- Home
- देश
-
नई दिल्ली। ठीक 15 दिन बाद भारत ने पाकिस्तान से पहलगाम हमले का बदला ले लिया है। पाकिस्तान और पीओके में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। इस एयर स्ट्राइक को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का नाम दिया गया है। देर रात हुए हमले के बाद भारत के रक्षा मंत्री ने इसकी जानकारी साझा की।
पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों पर रात भर हमले किए गएरक्षा मंत्री ने एक्स पर लिखा- भारत माता की जय! बालाकोट हमले के छह साल बाद पाकिस्तान को फिर से दहलाया गया। आतंकवादी ठिकानों पर रात भर चले अभियान के तहत हमले किए। पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग डीजी आईएसपीआर ने कोटली, मुरीदके और बहावलपुर समेत नौ स्थानों पर हमलों की पुष्टि की है। जिसके मुख्य टारगेट जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे जिहादी ठिकाने थे।हमला 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत की कार्रवाई का हिस्सा थायह हमला 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत की कार्रवाई का हिस्सा था, जिसमें जम्मू-कश्मीर में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की जान चली गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ रात भर ऑपरेशन की प्रगति पर बारीकी से नजर रखी। सूत्रों ने पुष्टि की कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों और सैन्य कमांडरों के साथ लगातार संपर्क में थे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अभियान योजना के अनुसार आगे बढ़े। भारतीय सेना के प्रवक्ता ने पुष्टि की कि हमले केंद्रित, नपे-तुले और उकसावे के नहीं थे। लक्ष्य, जिन्हें ज्ञात आतंकी शिविर और बुनियादी ढांचे के रूप में पहचाना गया था, पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में स्थित थे -
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने मंगलवार को गृह मंत्रालय में एक उच्च स्तरीय बैठक में 7 मई को होने वाले राष्ट्रव्यापी नागरिक सुरक्षा अभ्यास (मॉक ड्रिल) की तैयारियों की समीक्षा की। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में 26 नागरिकों की मौत के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच यह मॉक ड्रिल की जा रही है।
ये अधिकारी बैठक में हुए शामिलकेंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव और सिविल डिफेंस के प्रमुख वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए। इसके अलावा बैठक में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक पीयूष आनंद, अग्निशमन सेवा, नागरिक सुरक्षा और होमगार्ड के महानिदेशक विवेक श्रीवास्तव और अन्य अधिकारी मौजूद रहे।तैयारियों की हुई समीक्षागृह मंत्रालय की बैठक के बाद राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के एक सदस्य ने कहा कि हम तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिन खामियों को दूर किया जाना है, उनकी पहचान कर ली गई है। इस बैठक का उद्देश्य ग्रामीण और गांव स्तर के क्षेत्रों सहित 244 नागरिक सुरक्षा-निर्दिष्ट जिलों में मॉक ड्रिल की तैयारियों का आकलन करना और समन्वित निष्पादन सुनिश्चित करना था।केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 7 मई को मॉक ड्रिल आयोजित करने का दिया निर्देशउल्लेखनीय है कि एक दिन पहले ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिक सुरक्षा तैयारियों को मजबूती देने के उद्देश्य से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 7 मई को मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्देश दिया था।पहलगाम आतंकी हमले और पाकिस्तान के साथ बढ़े तनाव के बाद लिया गया निर्णययह निर्णय पहलगाम आतंकी हमले और पाकिस्तान के साथ बढ़े तनाव के बाद लिया गया है। इस मॉक ड्रिल में हवाई हमले की स्थिति में नागरिकों को सचेत करने के लिए सायरन की प्रभावशीलता का परीक्षण करना और नागरिकों और छात्रों को बुनियादी आत्म-सुरक्षा उपायों के बारे में शिक्षित करना शामिल है।आपातकालीन स्थिति में निपटने का किया जाएगा पूर्वाभ्यासइसके अलावा युद्ध के संभावित खतरे के दौरान अंधेरा कर देने की आपात प्रक्रिया (क्रैश ब्लैकआउट) का अभ्यास और संवेदनशील प्रतिष्ठानों को छिपाकर बुनियादी ढेंच की रक्षा करना शामिल होगी। इसके साथ ही, आपातकालीन स्थिति में लोगों की सुरक्षित निकासी की योजनाओं को अद्यतन किया जाएगा और उनका पूर्वाभ्यास भी कराया जाएगा।इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्यइस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य नागरिकों में जागरूकता बढ़ाना, उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना और राज्य तथा स्थानीय प्रशासन की तैयारियों की समीक्षा करना है। यह मॉक ड्रिल विभिन्न स्तरों पर नागरिक सुरक्षा प्रणाली की प्रभावशीलता को जांचने का एक समन्वित प्रयास है।गृह मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि वे इस अभ्यास की पूरी योजना पहले से तैयार करें और सभी संबंधित एजेंसियों के साथ समन्वय बनाकर उसका सफल आयोजन सुनिश्चित करें। यह पहल देश की समग्र सुरक्षा रणनीति का हिस्सा है और भविष्य की किसी भी आपात स्थिति से निपटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। -
नयी दिल्ली. उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को एक महिला की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर-द्वितीय के प्रपौत्र की विधवा होने का दावा करते हुए कानूनी ‘उत्तराधिकारी' होने के नाते लाल किले पर कब्जे का अनुरोध किया था। प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने शुरू में याचिका को ‘‘गलत धारणा'' वाली और ‘‘निराधार'' करार दिया और दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘शुरू में रिट याचिका दायर की गई थी जो गलत और निराधार है। इस पर विचार नहीं किया जा सकता।'' पीठ ने याचिकाकर्ता सुल्ताना बेगम के वकील को याचिका वापस लेने की अनुमति नहीं दी। वकील ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता देश के पहले स्वतंत्रता सेनानी के परिवार की सदस्य हैं।''
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि अगर दलीलों पर विचार किया जाए तो ‘‘केवल लाल किला ही क्यों, फिर आगरा, फतेहपुरी सीकरी आदि के किले क्यों नहीं''। दिल्ली उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने पिछले साल 13 दिसंबर को बेगम द्वारा दिसंबर 2021 में उच्च न्यायालय के एकल न्यायाधीश के फैसले के खिलाफ दायर अपील को खारिज कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि चुनौती ढाई साल से अधिक की देरी के बाद दायर की गई थी, जिसे उचित नहीं ठहराया जा सकता। बेगम ने कहा कि वह अपने खराब स्वास्थ्य और बेटी के निधन के कारण अपील दायर नहीं कर सकीं।
उच्च न्यायालय ने कहा था, ‘‘हमें उक्त स्पष्टीकरण अपर्याप्त लगता है। मामले में ढाई साल से अधिक की देरी भी हुई है। याचिका कई दशकों तक लंबित रही, जिसके कारण (एकल न्यायाधीश द्वारा) ने इसे खारिज कर दिया था। देरी के लिए माफी के अनुरोध का आवेदन खारिज किया जाता है। नतीजतन, अपील भी खारिज की जाती है। यह समय सीमा से बंधा हुआ है।'' एकल न्यायाधीश ने 20 दिसंबर, 2021 को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा अवैध रूप से लिए गए लाल किले पर कब्जा हासिल करने के अनुरोध वाली बेगम की याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि 150 से अधिक वर्षों के बाद अदालत का रुख करने और इसमें हुई अत्यधिक देरी को लेकर कोई न्यायसंगत स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है। याचिका में दावा किया गया है कि 1857 में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के बाद अंग्रेजों ने परिवार को उनकी संपत्ति से वंचित कर दिया था, जिसके बाद बादशाह को देश से निर्वासित कर दिया गया था और लाल किले का कब्जा मुगलों से जबरदस्ती छीन लिया गया था। इसमें दावा किया गया है कि बेगम लाल किले की मालिक थीं क्योंकि उन्हें यह उनके पूर्वज बहादुर शाह ज़फर-द्वितीय से विरासत में मिला था, जिनकी मृत्यु 11 नवंबर, 1862 को 82 वर्ष की आयु में हुई थी और भारत सरकार इस संपत्ति पर अवैध रूप से कब्जा कर चुकी है। याचिका में केंद्र को लाल किले को याचिकाकर्ता को सौंपने या पर्याप्त मुआवजा देने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। -
नयी दिल्ली. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से फोन पर बात की और कहा कि रूस आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई का पूरा समर्थन करता है तथा पहलगाम आतंकवादी हमले के साजिशकर्ताओं को न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए। रूसी दूतावास की ओर से जारी एक वक्तव्य में कहा गया कि पुतिन ने आतंकवादी हमले को ‘‘बर्बर'' करार दिया और दोनों नेताओं ने हर तरह के आतंकवाद के खिलाफ ‘‘बिना समझौता किए लड़ाई'' की आवश्यकता पर बल दिया। इसने यह भी कहा कि राष्ट्रपति पुतिन ने इस वर्ष भारत में आयोजित होने वाले वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री का निमंत्रण स्वीकार कर लिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मोदी के साथ बातचीत में पुतिन ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की और निर्दोष लोगों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया।'' पुतिन 22 अप्रैल के आतंकवादी हमले की सबसे पहले निंदा करने वाले विश्व नेताओं में शामिल हैं। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे। जायसवाल ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति ने निर्दोष लोगों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को ‘‘पूर्ण समर्थन'' देने की बात कही। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘उन्होंने (पुतिन) इस बात पर जोर दिया कि इस जघन्य हमले के दोषियों और उनके समर्थकों को न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए।'' जायसवाल ने कहा कि मोदी तथा पुतिन ने ‘भारत-रूस विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी' को और प्रगाढ़ बनाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने रूस के ‘विजय दिवस' की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर रूसी राष्ट्रपति को शुभकामनाएं दीं और उन्हें इस वर्ष के अंत में भारत में होने वाले भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया। रूसी वक्तव्य में कहा गया कि राष्ट्रपति ने पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए बर्बर आतंकवादी हमले में भारतीय नागरिकों की मृत्यु पर एक बार फिर गहरा शोक जताया। इसमें कहा गया कि बातचीत के दौरान विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त साझेदारी के रूप में रूस-भारत संबंधों की रणनीतिक प्रकृति पर जोर दिया गया। वक्तव्य में कहा गया कि ये संबंध ‘‘बाहरी प्रभाव'' के अधीन नहीं हैं तथा सभी क्षेत्रों में गतिशील रूप से विकसित हो रहे हैं। इसमें कहा गया कि मोदी ने पुतिन और सभी रूसी लोगों को ‘विक्टरी डे' की 80वीं वर्षगांठ की बधाई दी।
मोदी और पुतिन के बीच फोन पर बातचीत रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से बातचीत करने के कुछ दिन बाद हुई है। इस बातचीत के बाद जयशंकर ने हमले के ‘‘दोषियों, समर्थकों और साजिशकर्ताओं'' को न्याय के दायरे में लाने का भारत का संकल्प दोहराया। रूसी दूतावास के अनुसार, लावरोव ने 1972 के शिमला समझौते और 1999 के लाहौर घोषणापत्र के प्रावधानों के अनुरूप द्विपक्षीय आधार पर राजनीतिक एवं कूटनीतिक तरीकों से नयी दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच मतभेदों को सुलझाने का आह्वान किया। पहलगाम आतंकी हमले के तुरंत बाद भारत ने हमले के ‘‘सीमा पार संबंधों'' का हवाला देते हुए इसमें शामिल लोगों को कठोरतम दंड देने का वादा किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने शीर्ष रक्षा अधिकारियों के साथ 29 अप्रैल को एक उच्चस्तरीय बैठक में कहा कि सशस्त्र बलों को आतंकवादी हमले पर भारत की प्रतिक्रिया के तरीके, लक्ष्य और समय पर निर्णय लेने की ‘‘पूर्ण अभियानगत स्वतंत्रता'' है। -
नई दिल्ली। ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर बढ़ती अश्लीलता को लेकर केंद्र सरकार गंभीर हो गई है। संसद की सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़ी स्थायी समिति 7 मई को सुबह 11 बजे बैठक करने जा रही है, जिसमें उल्लू जैसे ऐप्स पर परोसे जा रहे कंटेंट को लेकर अहम चर्चा होगी। इस बैठक में संसदीय समिति सरकार से सवाल पूछेगी और ठोस कार्रवाई की मांग भी करेगी। इस समिति के अध्यक्ष भाजपा सांसद निशिकांत दुबे हैं, जिन्होंने इस मुद्दे पर पहले ही कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “यह नहीं चलेगा, हमारी कमेटी इस पर कार्रवाई करेगी। यह मोदी सरकार है, अब इंतजार कीजिए।”
बैठक में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव के भी शामिल होने की संभावना है। समिति के सदस्यों का मानना है कि उल्लू जैसे कई ऐप्स पर बिना किसी सेंसरशिप के लगातार बोल्ड और अश्लील कंटेंट दिखाया जा रहा है, जो समाज और युवाओं पर गलत असर डाल रहा है। इसके खिलाफ सख्त नीतिगत और कानूनी उपायों पर विचार किया जाएगा।समिति के कई सदस्यों ने इन प्लेटफॉर्म्स को भारतीय सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों के लिए खतरा बताया है। समाज के कई वर्गों से भी लगातार शिकायतें आ रही हैं कि ये कंटेंट बच्चों और युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य और व्यवहार को प्रभावित कर रहे हैं। इस बैठक के जरिए सरकार यह संकेत दे रही है कि आने वाले समय में ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर दिखाए जा रहे कंटेंट को लेकर कड़े नियम लागू हो सकते हैं। - नयी दिल्ली।. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच कई राज्यों से सात मई को ‘मॉक ड्रिल' आयोजित करने को कहा है। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि ड्रिल के दौरान किए जाने वाले उपायों में हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन का संचालन और नागरिकों को किसी भी हमले की स्थिति में खुद को बचाने के लिए सुरक्षा पहलुओं पर प्रशिक्षण देना शामिल है। अन्य उपायों में दुर्घटना की स्थिति में ‘ब्लैकआउट' के उपाय, महत्वपूर्ण संयंत्रों और प्रतिष्ठानों की रक्षा तथा निकासी योजनाओं को अद्यतन करने एवं उनका पूर्वाभ्यास करने के प्रावधान शामिल हैं। पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारत द्वारा अपने विकल्पों पर विचार करने के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शीर्ष रक्षा अधिकारियों सहित कई उच्चस्तरीय बैठकें कर रहे हैं। इस हमले में 26 नागरिक मारे गए थे, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। मोदी ने हमले को अंजाम देने वालों और साजिश करने वालों का ‘‘दुनिया के आखिरी छोर तक पीछा करने'' और ‘‘उनकी कल्पना से भी'' ज्यादा कठोर सजा देने का संकल्प जताया है।
- नई दिल्ली.। पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के मध्य बढ़ते तनाव के बीच गृह मंत्रालय की ओर से ‘मॉक ड्रिल' के निर्देश के बाद दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने सभी डीसीपी से तैयारियों के लिए विस्तृत योजना तैयार करने को कहा है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि पुलिस उपायुक्तों (डीसीपी) ने राष्ट्रीय राजधानी में गश्त तेज करने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठकें शुरू कर दी हैं। एक सूत्र ने बताया, ‘‘हमने शहर में दिन और रात की गश्त बढ़ा दी है। हमने हरियाणा और उत्तर प्रदेश से लगती सीमाओं पर पुलिसकर्मियों के साथ अर्धसैनिक बलों को भी तैनात किया है। शहर में सुरक्षा पहले ही बढ़ा दी गई है। सभी डीसीपी अपने जिलों में व्यवस्थाओं की व्यक्तिगत रूप से निगरानी कर रहे हैं। वे सहायक पुलिस आयुक्तों (एसीपी) और थाना प्रभारियों (एसएचओ) के साथ बैठकें कर रहे हैं।'' सूत्र के मुताबिक, चौबीसों घंटे निगरानी सुनिश्चित करने के लिए पैदल गश्त को काफी हद तक बढ़ा दिया गया है, खासकर शाम और रात के समय। उसने बताया कि कनॉट प्लेस, इंडिया गेट, जनपथ, यशवंत पैलेस, गोल मार्केट जैसे महत्वपूर्ण स्थानों और अहम प्रतिष्ठानों के लिए विशेष गश्ती इकाइयों को तैनात किया गया है। सूत्र के अनुसार, ‘‘मॉक ड्रिल के दौरान टीम बम निरोधक दस्ते (बीडीएस) और श्वान दस्तों की तैनाती सुनिश्चित करेंगी। टीम पालिका बाजार, जनपथ, खान मार्केट और सरकारी भवनों के पास अधिक भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में लगातार विध्वंस-रोधी जांच करेंगी।'' उसने कहा, ‘‘रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए), बाजार कल्याण संघों (एमडब्ल्यूए), नागरिक सुरक्षा समितियों के सदस्यों के साथ-साथ महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर तैनात निजी सुरक्षा गार्डों के साथ बैठकें की जा रही हैं। वे बहुत महत्वपूर्ण हैं और उनसे किसी भी चिंताजनक स्थिति में तुरंत वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से संपर्क करने के लिए कहा गया है।'' file photo
-
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने आज सोमवार को चिंता जताई। उन्होंने दोनों देशों से “अधिकतम संयम (maximum restraint)” बरतने की अपील की और स्पष्ट रूप से कहा कि “सैन्य समाधान कोई समाधान नहीं है”। उन्होंने हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा, “मैं पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता हूं और पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाना पूरी तरह अस्वीकार्य है और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने चेताया कि किसी भी तरह की सैन्य टकराव “तेजी से नियंत्रण से बाहर” हो सकता है और इसे टालना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा, “यह समय है संयम बरतने का और पीछे हटने का है। सैन्य समाधान कोई समाधान नहीं होता। संयुक्त राष्ट्र हर उस पहल का समर्थन करेगा जो तनाव को कम करने और शांति की दिशा में आगे बढ़ने के लिए हो।”
गुटेरेस की यह अपील ऐसे समय में आई है जब भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले में 26 नागरिकों की जान गई थी, जिसके बाद भारत ने हमले के दोषियों को सख्त सजा देने की बात कही है। सरकार ने अपनी सेना को कार्रवाई के तरीके, समय और स्थान तय करने की पूर्ण स्वतंत्रता दी है। इसके अलावा भारत ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश देने के लिए “सिंधु जल संधि” को भी निलंबित करने का निर्णय लिया है।वहीं विपक्षी दलों ने भी इस गंभीर हमले के जवाब में सरकार द्वारा उठाए गए हर कदम को समर्थन देने की बात कही है। गुटेरेस का बयान अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से भारत-पाक तनाव पर शांति की अपील के रूप में देखा जा रहा है। -
नई दिल्ली। रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री मोदी लगातार पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। प्रधानमंत्री पूरे मामले पर तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक भी कर चुके हैं।
रक्षा सचिव ने मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री को ताजा हालात और सैन्य तैयारियों की जानकारी दीमाना जा रहा है कि रक्षा सचिव ने सोमवार को हुई इस मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री को ताजा हालात और सैन्य तैयारियों की जानकारी दी। वहीं, सोमवार को ही नई दिल्ली में जापान के रक्षा मंत्री ने भारत के रक्षा मंत्री से मुलाकात की। इससे पहले रविवार को भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी से पीएम आवास पर मुलाकात की थी। माना जा रहा है कि वायुसेना प्रमुख ने प्रधानमंत्री को मौजूदा स्थिति और एयर फोर्स की तैयारियों से अवगत कराया। यह मुलाकात करीब 40 मिनट तक चली।सोमवार को भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और जापान के रक्षा मंत्री जनरल नाकातानी के बीच एक महत्वपूर्ण मुलाकात हुईवहीं, शनिवार को नौसेना प्रमुख ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी। इस बीच सोमवार को भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और जापान के रक्षा मंत्री जनरल नाकातानी के बीच एक महत्वपूर्ण मुलाकात हुई। नई दिल्ली में हुई इस मुलाकात के दौरान जापानी रक्षा मंत्री ने भारत को अपना समर्थन दिया।जापान के रक्षा मंत्री ने भारत के साथ एकजुटता व्यक्त कीउन्होंने बताया कि जापान भारत के साथ खड़ा है। भारत और जापान के रक्षा मंत्रियों की इस महत्वपूर्ण बैठक में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की भी चर्चा हुई। जापान के रक्षा मंत्री नाकातानी ने पहलगाम हमले के मामले में भारत के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की।जापान के राजदूत ने आतंकी हमले समेत आतंकवाद के सभी रूपों की कड़ी निंदा कीइससे पहले भारत में जापान के राजदूत ओनो के इंची ने रक्षा सचिव से मुलाकात की थी। पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद नई दिल्ली में रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह से यह मुलाकात हुई थी। इस बैठक के दौरान जापान के राजदूत ने जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की थी। उन्होंने पहलगाम में हुए आतंकी हमले समेत आतंकवाद के सभी रूपों की कड़ी निंदा की।पाकिस्तानी सेना नियंत्रण रेखा पर संघर्षविराम का लगातार उल्लंघन कर रही हैउल्लेखनीय है कि पाकिस्तानी सेना नियंत्रण रेखा पर संघर्षविराम का लगातार उल्लंघन कर रही है। जापान के रक्षा मंत्री फिलहाल भारत में हैं और इस बीच 4-5 मई की रात के दौरान भी पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी की है। पाकिस्तान बीते 11 दिनों से नियंत्रण रेखा पर इस तरह की फायरिंग कर रहा है। सेना के मुताबिक 4-5 मई की रात को पाकिस्तानी सेना की चौकियों ने जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा, बारामूला, पुंछ, राजौरी, मेंढर, नौशेरा, सुंदरबनी और अखनूर के आसपास के इलाकों में नियंत्रण रेखा के पार से गोलीबारी की है। -
नई दिल्ली। चिनाब नदी पर बने सलाल बांध के सभी गेट बंद कर दिए गए हैं जिससे सोमवार को रियासी जिले में जलस्तर में उल्लेखनीय गिरावट आई है। वहीं रामबन में चिनाब नदी पर बगलिहार जलविद्युत परियोजना बांध के जल प्रवाह को भी रोका गया।
अब झेलम नदी के किशनगंगा बांध पर भी इसी प्रकार के कदम उठाने की योजना बना रहा भारतवहीं भारत अब झेलम नदी के किशनगंगा बांध पर भी इसी प्रकार के कदम उठाने की योजना बना रहा है। उत्तर कश्मीर के किशनगंगा बांध और जम्मू संभाग के रामबन जिले में जल विद्युत बांध बगलीहार भारत को जल प्रवाह के समय को नियंत्रित करने की क्षमता प्रदान करते हैं।‘यह पीएम मोदी का सशक्त सिद्धांत’एक्स पर एक पोस्ट में भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इस कार्रवाई के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत के हित में कठोर निर्णय लेने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की आवश्यकता होती है और प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यों से यह प्रदर्शित किया है। यह पीएम मोदी का सशक्त सिद्धांत है, जो आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में दृढ़ और अडिग है। पानी और हमारे नागरिकों का खून एक साथ नहीं बह सकता।पाकिस्तान की तरफ पानी का प्रवाह रोका गयावहीं दिनेश नामक एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा कि हमें खुशी है कि सरकार ने पाकिस्तान की तरफ पानी का प्रवाह रोक दिया है। जिस तरह से पहलगाम में हमारे पर्यटकों को मारा गया, पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब मिलना चाहिए। वह जो भी निर्णय लेंगे हम सरकार के साथ हैं।पाकिस्तान को कई तरह से मुंहतोड़ जवाब दे रही है सरकारएक अन्य स्थानीय व्यक्ति राधे शाम ने कहा कि यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। सरकार का यह कदम बहुत अच्छा है। हमारी सरकार पाकिस्तान को कई तरह से मुंहतोड़ जवाब दे रही है। हम सब सरकार के साथ हैं। जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में भारी बारिश के बाद 2 मई को चिनाब नदी का जलस्तर बढ़ गया था। बताना चाहेंगे कि पहलगाम के बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों और नागरिकों के मारे जाने के बाद भारत ने दशकों पुरानी सिंधु जल संधि को रद्द करने का निर्णय लिया। - बेंगलुरु. कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने शनिवार को कहा कि वाराणसी की गंगा आरती की तर्ज पर मांड्या जिले में कृष्णा राजा सागर बांध के पास होने वाली कावेरी आरती धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं को दर्शाएगी। सरकार का लक्ष्य दशहरा तक इस कार्यक्रम को शुरू करना है और वह लगभग 10,000 लोगों के आरती देखने के लिए व्यवस्था करने की योजना बना रही है। शिवकुमार जल संसाधन विभाग के प्रमुख भी हैं। उन्होंने कावेरी आरती के आयोजन पर चर्चा करने के लिए पर्यटन मंत्री एच. के. पाटिल, धार्मिक बंदोबस्ती मंत्री रामलिंगा रेड्डी, कन्नड़ और संस्कृति मंत्री शिवराज तंगदागी और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की। उन्होंने कहा, ‘‘तैयारियां की जा रही हैं। कावेरी आरती केवल कर्नाटक तक सीमित नहीं है, हम तमिलनाडु और केरल की सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं को भी इसमें शामिल करने की योजना बना रहे हैं। हमने इस बात पर भी चर्चा की कि इसे सप्ताह में कितने दिन आयोजित किया जाना चाहिए और पूजा अनुष्ठानों का प्रारूप क्या होना चाहिए।'' स्थान के बारे में शिवकुमार ने स्पष्ट किया कि आरती सीधे बांध पर नहीं बल्कि पास के एक स्थान पर होगी, जहां से पानी बेंगलुरु की ओर बहता है। उन्होंने कहा, "यह सुरक्षा कारणों से है। तकनीकी समिति सटीक स्थान को अंतिम रूप देगी।" दशहरा तक आरती शुरू होने की उम्मीद है। कर्नाटक से पुजारियों का एक दल अनुष्ठान करेगा।
- नयी दिल्ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को विवाद समाधान तंत्र को ग्रामीण क्षेत्रों तक विस्तारित करने की जोरदार वकालत की, ताकि पंचायतों को गांवों में विवादों में मध्यस्थता करने और उन्हें सुलझाने के लिए कानूनी रूप से सशक्त बनाया जा सके। मुर्मू ने कहा कि गांवों में सामाजिक सद्भाव राष्ट्र को मजबूत बनाने के लिए आवश्यक शर्त है।मुर्मू ने यह भी कहा कि गांव में पारिवारिक या भूमि विवादों में मध्यस्थता करने वाले लोग सामाजिक रूप से सशक्त होते हैं, लेकिन उनमें कानूनी सशक्तीकरण का अभाव होता है, जिसके कारण ऐसे मामले ग्राम स्तर पर नहीं सुलझ पाते। राष्ट्रपति मुर्मू ने यहां मध्यस्थता पर प्रथम सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि विवादों के समाधान के दौरान, प्रभावित पक्षों को पता होता है कि मध्यस्थों के पास कानूनी शक्तियों का अभाव है, इसलिए वे निर्णयों से सहमत नहीं होते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था बनाने की जरूरत है, जहां ग्राम स्तर पर विवादों का समाधान वहीं हो जाए और माहौल खराब न हो तथा लोग सद्भावना से रहें। उन्होंने कहा कि कई बार विवाद बहुत बढ़ जाते हैं। उन्होंने कहा कि कई छोटे-मोटे मुद्दों को जमीनी स्तर पर ही सुलझाया जा सकता है। इस कार्यक्रम में भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना, भावी प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई और कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी उपस्थित थे। मुर्मू ने कहा कि शायद यह किसी चूक या समय की कमी के कारण हो सकता है कि गांव से लेकर उच्चतम न्यायालय तक न्यायिक व्यवस्था स्थापित नहीं हो पायी है। उन्होंने कहा कि गांवों में मध्यस्थता की व्यवस्था पहले से ही मौजूद है, लेकिन चूंकि अब लोग शिक्षित हो चुके हैं, इसलिए उन्हें पता है कि मध्यस्थों के पास कोई शक्ति नहीं है। मुर्मू ने कहा कि मध्यस्थता अधिनियम, 2023 सभ्यतागत विरासत को मजबूत करने की दिशा में पहला कदम है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ‘‘अब हमें इसमें गति लाने और इसके अभ्यास को मजबूत करने की जरूरत है।'' राष्ट्रपति ने कहा कि मध्यस्थता न्याय प्रदान करने का एक अनिवार्य हिस्सा है, जो भारत के संविधान के मूल में है। उन्होंने कहा कि मध्यस्थता न केवल विचाराधीन विशिष्ट मामले में, बल्कि अन्य मामलों में भी बड़ी संख्या में मुकदमों के बोझ को कम करके न्याय प्रदान करने में तेजी ला सकती है। उन्होंने कहा कि इससे समग्र न्यायिक प्रणाली और अधिक कुशल बन सकती है तथा विकास के वे रास्ते खुल सकते हैं, जो अवरुद्ध हो गए हैं। उन्होंने कहा कि यह व्यापार करने में सुगमता और जीवन जीने में सुगमता दोनों को बढ़ा सकती है। उन्होंने रेखांकित किया, ‘‘जब हम इसे इस तरह से देखते हैं, तो मध्यस्थता 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने का एक महत्वपूर्ण साधन बन जाती है।'' मुर्मू ने कहा कि भारत में न्यायिक तंत्र की एक लंबी और समृद्ध परंपरा है जिसमें अदालत के बाहर समझौता अपवाद से अधिक एक आदर्श था। उन्होंने कहा कि पंचायत की संस्था सौहार्दपूर्ण समाधान को बढ़ावा देने के लिए प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा कि पंचायत का प्रयास न केवल विवाद का समाधान करना था, बल्कि इसके बारे में पक्षों के बीच किसी भी कड़वाहट को दूर करना भी था। मुर्मू ने अफसोस जताते हुए कहा, ‘‘यह हमारे लिए सामाजिक सद्भाव का एक स्तंभ था। दुर्भाग्य से, औपनिवेशिक शासकों ने इस अनुकरणीय विरासत को नजरअंदाज कर दिया, जब उन्होंने हम पर एक विदेशी कानूनी प्रणाली लागू की। नयी प्रणाली में मध्यस्थता और अदालत के बाहर समाधान का प्रावधान था और वैकल्पिक तंत्र की पुरानी परंपरा जारी रही, लेकिन इसके लिए कोई संस्थागत ढांचा नहीं था।'' उन्होंने रेखांकित किया कि मध्यस्थता अधिनियम, 2023 उस खामी को दूर करता है और इसमें कई प्रावधान हैं, जो भारत में एक जीवंत और प्रभावी मध्यस्थता तंत्र का आधार रखेंगे। मेघवाल ने अपने संबोधन में कहा कि मध्यस्थता केवल एक सुधार नहीं है, बल्कि एक सामूहिक जिम्मेदारी है और उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि "अधिक मध्यस्थता, कम मुकदमेबाजी" मुख्य मंत्र होना चाहिए। मंत्री ने मौजूद लोगों को याद दिलाया कि रामायण में अंगद और महाभारत में भगवान कृष्ण ने मध्यस्थ की भूमिका निभायी थी और कहा कि मध्यस्थता भारतीय संस्कृति में अंतर्निहित है। सीजेआई खन्ना ने ‘मेडिएशन एसोसिएशन आफ इंडिया' की शुरुआत भी की, जिसके बारे में अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि यह मध्यस्थता अधिनियम 2023 के तहत प्रस्तावित भारतीय मध्यस्थता परिषद के निर्माण में उत्प्रेरक के रूप में काम करेगा।
-
शाबाश श्रीकांत....
चंद्रपुर. महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के एक युवक ने अपनी शादी में भव्य समारोह का आयोजन नहीं किया और उसकी जगह एकत्र की गयी धनराशि का उपयोग अपने गांव के लोगों को उनके खेतों तक पहुंचने में मदद करने के लिए सड़क बनाने में किया। वरोरा तहसील के सुसा गांव के श्रीकांत एकुडे ने समाज सुधारक ज्योतिराव फुले द्वारा समर्थित 'सत्यशोधक' मॉडल से प्रेरित होकर 28 अप्रैल को एक सादे समारोह में अंजलि से विवाह किया। कृषि में स्नातकोत्तर श्रीकांत ने कहा कि उन्होंने रिश्तेदारों से पारंपरिक उपहार स्वीकार करने के बजाय इस अवसर पर लगभग 90 पौधे लगाए। श्रीकांत ने बताया कि जब उनकी शादी की योजना बनाई जा रही थी तो उन्होंने अनुरोध किया था कि पारंपरिक तरीके से समारोहों और दावतों पर पैसा खर्च न किया जाए। अपने परिवार के सदस्यों और मेहमानों को राजी करने के बाद उन्होंने 50,000 रुपये एकत्र किए और इसका उपयोग लगभग 600 मीटर लंबी सड़क बनाने में किया, ताकि उनके गांव के लोग बिना किसी कठिनाई के अपने खेतों तक पहुंच सकें। श्रीकांत ने बताया, "मानसून के दौरान हमारे गांव से खेतों तक जाने वाला रास्ता बहुत खराब हो जाता था। लोगों के लिए अपने खेतों तक पहुंचना लगभग असंभव हो जाता था। स्थानीय लोगों और ग्राम पंचायत की मदद से हमने सड़क बनवाई।" उन्होंने कहा कि लोग उपकरण, बर्तन और फर्नीचर जैसे उपहारों पर पैसा खर्च करते हैं, लेकिन उन्होंने अपने मेहमानों से कहा कि वे उनके लिए ऐसी कोई चीज न खरीदें। श्रीकांत ने कहा, "हमने सुसा गांव में पौधे लगाने के लिए धन जुटाया, जहां 36 विभिन्न प्रकार के फलों के पेड़ लगाए गए।" - नयी दिल्ली.भारत ने शनिवार को ‘स्ट्रेटोस्फेरिक एयरशिप प्लेटफॉर्म' का पहला उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक किया, जिसे सेना की निगरानी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए विकसित किया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि दुनिया में बहुत कम देशों के पास ऐसी जटिल प्रणाली है। मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने यह परीक्षण किया।डीआरडीओ के अध्यक्ष समीर वी कामत ने कहा कि प्रतिकृति उड़ान हवा से भी हल्की उच्च ऊंचाई वाली प्रणाली के निर्माण की दिशा में एक ‘मील का पत्थर' है, जो समताप मंडल की ऊंचाइयों पर बहुत लंबे समय तक हवा में रह सकती है। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि इस ‘एयरशिप' को लगभग 17 किलोमीटर की ऊंचाई पर एक उपकरणीय पेलोड के साथ रवाना किया गया। पहलगाम आतंकवादी हमले को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच इस एयरशिप का सफल उड़ान परीक्षण किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस प्रणाली के सफल उड़ान परीक्षण के लिए डीआरडीओ को बधाई दी।उन्होंने कहा कि यह प्रणाली पृथ्वी अवलोकन और खुफिया निगरानी एवं टोही क्षमताओं को अद्वितीय रूप से बढ़ाएगी, जिससे भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा, जिनके पास ऐसी स्वदेशी क्षमता है।
- मथुरा. उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के जैत थाना क्षेत्र में रामताल वृंदावन रोड पर शनिवार शाम एक सड़क हादसे में एक ही परिवार के तीन सगे भाइयों और चालक समेत चार लोगों की मौत हो गई जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार एक तेज रफ्तार कार ने सवारी ऑटो को टक्कर मार दी, जिससे वह पलट गया और इसके बाद सड़क पर घायल पड़े लोगों को पीछे से आ रहे डंपर ने कुचल दिया। पुलिस के मुताबिक ऑटो चालक के अलावा तीन भाइयों की मौके पर ही मौत हो गयी तथा उनका चचेरा भाई गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां चिकित्सक उसकी जान बचाने के भरसक प्रयास खर रहे हैं। सभी भाई मप्र के इंदौर से एक शादी समारोह में शामिल होने वृन्दावन पहुंचे थे। पुलिस अधीक्षक (शहर) आरविंद कुमार ने बताया कि गोविंद नगर क्षेत्र के जयसिंहपुरा खादर का निवासी आटो-रिक्शा चालक साबिर (25) तथा इंदौर निवासी सगे भाइयों प्यारे लाल शर्मा (60), हुकुम चंद शर्मा (40) व मुकेश शर्मा (45) तथा उनके चचेरे भाई शिवम शर्मा को प्रेम मंदिर के दर्शन कराकर वापस होटल छोड़ने ले जा रहा था। तभी यह हादसा हुआ और चालक के अलावा तीनों सगे भाइयों की मौत हो गयी। टक्कर इतनी भीषण थी कि आटो रिक्शा के टुकड़े सौ मीटर के दायरे मैं फैल गए तथा चालक सहित पांचों सवार भी सड़क पर गिर गए, जिन्हें पीछे से आ रहे एक डंपर ने कुचल दिया। दुर्घटना होते ही कार और डंपर चालक अपने वाहन मौके पर ही छोड़कर फरार हो गए। उन्होंने बताया कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर परिजनों को सूचित कर दिया गया है। जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने बताया कि हादसे में मारे लोगों के आश्रितों को हरसंभल आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाएगी।
- ठाणे. महाराष्ट्र के ठाणे जिले के भिवंडी शहर में शनिवार को 32 वर्षीय एक महिला और उसकी तीन नाबालिग बेटियों के शव उनके घर में फंदे से लटके पाए गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि उसने मृतक महिला द्वारा लिखा गया एक सुसाइड नोट बरामद किया है, जिसमें उसने कहा है कि इस घटना के लिए किसी को दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मृतक महिला का पति जब रात की डयूटी करके सुबह के समय फेनीपाड़ा इलाके में स्थित अपने घर लौटा तो उसने महिला और उसकी तीन बेटियों (जिनकी उम्र क्रमशः चार, सात और 12 वर्ष थी) के शवों को पंखे से बंधे फंदों से लटका देखा। उन्होंने बताया कि मृतकों की पहचान पुनीता लालजी भारती और उनकी तीन बेटियों अनु (4), नेहा (7) और नंदिनी (12) के रूप में हुई है। उन्होंने बताया, "महिला का पति एक पावरलूम इकाई में काम करता है। वह अपनी रात्रि पाली के बाद शनिवार सुबह करीब नौ बजे घर लौटा। लेकिन जब बार-बार दरवाजा खटखटाने के बावजूद अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई तो उसने खिड़की से झांका और अपनी पत्नी तथा तीन बेटियों को छत से लटकता हुआ देखकर हक्का बक्का रह गया।" उसके शोर मचाने पर उसके पड़ोसी मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। पुलिस अधिकारी ने कहा, "हम घटना की जांच कर रहे हैं और आत्महत्या के पीछे का मकसद अभी तक पता नहीं चल पाया है।" उन्होंने बताया कि दुर्घटनावश मौत का मामला दर्ज कर लिया गया है.
-
नयी दिल्ली. जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की तथा पिछले हफ्ते पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले समेत विभिन्न मुद्दों पर उनके साथ चर्चा की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के आवास पर दोनों नेताओं के बीच यह बैठक करीब आधे घंटे चली।
पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादी हमला होने के बाद से यह दोनों नेताओं के बीच पहली मुलाकात है। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। -
पणजी. उत्तरी गोवा के एक मंदिर में शनिवार तड़के एक उत्सव के दौरान भगदड़ मचने से दो महिलाओं समेत छह लोगों की मौत हो गई और 70 से अधिक लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह घटना पणजी से लगभग 40 किलोमीटर दूर शिरगांव के श्री लईराई देवी मंदिर में तड़के करीब तीन बजे हुई। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने भगदड़ की घटना की मजिस्ट्रेट से जांच कराने की घोषणा की।
पुलिस ने बताया कि हजारों श्रद्धालु वार्षिक उत्सव में भाग लेने के लिए मंदिर की संकरी गलियों में उमड़ पड़े और इसी दौरान भगदड़ मच गई। पुलिस महानिदेशक आलोक कुमार ने बताया कि छह लोगों की मौत हुई है और कई अन्य लोगों का राज्य के विभिन्न अस्पतालों में इलाज जारी है। अधिकारी ने कहा, ‘‘इस उत्सव के लिए कम से कम 30,000 से 40,000 लोग एकत्र हुए थे और कुछ लोग एक ढलान पर खड़े थे। ढलान पर कुछ लोग गिर गए जिससे अन्य लोग एक-दूसरे पर गिर गए।'' उन्होंने बताया कि 40 से 50 लोग ढलान पर गिर गए जिसके परिणामस्वरूप भगदड़ मच गई। उन्होंने कहा कि यह भगदड़ ढलान वाले स्थान तक सीमित रही। अधिकारी ने कहा कि उत्सव में शामिल होने के लिए गोवा, महाराष्ट्र और कर्नाटक से हजारों श्रद्धालु मंदिर में एकत्र हुए थे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भगदड़ में लोगों की मौत पर दुख व्यक्त किया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। मुर्मू ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘गोवा के शिरगांव में भगदड़ की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बारे में जानकर दुख हुआ। इस घटना में कई लोगों की जान चली गई। मैं शोकसंतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करती हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं।'' मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। स्थानीय प्रशासन प्रभावित लोगों की सहायता कर रहा है।'' राज्य के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने भी उत्तरी गोवा जिला अस्पताल में घायलों से मुलाकात की।सावंत ने घटना की मजिस्ट्रेट से जांच कराने की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि राज्य में मंदिर उत्सवों के दौरान ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए भविष्य में सावधानी बरती जाएगी। इससे पहले सावंत ने ‘एक्स' के जरिए बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें फोन कर पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया है। उन्होंने लिखा, ‘‘आज सुबह शिरगांव के लईराई जात्रा में मची भगदड़ की दुखद घटना से बहुत दुखी हूं। मैं घायलों से मिलने अस्पताल गया और प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। मैं स्थिति पर व्यक्तिगत रूप से नजर रख रहा हूं।'' सावंत ने कहा, ‘‘माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुझसे बात की और स्थिति की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने इस कठिन समय में अपना पूरा समर्थन देने की पेशकश की।'' गोवा सरकार ने कहा कि अगले तीन दिन के लिए उसने अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने बताया कि लगभग 80 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से 13 वर्तमान में गोवा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (जीएमसी) में भर्ती हैं। उन्होंने बताया कि इनमें से पांच की हालत गंभीर है और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है, जबकि शेष को विशेष रूप से बनाए गए आपातकालीन वार्ड में रखा गया है। उन्होंने बताया कि दो महिलाओं सहित छह लोगों को मृत अवस्था में अस्पताल लाया गया। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘ताजा रिपोर्ट के अनुसार, असिलो अस्पताल (मापुसा), बिचोलिम और संखली में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) और गोवा मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) सहित सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में 75 मरीजों का इलाज किया गया है।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमने 108 एंबुलेंस सेवा के साथ समन्वय किया और यह सुनिश्चित किया कि घटना के तुरंत बाद पांच एंबुलेंस घटनास्थल पर भेजी जाएं जबकि तीन और एंबुलेंस उत्तरी गोवा जिला अस्पताल में हैं।'' राणे ने कहा, ‘‘हमारी आपातकालीन हेल्पलाइन सक्रिय है और शिरगांव जात्रा की घटना के पीड़ितों की कई कॉल आ रही हैं। मैं जीएमसी में स्थिति की व्यक्तिगत रूप से निगरानी कर रहा हूं और सभी विभागों के प्रमुखों को ड्यूटी पर रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है।'' भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की गोवा इकाई के अध्यक्ष दामोदर नाइक ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) मंदिर में मची भगदड़ के बाद की स्थिति पर स्वयं नजर रख रहा है। विपक्षी दल कांग्रेस ने घटना पर शोक व्यक्त किया, जबकि तृणमूल कांग्रेस ने मांग की है कि सरकार भगदड़ की जिम्मेदारी तय करने के लिए जांच का आदेश दे और आवश्यक कार्रवाई करे। गोवा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी अमरनाथ पंजिकर ने कहा कि पार्टी पीड़ित परिवारों, श्रद्धालुओं और शिरगांव के पूरे समुदाय के साथ एकजुटता से खड़ी है। उन्होंने कहा, ‘‘हम राज्य सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह देवस्थान समिति को पूर्ण सहयोग प्रदान करे ताकि शेष चार दिन लईराई जात्रा सुरक्षित और सुचारू रूप से जारी रखी जा सके। इस जात्रा के लिए लाखों श्रद्धालु शिरगांव आते हैं।'' पंजिकर ने कहा कि इन समारोहों के दौरान भविष्य में इस प्रकार की दुर्घटनाओं से बचने के लिए पर्याप्त सुरक्षा एवं भीड़ प्रबंधन किया जाना चाहिए तथा आपात स्थिति से निपटने के लिए तुरंत कदम उठाने की व्यवस्था की जानी चाहिए। इस बीच, तृणमूल कांग्रेस ने सरकार से घटना की जांच का आदेश दिए जाने की मांग की ताकि भगदड़ को लेकर जिम्मेदारी तय की जा सके और आवश्यक कार्रवाई की जा सके। तृणमूल के राष्ट्रीय प्रवक्ता ट्रेजानो डी'मेलो ने कहा कि पार्टी पीड़ित परिवारों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करती है। उन्होंने दावा किया कि प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भगदड़ कानून एवं व्यवस्था तंत्र की लापरवाही के कारण मची। उन्होंने कहा, ‘‘तृणमूल मांग करती है कि घटना की जांच करने के लिए एक आयोग का गठन किया जाए ताकि जिम्मेदारी तय की जा सके और आवश्यक कदम उठाए जा सकें। सरकार को पीड़ितों को अनुग्रह राशि तत्काल देनी चाहिए।'' तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘हाथरस से लेकर गोवा तक, ‘डबल इंजन' सरकार वाले राज्यों में ऐसी त्रासदियों की पुनरावृत्ति प्रशासनिक उदासीनता को दर्शाती है।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं गोवा सरकार से आग्रह करता हूं कि वह निष्पक्ष जांच कराए और जवाबदेही सुनिश्चित करे। सार्वजनिक सुरक्षा को व्यवस्थागत लापरवाही का शिकार नहीं बनाया जा सकता।'' ‘गोवा फॉरवर्ड पार्टी' (जीएफपी) ने इस घटना को पुलिस और स्थानीय प्रशासन की विफलता करार दिया तथा मृतकों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि दिए जाने की मांग की। -
नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर एक बार फिर भारत के कठोर रुख की पुष्टि करते हुए शनिवार को कहा कि देश आतंकवादियों और उनके समर्थकों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। मोदी ने यह घोषणा चार दिवसीय यात्रा पर भारत आए अंगोला के राष्ट्रपति जोआओ मैनुअल गोंकाल्वेस लॉरेन्को के साथ चर्चा के बाद की। उन्होंने अपने मीडिया वक्तव्य में कहा, ‘‘हम आतंकवादियों और उनका समर्थन करने वालों के खिलाफ दृढ़ एवं निर्णायक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।'' जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। इस घटना के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव है तथा प्रधानमंत्री मोदी आतंकवादियों और उनके समर्थकों को दंडित करने की बात कह चुके हैं। बर्बर आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि को स्थगित करने सहित पाकिस्तान के खिलाफ कई कदम उठाए हैं। इसी क्रम में भारत ने आज हवाई और जमीनी मार्गों के माध्यम से पाकिस्तान के साथ सभी श्रेणियों की डाक और पार्सल सेवा बंद करने का निर्णय किया। सेवाओं को स्थगित करने का आदेश डाक विभाग द्वारा जारी किया गया, जो संचार मंत्रालय के अधीन कार्य करता है। लॉरेन्को के साथ मुलाकात में मोदी ने अंगोला के रक्षा बलों के लिए 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर की ऋण सहायता की घोषणा भी की। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अंगोला के रक्षा बलों के आधुनिकीकरण के लिए भारत की 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर की रक्षा ऋण सहायता की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है।'' प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि रक्षा उपकरणों की आपूर्ति पर भी चर्चा हुई। मोदी ने कहा कि भारत जन-उपयोगी डिजिटल अवसंरचना, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और क्षमता निर्माण के क्षेत्रों में भी अंगोला के साथ अपनी क्षमताओं को साझा करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमने स्वास्थ्य सेवा, हीरा प्रसंस्करण, उर्वरक और महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्रों में अपने संबंधों को और मजबूत करने का भी निर्णय लिया है।'' मोदी ने भारत और अफ्रीकी संघ के संबंधों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, ‘‘हम प्रगति में साझेदार हैं, हम ‘ग्लोबल साउथ' के आधार हैं।'' ‘ग्लोबल साउथ' का अभिप्राय विकासशील और अल्प-विकसित देशों से है जो अधिकतर दक्षिणी गोलार्ध में स्थित हैं।\
-
नई दिल्ली। नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने NEET-UG 2024 परीक्षा में गड़बड़ी करने वाले 26 MBBS छात्रों को तुरंत सस्पेंड करने का आदेश दिया है। साथ ही, 14 छात्रों का 2024-25 शैक्षणिक सत्र का दाखिला रद्द कर दिया गया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। NEET (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट) देशभर में मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए होने वाली एक राष्ट्रीय परीक्षा है।
NEET-UG 2024 पेपर लीक मामले की जांच कई एजेंसियां कर रही हैं। इसी दौरान नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने गड़बड़ी करने के मामलों की पहचान की है और 42 उम्मीदवारों को तीन साल—2024, 2025 और 2026—के लिए NEET परीक्षा देने से रोक दिया है। इसके अलावा 9 और उम्मीदवारों को 2025 और 2026 की परीक्षाओं से भी बाहर किया गया है।NEET-UG 2024 में शामिल हुए 215 छात्रों की उम्मीदवारी फिलहाल रोक दी गई है और उनकी जांच चल रही है।छात्रों पर यह कार्रवाई केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की रिपोर्ट के आधार पर की गई है, जो इस मामले की जांच कर रहा है।सूत्र ने बताया कि “इन गड़बड़ियों की गंभीरता और मेडिकल शिक्षा की साख पर पड़ने वाले असर को देखते हुए, नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने संबंधित मेडिकल कॉलेजों को आदेश दिया है कि वे 26 MBBS छात्रों को तुरंत सस्पेंड करें, जो इस गड़बड़ी में शामिल पाए गए हैं।”कमीशन ने शैक्षणिक धोखाधड़ी के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति अपनाने पर जोर दिया है और कहा है कि मेडिकल एडमिशन प्रक्रिया में ईमानदारी, पारदर्शिता और जवाबदेही बनाए रखने के लिए हर जरूरी कदम उठाए जाएंगे। यह निर्देश NEET-UG 2025 परीक्षा से ठीक पहले आया है, जो 4 मई को होने वाली है। -
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (पीएमआरबीपी) 2025 के लिए नामांकन आमंत्रित किए हैं। नामांकन प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2025 है। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 18 वर्ष से कम आयु (31 जुलाई 2025 तक) के उन युवाओं को सम्मानित करता है, जिन्होंने निम्नलिखित 6 श्रेणियों में उत्कृष्टता का प्रदर्शन किया है, जैसे-बहादुरी, सामाजिक सेवा, पर्यावरण, खेल, कला और संस्कृति, तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अनुसार, सभी नामांकन आधिकारिक राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल https://awards.gov.in के माध्यम से ऑनलाइन प्रस्तुत किए जाने हैं। नामांकन 5 से 18 वर्ष (31 जुलाई 2025 तक) की आयु के बच्चों के लिए खुला है। कोई भी व्यक्ति या संस्था असाधारण उपलब्धियों वाले बच्चों को पीएमआरबीपी के लिए नामांकित कर सकती है। बच्चे स्व-नामांकन के माध्यम से भी आवेदन कर सकते हैं ।अधिक जानकारी और नामांकन के लिए पोर्टल (https://awards.gov.in) को विजिट करें।आवेदन करने के लिए, आवेदकों को पहले अपना नाम, अंतिम नाम, जन्म तिथि, आवेदक का प्रकार (व्यक्तिगत/संगठन), मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, आधार नंबर आदि जैसे विवरण और कैप्चा सत्यापन करके पोर्टल पर पंजीकरण या लॉग इन करना होगा। पंजीकरण के पश्चात्, उन्हें चल रहे नामांकन अनुभाग के अंतर्गत “प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2025” का चयन करना चाहिए और “नामांकन/अभी आवेदन करें” पर क्लिक करना चाहिए। इसके पश्चात् आवेदकों को संबंधित पुरस्कार श्रेणी चुननी चाहिए और यह इंगित करना चाहिए कि नामांकन उनके लिए है या किसी और के लिए।आपको बता दें, आवेदन पत्र में नामिति का विवरण, उपलब्धि और उसके प्रभाव का वर्णन करने वाला एक संक्षिप्त विवरण (अधिकतम 500 शब्द) और सहायक दस्तावेज (पीडीएफ प्रारूप, अधिकतम 10 अनुलग्नक) और एक हालिया फोटो (जेपीजी/जेपीईजी/पीएनजी प्रारूप में) अपलोड करना है। आवेदनों को ड्राफ्ट के रूप में सहेजा जा सकता है और अंतिम रूप से प्रस्तुत करने से पहले संपादित किया जा सकता है। समीक्षा और प्रस्तुत करने के बाद, आवेदन की एक डाउनलोड करने योग्य प्रति संदर्भ के लिए उपलब्ध होगी।प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में भारत के युवाओं की उपलब्धियों की सराहना करना और उन्हें बढ़ावा देना, वास्तविक जीवन के आदर्शों को प्रदर्शित करके देश भर के साथियों को प्रेरित करना और बच्चों के समग्र विकास के लिए अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देना है। -
नई दिल्ली। भारत ने पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद पड़ोसी देश के साथ बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान से सभी प्रकार के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। वाणिज्य मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, “पाकिस्तान में उत्पन्न या वहां से निर्यातित सभी वस्तुओं का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आयात या पारगमन, चाहे वे स्वतंत्र रूप से आयात योग्य हों या अन्यथा अनुमत हों, तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक प्रतिबंधित रहेगा।”
2 मई की अधिसूचना में कहा गया, “यह प्रतिबंध राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक नीति के हित में लगाया गया है। इस प्रतिबंध में किसी भी अपवाद के लिए भारत सरकार की पूर्व स्वीकृति आवश्यक होगी।”अधिसूचना में कहा गया कि इस संबंध में विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) 2023 में एक प्रावधान जोड़ा गया है, ताकि ‘पाकिस्तान में उत्पन्न या वहां से निर्यात किए जाने वाले सभी सामानों के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आयात या पारगमन पर रोक लगाई जा सके।’आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2024 और फरवरी 2025 के बीच भारत का पाकिस्तान को निर्यात [साल-दर-साल] 56.91 प्रतिशत घटकर 491 मिलियन डॉलर रह गया। जबकि कोई आयात नहीं हुआ।वित्त वर्ष 2025 में पाकिस्तान को किए गए शीर्ष निर्यात में ड्रग फॉर्मूलेशन, चीनी, थोक दवाएं, अवशिष्ट रसायन और ऑटो घटक शामिल थे।पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच एकमात्र व्यापार मार्ग अटारी-वाघा सीमा को पहले ही बंद कर दिया गया था।बता दें आतंकियों ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल – पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में लोगों (ज्यादातर पर्यटक) पर गोलियां चला दी थीं। हमले में 26 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। प्रतिबंधित आतंकवादी समूह ‘लश्कर-ए-तैयबा’ से जुड़े ‘टीआरएफ’ ने इस हमले की जिम्मेदारी ली।वहीं, पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। नई दिल्ली ने इस्लामबाद के खिलाफ कई सख्त कूटनीतिक और रणनीतिक कदम उठाए हैं। इनमें 1960 के सिंधु जल समझौते को तुरंत प्रभाव से निलंबित करने, अटारी इंटिग्रेटेड चेक पोस्ट को बंद करने, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने, शामिल हैं। -
नई दिल्ली। पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय ने पाकिस्तानी झंडे वाले जहाजों के भारतीय बंदरगाहों में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही भारतीय झंडे वाले जहाजों के पाकिस्तान के बंदरगाहों पर जाने पर रोक लगा दी है। पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए नवीनतम आदेश इसी सिलसिले की एक कड़ी है।ये प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से मर्चेंट शिपिंग अधिनियम, 1958 की धारा 411 के तहत भारतीय परिसंपत्तियों, कार्गो और बंदरगाह अवसंरचना की सुरक्षा के लिए लगाए गए हैं। मंत्रालय की तरफ से जारी आदेश में कहा गया, “अधिनियम का उद्देश्य राष्ट्रीय हितों की पूर्ति के लिए सर्वोत्तम तरीके से भारतीय व्यापारिक नौवहन के विकास को बढ़ावा देना और उसका कुशल रखरखाव सुनिश्चित करना है।”आदेश के मुताबिक, “पाकिस्तान का झंडा लगे जहाज को किसी भी भारतीय बंदरगाह पर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी और भारतीय झंडा लगे जहाज को पाकिस्तान के किसी भी बंदरगाह पर जाने की अनुमति नहीं मिलेगी।वहीं दूसरी ओर इससे पहले भारत ने पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद पड़ोसी देश के साथ बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान से सभी प्रकार के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष आयात पर प्रतिबंध लगा दिया।वाणिज्य मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, “पाकिस्तान में उत्पन्न या वहां से निर्यातित सभी वस्तुओं का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आयात या पारगमन, चाहे वे स्वतंत्र रूप से आयात योग्य हों या अन्यथा अनुमत हों, तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक प्रतिबंधित रहेगा।” अधिसूचना में कहा गया, “यह प्रतिबंध राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक नीति के हित में लगाया गया है। इस प्रतिबंध में किसी भी अपवाद के लिए भारत सरकार की पूर्व स्वीकृति आवश्यक होगी।” 2 मई की अधिसूचना में कहा गया कि इस संबंध में विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) 2023 में एक प्रावधान जोड़ा गया है, ताकि ‘पाकिस्तान में उत्पन्न या वहां से निर्यात किए जाने वाले सभी सामानों के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आयात या पारगमन पर रोक लगाई जा सके।’
-
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को केरल के तिरुवनंतपुरम में 8,900 करोड़ रुपये की लागत वाले ‘विझिंजम इंटरनेशनल डीपवाटर मल्टीपर्पज सीपोर्ट’ को राष्ट्र को समर्पित किया। इस अवसर पर केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
पीएम मोदी ने कहा- ‘यह बंदरगाह लोगों के लिए नए अवसर खोलेगा’विझिंजम बंदरगाह का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “एक तरफ विशाल समुद्र है, जिसमें अनेक अवसर हैं और दूसरी तरफ प्रकृति की सुंदरता है, इन दोनों के बीच यह ‘विझिंजम अंतर्राष्ट्रीय गहरे पानी वाला बहुउद्देशीय बंदरगाह’ है, जो नए युग के विकास का प्रतीक है। पीएम मोदी ने इसे भारत की समुद्री क्षमता में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया और कहा, “यह बंदरगाह लोगों के लिए नए अवसर खोलेगा।”ट्रांसशिपमेंट हब की क्षमता निकट भविष्य में हो जाएगी तीन गुनीउन्होंने आगे कहा, “इस बंदरगाह पर ट्रांसशिपमेंट हब की क्षमता निकट भविष्य में तीन गुनी हो जाएगी। इसे बड़े मालवाहक जहाजों को समायोजित करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो एक महत्वपूर्ण आवश्यकता को पूरा करता है। अब तक, भारत की 75% ट्रांसशिपमेंट गतिविधियां विदेशी बंदरगाहों पर संचालित की जाती थीं, जिसके परिणामस्वरूप देश को राजस्व का बड़ा नुकसान होता था। हालांकि, यह बदलने वाला है।”विदेश में खर्च होने वाला पैसा अब घरेलू विकास में लगाया जाएगाउन्होंने कहा कि पहले विदेश में खर्च होने वाला पैसा अब घरेलू विकास में लगाया जाएगा, जिससे राज्य के लोगों के लिए नए आर्थिक अवसर पैदा होंगे और यह सुनिश्चित होगा कि देश की संपत्ति सीधे तौर पर उसके नागरिकों को लाभ पहुंचाए।समुद्री क्षेत्र ने देश के विकास को गति दीइस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने स्वतंत्रता-पूर्व युग में भारत की प्रतिष्ठा के बारे में भी बात की और इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे समुद्री क्षेत्र ने देश के विकास को गति दी।स्वतंत्रता से पहले, भारत ने हजारों वर्षों तक समृद्धि देखीपीएम मोदी ने कहा, “स्वतंत्रता से पहले, भारत ने हजारों वर्षों तक समृद्धि देखी। एक समय में, भारत वैश्विक जीडीपी में एक बड़ी हिस्सेदारी रखता था। उस युग के दौरान जो चीज हमें अन्य देशों से अलग रखती थी, वह थी हमारी समुद्री क्षमता, हमारे बंदरगाह शहरों की आर्थिक गतिविधि। इसमें केरल का महत्वपूर्ण योगदान था।”पीएम मोदी ने आगे कहा कि बंदरगाह अर्थव्यवस्था की पूरी क्षमता का एहसास तभी होता है जब बुनियादी ढांचे के विकास और ‘व्यापार करने में आसानी’ को प्राथमिकता दी जाती है और समन्वय में बढ़ावा दिया जाता है।यह देश का पहला समर्पित कंटेनर ट्रांसशिपमेंट पोर्टउन्होंने कहा, “पिछले एक दशक में, यह दृष्टिकोण सरकार की बंदरगाह और जलमार्ग नीतियों की आधारशिला रहा है। औद्योगिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने और राज्य के समग्र विकास को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। वहीं आज भगवान आदि शंकराचार्य जी की जयंती है। तीन वर्ष पूर्व सितंबर में मुझे उनके जन्मभूमि क्षेत्र में जाने का सौभाग्य मिला था। केरल से निकलकर देश के अलग-अलग कोनों में मठों की स्थापना करके आदि शंकराचार्य जी ने राष्ट्र की चेतना को जागृत किया। इस पुनीत अवसर पर मैं उन्हें नमन करता हूं।”भारत सरकार ने राज्य सरकार के साथ मिलकर सागरमाला परियोजना के तहत बंदरगाहों के बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण कियाउन्होंने कहा कि भारत सरकार ने राज्य सरकार के साथ मिलकर सागरमाला परियोजना के तहत बंदरगाहों के बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण किया है और बंदरगाहों की कनेक्टिविटी में उल्लेखनीय सुधार किया है। इसके अतिरिक्त, पीएम-गतिशक्ति पहल के तहत जलमार्ग, रेलवे, राजमार्ग और वायुमार्गों की अंतर्संबंधता बढ़ाने के प्रयास तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। व्यापार करने में आसानी के लिए किए गए सुधारों से बंदरगाहों और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में अधिक निवेश हुआ है। भारत सरकार ने देश के नाविकों के लाभ के लिए महत्वपूर्ण सुधार लागू किए हैं, जिसके अच्छे परिणाम सामने आए हैं। 2014 में भारत में नाविकों की संख्या 1.25 लाख से भी कम थी। हालाँकि, अब यह संख्या बढ़कर लगभग 3.25 लाख हो गई है। परिणामस्वरूप, भारत वर्तमान में दुनिया भर में सबसे अधिक नाविकों वाले शीर्ष तीन देशों में शुमार है। एक दशक की कड़ी मेहनत और दूरदर्शी योजना ने भारत की उल्लेखनीय सफलता में योगदान दिया है। पिछले 10 वर्षों में, हमने अपने बंदरगाहों की क्षमता को दोगुना कर दिया है और अपने जलमार्गों का आठ गुना विस्तार किया है। आज, हमारे दो बंदरगाह दुनिया के शीर्ष 30 बंदरगाहों में शुमार हैं। इसके अतिरिक्त, लॉजिस्टिक्स परफॉरमेंस इंडेक्स पर हमारी स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। भारत अब गर्व से वैश्विक जहाज निर्माण में शीर्ष 20 देशों में शामिल है।बुनियादी ढांचे का निर्माण सीधे व्यापार को बढ़ाने में योगदान देता हैपीएम मोदी ने आगे कहा कि बुनियादी ढांचे का निर्माण सीधे व्यापार को बढ़ाने में योगदान देता है और आम नागरिक की बुनियादी ज़रूरतों को पूरा करता है – यही सच्चे विकास का सार है। पिछले दशक में, बंदरगाह विकास से परे बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, जिसमें राजमार्गों, रेलवे और हवाई अड्डों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। कोल्लम बाईपास और अलपुझा बाईपास जैसी लंबे समय से लंबित परियोजनाएं, जो वर्षों से देरी का सामना कर रही थीं, भारत सरकार के तहत सफलतापूर्वक पूरी हुई। इसके अतिरिक्त, केरल में आधुनिक वंदे भारत ट्रेनें शुरू की गई हैं, जो क्षेत्र की कनेक्टिविटी और आधुनिकीकरण को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।विशेष रूप से, यह महत्वाकांक्षी परियोजना देश का पहला समर्पित कंटेनर ट्रांसशिपमेंट पोर्ट है और यह वैश्विक व्यापार में भारत की स्थिति को मजबूत करने, रसद दक्षता को बढ़ाने और कार्गो ट्रांसशिपमेंट के लिए विदेशी बंदरगाहों पर निर्भरता को कम करने में योगदान देगा। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती में 58 हजार करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, शिलान्यास और राष्ट्र को समर्पण किया। इन परियोजनाओं में सड़क, रेल, बाढ़ नियंत्रण, आवास, रक्षा और प्रशासनिक ढांचे से जुड़ी कई योजनाएं शामिल हैं।
पीएम मोदी ने राज्य में सात नेशनल हाईवे परियोजनाओं का उद्घाटन किया, जिनमें राष्ट्रीय राजमार्गों के विभिन्न हिस्सों को चौड़ा करना, रोड ओवर ब्रिज और सबवे का निर्माण शामिल है। इन परियोजनाओं से तीर्थ और पर्यटन स्थलों जैसे तिरुपति, श्रीकालहस्ती, मलकोंडा और उदयगिरी किले तक पहुंच और रोजगार के अवसर बेहतर होंगे। रेल क्षेत्र में भी कई बड़ी परियोजनाएं शुरू की गईं। इनमें बुग्गनपल्ले सीमेंट नगर और पन्यम स्टेशनों के बीच दोहरी रेल लाइन, अमरावती और रायलसीमा के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ाना और विजयवाड़ा और न्यू वेस्ट ब्लॉक हट केबिन स्टेशनों के बीच तीसरी लाइन शामिल है।प्रधानमंत्री ने 11,240 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली आधारभूत ढांचा परियोजनाओं की नींव रखी। इनमें विधानसभा, उच्च न्यायालय, सचिवालय, अन्य प्रशासनिक भवनों के अलावा 5,200 से अधिक परिवारों के लिए आवास का निर्माण शामिल है। इसके अलावा, 17,400 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से ट्रंक इंफ्रास्ट्रक्चर और बाढ़ प्रबंधन परियोजनाएं शुरू की गई हैं, जिसमें 320 किलोमीटर लंबा वर्ल्ड क्लास ट्रांसपोर्ट नेटवर्क, भूमिगत यूटिलिटी और आधुनिक बाढ़ नियंत्रण प्रणाली शामिल है।पीएम मोदी ने छह नई नेशनल हाईवे परियोजनाओं और एक रेलवे प्रोजेक्ट की नींव भी रखी। इनमें हाईवे चौड़ीकरण, एलिवेटेड कॉरिडोर, हाफ-क्लोवर लीफ और रोड ओवर ब्रिज का निर्माण शामिल है, जिससे कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक्स में सुधार होगा। गुत्ताकल वेस्ट और मल्लप्पा गेट स्टेशनों के बीच रेल ओवर रेल प्रोजेक्ट मालगाड़ियों को बायपास करने और जंक्शन पर भीड़ कम करने में मदद करेगा।प्रधानमंत्री ने नागयालंका में लगभग 1,460 करोड़ रुपये की लागत से मिसाइल टेस्ट रेंज की भी नींव रखी, जिसमें लॉन्च सेंटर, तकनीकी उपकरण, स्वदेशी रडार, टेलीमेट्री और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सिस्टम शामिल होंगे। यह देश की रक्षा क्षमता को मजबूत करेगा। इसके अलावा, पीएम मोदी ने विशाखापत्तनम के मधुरावाड़ा में पीएम एकता मॉल की आधारशिला रखी। यह ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ को बढ़ावा देने, ग्रामीण कारीगरों को सशक्त बनाने, रोजगार उत्पन्न करने और ‘मेक इन इंडिया’ को समर्थन देने की दृष्टि से बनाया जाएगा।इस अवसर पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया और राज्य की राजधानी अमरावती के विकास के लिए उनकी पहल की सराहना की।