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- अगर आप एक ऐसा स्मार्टफोन चाहते हैं जो DSLR कैमरा क्वालिटी, दमदार बैटरी और सुपर फास्ट चार्जिंग के साथ हो, तो Redmi Note 13 Pro Plus 5G आपके लिए परफेक्ट चॉइस है. अमेजॉन पर इस स्मार्टफोन पर 9,109 रुपये का बंपर डिस्काउंट मिल रहा है, जिससे अब यह हाई-एंड फीचर्स से लैस स्मार्टफोन सिर्फ 24,890 रुपये में आपका हो सकता है. इसके साथ ही Bank और एक्सचेंज ऑफर्स भी उपलब्ध हैं, जिससे यह डील और भी किफायती बन जाती है.Redmi Note 13 Pro Plus 5G में 6.67 इंच की Full HD+ AMOLED डिस्प्ले है, जो 1800 निट्स की पीक ब्राइटनेस और 120Hz रिफ्रेश रेट के साथ आती है. इसका रेजोल्यूशन 2712×1220 पिक्सल है, जो इसे बेहतरीन क्लैरिटी और स्मूद विजुअल्स देने में मदद करता है. डिस्प्ले पर सुरक्षा के लिए कॉर्निंग गोरिल्ला ग्लास विक्टस का प्रोटेक्शन दिया गया है, जिससे यह स्क्रीन स्क्रैच और हल्के झटकों से भी सुरक्षित रहती है.प्रोसेसर: MediaTek Dimensity 7200 Ultra से जबरदस्त स्पीडइस स्मार्टफोन में MediaTek Dimensity 7200 Ultra चिपसेट है, जो सभी बेसिक और हेवी टास्क को सहजता से हैंडल कर सकता है. Redmi Note 13 Pro Plus 5G, Android V13 HyperOS पर चलता है, जो इसे तेज, सुरक्षित और बेहतरीन यूजर एक्सपीरियंस प्रदान करता है.रैम और स्टोरेज: 8GB RAM और 256GB इंटरनल स्टोरेजयह 5G स्मार्टफोन 8GB रैम और 256GB इंटरनल स्टोरेज के साथ आता है, जिससे आप अपने फेवरेट ऐप्स और फाइल्स को बिना किसी दिक्कत के स्टोर कर सकते हैं. इस स्पेसिफिकेशन के कारण यह फोन मल्टीटास्किंग और गेमिंग के लिए बेहतरीन विकल्प है.स्मार्टफ़ोन के ऑफ़रकैमरा: 200MP DSLR-क्वालिटी का कैमराRedmi Note 13 Pro Plus 5G का सबसे बड़ा आकर्षण है इसका 200 मेगापिक्सल का प्राइमरी कैमरा, जो शार्प और डीटेल्स से भरपूर तस्वीरें खींचता है. इसके अलावा, इसमें 8 मेगापिक्सल का अल्ट्रा-वाइड कैमरा और 2 मेगापिक्सल का माइक्रो कैमरा भी दिया गया है. सेल्फी प्रेमियों के लिए इसमें 16 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा है, जो हर क्लिक को खास बना देता है.कैमरा फीचर्स:200MP वाइड एंगल लेंस: प्रोफेशनल फोटोग्राफी के लिए.8MP अल्ट्रा-वाइड कैमरा: अधिक दृश्य कैप्चर करने के लिए.2MP माइक्रो कैमरा: क्लोज़-अप शॉट्स के लिए.16MP सेल्फी कैमरा: पिक्चर-परफेक्ट सेल्फी के लिए.बैटरी और चार्जिंग: 19 मिनट में 100% चार्जइस स्मार्टफोन की 5000mAh की पॉलीमर बैटरी और 120W फास्ट चार्जिंग इसे सुपरफास्ट चार्जिंग कैपेसिटी में बेजोड़ बनाते हैं. यह फोन केवल 19 मिनट में 0% से 100% तक चार्ज हो जाता है, जो आज के तेज रफ्तार जीवन में बेहद काम का है.बंपर डिस्काउंट और ऑफर्स: खरीदें अब और बचाएं ₹9,109Redmi Note 13 Pro Plus 5G की ओरिजिनल कीमत ₹34,000 है, लेकिन अमेजॉन पर इस समय ₹24,890 में उपलब्ध है. इसके अलावा, आप Flipkart Axis Bank Credit Card से पेमेंट कर 5% का अतिरिक्त कैशबैक भी पा सकते हैं.EMI ऑप्शन: आसान किस्तों में पाएं अपना स्मार्टफोनअगर एक बार में भुगतान नहीं करना चाहते, तो केवल ₹1,207 प्रति माह की नो-कॉस्ट EMI पर इस स्मार्टफोन को अपना बना सकते हैं.एक्सचेंज ऑफर और Bank ऑफर: पुराना फोन दें और 5G का मजा लेंइस स्मार्टफोन पर आप अपने पुराने फोन के बदले 23,400 रुपये तक का एक्सचेंज बोनस पा सकते हैं. एक्सचेंज बोनस आपकी पुरानी डिवाइस की कंडीशन और मॉडल पर निर्भर करता है. यदि आप PNB क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर पेमेंट करते हैं, तो आपको 10% का अतिरिक्त डिस्काउंट भी मिलेगा.Redmi Note 13 Pro Plus 5G एक शानदार डील200MP कैमरा, 120W फास्ट चार्जिंग और जबरदस्त डिस्काउंट ऑफर के साथ Redmi Note 13 Pro Plus 5G स्मार्टफोन इस समय सबसे अच्छी डील्स में से एक है. अमेजॉन पर उपलब्ध यह छूट और एक्सचेंज ऑफर इसे और भी किफायती बना देते हैं. अगर आप एक ऐसे स्मार्टफोन की तलाश में हैं जो पावर, परफॉर्मेंस और फोटोग्राफी का परफेक्ट कॉम्बिनेशन हो, तो Redmi Note 13 Pro Plus 5G से बेहतर विकल्प शायद ही कोई हो.
- नयी दिल्ली। बाजार पूंजीकरण के लिहाज से देश की शीर्ष 10 कंपनियों में छह का कुल मूल्यांकन पिछले सप्ताह 1,55,721.12 करोड़ रुपये घट गया। इस दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। पिछले सप्ताह बीएसई सेंसेक्स में 237.8 अंक या 0.29 फीसदी की गिरावट आई। रिलायंस इंडस्ट्रीज, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, आईटीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का बाजार मूल्यांकन घट गया। दूसरी ओर टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), एचडीएफसी बैंक, इंफोसिस और भारतीय स्टेट बैंक को फायदा हुआ। रिलायंस इंडस्ट्रीज का मूल्यांकन 74,563.37 करोड़ रुपये घटकर 17,37,556.68 करोड़ रुपये रह गया। भारती एयरटेल का मूल्यांकन 26,274.75 करोड़ रुपये घटकर 8,94,024.60 करोड़ रुपये रह गया। इसी तरह आईसीआईसीआई बैंक का बाजार मूल्यांकन 22,254.79 करोड़ रुपये घटकर 8,88,432.06 करोड़ रुपये और आईटीसी का मूल्यांकन 15,449.47 करोड़ रुपये घटकर 5,98,213.49 करोड़ रुपये रह गया। एलआईसी के बाजार पूंजीकरण में 9,930.25 करोड़ रुपये और हिंदुस्तान यूनिलीवर के बाजार पूंजीकरण में 7,248.49 करोड़ रुपये की कमी हुई। दूसरी ओर टीसीएस का मूल्यांकन 57,744.68 करोड़ रुपये बढ़कर 14,99,697.28 करोड़ रुपये हो गया। इंफोसिस का मूल्यांकन 28,838.95 करोड़ रुपये बढ़कर 7,60,281.13 करोड़ रुपये और भारतीय स्टेट बैंक का मूल्यांकन 19,812.65 करोड़ रुपये बढ़कर 7,52,568.58 करोड़ रुपये हो गया। रिलायंस इंडस्ट्रीज देश की सबसे मूल्यवान कंपनी बनी हुई है। इसके बाद टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, इंफोसिस, भारतीय स्टेट बैंक, आईटीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर और एलआईसी का स्थान है।
- बेंगलुरु. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) के लिए इस साल बजट में घोषित 100 करोड़ रुपये की ऋण गारंटी योजना को जल्द ही मंजूरी के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा। एमएसएमई के लिए बजट में की गई पांच घोषणाओं को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘एमएसएमई की मदद के लिए विशेष ऋण गारंटी कोष की शुरूआत संकट के समय में बहुत मददगार होगी...।'' केंद्रीय वित्त मंत्री ने यहां राष्ट्रीय एमएसएमई क्लस्टर संपर्क कार्यक्रम' में कहा, ‘‘100 करोड़ रुपये की ऋण गारंटी योजना जल्द ही मंत्रिमंडल के समक्ष रखी जाएगी। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के तुरंत बाद एमएसएमई मंत्रालय और बैंकों के माध्यम से गारंटी प्रदान करने वाली योजना को लागू किया जाएगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘बहुत लंबे समय से यह शिकायत रही है कि एमएसएमई को बैंकों से कार्यशील पूंजी तो मिल जाती है, लेकिन उन्हें सावधि अवधि के लिए, संयंत्र और मशीनरी के लिए ऋण नहीं मिलता। अब इस योजना के तहत गारंटी दी जाएगी।'' सीतारमण ने कहा कि किसी तीसरे पक्ष की गारंटी की कोई आवश्यकता नहीं है, ‘‘सरकार आपको 100 करोड़ रुपये की गारंटी शक्ति देती है, फिर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक एक नया क्रेडिट मूल्यांकन मॉडल विकसित करेंगे।'' एमएसएमई क्षेत्र में योगदान के लिए कर्नाटक की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में 35 लाख एमएसएमई हैं और वे 1.65 करोड़ रोजगार प्रदान करते हैं। भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) की भूमिका को रेखांकित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘सिडबी छोटे व्यवसायों को समझता है। यह एमएसएमई की ऋण आवश्यकताओं को पूरा कर सकता है। यही कारण है कि एमएसएमई क्लस्टर में सिडबी की उपस्थिति एमएसएमई के लिए बहुत लाभकारी होगी।'' इससे पहले, सीतारमण ने दक्षिणी क्षेत्र के 10 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के प्रदर्शन की समीक्षा के लिए यहां एक बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के अलावा पांच राज्यों आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और तेलंगाना को शामिल किया गया। बैठक के दौरान, उन्होंने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों से अपने प्रायोजक बैंकों के सहयोग से मुद्रा, पीएम विश्वकर्मा जैसी भारत सरकार की विभिन्न प्रमुख योजनाओं के अंतर्गत ऋण वितरण बढ़ाने का आग्रह किया।
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने आज कहा कि पंजाब की मंडियों में 126 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान पहुंच चुका है। इसमें से एक सौ 20 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद राज्य एजेंसियों और भारतीय खाद्य निगम द्वारा की गई है। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने बताया कि ग्रेड ‘ए’ धान को दो हजार तीन सौ 20 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा है। सरकार ने अब तक 27 हजार 9 सौ 95 करोड़ रुपये के धान की खरीददारी की है। इससे करीब 6 लाख 58 हजार किसानों को फायदा पहुंचा है।
पंजाब में धान की खरीद 1 अक्टूबर से शुरू हुई। केंद्र सरकार ने चालू विपणन सत्र में एक सौ 85 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य तय किया है। - कोलकाता। स्नैक्स बनाने वाली कंपनी हल्दीराम भुजियावाला ने निजी नियोजन के जरिये अल्पांश हिस्सेदारी के बदले पैंटोमैथ के भारत वैल्यू फंड (बीवीएफ) से 235 करोड़ रुपये जुटाए हैं। ‘प्रभुजी' ब्रांड के तहत अपने उत्पादों की खुदरा बिक्री करने वाली कंपनी ने बयान में कहा कि वह इस राशि का इस्तेमाल पूर्वी और पूर्वोत्तर के बाजारों के बाहर अपने विनिर्माण और बाजार का विस्तार करने के लिए करेगी। वर्तमान में, कोलकाता स्थित कंपनी मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और पूर्वोत्तर राज्यों में काम करती है। इसके 2,000 वितरक देशभर में 2,00,000 से अधिक खुदरा विक्रेताओं को सेवा प्रदान करते हैं। बयान के अनुसार, इसके अलावा, कंपनी 19 खुदरा दुकानों और 60 फ्रेंचाइजी स्टोर का संचालन करती है। कंपनी ने कहा कि देश में स्नैक्स का बाजार वर्ष 2023-24 में 42,600 करोड़ रुपये का था। इसके 2031-32 में 95,500 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है।
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नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी सरकारी बीमा कंपनी, भारतीय जीवन बीमा निगम लिमिटेड (LIC) की योजना अब हेल्थ इंश्योरेंस बिजनेस में भी अपनी धाक जमाने की है। कंपनी अब इस सेक्टर में कदम रखने की तैयारी कर रही है। बीमा कंपनी के CEO और MD सिद्धार्थ मोहंती ने शुक्रवार बताया कि एलआईसी चालू वित्त वर्ष में एक हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने पर फैसला करेगी। मोहंती ने सरकारी बीमा कंपनी के नतीजों के ऐलान के बाद आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। बीमा दिग्गज के हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर में कदम रखने के बाद प्राइवेट हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों को कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद है।
सिद्धार्थ मोहंती ने कहा, “जमीन पर काम चल रहा है…उपयुक्त हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी की खोज हो रही है…हम इस वित्तीय वर्ष के भीतर हिस्सेदारी को अंतिम रूप देंगे।” उन्होंने बताया कि एक बार सभी तैयारी पूरी हो जाने के बाद एलआईसी हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर में कदम रखने के लिए बोर्ड से मंजूरी हासिल करने के लिए संपर्क करेगी। हालांकि मोहंती ने उस कंपनी का नाम नहीं बताया, जिसमें एलआईसी हिस्सेदारी खरीदने की योजना बना रही है।फरवरी 2024 में, एक संसदीय समिति ने बीमा प्रदाताओं के लिए खर्च और नियामकीय बोझ को कम करने के उद्देश्य से कॉम्पोजिट इंश्योरेंस लाइसेंस को लागू करने की सिफारिश की थी। वर्तमान में, जीवन बीमा कंपनियों को विस्तारित हेल्थ इंश्योरेंस लाभ प्रदान करने तक सीमित किया गया है।जीवन बीमा कंपनियों को अस्पताल में भर्ती और मुआवजा कवरेज प्रदान करने में सक्षम बनाने के लिए बीमा अधिनियम में संशोधन की आवश्यकता होगी। इसके अलावा, 1 अक्टूबर से लागू हुए सरेंडर वैल्यू के नए नियमों पर, महंती ने कहा कि एलआईसी ने अपने बीमा प्रोडक्ट्स को फिर से डिजाइन किया है और वे पूरी तरह से नियमों का पालन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमने ग्राहकों और बाजार मध्यस्थों के हितों के बीच संतुलन बनाए रखा है।” नए सरेंडर वैल्यू नियम उन जीवन बीमा पॉलिसीधारकों के लिए बेहतर निकासी भुगतान सुनिश्चित करते हैं, जो अपनी पॉलिसी का प्रीमियम जारी रखने में असमर्थ या अनिच्छुक होते हैं। सरेंडर वैल्यू वह राशि होती है जो पॉलिसीधारक को मिलती है जब वे अपनी पॉलिसी को मैच्योरिटी से पहले समाप्त करने का निर्णय लेते हैं। बीमाकर्ता योजना की शर्तों के आधार पर एक निश्चित राशि को ‘सरेंडर चार्ज’ के रूप में काटते हैं।सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी का नेट प्रॉफिट सितंबर तिमाही में 3.75 प्रतिशत घटा क्योंकि कंपनी ने अर्जित प्रीमियम की तुलना में अधिक लाभ का भुगतान किया। सितंबर तिमाही में बीमा दिग्गज का नेट प्रॉफिट 7,729 करोड़ रुपये रहा। पिछले साल की समान अवधि में कंपनी का मुनाफा 8,030.28 करोड़ रुपये था। दूसरी तिमाही के दौरान सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (GNPA) 1.72 प्रतिशत रही, जो पिछली तिमाही में 1.95 प्रतिशत थी। पिछले वर्ष की इसी अवधि में GNPA 2.43 प्रतिशत थी। चालू वित्त वर्ष की समीक्षाधीन तिमाही में कंपनी की नेट प्रीमियम आय 1.2 लाख करोड़ रुपये हो गई। -
नयी दिल्ली. महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉकों की नीलामी के चौथे दौर में वेदांता समूह को चार ब्लॉक मिले हैं जबकि सरकारी स्वामित्व वाली ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) एक ब्लॉक हासिल करने में सफल रही है। बृहस्पतिवार को सरकार ने यह जानकारी दी। आधिकारिक बयान के मुताबिक, वेदांता ने अरुणाचल प्रदेश में वैनेडियम एवं ग्रेफाइट खदान और कर्नाटक में कोबाल्ट, मैंगनीज और लौह खदान हासिल की। वहीं वेदांता की अनुषंगी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (एचजेडएल) को आंध्र प्रदेश में टंगस्टन एवं संबंधित खनिजों का ब्लॉक और तमिलनाडु में एक टंगस्टन खदान मिली है। सरकार ने कहा कि ऑयल इंडिया लिमिटेड ने अरुणाचल प्रदेश में ग्रेफाइट और वैनेडियम ब्लॉक हासिल किया है।
नीलामी के इस दौर में खनिज ब्लॉक हासिल करने वाली अन्य कंपनियों में मैम्को माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड और उड़ीसा मेटालिक्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। आधिकारिक बयान के मुताबिक, ‘‘खान मंत्रालय ने महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिज ब्लॉकों की नीलामी के चौथे चरण के तहत शुरू की गई आठ महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉक की नीलामी सफलतापूर्वक पूरी कर ली है।'' देश में 21 खनिज ब्लॉक के लिए निविदा मंगाने का नोटिस (एनआईटी) 24 जून को जारी किया गया था। इस नीलामी में उद्योग के हितधारकों से काफी दिलचस्पी देखने को मिली। खान मंत्रालय ने कहा कि तकनीकी बोलियों के मूल्यांकन के बाद 10 खनिज ब्लॉक की नीलामी का काम आगे बढ़ा। इनमें फॉस्फोराइट, ग्रेफाइट और वैनेडियम जैसे रणनीतिक खनिजों के भंडार हैं जिनका इस्तेमाल उच्च प्रौद्योगिकी और हरित ऊर्जा में किया जाता है। आठ ब्लॉक की नीलामी प्रक्रिया सफलतापूर्वक संपन्न हो गई है और बाकी दो की नीलामी दो दिसंबर तक पूरी हो जाएगी। इन महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉक की नीलामी के साथ, सफलतापूर्वक बेचे गए महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिज ब्लॉक की कुल संख्या 22 तक पहुंच गई है। -
नई दिल्ली। सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) ने रिलायंस पावर पर बड़ी कार्रवाई करते हुए कंपनी को अगले तीन साल तक अपने किसी भी टेंडर में भाग लेने से बैन कर दिया है। SECI द्वारा यह फैसला इस साल जून में जारी किए गए एक टेंडर में फर्जी दस्तावेज जमा करने के आरोपों के चलते लिया गया है।
SECI की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि इस प्रतिबंध का असर रिलायंस पावर की सहायक कंपनियों पर भी पड़ेगा। यानी रिलायंस पावर की कोई भी सहायक कंपनी अगले तीन साल तक SECI के किसी भी टेंडर में हिस्सा नहीं ले सकेगी।SECI ने 6 नवंबर को जारी नोटिस में स्पष्ट किया, “M/s रिलायंस NU BESS लिमिटेड और M/s रिलायंस पावर लिमिटेड (सहित इसकी सभी सहायक कंपनियां) को SECI के भविष्य के सभी टेंडरों में तीन साल तक भाग लेने से रोका जाता है।”जून में सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) ने 1 गीगावाट सौर ऊर्जा और 2 गीगावाट स्टैंडअलोन बैटरी स्टोरेज के लिए बोली आमंत्रित की थीं। अनिल अंबानी की रिलायंस पावर (R-Power) की सहायक कंपनी महाराष्ट्र एनर्जी जनरेशन लिमिटेड ने इस टेंडर में सफल बोली लगाई थी। कंपनी ने बैटरी स्टोरेज के लिए प्रति यूनिट ₹3.81 की सबसे कम बोली लगाई, जो अब तक की सबसे सस्ती दरों में से एक थी। इसी तरह की एक और सफल बोली JSW एनर्जी ने लगाई थी।SECI की ओर से जारी नोटिस में कहा गया, “M/s महाराष्ट्र एनर्जी जनरेशन लिमिटेड, जिसे अब M/s रिलायंस NU BESS लिमिटेड के नाम से जाना जाता है, द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों की जांच में पाया गया कि बैंक गारंटी, जो विदेशी बैंक द्वारा जारी की गई थी और बोलीदाता ने जमा की थी, वह फर्जी थी। यह गड़बड़ी इलेक्ट्रॉनिक रिवर्स नीलामी के बाद पता चली, जिसके कारण SECI को पूरी निविदा प्रक्रिया रद्द करनी पड़ी।”इससे पहले इस हफ्ते, रिपोर्ट में बताया गया था कि R-Power ने इस टेंडर के लिए दो बार गलत बैंक दस्तावेज़ जमा किए थे। इसमें एक ईमेल आईडी का उपयोग किया गया, जिसे बाद में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने फर्जी बताया।सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) ने अपने नोटिस में कहा कि टेंडर शर्तों के अनुसार, फर्जी दस्तावेज़ जमा करने पर रिलायंस पावर (R-Power) को भविष्य के सभी टेंडरों में भाग लेने से अयोग्य ठहराना जरूरी था।नोटिस में बताया गया कि बोलीदाता (जो रिलायंस पावर की सहायक कंपनी है) ने अपनी वित्तीय योग्यता अपने पैरेंट कंपनी की ताकत के आधार पर पूरी की थी। जांच में पाया गया कि सभी व्यावसायिक और रणनीतिक फैसले पैरेंट कंपनी द्वारा ही लिए गए थे। इसी कारण SECI ने रिलायंस पावर लिमिटेड को भविष्य के टेंडरों में भाग लेने से रोकना जरूरी समझा।R-Power ने फिलीपींस स्थित FirstRand Bank की ओर से बैंक गारंटी जमा की थी, जिसका दावा था कि उसे दिल्ली स्थित भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की शाखा से समर्थन मिला है। लेकिन SBI ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि उसने ऐसा कोई समर्थन जारी नहीं किया और इस्तेमाल की गई ईमेल आईडी को फर्जी बताया। इस मामले में रिलायंस पावर ने अपने ईमेल जवाब में कहा कि यह गारंटी एक थर्ड पार्टी द्वारा तैयार की गई थी और कंपनी को गुमराह किया गया है। - टोक्यो। जापान की वाहन विनिर्माता कंपनी निसान ने अपनी बिक्री में गिरावट तथा भंडारण की लागत बढ़ने के चलते 9,000 लोगों को नौकरी से निकाल दिया है। कंपनी को इस वजह से चालू वित्त वर्ष की ताजा तिमाही में घाटा हुआ है। कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मकोतो उचिदा ने कहा कि उन्होंने निराशाजनक नतीजों की जिम्मेदारी लेते हुए अपने वेतन में 50 प्रतिशत की कटौती की है। साथ ही उन्होंने भरोसा दिलाया कि कंपनी की स्थिति में जल्द सुधार होगा। निसान मोटर कॉर्प ने वैश्विक स्तर पर 9,000 लोगों की छंटनी करने की घोषणा की है, जो कि उसके 1,33,000 का छह प्रतिशत बैठता है। इसके अलावा कंपनी की अपने वैश्विक उत्पादन में 20 प्रतिशत की कटौती करने की योजना भी है। उचिदा ने यह बताने से इनकार कर दिया कि इस कटौती से कौन से क्षेत्र प्रभावित होंगे।सितंबर तक की हालिया तिमाही में निसान को 9.3 अरब येन (छह करोड़ डॉलर) का घाटा हुआ है, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में कंपनी को 190.7 अरब येन का मुनाफा हुआ था। कंपनी की सितंबर तिमाही में बिक्री 3.1 लाख करोड़ येन से गिरकर 2.9 लाख करोड़ येन (19 अरब डॉलर) रह गई। उचिदा ने माना कि निसान ने बाजार की पसंद और कच्चे माल की बढ़ती लागत सहित वैश्विक बदलावों पर तेजी से प्रतिक्रिया नहीं दी। उचिदा ने कहा कि निसान के परिचालन और योजनाओं के सभी पहलुओं की समीक्षा की जाएगी।योकोहामा स्थित निसान की आमदनी चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में एक प्रतिशत गिरकर 5,980 अरब येन (39 अरब डॉलर) रही, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 6,000 अरब येन थी।
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नई दिल्ली। गेहूं के भाव में तेजी देखने को मिल रही है। इसकी वजह आवक में कमी होना माना जा रहा है। साथ ही गेहूं मांग मजबूत होने से इसके भाव बढ़ने को सहारा मिल रहा है। कारोबारियों का कहना है कि अगर सरकार जल्द खुले बाजार में गेहूं की बिक्री नहीं की तो भाव और चढ़ सकते हैं।
हाल ही में सरकार ने गेहूं की कीमतों में तेजी को देखते हुए इसके भाव नियंत्रित करने के लिए 30 रुपये किलो के रियायती भाव पर आटा की बिक्री शुरू की है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस समय देश भर के खुदरा बाजार में आटा की औसत खुदरा कीमत 36.95 रुपये किलो है।कितना महंगा हुआ गेहूं ?महीने भर से गेहूं के दाम धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गेहूं के भाव बढ़कर 3,200 रुपये प्रति क्विंटल के करीब पहुंच चुके हैं। पिछले एक महीने में इसकी कीमतों में 150 से 200 रुपये क्विंटल की तेजी आ चुकी हैं।इस साल गेहूं की कीमतों में करीब 13 फीसदी इजाफा हुआ है। उत्तर प्रदेश की हरदोई मंडी में गेहूं 2,800 रुपये क्विंटल बिक रहा है। 15 दिन में ही भाव 60 से 80 रुपये क्विंटल चढ़ चुके हैं।जानकारों के मुताबिक गेहूं की कीमतों में तेजी आने की प्रमुख वजह मंडियों में इसकी आवक में कमी आना है। -
मुंबई. प्रीमियम वाहन विनिर्माता स्कोडा ऑटो भारतीय बाजार में अपना कारोबार बढ़ाने की रणनीति के तहत यहां इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) उतारने की योजना बना रही है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) पीयूष अरोड़ा ने यहां कॉम्पैक्ट एसयूवी ‘काइलक' को पेश किए जाने के मौके पर अपनी भावी योजनाओं के बारे में चर्चा की। अरोड़ा ने पीटीआई-भाषा के साथ खास बातचीत में कहा कि भारत दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ने वाला बाजार है और स्कोडा इसे अपने कारोबार के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण मानती है। अरोड़ा ने कहा, ‘‘भारतीय बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत बनाने के लिए हम लगातार नए उत्पादों को लाने की संभावनाएं तलाशते रहते हैं। इसी क्रम में हम पेट्रोल इंजन वाहनों के साथ वैश्विक बाजार में मौजूद अपने ईवी उत्पादों की भी समीक्षा कर रहे हैं।'' उन्होंने कहा, “वैश्विक बाजार में स्कोडा समूह के पास कई ईवी उत्पाद हैं। हम उन उत्पादों का मूल्यांकन करने के बाद भारत की जरूरतों के लिहाज से सटीक उत्पाद का चयन करेंगे और उन्हें भारत में लाने की संभावनाएं तलाशेंगे। हम इससे जुड़े सभी पहलुओं पर गौर करने के बाद कदम उठाएंगे।” हालांकि, स्कोडा इंडिया के प्रमुख ने भारत में ईवी खंड के लिए अपनी निवेश योजनाओं का ब्योरा नहीं दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत के लिए उपयुक्त नजर आने वाले उत्पाद को लाने से जुड़ी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए निवेश करेंगे।'' स्कोडा ने भारतीय बाजार में अपनी मौजूदगी बढ़ाने के लिए कॉम्पैक्ट वाहन काइलक पेश किया है। इसे कंपनी ने 7.89 लाख रुपये की शुरुआती कीमत पर पेश कर मारुति सुजुकी, महिंद्रा एंड महिंद्रा और हुंदै जैसी स्थापित वाहन कंपनियों के लिए कड़ी चुनौती पेश करने की कोशिश की है। अरोड़ा ने काइलक को भारत में तेजी से लोकप्रियता मिलने की उम्मीद जताते हुए कहा कि यह आरामदेह सफर और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विकसित की गई है।
- नयी दिल्ली. ई-कॉमर्स ऐप मैजिकपिन ने मंच (प्लेटफॉर्म) शुल्क घटाकर पांच रुपये प्रति डिलिवरी (आपूर्ति) कर दिया है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने रविवार को बताया कि यह राशि इसके प्रतिस्पर्धियों के शुल्क के मुकाबले आधी है। जोमैटो और स्विगी ने लगभग दो सप्ताह पहले प्रति आपूर्ति प्लेटफॉर्म शुल्क में लगभग 42-67 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। मैजिकपिन के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अंशु शर्मा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर मौजूदा कैलेंडर वर्ष के लिए प्लेटफॉर्म शुल्क में कमी की घोषणा की। शर्मा ने कहा, ‘‘हम त्योहारी सत्र के दौरान अपने आपूर्ति ‘नायकों' और अपने ग्राहकों की भलाई के लिए एक संतुलन बना सकते हैं। इसलिए, मैजिकपिन का वादा है कि अधिक से अधिक लोग त्योहारी सत्र का आनंद उठा सकें। मैजिकपिन के प्लेटफॉर्म शुल्क में 50 प्रतिशत की कटौती की गई है। यह साल के बाकी हिस्से के लिए केवल पांच रुपये है।'' उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 के बाकी समय में खाद्य वितरण पर कोई शुल्क वृद्धि नहीं की जाएगी।जोमैटो ने प्लेटफॉर्म शुल्क सात रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये कर दिया है। यह राशि ग्राहकों से प्रति ऑर्डर आपूर्ति शुल्क के अलावा ली जाएगी। स्विगी ने भी प्लेटफॉर्म शुल्क छह रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये कर दिया है।
- नयी दिल्ली. पिछले पांच साल के दौरान भारत की निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता पेट्रोलियम, रत्न, कृषि रसायन और चीनी जैसे क्षेत्रों में तेजी से बढ़ी है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। भारत ने 2018 और 2023 के दौरान इन क्षेत्रों में वैश्विक व्यापार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है। इसके अलावा इलेक्ट्रिकल सामान, न्यूमेटिक टायर, नल और वॉल्व, तथा सेमीकंडक्टर उपकरणों में भी हिस्सेदारी बढ़ी है। मंत्रालय के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि 2023 में पेट्रोलियम निर्यात बढ़कर 84.96 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया। इसके साथ ही वैश्विक व्यापार में भारत की बाजार हिस्सेदारी 2018 के 6.45 प्रतिशत से बढ़कर 2023 में 12.59 प्रतिशत हो गई। इस श्रेणी में भारत पांचवे स्थान से बढ़कर दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक बन गया। कीमती और अर्ध-कीमती पत्थरों के क्षेत्र में वैश्विक निर्यात में देश की हिस्सेदारी 2018 के 16.27 प्रतिशत से बढ़कर 2023 में 36.53 प्रतिशत हो गई है। इस श्रेणी में देश वैश्विक व्यापार में दूसरे स्थान से शीर्ष पर आ गया। इसी तरह चीनी निर्यात 2018 के 93 करोड़ अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 3.72 अरब डॉलर हो गया। इस क्षेत्र में वैश्विक व्यापार में भारत की हिस्सेदारी 4.17 प्रतिशत से बढ़कर 12.21 प्रतिशत हो गई। कीटनाशकों और कवकनाशकों के वैश्विक व्यापार में भारत की हिस्सेदारी में भी अच्छी वृद्धि हुई। अंतरराष्ट्रीय कृषि और पर्यावरण मानकों को पूरा करने की भारत की क्षमता और कृषि रसायनों में नवोन्मेषण पर ध्यान देने की वजह से ऐसा संभव हो पाया। इसके अलावा रबड़ न्यूमेटिक टायर, सेमीकंडक्टर और फोटोसेंसिटिव उपकरणों के वैश्विक व्यापार में भी देश की स्थिति मजबूत हुई है।
- नयी दिल्ली.भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का कम भुगतान करने के लिए कर अधिकारियों से लगभग 65 करोड़ रुपये की कर मांग का नोटिस मिला है। एलआईसी ने बुधवार को कहा कि उसपर इसके अलावा 6.5 करोड़ रुपये का जुर्माना और ब्याज भी है।एलआईसी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि उसे 30 अक्टूबर को झारखंड के लिए माल एवं सेवा कर, ब्याज और जुर्माने के लिए संचार/मांग आदेश प्राप्त हुआ है। इसमें कहा गया कि इसका कंपनी की वित्तीय स्थिति, परिचालन या अन्य गतिविधियों पर कोई भौतिक प्रभाव नहीं पड़ता है।
- नयी दिल्ली. जीएसटी रिटर्न को लेकर अगले साल की शुरुआत से नियम में बदलाव हो रहे हैं। इसके तहत 2025 की शुरुआत से जीएसटी करदाता मूल रूप से रिटर्न फाइल करने की नियत तारीख से तीन साल बाद मासिक और वार्षिक जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं कर पाएंगे। माल एवं सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) ने मंगलवार को एक परामर्श में यह कहा। इसमें कहा गया है कि जीएसटी बिक्री रिटर्न के अलावा देनदारी के भुगतान, वार्षिक रिटर्न और स्रोत पर कर संग्रह से संबंधित रिटर्न पर नया नियम लागू होगा। यानी रिटर्न जमा करने की नियत तिथि से तीन साल की अवधि की समाप्ति के बाद रिटर्न भरने पर पाबंदी होगी। जीएसटीएन ने कहा, ‘‘उक्त बदलाव अगले साल (2025) की शुरुआत से जीएसटी पोर्टल में लागू होने जा रहा है। इसीलिए, करदाताओं को सलाह दी जाती है कि वे अपने रिकॉर्ड का मिलान कर लें और अभी तक जीएसटी रिटर्न नहीं भरा है तो जितनी जल्दी हो उसे भर दें।'' एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने कहा कि जीएसटीएन ने अनुपालन को लेकर एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। इस बदलाव के तहत तीन साल की समयसीमा के बाद जीएसटी रिटर्न दाखिल करने पर रोक है। उन्होंने कहा, ‘‘यह कदम समय पर अनुपालन सुनिश्चित करने, आंकड़ों की विश्वसनीयता बढ़ाने और जीएसटी प्रणाली के भीतर बिना भरे रिटर्न के ‘बैकलॉग' को संभावित रूप से कम करने के मकसद से जुड़ा है। देरी से रिटर्न फाइल किये जाने से जुड़े मामले में अवधि को सीमित करने से करदाताओं को अपने रिकॉर्ड का मिलान करने और सुधारने के लिए प्रेरित किया गया है।'' मोहन ने कहा, ‘‘हालांकि, यह उन करदाताओं के लिए चुनौतियां भी पैदा कर सकता है, जिन्होंने रिटर्न भरा ही नहीं है। खासकर उन करदाताओं के लिए जो पुराने रिकॉर्ड को समेकित करने में प्रशासनिक या लॉजिस्टिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि कंपनियों को सक्रिय रूप से अपने रिटर्न फाइलिंग का ऑडिट करने और बची हुई अवधि के भीतर अगर कोई बचा हुआ रिटर्न है, तो उसका समाधान करने की सलाह दी जाती है।
- नयी दिल्ली. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने बुधवार को कहा कि डिजिटल बदलाव और प्रौद्योगिकी नवोन्मेषण के कारण एक्सचेंज में पंजीकृत कुल ग्राहक खातों की संख्या 20 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई है। इसमें आज तक के ग्राहक पंजीकरण शामिल हैं।एनएसई ने बयान में कहा, “एक्सचेंज (खातों) में ग्राहक कोड की कुल संख्या 20 करोड़ को पार कर गई है, जो आठ महीने पहले 16.9 करोड़ थी।” एनएसई के मुख्य कारोबार विकास अधिकारी श्रीराम कृष्णन ने कहा कि यह वृद्धि भारत की विकास गाथा में निवेशकों के मजबूत भरोसे को दर्शाती है। मोबाइल ट्रेडिंग ऐप को व्यापक रूप से अपनाए जाने और निवेशकों की बढ़ती जागरूकता, सरकार की डिजिटल पहल के समर्थन ने बाजार तक पहुंच को प्रभावी रूप से लोकतांत्रिक बनाया है। इससे विशेष रूप से दूसरी, तीसरी और चौथी श्रेणी के शहरों के निवेशकों को लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि यह विस्तार सुव्यवस्थित केवाईसी (अपने ग्राहक को जानों) प्रक्रियाओं, उन्नत वित्तीय साक्षरता कार्यक्रमों और निरंतर सकारात्मक बाजार धारणा द्वारा समर्थित है, जो इक्विटी, ईटीएफ, रीट, इनविट्स और विभिन्न बांड सहित विविध निवेश साधनों में मजबूत भागीदारी से दिखता है। राज्यों की बात करें तो महाराष्ट्र 3.6 करोड़ खातों के साथ सबसे आगे है। उसके बाद उत्तर प्रदेश (2.2 करोड़), गुजरात (1.8 करोड़), राजस्थान और पश्चिम बंगाल (1.2 करोड़) हैं। इन राज्यों में कुल ग्राहक खातों का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा है, जबकि शीर्ष 10 राज्यों में कुल खातों का लगभग तीन-चौथाई हिस्सा है।
- मुंबई.भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अप्रैल-सितंबर की अवधि में घरेलू स्तर पर रखे गए सोने के भंडार में 102 टन की बढ़ोतरी की है। मंगलवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली। केंद्रीय बैंक ने कहा कि स्थानीय तिजोरियों में रखे गए सोने की कुल मात्रा 30 सितंबर, 2024 तक 510.46 टन थी। यह मात्रा 31 मार्च, 2024 तक रखे गए 408 टन सोने से अधिक है। विदेशी मुद्रा भंडार के प्रबंधन पर जारी छमाही रिपोर्ट के मुताबिक, रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 32 टन सोने का भंडार बढ़ाया। इसके साथ कुल भंडार बढ़कर 854.73 टन हो गया। पिछले कुछ वर्षों में भारत धीरे-धीरे अपने स्वर्ण भंडार को स्थानीय तिजोरियों में स्थानांतरित कर रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 में इसने ब्रिटेन से 100 टन से अधिक सोना घरेलू स्थानों पर स्थानांतरित किया था। यह 1991 के बाद के सबसे बड़े स्वर्ण आवाजाही में से एक था। भारत को 1991 में विदेशी मुद्रा संकट से निपटने के लिए अपने स्वर्ण भंडार का एक बड़ा हिस्सा गिरवी रखना पड़ा था। आरबीआई के मुताबिक, 324.01 टन सोना बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (बीआईएस) के पास सुरक्षित रखा गया था और 20.26 टन सोना स्वर्ण जमा के रूप में रखा गया था। मई के अंत में ही सूत्रों ने संकेत दिया था कि मानक समीक्षा प्रक्रियाओं के तहत विदेशों में सोना भंडार को घटाने का निर्णय लिया गया है।
- चंडीगढ़। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को कहा कि दुनिया में कच्चे तेल की कोई कमी नहीं है और घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए देश में पर्याप्त रिफाइनरी क्षमता है। पुरी ने पश्चिम एशिया में जारी तनाव का जिक्र करते हुए कहा कि यह उनका व्यक्तिगत आकलन है कि जल्दी ही चीजें सामान्य हो जाएंगी। यह हर किसी के हित में है कि चीजों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने की की अनुमति नहीं दी जाए क्योंकि इससे हर कोई प्रभावित होगा। उन्होंने यहां ‘रोजगार मेला' को लेकर आयोजित कार्यक्रम के दौरान अलग से बातचीत में कहा, ‘‘दुनिया में कच्चे तेल की कोई कमी नहीं है।'' पुरी ने कहा, ‘‘इन सभी गतिविधियों से पहले, दुनिया में उत्पादित कच्चे तेल की कुल मात्रा प्रतिदिन 10.5 करोड़ बैरल के करीब थी। तेल निर्यातक देशों के संगठन और उसके सहयोगी देशों (ओपेक प्लस) ने स्वेच्छा से लगभग 50 लाख बैरल (प्रतिदिन) की कटौती की है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप उनसे बात करेंगे, तो वे कहेंगे कि कीमतों से निपटने का काम उनका नहीं है। लेकिन अगर आप बाजार में आने वाली मात्रा को सीमित करते हैं तो आप स्पष्ट रूप से कीमतों को प्रभावित कर रहे हैं। उत्पादन कटौती से मात्रा घटकर 9.7 करोड़ बैरल पर आ गई है।'' पुरी ने कहा, ‘‘फिर वैश्विक स्तर पर तनाव है। अगर किसी खास क्षेत्र में तनाव है तो उसका तेल पर क्या असर होगा...इससे माल ढुलाई की लागत बढ़ जाती है, बीमा की लागत बढ़ जाती है।'' उन्होंने कहा, ‘‘आप तेल की कीमतों की गणना कैसे करते हैं? कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत में आप बीमा लागत, माल ढुलाई की लागत, रिफाइनरी मार्जिन और डीलर का मार्जिन जोड़ते हैं।'' मंत्री ने कहा, ‘‘और इस सब में हमारे यहां अब भी दुनिया में पेट्रोल और डीजल की सबसे कम कीमतों में से एक है। इसका कारण है कि दो मौकों पर नवंबर, 2021 और मई, 2022 में सरकार ने केंद्रीय उत्पाद शुल्क कम किया है।'' उन्होंने कहा, ‘‘आज तेल की कोई कमी नहीं है। ईरान, इजराइल समेत तमाम तनावों के बाद भी आज तेल की कीमतें 72-73 डॉलर प्रति बैरल के आसपास होनी चाहिए। बाजार इन चीजों को ध्यान में रख रहा है।'' पुरी ने यह भी कहा कि भारत में रिफाइनिंग क्षमता की भी कोई कमी नहीं है।मंत्री ने कहा, ‘‘बाजार में पर्याप्त कच्चा तेल उपलब्ध है, पर्याप्त रिफाइनरी क्षमता है और हमारे पास बहुत अच्छा वितरण नेटवर्क है। उनके साथ हमारी बहुत अच्छी व्यवस्था है। इसीलिए इस मामले में आशंका वाली कोई बात नहीं है।'' पुरी ने कहा कि बाजार में नया तेल आ रहा है। ब्राजील को प्रतिदिन 4,00,000 बैरल अतिरिक्त तेल मिल रहा है। अमेरिका बाजार में और अधिक तेल ला सकता है।
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नई दिल्ली। महाराष्ट्र सरकार की महाजेनको और एनटीपीसी की साझेदारी ने नासिक के पास 1,350 मेगावाट के सिन्नर थर्मल पावर प्लांट को खरीदने की दौड़ में बढ़त बना ली है। रिपोर्ट के अनुसार, इस कंसोर्टियम ने 3,800 करोड़ रुपये की बोली लगाई है, जिससे वे अदाणी पावर से आगे निकल गए हैं। अदाणी पावर की बोली 3,000 करोड़ रुपये से कम बताई जा रही है।रिपोर्ट के मुताबिक, फिलहाल लेनदार हर बोली की कानूनी और नियामक जांच कर रहे हैं। इसके बाद व्यक्तिगत बोलीदाताओं से बातचीत शुरू होगी।
सिन्नर थर्मल पावर प्लांट के बारे मेंसिन्नर थर्मल पावर प्लांट महाराष्ट्र के नासिक के पास सिन्नर विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) में स्थित है। इस प्लांट को कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) की सहायक कंपनियों से कोयले की सप्लाई मिलती है। इसे पहले इंडियाबुल्स पावर ने विकसित किया था, लेकिन बाद में यह रतनइंडिया पावर की सहायक कंपनी बन गया।सितंबर 2022 में, राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) ने इस प्लांट को दिवालिया प्रक्रिया में डाला। जनवरी 2024 में, शापूरजी पल्लोनजी एंड कंपनी ने बकाया भुगतान न होने पर याचिका दायर की, जिसके बाद यह प्लांट आधिकारिक रूप से दिवालिया प्रक्रिया में आ गया। प्लांट के लिए बोली लगाने की अंतिम तारीख 20 सितंबर थी।महाजेनको-एनटीपीसी कंसोर्टियम के अलावा, सात अन्य कंपनियों ने भी बोली लगाई है, जिनमें वेदांता ग्रुप, जिंदल पावर, ओडिशा मेटालिक्स और सिंगापुर की वीएफएसआई होल्डिंग्स शामिल हैं।प्रमुख लेनदारसिन्नर थर्मल पावर प्लांट के सबसे बड़े लेनदार पावर फाइनेंस कॉर्प (PFC) और REC हैं, जिनका कुल बकाया 15,909 करोड़ रुपये है। इसके अलावा, पंजाब नेशनल बैंक, एक्सिस बैंक, केनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया और एलआईसी भी प्लांट के अन्य प्रमुख लेनदारों में शामिल हैं।बैंक ऑफ बड़ौदा की इन्वेस्टमेंट बैंकिंग शाखा BoB Caps लेनदारों की समिति (CoC) की सलाहकार है, जबकि शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी कानूनी सलाह दे रही है। समाधान पेशेवर राहुल जिंदल को कानूनी सहायता ट्रिलिगल द्वारा दी जा रही है।सिन्नर प्लांट के फायदेमहाजेनको-एनटीपीसी कंसोर्टियम के पास नागपुर के पास स्थित अपने 2,190 मेगावाट के कोराडी पावर प्लांट के मौजूदा ढांचे का लाभ उठाने का मौका है, जिससे सिन्नर प्लांट के लिए कोयले की सप्लाई और संचालन आसान हो सकता है।रिपोर्ट के अनुसार, सिन्नर प्लांट की चार में से केवल एक यूनिट ने व्यावसायिक संचालन शुरू किया है, जिससे अन्य बोलीदाताओं के लिए मौके बने हुए हैं। इसके अलावा, प्लांट के आसपास 1,600 एकड़ जमीन है, जिससे भविष्य में विस्तार की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। हालांकि, कुछ लॉजिस्टिक चुनौतियां हो सकती हैं, लेकिन प्लांट की क्षमता और विस्तार की संभावनाएं इसे एक आकर्षक विकल्प बनाती हैं। -
नई दिल्ली। सोना-चांदी की ऊंची कीमत होने के बावजूद धनतेरस के दिन जमकर बिक्री हुई। रत्न एवं आभूषण की दुकानों, शोरूम में ग्राहकों की उमड़ी भीड़ ने ज्वैलर्स के चेहरे पर दिवाली की मुस्कान भर दी।
पिछले धनतेरस की अपेक्षा इस बार सोने की कीमत 30 फीसदी और चांदी का भाव करीब 38 फीसदी अधिक है। इसके बावजूद आभूषण कारोबारियों को उम्मीद है कि इस बार बिक्री पिछले साल की अपेक्षा अधिक रहने वाली है। धनतेरस पर कुल 60 हजार करोड़ रुपये के व्यापार होने का अनुमान है।पिछले साल धनतेरस (10 नवंबर 2023 ) के दिन सोना 60 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी 70400 रुपये प्रति किलोग्राम थी जोकि इस बार बढ़कर सोना 78530 रुपये और चांदी 97238 रुपये पहुंच गई। पिछले एक साल घरेलू बाजार में सोना 30.9 फीसदी और चांदी 38.1 फीसदी महंगी हुई है जबकि वैश्विक बाजार में पिछले एक साल में सोना 41.8 फीसदी और चांदी 53.3 फीसदी महंगा हुआ है। महंगाई की वजह से आभूषण कारोबारियों को डर था कि इस बार वजन के हिसाब से बिक्री कम होगा।अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद के चेयरमैन संयम मेहरा ने कहा कि सुबह के समय बिक्री ग्राहकों की संख्या कम थी लेकिन इसके बाद तेजी से संख्या बढ़ी। सोने की ऊंची कीमतों के हिसाब से बिक्री प्रभावित होगी। इस धनतेरस पर कारोबार पिछले साल की तुलना में पांच प्रतिशत कम या पिछले साल के बराबर रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि हमें इस धनतेरस पर 20 टन बिक्री की उम्मीद है, जो पिछले साल के बराबर है। हालांकि, सोने की ऊंची कीमतों से बिक्री प्रभावित हो सकती है।धनतेरस ने महंगाई को दी पटखनीधनतेरस पर सोना-चांदी खरीदना शुभ माना जाता है। शुभता के इस प्रतीक ने महंगाई को पटखनी दे दी। मुंबई ज्वैलर्स एसोसिएशन के सचिव कुमार जैन कहते हैं कि शोरूम में ग्राहकों की सुबह से भीड़ है। पिछले साल 20 टन सोने की बिक्री हुई थी जबकि इस बार यह आंकड़ा 30 टन को भी पार कर सकता है। धनतेरस पर देश भर में लगभग 20 हज़ार करोड़ का सोना और लगभग 2500 करोड़ की चांदी खरीदी गई।ऑल इंडिया ज्वैलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन (AIJGF) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज अरोड़ा ने बताया कि धनतेरस पर पूरे देश में सोने और चांदी की जबरदस्त बिक्री हुई है। इस वर्ष धनतेरस पर सोने और चांदी की बिक्री में वृद्धि हुई है। देश में लगभग चार लाख छोटे और बड़े ज्वेलर्स काम करते हैं।भारतीय मानक ब्यूरो में 2 लाख ज्वेलर्स पंजीकृत हैं जिन्होंने आज लगभग 25 टन सोने की बिक्री की जिसका मूल्य 20 हज़ार करोड़ रुपये तथा इसी तरह देशभर में 250 टन चांदी बिक्री हुई, जिसकी कीमत लगभग 2,500 करोड़ रुपये है।कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के मुताबिक धनतेरस के मौके पर देश भर में लगभग 60 हज़ार करोड़ रुपये के रिटेल व्यापार का अनुमान है। वहीं दूसरी तरफ़ इस दिवाली पर वोकल फॉर लोकल का दर्शन पूरी तरह बाजारों में दिख रहा है क्योंकि लगभग सारी खरीदारी भारतीय सामानों की ही हो रही है।चीन को 1 लाख 25 हज़ार करोड़ रुपये का नुकसानएक अनुमान के अनुसार दिवाली से जुड़े चीनी सामानों की बिक्री अब न होने से चीन को लगभग 1 लाख 25 हज़ार करोड़ रुपये के व्यापार की चपत लगी है। धनतेरस के दिन नई वस्तु खरीदना शुभ माना जाता है। इस दिन ख़ास तौर पर सोना चांदी के आभूषण तथा अन्य वस्तुएँ, सभी प्रकार के बर्तन, रसोई का सामान ,वाहन, कपड़े एवं रेडीमेड गारमेंट, इलेक्ट्रॉनिक्स, बिजली का सामान एवं उपकरण, व्यापार करने के उपकरण जैसे कंप्यूटर एवं कंप्यूटर से जुड़े उपकरण, मोबाइल ,बही खाते, फर्नीचर, एकाउंटिंग का अन्य सामान आदि विशेष रूप से खरीदे जाते हैं।कमोडिटी जानकारों का कहना है कि वैश्विक अनिश्चितताओं तथा भू-राजनीतिक स्थितियों के बीच सोने की चमक कायम है, जबकि चांदी एक किफायती विकल्प के रूप में लोकप्रिय बनी है। जो आने वाले दिनों में और भी चमकेगी। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (एमओएफएसएल) ने हालांकि अनुमान लगाया गया कि चांदी की कीमतें संभावित रूप से सोने से आगे निकल सकती हैं।एमओएफएसएल का अनुमान है कि औद्योगिक मांग तथा सुरक्षित निवेश के लिए खरीदारी के कारण 12-15 महीने के भीतर एमसीएक्स पर चांदी 1,25,000 रुपये तक पहुंच सकती है। वहीं सोना क्रमशः 81,000 से 86,000 रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। - नयी दिल्ली. सरकारी बैंकों और वित्तीय संस्थानों के निदेशकों की तलाश करने वाली संस्था एफएसआईबी ने सोमवार को पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) के पद के लिए अशोक चंद्रा के नाम की सिफारिश की। वह इस समय केनरा बैंक के कार्यकारी निदेशक हैं। वह अतुल कुमार गोयल का स्थान लेंगे, जो दिसंबर में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। वित्तीय सेवा संस्थान ब्यूरो (एफएसआईबी) ने एक बयान में कहा कि उसने पीएनबी के प्रबंध निदेशक (एमडी) और सीईओ पद के लिए 16 उम्मीदवारों का साक्षात्कार लिया। बयान में कहा गया, ‘‘साक्षात्कार के दौरान प्रदर्शन, समग्र अनुभव और मौजूदा मापदंडों को ध्यान में रखते हुए ब्यूरो पीएनबी में एमडी और सीईओ पद के लिए अशोक चंद्रा के नाम की सिफारिश करता है।'' एफएसआईबी की सिफारिश पर अंतिम फैसला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति करेगी।
- नयी दिल्ली. स्पाइसजेट ने सोमवार को कहा कि उसने इस सप्ताह शुरू होने वाले शीतकालीन कार्यक्रम के लिए 32 नयी उड़ानें शुरू की हैं। एक बयान के अनुसार, इन उड़ानों में 30 घरेलू उड़ानें हैं, और दो राष्ट्रीय राजधानी को थाइलैंड के फुकेत से प्रतिदिन सीधी सेवाओं के जरिये जोड़ रही हैं। शीतकालीन कार्यक्रम में मुंबई से पटना, गोरखपुर, वाराणसी और गोवा के लिए चार नयी उड़ानें शामिल हैं। शीतकालीन कार्यक्रम 27 अक्टूबर, 2024 से 29 मार्च, 2025 तक है।
- नयी दिल्ली. उपग्रह-संचार उद्योग ने सरकार से आग्रह किया है कि उनके द्वारा प्रयुक्त प्रमुख आवृत्ति बैंड, विशेषकर ‘केए' और ‘केयू' बैंड को स्थलीय सेवाओं को आवंटित किए जाने से संरक्षित किया जाए। भारतीय सैटकॉम उद्योग संघ (एसआईए) ने भी सरकार से वैश्विक प्रथाओं के अनुरूप लचीले उपयोग के लिए 27.5-28.5 गीगाहर्ट्ज बैंड को आईएमटी (अंतरराष्ट्रीय मोबाइल दूरसंचार) को हस्तांतरित करने के बजाय इसे विशेष रूप से उपग्रह सेवाओं के लिए आरक्षित करने का आग्रह किया है। एसआईए-इंडिया के अध्यक्ष सुब्बा राव पुवुलुरी ने एक बयान में कहा, “सैटेलाइट बैंडविद्थ में कोई भी कमी न केवल ‘गेटवे' की आवश्यकताओं को दोगुना कर देगी, बल्कि सैटेलाइट संचालकों के लिए परिचालन लागत भी बढ़ाएगी, जिसका असर अंततः अंतिम उपयोगकर्ताओं पर पड़ेगा। हमें सैटेलाइट-संचार सेवाओं के लिए इन आवृत्ति बैंड के संरक्षण को प्राथमिकता देनी चाहिए, ताकि अनावश्यक वित्तीय बोझ से बचा जा सके।” उद्योग निकाय ने एनजीएसओ-आधारित स्थिर उपग्रह सेवाओं (एफएसएस) के लिए केयू और केए बैंड में विशिष्ट आवृत्ति रेंज का भी प्रस्ताव दिया है। एसआईए-इंडिया प्रमुख उपग्रह प्रदाताओं का प्रतिनिधित्व करता है, जिनमें इनमारसैट, वायसैट, एसईएस, इंटेलसैट, टेलीसैट, ओम्नीस्पेस, अमेजन, एशियासैट और ह्यूजेस कम्युनिकेशंस शामिल हैं। एसोसिएशन ने ऐसे मामलों के लिए प्राधिकरण प्रक्रिया पर स्पष्ट दिशा-निर्देशों की भी मांग की है, जैसे कि जब एक एकल उपग्रह ऑपरेटर गेटवे अर्थ स्टेशन और उपयोगकर्ता टर्मिनल सेवाएं दोनों प्रदान करना चाहता हो। एसआईए-इंडिया के महानिदेशक अनिल प्रकाश ने कहा, “उपग्रह संचार सेवाओं के विकास और विश्वसनीयता को समर्थन देने वाले सुव्यवस्थित एवं कुशल ढांचे को सुनिश्चित करने के लिए इन दिशा-निर्देशों को स्थापित करना आवश्यक है।
- नयी दिल्ली. चालू त्योहारी सत्र में लॉजिस्टिक और परिचालन, ई-कॉमर्स तथा आतिथ्य क्षेत्र में नौकरियों की संख्या में सालाना आधार पर 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पेशेवर नेटवर्किंग मंच अपना डॉट कॉम ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इस दौरान कुल 2.16 लाख अवसर दर्ज हुए। इस साल का त्योहारी सत्र विशेष रूप से उन व्यवसायों के लिए महत्वपूर्ण था, जो उपभोक्ता खर्च में मंदी के बाद फिर से अपनी जगह बनाना चाहते थे। इसके अतिरिक्त तेजी से सामान पहुंचाने वाले त्वरित कॉमर्स उद्योग के विस्तार ने भी भर्ती में योगदान दिया। इस दौरान लॉजिस्टिक और परिचालन क्षेत्र में अवसर सालाना आधार पर 70 प्रतिशत बढ़ गए। दूसरी ओर खुदरा और ई-कॉमर्स में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि रेस्तरां और आतिथ्य क्षेत्र में 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई। रैपिडो, डेल्हिवरी, ईकार्ट और शिपरॉकेट जैसी कंपनियों ने विभिन्न पदों के लिए 30,000 से अधिक रिक्तियां दर्ज की हैं। अपना डॉट कॉम के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) निर्मित पारिख ने कहा कि यह साल हमारे नियोक्ता भागीदारों के लिए महत्वपूर्ण है, जिन्हें उपभोक्ता मांग में 20-25 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद की है।
- नयी दिल्ली. उपकरण और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को इस वर्ष त्योहारी सीजन की बिक्री में लगभग 30 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है। प्रमुख ऑनलाइन खुदरा मंच फ्लिपकार्ट और अमेज़न के त्योहारी सेल आयोजन से दहाई अंक में वृद्धि हुई है तथा धनतेरस सप्ताह के दौरान ऑफलाइन माध्यमों से भी अंतिम समय में इसके जोर पकड़ने की उम्मीद है। उद्योग जगत के लोगों ने कहा कि इस त्योहारी सीजन में प्रीमियमीकरण का चलन है, जहां उपभोक्ता ऊर्जा दक्षता, उच्च क्षमता और बड़े आकार की सुविधाओं के लिए अतिरिक्त भुगतान करने को तैयार हैं। यहां तक कि उच्चस्तरीय कृत्रिम मेधा (एआई) और आईओटी प्रौद्योगिकी संचालित उत्पादों में भी रुचि दिखा रहे हैं। एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स, पैनासोनिक, सोनी, गोदरेज अप्लायंसेज और हायर जैसी कंपनियों ने ओणम त्योहार से ही त्योहारी बिक्री की अच्छी शुरुआत कर दी है और उम्मीद है कि यह गति लगभग 45 दिन की त्योहारी अवधि के शेष सप्ताह तक जारी रहेगी, जो दिवाली के बाद समाप्त होगी। एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (घरेलू उपकरण) संजय चितकारा ने कहा, “सभी श्रेणियों में अच्छी वृद्धि हुई है, खासकर बड़ी क्षमता वाली वॉशिंग मशीन और रेफ्रिजरेटर जैसे प्रीमियम उत्पादों में। हम एआई और आईओटी प्रौद्योगिकी वाले उत्पादों की अच्छी मांग देख रहे हैं।” उन्होंने कहा कि इस त्योहारी सीजन में छोटे दूसरी और तीसरी श्रेणी के बाजारों से भी प्रीमियम उत्पादों की मांग बढ़ी है, जो उत्साहजनक है। गोदरेज अप्लायंसेज के कारोबार प्रमुख कमल नंदी ने कहा कि अच्छे मानसून की वजह से इस त्योहारी सीजन में बाजार में तेजी आई है। इस सीजन में प्रीमियम यानी महंगे उत्पाद सबसे आगे रहे हैं। हालांकि, बड़े पैमाने पर उत्पाद खंड में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। उन्होंने कहा, “गोदरेज अप्लायंसेज में, हमने पिछले साल की तुलना में सितंबर में ओणम की शुरुआत से करीब 40 प्रतिशत की वृद्धि देखी है। अक्टूबर में दुर्गा पूजा/नवरात्रि और आगामी दिवाली त्योहार के संयोजन से अबतक करीब 45 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।” नंदी ने कहा कि अमेज़न और फ्लिपकार्ट जैसे ई-कॉमर्स मंचों पर त्योहारी सत्र की बिक्री के दौरान गोदरेज अप्लायंसेज ने कुल मिलाकर “पिछले साल की तुलना में 70 प्रतिशत से अधिक की प्रभावशाली वृद्धि हासिल की है।” पैनासोनिक इंडिया की ई-कॉमर्स के जरिये बिक्री वृद्धि दहाई अंक में है और नवरात्रि के दौरान इसमें 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखी गई तथा उम्मीद है कि दिवाली तक यह गति जारी रहेगी। पैनासोनिक मार्केटिंग इंडिया के प्रबंध निदेशक फुमियासु फुजीमोरी ने कहा, “प्रीमियम उपकरणों की खपत में तेजी बनी हुई है। चाहे वह ऑफलाइन हो या ऑनलाइन, उपभोक्ता उच्च औसत बिक्री मूल्य के उत्पादों का विकल्प चुन रहे हैं।” सोनी इंडिया के प्रबंध निदेशक सुनील नय्यर ने कहा कि कंपनी में भी बड़ी स्क्रीन वाले, खासकर 55 इंच और उससे अधिक बड़ी स्क्रीन वाले टेलीविजन की मांग में तेजी देखी जा रही है। टीवी की 75 इंच और 85 स्क्रीन आकार में भी खासी मांग देखने को मिल रही है। उद्योग निकाय सिएमा (उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और उपकरण निर्माता संघ) ने इस त्योहारी सत्र में लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है।