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यरुशलम. इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भारतीय उद्योग जगत के दिग्गज रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें दोनों देशों के बीच मित्रता का समर्थक बताया। टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष का बुधवार शाम 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
नेतन्याहू ने ‘एक्स' पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संबोधित एक पोस्ट में इजराइल-भारत संबंधों को बढ़ावा देने में रतन टाटा के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने शनिवार को एक पोस्ट में लिखा, “मेरे मित्र प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी। मैं और इजराइल के असंख्य लोग भारत के महान सपूत और दोनों देशों के बीच मित्रता के हिमायती रतन नवल टाटा के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं।” नेतन्याहू ने प्रधानमंत्री मोदी से रतन टाटा के शोकाकुल परिवार के प्रति उनकी संवेदना व्यक्त करने को कहा। उन्होंने अपने पोस्ट के अंत में कहा, “(शोकाकुल परिवार के प्रति) संवेदनाओं के साथ, बेंजामिन नेतन्याहू।” सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग ने भी बृहस्पतिवार को रतन टाटा को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें अपने देश का सच्चा मित्र बताया था। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने शुक्रवार को रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त किया था तथा नवाचार और विनिर्माण में उनके योगदान की प्रशंसा की थी तथा भारत एवं फ्रांस में उद्योगों को मजबूत बनाने में उनकी भूमिका को स्वीकार किया था। - वाशिंगटन. ।अमेरिका ने इजराइल पर ईरान द्वारा एक अक्टूबर को करीब 180 मिसाइलें दागे जाने के जवाब में शुक्रवार को उसके (ईरान के) ऊर्जा क्षेत्र पर नयी पाबंदियों की घोषणा की। ईरान ने कहा था कि इजराइल ने हाल के सप्ताह में लेबनान में हिजबुल्ला पर जो एक के बाद एक भीषण हमले किये, उसी के जवाब में उसने उसपर मिसाइलें दागीं। हिजबुल्ला को ईरान का समर्थन प्राप्त है। हिजबुल्ला तब से इजराइल पर रॉकेट दाग रहा है जब गाजा में लड़ाई शुरू हुई थी। अमेरिका ने शुक्रवार को जिन पाबंदियों की घोषणा की है उनमें ईरान के तथाकथित जहाजों के ‘गुप्त बेड़े' तथा संबंधित कंपनियों पर प्रतिबंध शामिल है। ये जहाज और कंपनियां संयुक्त अरब अमीरात, लाइबेरिया, हांगकांग और अन्य भूभागों में फैली हैं तथा वे कथित रूप से एशिया में खरीददारों के वास्ते ईरानी तेल की ढुलाई में लगी हैं। इसके अलावा अमेरिकी विदेश विभाग ने ईरान से पेट्रोलियम और पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री और ढुलाई का इंतजाम करने के आरोप में सूरीनाम, भारत, मलेशिया और हांगकांग स्थित कंपनियों का एक नेटवर्क भी नामित किया है। वर्तमान अमेरिकी कानून ईरान के ऊर्जा क्षेत्र के साथ-साथ ईरानी तेल खरीदने, बेचने और ढुलाई करने वाली विदेशी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार देता है। लेकिन ऊर्जा प्रतिबंध अक्सर एक नाजुक मुद्दा रहा है क्योंकि आपूर्ति पर प्रतिबंध लगाने से उन वैश्विक वस्तुओं की कीमतें बढ़ सकती हैं जिनकी अमेरिका और उसके सहयोगियों को ज़रूरत है। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि नए प्रतिबंध ‘ईरान को उन वित्तीय संसाधनों से और वंचित करेंगे जिसका उपयोग वह अपने मिसाइल कार्यक्रमों के वास्ते तथा आतंकवादी संगठनों का सहयोग करने के लिए करता है क्योंकि ये आतंकवादी संगठन अमेरिका, उसके मित्रों एवं सहयोगियों के लिए खतरा पैदा करते हैं।'' इन दंडात्मक कदमों का लक्ष्य उन्हें (ईरानियों या ईरान समर्थित लोगों को) अमेरिकी वित्तीय तंत्र का इस्तेमाल करने तथा अमेरिकी नागरिकों को उनके साथ कारोबारी संबंध बनाने से रोकना है।
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वाशिंगटन. अमेरिका ने इजराइल पर ईरान द्वारा एक अक्टूबर को करीब 180 मिसाइलें दागे जाने के जवाब में शुक्रवार को उसके (ईरान के) ऊर्जा क्षेत्र पर नयी पाबंदियों की घोषणा की। ईरान ने कहा था कि इजराइल ने हाल के सप्ताह में लेबनान में हिजबुल्ला पर जो एक के बाद एक भीषण हमले किये, उसी के जवाब में उसने उसपर मिसाइलें दागीं। हिजबुल्ला को ईरान का समर्थन प्राप्त है। हिजबुल्ला तब से इजराइल पर रॉकेट दाग रहा है जब गाजा में लड़ाई शुरू हुई थी। अमेरिका ने शुक्रवार को जिन पाबंदियों की घोषणा की है उनमें ईरान के तथाकथित जहाजों के ‘गुप्त बेड़े' तथा संबंधित कंपनियों पर प्रतिबंध शामिल है। ये जहाज और कंपनियां संयुक्त अरब अमीरात, लाइबेरिया, हांगकांग और अन्य भूभागों में फैली हैं तथा वे कथित रूप से एशिया में खरीददारों के वास्ते ईरानी तेल की ढुलाई में लगी हैं। इसके अलावा अमेरिकी विदेश विभाग ने ईरान से पेट्रोलियम और पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री और ढुलाई का इंतजाम करने के आरोप में सूरीनाम, भारत, मलेशिया और हांगकांग स्थित कंपनियों का एक नेटवर्क भी नामित किया है। वर्तमान अमेरिकी कानून ईरान के ऊर्जा क्षेत्र के साथ-साथ ईरानी तेल खरीदने, बेचने और ढुलाई करने वाली विदेशी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार देता है। लेकिन ऊर्जा प्रतिबंध अक्सर एक नाजुक मुद्दा रहा है क्योंकि आपूर्ति पर प्रतिबंध लगाने से उन वैश्विक वस्तुओं की कीमतें बढ़ सकती हैं जिनकी अमेरिका और उसके सहयोगियों को ज़रूरत है। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि नए प्रतिबंध ‘ईरान को उन वित्तीय संसाधनों से और वंचित करेंगे जिसका उपयोग वह अपने मिसाइल कार्यक्रमों के वास्ते तथा आतंकवादी संगठनों का सहयोग करने के लिए करता है क्योंकि ये आतंकवादी संगठन अमेरिका, उसके मित्रों एवं सहयोगियों के लिए खतरा पैदा करते हैं।'' इन दंडात्मक कदमों का लक्ष्य उन्हें (ईरानियों या ईरान समर्थित लोगों को) अमेरिकी वित्तीय तंत्र का इस्तेमाल करने तथा अमेरिकी नागरिकों को उनके साथ कारोबारी संबंध बनाने से रोकना है।
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स्टॉकहोम । हर साल नोबेल पुरस्कार देने वाली रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने आज बुधवार को ऐलान किया कि 2024 के रसायन विज्ञान के लिए नोबेल पुरस्कार डेविड बेकर (David Baker) को दिया जाएगा। उनके अलावा, यह प्रतिष्ठित पुरस्कार संयुक्त रूप से डेमिस हस्साबिस (Demis Hassabis) और जॉन एम. जंपर (John M. Jumper) को भी दिया गया है।
बेकर को प्रोटीन डिजाइन में अपने योगदान के लिए और हस्साबिस और जंपर को कल्पनाशील प्रोटीन स्ट्रक्चर (protein structure prediction) में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया है। एकेडमी ने विजेताओं की घोषणा करते हुए एक बयान में कहा, ‘2024 का रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार प्रोटीन से जुड़ा है, जो जीवन के सरल रासायनिक उपकरणों के बारे में है।’नोबेल कमेटी ने कहा कि 2003 में बेकर ने एक नया प्रोटीन डिजाइन किया था और तब से उनके रिसर्च ग्रुप ने एक के बाद एक कल्पनाशील प्रोटीन का निर्माण किया है, जिसमें ऐसे प्रोटीन शामिल हैं जिनका उपयोग फार्मास्यूटिकल्स, टीकों, नैनोमैटेरियल और छोटे सेंसर के रूप में किया जा सकता है।समिति ने कहा कि हस्साबिस और जंपर ने एक ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडल तैयार किया जो लगभग उन सभी 20 करोड़ प्रोटीन की संरचना का पूर्वानुमान व्यक्त करने में सक्षम है जिनकी पहचान रिसर्चर्स ने की है।एकेडमी ने कहा, अल्फाफोल्ड2 के रूप में जाना जाने वाला हस्साबिस और जंपर का AI मॉडल लगभग 20 करोड़ प्रोटीन के स्ट्रक्चर की भविष्यवाणी करने में सक्षम है। इसके निर्माण के बाद से, इस मॉडल का उपयोग 190 देशों के 20 लाख से अधिक लोग कर चुके हैं।केमिस्ट्री के लिए नोबल विजेताओं के बारे में:बेकर का जन्म 1962 में वाशिंगटन के सिएटल में हुआ था। वर्तमान में वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं। उन्होंने 1989 में कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, बर्कले से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की और उनकी रिसर्च का विभिन्न साइंटिफिक फील्ड में इनोवेटिव प्रयोग है।हस्साबिस का जन्म 1976 में यूनाइटेड किंगडम के लंदन में हुआ था। वे गूगल डीपमाइंड के सीईओ हैं। उन्होंने 2009 में यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की और गूगल डीपमाइंड में AI रिसर्च का नेतृत्व करते हैं।जंपर का जन्म 1985 में हुआ। वे लंदन स्थित गूगल डीपमाइंड में एक सीनियर रिसर्च साइंटिस्ट हैं। उन्होंने 2017 में शिकागो यूनिवर्सिटी से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।इन प्रतिष्ठित सम्मानों के अतिरिक्त, तीनों विजेताओं को 11 मिलियन यानी 1.1 करोड़ स्वीडिश क्रोनर की पुरस्कार राशि मिलेगी। इसे दो भागों में बांटा जाएगा: आधा बेकर को और बाकी बचा आधा हस्साबिस और जंपर को संयुक्त रूप से प्रदान किया जाएगा। - स्टॉकहोम. कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विशेषज्ञों जॉन हॉपफील्ड और ज्योफ्री हिंटन को मशीन लर्निंग को सक्षम बनाने वाली खोजों के लिए भौतिकी के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। मंगलवार को उनके नाम की घोषणा की गई। कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के ‘गॉडफादर' कहे जाने वाले हिंटन कनाडा और ब्रिटेन के नागरिक हैं और यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो में काम करते हैं। होपफील्ड अमेरिकी हैं और प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में कार्यरत हैं। नोबेल समिति ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘भौतिकी के लिए इस साल का नोबेल पुरस्कार पाने वाले वैज्ञानिकों ने आज की शक्तिशाली मशीन लर्निंग की बुनियाद समझे जाने वाले तरीके विकसित करने के लिए भौतिकी के साधनों का इस्तेमाल किया।'' रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेस में नोबेल समिति की सदस्य एलेन मून्स ने कहा कि दोनों वैज्ञानिकों ने “कृत्रिम न्यूरोन के नेटवर्क को डिजाइन करने के लिए सांख्यिकीय भौतिकी की मौलिक अवधारणाओं का उपयोग किया जो सहयोगात्मक स्मृतियों के रूप में कार्य करती हैं और बड़े डेटा सेट में पैटर्न खोजती हैं।” उन्होंने कहा कि इस तरह के नेटवर्क का इस्तेमाल भौतिकी में आधुनिक अनुसंधान के लिए किया गया है और ये हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बन गए हैं। इनमें चेहरे की पहचान करना और भाषा अनुवाद जैसे रोजमर्रा के काम शामिल हैं। हिंटन के मुताबिक उन्होंने गूगल की नौकरी छोड़ दी थी ताकि प्रौद्योगिकी के खतरों के बारे में खुलकर बोल सकें। उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा कि वह सम्मान की सूचना पाकर अचरज में पड़ गए। उन्होंने कहा, ‘‘जब नोबेल समिति ने फोन पर मुझसे संपर्क किया तो मैं चौंक गया। मुझे इस बारे में कोई अनुमान नहीं था।'' हिंटन ने कहा कि एआई से सभ्यता पर बड़ा असर पड़ेगा, वहीं उत्पादकता और स्वास्थ्य देखभाल में सुधार होंगे। उन्होंने संवाददाताओं और रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेस के अधिकारियों से बातचीत में कहा, ‘‘इसकी तुलना औद्योगिक क्रांति से की जा सकती है।'' हिंटन ने कहा, ‘‘लोगों की शारीरिक शक्ति बढ़ाने के बजाय यह बौद्धिक क्षमता बढ़ाएगा। यह कई मायनों में आश्चर्य चकित करने वाला है। लेकिन हमें कुछ संभावित बुरे परिणामों के बारे में चिंता करनी होगी, खासतौर पर इन चीजों के नियंत्रण से बाहर हो रहे खतरों को ध्यान में रखना होगा।'' नोबेल पुरस्कार में 1.1 करोड़ स्वीडिश क्रोनर (10 लाख अमेरिकी डॉलर) की नकद राशि प्रदान की जाती है। यह धन पुरस्कार के संस्थापक स्वीडिश नागरिक अल्फ्रेड नोबेल की संपत्ति में से दिया जाता है जिनका 1896 में निधन हो गया था। नोबेल पुरस्कार विजेताओं को नोबेल की पुण्यतिथि 10 दिसंबर पर सम्मानित किया जाएगा।माइक्रो आरएनए की खोज के लिए अमेरिकी वैज्ञानिकों विक्टर एंब्रोस और गैरी रुवकुन को चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार प्रदान किये जाने की घोषणा सोमवार को की गई। बुधवार को रसायन विज्ञान और बृहस्पतिवार को साहित्य के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार विजेताओं की घोषणा की जाएगी। शांति के लिए नोबेल पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार को और अर्थशास्त्र के लिए यह घोषणा 14 अक्टूबर को की जाएगी।
- रबात। मोरक्को में सहारा रेगिस्तान में अचानक बाढ़ आ गई और ताड़ के पेड़ों तथा रेत के टीलों के बीच नीले पानी की झीलें सी बन गई जो कि अपने आप में एक दुर्लभ नजारा था। दक्षिणपूर्वी मोरक्को का रेगिस्तान दुनिया के सबसे शुष्क स्थानों में से एक है और गर्मियों के अंत में शायद ही कभी बारिश होती है। मोरक्को सरकार ने कहा कि सितंबर में कई क्षेत्रों में दो दिन के भीतर ही वार्षिक औसत से अधिक बारिश हो गई जबकि यहां सालाना औसतन 250 मिलीमीटर से कम बारिश होती है। इसमें टाटा भी शामिल है, जो सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक है। राजधानी रबात से लगभग 450 किलोमीटर दक्षिण में स्थित एक गांव टैगौनाइट में 24 घंटे की अवधि में 100 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई। सहारा के रेगिस्तानी समुदायों को देखने के लिए मोटरगाड़ियों में आने वाले पर्यटकों के लिए यह एक अद्भुत नजारा था और रेत के टीलों तथा ताड़ के पेड़ों के आसपास बनी झीलों को देखकर उन्हें अपनी आंखों पर यकीन नहीं हो रहा था। मोरक्को के मौसम विज्ञान महानिदेशालय के हाउसिन यूआबेब ने कहा, "पिछले 30-50 सालों में पहली बार इतने कम समय में इतनी अधिक बारिश हुई है।" यूएबेब ने कहा कि ऐसी बारिश, जिसे मौसम विज्ञानी एक अतिरिक्त उष्णकटिबंधीय तूफान कह रहे हैं, वास्तव में आने वाले महीनों और वर्षों में क्षेत्र के मौसम की दिशा बदल सकती है क्योंकि हवा अधिक नमी बरकरार रखती है, जिससे अधिक वाष्पीकरण होता है और अधिक तूफान आते हैं। लगातार छह वर्षों के सूखे ने मोरक्को के अधिकांश हिस्सों के लिए चुनौतियाँ पैदा कर दी हैं जिससे किसानों को खेत खाली छोड़ने और शहरों और गाँवों को पानी की खपत सीमित करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। इस भारी बारिश से संभवतः रेगिस्तान के नीचे स्थित बड़े भूजल भंडारों को फिर से भरने में मदद मिलेगी जिन पर रेगिस्तानी समुदाय पानी की आपूर्ति के लिए निर्भर रहते हैं । क्षेत्र के जलाशयों ने पूरे सितंबर में रिकॉर्ड दर पर फिर से भरने की सूचना दी। हालाँकि यह स्पष्ट नहीं है कि सितंबर की बारिश सूखे से राहत दिलाने में कितनी मदद करेगी। हालांकि रेत और मरूद्यानों से बहते पानी ने मोरक्को और अल्जीरिया में 20 से अधिक लोगों की जान ले ली और किसानों की फसलों को भी नुकसान पहुंचाया। इससे सरकार को आपातकालीन राहत राशि आवंटित करने के लिए मजबूर होना पड़ा। नासा के उपग्रहों ने दिखाया कि ज़गोरा और टाटा के बीच एक प्रसिद्ध झील इरिकि झील में तेजी से पानी भर रहा है जो 50 वर्षों से सूखी पड़ी थी।
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रोम. पोप फ्रांसिस ने रविवार को 21 नए कार्डिनल की घोषणा की जिससे कार्डिनल्स कॉलेज का आकार काफी बढ़ गया है तथा धर्माध्यक्षों के समूह पर उनकी पकड़ और मजबूत हो गई है, जो एक दिन उनके उत्तराधिकारी का चुनाव करेंगे। इतिहास के पहले लैटिन अमेरिकी पोप द्वारा नामित लोगों में दक्षिण अमेरिका के कई प्रमुख धर्मप्रांतों (डायोसिस) और महाधर्मप्रांतों (आर्चडायोसिस) के प्रमुख शामिल हैं। इनमें अर्जेंटीना के सैंटियागो डेल एस्टेरो, ब्राजील के पोर्टो एलेग्रे, चिली के सैंटियागो, इक्वाडोर के गुआयाकिल और पेरू के लीमा के कैथोलिक चर्च के प्रमुख शामिल हैं। नये कार्डिनल को आठ दिसंबर को एक समारोह में लाल टोपियां प्रदान की जाएंगी। यह समारोह अपने आप में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसके साथ रोम में क्रिसमस की आधिकारिक रूप से शुरुआत होती है।
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लाहौर. पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के इस्लामाबाद दौरे को ‘सकारात्मक कदम' करार देते हुए कहा कि इससे दोनों पड़ोसी देशों के बीच तनाव कम करने में मदद मिल सकती है। भारत ने 15 और 16 अक्टूबर को इस्लामाबाद में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पाकिस्तान जाने वाले प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई जयशंकर द्वारा किये जाने की शुक्रवार को घोषणा की। जयशंकर ने हालांकि पाकिस्तान के अपने दौरे के दौरान द्विपक्षीय वार्ता की संभावनाओं से इनकार किया। डॉन समाचार पत्र ने रविवार को कसूरी के हवाले से एक खबर में बताया, “जयशंकर का दौरा बहुपक्षीय है लेकिन इससे दोनों पड़ोसी देशों के बीच तनाव कम करने में मदद मिल सकती है।” जनरल परवेज मुशर्रफ की सरकार में 2002 से 2007 तक पाकिस्तान के विदेश मंत्री रहे कसूरी ने कहा कि दोनों देशों को इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा, “बातचीत फिर से शुरू करने से लोगों के बीच संपर्क बहाल करने में मदद मिलेगी और सड़क, रेल तथा हवाई संपर्क बहाल करने का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।” समाचार पत्र की खबर के मुताबिक, कसूरी ने सुझाव दिया कि पश्चिमी एशिया में भारी तनाव के समय पाकिस्तान और भारत को तनाव कम करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता था। पश्चिमी एशिया में इजरायल, गाजा और लेबनान के लोगों को निशाना बना रहा है।
उन्होंने कहा, “अतीत में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम के समय यूएई (संयुक्त अरब अमीरात) के राजदूत ने भूमिका निभाने का दावा किया था।” कसूरी ने कहा कि दोनों देश परमाणु शक्ति संपन्न हैं और उनके पास शक्तिशाली सेनाएं है, इसलिए क्षेत्र में तनाव कम करना उनके आपसी हित में है। समाचार पत्र ने पूर्व मंत्री के हवाले से कहा, “इस स्थिति में दोनों देशों को जिम्मेदारी और समझदारी से काम करने की जरूरत है। यह एक महत्वपूर्ण क्षण है, जिसमें क्षेत्रीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सोच-समझकर कदम उठाने की जरूरत है।” कसूरी ने कहा कि दोनों देशों के बीच तनाव को देखते हुए भारत एक निम्न स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भेज सकता था लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान-भारत संबंधों का अनुमान लगाना मुश्किल है और ये कभी भी बदल सकते हैं जैसा कि अतीत में कई मौकों पर हुआ है। - काठमांडू. विजयादशमी या नेपाल में दसईं नाम से लोकप्रिय प्रमुख हिंदू त्योहार बृहस्पतिवार को भूस्खलन और बाढ़ के बीच शुरू हुआ। भूस्खलन और बाढ़ से त्योहार से पहले वस्तुओं का आयात भी प्रभावित हुआ है। नेपाल के हिंदू और बौद्ध समुदाय अपने-अपने तरीके से इस त्योहार को मनाते हैं जिसे राष्ट्रीय त्योहार के रूप में जाना जाता है। ‘दसईं' के पहले दिन, जौ के बीज जिन्हें जमारा कहा जाता है, मिट्टी के एक बर्तन में बोए जाते हैं, जबकि एक धातु के बर्तन 'कलश' में पानी भरकर उसके पास रखा जाता है, जिसे घटस्थापना के रूप में जाना जाता है। काठमांडू में बृहस्पतिवार सुबह विशेष वैदिक अनुष्ठान करके शुभ मुहूर्त में जौ को सदियों पुराने शाही महल हनुमान ढोका के 'दशईं घर' में लगाया गया। घटस्थापना के साथ ही काठमांडू घाटी सहित देश भर के सभी शक्तिपीठों या धार्मिक शक्ति केंद्रों में उत्सव और पूजा-अर्चना होती है। जौ के बीज 10वें दिन, विजयादशमी के दिन जौ के अंकुर के रूप में उगते हैं तथा उन्हें चावल और दही के साथ मिश्रित सिंदूर पाउडर के साथ छोटों के माथे पर विजयादशमी उत्सव मनाते हुए लगाया जाता है। दशमी के बाद भी, लोग अगले कुछ दिनों तक अपने बुजुर्गों के माथे पर टीका लगाने के लिए जाते हैं, जिससे उत्सव 15 दिनों तक चलता है। इस साल त्यौहारों का जश्न कई दिनों तक लगातार बारिश के कारण फीका रहा, जिसके कारण बड़े पैमाने पर बाढ़ और भूस्खलन हुआ है। इससे हिमालयी राष्ट्र में 240 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। बुधवार को गृहमंत्री रमेश लेखक ने अधिकारियों और आपदा प्रबंधन एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया, क्योंकि मौसम विभाग ने कोशी और बागमती प्रांतों के साथ-साथ काठमांडू घाटी में भारी बारिश जारी रहने का अनुमान जताया है। बुधवार तक बाढ़ और भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों से 17,000 से अधिक लोगों को निकाला गया है।
- ब्लैक माउंटेन. अमेरिका के जॉर्जिया और उत्तरी कैरोलिना में हेलेन तूफान से और अधिक मौतें होने की सूचना के बाद बृहस्पतिवार को इससे मरने वालों की संख्या 200 तक पहुंच गई। जॉर्जिया के अधिकारियों ने आठ और उत्तरी कैरोलिना ने तीन लोगों की मौत होने की सूचना दी है जिसके बाद मृतकों की संख्या 189 से बढ़कर 200 हो गई। पश्चिमी उत्तरी कैरोलिना के पहाड़ों में बृहस्पतिवार को भी खोज और बचाव अभियान जारी रहा। तूफान का सबसे अधिक असर इसी क्षेत्र में पड़ा है। हेलेन तूफान पिछले बृहस्पतिवार को उत्तरी फ्लोरिडा के तट पर आया था।
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गोमा (कांगो) .मध्य अफ्रीकी देश कांगो के पूर्वी हिस्से में किवु झील में बृहस्पतिवार को सैकड़ों यात्रियों को ले जा रही एक नौका के पलट जाने से कम से कम 50 लोगों की मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों ने यह जानकारी दी। यह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि नौका पर कितने लोग सवार थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि उन्होंने बचाव सेवाओं को पानी से कम से कम 50 शव निकालते देखा। उन्होंने बताया कि 10 लोग बचा लिए गए और उन्हें स्थानीय अस्पताल ले जाया गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि नौका पर क्षमता से अधिक यात्री सवार थे। यह घटना उस वक्त हुई जब नौका किटुकू बंदरगाह से कुछ मीटर की दूरी पर किनारे की तरफ आ रही थी। पिछले दिनों राजधानी के पास एक नौका के डूब जाने से 80 यात्रियों की जान चली गई थी।
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वाशिंगटन. अमेरिका के सिएटल सेंटर में महान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी महात्मा गांधी की जयंती पर उनकी आवक्ष प्रतिमा का अनावरण किया गया। सिएटल के मेयर ब्रूस हैरेल, सांसद एडम स्मिथ और भारतीय मूल की सांसद प्रमिला जयपाल की उपस्थिति में बुधवार को आवक्ष प्रतिमा का अनावरण किया गया। सिएटल में स्थापित गांधी की यह पहली आवक्ष प्रतिमा है। प्रतिमा को लोकप्रिय ‘स्पेस नीडल' के नीचे तथा चिहुली गार्डन एवं ग्लास म्यूजियम के समीप स्थापित की गया है। प्रतिमा के अनावरण समारोह का नेतृत्व सिएटल में भारत के महावाणिज्यदूत प्रकाश गुप्ता ने किया। समारोह में उत्तर पश्चिम प्रशांत में ‘यूएस फर्स्ट कोर' के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जेवियर ब्रूनसन और ‘मार्टिन लूथर किंग गांधी इनिशिएटिव' के अध्यक्ष एडी राई भी शामिल थे। इस अवसर पर, वाशिंगटन के गवर्नर जे. इंसली ने एक आधिकारिक घोषणा जारी की। उन्होंने इस प्रतिमा को गांधी के सिद्धांतों के प्रति श्रद्धांजलि बताते हुए कहा कि अहिंसा के मार्ग पर चलकर परिवर्तन लाने के प्रभाव की याद दिलाएगा। किंग काउंटी ने भी ग्रेटर सिएटल क्षेत्र के सभी 73 शहरों में दो अक्टूबर को ‘महात्मा गांधी दिवस' के रूप में मनाए जाने की घोषणा की। वाणिज्य दूतावास ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘भारत के महावाणिज्य दूतावास और सिएटल शहर ने महात्मा गांधी की आवक्ष प्रतिमा स्थापित करने के लिए उपयुक्त स्थान को चिन्हित करने में मिलकर काम किया और प्रतिष्ठित सिएटल सेंटर के इस स्थान को उपयुक्त माना गया। हर साल यहां 1.2 करोड़ से अधिक पर्यटक आते हैं। इसके महत्व, स्थान और लोगों की पहुंच तथा शांति एवं अहिंसा के मूल्यों को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को देखते हुए प्रतिमा की स्थापना के लिए सिएटल सेंटर को उपयुक्त समझा गया।
- काठमांडू. नेपाल में बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या मंगलवार को बढ़कर 217 हो गई और 28 लोग अब भी लापता हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। पिछले शुक्रवार से लगातार हो रही बारिश के कारण बाढ़ आई और जगह-जगह भूस्खलन हुआ, जिससे हिमालयी राष्ट्र में तबाही मच गई। हालांकि, रविवार से काठमांडू में मौसम में सुधार हुआ है, जिससे आपदा प्रभावित लोगों को कुछ राहत मिली है। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ऋषिराम तिवारी ने बताया कि काठमांडू और नेपाल के विभिन्न हिस्सों में तीन दिन से लगातार हो रही बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन में मंगलवार सुबह तक मरने वालों की संख्या 217 तक पहुंच गई और 143 लोग घायल हुए हैं जबकि 28 लोग लापता हैं। बृहस्पतिवार से शनिवार तक लगातार हुई बारिश ने पूरे नेपाल में तबाही मचा दी है।काठमांडू घाटी में सबसे अधिक नुकसान हुआ है, जहां मरने वालों की संख्या 50 को पार कर गई है। बचाव कार्य में नेपाल सेना, सशस्त्र पुलिस बल और नेपाल पुलिस सहित 20,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण एशिया भर में वर्षा की मात्रा और समय में बदलाव हो रहा है और बाढ़ के प्रभाव में वृद्धि का एक प्रमुख कारण पर्यावरण की स्थिति में बदलाव है जिसमें विशेष रूप से बाढ़ के मैदानों में गैर नियोजित निर्माण बड़ी वजह है। इसके चलते पानी के ठहराव और निकासी के लिए पर्याप्त जगह नहीं बचती। बाढ़ और भूस्खलन की वजह से देश के कई हिस्सों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कई राजमार्ग और सड़कें बाधित हो गई हैं, सैकड़ों मकान और पुल ध्वस्त हो गए हैं या बह गए हैं और सैकड़ों परिवार विस्थापित हो गए हैं। सड़क बाधित होने के कारण हजारों यात्री विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं।
- तोक्यो. जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और उनके मंत्रिमंडल ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया जिससे उनके संभावित उत्तराधिकारी शिगेरु इशिबा के अगले प्रधानमंत्री के तौर पर कार्यभार ग्रहण करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। मुख्य कैबिनेट सचिव योशिमासा हयाशी ने घोषणा की कि किशिदा और उनके मंत्रियों ने मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में इस्तीफे सौंप दिए। इशिबा को शुक्रवार को सत्तारूढ़ ‘लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी' का नेता चुना गया था ताकि वह किशिदा का स्थान ले सकें। किशिदा ने अपने तीन वर्ष के कार्यकाल के अंत में इस्तीफा देने की अगस्त में घोषणा की थी। मंगलवार को संसद में मतदान के बाद इशिबा का प्रधानमंत्री बनना तय है, क्योंकि संसद में उनकी पार्टी के सत्तारूढ़ गठबंधन के पास बहुमत है। इसके बाद इशिबा अपने नए मंत्रिमंडल की घोषणा करेंगे। इशिबा ने सोमवार को कहा था कि वह मंगलवार को देश का औपचारिक रूप से प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद 27 अक्टूबर को संसदीय चुनाव कराने की योजना बना रहे हैं। इशिबा ने सोमवार को अपने मंत्रिमंडल के गठन से पहले पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की घोषणा करते हुए चुनाव की तारीख का उल्लेख किया। किशिदा भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हुए हैं।
- काठमांडू। नेपाल में बारिश के कारण आयी बाढ़ और भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर रविवार को 102 हो गयी। पुलिस ने यह जानकारी दी। पूर्वी और मध्य नेपाल का बड़ा हिस्सा शुक्रवार से जलमग्न है और देश के कई हिस्सों में अचानक बाढ़ आ गयी है। सशस्त्र पुलिस बल के सूत्रों के अनुसार, बाढ़ और भूस्खलन के कारण 64 लोग लापता हैं जबकि 45 लोग घायल हो गए हैं। काठमांडू घाटी में सबसे ज्यादा 48 लोगों की मौत हुई है। कम से कम 195 मकान और आठ पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं। सुरक्षाकर्मियों ने करीब 3,100 लोगों को बचाया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, उन्होंने काठमांडू घाटी में पिछले 40-45 साल में इतनी विनाशकारी बाढ़ नहीं देखी। सशस्त्र पुलिस बल ने एक बयान में कहा कि मृतकों की संख्या 102 हो गयी है।‘इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटेग्रेटेड माउनटेन डेवलेपमेंट' (आईसीआईएमओडी) में जलवायु और पर्यावरण विशेषज्ञ अरुण भक्ता श्रेष्ठ ने कहा, ‘‘मैंने काठमांडू में पहले कभी इतने बड़े पैमाने पर बाढ़ नहीं देखी।'' आईसीएमओडी द्वारा शनिवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि काठमांडू की मुख्य नदी बागमती शुक्रवार और शनिवार को पूर्वी तथा मध्य नेपाल में मूसलाधार बारिश के बाद से खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसमें कहा गया है कि बंगाल की खाड़ी में कम दबाव की प्रणाली और मानसून की स्थिति के कारण शनिवार को असाधारण रूप से तीव्र वर्षा हुई। वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण पूरे एशिया में बारिश की मात्रा और समय में बदलाव आ रहा है। बाढ़ और भूस्खलन के कारण नेपाल के कई हिस्सों में जनजीवन ठप हो गया है। कई राजमार्ग और सड़कें अवरुद्ध हैं, सैकड़ों मकान और पुल बह गए हैं और सैकड़ों परिवार विस्थापित हो गए हैं। सड़क अवरुद्ध होने के कारण विभिन्न स्थानों पर हजारों यात्री फंसे हुए हैं।
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काठमांडू. नेपाल में लगातार बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन से कम से कम 66 लोगों की मौत हो गई और 60 घायल हो गये। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। नेपाल के कई हिस्सों में बृहस्पतिवार से भारी बारिश हो रही है, जिसके कारण आपदा अधिकारियों ने अचानक बाढ़ की चेतावनी जारी की है। नेपाल पुलिस के उप-प्रवक्ता बिश्व अधिकारी ने बताया कि लगातार बारिश के कारण नेपाल में 66 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से 34 की मौत काठमांडू घाटी में हुई है। उन्होंने बताया कि बाढ़ में 60 लोग घायल भी हुए हैं। उन्होंने बताया कि देशभर में कुल 79 लोग लापता हैं, जिनमें से 16 काठमांडू घाटी में लापता हैं। उन्होंने बताया कि तीन हजार से ज्यादा लोगों को बचाया भी गया है। अधिकारी ने कहा कि देशभर में 63 स्थानों पर मुख्य राजमार्ग अवरुद्ध हो गए हैं।
इस बीच, कार्यवाहक प्रधानमंत्री एवं शहरी विकास मंत्री प्रकाश मान सिंह ने गृहमंत्री, गृह सचिव और सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों समेत विभिन्न मंत्रियों की एक आपात बैठक बुलाई है और उन्हें खोज तथा बचाव अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने नेपाल में सभी स्कूलों को तीन दिन के लिए बंद करने तथा सभी परीक्षाओं को स्थगित करने का आदेश दिया है। बाढ़ के कारण मुख्य विद्युत लाइन बाधित होने की वजह से काठमांडू में पूरे दिन बिजली गुल रही, लेकिन शाम को बिजली आपूर्ति बहाल हो गई। बारिश के कारण हुए भूस्खलन के कारण काठमांडू के सभी प्रवेश मार्ग भी अवरुद्ध हो गए हैं।
पुलिस ने बताया कि काठमांडू में 226 मकान जलमग्न हो गए हैं और प्रभावित इलाकों में नेपाल पुलिस की ओर से लगभग तीन हजार सुरक्षाकर्मियों की बचाव टीम तैनात की गई है। -
पेरी (फ्लोरिडा). दक्षिण-पूर्वी अमेरिका के एक हिस्से में ‘हेलेन' तूफान के कारण कम से कम 52 लोगों की मौत हो गई और अरबों डॉलर का नुकसान हुआ है। इस तूफान के कारण 30 लाख से अधिक ग्राहक बिना बिजली के रह रहे हैं।
हेलेन बृहस्पतिवार देर रात चौथी श्रेणी के तूफान के रूप में फ्लोरिडा के 'बिग बेंड' क्षेत्र में तट से टकराया और फिर तेजी से जॉर्जिया, कैरोलिना और टेनेसी की ओर बढ़ा, जिससे पेड़ उखड़ गए, घर ध्वस्त हो गए, नदियां और नाले उफान पर आ गए तथा इसका असर बांधों पर दबाव के रूप में भी दिखा। अधिकारियों ने बताया कि फ्लोरिडा, जॉर्जिया, उत्तरी कैरोलिना, दक्षिण कैरोलिना और वर्जीनिया में तूफान से लोगों की जान गई है। -
संयुक्त राष्ट्र. भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे ने कहा कि भारत महत्वपूर्ण आर्थिक प्रगति और ‘ग्लोबल साउथ' में अपने नेतृत्व के कारण संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने का हकदार है। तोबगे ने भूटान के सबसे कम विकसित देशों (एलडीसी) की श्रेणी से बाहर निकलने के लिए भारत की ओर से मिले ‘समर्थन व मित्रता' को लेकर हार्दिक आभार जताया। तोबगे ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र को आज की दुनिया की वास्तविकताओं के अनुरूप बनाया जाना चाहिए। सुरक्षा परिषद का मौजूदा स्वरूप अतीत की निशानी है। हमें ऐसी परिषद की आवश्यकता है जिसमें वर्तमान भू-राजनीतिक, आर्थिक परिदृश्य और सामाजिक वास्तविकताएं झलकती हों।'' उन्होंने कहा कि भूटान लंबे समय से 15 देशों वाली सुरक्षा परिषद में सुधार करने की पैरवी करता रहा है ताकि इसे अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण और प्रभावी बनाया जा सके। तोबगे ने कहा कि हमने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को स्थायी सदस्य बनाने का भी समर्थन किया है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत महत्वपूर्ण आर्थिक प्रगति, जनसंख्या तथा ग्लोबल साउथ में नेतृत्व के कारण संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने का हकदार है।'' तोबगे ने जापान को भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाए जाने का समर्थन किया।
फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका समेत सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य देशों ने पुनर्गठित सुरक्षा परिषद में भारत को भी जगह देने का स्पष्ट रूप से समर्थन किया है। -
पेरी (फ्लोरिडा). अमेरिका के दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र और फ्लोरिडा में ‘हेलेन' तूफान के कारण आई बाढ़ और इससे जुड़ी घटनाओं में कम से कम 44 लोगों की मौत हो गई है। ‘हेलेन' तूफान ने क्षेत्र में व्यापक तबाही मचाई है। इससे कई पेड़ उखड़ गए हैं और कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। तूफान के कारण एक मकान पर पेड़ गिर जाने के कारण वहां रह रही एक महिला, उसके एक महीने के जुड़वां बच्चे तथा एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई है। घटनास्थल पर राहत-बचाव अभियान के दौरान तीन अग्निशमन कर्मियों की भी मौत हो गई। ‘एसोसिएटेड प्रेस' की गणना अनुसार, ‘हेलेन' तूफान के कारण फ्लोरिडा, जॉर्जिया, उत्तरी कैरोलाइना, दक्षिण कैरोलाइना और वर्जीनिया में कम से कम 44 लोग मारे गए हैं। तूफान ‘हेलेन' के कारण दक्षिणी जॉर्जिया के कुछ अस्पतालों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है।
फ्लोरिडा के बिग बेंड गांव में बृहस्पतिवार देर रात ‘हेलेन' तूफान ने दस्तक दी थी। उस दौरान तूफान की अधिकतम रफ्तार 225 किलोमीटर प्रति घंटा थी। ‘मूडीज एनालिटिक्स' ने बताया कि तूफान के कारण 15 से 26 अरब अमेरिकी डॉलर की संपत्ति के नुकसान की आशंका है। - जेनेवा। जापान की सत्तारूढ़ पार्टी ने पूर्व रक्षा मंत्री शिगेरु इशिबा को शुक्रवार को अपना नेता चुना जो प्रधानमंत्री के रूप में अगले सप्ताह कार्यभार संभालेंगे। पार्टी का नेता चुना जाना प्रधानंमत्री पद का टिकट है, क्योंकि इस समय संसद में ‘लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी’ के सत्तारूढ़ गठबंधन का बहुमत है। पार्टी के इस चुनाव में दो महिलाओं सहित नौ उम्मीदवार मैदान में थे।इशिबा को पार्टी के सांसदों और जमीनी स्तर के सदस्यों ने मतदान के जरिए चुना। अगले सप्ताह संसद में प्रस्तावित मतदान में उनका प्रधानमंत्री के रूप में चुना जाना तय है क्योंकि पार्टी का सत्तारूढ़ गठबंधन दोनों सदनों में बहुमत में है। पार्टी के इस चुनाव में दो महिलाओं सहित नौ उम्मीदवार मैदान में थे। इशिबा को पार्टी के सांसदों और जमीनी स्तर के सदस्यों ने मतदान के जरिए चुना।वर्तमान प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हुए हैं और उनकी पार्टी अगले आम चुनाव से पहले जनता का विश्वास हासिल करने की उम्मीद में एक नए नेता की तलाश कर रही है।मतदान में संसद के एलडीपी सदस्यों के अलावा लगभग 10 लाख बकाया भुगतान करने वाले पार्टी सदस्य ही हिस्सा ले सकते थे। यह संख्या देश के कुल योग्य मतदाताओं का केवल एक प्रतिशत है। पार्टी के दिग्गजों के बीच चल रही अंदरूनी बातचीत और समझौते की संभावनाओं के मद्देनजर यह अंदाजा लगाना कठिन था कि इस चुनाव में किसका पलड़ा भारी रहेगा। एनएचके टेलीविजन के शुरुआती अनुमानों के मुताबिक पूर्व रक्षा मंत्री शिगेरू इशिबा, आर्थिक सुरक्षा मंत्री साने ताकाइची और पूर्व पर्यावरण मंत्री शिंजिरो कोइज़ुमी दौड़ में आगे थे। इशिबा को मीडिया सर्वेक्षणों में भी सबसे आगे बताया गया। ताकाइची, पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की करीबी रही हैं और कट्टर रूढ़िवादी नेताओं में उनकी गिनती होती है।उन्होंने 2021 में किशिदा के खिलाफ चुनाव लड़ा था। कोइज़ुमी, पूर्व प्रधानमंत्री जुनिचिरो कोइज़ुमी के बेटे हैं। पिछले मतदानों में अक्सर पार्टी के शक्तिशाली गुट के नेताओं द्वारा नेता निर्धारित किए जाते थे, लेकिन इस बार छह गुटों में से एक को छोड़कर सभी ने भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद विलय की घोषणा की है।विशेषज्ञों के बीच व्यापक चिंता का विषय यह है कि जो भी चुनाव में जीते लेकिन उसे गुटीय समर्थन नहीं मिलता है तो संभावना है कि जापान में एक बार फिर 2000 के दशक की वापसी हो जाए। इस दौरान कई बार नेतृत्व परिवर्तन हुआ था और देश में राजनीतिक अस्थिरता देखी गई थी।अल्पकालिक सरकारों का मुखिया बनने वाले जापानी प्रधानमंत्रियों की दीर्घकालिक नीति लक्ष्यों को स्थापित करने या अन्य नेताओं के साथ विश्वसनीय संबंध विकसित करने की क्षमता को नुकसान पहुंचाती है। ताकाइची और विदेश मंत्री योको कामीकावा ही इस दौड़ में शामिल दो महिलाएं थीं। जापान की संसद के निचले सदन में महिलाओं की संख्या केवल 10.3 प्रतिशत है।जेनेवा स्थित अंतर-संसदीय संघ द्वारा अप्रैल में जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक 190 देशों में महिला प्रतिनिधित्व के मामले को जापान 163 वें स्थान पर है। मंगलवार को किशिदा और उनके कैबिनेट मंत्री इस्तीफा देंगे। एलडीपी के घोटालों के बावजूद मुख्य विपक्षी और जापान की उदारवादी-झुकाव वाली कांस्टीट्यूशनल डेमोक्रेटिक पार्टी अपनी स्थिति मजबूत बनाने के लिए संघर्ष कर रही है।लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इसके नवनिर्वाचित नेता योशिहिको नोडा पार्टी के लिए एक रूढ़िवादी बदलाव पर जोर दे रहे हैं और वह एक व्यापक राजनीतिक पुनर्संरचना को स्वरूप दे सकते हैं। नोडा जापान के पूर्व प्रधानमंत्री हैं और उनकी गिनती मध्यमार्गी नेताओं में होती है।
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न्यूयॉर्क. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमेरिका की तीन दिवसीय ‘‘सफल और अहम'' यात्रा के बाद सोमवार को स्वदेश रवाना हो गए। इस यात्रा के दौरान उन्होंने ‘क्वाड' (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) के सदस्य देशों के शासन प्रमुखों की बैठक और भारतीय समुदाय के एक कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में ‘भविष्य के शिखर सम्मेलन' को संबोधित किया। मोदी ने अपनी इस यात्रा के दौरान कई द्विपक्षीय बैठकें भी कीं। उन्होंने रविवार को ‘क्वाड' शिखर सम्मेलन के इतर अपने जापानी और ऑस्ट्रेलियाई समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं और आपसी लाभ एवं हिंद-प्रशांत क्षेत्र की ‘‘शांति, स्थिरता और समृद्धि'' के लिए द्विपक्षीय सहयोग को और गहरा करने पर विचारों का आदान-प्रदान किया। विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमेरिका की सफल और अहम यात्रा के बाद नयी दिल्ली रवाना हुए।'' मोदी शुक्रवार को अमेरिका पहुंचे थे और यात्रा के पहले दिन उन्होंने डेलावेयर के विलमिंगटन में ‘क्वाड' के सदस्य देशों के शासन प्रमुखों की बैठक में भाग लिया। ‘क्वाड' शिखर सम्मेलन की मेजबानी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने डेलावेयर में अपने गृहनगर विलमिंगटन में शनिवार को की जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने भाग लिया। बाइडन ने द्विपक्षीय बैठक के लिए अपने आवास में मोदी की मेजबानी की जो दुर्लभ बात है। ‘क्वाड' शिखर सम्मेलन विलमिंगटन के ‘आर्कमेरे अकेडमी' में आयोजित किया गया। मोदी के साथ बैठक के दौरान बाइडन ने भारत द्वारा प्रमुख अमेरिकी रक्षा कंपनी ‘जनरल एटॉमिक्स' से 31 एमक्यू-9बी सशस्त्र ड्रोन की खरीद को अंतिम रूप दिए जाने की दिशा में हुई प्रगति का स्वागत किया। बाइडन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रक्षा उपकरण की द्विपक्षीय पारस्परिक आपूर्ति को बढ़ावा देने का संकल्प लिया। मोदी ने शिखर सम्मेलन के इतर ऑस्ट्रेलिया और जापान के अपने समकक्षों के साथ भी द्विपक्षीय बैठकें कीं।
अमेरिका के राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय बैठक की अत्यंत विशेष बात भारत के 297 पुरावशेषों की वापसी रही जिनमें से कुछ द्विपक्षीय बैठक के दौरान बाइडन के आवास पर प्रदर्शित किए गए। ‘क्वाड' शिखर सम्मेलन और इससे जुड़े अन्य सम्मेलनों में प्रधानमंत्री मोदी ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में विभिन्न साझेदारों के साथ विकास के लिए सहयोग, संपर्क और सहभागिता के भारत के दृष्टिकोण को रेखांकित किया। शिखर सम्मेलन की प्रमुख घोषणाओं में ‘क्वाड कैंसर मूनशॉट' शामिल है, जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कैंसर और विशेषकर ‘सर्विकल' कैंसर से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए एक अभूतपूर्व साझेदारी है। भारत ने सर्विकल कैंसर के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के लिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रोग की जांच एवं निदान के लिए 75 लाख अमेरिकी डॉलर का अनुदान देने का संकल्प लिया है। ‘क्वाड' राष्ट्रों ने हिंद-प्रशांत में प्रशिक्षण के लिए एक नयी क्षेत्रीय समुद्री पहल (मैत्री) की घोषणा की, ताकि क्षेत्र में उनके साझेदार हिंद-प्रशांत समुद्री क्षेत्र जागरूकता (आईपीएमडीए) और ‘क्वाड' के साझेदारों की अन्य पहलों के माध्यम से प्रदान किए गए उपकरणों का अधिकतम लाभ उठा सकें जिसकी मदद से वे अपने जलक्षेत्र की निगरानी एवं सुरक्षा कर सकें, अपने कानूनों को लागू कर सकें और गैरकानूनी व्यवहार को रोक सकें। विलमिंगटन में क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद मोदी शनिवार को यात्रा के दूसरे दिन न्यूयॉर्क रवाना हुए, जहां उन्होंने ‘लॉन्ग आइलैंड' में भारतीय समुदाय के एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया और यात्रा के तीसरे दिन संयुक्त राष्ट्र के एक प्रमुख सम्मेलन को संबोधित किया। मोदी ने शनिवार को न्यूयॉर्क के नासाउ कोलिजियम में भारतीय-अमेरिकियों की एक विशाल सभा को संबोधित किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को ‘‘अवसरों की भूमि'' बताते हुए कहा कि उन्होंने अपने तीसरे कार्यकाल में देश को विकसित राष्ट्र बनाने का बहुत महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने बोस्टन और लॉस एंजिलिस में नए वाणिज्य दूतावास स्थापित करने की योजना की घोषणा की। वाणिज्य दूतावास स्थापित करना इन दो बड़े अमेरिकी शहरों में तेजी से बढ़ते भारतीय अमेरिकी समुदाय की बहुत पुरानी मांग थी। इस कार्यक्रम में 13,000 से अधिक भारतीय अमेरिकियों ने भाग लिया। आयोजकों ने बताया कि इनमें से ज़्यादातर लोग न्यूयॉर्क और न्यू जर्सी क्षेत्र से थे, लेकिन भारतीय अमेरिकी 40 राज्यों से आए थे। उन्हें लाने के लिए 60 चार्टर बसों का इस्तेमाल किया गया था। भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को मजबूत करने में भारतीय-अमेरिकियों की भूमिका की सराहना करते हुए मोदी ने उन्हें भारत का ‘ब्रैंड एंबेसडर' बताया। इसके बाद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका में प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) के साथ ‘‘सार्थक'' गोलमेज सम्मेलन में हिस्सा लिया और इस दौरान भारत में विकास की संभावनाओं पर जोर दिया एवं विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने की पहलों पर चर्चा की। बैठक मोदी की तीन दिवसीय अमेरिका यात्रा के दूसरे दिन रविवार को ‘लोट्टे न्यूयॉर्क पैलेस होटल' में हुई। बैठक में एआई, ‘क्वांटम कंप्यूटिंग' और ‘सेमीकंडक्टर' जैसी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों पर काम करने वाली अमेरिका की प्रमुख कंपनियों के सीईओ ने हिस्सा लिया। यात्रा के तीसरे दिन प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र के ‘भविष्य के शिखर सम्मेलन' को संबोधित किया और कहा, ‘‘मानवता की सफलता युद्ध के मैदान में नहीं, बल्कि सामूहिक शक्ति में निहित है।'' संयुक्त राष्ट्र महासभा हॉल के प्रतिष्ठित मंच से विश्व नेताओं को संबोधित करते हुए मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत नमस्कार से की और कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र में 1.4 अरब भारतीयों या मानवता के छठे हिस्से की आवाज लेकर आए हैं। -
वाशिंगटन. अमेरिका के एक शीर्ष भारत केंद्रित व्यापार पैरोकार रणनीतिक समूह ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा में प्रवासी समुदाय का उत्साह दिखा। साथ ही द्विपक्षीय साझेदारी में दोनों देशों की सरकारों की ओर से निरंतर आशावादी रुख एवं लोगों के बीच आपसी संपर्क में गहरी मित्रता और अटूट बंधन की झलक दिखी। मोदी अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा पर थे और इस दौरान उन्होंने शनिवार को विलमिंगटन में क्वाड (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) देशों के नेताओं के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया, रविवार को लॉन्ग आइलैंड में भारतीय-अमेरिकी समुदाय के हजारों सदस्यों के विशाल कार्यक्रम को संबोधित किया तथा सोमवार को संयुक्त राष्ट्र के ‘‘भविष्य का शिखर सम्मेलन'' को संबोधित किया। उन्होंने इन तीनों दिन विश्व के नेताओं के साथ द्विपक्षीय चर्चा भी की। यूएस इंडिया स्ट्रैटजिक एंड पार्टनरशिप फोरम (यूएसआईएसपीएफ) ने सोमवार को एक बयान में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी की हालिया यात्रा के दौरान प्रवासी समुदाय में उत्साह, साझेदारी में दोनों सरकारों की ओर से आशावादी रुख और लोगों के बीच परस्पर संबंध में गहराई एवं मित्रता का बंधन देखने को मिला।'' ‘मोदी एंड यूएस' सामुदायिक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने 13,000 से अधिक भारतीय अमेरिकियों से खचाखच भरे नासाउ वेटरन्स कोलिजियम में उन्हें संबोधित किया। आयोजकों के अनुसार, 40 राज्यों से भारतीय अमेरिकी नागरिक आए थे जिनमें से ज्यादातर न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी से थे। यूएसआईएसपीएफ ने भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए राष्ट्रपति जो बाइडन को धन्यवाद दिया और इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका में पांच नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनावों में जो भी उम्मीदवार जीतेगा, वह भारत के साथ रणनीतिक संबंधों को और गहरा करना जारी रखेगा। समूह ने कहा, ‘‘एक मौजूदा राष्ट्रपति के रूप में बाइडन की प्रधानमंत्री मोदी के साथ यह आखिरी मुलाकात होगी। यह स्पष्ट है कि जनवरी 2025 में व्हाइट हाउस (अमेरिका के राष्ट्रपति का आधिकारिक कार्यालय एवं आवास) में जो भी आएगा, वह रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाना जारी रखेगा और अमेरिका की भू-रणनीतिक दृष्टि के तहत हिंद-प्रशांत को प्राथमिकता देगा।'' यूएसआईएसपीएफ ने कहा कि दोनों नेताओं ने दोनों लोकतंत्रों के साझा हितों को रेखांकित किया। समूह ने कहा, ‘‘हालांकि, 21वीं सदी की चुनौतियों के तत्काल समाधान के लिए उन हितों को साझा प्राथमिकताओं तक विस्तारित करना महत्वपूर्ण है।
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वाशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और संयुक्त अरब अमीरात के उनके समकक्ष शेख मोहम्मद बिन जायद ने भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) की प्रगति पर चर्चा की और अंतरराष्ट्रीय संपर्क के एक नए युग'' की शुरुआत करने की इसकी क्षमता को रेखांकित किया। इस महत्वाकांक्षी परियोजना को 2023 में नई दिल्ली में आयोजित जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में भारत, सऊदी अरब, फ्रांस, जर्मनी, इटली और यूरोपीय संघ के नेताओं के साथ मिलकर पेश किया गया था। यह गलियारा पूरा होने पर यूनान के जरिये यूरोप को जोड़गा। भारत को संयुक्त अरब अमीरात(यूएई), सऊदी अरब, जॉर्डन और इज़राइल से जहाज तथा रेल संपर्क प्रदान करेगा। संयुक्त बयान के अनुसार, व्हाइट हाउस में सोमवार को आयोजित बैठक में बाइडन और जायद ने पुष्टि की कि यह गलियारा आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देगा, दक्षता में वृद्धि करेगा, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करेगा और एशिया, यूरोप तथा पश्चिम एशिया के परिवर्तनकारी एकीकरण को सक्षम बनाएगा। बयान में कहा गया, दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि इस परिवर्तनकारी साझेदारी में वैश्विक व्यापार तथा स्वच्छ ऊर्जा वितरण को सुविधाजनक बनाने, बिजली तक विश्वसनीय पहुंच का विस्तार करने और दूरसंचार को मजबूत करने के लिए ‘‘ अंतरराष्ट्रीय संपर्क के एक नए युग '' की शुरुआत करने की क्षमता है। इस बीच, बाइडन ने संयुक्त अरब अमीरात को अमेरिका का एक प्रमुख रक्षा साझेदार बनाने की योजना की भी घोषणा की। यूएई यह दर्जा पाने वाला भारत के बाद वह दूसरा देश है।
- संयुक्त राष्ट्र. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र के एक सम्मेलन में कहा कि मानवता की सफलता युद्ध के मैदान में नहीं, बल्कि सामूहिक शक्ति में निहित है। ‘भविष्य के शिखर सम्मेलन' को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय विश्व के भविष्य पर चर्चा कर रहा है, तो सर्वोच्च प्राथमिकता ‘‘मानव-केंद्रित दृष्टिकोण'' को दी जानी चाहिए। उन्होंने किसी विशेष संघर्ष का नाम लिए बिना कहा, ‘‘मानवता की सफलता हमारी सामूहिक शक्ति में निहित है, युद्ध के मैदान में नहीं।'' प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि टिकाऊ विकास को प्राथमिकता देते हुए मानव कल्याण, खाद्य और स्वास्थ्य सुरक्षा भी सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘भारत में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालकर हमने यह प्रदर्शित किया है कि टिकाऊ विकास सफल हो सकता है।'' प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत अपनी सफलता के इस अनुभव को पूरे ‘ग्लोबल साउथ' के साथ साझा करने के लिए तैयार है। आमतौर पर आर्थिक रूप से कम विकसित देशों या विकासशील देशों को संदर्भित करने के लिए ‘ग्लोबल साउथ' शब्द का इस्तेमाल होता है। मोदी ने वैश्विक संस्थाओं में सुधार का आह्वान करते हुए कहा कि ये वैश्विक शांति और विकास के लिए आवश्यक हैं।
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न्यूयॉर्क. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अमेरिका के न्यूयॉर्क में भारतीय समुदाय को संबोधित किए जाने से पहले लोक गायक आदित्य गढ़वी, रैपर हनुमानकाइंड, संगीतकार डीएसपी और सैन डिएगो में रहने वाली संगीतकार जोड़ी किरण तथा निवी ने हजारों दर्शकों को अपनी शानदार प्रस्तुतियों से मंत्रमुग्ध कर दिया। लॉन्ग आइलैंड के नासाउ कोलिजीयम (रंगशाला) में रविवार को मोदी के आगमन से पहले कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। प्रधानमंत्री ने सोमवार को अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर साझा की गई एक वीडियो क्लिप के कैप्शन में लिखा, ‘‘धन्यवाद न्यूयॉर्क! ये यादगार सामुदायिक कार्यक्रम की झलकियां हैं।'' प्रधानमंत्री के पहुंचने से पहले एक मनोरंजक सांस्कृतिक प्रस्तुति कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रही। ‘द इकोज़ ऑफ इंडिया - ए जर्नी थ्रू आर्ट एंड ट्रेडिशन' में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के 382 जाने-माने कलाकारों ने भाग लिया। पिछले साल अपने गुजराती गीत ‘खलासी' से प्रसिद्धि पाने वाले गढ़वी ने ‘पुष्पा: द राइज' के लिए प्रसिद्ध डीएसपी के साथ ‘हर घर तिरंगा' गीत प्रस्तुत किया। गढ़वी ने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर पोस्ट की, जिसमें मोदी उन्हें गले लगाते हुए दिखते हैं। उन्होंने तस्वीर के साथ लिखा, ‘‘शानदार क्षण! भारत के प्रधानमंत्री और आदित्य गढ़वी न्यूयॉर्क 2024 में!'' गढ़वी ने एक अन्य पोस्ट में कहा कि इतने बड़े स्तर पर गुजरात का प्रतिनिधित्व करना उनके लिए ‘‘सम्मान की बात'' है। उन्होंने लिखा, ‘‘पूरे देश से अमेरिकी भारतीय इस कार्यक्रम में उपस्थित थे और हममें से चार को वैश्विक स्तर पर प्रसारित इस कार्यक्रम में भारत के प्रधानमंत्री के आगमन से पहले प्रस्तुति के लिए आमंत्रित किया गया... किरण तथा निवी की जोड़ी, हनुमानकाइंड, डीएसपी और मैंने भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आगमन से पहले मुख्य कार्यक्रम में प्रस्तुति दी।'' सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो में मोदी तब एक-एक कर डीएसपी, गढ़वी और हनुमानकाइंड को गले लगाते हुए दिखते हैं जब रंगशाला में 13 हजार से अधिक भारतीय अमेरिकियों को संबोधित करने के लिए मंच पर उनका स्वागत किया गया। डीएसपी ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरीज पर मोदी से हाथ मिलाते हुए एक वीडियो क्लिप साझा की। इसमें मोदी उन्हें गले लगाने के लिए अपनी तरफ लाते दिखते हैं। उन्होंने लिखा, ‘‘हर घर तिरंगा!''
कार्यक्रम में हनुमानकाइंड ने अपना सुपरहिट अंग्रेजी गीत ‘बिग डॉग्स' प्रस्तुत किया। उनका असली नाम सूरज चेरुकत है। ग्रैमी पुरस्कार नामांकित चंद्रिका टंडन, स्टार वॉयस ऑफ इंडिया विजेता एवं सुपरस्टार ऐश्वर्या मजूमदार, इंस्टाग्राम के डांसिंग डैड रिकी पॉण्ड और गायक रेक्स डिसूजा ने भी इस कार्यक्रम में प्रस्तुति दी, जिसे भारत की सांस्कृतिक विविधता का एक अद्भुत अनुभव बताया गया। इस दौरान 117 कलाकारों ने अद्वितीय प्रस्तुतियां दीं। इससे पहले आयोजकों ने कहा कि 30 से अधिक शास्त्रीय, लोक, आधुनिक और फ्यूजन प्रस्तुतियों में भारत की समृद्ध एवं विविध संस्कृतियों की झलक दिखेगी।




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