ऊर्जा दोनों दिशाओं में बहती है। उन्होंने समझाया कि जबकि उद्योग निवेश करते हैं और मूल्य निर्माण करते हैं, सरकार दूसरी ओर स्थिर नीतियों और व्यवसाय करने में आसान हालत प्रदान करती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत एक एकीकृत पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करता है जो सेमीकंडक्टर उद्योग में प्रयुक्त एकीकृत सर्किट के समान है। उन्होंने भारत के डिज़ाइनरों की चर्चित प्रतिभा को उजागर किया। उन्होंने बताया कि भारत का डिजाइनिंग के क्षेत्र में योगदान 20 प्रतिशत है और लगातार बढ़ रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत 85,000 तकनीशियनों, इंजीनियरों और अनुसंधान और विकास विशेषज्ञों की एक सेमीकंडक्टर कार्यबल तैयार कर रहा है। “भारत अपने छात्रों और पेशेवरों को उद्योग के लिए तैयार करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है”, अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन की पहली बैठक को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, कि फाउंडेशन भारत के अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को नई दिशा और ऊर्जा देने का लक्ष्य रखता है। उन्होंने 1 लाख करोड़ रुपये के विशेष अनुसंधान फंड का भी उल्लेख किया।प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि इस प्रकार की पहल से सेमीकंडक्टर और विज्ञान क्षेत्र में नवाचार की संभावना बढ़ेगी। उन्होंने सरकार के सेमीकंडक्टर इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि भारत के पास तीन-आयामी शक्ति है, अर्थात् वर्तमान सुधारक सरकार, देश की बढ़ती निर्माण क्षमता और राष्ट्र का महत्वाकांक्षी बाजार जो तकनीकी प्रवृत्तियों से अवगत है, यह तीन-आयामी शक्ति का आधार कहीं और मिलना मुश्किल है।भारत के महत्वाकांक्षी और तकनीक-उन्मुख समाज की विशिष्टता को उजागर करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में चिप्स का अर्थ केवल तकनीक तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह करोड़ों नागरिकों की आकांक्षाओं को पूरा करने का एक माध्यम है। यह छोटी चिप भारत में हर जगह डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए बड़े काम कर रही है, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा। कोरोना संकट को याद करते हुए जब दुनिया के सबसे मजबूत बैंकिंग सिस्टम ध्वस्त हो गए, श्री मोदी ने कहा कि भारत में बैंक निरंतर चल रहे थे। “चाहे भारत का UPI हो, Rupay कार्ड हो, Digi Locker हो या Digi Yatra हो, कई डिजिटल प्लेटफार्म भारतीय लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बन गए हैं”, उन्होंने कहा। आत्मनिर्भर बनने के लिए, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत हर क्षेत्र में निर्माण बढ़ा रहा है, बड़े पैमाने पर हरित संक्रमण कर रहा है और डेटा केंद्रों की मांग भी बढ़ रही है। “भारत वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग को चलाने में एक बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार है”, उन्होंने कहा।प्रधानमंत्री ने कहा कि एक पुरानी कहावत है - ‘चिप्स जहां गिरें, वहां गिरें’, जिसका अर्थ है जो हो रहा है उसे वैसे ही होने दो लेकिन आज की युवा और महत्वाकांक्षी भारत इस भावना का अनुसरण नहीं करता, उन्होंने कहा, “भारत का नया मंत्र भारत में उत्पादित चिप्स की संख्या बढ़ाना है।” सेमीकंडक्टर निर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कई कदमों को उजागर करते हुए, श्री मोदी ने बताया कि सरकार सेमीकंडक्टर निर्माण सुविधाओं की स्थापना के लिए 50 प्रतिशत वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है, और राज्य सरकारें भी इस प्रयास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। इन नीतियों के कारण, उन्होंने कहा कि भारत ने बहुत ही कम समय में 1.5 ट्रिलियन रुपये से अधिक का निवेश आकर्षित किया है और कई और परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं। श्री मोदी ने सेमीकंडक्टर इंडिया प्रोग्राम की समग्र दृष्टिकोण पर भी प्रकाश डाला जो फ्रंट-एंड फैब्स, डिस्प्ले फैब्स, सेमीकंडक्टर पैकेजिंग और आपूर्ति श्रृंखला के अन्य महत्वपूर्ण घटकों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है। “हमारा सपना है कि दुनिया के हर डिवाइस में एक भारतीय-निर्मित चिप हो,” उन्होंने इस साल लाल किले से की गई घोषणा को याद करते हुए कहा। उन्होंने भारत की सेमीकंडक्टर महाशक्ति बनने की महत्वाकांक्षा को दोहराया।प्रधानमंत्री ने सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण खनिजों को सुरक्षित करने पर सरकार की फोकस की भी चर्चा की और घरेलू उत्पादन और विदेशी अधिग्रहण को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में घोषित महत्वपूर्ण खनिज मिशन का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत तेजी से कस्टम ड्यूटी छूट और महत्वपूर्ण खनिजों के खनन नीलामी पर काम कर रहा है। श्री मोदी ने IITs के साथ सहयोग में भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान संस्थान में एक सेमीकंडक्टर अनुसंधान केंद्र स्थापित करने की योजनाओं का भी खुलासा किया, ताकि केवल आज के उच्च-तकनीकी चिप्स ही नहीं बल्कि अगले पीढ़ी के चिप्स भी उत्पादित किए जा सकें। अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की बात करते हुए प्रधानमंत्री ने ‘तेल कूटनीति’ का संदर्भ दिया और कहा कि दुनिया आज ‘सिलिकॉन कूटनीति’ के युग में आगे बढ़ रही है। प्रधानमंत्री ने सूचित किया कि भारत को इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क की आपूर्ति श्रृंखला परिषद का उपाध्यक्ष चुना गया है और यह QUAD सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला पहल में एक महत्वपूर्ण भागीदार है। इसके अतिरिक्त, जापान और सिंगापुर जैसे देशों के साथ समझौते किए गए हैं, और भारत सेमीकंडक्टर क्षेत्र में अमेरिका के साथ अपने सहयोग को गहरा कर रहा है, उन्होंने जोड़ा।प्रधानमंत्री ने सेमीकंडक्टर पर भारत के ध्यान की आलोचना करने वाले लोगों से डिजिटल इंडिया मिशन की सफलता का अध्ययन करने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि डिजिटल इंडिया मिशन का उद्देश्य देश को पारदर्शी, प्रभावी और लीक-रहित शासन प्रदान करना था और इसका गुणात्मक प्रभाव आज अनुभव किया जा सकता है। डिजिटल इंडिया की सफलता के लिए, प्रधानमंत्री ने कहा कि मोबाइल हैंडसेट और डेटा को भारत में सस्ता बनाने के लिए आवश्यक सुधार और बुनियादी ढांचा शुरू किया गया था। उन्होंने बताया कि एक दशक पहले भारत मोबाइल फोन का सबसे बड़ा आयातक था जबकि आज, यह मोबाइल फोन का विश्व का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है। उन्होंने भारत की 5G हैंडसेट बाजार में तेज प्रगति का हवाला देते हुए कहा कि भारत अब 5G हैंडसेट के वैश्विक बाजार में दूसरी सबसे बड़ी जगह पर है।भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर की वर्तमान मूल्यांकन 150 बिलियन डॉलर से अधिक है, प्रधानमंत्री ने देश के इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर को 500 बिलियन डॉलर तक बढ़ाने और इस दशक के अंत तक 6 मिलियन नौकरियों का सृजन करने का एक बड़ा लक्ष्य निर्धारित किया। उन्होंने कहा कि यह वृद्धि सीधे तौर पर भारत के सेमीकंडक्टर क्षेत्र को लाभान्वित करेगी। “हमारा लक्ष्य है कि 100 प्रतिशत इलेक्ट्रॉनिक निर्माण भारत में ही हो। भारत सेमीकंडक्टर चिप्स और तैयार उत्पाद दोनों बनाएगा”, उन्होंने जोड़ा।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत की सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र केवल भारत की चुनौतियों के लिए ही नहीं बल्कि वैश्विक चुनौतियों के लिए भी एक समाधान है।” डिज़ाइन के क्षेत्र से एक उपमा का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने ‘सिंगल पॉइंट ऑफ फेलियर’ की बात की और समझाया कि डिज़ाइन के छात्रों को इस दोष से बचने के लिए सिखाया जाता है, मुख्यतः सिस्टम की केवल एक घटक पर निर्भरता के कारण। उन्होंने कहा कि यह सिद्धांत आपूर्ति श्रृंखलाओं पर भी समान रूप से लागू होता है। “चाहे कोविड हो या युद्ध, कोई भी उद्योग आपूर्ति श्रृंखला के विघटन से अप्रभावित नहीं रहा है,” उन्होंने कहा। एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला के महत्व को रेखांकित करते हुए, प्रधानमंत्री ने भारत की भूमिका पर गर्व व्यक्त किया, जिसने विभिन्न क्षेत्रों में लचीलापन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और देश को वैश्विक मिशन में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया है।प्रौद्योगिकी और लोकतांत्रिक मूल्यों के बीच संबंध के बारे में बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि जब प्रौद्योगिकी को लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ जोड़ा जाता है तो उसकी सकारात्मक शक्ति बढ़ जाती है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि प्रौद्योगिकी से लोकतांत्रिक मूल्यों को हटाना जल्दी ही नुकसान पहुंचा सकता है। श्री मोदी ने भारत के ध्यान को दोहराते हुए कहा कि हम ऐसी दुनिया बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जो संकट के समय भी कार्यात्मक रहती है, कहकर, “चाहे वह मोबाइल निर्माण हो, इलेक्ट्रॉनिक्स हो या सेमीकंडक्टर हो, हमारा ध्यान स्पष्ट है—हम ऐसी दुनिया बनाना चाहते हैं जो संकट के समय भी रुकती या ठहरती नहीं बल्कि आगे बढ़ती रहती है।” अपने संबोधन को समाप्त करते हुए, प्रधानमंत्री ने भारत की वैश्विक प्रयासों को मजबूत करने की क्षमता पर विश्वास व्यक्त किया और इस मिशन में शामिल सभी हिस्सेदारों को अपनी शुभकामनाएं दीं।इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, श्री योगी आदित्यनाथ, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री, श्री अश्विनी वैष्णव, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री, श्री जितिन प्रसाद, सेमी के अध्यक्ष और सीईओ, श्री अजित मनोचा, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के अध्यक्ष और सीईओ, डॉ. रंधीर ठाकुर, एनएक्सपी सेमीकंडक्टर के सीईओ, श्री कर्ट सिवर्स, रेनिसास के सीईओ, श्री हिदेतोषी शिबाटा और आईएमईसी के सीईओ, श्री लुक वान डेन होवे मौजूद थे।पृष्ठभूमिप्रधानमंत्री का दृष्टिकोण रहा है कि भारत को सेमीकंडक्टर डिज़ाइन, निर्माण और प्रौद्योगिकी विकास के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित किया जाए। इसी के तहत, “शेपिंग द सेमीकंडक्टर फ्यूचर” विषय पर 11 से 13 सितंबर तक सेमीकॉन इंडिया 2024 का आयोजन किया जा रहा है। यह तीन दिवसीय सम्मेलन भारत की सेमीकंडक्टर रणनीति और नीति को प्रदर्शित करेगा, जिसका उद्देश्य भारत को सेमीकंडक्टर के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाना है। इसमें वैश्विक सेमीकंडक्टर दिग्गजों की शीर्ष नेतृत्व की भागीदारी होगी और यह वैश्विक नेताओं, कंपनियों और सेमीकंडक्टर उद्योग के विशेषज्ञों को एक साथ लाएगा। सम्मेलन में 250 से अधिक प्रदर्शक और 150 वक्ता भाग ले रहे हैं।