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काठमांडू. नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल 'प्रचंड' ने रविवार को पूर्व प्रधानमंत्रियों, विदेश मंत्रियों और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से मुलाकात की और भारत की अपनी आगामी यात्रा से संबंधित मामलों पर चर्चा की। यह जानकारी उनके सहयोगियों ने दी। प्रचंड अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी और अन्य नेताओं के साथ बातचीत करने और सदियों पुराने, बहुमुखी और सौहार्दपूर्ण संबंधों को और मजबूत करने के लिए बुधवार को चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर भारत जाएंगे। दिसंबर 2022 में कार्यभार संभालने के बाद यह उनकी पहली द्विपक्षीय विदेश यात्रा होगी। सूचना एवं संचार मंत्री रेखा शर्मा ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री 'प्रचंड' की आधिकारिक भारत यात्रा की तैयारी अंतिम चरण में पहुंच गई है। सोमवार को होने वाली मंत्रिपरिषद की बैठक में यात्रा के एजेंडे को अंतिम रूप दिया जाएगा।'' उन्होंने कहा कि विभिन्न मंत्रालय यात्रा के लिए एजेंडा तैयार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली में प्रधानमंत्री की द्विपक्षीय वार्ता के दौरान ऊर्जा सहयोग से लेकर सीमा मुद्दे तक के विषय उठेंगे।'' उनके सहयोगियों के अनुसार, प्रधानमंत्री प्रचंड ने रविवार को पूर्व प्रधानमंत्रियों झालानाथ खनल, के पी शर्मा ओली, बाबूराम भट्टराई और शेर बहादुर देउबा से अलग-अलग मुलाकात की और भारत की अपनी आगामी यात्रा से संबंधित मामलों पर चर्चा की। इसी तरह, प्रधानमंत्री ने लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष महंत ठाकुर, राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के अध्यक्ष रवि लामिछाने और पूर्व विदेश मंत्रियों भेश बहादुर थापा, प्रकाश चंद्र लोहानी और बिमला राय पौडेल सहित अन्य लोगों के साथ भी विचार-विमर्श किया। सूत्रों ने बताया कि इस बीच, विशेषज्ञों ने प्रधानमंत्री को सलाह दी है कि वह ऊर्जा सहयोग, आर्थिक मुद्दों, कृषि उत्पादों सहित नेपाली सामानों के लिए भारतीय बाजार तक आसान पहुंच और व्यापार घाटे से जुड़े मुद्दों को उठाएं। प्रचंड (68) के साथ उनकी बेटी गंगा दाहाल भी होंगी। वह मंत्रियों, सचिवों और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। वह एक जून को मोदी के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता करेंगे। वार्ता के बाद दोनों प्रधानमंत्रियों की एक संयुक्त प्रेस वार्ता होगी। भारत के लिए नेपाल इस क्षेत्र में उसके समग्र रणनीतिक हितों के संदर्भ में महत्वपूर्ण है और दोनों देशों के नेता अक्सर सदियों पुराने "रोटी बेटी" संबंध का उल्लेख करते आए हैं।
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इस्लामाबाद. पाकिस्तान के गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में शनिवार को हिमस्खलन की घटना में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई और 25 अन्य घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। उसने बताया कि गिलगित-बाल्टिस्तान के अस्तोर जिले के शंटर टॉप इलाके में हुए हिमस्खलन में जान गंवाने वाले 10 लोगों में तीन महिलाएं शामिल हैं। उसने कहा, “स्थानीय लोगों की मदद से बचाव अभियान शुरू किया गया। बाद में पाकिस्तानी सेना के जवान भी बचाव अभियान में शामिल हो गए।” गिलगित-बाल्टिस्तान के प्रमुख सचिव मोहिउद्दीन वानी ने हिमस्खलन की घटना की पुष्टि की और कहा कि प्रभावित क्षेत्र में बचाव दल काम कर रहे हैं। गिलगित-बाल्टिस्तान के मुख्यमंत्री खालिद खुर्शीद खान ने हिमस्खलन में लोगों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने स्थानीय अधिकारियों को बचाव अभियान में तेजी लाने का निर्देश भी दिया।
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लंदन. ब्रिटेन में शिक्षकों के रिक्त पद भरने के लिए चलाए जा रहे एक विदेशी अभियान के तहत भारत उन देशों में शामिल है, जिसके गणित और विज्ञान के योग्य शिक्षकों को 10,000 पाउंड के ‘‘अंतरराष्ट्रीय पुनर्वास भुगतान'' के जरिये लुभाया जा रहा है। यह जानकारी ब्रिटिश मीडिया में प्रकाशित एक खबर से सामने आई है। समाचार पत्र ‘द टाइम्स' की खबर में कहा गया है कि इस साल भारत और नाइजीरिया जैसे देशों से गणित, विज्ञान और भाषा के सैकड़ों शिक्षकों को ब्रिटेन लाया जाएगा। खबर में यह भी कहा गया है कि इस अभियान का अन्य देशों और विषयों में भर्ती के संबंध में विस्तार करने की योजना है। शैक्षणिक वर्ष 2023-24 में प्रयोगिक तौर पर चलाया जा रहा ‘इंटरनेशनल रिलोकेशन पेमेंट्स' (आईआरपी) अभियान विदेशी शिक्षकों को ब्रिटेन में नौकरी की पेशकश करता है और इसके तहत वीजा, प्रवासन स्वास्थ्य अधिभार और अन्य स्थानांतरण खर्चे शामिल होते हैं। ब्रिटिश अधिकारी आगामी शैक्षणिक वर्ष में आईआरपी के तहत 300 से 400 शिक्षकों की भर्ती की उम्मीद करते हैं और अगर यह अभियान विदेशी कर्मचारियों को आकर्षित करने में सफल साबित होता है, तो इसे अन्य विषयों में भी लागू किया जा सकता है। ‘द टाइम्स' की खबर के अनुसार, शिक्षकों की संख्या बढ़ाने के प्रयास में ब्रिटिश सरकार ने एक विदेशी भर्ती पहल शुरू की है, जिसके तहत भारत, घाना, सिंगापुर, जमैका, नाइजीरिया, दक्षिण अफ्रीका और जिम्बाब्वे से गणित, विज्ञान और भाषा-शिक्षण योग्यता के शिक्षकों को ब्रिटेन में नौकरी की पेशकश की जा रही है। योग्य शिक्षकों के पास एक डिग्री, मान्यता प्राप्त शिक्षक-प्रशिक्षण योग्यता और कम से कम एक वर्ष का अनुभव होना चाहिए। ऐसे शिक्षकों को इंटरमीडिएट स्तर तक की अंग्रेजी बोलना आना भी अनिवार्य है।
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वाशिंगटन. पुरस्कार विजेता गैर-लाभकारी संगठन ‘सेवा इंटरनेशनल' ने स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित करने और अमेरिका में अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए एक अकादमी खोलने की योजना की घोषणा की है। ‘सेवा इंटरनेशनल' के अध्यक्ष अरुण कांकणी ने हाल में अटलांटा में संपन्न 17वें राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान कहा कि आपदा, राहत और स्वयंसेवी व सामुदायिक विकास से जुड़े संगठन सेवा इंटरनेशनल का लक्ष्य 2027 तक अपनी विकास रणनीति के तहत अपनी शाखाओं की संख्या 100 तक पहुंचाना और 250 से अधिक महिलाओं को संगठन में नेतृत्व वाली भूमिका प्रदान करना है। कांकणी ने इस महीने की शुरुआत में 130 से अधिक प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि संगठन अपने स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित करने के लिए एक “सेवा अकादमी” खोलने की योजना बना रहा है। उन्होंने, “संगठन सेवा कार्यक्रम के माध्यम से बड़े मेट्रो क्षेत्रों में आने वाले छोटे शहरों में शाखा खोलने पर ध्यान केंद्रित करने की भी योजना बना रहा है।” फिलहाल अमेरिका में सेवा इंटरनेशनल की 43 शाखाएं हैं।
- वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की शीर्ष भारतीय-अमेरिकी सहयोगी नीरा टंडन ने कहा कि व्हाइट हाउस अगले महीने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आधिकारिक राजकीय यात्रा की तैयारी में जुटा है और ‘‘अविश्वसनीय रूप से समृद्ध'' समुदाय वास्तव में भारत और अमेरिका दोनों के लिए एक संपत्ति है। भारतीय अमेरिकी समुदाय अमेरिकी आबादी का लगभग एक प्रतिशत हैं और कहा जाता है कि इस समुदाय की अमेरिका में विभिन्न जातीय समूहों के बीच प्रति व्यक्ति आय सबसे अधिक है। भारतीय समुदाय ने वर्षों से भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और इस तथ्य को राष्ट्रपति बाइडन सहित शीर्ष स्तर पर स्वीकार किया गया है। राष्ट्रपति जो बाइडन की वरिष्ठ सलाहकार 52 वर्षीय टंडन ने कहा, ‘‘एक चीज जो वास्तव में दोनों देशों के लिए संपत्ति है, वह है अमेरिका में अविश्वसनीय रूप से समृद्ध समुदाय। मैं उन संगठनों के साथ जुड़ी हुई हूं, जिन्होंने वास्तव में अमेरिका में समुदाय पर ध्यान केंद्रित किया है। भारतीय अमेरिकियों और यहां पैदा हुए पहली, दूसरी पीढ़ी के भारतीयों तथा भारत में जिनके परिवार हैं, उनके बीच समृद्ध संबंध हैं। यह इस रिश्ते के लिए एक प्रमुख संपत्ति है।''राष्ट्रपति की वरिष्ठ सलाहकार और स्टाफ सेक्रेटरी के रूप में शुक्रवार का दिन इस पद पर उनके कार्यकाल का आखिरी दिन था। सोमवार से टंडन व्हाइट हाउस की घरेलू नीति सलाहकार का पद संभालेंगी जो व्हाइट हाउस में उन्हें सबसे शक्तिशाली भारतीय अमेरिकियों में से एक बनाएगा। व्हाइट हाउस घरेलू नीति सलाहकार के रूप में वह पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एवं संयुक्त राष्ट्र में पूर्व अमेरिकी राजदूत सुजैन राइस की जगह लेंगी। टंडन ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री (नरेन्द्र) मोदी की राजकीय यात्रा को लेकर बहुत उत्साहित हूं।'' मोदी को राष्ट्रपति बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन ने 22 जून को राजकीय यात्रा के लिए आमंत्रित किया है। टं
- काठमांडू। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड' चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर बुधवार 31 मई को भारत की यात्रा पर जायेंगे। इस दौरान वह बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए अपने भारतीय समकक्ष नरेन्द्र मोदी और अन्य नेताओं के साथ बातचीत करेंगे। नेपाल के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी। दिसंबर 2022 में कार्यभार संभालने के बाद नेपाल के प्रधानमंत्री की यह पहली द्विपक्षीय विदेश यात्रा होगी। प्रचंड (68) के साथ उनकी बेटी गंगा दहल भी होंगी। वह प्रधानमंत्री मोदी के निमंत्रण पर भारत की यात्रा करेंगे। वह मंत्रियों, सचिवों और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री का राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से शिष्टाचार भेंट करने का कार्यक्रम है। बयान के अनुसार, प्रचंड एक जून को मोदी के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता करेंगे। इसके अनुसार वार्ता के बाद दोनों प्रधानमंत्रियों की एक संयुक्त प्रेस वार्ता होगी। बयान में कहा गया है कि कि मोदी नेपाल के अपने समकक्ष और उनके प्रतिनिधिमंडल के सम्मान में दोपहर के भोजन की मेजबानी करेंगे। इसमें कहा गया है, ‘‘नेपाल के प्रधानमंत्री के रूप में प्रधानमंत्री ‘प्रचंड' की यह चौथी भारत यात्रा है। यह यात्रा नेपाल और भारत के बीच सदियों पुराने, बहुमुखी और सौहार्दपूर्ण संबंधों को और मजबूत करेगी।'' बयान में कहा गया है कि प्रचंड भारत में नेपाल के राजदूत शंकर प्रसाद शर्मा द्वारा आयोजित स्वागत समारोह में भारत में नेपाली समुदाय के साथ बातचीत करेंगे। इसके अनुसार तीन जून को काठमांडू लौटने से पहले प्रधानमंत्री का मध्य प्रदेश के उज्जैन और इंदौर का दौरा करने का भी कार्यक्रम है।
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वाशिंगटन. अमेरिका के भारतीय मूल के सांसद रो खन्ना ने विश्वास जताया है कि प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष (स्पीकर) केविन मैक्कार्थी अमेरिकी कांग्रेस की संयुक्त बैठक को संबोधित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आमंत्रित करेंगे। मोदी को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन द्वारा अगले महीने आधिकारिक राजकीय यात्रा के लिए आमंत्रित किया गया है। ‘कांग्रेसनल इंडिया कॉकस' के सह-अध्यक्ष के रूप में खन्ना ने मंगलवार को मैक्कार्थी को पत्र लिखकर आग्रह किया कि वह मोदी को अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करने के लिए आमंत्रित करें। मैक्कार्थी के साथ बुधवार को एक बैठक के बाद खन्ना ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि अध्यक्ष संयुक्त सत्र को संबोधित करने के लिए मोदी को निमंत्रण देंगे। संबोधन की तारीखों को अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है।
दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यून सुक येओल ने 27 अप्रैल, 2023 को कांग्रेस की संयुक्त बैठक को संबोधित किया था। अमेरिकी राष्ट्रपति और प्रथम महिला मोदी के सम्मान में 22 जून को राजकीय रात्रिभोज का आयोजन करेंगे। -
लंदन. मैसूर के 18वीं सदी के शासक टीपू सुल्तान के निजी कक्ष से मिली तलवार ने लंदन में बोनहम्स के लिए भारतीय वस्तुओं की नीलामी के सभी रिकॉर्ड को तोड़ दिए हैं। यह इस सप्ताह हुई इस्लामी एवं भारतीय कला बिक्री में 1.4 करोड़ पौंड (जीबीपी) में बिकी है। वर्ष 1782 से 1799 तक शासन करने वाले टीपू सुल्तान की तलवार को ‘सुखेला'- सत्ता का प्रतीक कहा जाता है। तलवान स्टील की है और इस पर सोने से बेहतरीन नक्काशी की गई है। यह टीपू सुल्तान के निजी कक्ष में मिली थी और ईस्ट इंडिया कंपनी ने हमले में उनके साहस और आचरण के प्रति अपने उच्च सम्मान के प्रतीक के तौर पर जनरल डेविड बेयर्ड को भेंट की गयी थाी। इस हमले में टीपू सुल्तान की मौत हो गई थी जिन्हें ‘टाइगर ऑफ मैसूर' के नाम से जाना जाता है। यह हमला मई 1799 में हुआ था। बोनहम्स के इस्लामी और भारतीय कला के प्रमुख और नीलामकर्ता ओलिवर व्हाइट ने मंगलवार को बिक्री से पहले एक बयान में कहा था कि यह शानदार तलवार टीपू सुल्तान से जुड़े उन सभी हथियारों में सबसे बेहतरीन है जो आज भी निजी हाथों में है। उन्होंने कहा कि सुल्तान का इसके साथ घनिष्ठ व्यक्तिगत जुड़ाव था और इसका उत्कृष्ट शिल्प कौशल इसे अद्वितीय और अत्यधिक वांछनीय बनाता है। तलवार का मूल्य जीबीपी 1,500,000 और 2,000,000 के बीच था लेकिन इसे अनुमानित तौर पर 14,080,900 में बेचा गया। इस्लामी एवं भारतीय कला की समूह प्रमुख नीमा सागरची ने कहा कि तलवार का असाधारण इतिहास और बेजोड़ शिल्प कौशल है। उन्होंने कहा कि फोन के जरिए दो लोगों ने जबकि कक्ष में मौजूद एक व्यक्ति ने बोली लगाई और उनके बीच गर्मजोशी से मुकाबला हुआ। मई 1799 में टीपू सुल्तान का शाही गढ़ श्रीरंगपट्ट्नम तबाह होने के बाद उनके महल से कई हथियारों को हटाया गया था। इसमें कुछ हथियार उनके बेहद करीब थे। सोहलवीं शताब्दी में भारत में पेश किए गए जर्मन ब्लेड के मॉडल के बाद मुगल तलवार निर्माताओं ने इसे बनाया था और इसकी मूठ पर सोने से कैलिग्रफी हुई है और अल्लाह का गुणगान किया गया है।
- सिडनी। ऑस्ट्रेलिया के विपक्ष के नेता पीटर डटन ने बुधवार को यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। भारतीय प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि मोदी ने भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी को प्राप्त मजबूत द्विदलीय समर्थन की सराहना की। पीएमओ के मुताबिक, विपक्ष के नेता के साथ हुई चर्चा में लोगों के बीच संबंध सहित द्विपक्षीय साझेदारी के विभिन्न पहलुओं पर भी विचार-विमर्श किया गया। इस दौरान क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर भी चर्चा हुई। प्रधानमंत्री मोदी राजकीय अतिथि के रूप में 22-24 मई तक ऑस्ट्रेलिया की यात्रा पर हैं।मोदी ने बुधवार को अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष एंथनी अल्बनीज से द्विपक्षीय वार्ता की। इससे पहले मंगलवार को उन्होंने प्रवासी भारतीयों के एक कार्यक्रम को भी संबोधित किया था। अपनी यात्रा के दौरान मोदी ने ऑस्ट्रेलिया की कई गणमान्य हस्तियों से भी मुलाकात की।
- सिडनी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर जनरल डेविड हर्ले से मुलाकात की। इस दौरान, दोनों नेताओं ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के लोगों के बीच संपर्क और लंबे समय से जारी द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज के साथ व्यापक बातचीत के बाद मोदी ने हर्ले से मुलाकात की।अल्बनीज के साथ बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने व्यापार, निवेश, रक्षा और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों के अलावा समग्र द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करने पर चर्चा की। भारतीय विदेश मंत्रालय ने ट्वीट किया, “सिडनी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर जनरल हर्ले के बीच वार्ता हुई। दोनों नेताओं ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के लोगों के बीच संपर्क और लंबे समय से चली आ रही द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की।” मोदी ने भी कहा कि हर्ले से मिलकर उन्हें बेहद खुशी हुई।मोदी ने ट्वीट किया, “गवर्नर जनरल डेविड हर्ले से मिलकर और भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों पर चर्चा करके प्रसन्नता हुई। हमारे राष्ट्रों के बीच मजबूत संबंध एक बेहतर दुनिया के निर्माण में योगदान देंगे।” मोदी ने मंगलवार को ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के साथ कुडोस बैंक एरिना में प्रवासी भारतीयों के एक कार्यक्रम को संबोधित किया था। इस दौरान, मोदी और अल्बनीज दोनों ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में ऑस्ट्रेलिया में बसे भारतीय प्रवासियों के योगदान की सराहना की थी।
- वाशिंगटन। ‘कांग्रेशनल इंडिया कॉकस' के सह अध्यक्षों ने प्रतिनिधिसभा के अध्यक्ष केविन मैक्कार्थी से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उनकी आगामी राजकीय यात्रा के दौरान अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करने के लिए आमंत्रित करने का मंगलवार को आग्रह किया। डेमोक्रेटिक पार्टी से भारतीय-अमेरिकी सांसद रो खन्ना और रिपब्लिकन पार्टी के सांसद माइकल वाल्ट्ज ने मैक्कार्थी को लिखे पत्र में कहा, ‘‘ अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी व साझा मूल्यों के महत्व को रेखांकित करते हुए हम आपसे सम्मानपूर्वक अनुरोध करते हैं कि आप कांग्रेस में एक संयुक्त सत्र के लिए प्रधानमंत्री मोदी को आमंत्रित करने पर विचार करें। '' उन्होंने कहा, ‘‘ 22 जून को (अमेरिका के) राष्ट्रपति जो बाइडन, प्रधानमंत्री मोदी की आधिकारिक राजकीय यात्रा और राजकीय रात्रिभोज की मेजबानी करेंगे।'' दोनों सांसदों ने अमेरिका और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और कांग्रेस के संयुक्त सत्र के जरिए साझेदारी बढ़ाने के महत्व को भी रेखांकित किया। अगर मैक्कार्थी, प्रधानमंत्री मोदी को आमंत्रित करते हैं तो यह कांग्रेस के संयुक्त सत्र में उनका दूसरा संबोधन होगा। इसके बाद वह विश्व के उन कुछ नेताओं में शामिल हो जाएंगे जिन्हें अमेरिकी सांसदों को दो बार संबोधित करने का अवसर मिला है।
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सिडनी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि आज भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों की सबसे मजबूत और सबसे बड़ी नींव ‘परस्पर विश्वास व परस्पर सम्मान' है और इसका श्रेय ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले हर एक प्रवासी भारतीय और ऑस्ट्रेलिया के नागरिकों को जाता है। अपने ऑस्ट्रलियाई समकक्ष एंथनी अल्बनीज की मौजूदगी में प्रधानमंत्री मोदी ने यहां के कूडोस बैंक एरिना में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते ब्रिस्बेन में भारतीय वाणिज्य दूतावास खोले जाने की भी घोषणा की। इस कार्यक्रम में समूचे ऑस्ट्रेलिया से आए, करीब 21000 लोग मौजूद थे। इस दौरान उत्साहित लोगों ने 'मोदी-मोदी' के नारे भी लगाएं। ‘नमस्ते ऑस्ट्रेलिया' के संबोधन से अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए मोदी ने कहा कि एक समय था जब भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों की व्याख्या ‘ट्रिपल सी' यानी कॉमनवेल्थ (राष्ट्रमंडल), क्रिकेट और करी से होती थी और उसके बाद कहा गया कि दोनों देशों के संबंध ‘थ्री डी' पर आधारित हैं यानी डेमोक्रेसी (लोकतंत्र), डायस्पोरा (प्रवासी) और दोस्ती। मोदी ने कहा कि कुछ लोगों ने यह भी कहा कि भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंध ‘थ्री ई' यानी एनर्जी (ऊर्जा), इकोनॉमी (अर्थव्यस्था) और एजुकेशन (शिक्षा) पर आधारित हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कभी ‘सी' कभी ‘डी' और कभी ‘ई'। भारत और ऑस्ट्रेलिया के ऐतिहासिक संबंधों का विस्तार इससे कहीं ज्यादा बड़ा है। सच्चाई यह है कि दोनों देशों के संबंधों की वास्तविक गहराई सी डी और ई से परे है।'' उन्होंने कहा, ‘‘इस रिश्ते की सबसे मजबूत और सबसे बड़ी नींव वास्तव में परस्पर विश्वास और परस्पर सम्मान है और यह सिर्फ भारत-ऑस्ट्रेलिया के कूटनीतिक रिश्तों से विकसित नहीं हुआ है। इसकी असली वजह है ऑस्ट्रेलिया में रहने वाला हर एक भारतीय...इसकी असली वजह हैं ऑस्ट्रेलिया के ढाई करोड़ से ज्यादा नागरिक।'' मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच भौगोलिक दूरी जरूर है, लेकिन हिंद महासागर इन्हें आपस में जोड़ता है, जीवनशैली भले अलग-अलग हों पर अब योग भी इन्हें जोड़ता है। उन्होंने कहा कि क्रिकेट से तो दोनों देश ना जाने कब से जुड़े हुए हैं, लेकिन अब टेनिस और फिल्में भी इन्हें जोड़ रही हैं। मोदी ने कहा कि जब ऑस्ट्रेलियाई स्पिन गेंदबाज शेन वार्न का निधन हुआ तो लाखों भारतीय भी दुखी थे। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) द्वारा भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था का चमकता सितारा बताए जाने का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि विश्व बैंक के अनुसार अगर कोई देश वैश्विक चुनौतियों का सामना कर रहा है तो वह भारत है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने सबसे चुनौतीपूर्ण समय में भी रिकॉर्ड निर्यात किया है।'' उन्होंने कहा कि भारत के पास क्षमता की कोई कमी नहीं है और संसाधनों की भी कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘आज, जिस देश में दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे कम उम्र की प्रतिभा का कारखाना है... वह भारत है।'' प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर ऑस्ट्रेलिया के शहर ब्रिस्बेन में भारतीय वाणिज्य दूतावास खोले जाने और आने वाले दिनों में दोनों देशों के प्रमुख शहरों के बीच विमानों की संख्या बढ़ाए जाने की भी घोषणा की। मोदी ने कहा, सामुदायिक कार्यक्रम में भारतीय प्रवासियों के साथ जुड़ना बेहद खुशी की बात है।
उन्होंने कहा, ‘‘आज मैं आपके पास आया हूं, तो एक घोषणा भी करने जा रहा हूं। ब्रिस्बेन में भारतीय समुदाय की बहुत समय से जो मांग थी, उसे पूरा किया जाएगा। जल्द ही ब्रिस्बेन में भारत का एक वाणिज्य दूतावास खोला जाएगा।'' उन्होंने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया की गहरी होती साझेदारी प्रत्येक भारतीय को सशक्त करेगी, क्योंकि उनके पास प्रतिभा और कौशल की ताकत है और साथ ही अपने सांस्कृतिक मूल्य भी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह मूल्य आपको ऑस्ट्रेलिया के लोगों के साथ घुल मिलकर रहने में बड़ी भूमिका निभाते हैं।'' मोदी ने सिडनी के उपनगर ‘लिटिल इंडिया' की आधारशिला रखने में उनका समर्थन करने के लिए अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष अल्बनीज को धन्यवाद दिया। हैरिस पार्क को ‘लिटिल इंडिया' घोषित करने की घोषणा ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री अल्बनीज ने सामुदायिक कार्यक्रम में मोदी का स्वागत करते हुए की। हैरिस पार्क पश्चिमी सिडनी में एक केंद्र है, जहां भारतीय समुदाय दिवाली और ऑस्ट्रेलिया दिवस जैसे त्योहार और कार्यक्रम मनाता है। मोदी ने सामुदायिक कार्यक्रम के दौरान कहा, धन्यवाद मेरे दोस्त एंथनी।'
उन्होंने कहा, 'मैं न्यू साउथ वेल्स के प्रीमियर, पेरामेटा शहर के मेयर और उप मेयर और पार्षदों को इस विशेष सम्मान के लिए धन्यवाद देता हूं।'' प्रधानमंत्री मोदी ने ऑस्ट्रेलिया में रह रहे प्रवासी भारतीयों को भारत का ‘सांस्कृतिक दूत' और भारत का ‘ब्रांड एंबेसडर' करार दिया और उनसे आग्रह किया कि वह जब भी अपने वतन आएं किसी न किसी अपने ऑस्ट्रेलियाई मित्र को साथ जरूर लेकर आएं। उन्होंने कहा, ‘‘इससे उन्हें भारत को समझने और जानने का और ज्यादा बेहतर मौका मिलेगा।
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बैंकॉक. उत्तरी थाइलैंड में आंधी के कारण एक स्कूल की छत गिरने से सोमवार को चार बच्चों समेत सात लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। बैंकॉक से 300 किलोमीटर उत्तर में स्थित फिचित प्रांत के जन संपर्क कार्यालय के अनुसार, यह हादसा वाट नेर्न पोर प्राथमिक स्कूल में हुआ। सोमवार देर रात को अस्पताल में भर्ती छह साल के लड़के की मौत होने के बाद मृतकों की संख्या बढ़ गई। आधिकारिक आपदा रोकथाम विभाग के एक फेसबुक पोस्ट के मुताबिक, बारिश से बचने के लिए कई छात्रों ने स्कूल परिसर के गतिविधि केंद्र में शरण ले रखी थी, तभी छत गिर गई, जिससे 18 लोग घायल हो गए। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्रांतीय जनसंपर्क विभाग के स्टाफ सदस्य पतचरीन सिरी ने बताया कि हादसे में जान गंवाने वाले लोगों में चार छात्र, दो अभिभावक और स्कूल का एक सफाई कर्मी शामिल हैं। मौसम विज्ञान विभाग ने उत्तरी थाइलैंड में इस सप्ताह भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की है।
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पोर्ट मोरेस्बी. फिजी के प्रधानमंत्री सित्विनी राबुका ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सोमवार को अपने देश के सर्वोच्च सम्मान ‘कम्पैनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी' से नवाजा। प्रधानमंत्री मोदी के वैश्विक नेतृत्व के लिए उन्हें यह सम्मान दिया गया है। फिजी के सर्वोच्च सम्मान से किसी अन्य देश के व्यक्ति को दुर्लभ ही सम्मानित किया जाता है।
मोदी द्विपक्षीय संबंधों में सुधार करने के मकसद से भारत एवं 14 प्रशांत द्वीप देशों के अहम शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए रविवार को पापुआ न्यू गिनी पहुंचे थे। प्रधानमंत्री मोदी के कार्यालय ने कहा, ‘‘भारत के लिए बड़े सम्मान की बात। मोदी को फिजी के प्रधानमंत्री ने फिजी के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा। उन्हें उनके वैश्विक नेतृत्व के लिए ‘कम्पैनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी' से सम्मानित किया गया। आज तक फिजी के बाहर के कुछेक लोगों को ही इससे सम्मानित किया गया है।'' विदेश मंत्रालय ने ट्वीट करके कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के लोगों और फिजी-भारतीय समुदाय की पीढ़ियों को यह सम्मान समर्पित किया, जिन्होंने दोनों देशों के बीच विशेष और स्थिर संबंध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मोदी ने हिंद-प्रशांत द्वीप सहयोग मंच (एफआईपीआईसी) के इतर राबुका से भी मुलाकात की।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘फिजी के प्रधानमंत्री राबुका से मिलकर खुशी हुई। हमने विभिन्न विषयों पर अच्छी बातचीत की। भारत और फिजी के संबंध समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं। हम आगामी वर्षों में इन्हें और मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने को लेकर उत्सुक हैं।'' -
मनीला (फिलीपीन). फिलीपीन की राजधानी मनीला में बीती रात एक ऐतिहासिक डाकघर की इमारत में भीषण आग लग गई जिससे 97 साल पुराना यह डाकघर जलकर खाक हो गया और हादसे में एक व्यक्ति मामूली रूप से झुलस गया। पुलिस और डाक अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। अग्निशमन अधिकारियों ने बताया कि आग पांच मंजिला इमारत के भूतल में आधी रात से पहले लगी थी और सात घंटे की कड़ी मश्क्कत के बाद इस पर सोमवार को सुबह काबू पाया गया। अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल आग लगने के कारण और इस घटना में हुए नुकसान का पता लगाया जा रहा है।
मनीला का यह केंद्रीय डाकघर राजधानी के सबसे व्यस्त कार्यालय भवनों में से एक था। आग लगने के बाद इसे बंद कर दिया गया है। फिलिपीन में डाक सेवा स्पेन के औपनिवेशिक काल के दौरान हुई थी जब घुड़सवार डाकिये डाक बांटते थे।
जो डाक घर आग लगने से नष्ट हुआ है उसका निर्माण 1926 में हुआ था। ऊंचे खंभों वाली यह परंपरागत प्राचीन शैली की इमारत दूसरे विश्व युद्ध के दौरान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी और 1946 में इसका पुन:निर्माण किया गया। -
वॉशिंगटन. राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा फिर से चुनाव प्रचार शुरू किए जाने के बीच अर्थव्यवस्था को संभालने की उनकी क्षमता पर देश के लोगों को अधिक भरोसा नहीं है। एक सर्वे में यह तथ्य सामने आया है। एसोसिएटेड प्रेस-एनओआरसी सेंटर फॉर पब्लिक अफेयर्स रिसर्च के एक ताजा सर्वे में सिर्फ 33 प्रतिशत व्यस्क अमेरिकियों ने बाइडन के अर्थव्यवस्था को संभालने के तरीके पर सहमति जताई। वहीं सिर्फ 24 प्रतिशत का मानना था कि देश की आर्थिक परिस्थितियों बेहतर स्थिति में हैं। बाइडन पर अमेरिकियों की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय आई है जबकि अमेरिकी सरकार के ऋण चूक को लेकर चिंता बनी हुई है, मुद्रास्फीति ऊंचे स्तर पर है और आवास बाजार संकट में है। आव्रजन और हालिया गोलीबारी की घटनाओं जैसे मुद्दों पर भी बाइडन के प्रदर्शन से सिर्फ 31 प्रतिशत अमेरिकी संतुष्ट हैं। वहीं 40 प्रतिशत लोगों का कहना है कि वे बाइडन के अपना काम करने के तरीके से संतुष्ट हैं। जोई मॉस्क्वेडा (24) जो किसी राजनीतिक दल से संबंध नहीं रखतीं, ने कहा कि उनका परिवार अपना पहला घर खरीदने की तैयारी कर रहा है, लेकिन अब औसत आवास ऋण दर करीब 6.9 प्रतिशत है। ऐसे में घर का सपना फिलहाल पूरा करना संभव नहीं है। वेस्ट टेक्सास की एक महिला ने कहा कि बाइडन ने अपने चुनाव प्रचार में एक भेदभावरहित आव्रजन नीति का वादा किया था, लेकिन वह इसपर खरे नहीं उतरे हैं। एलन, टेक्सास मॉल में इस महीने हुई गोलीबारी सहित देशभर में हाल में कई ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। इस महिला ने कहा कि बाइडन और सांसदों को इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए अधिक बेहतर तरीके से काम करना चाहिए। डेमोक्रेट में भी सिर्फ आधे लोग बाइडन की आव्रजन और हिंसक घटनाओं से निपटने के तरीके पर सहमत नजर आए।
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हिरोशिमा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति इनासियो लूला डा सिल्वा के साथ रविवार को विविधि विषयों पर सार्थक वार्ता की, जिसमें उन्होंने खासकर रक्षा उत्पादन, व्यापार और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्रों में द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की। मोदी और लूला ने हिरोशिमा में जी-7 देशों के शिखर सम्मेलन से इतर यह बैठक की। ब्राजील के नेता के तीसरी बार राष्ट्रपति चुने जाने के बाद दोनों नेताओं की यह पहली बैठक है। विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने इस वर्ष अपने राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ को याद किया। दोनों नेताओं ने रक्षा उत्पादन, कारोबार, फार्मा, कृषि, डेयरी और पशुपालन, जैव ईंधन एवं स्वच्छ ऊर्जा सहित अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के रास्तों पर चर्चा की तथा सामरिक संबंधों की समीक्षा की। दोनों नेताओं ने अपने देशों के कारोबारियों की उच्च-स्तरीय बैठकें आयोजित करने की जरूरत को भी रेखांकित किया। बयान के अनुसार, दोनों राजनेताओं ने क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने बहुपक्षीय मंचों पर निरंतर सहयोग के महत्व और बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार की लंबे समय से चली आ रही आवश्यकता पर बल दिया। इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री इस वर्ष सितंबर में जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत में राष्ट्रपति लूला का स्वागत करने के प्रति आशान्वित हैं। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा के साथ उपयोगी और व्यापक वार्ता हुई। भारत और ब्राजील व्यापारिक संबंधों को गहरा करने पर काम करते रहेंगे। हमने कृषि, रक्षा एवं अन्य क्षेत्रों में विविध तरीकों से सहयोग करने पर भी चर्चा की।'' विदेश मंत्रालय ने ट्वीट किया, ‘‘मित्रता के बंधन को मजबूत करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा से हिरोशिमा में मुलाकात की। भारत और ब्राजील के बीच खासकर रक्षा निर्माण, व्यापार, औषधि, कृषि, डेयरी एवं पशुपालन और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्रों में रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की गई।'' मंत्रालय ने बताया कि दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय विकास और विभिन्न मंचों पर सहयोग बढ़ाने को लेकर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।
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हिरोशिमा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपने ब्रिटिश समकक्ष ऋषि सुनक के साथ बातचीत के दौरान भारत-ब्रिटेन एफटीए वार्ता में प्रगति सहित द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा की। मोदी ने जापान के हिरोशिमा शहर में जी-7 देशों के शिखर सम्मेलन से इतर सुनक से मुलाकात की। इस दौरान, दोनों नेताओं ने व्यापार एवं निवेश और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी जैसे व्यापक क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति भी जताई। मोदी ने ट्वीट किया, “प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के साथ मुलाकात बहुत सार्थक रही। हमने व्यापार, नवोन्मेष, विज्ञान और ऐसे अन्य क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।” विदेश मंत्रालय ने ट्वीट किया, “व्यापक रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हिरोशिमा में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के साथ सार्थक बातचीत की। दोनों नेताओं ने भारत-ब्रिटेन के बीच एफटीए (मुक्त व्यापार समझौता) से जुड़ी वार्ताओं में हुई प्रगति का जायजा लेने के साथ-साथ द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा की।” मंत्रालय ने कहा कि मोदी और सुनक ने व्यापार एवं निवेश, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, उच्च शिक्षा और दोनों देशों के नागरिकों के बीच परस्पर संबंधों जैसे व्यापक क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने पर सहमति व्यक्त की। विदेश मंत्रालय ने कहा कि मोदी और सुनक ने भारत की जी-20 अध्यक्षता पर भी चर्चा की। उसने कहा कि मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए सुनक का नयी दिल्ली में स्वागत करने की उत्सुकता जताई। भारत और ब्रिटेन पिछले साल जनवरी से एफटीए पर बातचीत कर रहे हैं, जिसका मकसद एक ऐसे व्यापक समझौते पर सहमति बनाना है, जिससे दोनों देशों के बीच 2022 में अनुमानित 34 अरब पाउंड के द्विपक्षीय व्यापार संबंधों में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है। दोनों देशों के बीच भारत-ब्रिटेन एफटीए के नौवें दौर की वार्ता पिछले महीने कई नीतिगत क्षेत्रों में विस्तृत चर्चा के साथ संपन्न हुई। हाल ही में एफटीए के लिए ब्रिटेन के मुख्य वार्ताकार हरजिंदर कांग को मुंबई में दक्षिण एशिया में देश का नया व्यापार आयुक्त और पश्चिमी भारत का उप-उच्चायुक्त नियुक्त किया गया है। ब्रिटिश सरकार के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, भारत 2022 की तीसरी तिमाही के अंत में बीती चार तिमाहियों में ब्रिटेन का 12वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था। दोनों देशों के बीच हुआ व्यापार ब्रिटेन के कुल व्यापार का 2.1 प्रतिशत था। बातचीत से पहले मोदी और सुनक ने एक-दूसरे को गले लगाया।
मोदी अपने जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा के निमंत्रण पर जी-7 शिखर सम्मेलन के तीन सत्रों में हिस्सा लेने के लिए शुक्रवार को हिरोशिमा पहुंचे थे। -
काठमांडू. नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल "प्रचंड" ने शनिवार को कहा कि नेपाल ने इस बार की उनकी भारत यात्रा के लिए "अच्छी तैयारी" की है और यह द्विपक्षीय संबंधों में "नया इतिहास" लिखेगा। प्रचंड का भारत दौरा कई कारणों से तीन बार टल चुका है।
सीपीएन-माओवादी सेंटर के 68 वर्षीय नेता दाहाल के पिछले साल दिसंबर में तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत की यह यात्रा उनकी पहली विदेश यात्रा होगी। उन्होंने कहा, ‘‘हमने इस बार भारत की यात्रा के लिए अच्छी तैयारी की है। भारत ने भी यात्रा के लिए गंभीर तैयारियां की हैं, ऐसा मैं महसूस करता हूं।'' प्रचंड ने नेपाल के एक प्रमुख समाचार पत्र ‘कांतिपुर डेली' से बातचीत के दौरान कहा, ‘‘इस बार मैं इस विश्वास के साथ भारत की यात्रा कर रहा हूं कि एक नया इतिहास रचा जाएगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘इस बार, मुझे विश्वास है, नेपाल यात्रा से कुछ नया हासिल होगा। मेरा मानना है कि नेपाल-भारत संबंधों को एक नई ऊंचाई पर ले जाया जाएगा। नेपाल और भारत दोनों के लिए, यात्रा द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और आर्थिक सहयोग के नए क्षेत्रों का पता लगाने का अवसर प्रदान करेगी।'' समाचार पत्र ने विदेश मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से कहा कि प्रधानमंत्री के 31 मई को भारत की चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर जाने की संभावना है। हालांकि, प्रस्तावित यात्रा की तारीख और यात्रा कार्यक्रम की अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।
‘‘प्रचंड'' से जब यह पूछा गया कि तीसरी बार प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद उन्होंने सबसे पहले भारत की यात्रा करने का विकल्प क्यों चुना, तो उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि पहले भारत जाने की कोई कानूनी या राजनीतिक बाध्यता नहीं है, लेकिन ऐसा करने की परंपरा है, क्योंकि हमारे बीच एक खुली सीमा है और हमारे संबंध आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक निकटता और दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क के कारण अनोखे हैं।'' हालांकि, प्रचंड ने 2008 में प्रधानमंत्री के तौर पर अपने पहले कार्यकाल के दौरान ‘‘पहले चीन का दौरा करके परंपरा को तोड़ा था।'' उन्होंने कहा, ‘‘कुछ समय पहले यात्रा के लिए तैयारियां की जा रही थीं, लेकिन (भारतीय पक्ष की ओर से) वहां चुनाव के कारण यात्रा को कुछ समय के लिए स्थगित करने का अनुरोध किया गया था। इसके बाद मैंने उनसे कहा कि वित्त मंत्री द्वारा 29 मई को बजट पेश करने से पहले यात्रा करना संभव नहीं होगा।'' हिंदू धर्म को बढ़ावा देने के लिए कुछ नेपाली नेताओं को भाजपा द्वारा धन मुहैया कराने के संबंध में मीडिया की खबरों से जुड़े सवाल के जवाब में, प्रचंड ने कहा कि यह एक बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है। प्रचंड ने कहा, ‘‘सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और ऐसे में जब भारत की यात्रा होने वाली है, मुझे लगता है कि इस संबंध में नयी दिल्ली के साथ किसी तरह की आम सहमति बनाने की जरूरत है।'' - काठमांडू. नेपाल में स्थित दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एवरेस्ट को कम से कम चार भारतीय पर्वतारोहियों ने बुधवार को फतह किया। आयोजकों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। अभियान का आयोजन करने वाले ‘सटोरी एडवेन्चर' के प्रबंध निदेशक ऋषि भंडारी ने बताया कि यशी जैन (25), मिथिल राजू (17), सुनील कुमार (32) और पांखी हरिश छेद (32) ने 8,848.86 मीटर ऊंचे पर्वत की चोटी पर चढ़ाई की। भंडारी के मुताबिक, उनमें सुनील और यशी ने बृहस्पतिवार को चौथी सबसे ऊंची चोटी ल्होत्से पर भी सफलतापूर्वक चढ़ाई की। माउंट एवरेस्ट फतह करने के 23 घंटे बाद सुनील ल्होत्से के शीर्ष पर पहुंचे। इसी तरह एवरेस्ट को सफलतापूर्वक फतह करने के 26 घंटे बाद यशी ने ल्होत्से पर चढ़ाई की। ल्होत्से दुनिया की चौथी सबसे ऊंची चोटी है जिसकी ऊंचाई 8,516 मीटर है जबकि एवरेस्ट दुनिया की सबसे ऊंची चोटी है। पांच विदेशियों सहित 19 पर्वतारोही इस सप्ताह के अंत में दुनिया की सबसे ऊंचे पर्वत के शिखर पर पहुंचे। दुनिया के 10 सबसे ऊंचे पर्वतों में से आठ नेपाल में हैं।
- लंदन।ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के अंतिम संस्कार में सरकार को अनुमानित 16.2 करोड़ पाउंड (लगभग 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर) का खर्च आया। वित्त विभाग ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। महारानी का पिछले साल 19 सितंबर को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया था, जो 1965 में पूर्व प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल के अंतिम संस्कार के बाद देश में पहला मामला था। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का आठ सितंबर, 2022 को निधन हो गया था। महारानी के निधन के बाद 10 दिन का राष्ट्रीय शोक रखा गया था और उनके अंतिम संस्कार में कई देशों के नेताओं और गणमान्य लोगों ने भाग लिया था। संसद में बृहस्पतिवार को वित्त विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता थी कि अंतिम संस्कार का आयोजन सुचारू रूप से गरिमा के साथ किया जाए और इस दौरान जनता की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाए।
- वाशिंगटन। अगले पांच साल में तीन में से दो अवसर ऐसे होंगे जब दुनिया अस्थायी रूप से जलवायु परिवर्तन के सबसे बुरे प्रभावों को सीमित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत वैश्विक तापमान सीमा तक पहुंच जाएगी। यह पूर्वानुमान विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने व्यक्त किया है।वैज्ञानिकों को लगता है कि अल नीनो से गर्मी का एक अस्थायी विस्फोट कोयले, तेल और गैस के जलने से मानव-जनित गर्मी को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा और फिर इसमें थोड़ी कमी आएगी। वर्ष 2015 के पेरिस जलवायु समझौते में वैश्विक औसत तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। साल 2018 की संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने कहा कि उस बिंदु से आगे जाकर अधिक मृत्यु, विनाश और वैश्विक पारिस्थितिक तंत्र को नुकसान के साथ स्थिति खतरनाक रूप से अलग होगी। लेकिन जलवायु वैज्ञानिकों ने कहा कि अगले पांच वर्षों में जो होने की संभावना है वह वैश्विक लक्ष्य को विफल करने जैसा नहीं है। डब्ल्यूएमओ के महासचिव पेटेरी टालस ने एक बयान में कहा, ‘‘इस रिपोर्ट का मतलब यह नहीं है कि हम पेरिस समझौते में निर्दिष्ट 1.5 डिग्री सेल्सियस के स्तर को स्थायी रूप से पार कर लेंगे जो अनेक वर्षों में दीर्घकालिक गर्मी को संदर्भित करता है। डब्ल्यूएमओ की चेतावनी यह है कि हम बढ़ती आवृत्ति के साथ अस्थायी आधार पर 1.5 डिग्री सेल्सियस के स्तर को पार कर लेंगे।'' ब्रिटेन के मौसम विभाग में जलवायु वैज्ञानिक लियोन हर्मनसन ने कहा, ‘‘एक साल का वास्तव में कोई मतलब नहीं है। वैज्ञानिक आम तौर पर 30 साल के औसत का उपयोग करते हैं।'' (सांकेतिक फोटो)
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लंदन। ‘ग्लोबल टीचर प्राइज' के रूप में 10 लाख अमेरिकी डॉलर का पुरस्कार जीतने वाले रंजीतसिंह दिसाले ने बुधवार को प्रेरक भारतीय शिक्षकों से इस वार्षिक पुरस्कार के 2023 के संस्करण के लिए आवेदन करने को कहा है। गौरतलब है कि दुनिया के किसी भी हिस्से में नवोन्मेषी और प्रभावशाली शिक्षण उपलब्धियों के लिए शिक्षकों को 10 लाख अमेरिकी डॉलर का यह वार्षिक पुरस्कार दिया जाता है। इतना ही नहीं, ‘ग्लोबल टीचर प्राइज' 2020 के विजेता ने अभिभावकों और छात्रों से भी आग्रह किया है कि वे अपना जीवन बदलने वाले शिक्षकों को इस पुरस्कार के लिए नामित करें। दिसाले को महाराष्ट्र के परीतेवाड़ी गांव के जिला परिषद प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाली लड़कियों का जीवन बदलने के लिए यह पुरस्कार दिया गया। पुरस्कार पाने के बाद से दिसाले तमाम बड़े नीति निर्माताओं से मिले हैं और विश्व बैंक को भी सलाह दी है। दिसाले ने कहा, ‘‘भारत में दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी रहती है और ऐसे में वह दुनिया को दिशा देने में बड़ी भूमिका निभाने वाला है।'' उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘हमारे देश के प्रेरणादायी शिक्षक अगली पीढ़ी के दूरद्रष्टाओं का भविष्य संवारने में मुख्य भूमिका निभाते हैं। इसलिए मैं उन्हें ग्लोबर टीचर प्राइज 2023 के लिए आवेदन करने को प्रोत्साहित करता हूं और अभिभावकों तथा छात्रों से भी अपने अच्छे शिक्षकों को नामित करने की अपील करता हूं।'' दिसाले ने कहा, ‘‘उनकी कहानियां सुनी जानी चाहिए और दुनिया को पता चलना चाहिए कि उन्होंने क्या हासिल किया है।''
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लंदन। फिल्मों को उनकी रचनात्मकता तथा लंबे समय तक उनके प्रभाव के आधार पर पुरस्कृत करने के लिए ‘ग्लोबल सस्टैनेबिलिटी फिल्म अवॉर्ड्स' (जीएसएफए) में इस साल छह प्रतिस्पर्धी श्रेणियां और एक नामांकित श्रेणी होगी। ‘टेलीविजन फॉर द एनवायरमेंट' (टीवीई) ने सोमवार शाम को यहां जीएसएफए कार्यक्रम की मेजबानी की। सोमवार शाम आयोजित हुए कार्यक्रम का संचालन टीवीई अध्यक्ष सुरीना नरुला और उसकी चेयरपर्सन मेई सिम लाई ने किया। भारत की अहम पर्यावरणीय चुनौतियों के संदर्भ में नरुला ने कहा, ‘‘भारत में हम जबरदस्त वृद्धि और पर्यावरणीय तात्कालिता के मोड़ पर हैं। हमारी विशाल आबादी, समृद्ध जैव विविधता और त्वरित औद्योगिकीकरण ने इसे अहम बना दिया है कि स्थिरता एक प्रचलित शब्द से कहीं ज्यादा है- यह एक जीवनरेखा है।'' नरुला ने कहा कि जीएसएफए ‘‘उम्मीद की किरण'' है। यह ऐसी कहानियां दिखाता है जो हमें एक सतत भविष्य की ओर महत्वपूर्ण बदलाव करने को प्रेरित करती हैं।
- लंदन। ब्रिटेन की पुलिस के जांचकर्ता भारतीय मूल के आठ वर्षीय स्कूली बच्चे के मामले की फिर से जांच कर रहे हैं। वह चार दशक पहले घर लौटते समय लापता हो गया था। विशाल मेहरोत्रा नामक यह बच्चा 29 जुलाई, 1981 को दक्षिण लंदन से लापता हो गया था। उसी दिन किंग चार्ल्स और डायना की शाही शादी हुई थी। सात महीने बाद विशाल वेस्ट सुस्सेक्स के रोगेट गांव के पास मृत पाया गया था। अब तक उसकी हत्या के मामले में किसी को भी दोषी नहीं ठहराया जा सका है। सुस्सेक्स पुलिस ने कहा है कि सुर्रे और सुस्सेक्स मेज क्राइम टीम के उसके वरिष्ठ जांचकर्ताओं ने ब्रिटेन में दिखायी गयी इस मामले से संबंधित हाल की एक डाक्यूमेंट्री और प्रोडकास्ट सीरीज पर चर्चा करने के लिए पिछले सप्ताह विशाल के पिता विशंभर मेहरोत्रा से भेंट की थी। जांच दल ने उन्हें यह भी बताया कि इस मामले की और जांच की जा रही है।विशंभर मेहरोत्रा तब से ही उन परिस्थितियों की सघन जांच के लिए मुहिम चला रहे हैं जिसके तहत उनका बेटा गायब हुआ और फिर उसकी हत्या कर दी गयी। सुस्सेक्स पुलिस के खोजी अधीक्षक मार्क चैपमैन ने कहा, ‘‘ हम श्री मेहरोत्रा और विशाल के परिजनों के दर्द तथा उन सवालों का जवाब पाने की उनकी जिज्ञासा को समझते हैं कि 1981 में उसके साथ क्या हुआ था।'' उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस विशाल की त्रासदपूर्ण मौत के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों की पहचान करने तथा उसे एवं उसके परिवार को इंसाफ दिलाने के लिए कटिबद्ध है। अब तक सघन पुलिस जांच की गयी है लेकिन हम किसी भी नयी सूचना को हासिल करने और उसका स्वागत करने के लिए तैयार हैं और अधिकारी जांच की किसी भी तर्कसंगत दिशा में बढ़ते रहेंगे।