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लंदन. ब्रिटेन चाहता है कि ब्राजील, जापान, जर्मनी और अफ्रीकी प्रतिनिधित्व के साथ भारत भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के नए स्थायी सदस्यों में शामिल हो। ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली ने सोमवार को यह बात कही। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के नेतृत्व वाली सरकार में पदभार ग्रहण करने के बाद से विदेश नीति संबंधी अपने पहले प्रमुख भाषण में जेम्स क्लेवरली ने यह बात कही। उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को स्पष्ट रूप से युद्ध-विरोधी संदेश देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा भी की। ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने जी-20 समूह की अध्यक्षता के दौरान भारत के साथ काम करने को लेकर प्रतिबद्धता भी जताई। लंदन में विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) में 'ब्रिटिश विदेश नीति और कूटनीति' शीर्षक से अपने मुख्य भाषण में जेम्स क्लेवरली ने कहा, ‘‘ ब्रिटेन स्थायी अफ्रीकी प्रतिनिधित्व के साथ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के रूप में ब्राजील, भारत, जापान और जर्मनी का स्वागत करना चाहता है। हमारा उद्देश्य एक ऐतिहासिक साझा उपलब्धि को बनाए रखना है जिससे सभी को लाभ हो।
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सिडनी. (360इन्फो) स्कैन में प्राय: पीठ की समस्या से पीड़ित लोगों को कोई नुकसान नहीं दिखता, लेकिन डॉक्टरों को इस बात पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ता है कि वे दर्द से कैसे निपटें। जब हम अचानक दर्द का अनुभव करते हैं तो कारण की तलाश करना और इसे खत्म करना स्वाभाविक हो जाता है। यदि हमारे पैर में कांटा लगने से दर्द होता है, तो हम उसे आसानी से दूर कर देते हैं। यदि दर्द अधिक समय तक बना रहता है, तो हम पैरासिटामोल ले सकते हैं, या आइस-पैक का उपयोग कर सकते हैं। आमतौर पर ऐसे तरीके काम करते हैं। लेकिन कभी-कभी दर्द दूर नहीं होता। जब दर्द तीन महीने से अधिक समय तक बना रहता है, तो इसे पुराना दर्द कहा जाता है तथा कहानी और अधिक जटिल हो जाती है। लगभग 20 प्रतिशत वयस्क किसी न किसी प्रकार के पुराने दर्द का अनुभव करते हैं। कई लोगों के लिए परेशान करने वाला हो सकता है। दर्द निवारक (एनाल्जेसिक) या सर्जरी से पुराने दर्द से शायद ही कभी राहत मिलती है - हालांकि यह इन विकल्पों को आजमाने से लोगों को नहीं रोकता है। जब कोई दर्द बना रहता है, तो उपचार योग्य या प्रबंधनीय विशिष्ट कारणों की पहचान करने या उनका पता लगाने के लिए एक संपूर्ण चिकित्सा परीक्षण होना महत्वपूर्ण है। कुछ प्रकार का पुराना दर्द किसी अंतर्निहित बीमारी या स्थिति के कारण हो सकता है, जैसे गठिया या ट्यूमर। लेकिन अन्य पुराने दर्द में, अधिकांश पीठ दर्द की तरह, किसी विशिष्ट शारीरिक कारण की पहचान नहीं हो पाती। भले ही स्पाइनल स्कैन में अपकर्षक परिवर्तन पाए जाते हैं, यह दर्द का कारण नहीं हो सकता: कई अध्ययनों में ऐसे लोगों की रीढ़ की हड्डी में बदलाव पाया गया है जिन्हें दर्द नहीं होता, वहीं ऐसा भी होता है कि पीठ दर्द से पीड़ित अन्य लोगों की रीढ़ की हड्डी में कोई बदलाव न दिखे। यह आश्चर्य की बात नहीं है कि पुराने दर्द से पीड़ित कई लोगों के लिए यह विश्वास करना कठिन होता है कि आधुनिक चिकित्सा और शल्य चिकित्सा उनके दर्द को ठीक नहीं कर सकती। वे अकसर घबराहट की भावना और अपने स्वास्थ्य पेशेवरों से निराश होने की बात कहते हैं। सिर्फ पुराने दर्द से पीड़ित लोग ही लगातार दर्द से परेशान और निराश नहीं रहे हैं। 1982 में, सिएटल में वाशिंगटन विश्वविद्यालय के अमेरिकी न्यूरोसर्जन डॉक्टर जॉन लोसर ने एक सर्जन के रूप में अपने रोगियों को पीठ दर्द से विश्वसनीय रूप से छुटकारा दिलाने में विफल रहने पर निराशा व्यक्त की थी। यह समझने के अपने प्रयासों में कि वह कहाँ गलत हैं, डॉक्टर लोसर को यह एहसास हुआ कि पीठ दर्द का जवाब पीठ में नहीं है। उनकी जांच और सहयोगियों के साथ विचार-विमर्श के परिणाम को दर्द के "बायोसाइकोसोशल मॉडल" के रूप में जाना जाने लगा। यह कहता है कि लगातार दर्द मनोवैज्ञानिक, सामाजिक और जैविक कारकों के बीच गतिशील कारकों का परिणाम है। दूसरे शब्दों में, पुराने पीठ दर्द से पीड़ित अधिकतर लोगों को पीठ की जांच जारी रखने से मदद नहीं मिलती। केवल अनुमानित जैविक, या 'पैथोफिजियोलॉजिकल' समस्या पर लक्षित उपचार के पर्याप्त होने की संभावना नहीं है। इसके बजाय, लोसर (और अन्य) ने महसूस किया कि उन्हें इस बात की बेहतर समझ प्राप्त करने की आवश्यकता है कि पीठ के बाहर के कारक (या जहां भी पुराने दर्द महसूस हो रहा हो) प्रत्येक रोगी के दर्द की समस्याओं के लिए कुछ न कुछ कारक जिम्मेदार रहे हैं और उन्हें किसी उपचार योजना में शामिल किया जा सकता है। वर्ष 1982 के बाद से 40 साल में, कई देशों के अनुसंधानकर्ताओं ने पुष्टि की है कि स्कैन या शारीरिक परीक्षण प्राय: रोगियों द्वारा बताए गए दर्द के अनुभव और प्रभाव से बहुत कम या कोई संबंध नहीं रखते हैं। यहां तक कि जब घायल या संवेदनशील ऊतक का सबूत होता है, तो ऐसे परिवर्तनों के प्रभाव को लेकर रोगियों के बीच अकसर काफी भिन्नता होती है। इसके साथ ही ये सबूत बढ़ गए हैं कि मनोवैज्ञानिक प्रक्रियाएं, जैसे कि ध्यान, दर्द के बारे में राय, और व्यक्ति की वर्तमान मनोदशा, साथ ही साथ व्यवहार पैटर्न भी दर्द के अनुभव और प्रभाव में योगदान कर सकते हैं। दर्द को दूर करने के लिए किसी मरीज के पैर से कांटा निकालने की साधारण स्थिति के विपरीत, लोगों के लिए उपचार जहां जैविक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कारकों की एक श्रृंखला को व्यक्ति के दर्द के कारण का जिम्मेदार माना जाता है, इन कारकों के यथासंभव समाधान का प्रयास किया जाना चाहिए। ऐसा करने में विफलता का जोखिम रहता है जिसने डॉ लोसर को बहुत निराश किया। हम डॉ. लोसर की निराशा से काफी आगे निकल आए हैं। अब हम जानते हैं कि अधिक व्यापक दृष्टिकोण, जो लगातार दर्द के जैविक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कारकों का समाधान करता है, उन उपचारों की तुलना में अधिक प्रभावी होता है जो शरीर के सिर्फ दर्द से पीड़ित हिस्सों को लक्षित करते हैं।
- इस्लामाबाद। एक शादी को निभाने और एक बच्चे को पालने में लोगों के पसीने छूट रहे हैं, ऐसे में यदि कोई शख्स छह-छह शादी निभा ले जाए और 54 बच्चों का पिता बन बैठे तो लोग आश्चर्य तो करेंगे ही। ऐसे ही शख्स का नाम हैं 75 साल के अब्दुल मजीद जो पाकिस्तान में रहते थे। अब वे इस दुनिया में नहीं हैं। पिछले हफ्ते ही हार्ट अटैक से उनकी मौत हो चुकी है।अब्दुल मजीद को छह शादियां से पैदा हुए 54 बच्चे और इन सभी का खर्च वे ट्रक चलाकर होने वाली कमाई से करते थे। आर्थिक तंगी की वजह से परिवार के कई सदस्यों की मौत हो गई। अब्दुल मजीद अपने भरे पूरे परिवार के कारण वे हमेशा चर्चा में रहते थे।75 साल के अब्दुल पाकिस्तान के नौशकी जिले में रहते थे। अब्दुल के बेटे शाह वली के अनुसार बताया उनके पिता मौत से पांच दिन पहले तक ट्रक चलाते रहे। वली ने कहा कि हममें से कई पढ़े-लिखे हैं , लेकिन हमें रोजगार नहीं मिला। इसलिए हम पिता का ठीक से इलाज भी नहीं करा पाए। हमारा घर भी बाढ़ में बर्बाद हो गया था।अब्दुल ने अपनी पूरी जिंदगी ट्रक चलाते हुए ही गुजार दी। वह महीने में सिर्फ 15 से 25 हजार पाकिस्तानी रुपए ही कमा पाते थे। अब्दुल के सबसे बड़े बेटे 37 साल के अब्दुल वली अपने पिता की तरह ट्रक चलाते हैं। अब्दुल 2017 की जनगणना के दौरान सुर्खियों में आए थे। पाकिस्तान में तब जनगणना 19 साल बाद हुई थी। टीम ने पाया कि अब्दुल अपनी 4 पत्नियों और 42 बच्चों के साथ रह रहे हैं। उनकी 2 पत्नियों और 12 बच्चों की मौत हो चुकी थी। अब्दुल की पहली शादी 18 साल की उम्र में हुई थी। उनके 22 बेटे और 20 बेटियां उनके सात कमरों के घर में एक साथ रहते हैं। इनमें ज्यादातर बच्चों की उम्र 15 साल से कम है। उनकी सबसे छोटी बेटी की उम्र सिर्फ 7 साल है। 2017 के एक इंटरव्यू में अब्दुल ने बताया था कि उनके पास पैसे नहीं हैं। इस वजह से उनके बच्चों को दूध नहीं मिल पाता। लिहाजा उनके कई बच्चों की मौत हो चुकी है। शुरुआत में उन्होंने कड़ी मेहनत करके अपने कुछ बच्चों को पढ़ाया-लिखाया लेकिन जैसे-जैसे उनकी उम्र बढ़ती गई, अब्दुल की काम करने की क्षमता भी कम होती चली गई।अब्दुल की एक पत्नी और एक बच्चे की मौत एक साथ हो गई थी। अब्दुल बताते हैं कि उनकी पत्नी बहुत बीमार थी वह उसका इलाज नहीं करा पाए। फीस के पैसे न होने की वजह से अब्दुल के 10 बच्चे स्कूल नहीं जा पाए।
- केप केनावेरल (अमेरिका) । अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का ओरियन कैप्सूल (यान) रविवार को मैक्सिको के समीप प्रशांत महासागर में उतरा। यह यान गुआडालुपे द्वीप के समीप मैक्सिको के बाजा कैलिफोर्निया के पश्चिम में समुद्र में उतरा। वायुमंडल में प्रवेश के समय उसकी रफ्तार ध्वनि की गति से 32 गुणा अधिक थी। ‘नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन' (नासा) को इसके सफलतापूर्वक उतरने की इसलिए जरूरत थी ताकि वह अपनी ओरियन उड़ान की दिशा में आगे बढ़ सके जो 2024 में होगी। चार अंतरिक्ष यात्री इस उड़ान पर जायेंगे। इससे पहले 50 साल पहले अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा पर गये थे। ओरियन ने 16 नवंबर को नासा के ‘कैनेडी स्पेस सेंटर' से चंद्रमा के लिए उड़ान भरी थी और धरती पर लौटने से पहले उसने लगभग एक सप्ताह चंद्रमा की कक्षा में बिताया।
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न्यूयॉर्क (अमेरिका) .ट्विटर एक बार फिर अपनी ‘ब्लू चेकमार्क' सेवा शुरू करने की कोशिश कर रहा है। एक महीने पहले उसकी यह कोशिश नाकाम रही थी। सोशल मीडिया कंपनी ने शनिवार को कहा कि वह उपयोगकर्ताओं को सोमवार से ट्विटर ब्लू का सब्सक्रिप्शन खरीदने देगी ताकि वे ब्लू वेरिफाइड अकाउंट और विशेष फीचर हासिल कर सकें। ब्लू चेकमार्क मूलत: ऐसी कंपनियों, हस्तियों, सरकारी संस्थाओं और पत्रकारों को दिया जाता है जो ट्विटर द्वारा सत्यापित होते हैं। एलन मस्क ने अक्टूबर में 44 अरब डॉलर में ट्विटर खरीदने के बाद प्रति माह आठ डॉलर के शुल्क पर किसी को भी ब्लू टिक देने की सेवा शुरू की थी, लेकिन कुछ फर्जी उपयोगकर्ताओं ने भी ब्लू टिक हासिल कर लिया था जिसके कारण टि्वटर ने इस सेवा को निलंबित कर दिया था। अब फिर से शुरू हो रही इस सेवा के लिए वेब उपयोगकर्ताओं को प्रति माह आठ डॉलर तथा आईफोन उपयोगकर्ताओं को प्रति माह 11 डॉलर का शुल्क देना होगा। ट्विटर ने कहा कि सब्सक्राइबर्स को कम विज्ञापन दिखेंगे, वे लंबी वीडियो पोस्ट कर पाएंगे और उनके ट्वीट्स को प्रमुखता से दिखाया जाएगा।
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ब्रसेल्स। यूक्रेन में रूस के युद्ध, हैती में अराजकता और मेक्सिको में आपराधिक समूहों की बढ़ती हिंसा के चलते वर्ष 2022 में रिपोर्टिंग के दौरान जान गंवाने वाले मीडियाकर्मियों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। शुक्रवार को जारी एक नयी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। ब्रसेल्स स्थित अंतरराष्ट्रीय पत्रकार संघ (आईएफजे) द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल दुनियाभर में अब तक कम से कम 67 पत्रकार और मीडियाकर्मी मारे जा चुके हैं, जबकि पिछले साल यह संख्या 47 थी। आईएफजे के अनुसार, इस साल दुनियाभर में कम से कम 375 पत्रकारों को उनके काम के चलते गिरफ्तार किया गया है। हांगकांग, चीन, म्यांमा और तुर्किये में सबसे ज्यादा संख्या में पत्रकारों को सलाखों के पीछे धकेला गया है। पिछले साल काम के चलते गिरफ्तार किए जाने वाले पत्रकारों की 365 बताई गई थी। काम के दौरान जान गंवाने वाले मीडियाकर्मियों की संख्या में वृद्धि के मद्देनजर आईएफजे और अन्य मीडिया अधिकार समूहों ने सरकारों से पत्रकारों की सुरक्षा और स्वतंत्र पत्रकारिता सुनिश्चित करने के लिए अधिक ठोस कदम उठाने का आह्वान किया है। आईएफजे महासचिव एंथोनी बेलंगर ने एक बयान में कहा, ‘‘मीडियाकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफलता केवल उन लोगों को बढ़ावा देगी, जो सूचनाओं का मुक्त प्रवाह रोकने की कोशिश करते हैं और अपने नेताओं को जवाबदेह ठहराने की लोगों की क्षमता को कम करते हैं।'' संगठन के अनुसार, इस वर्ष किसी भी अन्य देश की तुलना में यूक्रेन में युद्ध की रिपोर्टिंग करने वाले मीडियाकर्मियों की मौत के सबसे ज्यादा 12 मामले दर्ज किए गए। मरने वाले मीडियाकर्मियों में अधिकतर यूक्रेनी थे, लेकिन इनमें अमेरिकी वृत्तचित्र फिल्म निर्माता ब्रेंट रेनॉड जैसे अन्य देशों के पत्रकार भी शामिल थे।
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न्यूयॉर्क। भारतीय मूल के निहार मालवीय को न्यूयॉर्क स्थित अंतरराष्ट्रीय प्रकाशन समूह पेंगुइन रैंडम हाउस का अंतरिम सीईओ बनाया जाएगा। कंपनी के वर्तमान मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मार्कस डोहले ने पद के हटने की घोषणा की, जिसके बाद मालवीय को अंतरिम सीईओ बनाया गया। मालवीय 2019 से पेंगुइन रैंडम हाउस अमेरिका के अध्यक्ष और मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) हैं। वह एक जनवरी 2023 से अंतरिम सीईओ बनेंगे। प्रकाशक की मूल कंपनी बर्टेल्समैन ने एक बयान में शुक्रवार को यह जानकारी दी। मालवीय बर्टेल्समैन के सीईओ थॉमस राबे के प्रति जवाबदेह होंगे और बर्टेल्समैन की समूह प्रबंधन समिति (जीएमसी) में शामिल होंगे। इसके साथ ही वह पेंगुइन रैंडम हाउस की वैश्विक कार्यकारी समिति के सदस्य बने रहेंगे। बयान में कहा गया है, ''मालवीय की नियुक्ति के बाद, जीएमसी में आठ विभिन्न राष्ट्रीयता वाले 20 शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे।'' बयान के मुताबिक पेंगुइन रैंडम हाउस के अंतरिम सीईओ के रूप में मालवीय ''नए प्रतिस्पर्धी लाभों को हासिल करने के लिए नेतृत्व करेंगे, ताकि कंपनी को भविष्य में वृद्धि के लिए मजबूती मिल सके।'' अध्यक्ष और सीओओ के अपने वर्तमान उत्तरदायित्व में मालवीय अमेरिका में आपूर्ति श्रृंखला से लेकर प्रौद्योगिकी तथा डेटा और ग्राहक सेवाओं तक सभी प्रकाशन कार्यों के लिए जिम्मेदार थे।
- सिंगापुर । सिंगापुर में भारतीय मूल के 30 वर्षीय युवक को अपनी पूर्व प्रेमिका की शादी से पहले उसके मंगेतर के घर के बाहर आग लगाने के जुर्म में छह महीने की जेल की सजा सुनाई गई है।‘द स्ट्रेट्स टाइम्स’ की शुक्रवार को प्रकाशित खबर के अनुसार, सुरेनथिरन सुगुमारन को इस साल अक्टूबर में यह जानते हुए आग लगाने के जुर्म में दोषी ठहराया गया था कि इससे संपत्ति को नुकसान पहुंच सकता है।खबर के मुताबिक, सुगुमारन अपनी पूर्व प्रेमिका की शादी के बारे में पता चलने के बाद आग बबूला हो गया था। उसने गुस्से में आकर उस अपार्टमेंट के बाहर आग लगा दी थी, जहां उसकी पूर्व प्रेमिका का मंगेतर रहता था।खबर के अनुसार, सुगुमारन को 11 मार्च को इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट के जरिये पता चला था कि उसकी पूर्व प्रेमिका अगले दिन मोहम्मद अजली मोहम्मद सालेह नाम के युवक से शादी करने वाली है।खबर के मुताबिक, सुगुमारन ने अजली के फ्लैट के दरवाजे पर ताला लगा दिया और उसे असुविधा पहुंचाने के इरादे से उसके घर के सामने आग लगा दी। डिस्ट्रिक्ट जज यूजीन टो ने शुक्रवार को सुगुमारन को सजा सुनाते हुए कहा, ‘‘ऐसे अपराध फ्लैट में रहने वाले लोगों के लिए बहुत खतरनाक हैं।’’(प्रतीकात्मक फोटो)
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संयुक्त राष्ट्र । संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (ईसीओएसओसी) ने चीन, रूस तथा भारत सहित कई देशों की आपत्तियों के बावजूद नौ गैर-सरकारी संगठनों को विशेष सलाहकार का दर्जा देने के पक्ष में मतदान किया है। संयुक्त राष्ट्र की छह प्रमुख निकायों में से एक ईसीओएसओसी आर्थिक और सामाजिक मुद्दों से संबंधित निकाय है। ईसीओएसओसी ने नौ समूहों को विशेष सलाहकार का दर्जा देते हुए बुधवार को आर्थिक एवं सामाजिक परिषद के साथ ‘एपलिकेशन्स ऑफ नॉन-गर्वमेंट ऑर्गनाइजेशन फॉर कंसल्टेटिव स्टेटस' पर अमेरिका के मसौदे पर मतदान किया। इन गैर-सरकारी संगठनों में इंटरनेशनल दलित सॉलिडेरिटी नेटवर्क (आईडीएसएन), अरब यूरोपियन सेंटर ऑफ ह्यूमन राइट्स एंड इंटरनेशनल लॉ, बहरीन सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स, कॉप्टिक सॉलिडेरिटी गल्फ सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स, अंतर्क्षेत्रीय गैर-सरकारी मानवाधिकार संगठन मैन एंड लॉ, द एंड्री रिलकोव फाउंडेशन फॉर हेल्थ एंड सोशल जस्टिस, द वर्ल्ड यूनियन ऑफ कोसैक एटामैन्स और वर्ल्ड विदाउट जेनोसाइड शामिल हैं। मतदान में मसौदे के पक्ष में 24 मत पड़े, जबकि इसके खिलाफ 17 वोट आए। वहीं 12 सदस्य मतदान के समय मौजूद नहीं थे। ‘ह्यूमन राइट्स वॉच' (एचआरडब्ल्यू) में संयुक्त राष्ट्र के निदेशक लुई चार्बोनियू ने मंगलवार को एक बयान में कहा था कि आर्थिक एवं सामाजिक परिषद में संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों को ‘‘नौ मानवाधिकारों और अन्य नागरिक संगठनों को मान्यता देने के लिए मतदान करना चाहिए, जिनके संयुक्त राष्ट्र के आवेदन चीन, रूस और भारत सहित कई देशों द्वारा मान्यता प्रक्रिया में बाधा डालने के कारण अटके हुए हैं।'' चार्बोनियू ने कहा, ‘‘ आईडीएसएन को मान्यता देने में सबसे बड़ी बाधा भारत ने पेश की है, आईडीएसएन दुनिया भर में जातिगत भेदभाव व अन्य प्रकार के भेदभाव को खत्म किए जाने की वकालत करता है।'' चार्बोनियू ने कहा कि इन नौ समूहों को मान्यता देने से संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों को संयुक्त राष्ट्र में नागरिक संगठनों के महत्व के बारे में एक ‘‘कड़ा संकेत'' जाएगा। -
वाशिंगटन। व्हाइट हाउस ने उस कानून को पारित करने के लिए संसद का समर्थन किया है जो ग्रीन कार्ड पर प्रति देश कोटा को समाप्त करने का प्रयास करता है। इस कानून का उद्देश्य है कि अमेरिकी नियोक्ता योग्यता के आधार पर लोगों को काम पर रखने पर ध्यान केंद्रित कर सकें, न कि उनके जन्मस्थान के आधार पर। इस विधेयक के पारित होने पर हजारों आप्रवासियों को लाभ होगा, खासकर भारतीय-अमेरिकी लोगों को। इस हफ्ते प्रतिनिधि सभा को ‘इक्वल एक्सेस टू ग्रीन कार्ड्स फॉर लीगल एंप्लायमेंट (ईएजीएलई) एक्ट' 2022 पर मतदान करना है। ईएजीएलई अधिनियम रोजगार-आधारित ग्रीन कार्ड पर प्रति-देश अधिकतम सीमा को समाप्त कर देगा- एक ऐसी नीति जो भारतीय प्रवासियों को असमान रूप से प्रभावित करती है। यदि पारित हो जाता है, तो यह कानून नौ वर्षों के दौरान प्रति-देश ग्रीन कार्ड की अधिकतम सीमा को समाप्त कर देगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कम आबादी वाले देशों के पात्र अप्रवासियों को ईएजीएलई अधिनियम लागू होने के कारण बाहर नहीं रखा गया है। व्हाइट हाउस ने कहा, “प्रशासन अप्रवासी वीजा प्रणाली में सुधार और अप्रवासी वीजा बैकलॉग के कठोर प्रभावों को कम करने के प्रयासों का समर्थन करता है। -
वाशिंगटन डीसी। अमरीका ने हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते खतरे का मुकाबला करने के लिए ऑस्ट्रेलिया में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ाने का फैसला किया है। अमरीका के रक्षामंत्री लॉयड आस्टिन ने कहा है कि उत्तरी ऑस्ट्रेलिया में स्थित हवाई पट्टी का उन्नयन करने का फैसला लिया गया है ताकि अमरीकी विमान अधिक संख्या में उतर सके। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में हवाई पट्टियों का इस तरह से उन्नयन किया जाएगा ताकि उनपर लम्बी दूरी के बमबर्षक विमान बी-52 को ठहराया जा सके। यह विमान अमरीका का सबसे उन्नत बमबर्षक विमान है।
ऑस्ट्रेलिया के उपप्रधानमंत्री और रक्षामंत्री रिचर्ड मार्ल्स और विदेश मंत्री पेनी वॉंग तथा अमरीका के रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन और विदेशमंत्री एंटनी ब्लिंकन की वाशिंगटन डीसी में बैठक के बाद यह घोषणा हुई।श्री ऑस्टिन ने यह भी घोषणा की कि अमरीका इस क्षेत्र में अपने वायु, थल और नौसेना की बारम्बारता बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि अमरीका ने ऑस्ट्रेलिया में युद्धक उपकरण और ईंधन सुविधा पहले ही बढ़ाने का फैसला किया है ताकि वहां तैनात अमरीकी बलों की क्षमता बढ़ायी जा सके। श्री ऑस्टिन ने कहा कि अमरीका जल्द-जल्द परमाणु पनडुब्बी हासिल करने में ऑस्ट्रेलिया की मदद करेगा। -
सिंगापुर. फोर्ब्स की एशिया की परमार्थ कार्य करने वाले नायकों की सूची में भारत के अरबपति उद्योगपति गौतम अडानी, शिव नादर और अशोक सूता के साथ-साथ मलेशियाई-भारतीय कारोबारी ब्रह्मल वासुदेवन और उनकी अधिवक्ता पत्नी शांति कंडिया को शामिल किया गया है। एशिया के परमार्थ नायकों की सूची का 16वां संस्करण मंगलवार को यहां जारी किया गया। फोर्ब्स ने बयान में कहा कि बिना किसी रैंकिंग वाली इस सूची में एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अग्रणी परोपकारी कार्य करने वाले लोगों को शामिल किया जाता है। अडाणी ने इस साल जून में 60 साल की उम्र पूरी होने पर 60,000 करोड़ रुपये (7.7 अरब डॉलर) परमार्थ कार्यों पर खर्च करने की प्रतिबद्धता जताई है। इसके बाद उन्हें इस सूची में शामिल किया गया है। इसके साथ ही वह भारत के प्रमुख परोपकारी कार्य करने वाले व्यक्ति बन गए हैं। यह पैसा स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और कौशल विकास पर खर्च किया जाएगा। परमार्थ कार्यों पर यह राशि अडाणी फाउंडेशन के माध्यम से खर्च की जाएगी। अडाणी फाउंडेशन का गठन 1996 में किया गया था। हर साल यह फाउंडेशन भारत में 37 लाख लोगों की मदद करता है।
अपनी मेहनत से अरबपति बने शिव नादर देश के प्रमख दानदाताओं में गिने जाते हैं। उन्होंने शिव नादर फाउंडेशन के माध्यम एक दशक के दौरान एक अरब डॉलर परमार्थ कार्यों में लगाए हैं। इस साल उन्होंने फाउंडेशन को 11,600 करोड़ रुपये (14.2 करोड़ डॉलर) का दान दिया है। इस फाउंडेशन की स्थापना 1994 में हुई थी। नादर ने एचसीएल टेक्नोलॉजीज की सह-स्थापना की थी। उन्होंने फाउंडेशन की मदद से कई शैक्षणिक संस्थानों...मसलन स्कूलों और विश्वविद्यालयों की स्थापना की है। प्रौद्योगिकी क्षेत्र के दिग्गज अशोक सूता ने चिकित्सा अनुसंधान क्षेत्र के न्यास को 600 करोड़ रुपये (7.5 करोड़ डॉलर) देने की प्रतिबद्धता जताई है। इस न्यास का गठन उन्होंने 2021 में किया था। क्वालालंपुर की निजी इक्विटी कंपनी क्रिएडर के संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मलेशियाई-भारतीय ब्रह्मल वासुदेवन और उनकी अधिवक्ता पत्नी शांति कंडिया क्रिएडर फाउंडेशन की मदद से मलेशिया और भारत में स्थानीय समुदायों को समर्थन देते हैं। यह एक गैर-लाभकारी संगठन है जिसकी सह-स्थापना 2018 में की गई थी। इस साल मई में उन्होंने एक शिक्षण अस्पताल के निर्माण के लिए पांच करोड़ मलेशियाई रिंगिट (1.1 करोड़ डॉलर) देने की प्रतिबद्धता जताई है। वासुदेवन ने कहा, ‘‘हमें खुशी है कि और लोग भी हमारे साथ इस काम में आगे आ रहे हैं। अब इस परियोजना के लिए पूरा वित्तपोषण मिल गया है। -
बोगोटा। साउथ अमेरिकी देश कोलंबिया में सोमवार को बड़ा हादसा हुआ। यहां रिसाराल्डा प्रांत में एक बस लैंडस्लाइड की चपेट में आ गई। इस हादसे में 34 लोगों की मौत हो गई। नेशनल यूनिट फॉर डिजास्टर रिस्क मैनेजमेंट के मुताबिक मरने वालों में 8 बच्चे हैं। मलबे में अभी भी कई लोग दबे हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
एक अधिकारी ने बताया कि भारी बारिश के बाद रिसाराल्डा प्रांत में भूस्खलन हो गया। बस के साथ कुछ अन्य गाडिय़ां भी मलबे में दब गईं। बस कैली शहर से चोको प्रांत के कोंडोटो शहर जा रही थी। तभी प्यूब्लो रिको और सांता सेसिलिया के बीच यह हादसा हुआ।
हादसे के दौरान घटनास्थल पर मौजूद एक शख्स ने आंखों-देखी बताई। उसने कहा- पहले एक कार हादसे का शिकार हुई। इसके चलते रास्ता बंद हो गया। पीछे आ रही गाडिय़ां रुक गईं। हादसे के बाद एक जीप, बस और मोटरबाइक यहां रुकी हुई थी, तभी अचानक से लैंडस्लाइड हुआ। मलबा इतनी तेजी से नीचे आया की कोई भाग नहीं पाया। बस में 2 ड्राइवर थे। कई यात्री भी सवार थे। -
लंदन. लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने भारत की यात्रा करना चाह रहे ब्रिटिश यात्रियों के लिए इलेक्ट्रॉनिक वीजा (ई-वीजा) प्रक्रिया बहाल करने की सोमवार को घोषणा की। पिछले कुछ महीनों में भारत के लिए वीजा की भारी मांग के बीच इस कदम का व्यापक स्वागत होने की संभावना है। ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दुरईस्वामी ने कहा कि यह सेवा तत्काल शुरू हो जाएगी। लंदन में उच्चायोग के अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि यात्री इस सप्ताह से भारत जाने के लिए ई-वीजा के वास्ते आवेदन करना शुरू कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रणाली को उन्नत करने की प्रक्रिया जारी है और भारतीय वीजा वेबसाइट जल्द ही ई-वीजा का आवेदन स्वीकार करेगी। दुरईस्वामी ने ट्विटर पर एक वीडियो के जरिये बताया, ‘‘आज की बड़ी खबर है कि हम एक बार फिर ई-वीजा शुरू करने जा रहे हैं। इससे ब्रिटेन के मित्र अपेक्षाकृत बहुत आसानी से भारत की यात्रा कर सकेंगे।'' इस घोषणा की तारीफ की जा रही है। ब्रिटिश संसद में यह मुद्दा उठा है कि पिछले महीने इंडोनेशिया में जी20 शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की बैठक में बातचीत के मुद्दों में यह विषय भी शामिल था। ई-वीजा की घोषणा से पहले भारतीय वीजा प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए अनेक कदम उठाये गये। इनमें मध्य लंदन में एक नया भारतीय वीजा केंद्र शुरू करना और ‘घर पर वीजा उपलब्ध कराने' की सुविधा शुरू करना शामिल है। कोविड महामारी के बाद ब्रिटेन से भारत की यात्रा की बढ़ती मांग पर ध्यान देने के लिए ये कदम उठाये जा रहे हैं।
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चीनी अंतरिक्ष स्टेशन पर छह महीने का मिशन पूरा कर धरती पर सकुशल लौटे तीन यात्री
बीजिंग. चीन का अंतरिक्ष यान ‘शेनझोउ-14' रविवार को देश के तीन अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर आंतरिक मंगोलिया स्वायत्त क्षेत्र स्थित डोंगफेंग लैंडिंग साइट पर सुरक्षित रूप से उतरा। ये तीनों अंतरिक्ष यात्री छह महीने तक चीन के अंतरिक्ष स्टेशन में रुके थे। इससे पहले, ‘शेनझोउ-14' यान चेन दोंग, लियू यांग और काइ शूझे को लेकर अंतरिक्ष स्टेशन से अलग हुआ। इन तीनों अंतरिक्ष यात्रियों ने चीन के निर्माणाधीन स्पेस स्टेशन में 183 दिनों तक रुककर काम किया। 29 नवंबर को ‘शेनझोउ-15' के जरिये तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को उनकी जगह लेने के लिए चीनी स्पेस स्टेशन पर भेजा गया था। चाइना मैन्ड स्पेस एजेंसी (सीएमएसए) ने कहा कि धरती पर लौटने से पहले तीनों अंतरिक्ष यात्रियों ने पृथ्वी पर मौजूद विज्ञान एवं तकनीकी स्टाफ के सहयोग से ‘शेनझोउ-15' के सदस्यों के साथ कक्षा में दल परिवर्तन करने, अंतरिक्ष स्टेशन परिसर की स्थिति निर्धारित करने, वैज्ञानिक प्रयोग से जुड़े डेटा को छांटने और डाउनलोड करने तथा कक्षा में मौजूद सामान को स्थानांतरित करने जैसे महत्वपूर्ण काम पूरे किए। चेन दोंग, लियू यांग और काइ शूझे को इस साल पांच जून को अंतरिक्ष में रवाना किया गया था। छह महीने की अवधि में इन तीनों ने कई वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम दिया। चीन साल 2022 के अंत तक इस अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण पूरा कर लेना चाहता है। -
उदयपुर. दाल बाटी चूरमा और जोधपुरी काबुली पुलाव के साथ स्वादिष्ट भोजन के बाद मिठाई के रूप में बीकानेरी घेवर और जोधपुरी मावा कचौरी। उदयपुर में जी-20 देशों की शेरपा बैठक में आने वाले प्रतिनिधि राजस्थान के ऐसे लजीज व्यंजनों का रसास्वादन कर सकेंगे। भारत की जी-20 की अध्यक्षता में यह पहली शेरपा बैठक होगी। इसके लिए जी 20 सदस्य देशों के प्रतिनिधि रविवार को पहुंचेंगे और बैठकें सोमवार और मंगलवार को होंगी। बुधवार को वे विश्व धरोहर स्थल कुम्भलगढ़ किला राजसमंद और लोकप्रिय रणकपुर जैन मंदिर पाली के दर्शन करेंगे। उदयपुर की पर्यटन उप निदेशक शिखा सक्सेना ने बताया कि चार दिनों के दौरान प्रतिनिधियों को राजस्थानी के अलावा दक्षिण भारतीय व्यंजन, हैदराबादी, गुजराती और पंजाबी व्यंजन परोसे जाएंगे। सक्सेना ने कहा, ‘‘राजस्थानी व्यंजनों पर विशेष जोर के साथ सभी तरह के भारतीय भोजन मेनू के मुख्य आकर्षण में होंगे। सभी प्रकार के भोजन और पेय इसमें शामिल हैं।'' राजस्थानी व्यंजनों की बात की जाए तो विभिन्न स्वाद वाला प्रसिद्ध दाल बाटी चूरमा, गट्टे की सब्जी, केर सांगरी और राजस्थानी गट्टा पुलाव मेहमानों को परोसा जाएगा। भारतीय मिठाइयों में बीकानेरी घेवर, जोधपुरी मावा कचौरी, तीन प्रकार के श्रीखंड, केसर की खीर, मलाई घेवर, रसगुल्ला तथा मक्खन बड़ा प्रमुख आकर्षण होंगे। साथ ही मोतीचूर, बेसन और मेवे के लड्डू भी होंगे। आयोजन स्थल पर पारंपरिक राजस्थानी फूड स्टेशन, हैदराबादी फूड कॉर्नर, पकौड़ा स्टेशन, पाव स्टेशन एवं स्ट्रीट फूड स्टेशन होंगे। उल्लेखनीय है कि भारत को एक दिसंबर से एक साल के लिए जी-20 की अध्यक्षता मिल रही है। शेरपा बैठक के लिए प्रतिनिधि चार दिसंबर को आएंगे और एक निजी होटल में एक भव्य स्वागत समारोह आयोजित किया जाएगा। पांच दिसंबर को होटल ताज फतेह प्रकाश पैलेस के दरबार हॉल में चर्चा शुरू होगी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि तकनीकी परिवर्तन, हरित विकास पर सत्र होंगे। शाम को प्रतिनिधियों को सिटी पैलेस और जगमंदिर ले जाया जाएगा जहां सांस्कृतिक कार्यक्रम और रात्रिभोज होगा। छह दिसंबर को 'त्वरित, समावेशी और लचीला विकास', 'बहुपक्षवाद', 'खाद्य, ईंधन और उर्वरक', 'महिला नेतृत्व विकास' पर सत्र आयोजित किए जाएंगे। प्रतिनिधि पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के शिल्प ग्राम का दौरा करेंगे और रात में सिटी पैलेस परिसर में माणक चौक पर सांस्कृतिक प्रदर्शन का आनंद लेंगे। वहीं बैठक के अंतिम दिन सात दिसंबर को वे राजसमंद में 15वीं शताब्दी के भव्य कुंभलगढ़ किले का दौरा करने के लिए 80 किलोमीटर से अधिक की यात्रा करेंगे। वहां से प्रतिनिधि 15वीं शताब्दी के एक अन्य स्मारक- पाली के रणकपुर मंदिर भी जाएंगे। यह मंदिर देश के सबसे शानदार वास्तुशिल्प स्मारकों में से एक है। जी-20 दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतर-सरकारी मंच है। इसमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं।
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वाशिंगटन. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा है कि वह भारत के जी-20 एजेंडे का ‘‘पूरा समर्थन'' करता है, जो मौजूदा वैश्विक संकटों से संबंधित उन मुद्दों पर आम सहमति बनाने की योजना पर काम कर रहा है जिन पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। भारत ने बृहस्पतिवार को औपचारिक रूप से जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण की।
आईएमएफ के नीति समीक्षा विभाग की निदेशक सेला पजारबासियोग्लू ने अगले सप्ताह भारत और चीन की अपनी यात्रा से पहले संवाददाताओं से कहा, ‘‘वे (भारत) अधिक समृद्ध भविष्य के लिए एक सामूहिक एजेंडा एक साथ रख रहे हैं।'' उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा, "वे (भारत) जारी (वैश्विक) संकटों से संबंधित उन मुद्दों पर आम सहमति बनाने की की योजना तैयार कर रहे हैं, जिन पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।" पज़ारबासियोग्लू जाहिर तौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण खाद्य और ऊर्जा संकट का जिक्र कर रही थीं। - बीजिंग। चीन ने अमेरिका के साथ कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच मंगलवार रात को अपने निर्माणाधीन अंतरिक्ष स्टेशन के लिए एक अंतरिक्ष यान के जरिए तीन अंतरिक्ष यात्रियों को रवाना किया। अंतरिक्ष स्टेशन में वे अपने सहयोगियों के साथ मिलकर काम करेंगे और अंतरिक्ष विज्ञान अनुसंधान एवं अनुप्रयोग और अंतरिक्ष चिकित्सा के क्षेत्र में 40 से अधिक प्रयोग करेंगे। शेनझोउ-15 अंतरिक्ष यान को उत्तर-पश्चिमी चीन स्थित जियुक्वान उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से रवाना किया गया। इसमें तीन अंतरिक्ष यात्री- फी जुनलॉन्ग, डेंग किंगमिंग और झांग लू सवार हुए। चीनी अंतरिक्ष एजेंसी (सीएमएसए) के निदेशक के सहायक जी किमिंग ने मीडिया को बताया कि फी मिशन के कमांडर होंगे। यह प्रक्षेपण ‘लॉन्ग मार्च-2एफ' रॉकेट के जरिए किया गया। अंतरिक्ष यात्रियों के रवाना होने के चंद मिनट बाद नियंत्रण केंद्र के एक अधिकारी ने अभियान को सफल करार दिया। चालक दल लगभग छह महीने तक कक्षा में रहेगा, एक ऐसी अवधि जिसमें निचली कक्षा में अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण पूरा होने की उम्मीद है। यह चीन द्वारा अपने अंतरिक्ष स्टेशन के लिए भेजा गया तीसरा मानव मिशन है।निर्माण पूरा होने के बाद चीन अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन रखने वाला एकमात्र देश होगा क्योंकि रूस का अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) कई देशों की एक सहयोगी परियोजना है। चीन द्वारा पूर्व में घोषित योजनाओं के अनुसार, अंतरिक्ष स्टेशन के इस साल के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। चाइना स्पेस स्टेशन (सीएसएस) के रूस निर्मित आईएसएस का एक प्रतिस्पर्धी होने की भी उम्मीद है। पर्यवेक्षकों का कहना है कि आने वाले वर्षों में आईएसएस के सेवानिवृत्त होने के बाद सीएसएस कक्षा में रहने वाला एकमात्र अंतरिक्ष स्टेशन बन सकता है।
- लंदन । ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने मुक्त व्यापार समझौते-एफटीए में अपने देश की वचनबद्धता दोहराई है, जिसमें भारत-प्रशांत क्षेत्र के साथ सम्बन्ध बढ़ाने पर विशेष ध्यान केन्द्रित करने के लिए भारत शामिल होगा। लॉर्ड मेयर ऑफ लंदन बैंक्वेट में ब्रिटेन की विदेश नीति पर मंगलवार को श्री सुनक ने व्याख्यान दिया। उन्होंने अपनी विरासत का उल्लेख करते हुए विश्वभर में ब्रिटेन के स्वतंत्रता और खुलेपन के मूल्यों को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने चीन के साथ अलग तरह से काम करने का संकल्प व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि चीन ब्रिटेन के मूल्यों और हितों के समक्ष चुनौती बना हुआ है।श्री सुनक ने कहा कि भारत-प्रशांत 2050 तक विकास में आधे से अधिक योगदान देगा, जबकि यूरोप और उत्तर अमरीका दोनों, विश्व के विकास में एक-एक चौथाई का योगदान देंगे। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत प्रशांत के अनुकूल पहलुओं पर विचार करते हुए ब्रिटेन ट्रांस-पेसिफिक व्यापार समझौते, सीपीटीपीई में शामिल हो रहा है और भारत के साथ नया मुक्त व्यापार समझौता कर रहा है और इंडोनेशिया के साथ ऐसे समझौते पर विचार कर रहा है। श्री सुनक ने इस बात की पुष्टि की कि ब्रिटेन की विदेश नीति से सम्बन्धित और विवरण नए वर्ष में अद्यतन समेकित समीक्षा में शामिल होगा जिसमें राष्ट्रमंडल के साथ निकट सहयोग का उल्लेख भी होगा।
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मस्क की ट्विटर प्रीमियम सेवा फिर से शुरू करने की योजना
लंदन. एलन मस्क ने शुक्रवार को कहा कि ट्विटर अपनी प्रीमियम सेवा को अगले सप्ताह से फिर से शुरू करने की योजना बना रहा है। इस सेवा के तहत सोशल मीडिया मंच पर उपयोगकर्ताओं को अलग-अलग रंगों के ‘टिक' की पेशकश की जायेगी।टेस्ला के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) के पिछले महीने 44 अरब डॉलर में खरीदने के बाद सोशल मीडिया मंच में यह नया बदलाव है। यह पेशकश मस्क के निलंबित खातों को फिर से शुरू करने की घोषणा के एक दिन बाद की गई है। ट्विटर ने पहले अपनी इस प्रीमियम सेवा को निलंबित कर दिया था। मूल रूप से सरकारी संस्थाओं, निगमों, मशहूर हस्तियों और मंच द्वारा सत्यापित पत्रकारों के नाम से फर्जी खातों को रोकने के लिए ‘ब्लू-टिक' दिया जाता था। मस्क ने शुक्रवार को कहा कि नयी पेशकश के तहत कंपनियों को ‘गोल्ड-टिक', सरकारी खातों को ‘ग्रे' और सेवा के लिए भुगतान करने वाले व्यक्ति, चाहे वे कोई हस्ती हों या नहीं, उन्हें ‘ब्लू-टिक' मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह पेशकश शुरू होने से पहले सभी सत्यापित खातों को प्रमाणित किया जाएगा। -
लंदन. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति ब्रिटेन में ‘एशियाई अमीरों की सूची 2022' में शामिल हैं। इस सूची में शीर्ष पर हिंदुजा परिवार को रखा है। सुनक और अक्षता मूर्ति 79 करोड़ पाउंड की अनुमानित संपत्ति के साथ सूची में 17वें स्थान पर हैं। अक्षता मूर्ति के पिता एन आर नारायण मूर्ति भारतीय आईटी कंपनी इन्फोसिस के सह-संस्थापक हैं। इस साल की सूची में शामिल अमीरों की कुल संपत्ति 113.2 अरब पाउंड है, जो पिछले साल की तुलना में 13.5 अरब पाउंड अधिक है। इस सूची में हिंदुजा परिवार लगातार आठवीं बार शीर्ष पर है। उनकी अनुमानित संपत्ति 30.5 अरब पाउंड है, जो पिछले साल से तीन अरब पाउंड अधिक है। लंदन के मेयर सादिक खान ने बुधवार रात वेस्टमिंस्टर पार्क प्लाजा होटल में 24वें वार्षिक एशियाई कारोबारी पुरस्कार के दौरान हिंदुजा समूह के सह-चेयरमैन गोपीचंद हिंदुजा की बेटी रितु छाबड़िया को ‘एशियाई अमीरों की सूची 2022' की एक प्रति भेंट की। -
विदेशी छात्रों के सबसे बड़े समूह के रूप में चीनियों से आगे निकले भारतीय
लंदन. ब्रिटेन में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों के सबसे बड़े समूह के रूप में भारतीय छात्रों ने पहली बार चीनी छात्रों को पीछे छोड़ दिया है। बृहस्पतिवार को जारी किए गए ब्रिटेन के आधिकारिक आव्रजन आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई है। आंकड़ों के मुताबिक बीते कुछ वर्षों में भारतीय छात्रों को प्रदान किए जाने वाले वीजा की संख्या में 273 प्रतिशत की वृद्धि से यह संभव हो सका है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (ओएनएस) द्वारा जुटाए गए ब्रिटेन के गृह विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि कुशल श्रमिक श्रेणी में वीजा हासिल करने वालों की सूची में भारतीय शीर्ष पर हैं। इसके अनुसार, पिछले वर्ष 56,042 भारतीयों को इस श्रेणी में वीजा प्रदान किया गया था। ब्रिटेन में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े पेशेवरों की श्रेणी के तहत प्रदान किए गए कुल वीजा में से सबसे अधिक 36 प्रतिशत वीजा भारतीय नागरिकों को प्रदान किए गए। यह पेशेवर ब्रिटेन में सरकार द्वारा वित्त पोषित राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) में भारतीय योगदान को मजबूत करते हैं। आंकड़ों के मुताबिक 2019 में कुल 34,261 भारतीय छात्रों को वीजा प्रदान किया गया जबकि 2022 में 1,27,731 छात्रों को वीजा दिया गया। - इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने लेफ्टिनेंट जनरल आसिम मुनीर को गुरुवार को देश का नया सेना प्रमुख चुना। वह निवर्तमान सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा की जगह लेंगे। बाजवा 29 नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। बाजवा (61) को 2016 में तीन साल के लिए सेना प्रमुख नियुक्त किया गया था। उन्हें 2019 में तीन साल का सेवा विस्तार दिया गया था। उन्होंने अपने कार्यकाल के और विस्तार का अनुरोध करने की संभावना से इंकार कर दिया था। लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्जा को ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी का अध्यक्ष चुना गया है। पाकिस्तान की सूचना एवं प्रसारण मंत्री मरियम औरंगजेब ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि पीएम शहबाज शरीफ ने लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्जा को ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ और लेफ्टिनेंट जनरल सैयद आसिम मुनीर को थल सेनाध्यक्ष नियुक्त करने का फैसला किया है। सूचना मंत्री ने ट्विटर पर लिखा कि मुनीर को देश की शक्तिशाली सेना का नया प्रमुख बनाया गया है। उन्होंने बताया कि मुनीर निवर्तमान जनरल कमर जावेद बाजवा से पदभार ग्रहण करेंगे। आसिम मुनीर को अक्टूबर 2018 में इंटेलीजेंस चीफ नियुक्त किया गया था। मुनीर को जनरल बाजवा का पसंदीदा अफसर कहा जाता है।
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पिथौरागढ़. उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के एक गांव में नेपाल से आए एक व्यक्ति ने दो साल के एक बच्चे की धारदार हथियार से कथित तौर पर हत्या कर दी । पुलिस ने बताया कि घटना धारचूला सब डिवीजन के गार्गुआ गांव में सोमवार को हुई जहां बीच—बचाव के लिए आए बच्चे के दादा को भी आरोपी ने गंभीर रूप से घायल कर दिया।
धारचूला के पुलिस थानाध्यक्ष कुंवर सिंह रावत ने बताया कि दो वर्षीय वंश कुमार अपनी मां के साथ धूप में लेटा हुआ था कि तभी नेपाल से पड़ोस में आए आरोपी ने उस पर धारदार हथियार से वार कर दिया । बीच—बचाव में बच्चे का दादा भी घायल हो गया जबकि उसकी मां तथा दादी ने स्वयं को कमरे में बंद कर जान बचाई । घटना के समय वंश के पिता घर पर नहीं थे ।
घटना के कारण का पता नहीं चला है । आरोपी की पहचान नेपाल के दार्चुला के रहने वाले गगन सिंह के रूप में हुई है जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है । - केप कैनवेरल (अमेरिका),। नासा का ‘ओरियन' कैप्सूल सोमवार को चंद्रमा पर पहुंच गया। ह्यूस्टन में बैठे उड़ान नियंत्रकों को आधे घंटे के संचार ब्लैकआउट के कारण यह पता नहीं था कि क्या महत्वपूर्ण ‘इंजन फायरिंग' तब तक ठीक रही जब तक कि कैप्सूल चंद्रमा के पीछे से सामने नहीं आ गया। इसमें अंतरिक्ष यात्रियों की जगह परीक्षण डमी भेजी गई हैं।पचास साल पहले नासा के अपोलो कार्यक्रम के बाद से यह पहली बार है जब कोई कैप्सूल चंद्रमा पर पहुंचा है और पिछले बुधवार को शुरू हुई 4.1 अरब डॉलर की लागत वाली यह परीक्षण उड़ान काफी महत्वपूर्ण है। ओरियन के उड़ान पथ में अपोलो 11, 12 और 14 के लैंडिंग स्थल भी शामिल हैं जो मानव पहुंच के पहले तीन चंद्र स्थल हैं। कैप्सूल ने 16 नवंबर को फ्लोरिडा स्थित केनेडी अंतरिक्ष केंद्र से नासा के अब तक के सर्वाधिक शक्तिशाली रॉकेट से उड़ान भरी थी। जैसे ही कैप्सूल चंद्रमा के पीछे से बाहर निकला, इसमें लगे कैमरों ने धरती की एक तस्वीर भेजी जो कालेपन से घिरे एक छोटे नीले बिन्दु के रूप में दिखी। मिशन नियंत्रक कमेंटेटर सैंड्रा जोन्स ने कहा, "हमारा पीला नीला बिंदु और इसके आठ अरब मानव निवासी अब दिखने में आ रहे हैं।" नासा ने कहा कि कैप्सूल रेडियो संपर्क में आने के साथ ही 5,000 मील प्रति घंटे (8,000 किलोमीटर प्रति घंटे) की रफ्तार से आगे बढ़ा और एक घंटे से भी कम समय के बाद, ओरियन ट्रैंक्विलिटी बेस के ऊपर से उड़ा, जहां नील आर्मस्ट्रांग तथा बज़ एल्ड्रिन 20 जुलाई, 1969 को उतरे थे। उड़ान निदेशक ज़ेब स्कोविल ने कहा कि यह उन दिनों में से एक है जिसके बारे में आप लंबे समय से सोचते रहे हैं और इसके बारे में बात करते रहे हैं। आने वाले सप्ताहांत में, ओरियन अंतरिक्ष यात्रियों के वास्ते डिज़ाइन किए गए अंतरिक्ष यान के लिए पृथ्वी से लगभग 2,50,000 मील (चार लाख किलोमीटर) के नासा के दूरी के रिकॉर्ड को तोड़ देगा जो 1970 में अपोलो 13 द्वारा निर्धारित किया गया था। इसके बाद यह आगे बढ़ता रहेगा अगले सोमवार को पृथ्वी से अधिकतम दूरी-270,000 मील (4,33,000 किमी) तक पहुँच जाएगा। यदि सबकुछ ठीक रहा तो इसे दीर्घ कक्षा में रखने के लिए शुक्रवार को एक और ‘इंजन फायरिंग' की जाएगी।धरती पर लौटने से पहले कैप्सूल चंद्रमा की कक्षा में करीब एक सप्ताह बिताएगा। इसे 11 दिसंबर को प्रशांत महासागर में गिराने की योजना बनाई गई है। कैप्सूल में कोई लैंडर नहीं लगा है और इसका चांद से कोई स्पर्श नहीं होगा। इस मिशन के सफल होने पर नासा 2024 में अंतरिक्ष यात्रियों को चांद के आसपास भेजने के मिशन को अंजाम देगा। इसके बाद नासा 2025 में एक यान को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतारने की कोशिश करेगा।