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नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को पिट्सबर्ग के पास यूनाइटेड स्टेट्स स्टील कॉर्पोरेशन के प्लांट में एक बड़ा ऐलान किया। उन्होंने स्टील और एल्यूमिनियम पर टैरिफ को 25% से बढ़ाकर 50% करने की घोषणा की। ट्रम्प ने कहा कि यह कदम अमेरिकी मजदूरों के हित में है और इससे देश का स्टील उद्योग सुरक्षित रहेगा। यह घोषणा उन्होंने जापान की निप्पॉन स्टील कॉर्पोरेशन और यूएस स्टील के बीच प्रस्तावित सौदे के समर्थन में की, जिसे उन्होंने पहले विरोध किया था।
ट्रम्प ने कहा, “50% टैरिफ के साथ कोई भी हमारा उद्योग नहीं छीन सकता।” उन्होंने दावा किया कि यह सौदा पेनसिल्वेनिया के स्टील मजदूरों के लिए फायदेमंद होगा। इस सौदे में 14 अरब डॉलर का निवेश शामिल है, जिसमें से 2.2 अरब डॉलर पिट्सबर्ग के मॉन वैली वर्क्स प्लांट में उत्पादन बढ़ाने के लिए खर्च होंगे। साथ ही, 7 अरब डॉलर स्टील मिलों को आधुनिक बनाने और इंडियाना, मिनेसोटा, अलबामा और अर्कांसस में नई सुविधाओं के लिए लगाए जाएंगे।सौदे में अमेरिकी हितों की रक्षा: ट्रंपट्रम्प ने कहा कि यह सौदा अब एक ‘साझेदारी’ है, जिसमें यूएस स्टील का मुख्यालय पिट्सबर्ग में ही रहेगा। सौदे में अमेरिकी सरकार को बोर्ड के कुछ सदस्यों की नियुक्ति पर वीटो पावर मिलेगा, जिसे ‘गोल्डन शेयर’ कहा जा रहा है। इससे उत्पादन स्तर और नौकरियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। ट्रम्प ने यह भी वादा किया कि यूएस स्टील में अगले 10 साल तक कोई छंटनी या आउटसोर्सिंग नहीं होगी, और ब्लास्ट फर्नेस पूर्ण क्षमता पर काम करेंगे। मजदूरों को जल्द ही 5,000 डॉलर का बोनस भी मिलेगा।हालांकि, इस सौदे को लेकर कुछ सवाल बाकी हैं। कमेटी ऑन फॉरेन इन्वेस्टमेंट इन द यूएस (सीफियस) की समीक्षा अभी पूरी नहीं हुई है। निर्माण कंपनियों ने चेतावनी दी है कि टैरिफ बढ़ने से बिल्डिंग मटेरियल की कीमतें बढ़ेंगी, जिससे नए मकानों की लागत प्रभावित हो सकती है। अमेरिका अपनी स्टील जरूरतों का 17% आयात करता है, जिसमें से ज्यादातर कनाडा, ब्राजील और मैक्सिको से आता है।ट्रम्प के इस कदम से नूकॉर, क्लीवलैंड-क्लिफ्स और स्टील डायनेमिक्स जैसी कंपनियों के शेयरों में उछाल देखा गया। क्लीवलैंड-क्लिफ्स के शेयर 15% से ज्यादा बढ़े। ट्रम्प ने इस मौके पर एक पिट्सबर्ग स्टीलर्स जर्सी और गोल्डन हार्ड हैट भी स्वीकार किया, जिससे समारोह में उत्साह का माहौल रहा। -
नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को दावा किया कि उनकी सरकार ने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को रोका, जो एक बड़े परमाणु संकट में बदल सकता था। व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में टेस्ला के CEO एलन मस्क के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रम्प ने कहा कि उन्होंने दोनों देशों के नेताओं से बात की और उन्हें समझाया कि एक-दूसरे पर गोलीबारी करने वालों के साथ अमेरिका व्यापार नहीं कर सकता।
ट्रम्प ने कहा, “हमने भारत और पाकिस्तान को जंग से रोका। यह एक परमाणु युद्ध बन सकता था। मैं भारत और पाकिस्तान के नेताओं और अपनी टीम का शुक्रिया अदा करता हूं।” उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के नेताओं ने उनकी बात मानी और युद्ध को रोका गया। ट्रम्प ने आगे कहा कि उनकी सरकार दुनिया के अन्य देशों को भी लड़ाई से रोक रही है, क्योंकि अमेरिका के पास दुनिया की सबसे ताकतवर सेना और बेहतरीन नेता हैं।चार दिन की जंग के बाद शांतियह बयान जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद की घटनाओं से जुड़ा है, जिसमें 26 नागरिकों की मौत हुई थी। इसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था। चार दिन तक दोनों देशों के बीच ड्रोन और मिसाइल हमले हुए। इसके बाद 10 मई को भारत और पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMO) ने सभी सैन्य कार्रवाइयों को तुरंत रोकने का समझौता किया। नई दिल्ली के सरकारी सूत्रों ने बताया कि इस समझौते में किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं थी।ट्रम्प ने पहले भी कई बार दावा किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को खत्म करने में मदद की। उन्होंने कहा कि अगर दोनों देश शांति बनाए रखेंगे, तो अमेरिका उनके साथ बहुत सारा व्यापार करेगा। हालांकि, भारत ने हमेशा कहा है कि यह मामला द्विपक्षीय था और इसमें किसी बाहरी हस्तक्षेप की जरूरत नहीं पड़ी।शुक्रवार को -
सियोल. ‘ऑपरेशन सिंदूर' के मद्देनजर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और ‘‘भारत-दक्षिण कोरिया आतंकवाद रोधी सहयोग को मजबूत बनाने'' से जुड़े कार्यक्रमों के तहत भारतीय सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल रविवार को सियोल में भारतीय दूतावास पहुंचा। जनता दल (यूनाइटेड) के राज्यसभा सदस्य संजय कुमार झा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल शनिवार को यहां पहुंचा। यहां भारतीय दूतावास ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने राजदूत अमित कुमार की ब्रीफिंग में भाग लिया।
झा ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, “कोरिया गणराज्य में भारत के राजदूत अमित कुमार के साथ हमारी एक सार्थक बैठक हुई, जिसमें द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।” उन्होंने इससे पहले ‘एक्स' पर एक और संदेश में कहा कि वह ‘‘भारत-दक्षिण कोरिया के आतंकवाद-रोधी सहयोग को मजबूत बनाने के लिए सर्वदलीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ सियोल आकर सम्मानित महसूस कर रहे हैं।'' भारतीय दूतावास के अनुसार, यात्रा के दौरान प्रतिनिधिमंडल कोरिया गणराज्य के विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों, नेशनल असेंबली के गणमान्य सदस्यों, प्रमुख थिंक टैंक और मीडिया के वरिष्ठ प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करेगा। दूतावास ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि 26 मई तक चलने वाली इस यात्रा के दौरान सभी प्रकार के आतंकवाद को ‘कतई बर्दाश्त नहीं' करने का भारत का रुख सामने रखा जाएगा। भारत ने पाकिस्तान की साजिशों और आतंकवाद को लेकर अपना दृष्टिकोण अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने रखने के लिए सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल बनाए हैं। दक्षिण कोरिया आया यह प्रतिनिधिमंडल भी इन प्रतिनिधिमंडलों में शामिल है। ये प्रतिनिधिमंडल दुनिया के 33 देशों की राजधानी का दौरा करेंगे। झा के अलावा, प्रतिनिधिमंडल में सांसद अपराजिता सारंगी, अभिषेक बनर्जी, बृजलाल, जॉन ब्रिटास, प्रदान बरुआ, हेमांग जोशी, पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद और फ्रांस व बहरीन में भारत के राजदूत रहे मोहन कुमार शामिल हैं। - लंदन. भारतीय मूल के दो ब्रिटिश बच्चों को प्रतिभाशाली बच्चों के प्रतिष्ठित ‘मेन्सा क्लब फॉर ब्रेनिएक्स' में शामिल दिया गया है। दोनों बच्चे जुड़वां भाई-बहन हैं। जुड़वा बच्चों ने सर्वाधिक अंक हासिल करने के लिए कई कठिन चुनौतियों को पार किया।कृष (11) को 162 अंक प्राप्त करने के बाद इसमें शामिल किया गया, जो ‘मेन्सा सुपरवाइज्ड आईक्यू टेस्ट' सत्र में सर्वाधिक अंक है। इसके साथ ही कृष उच्च ‘आईक्यू' वाले अतिप्रतिभाशाली बच्चों के क्लब में शामिल हो गया। हाल ही में कृष की बहन कियारा ने ‘कैटेल III बी स्केल' में 152 अंक प्राप्त कर इस क्लब में जगह बनाई।जुड़वा बच्चों की मां और वरिष्ठ आईटी प्रबंधक मौली अरोड़ा ने कहा, “वे (उनके बच्चे) बहुत प्रतिस्पर्धी हैं और कियारा को कृष की वजह से ‘मेन्सा' टेस्ट देने की प्रेरणा मिली।” दिल्ली में जन्मी मौली अरोड़ा ने पुणे में कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। उन्होंने कहा, “हमारा पालन-पोषण का तरीका बहुत ही व्यावहारिक है और हम दिन-प्रतिदिन उनके (बच्चों के) साथ सक्रिय रूप से जुड़े रहते हैं। कृष पियानो सीखता है और सप्ताहांत में रोबोटिक्स पर भी हाथ आजमाता है। कियारा कविता लिखती है और रचनात्मक लेखन पसंद करती है।” मौली ने बताया, “उनके जुड़वां बच्चे दूसरे भाई-बहनों की तरह आपस में ‘बहुत लड़ते हैं' लेकिन दोनों के बीच मजबूत बंधन है और अक्सर जब उनकी लड़ाई में हम बीच-बचाव करने की कोशिश करते हैं तो वे अपने माता-पिता के खिलाफ एक हो जाते हैं।” मुंबई से इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले निश्चल लगभग 25 वर्ष पहले अपने परिवार के साथ ब्रिटेन आ गए थे और उन्होंने अपने जुड़वां बच्चों का दाखिला पश्चिमी लंदन के हाउंसलो में स्थानीय पब्लिक स्कूल में कराया था।
- तोक्यो. भारतीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने जापान के राजनीतिक नेतृत्व, नीति निर्माताओं, मीडिया और भारतीय समुदाय के साथ व्यापक चर्चा के बाद शनिवार को अपनी यात्रा संपन्न की और कहा कि वे आतंकवाद के खिलाफ नयी दिल्ली की लड़ाई में टोक्यो के स्पष्ट समर्थन से बहुत उत्साहित हैं। जद(यू) के राज्यसभा सदस्य संजय कुमार झा के नेतृत्व में यह प्रतिनिधिमंडल उन सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों में से एक है, जिन्हें भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय तक अपना संदेश पहुंचाने के लिए कई देशों का दौरा करने की जिम्मेदारी सौंपी है। पहलगाम हमले में 26 लोग मारे गए थे। प्रतिनिधिमंडल ने जापान के विदेश मंत्री ताकेशी इवाया, पूर्व प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा, राष्ट्रीय सुरक्षा समिति के अध्यक्ष ताकाशी एंडो और प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष फुकुशिरो नुकागा से मुलाकात की। झा ने कहा कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने जापान-भारत संसदीय मैत्री लीग के सदस्यों के साथ भी सार्थक चर्चा की। उन्होंने कहा, ‘‘हर मंच पर, हमने आतंकवाद पर भारत की कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति को दृढ़ता से दोहराया और पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद को लगातार संरक्षण दिए जाने को उजागर किया।'' झा ने कहा, ‘‘हम जापान के स्पष्ट समर्थन से बहुत उत्साहित हैं।''तीन दिवसीय यात्रा के अंतिम दिन, प्रतिनिधिमंडल ने यहां तामा समाधि स्थल का दौरा किया और स्वतंत्रता सेनानी रास बिहारी बोस को उनकी जयंती की पूर्व संध्या पर श्रद्धांजलि दी। इस बीच, प्रतिनिधिमंडल में शामिल तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने आतंकवाद की तुलना एक खतरनाक पागल कुत्ते से करते हुए पाकिस्तान पर उसे प्रोत्साहन देने का आरोप लगाया और दुनिया से इससे निपटने के लिए एकजुट होने का आह्नान किया। सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ रुख को उजागर करने और पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए जापान आए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल बनर्जी ने कहा, ‘‘हम यहां सच्चाई बताने आए हैं- भारत झुकना नहीं जानता।'' तोक्यो में एक जोशीले भाषण के दौरान उन्होंने कहा, ‘‘हम डर के आगे नहीं झुकेंगे। हमने ऐसी भाषा में जवाब देना सीख लिया है, जिसे वे अच्छे से समझते हैं।'' पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था। पहलगाम हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत ने छह मई को देर रात पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचे पर सटीक हमले किए, जिसके बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया। भारतीय पक्ष ने पाकिस्तानी कार्रवाइयों का कड़ा जवाब दिया। दोनों पक्षों के सैन्य अभियानों के महानिदेशकों के बीच 10 मई को बातचीत के बाद सैन्य संघर्ष को रोकने पर सहमति बनी। बनर्जी ने कहा कि पहलगाम हमले के पीछे ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट' (टीआरएफ) का हाथ था, जो लश्कर-ए-तैयबा का एक छद्म संगठन है, जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी समूहों की सूची में शामिल है। उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी जानते हैं कि पाकिस्तान ने किस तरह जल्दबाजी में लश्कर को सूची से अलग करने का प्रयास किया। इसके अलावा, हवाई हमलों के बाद सार्वजनिक हुई तस्वीरों में पाकिस्तान के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी हमलों में मारे गए आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में शामिल होते हुए दिखाई दिए।'' उन्होंने प्रवासी भारतीयों को देश की सबसे बड़ी संपदा करार देते हुए कहा, ‘‘आपकी रगों में भारत है। मैं चाहता हूं कि आप देश के सबसे बड़े प्रचारक बनें, आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भारत के संदेश के समर्थक बनें।
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न्यूयॉर्क/वाशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि एप्पल यदि भारत में संयंत्र लगाना चाहता है तो ठीक है लेकिन ऐसा करने पर प्रौद्योगिकी क्षेत्र की यह कंपनी बिना शुल्क के अमेरिका में अपने उत्पाद नहीं बेच पाएगी। ट्रंप की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब उन्होंने अमेरिकी परमाणु ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए अपने कार्यालय ‘ओवल ऑफिस' में कई कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए। ट्रंप ने शुक्रवार को कहा ‘‘...लेकिन टिम (कुक) के साथ मेरी सहमति थी कि वह ऐसा नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि वह संयंत्र बनाने के लिए भारत जा रहे हैं। मैंने कहा, ‘‘भारत जाना है, तो ठीक है लेकिन आप शुल्क के बिना यहां बिक्री नहीं कर पाएंगे' और ऐसा ही है।'' उन्होंने कहा, ‘‘हम आईफोन के बारे में बात कर रहे हैं। अगर वे इसे अमेरिका में बेचना चाहते हैं तो मैं चाहता हूं कि इसे अमेरिका में ही बनाया जाए।'' ट्रंप ने इससे पहले शुक्रवार सुबह सोशल मीडिया पर एक ‘पोस्ट' में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अमेरिका में बेचे जाने वाले एप्पल आईफोन का विनिर्माण अमेरिका में ही किया जाएगा, न कि ‘‘भारत या किसी अन्य स्थान पर।'' उन्होंने धमकी दी कि अगर कंपनी इसका पालन नहीं करती है तो वह उसके उत्पादों पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाएंगे। ट्रंप ने लिखा, “मैंने बहुत पहले ही एप्पल के टिम कुक को बता दिया था कि अमेरिका में बेचे जाने वाले उनके आईफोन का विनिर्माण यहीं किया जाएगा, न कि भारत में या किसी अन्य स्थान पर। यदि ऐसा नहीं होता है, तो एप्पल को अमेरिका को कम से कम 25 प्रतिशत शुल्क का भुगतान करना होगा।'' पिछले सप्ताह ही ट्रंप ने पश्चिम एशिया की अपनी यात्रा के दौरान दोहा में कहा था कि उन्होंने एप्पल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) से कहा है कि वह भारत में निर्माण न करें, बल्कि अमेरिका में अपनी विनिर्माण क्षमता विकसित करें। टिम कुक के नेतृत्व वाली एप्पल कंपनी आईफोन विनिर्माण को चीन से भारत में स्थानांतरित करने पर विचार कर रही है।
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नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूरोपीय संघ (EU) से अमेरिका में आने वाले सभी उत्पादों पर 50 प्रतिशत आयात शुल्क (टैरिफ) लगाने का ऐलान किया है। यह फैसला 1 जून 2025 से प्रभावी होगा। उन्होंने बताया यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि EU लंबे समय से अमेरिका के साथ व्यापार में ‘अनुचित व्यवहार’ कर रहा है और अमेरिका को भारी नुकसान पहुंचा रहा है। ट्रंप का दावा है कि यूरोपीय संघ की व्यापार नीतियां, टैक्स नियम और कंपनियों पर लगाए जाने वाले जुर्माने अमेरिकी कंपनियों के लिए नुकसानदेह हैं, जिससे अमेरिका को हर साल $250 अरब (2.5 लाख करोड़ डॉलर) का व्यापार घाटा होता है।
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Truth Social पर पोस्ट करते हुए लिखा, “यूरोपीय संघ, जो अमेरिका का व्यापार में फायदा उठाने के उद्देश्य से बनाया गया था, बेहद कठिन पार्टनर है। उनके व्यापारिक अवरोध, VAT टैक्स, अनुचित कॉर्पोरेट पेनल्टीज़, गैर-राजस्व संबंधी व्यापार अड़चनें और मौद्रिक हेराफेरी ने अमेरिकी कंपनियों को नुकसान पहुंचाया है।” उन्होंने कहा, “हमारे साथ उनकी बातचीत अब तक बेनतीजा रही है। इसलिए मैं 1 जून से EU पर सीधा 50% टैरिफ लगाने की सिफारिश करता हूं। हालांकि, यदि कोई उत्पाद अमेरिका में निर्मित है, तो उस पर यह शुल्क नहीं लगेगा।”इस निर्णय से यूरोपीय संघ के साथ अमेरिका के व्यापार संबंध और तनावपूर्ण हो सकते हैं। खासकर तब, जब एक महीने पहले ही यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने ट्रंप के उस फैसले का स्वागत किया था जिसमें उन्होंने कुछ देशों के लिए पारस्परिक टैरिफ को अस्थायी रूप से स्थगित करने की घोषणा की थी। उन्होंने 10 अप्रैल 2025 को सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा था, “टैरिफ को रोकने का निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को स्थिर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। स्पष्ट और पूर्वानुमेय व्यापार नियम आवश्यक हैं। टैरिफ केवल व्यवसायों और उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचाते हैं।”वॉन डेर लेयेन ने यह भी दोहराया कि यूरोपीय संघ मुक्त और निष्पक्ष व्यापार को लेकर प्रतिबद्ध है और अमेरिका के साथ सकारात्मक बातचीत का इच्छुक है। उन्होंने कहा कि EU अब अपने व्यापारिक साझेदारों को विविधता दे रहा है और ऐसे देशों के साथ काम कर रहा है जो वैश्विक व्यापार के 87 प्रतिशत हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं और मुक्त व्यापार एवं विचारों की खुली अदला-बदली के पक्षधर हैं। राष्ट्रपति ट्रंप का यह प्रस्ताव व्यापारिक रणनीति के रूप में देखा जा रहा है, जिससे वे घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देने और व्यापार घाटा कम करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह की आक्रामक नीति से अमेरिका और यूरोपीय संघ के बीच टैरिफ वार और भी गहरा सकता है, जिसका असर वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला और कीमतों पर पड़ सकता है।- -
न्यूयॉर्क. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए हार्वर्ड विश्वविद्यालय की विदेशी छात्रों को दाखिला देने की अर्हता रद्द कर दी है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने आंतरिक सुरक्षा विभाग (डीएचएस) की सचिव क्रिस्टी नोएम द्वारा हार्वर्ड विश्वविद्यालय को भेजे गए पत्र के हवाले से यह खबर दी है। नोएम ने पत्र में लिखा, ‘‘मैं आपको यह सूचित करने के लिए लिख रही हूं कि हार्वर्ड विश्वविद्यालय के छात्र और शैक्षणिक आदान-प्रदान के प्रवेश कार्यक्रम का प्रमाणन तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है।'' न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर में कहा गया है कि यह घटनाक्रम, विश्वविद्यालय पर राष्ट्रपति के एजेंडे के अनुरूप चलने के लिए दबाव डालने के प्रशासन के प्रयासों के तहत उठाया गया एक बड़ा कदम है।
- वाशिंगटन. दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रमुख वित्तीय समर्थक एलन मस्क ने मंगलवार को कहा कि वह राजनीतिक अभियानों पर कम खर्च करेंगे। उनका यह निर्णय अगले वर्ष के मध्यावधि चुनाव से पहले रिपब्लिकन के लिए एक झटका हो सकता है।उन्होंने दोहा (कतर) में ब्लूमबर्ग फोरम के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस निर्णय का ऐलान किया। उनका यह निर्णय सरकारी दक्षता विभाग के साथ उनके उथल-पुथल भरे अनुभव के बाद राजनीति से उनके संभावित मोहभंग की ओर भी संकेत करता है, जो संघीय व्यय को कम करने के अपने लक्ष्य से काफी पीछे रह गया है। मस्क ने कहा, ‘‘मैं भविष्य में बहुत कम काम करने जा रहा हूं।जब उनसे पूछा गया कि ऐसा क्यों है, तो उन्होंने जवाब दिया कि ‘‘मुझे लगता है कि मैंने काफी कुछ कर लिया है।'' मस्क ने अमेरिका पीएसी के मुख्य योगदानकर्ता के रूप में राष्ट्रपति चुनाव अभियान में ट्रंप का समर्थन करने के लिए कम से कम 25 करोड़ डॉलर खर्च किए।
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द हेग. नीदरलैंड के विदेश मंत्री कैस्पर वेल्डकैंप ने कहा है कि उनका देश भारत के साथ अपने द्विपक्षीय सहयोग को अगले स्तर तक ले जाने के लिए शानदार अवसर देख रहा है और वह सुरक्षा तथा महत्वपूर्ण उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे प्रमुख क्षेत्रों में भारत के साथ दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी स्थापित करने के लिए तत्पर है। वेल्डकैंप की यह टिप्पणी सोमवार को नीदरलैंड के दौरे पर आए अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर से मुलाकात के बाद आई है। इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद की स्थिति पर भी चर्चा की। वेल्डकैंप ने ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘ पिछले महीने भारत में मुलाकात के बाद मुझे डॉ. एस जयशंकर का हेग में स्वागत करते हुए खुशी हो रही है। हमने पहलगाम में हुए जघन्य आतंकवादी हमले के बाद की स्थिति और तनाव कम करने की दिशा में एक कदम के रूप में पाकिस्तान के साथ शत्रुता समाप्त करने पर चर्चा की।'' उन्होंने कहा, ‘‘ तेजी से बदलती इस दुनिया में मैं द्विपक्षीय सहयोग को अगले स्तर तक ले जाने के महान अवसर देखता हूं। हम अपनी दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी की स्थापना के लिए तत्पर हैं, जिसमें सुरक्षा और महत्वपूर्ण उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं।'' जयशंकर अपनी तीन देशों की यात्रा के पहले चरण में यहां आए हैं, वे डेनमार्क और जर्मनी भी जाएंगे। उन्होंने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की नीदरलैंड द्वारा की गई कड़ी निंदा और आतंकवाद के खिलाफ कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति को समर्थन देने की सराहना की। जयशंकर ने वेल्डकैंप के साथ अपनी बैठक के बाद ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ आज हेग में मेरी मेजबानी करने के लिए नीदरलैंड के विदेश मंत्री कैस्पर वेल्डकैंप का आभार। पहलगाम हमले की नीदरलैंड की ओर से की गई कड़ी निंदा और आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने का समर्थन करने की सराहना करता हूं।'' उन्होंने कहा, ‘‘ यूरोपीय संघ के साथ हमारी द्विपक्षीय साझेदारी और सहभागिता को गहरा करने पर व्यापक चर्चा हुई। बहुध्रुवीयता के युग में वैश्विक स्थिति पर चर्चा की।'' जयशंकर ने नीदरलैंड के रक्षा मंत्री रूबेन ब्रेकेलमैन्स से भी मुलाकात की, जिन्होंने बैठक के बाद कहा, ‘‘ इस अशांत समय में भारत के साथ घनिष्ठ सहयोग पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। विदेश मंत्री जयशंकर का स्वागत करना सम्मान की बात है।'' जयशंकर ने सोमवार को भारतीय समुदाय के प्रतिनिधियों से भी बातचीत की।
उन्होंने कहा, ‘‘ भारत और नीदरलैंड के बीच मजबूत संबंध बनाने में समुदाय के योगदान की सराहना करता हूं।''
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नई दिल्ली। चीन पाकिस्तान में मोहम्मद बांध के निर्माण को तेज कर रहा है। यह बांध पाकिस्तान के लिए एक बहुत जरूरी जलविद्युत और जल सुरक्षा परियोजना है। भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि को लेकर बढ़ते तनाव के बीच यह कदम चीन ने उठाया है।
मोहम्मद बांध का निर्माण कब शुरू हुआ और क्या खास है?साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, मोहम्मद बांध का निर्माण चीन की सरकारी कंपनी चाइना एनर्जी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन कर रही है। यह काम 2019 में शुरू हुआ था। हाल ही में बांध में कंक्रीट भरना शुरू हो गया है, जो कि निर्माण का एक महत्वपूर्ण पड़ाव माना जा रहा है। चीन ने इस परियोजना को पाकिस्तान का “प्रमुख राष्ट्रीय प्रोजेक्ट” बताया है और इसे जल्द पूरा करने की योजना बना रहा है।मोहम्मद बांध का क्या है महत्व?मोहम्मद बांध पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में स्वात नदी पर बन रहा है। यह बांध कई काम करेगा — बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई, पीने का पानी और बिजली उत्पादन। यह बांध अपनी तरह का दुनिया का पांचवां सबसे ऊंचा बांध होगा, जिसकी ऊंचाई 700 फीट होगी। जब यह बांध पूरी तरह से काम करेगा, तो यह 800 मेगावाट बिजली देगा और प्रतिदिन 300 मिलियन गैलन पानी पेशावर शहर को उपलब्ध कराएगा। इसके अलावा, यह हजारों एकड़ कृषि भूमि की सिंचाई करेगा और बाढ़ से होने वाले नुकसान को भी कम करेगा।मोहम्मद बांध के निर्माण का स्टेटस क्या है?फरवरी 2025 में पाकिस्तानी अखबार डॉन ने बताया कि यह बांध 2027 तक पूरी तरह से काम करने लगेगा। इस समय बांध के बिजली और सिंचाई टनल, स्पिलवे और अन्य मुख्य निर्माण काम चल रहे हैं। कई काम समय से पहले पूरे हो रहे हैं। चीन की भागीदारी और हाल के क्षेत्रीय तनावों के कारण इस परियोजना को तेजी से पूरा करने की कोशिश हो रही है। चीन पाकिस्तान के अन्य जल सुरक्षा प्रोजेक्ट्स में भी मदद कर रहा है, जैसे कि डायमर-भाषा बांध जो सिंधु नदी पर बना है। यह बांध भी पाकिस्तान की जल भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है। -
कीव. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह यूक्रेन में युद्ध के बारे में सोमवार को रूसी नेता व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात करेंगे। ट्रंप ने शनिवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि विषय होगा "रक्तपात रोकना/
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि वह इसके बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और नाटो के सदस्यों से भी बात करने की योजना बना रहे हैं। ट्रंप ने ‘ट्रुथ सोशल' पर लिखा, ‘‘उम्मीद है कि यह एक उपयोगी दिन होगा।'' -
लंदन. भारतीय मूल के ब्रिटिश चिकित्सक एवं हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. असीम मल्होत्रा को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ‘मेक अमेरिका हेल्दी अगेन' (एमएएचए) अभियान का सलाहकार नियुक्त किया गया है। मल्होत्रा ने सभी कोविड टीकों के लिए अधिक साक्ष्य-आधारित दृष्टिकोण को लेकर लंबे समय तक एक अभियान चलाया था। डॉ. मल्होत्रा स्वास्थ्य मंत्री रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर और राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (एनआईएच) के निदेशक डॉ. जय भट्टाचार्य जैसे लोगों के साथ एमएएचए अभियान में शामिल हो गये हैं। वह बतौर सलाहकार अपनी नयी भूमिका में शीर्ष तीन प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए अमेरिकी अभियान में शामिल होने के लिए वाशिंगटन जायेंगे। इन तीन प्राथमिकताओं में आहार संबंधी दिशानिर्देशों को संशोधित करना, अति-प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों पर नकेल कसना और एमआरएनए कोविड टीकों पर रोक लगाने के लिए दबाव बनाना शामिल हैं। डॉ. मल्होत्रा ने 2001 में एडिनबर्ग विश्वविद्यालय से चिकित्सा में डिग्री और 2013 में उसी विश्वविद्यालय से सीसीटी कार्डियोलॉजी में स्नातक की उपाधि हासिल की थी। ‘ब्रिटिश एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ओरिजिन' (बीएपीआईओ) के अध्यक्ष डॉ. रमेश मेहता ने इस कदम का स्वागत किया। डॉ. मेहता ने कहा, ‘‘डॉ. मल्होत्रा, जो लंबे समय से बीएपीआईओ के सदस्य हैं, ने मरीजों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए अधिक स्वस्थ जीवनशैली नीतियों को अपनाने पर जोर दिया है।
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काठमांडू. एक भारतीय पर्वतारोही ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की है। पर्वतारोहण अभियान के आयोजकों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। अभियान के आयोजक ‘‘8के एक्सपीडिशंस'' के अनुसार, एस. सरकार बुधवार को सात अन्य पर्वतारोहियों के साथ 8,849 मीटर ऊंची चोटी पर पहुंचे। आयोजक द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक पोस्ट के अनुसार, दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर पहुंचने वाले अन्य पर्वतारोहियों में चीन और ब्रिटेन का एक-एक पर्वतारोही और चार गाइड शामिल थे।
- नई दिल्ली। बलूचिस्तान में राष्ट्रवादी नेताओं ने पाकिस्तान से आजादी की घोषणा कर दी है। उन्होंने इस क्षेत्र में दशकों से चल रही हिंसा और मानवाधिकार उल्लंघनों का हवाला दिया। सोशल मीडिया में स्वतंत्र बलूचिस्तान के प्रस्तावित राष्ट्रीय ध्व्ज और मानचित्र की तस्वीरें लगातार आ रही हैं। प्रमुख बलूच नेता और लेखक मीर यार बलूच ने कहा कि पाकिस्तान अधिकृत बलूचिस्तारन के लोग आज़ादी की मांग करते हुए और ''बलूचिस्ताान, पाकिस्तान नहीं है'' की घोषणा करते हुए सड़कों पर निकल आए हैं। श्री मीर ने सोशल मीडिया पोस्ट में अंतरराष्ट्रीय समुदाय और संयुक्त राष्ट्र से बलूचिस्तान लोकतांत्रिक गणराज्य को एक सम्प्रभु राष्ट्र के रूप में मान्यता देने की अपील की है।
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जकार्ता। इंडोनेशिया के पश्चिम जावा प्रांत में सोमवार को पुराने और अनुपयोगी गोलाबारूद के निपटान के दौरान विस्फोट होने से कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई जिनमें चार सैनिक भी शामिल हैं। सैन्य अधिकारियों ने यह जानकारी दी। गोलाबारूद पुराना हो जाने पर या अनुचित तरीके से संग्रहीत होने पर अधिक शक्तिशाली नहीं रह जाता है और इसी कारण समय समय पर इनका निपटान किया जाता है। विस्फोट का कारण तत्काल स्पष्ट नहीं है।
इंडोनेशियाई सेना के सदस्य गरूट जिले के सागरा गांव में पर्यावरण संरक्षण क्षेत्र में पुराने, अनुपयोगी और अप्रभावी गोला-बारूद का निपटान कर रहे थे, जिसे एक सैन्य गोदाम केंद्र में संग्रहित किया गया था। इंडोनेशियाई सैन्य प्रवक्ता मेजर जनरल क्रिस्टोमी सियानतुरी ने बताया कि प्रारंभिक विस्फोट के तुरंत बाद दूसरा विस्फोट हुआ। सियानतुरी ने कहा कि नौ आम नागरिकों और चार सैन्य कर्मियों की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि घायलों का इलाज किया जा रहा है। सियानतुरी ने कहा कि घटना की अभी जांच की जा रही है और इस बात का भी पता लगाया जा रहा है कि क्या गोलाबारूद के निपटान के दौरान मानक प्रक्रियाओं का पालन किया गया था या नहीं। पश्चिमी जावा की प्राकृतिक संसाधन संरक्षण एजेंसी के प्रबंधन के अंतर्गत यह खाली स्थान आवासीय क्षेत्रों से दूर है और अक्सर गोला-बारूद के निपटान के लिए उपयोग किया जाता है। सियानतुरी ने कहा कि ऐसी गतिविधियां अक्सर आस-पास के निवासियों का ध्यान आकर्षित करती हैं, जो प्राय: ग्रेनेड और मोर्टार से धातु के टुकड़े, तांबा या लोहे के अवशेष को इकट्ठा करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘विस्फोट के बाद एक अप्रत्याशित दूसरा विस्फोट होने की भी आशंका है।'' स्थानीय टेलीविजन फुटेज में विस्फोट के दृश्य दिखाए गए हैं जिसमें विस्फोट के कुछ देर बाद आसमान में तेज रोशनी और घना काला धुआं उठता दिख रहा है। एक अन्य वीडियो में एंबुलेंस नजर आ रहे हैं जिनमें घायलों और मृतकों को ले जाया जा रहा है। -
जेनेवा. अमेरिका और चीन ने हाल ही में एक-दूसरे पर लगाए भारी शुल्कों में से अधिकतर पर 90 दिन की रोक लगाने की सोमवार को जानकारी दी। अमेरिका अधिकारियों ने बताया कि दोनों देश अपने व्यापार विवादों को हल करने के लिए बातचीत जारी रखने के समझौते पर पहुंच गए हैं। अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेमीसन ग्रीर ने कहा कि अमेरिका ने चीनी वस्तुओं पर 145 प्रतिशत शुल्क दर को घटाकर 30 प्रतिशत करने पर जबकि चीन ने अमेरिकी वस्तुओं पर अपनी दर को घटाकर 10 प्रतिशत करने पर सहमति व्यक्त की है। ग्रीर और अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट ने जेनेवा में संवाददाता सम्मेलन में शुल्क कटौती की घोषणा की। उन्होंने साथ ही कहा कि दोनों पक्षों ने अपने व्यापार मुद्दों पर चर्चा जारी रखने की रुपरेखा तैयार की है।
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लॉस एंजिलिस. हॉलीवुड स्टार जैकी चेन का कहना है कि आज के स्टंट उतने वास्तविक नहीं लगते, जितने उनके जमाने में लगते थे, क्योंकि यह कंप्यूटर जनित इमेजरी (सीजीआई) पर बहुत अधिक निर्भर करता है। स्टंट के लिए दुनिया में मशहूर चेन ने कहा कि वर्तमान स्थिति ‘‘दोधारी तलवार'' की तरह है, जहां अभिनेताओं को प्रौद्योगिकी की मदद से असंभव स्टंट करने का अवसर मिलता है, लेकिन दर्शकों को पता है कि इसमें बहुत कम जोखिम है। उन्होंने कहा, ‘‘पुराने दिनों में, हमारे पास एकमात्र विकल्प था कि हम वहां जाएं और कूद जाएं; बस। आज, कंप्यूटर के साथ, अभिनेता कुछ भी कर सकते हैं, लेकिन हमेशा वास्तविकता की एक भावना होती है जो आपको महसूस होती है और यह इसमें गायब है।'' चेन (71 वर्षीय) ने बताया, ‘‘यह दोधारी तलवार है। एक ओर, अभिनेता प्रौद्योगिकी की मदद से असंभव स्टंट करने में सक्षम होते जा रहे हैं, और दूसरी ओर, खतरे और सीमा की अवधारणा धुंधली होती जा रही है और दर्शक इसके प्रति उदासीन हो रहे हैं। लेकिन मैं किसी को भी स्टंट करने के लिए अपनी जान जोखिम में डालने के लिए प्रोत्साहित नहीं कर रहा हूं, जैसा कि मैंने किया; यह वास्तव में बहुत खतरनाक है।'' चेन के करियर में ‘‘ड्रंकन मास्टर'', ‘‘पुलिस स्टोरी'' और ‘‘रश ऑवर'' जैसी एक्शन फिल्में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि वह स्वयं स्टंट करना जारी रखेंगे क्योंकि यह उनकी पहचान का हिस्सा है।
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कोलंबो. श्रीलंका के प्रांत ‘सेंट्रल प्रोविंस' स्थित कोटमाले क्षेत्र में रविवार को एक बस के खाई में गिर जाने से कम से कम 21 लोगों की मौत हो गई और 30 अन्य घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार, यह दुर्घटना उस समय हुई जब बस चालक ने पहाड़ी रास्ते पर बाएं मुड़ने की कोशिश की। पुलिस ने बताया कि उसी दौरान बस फिसलकर खाई में गिर गई। पुलिस ने बताया कि राज्य परिवहन निकाय के स्वामित्व वाली बस में 75 यात्री सवार थे। पुलिस ने बताया कि ये बस दक्षिणी तीर्थस्थल कटारगामा से उत्तर-पश्चिमी शहर कुरुनेगाला जा रही थी। श्रीलंका के परिवहन एवं राजमार्ग उपमंत्री प्रसन्ना गुनासेना ने बताया कि दुर्घटना में 21 लोगों की मौत हो गई। इस दुर्घटना में 30 से अधिक यात्री घायल हो गए हैं।
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नई दिल्ली। भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की ओर से किए जा रहे ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद 10 मई को दोनों देशों ने संघर्षविराम की घोषणा की। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बताया कि यूएस ने इस संघर्षविराम में मध्यस्थता की भूमिका निभाई। ट्रंप ने संघर्ष विराम के लिए अपने ‘ट्रुथ सोशल’ पर दोनों देशों के नेतृत्व की बुद्धिमता और दूरदर्शिता की सराहना की।
राष्ट्रपति ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “मैं भारत और पाकिस्तान की मजबूत और समझदार नेतृत्व की बहुत सराहना करता हूं, जिन्होंने समय रहते अपनी बुद्धि और धैर्य से यह समझ लिया कि अब और लड़ाई को रोकना जरूरी है। क्योंकि, युद्ध से विनाशकारी परिणाम मिल सकते थे। लाखों अच्छे और निर्दोष लोग मारे जा सकते थे। आपके इस साहसी फैसले से आपका नाम और सम्मान बढ़ा है।”ट्रंप ने आगे लिखा, “मुझे गर्व है कि अमेरिका इस ऐतिहासिक और बहादुरी भरे फैसले में मदद कर सका। भले ही इस पर बात नहीं हुई है, लेकिन मैं अब भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ व्यापार को काफी बढ़ाने का इरादा रखता हूं। साथ ही, मैं कश्मीर के मुद्दे पर भी दोनों देशों के साथ मिलकर कोई शांतिपूर्ण हल निकालने की कोशिश करूंगा, भले ही इसमें बहुत समय लगे। भारत और पाकिस्तान के नेतृत्व को इस अच्छे काम के लिए दिल से शुभकामनाएं।”बता दें कि 10 मई को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को लेकर बड़ी घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि भारत-पाकिस्तान पिछले तीन दिनों से जारी संघर्ष पर तत्काल पूर्ण युद्ध विराम के लिए सहमत हो गए हैं। यह सहमति अमेरिका की मध्यस्थता से पूरी हुई है।डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्रूथ पर एक पोस्ट में लिखा, “अमेरिका की मध्यस्थता में रात में चली लंबी वार्ता के बाद मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और पाकिस्तान पूर्ण और तत्काल युद्ध विराम पर सहमत हो गए हैं।” -
नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को लेकर बड़ी घोषणा की। उन्होंने दावा किया है कि भारत-पाकिस्तान पिछले तीन दिनों से जारी संघर्ष पर तत्काल पूर्ण युद्ध विराम के लिए सहमत हो गए हैं। यह सहमति अमेरिका की मध्यस्थता से पूरी हुई है।
ट्रंप ने समझदारी दिखाने के लिए दोनों देशों को धन्यवाद दियाअमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्रूथ पर एक पोस्ट में लिखा, “अमेरिका की मध्यस्थता में रात में चली लंबी वार्ता के बाद मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और पाकिस्तान पूर्ण और तत्काल युद्ध विराम पर सहमत हो गए हैं।” ट्रंप ने समझदारी दिखाने के लिए दोनों देशों को धन्यवाद दिया है।अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस पिछले 48 घंटे से भारत और पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे थेअमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने भी एक्स पर बताया कि वह स्वयं और अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस पिछले 48 घंटे से भारत और पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे थे। इस बातचीत में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, सेना प्रमुख असीम मुनीर और पाक एनएसएस असीम मलिक शामिल थे।पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने भी तत्काल युद्ध विराम की पुष्टि कीपाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने भी तत्काल युद्ध विराम की पुष्टि की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि पाकिस्तान अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से समझौता किए बिना क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए हमेशा से प्रयासरत रहा है।पिछले महीने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाकर 7 मई को तड़के पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था।दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बाद अमेरिका को मध्यस्थता के लिए बीच में आना पड़ाइसके बाद पाकिस्तान ने लगातार भारतीय सैन्य ठिकानों और आबादी वाले इलाके में ड्रोन तथा मिसाइलों से हमले किए, जिनमें ज्यादातर को भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया। दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बाद अमेरिका को मध्यस्थता के लिए बीच में आना पड़ा। -
यरूशलम. भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर इजराइल ने अपने नागरिकों के लिए मौजूदा यात्रा परामर्श को अद्यतन किया है, जिसमें कश्मीर क्षेत्र में रहने वाले लोगों से ‘तुरंत इलाका छोड़ने' का आग्रह किया गया है। संशोधित परामर्श भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में आतंकी ठिकानों पर हमले किए जाने के बाद बुधवार को आया। पाकिस्तानी सेना ने जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास सीमावर्ती गांवों को निशाना बनाकर तेज गोलाबारी की। इजराइल के विदेश मंत्रालय ने इजराइल के नागरिकों से लद्दाख के अतिरिक्त जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में जाने से बचने का आह्वान किया। मंत्रालय ने कहा कि कश्मीर में मौजूद इजराइलियों को ‘तुरंत इलाका छोड़ देना चाहिए' और स्थानीय सुरक्षा बलों के निर्देशों का पालन करना चाहिए। मंत्रालय ने कहा कि यह परामर्श संयुक्त राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद द्वारा जारी मौजूदा यात्रा परामर्श के अनुरूप है। भारत ने मंगलवार देर रात ‘ऑपरेशन सिंदूर' के तहत, 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। पहलगाम हमले में 26 लोग मारे गए थे। पाकिस्तानी सेना ने कहा कि आधी रात के बाद किए गए भारतीय मिसाइल हमलों में 31 लोग मारे गए और 57 अन्य घायल हो गए।
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लंदन. पहलगाम आतंकी हमले और इसके जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर की गई भारत की कार्रवाई के मद्देनजर दोनों पड़ोसी देशों के बीच बढ़ते तनाव को लेकर ब्रिटेन की संसद में लंबी चर्चा हुई। चर्चा के दौरान विभिन्न दलों के सदस्यों ने क्षेत्र में तनाव कम करने के लिए ब्रिटेन की ओर से मदद की जरूरत पर जोर दिया। भारत ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में मंगलवार देर रात को ‘ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। पहलगाम हमले में 26 लोग मारे गए थे। ब्रिटेन के विदेश मंत्री हैमिश फाल्कनर ने बुधवार को निचले सदन ‘हाउस ऑफ कॉमन्स' में एक बयान के साथ चर्चा की शुरुआत की और कूटनीति एवं संवाद के महत्व पर प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर की पिछली टिप्पणियों को दोहराया गया। उन्होंने देश में बड़ी संख्या में रहने वाले ब्रिटिश भारतीयों और ब्रिटिश पाकिस्तानियों के लिए संघर्ष के बहुत ही ‘‘व्यक्तिगत'' पहलू से संबंधित चिंताओं को भी व्यक्त किया। फाल्कनर ने कहा, ‘‘भारत और पाकिस्तान दोनों को हम लगातार यही संदेश देना चाहते हैं कि वे संयम बरतें। उन्हें एक त्वरित, कूटनीतिक मार्ग तलाशने के लिए बातचीत में शामिल होने की आवश्यकता है।'' उन्होंने कहा, ‘‘ब्रिटेन का दोनों देशों के साथ घनिष्ठ संबंध है। नागरिकों की जान जाते देखना दिल को झकझोर देने वाला है। अगर तनाव ऐसे ही और बढ़ता है, तो किसी की भी जीत नहीं होगी। हमने पिछले महीने हुए भयावह आतंकवादी हमले की स्पष्ट रूप से निंदा की।'' ब्रिटेन की छाया विदेश मंत्री (ब्रिटेन की आधिकारिक विपक्ष की समानांतर छाया कैबिनेट) प्रीति पटेल ने भारत के खुद का बचाव करने और ‘‘आतंकवादी ठिकानों'' को नष्ट करने के लिए ‘‘उचित एवं सधा'' कदम उठाने के अधिकार पर प्रकाश डाला। ब्रिटेन की भारतीय मूल की सांसद ने कहा, ‘‘पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी भारत और पश्चिमी हितों के लिए खतरा हैं। यह वही देश है जहां ओसामा बिन लादेन छिपा हुआ था। भारत में आतंकवादियों द्वारा हिंसा के लंबे इतिहास के कारण ब्रिटेन ने भारत के साथ सुरक्षा सहयोग समझौते किए हैं।'' भारत में जन्मे और ब्रिटेन के इलफर्ड साउथ से लेबर पार्टी के सांसद जस अठवाल ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि उनके माता-पिता पाकिस्तान में पैदा हुए थे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह भी अच्छी तरह से जानता हूं कि कोई भी देश अपने कदम पीछे नहीं करेगा। इसलिए मंत्री मुझे और मेरे संसदीय क्षेत्र के निवासियों को आश्वस्त करने के लिए ऐसा क्या कर सकते हैं जिससे कि दोनों शक्तिशाली देश दुनिया के इस अस्थिर हिस्से में शांति बहाल करने के वास्ते बातचीत की मेज पर आएं जिसके लिए हम हर संभव प्रयास करेंगे।'' कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने पाकिस्तान से ‘‘हमेशा हमेशा के लिए'' आतंकवादी ठिकानों को हटाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने तब यह स्पष्ट कर दिया था कि या तो पाकिस्तान नियंत्रण रेखा के साथ लगते इन आतंकवादी ठिकानों को हटा दे या फिर भारत उन्हें हटा देगा... नौ जगहों को निशाना बनाया गया; वे आतंकवादी ठिकाने थे जहां आतंकवादियों को भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा था।'' पाकिस्तानी मूल के कई ब्रिटिश सांसदों ने भी ‘‘दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव'' और दोनों परमाणु शक्ति संपन्न ताकतों के बीच युद्ध के वास्तविक खतरे के बढ़ने की निंदा की। मंत्री फाल्कनर ने जोर देकर कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण है कि सदन दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के महत्व पर ध्यान केंद्रित करे।
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नई दिल्ली। लाहौर और पंजाब में ड्रोन विस्फोटों, ड्रोन गिरने और हवाई क्षेत्र में संभावित घुसपैठ की खबरों के बीच, अमेरिकी वाणिज्य दूतावास, लाहौर ने सभी अमेरिकी कर्मियों को सुरक्षित स्थान पर शरण लेने का निर्देश दिया है। वाणिज्य दूतावास को प्रारंभिक जानकारी मिली है कि स्थानीय प्रशासन लाहौर के मुख्य हवाई अड्डे के आसपास कुछ इलाकों को खाली कर सकता है।
भारतीय सेना का ऑपरेशन ‘सिंदूर’यह तनाव भारतीय सेना की ओर से किए गए “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद शुरू हुआ, जिसमें भारत ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था।अमेरिकी वाणिज्य दूतावास ने जारी की सलाहपाकिस्तान में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के अनुसार, अमेरिकी नागरिक अगर खुद को किसी संघर्ष वाले क्षेत्र में पाते हैं और वहां से सुरक्षित निकलना संभव हो तो वहां से निकल जाएं। अगर निकलना सुरक्षित नहीं है तो वे घर के अंदर ही रहें। दूतावास जरूरत के अनुसार अपने मैसेजिंग सिस्टम के माध्यम से अपडेट भेजेगा। साथ ही, अमेरिकी नागरिकों से अनुरोध किया गया कि वे सुनिश्चित करें कि उन्होंने स्मार्ट ट्रैवलर एनरोलमेंट प्रोग्राम में पंजीकरण कराया हुआ है।अमेरिकी नागरिक सुरक्षित ठिकाने की तलाश करेंइसके अलावा अमेरिकी वाणिज्य दूतावास ने यह सलाह दी है कि अमेरिकी नागरिक सुरक्षित ठिकाने की तलाश करें। अमेरिकी सरकार की सहायता पर निर्भर न रहकर अपनी निकासी योजना तैयार रखें। अपनी यात्रा दस्तावेज अपडेट करें और आसानी से उपलब्ध रखें। स्थानीय मीडिया के माध्यम से ताजा अपडेट्स पर नजर रखें। स्थानीय प्रशासन के साथ सहयोग करें।भारतीय सेना ने पकिस्तान के आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दियाआपको बता दें, भारतीय सेना ने 7 मई को ऑपरेशन “सिंदूर” के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर सधी हुई लक्षित कार्रवाई की थी। इस कार्रवाई में भारतीय सेना ने इन सभी आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया। भारत ने कहा कि उसकी कार्रवाई सोच-समझकर की गई थी, और इसका मकसद तनाव बढ़ाना नहीं था।पकिस्तान ने भारत के कई इलाकों के सैन्य ठिकानों पर हमला करने की कोशिश कीरक्षा मंत्रालय के अनुसार, 7 और 8 मई की दरमियानी रात पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइलों का उपयोग करके भारत के कई इलाकों के सैन्य ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की। लेकिन भारत की एयर डिफेंस प्रणाली ने इन्हें नाकाम कर दिया। गुरुवार सुबह भारतीय सेना ने पाकिस्तान में कुछ जगहों पर एयर डिफेंस रडार और सिस्टम को निशाना बनाया। भारत की यह जवाबी कार्रवाई उसी तरह और उसी स्तर की थी, जैसी पाकिस्तान ने की थी। - न्यूयॉर्क, अमेरिकी कांग्रेस (संसद) में भारतीय-अमेरिकी सदस्य राजा कृष्णमूर्ति ने पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर आतंकवाद से लड़ने और भविष्य में हिंसा को रोकने की जरूरत पर बल दिया तथा इस बात पर जोर दिया कि क्षेत्र में व्यापक संघर्ष और तनाव को और बढ़ाने से बचना आवश्यक है। आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता और भारत तथा पाकिस्तान के बीच तनाव को और बढ़ने से रोकने का आह्वान करते हुए कृष्णमूर्ति ने बुधवार को कहा कि पिछले महीने पहलगाम में हुए भीषण आतंकवादी हमले के मद्देनजर आतंकवाद से लड़ने तथा भविष्य में हिंसा को रोकने की जरूरत और भी अधिक बढ़ गई है। जैसा कि विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा, व्यापक संघर्ष और तनाव को बढ़ाने से बचना आवश्यक है।कृष्णमूर्ति ने कहा, “ साथ ही, पाकिस्तान को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को रिहा करना चाहिए और स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने चाहिए जो लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखें और पाकिस्तानी लोगों की इच्छा को आवाज़ दें। मौजूदा स्थिति का इस्तेमाल पाकिस्तान में लोकतंत्र को और कमज़ोर करने के बहाने के तौर पर नहीं किया जाना चाहिए।” भारतीय प्रवासी समुदाय के सदस्यों ने भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर' के प्रति प्रबल समर्थन व्यक्त किया, जिसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया। ‘इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज' (एफआईआईडीएस) में नीति एवं रणनीति प्रमुख खंडेराव ने कहा,, “ भारत ने पाकिस्तान में आतंकवादी शिविरों पर लक्षित मिसाइल हमला करके निर्णायक और सही कदम उठाया, जिससे स्पष्ट संदेश गया कि आतंकवाद का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा, चाहे उसका स्रोत कहीं से भी हो।” उन्होंने कहा, “ यह अभियान नपा-तुला और सटीक था, जिसका लक्ष्य विशेष रूप से आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करना था, मानवीय मूल्यों को बनाए रखने के लिए जानबूझकर नागरिक क्षेत्रों से बचा गया तथा तनाव को बढ़ने से रोकने के लिए सैन्य ठिकानों से दूरी बनाए रखी गई।” समुदाय के नेता और पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन के सलाहकार रहे अजय भूतोरिया ने कहा, "मैं भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर' का पुरजोर समर्थन करता हूं, जो पहलगाम हमले के जवाब में पीओके में आतंकवादी ठिकानों पर एक सटीक हमला है।” उन्होंने कहा, "लश्कर-ए-तैयबा जैसे समूहों के खिलाफ भारत की लक्षित कार्रवाई आतंकवाद से लड़ने और उसे बढ़ने से रोकने की उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। मैं भारत के संकल्प की सराहना करता हूं और आतंकवाद से लड़ने तथा दक्षिण एशिया में शांति को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक सहयोग का आह्वान करता हूं।

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