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- मुंबई । अमेरिकी डॉलर में मजबूती तथा घरेलू शेयर बाजारों में नरमी के बीच सोमवार को रु,पये में गिरावट दर्ज की गयी और यह एक सप्ताह के निचले स्तर पर आ गया। अंतरबैंकिंग मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 21 पैसे नरम होकर 73.28 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। रुपया 73.21 प्रति डॉलर पर खुला। कारोबार के दौरान यह 73.30 प्रति डॉलर के दिवस के निचले स्तर और 73.18 प्रति डॉलर के दिवस के उच्चतम स्तर के दायरे में रहा। अंतत: यह पिछले दिवस के मुकाबले 21 पैसे गिरकर 73.28 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। रुपया शुक्रवार को 73.07 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।इस बीच छह प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं के बास्केट में डॉलर का सूचकांक 0.15 प्रतिशत बढ़कर 90.91 पर आ गया। शेयरखान बाय बीएनपी परिबास के शोध विश्लेषक सैफ मुकदम ने कहा, ‘‘घरेलू बाजार में जोखिम से बचाव की प्रवृत्ति उभरने तथा डॉलर में मजबूती आने से रुपया नरम हुआ है।'' उन्होंने कहा कि शेयर बाजारों में गिरावट तथा दुनिया भर में कोरोना वायरस के मामले बढ़ने से डॉलर की मांग निवेशकों के बीच बढ़ी है। घरेलू मोर्चे पर बीएसई का सेंसेक्स 470.40 अंक यानी 0.96 प्रतिशत गिरकर 48,564.27 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह एनएसई का निफ्टी 152.40 अंक यानी 1.06 प्रतिशत घटकर 14,281.30 अंक पर बंद हुआ। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) पूंजी बाजार में शुद्ध खरीदार बने रहे। अस्थायी विनिमय आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने शुक्रवार को शुद्ध आधार पर 971.06 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। इस बीच कच्चा तेल का वैश्विक बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 0.24 प्रतिशत की गिरावट के साथ 54.97 डालर प्रति बैरल पर चल रहा था। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के विदेशी मुद्रा एवं बुलियन विश्लेषक गौरांग सोमैया ने कहा, ‘‘सत्र की शुरुआत से मध्य तक रुपया सीमित दायरे में मजबूती के साथ बना रहा, लेकिन उसके बाद घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट के चलते लुढ़क गया। प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर के तेज होने से रुपया नरम हुआ।
- नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने जीएसटी क्षतिपूर्ति की कमी को पूरा करने के लिए राज्यों को 6 हजार करोड़ रुपये की 12 वीं साप्ताहिक किस्त जारी की है। इसमें से 23 राज्यों को पांच हजार 516 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी की गई है, जबकि तीन केंद्रशासित प्रदेशों दिल्ली, जम्मू-कश्मीर और पुद्दुचेरी के लिए 483 करोड़ 40 लाख रुपये की राशि जारी की गई है। बाकी पांच राज्यों, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड और सिक्किम में जीएसटी को लागू करने के कारण राजस्व में कोई अंतर नहीं आया है।वित्त मंत्रालय ने कहा है कि 65 हजार 582 करोड़ रुपये से अधिक की राशि राज्यों को जारी की गई है और 6 हजार 417 करोड़ रुपये से अधिक राशि विधानसभा वाले केंद्रशासित प्रदेशों को जारी की गई है। इसके साथ ही अनुमानित जीएसटी क्षतिपूर्ति की 65 प्रतिशत राशि जारी की जा चुकी है।----
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कोविड-19 से लोगों को बचाने के किए कार्य : इम्पैक्ट लीडर अवार्ड से सम्मानित
रायपुर/रायगढ़। जेएसपीएल फाउंडेशन की चेयरपर्सन श्रीमती शालू जिन्दल को भारत-सीएसआर नेटवर्क द्वारा आयोजित 'इंडिया सीएसआर लीडरशिप समिट - 2021 में इम्पैक्ट लीडर अवार्ड से सम्मानित किया गया है। वह देश की उन 10 शीर्ष लीडर्स में शुमार की गई हैं, जिन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान आगे आकर गरीबों, जरूरतमंदों और समुदायों की सेवा की।
यह सम्मान ग्रहण करते हुए श्रीमती जिन्दल ने कहा, हम जेएसपीएल फाउंडेशन में राष्ट्र निर्माण और नागरिक सशक्तीकरण की नीतियों में विश्वास करते हैं। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वह इस महामारी से मानवता को बचाए और कामना करते हैं कि दुनिया हमेशा ऐसी तबाही से मुक्त रहे। हम पंक्ति के आखिरी व्यक्ति की सेवा करते हुए अपनी सेवाओं को सदैव जारी रखने का संकल्प लेते हैं। उन्होंने इस सम्मान के लिए इंडिया-सीएसआर नेटवर्क को धन्यवाद दिया। श्रीमती जिन्दल कोविड-19 महामारी के खिलाफ जंग में सरकार और प्रशासन का सहयोग करने वाली अग्रणी शख्सियतों में से हैं। उन्होंने श्री नवीन जिन्दल के नेतृत्व वाली कंपनी जिन्दल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) के सामाजिक दायित्वों का निर्वहन कर रहे जेएसपीएल फाउंडेशन को सार्थक नेतृत्व प्रदान करते हुए देश में 5 लाख से अधिक लोगों को सूखा राशन व पका हुआ भोजन उपलब्ध कराया और हजारों परिवारों की आजीविका की रक्षा की। जब कोविड-19 की रोकथाम के लिए देश में लॉकडाउन लागू हुआ तब जेएसपीएल फाउंडेशन ने श्रीमती शालू जिन्दल के मार्गदर्शन में मिशन जीरो हंगर के तहत प्रवासी श्रमिकों, दैनिक वेतन भोगियों, सड़क पर रहने वालों, निराश्रितों, ट्रक चालकों, गृह विहीन परिवारों और सामाजिक रूप से कमजोर अन्य लोगों को छत्तीसगढ़, ओडिशा और झारखंड के साथ-साथ देश की राजधानी दिल्ली में पका हुआ भोजन और सूखा राशन का इंतजाम कराया।
फाउंडेशन ने इसके अलावा आदिवासियों और कमजोर वर्ग के लोगों को सैनिटाइजर, हैंडवाश, कीटाणुनाशक और सेल्फ हेल्प ग्रुपों से जुड़ी हजारों महिलाओं के हाथों बनाए गए मास्क उपलब्ध कराए। इससे महिलाओं को महामारी की मंदी में अपने परिवार को चलाने में बहुत मदद मिली। महामारी के दौरान रोज कमाने-खाने वालों को पैसे की कमी न हो, इसके लिए फाउंडेशन ने पुख्ता बंदोबस्त किया। उसने हजारों डेयरी, सब्जी और मशरूम किसानों को प्लांट टाउनशिप में उचित दामों पर अपने उत्पाद बिक्री की सहूलियतें दी। जहां तक चिकित्सा सुविधाओं की बात है तो जेएसपीएल फाउंडेशन ने छत्तीसगढ़ स्थित दोनों फोर्टिस-ओपी जिन्दल अस्पताल में कोविड-19 से बचाव के लिए 133 बेड और वेंटीलेटर के साथ 15 आईसीयू केयर यूनिटें समर्पित की। इसके अलावा अस्पताल और व्यावसायिक स्वास्थ्य केंद्रों में अतिरिक्त वेंटीलेटर, पीपीई किट, ऑक्सीजन सिलेंडर और आइसोलेशन वार्ड के साथ-साथ कोविड-19 देखभाल केंद्रों का बंदोबस्त किया गया।
जेएसपीएल फाउंडेशन की पहल पर संचालित शैक्षिक संस्थानों में ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था कर बच्चों की पढ़ाई नियमित रखी गई। दिव्यांगों की देखभाल के लिए संचालित आशा- द होप केंद्रों ने भी पूरी मुस्तैदी से बच्चों की सेवा की। ऑनलाइन के साथ-साथ जरूरत पडऩे पर कोविड-19 निर्देशों का पालन करते हुए बच्चों को घर पर भी मदद पहुंचाई गई। करीब 3000 बच्चों को इन केंद्रों से लाभान्वित किया जा रहा है। इसके अलावा, फाउंडेशन ने महामारी से बचाव के लिए समुदायों में विभिन्न माध्यमों से जागरूकता भी पहुंचाई। जेएसपीएल ने केंद्र सरकार का सहयोग करते हुए पीएम केयर्स फंड में 25 करोड़ रुपये का योगदान किया है। कोविड-19 से बचाव के लिए जेएसपीएल फाउंडेशन द्वारा किये गए कार्यों की सर्वत्र सराहना हो रही है और इसी आधार पर श्रीमती शालू जिन्दल को 10 प्रभावशाली लीडर्स की श्रेणी में रखते हुए यह सम्मान प्रदान किया गया है। - बेंगलुरू। भारत के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र के लिये वर्ष 2021 अच्छा साल रहेगा और इस क्षेत्र की अधिकांश कंपनियां 10 प्रतिशत तक की ऊंची एक अंकीय वृद्धि दर्ज कर सकती हैं।आईटी क्षेत्र के अनुभवी वी. बालाकृष्णन ने यह अनुमान व्यक्त किया है। बालाकृष्णन प्रमुख आईटी कंपनी इन्फोसिस के पूर्व मुख्य वित्तीय अधिकारी रह चुके हैं। वह अभी एक्सफिनिटी वेंचर पार्टनर्स के चेयरमैन एवं पार्टनर हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय आईटी कंपनियों ने घर से काम की नयी व्यवस्था को अपनाने तथा महामारी के मद्देनजर नये अवसरों को लपकने के संदर्भ में अच्छा काम किया है। सभी प्रमुख वैश्विक कंपनियां अब क्लाउड सेवाएं अपनाना चाहती हैं और लागत कम करना चाहती हैं। बालकृष्णन ने पीटीआई-भाषा से कहा, ''यही कारण है कि बड़े सौदे आ रहे हैं और भारतीय कंपनियों को इनमें ठीक-ठाक हिस्सा मिल रहा है। 2021 अच्छा प्रतीत हो रहा है क्योंकि भारतीय कंपनियों को कई बड़े सौदे हासिल हुए हैं। इनमें से अधिकांश 10 प्रतिशत तक की ऊंची वृद्धि दर्ज कर सकती हैं।''भारतीय आईटी कंपनियों के समक्ष अगले एक दशक के दौरान चुनौतियों और उनकी व्यावसायिक संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा हर तीन से चार साल में आर्थिक मोर्चे पर या फिर प्रोद्योगिकी के मोर्चे पर बड़ी उठापटक देखने को मिल सकती है। बालकृष्णन ने कहा, ''नई प्रौद्योगिकियां उभरेंगी या फिर किसी बड़ी अर्थव्यवसथा को लेकर कोई चिंता खड़ी होगी।'' उन्होंने कहा कि भारतीय आईटी कंपनियों को हर समय आने वाले परिस्थिति के लिये तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा, ''उन्हें नई प्रौद्योगिकी में निवेश करते रहना होगा। स्टार्टअप परिवेश के साथ नजदीकी से काम करते रहना होगा। जहां नवोन्मेष पर ध्यान दिया जा रहा है, आंतरिक तौर पर लोगों में निवेश किया जा रहा है ... जो लोग उद्योग और बिक्री अथवा विपणन क्षेत्र के बारे में जानकारी रखते हैं।'' भारतीय कंपनियां यदि यह काम करती रहेंगी तो वह हर समय दौड़ में बनी रहेंगी क्योंकि आर्थिक क्षेत्र में उसकी वृद्धि में उतार - चढ़ाव आते रहते हैं।
- नयी दिल्ली। महामारी के कारण भले ही लगभग हर प्रकार के कर संग्रह में कमी आयी हो, लेकिन उत्पाद शुल्क संग्रह में चालू वित्त वर्ष के दौरान 48 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी। इसका कारण डीजल और पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क दर में रिकॉर्ड वृद्धि है। महालेखा नियंत्रक (सीजीए) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-नवंबर 2020 के दौरान उत्पाद शुल्क का संग्रह 2019 की इसी अवधि के 1,32,899 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,96,342 करोड़ रुपये हो गया। उत्पाद शुल्क संग्रह में यह वृद्धि चालू वित्त वर्ष के आठ महीने की अवधि के दौरान डीजल की बिक्री में एक करोड़ टन से अधिक की कमी के बावजूद हुई। डीजल भारत में सबसे ज्यादा खपत होने वाला ईंधन है। पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल से नवंबर 2020 के दौरान डीजल की बिक्री साल भर पहले के 5.54 करोड़ टन से कम होकर 4.49 करोड़ टन रह गयी। इस दौरान पेट्रोल की खपत भी साल भर पहले के 2.04 करोड़ टन से कम होकर 1.74 करोड़ टन रही। पेट्रोलियम उत्पादों और प्राकृतिक गैस को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था से बाहर रखा गया है। देश में जुलाई 2017 से जीएसटी व्यवस्था अमल में आई है।
- नयी दिल्ली। लक्जरी कार कंपनियों मर्सिडीज-बेंज, ऑडी और लैम्बोर्गिनी को उम्मीद है कि सरकार आगामी आम बजट में वाहनों पर करों में कटौती करेगी। इन कंपनियों का कहना है कि ऊंचे कराधान की वजह से प्रीमियम कारों का बाजार आगे नहीं बढ़ पा रहा है। कोरोना वायरस महामारी से भी वाहनों का यह खंड बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इन कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि लक्जरी कारों पर यदि करों में बढ़ोतरी होती है, तो इससे मांग प्रभावित होगी और यह क्षेत्र पिछले साल शुरू हुई अड़चनों से उबर नहीं पाएगा। मर्सिडीज बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मार्टिन श्वेंक ने कहा, ‘‘कोई भी ऐसी चीज जिससे क्षेत्र की मांग प्रभावित होती हो, उससे हमें बचना चाहिए, क्योंकि अंत में इससे समस्या पैदा होगी।'' उनसे पूछा गया था कि कंपनी आगामी बजट में करों के मोर्चे पर सरकार से क्या उम्मीद कर रही है। वाहनों पर कर कटौती की मांग करते हुए श्वेंक ने कहा, ‘‘इस क्षेत्र पर कर की दर पहले ही काफी ऊंची है। आयात शुल्क से लेकर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) तक, लक्जरी कारों पर उपकर 22 प्रतिशत तक है। मेरा मानना है कि हमारा लक्ष्य क्षेत्र की वृद्धि को समर्थन देना और कर घटाने का होना चाहिए। हमें इसका रास्ता ढूंढना चाहिए।'' इसी तरह की राय जताते हुए ऑडी इंडिया के प्रमुख बलबीर सिंह ढिल्लों ने कहा कि लक्जरी कार बाजार अभी कोविड-19 की वजह से पैदा हुई अड़चनों से उबर रहा है। आगे क्षेत्र के लिए काफी चुनौतियां हैं। उन्होंने कहा, ‘‘एक चुनौती निश्चित रूप से लक्जरी कारों पर ऊंचे कराधान की है। यह एक चुनौती है कि क्योंकि इसकी वजह से देश का लक्जरी कार बाजार कुल वाहन बाजार के एक प्रतिशत पर बना हुआ है। पिछले साल यानी 2020 में यह संभवत: घटकर 0.7 से 0.8 प्रतिशत रह गया है। ऊंचा कर सबसे बड़ी चुनौती है।'' लैम्बोर्गिनी इंडिया के प्रमुख शरद अग्रवाल ने कहा कि सुपर लक्जरी खंड को सरकार से निरंतरता कायम रखने की उम्मीद है। इस खंड को 2020 में काफी नुकसान हुआ है। अग्रवाल ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि 2021 में यह क्षेत्र कम से कम 2019 के स्तर पर पहुंच जाए। हम अभी वृद्धि की उम्मीद नहीं कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि यह क्षेत्र 2019 का स्तर हासिल कर ले। यदि लक्जरी कारों पर कर बढ़ता है, तो इस क्षेत्र पर काफी अधिक नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।'
- नयी दिल्ली। देश में आधुनिक तकनीक वाले नये उद्यमों और नवोन्मेष को बढ़ावा देने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को 1,000 करोड़ रुपये के ‘स्टार्ट-अप इंडिया सीड फंड' की शुरुआत की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और लोगों के जीवन में सुधार आयेगा। मोदी ने वीडियो कन्फ्रेंसिंग के जरिये ‘प्रारम्भ: स्टार्ट- अप भारत अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन' को संबोधित करते कहा कि देश में स्टार्टअप के लिये पूंजी की कमी नहीं हो इसके लिये कई कदम उठाये जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, मैं आज इस कार्यक्रम में एक और महत्वपूर्ण घोषणा कर रहा हूं। स्टार्टअप को शुरुआती पूंजी उपलब्ध कराने के वास्ते राष्ट्र आज 1,000 करोड़ रुपये के स्टार्टअप इंडिया सीड फंड की शुरुआत कर रहा है।
- नयी दिल्ली। निजी क्षेत्र की विमानन कंपनी इंडिगो दिल्ली से लेह के लिये 22 फरवरी को उड़ान सेवा शुरू करेगी। इंडिगो ने शनिवार को इसकी घोषणा की। इंडिगो के लिये लेह 63वां गंतव्य स्थल होगा। लेह के लिये इस दैनिक उड़ान के लिये बुकिंग पहले ही शुरू हो चुकी है। एयरलाइन ने एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी है। इसमें कहा गया है, ‘‘लद्दाख की राजधानी लेह को साफ सुथरे वातावरण, वहां की सुंदरता, बेहतर गतिविधियों, बौद्ध उपासना स्थलों और त्योहारों के लिये जाना जाता है। लेह में अप्रैल से सितंबर की अवधि के दौरान पर्यटक आकर्षित होते हैं।'' एयरलाइन के मुख्य रणनीतिक एवं राजस्व अधिकारी संजय कुमार ने कहा, ‘‘हम क्षेत्रीय संपर्क सूत्र को जोड़ने की दिशा में काम कर रहे हैं इससे न केवल इन स्थानों के लिये लोगों की पहुंच बढ़ेगी बल्कि देश में घरेलू व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
- पेट्रोल, डीजल-कीमतों में बदलाव नहींनयी दिल्ली। विमान ईंधन एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) की कीमतों में शनिवार को तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम बढ़ने के बीच पिछले दो माह में यह एटीएफ कीमतों में चौथी वृद्धि है। हालांकि, नयी ऊंचाई छूने के बाद पेट्रोल और डीजल कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों की मूल्य अधिसूचना के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में एटीएफ का दाम 1,512.38 रुपये प्रति किलोलीटर की बढ़ोतरी के साथ 52,491.16 रुपये प्रति किलोलीटर पर पहुंच गया गया है। एटीएफ कीमतों में यह एक दिसंबर, 2020 से चौथी वृद्धि है। उस दिन एटीएफ के दाम 7.6 प्रतिशत या 3,288.38 रुपये प्रति किलोलीटर बढ़ाए गए थे। 16 दिसंबर को एटीएफ कीमतों में 6.3 प्रतिशत या 2,941.5 रुपये प्रति किलोलीटर और एक जनवरी को 3.69 प्रतिशत या 1,817.62 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हुई थी। एटीएफ कीमतों में प्रत्येक महीने की एक और 16 तारीख को बेंचमार्क अंतरराष्ट्रीय दरों के औसत मूल्य और पिछले पखवाड़े की विदेशी विनिमय दर के हिसाब से संशोधन होता है। मुंबई में शनिवार को एटीएफ का दाम 49,083.65 रुपये से बढ़कर 50,596.02 रुपये प्रति किलोलीटर हो गया। स्थानीय करों की वजह से विभिन्न राज्यों में एटीएफ के दाम भिन्न होते हैं। हालांकि, शनिवार को पेट्रोल और डीजल कीमतों में संशोधन नहीं हुआ। दिल्ली में 14 जनवरी को पेट्रोल अपने सर्वकालिक उच्चस्तर 84.70 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया। मुंबई में यह 91.32 रुपये प्रति लीटर है। हालांकि, मुंबई में डीजल का दाम 81.60 रुपये प्रति लीटर के रिकॉर्ड स्तर पर है। दिल्ली में डीजल 74.88 रुपये प्रति लीटर है।
- चेन्नई। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा है कि कोविड-19 की वजह से 2020 मानव समाज के लिए सबसे कठिन समय में से रहा है और इस दौरान केंद्रीय बैंक की नीतियों की वजह से महामारी के गंभीर आर्थिक प्रभावों को कम करने में मदद मिली है।दास ने शनिवार को 39वें नानी पालकीवाला स्मृति व्याख्यान में कहा, बीता साल मानव समाज के लिए सबसे कठिन समय में से रहा है। इस महामारी के स्वास्थ्य और आर्थिक प्रभाव से दुनियाभर के देशों के बीच आर्थिक और सामाजिक कमजोरियां और व्यापक हुई हैं। उन्होंने कहा, यह जरूरी है कि महामारी के बीच और उसके बाद वित्तीय प्रणाली के प्रबंधन के लिए एक ठोस और समझदारी वाला रुख अपनाया जाए। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान प्रमुख लक्ष्य आर्थिक गतिविधियों को समर्थन देना था। जब हम पीछे देखते हैं, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि हमारी नीतियों की वजह से महामारी के आर्थिक प्रभाव को कम करने में मदद मिली। दास ने कहा, मैं यह कहूंगा कि रिजर्व बैंक जरूरत के मुताबिक आगे और उपायों के लिए भी तैयार है। साथ ही हम वित्तीय स्थिरता कायम रखने को भी पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।
- नई दिल्ली। व्हॉट्सएप ने नीति में बदलाव (अपडेट) को 15 मई तक के लिए टाल दिया है। अपने हालिया निजता नीति बदलावों को लेकर व्हॉट्सएप को भारत सहित वैश्विक स्तर पर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।दुनियाभर में इस बात को लेकर चिंता जताई जा रही है कि व्हॉट्सएप उपयोक्ताओं के डेटा को अपनी मूल कंपनी फेसबुक से साझा कर सकती है। यह घटनाक्रम इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि भारत व्हॉट्सएप के लिए सबसे बड़े बाजारों में से है। भारत में व्हॉट्सएप के प्रयोगकर्ताओं की संख्या 40 करोड़ से अधिक है। व्हॉट्सएप ने ब्लॉग पोस्ट में लिखा है कि प्रयोगकर्ताओं के लिए नीतिगत अपडेट की शर्तों पर अपनी मंजूरी देने की तिथि को आगे बढ़ाया जा रहा है। व्हॉट्सएप ने ब्लॉग पोस्ट में कहा, ''किसी का भी खाता आठ फरवरी को निलंबित या बंद नहीं किया जाएगा। हम व्हॉट्सएप पर निजता और सुरक्षा को लेकर फैली गलत सूचनाओं को दूर करने के लिए और अधिक काम करेंगे। हम लोगों के पास नीति की समीक्षा के लिए धीरे-धीरे जाएंगे। 15 मई से नए कारोबारी विकल्प उपलब्ध होंगे।'' व्हॉट्सएप के हालिया विवादास्पद बदलावों को लेकर बहस छिड़ी हुई है। व्हॉट्सएप ने पिछले सप्ताह प्रयोगकर्ताओं को 'इन-ऐप' अधिसूचना के जरिये इन बदलावों की सूचना दी थी।व्हॉट्सएप ने कहा था कि उसके मंच का इस्तेमाल जारी रखने के लिए प्रयोगकर्ताओं को नयी शर्तों तथा नीति पर आठ फरवरी तक सहमति देनी होगी। व्हॉट्सएप के प्रतिद्वंद्वी मंचों मसलन सिग्नल और टेलीग्राम के डाउनलोड में हालिया घटनाक्रमों के बीच काफी इजाफा हुआ है। व्हॉट्सएप ने कहा, ''हमारे हालिया अपडेट को लेकर काफी असमंजस है। काफी गलत सूचनाएं फैल रही है, जो चिंता की बात है। हम चाहते हैं कि सभी हमारे सिद्धान्तों और तथ्यों को समझें।'' व्हॉट्सएप ने फिर दोहराया है कि उसके मंच पर संदेश एंड-टू-एंड कूट रूप में हैं। न तो वह खुद और न फेसबुक उसके मंच पर निजी संदेशों को देख सकती है। व्हॉट्सएप ने कहा कि वह यह ब्योरा नहीं रखती कि प्रयोगकर्ता किसे संदेश भेज रहे हैं या किसे कॉल कर रहे हैं। साथ ही वह संपर्कों को फेसबुक से साझा नहीं करती है। एफएक्यू खंड में व्हॉट्सएप ने कहा है कि हालिया शर्तें और निजता नीति में बदलाव से व्यक्तिगत संदेश प्रभावित नहीं होंगे। फेसबुक के स्वामित्व वाले मैसेजिंग मंच ने कहा, ''ये बदलाव व्हॉट्सएप पर वैकल्पिक 'बिजनेस फीचर्स' से जुड़े हैं। इनसे हमारे द्वारा डेटा संग्रहण और उसके इस्तेमाल को लेकर और पारदर्शिता आएगी। इससे पहले सूत्रों ने कहा था कि सरकार व्हॉट्सएप द्वारा हाल में घोषित निजता नीति में बदलाव की समीक्षा कर रही है। सूत्रों ने कहा था कि सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में व्हॉट्सएप के हालिया कदम के प्रभाव पर विचार-विमर्श चल रहा है। वहीं व्हॉट्सएप ने कहा था कि वह इस मुद्दे पर सरकार के किसी भी सवाल का जवाब देने को तैयार है।व्हॉट्सएप के प्रमुख विल कैथकार्ट ने कहा कि कंपनी भारत के उपयोक्ताओं की निजता और सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है। भारत अपनी बड़ी आबादी और इंटरनेट की स्वीकार्यता की वजह से फेसबुक जैसी इंटरनेट कंपनियों के लिए महत्वपूर्ण बाजार है। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा दूरससंचार बाजार और डेटा का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। 30 अक्टूबर, 2020 तक देश में कुल फोन कनेक्शनों की संख्या 117 करोड़ थी। इसमें से 115 करोड़ मोबाइल कनेक्शन हैं। एरिक्सन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 में भारतीय प्रतिमाह औसत 12 जीबी डेटा का इस्तेमाल कर रहे थे। यह दुनिया में सबसे ज्यादा है। 2025 तक यह आंकड़ा 25 जीबी प्रतिमाह हो जाएगा। व्हॉट्सएप की प्रतिद्वंद्वी टेलीग्राम ने पिछले कुछ दिन में वैश्विक स्तर पर 2.5 करोड़ नए उपयोक्ता जोड़े हैं। हालांकि, उसने भारत के आंकड़े नहीं दिए हैं, लेकिन कहा है कि 38 प्रतिशत नए उपयोक्ता एशिया में जोड़े गए हैं। सिग्नल को भी अपनी सुगम और सरल सेवा शर्तों तथा निजता नीति की वजह से इस घटनाक्रम का फायदा होने की उम्मीद है।
- रायपुर। भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) की छत्तीसगढ़ राज्य काउंसिल के लगातार तीसरी बार प्रदीप टंडन अध्यक्ष बनाए गए हैं। फिक्की के अध्यक्ष उदय शंकर ने जिन्दल स्टील एंड पावर लिमिटेड रायपुर के अध्यक्ष प्रदीप टंडन को भेजे पत्र में गत 14 दिसंबर को फिक्की की वार्षिक सामान्य बैठक का हवाला देते हुए उनके कार्यकाल में छत्तीसगढ़ में फिक्की की गतिविधियों को बढ़ाने में योगदान की सराहना करते हुए उनसे इस पद पर बने रहने का अनुरोध किया है।श्री टंडन ने लगातार तीसरी बार फिक्की द्वारा राज्य काउंसिल के अध्यक्ष का दायित्व सौंपे जाने पर आभार जताते हुए कहा कि वह आगे भी फिक्की को राज्य में मजबूत बनाने के लिए कार्य करते रहेंगे। प्रदीप टंडन ने नए अध्यक्ष उदय शंकर को एवं दिल्ली ऑफिस को सहयोग एवं आगामी समय में आपसी तालमेल के लिए धन्यवाद एवं शुभकामनाएं प्रेषित की हैं ।गौरतलब है कि फिक्की छत्तीसगढ़ ने अपने पूर्ववर्ती कार्यकाल में बीते वर्षों में देश में अपनी पहचान बनाने में कामयाबी हासिल की है। वहींं फिक्की छत्तीसगढ़ अध्यक्ष प्रदीप टण्डन ने अपने कार्यकाल में फिक्की को छत्तीसगढ़ में नई पहचान दिलाने में अहम योगदान दिया है। फिक्की ने उद्योगों और सरकार के बीच में समन्वय स्थापित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका दर्ज की है।
- नई दिल्ली। दक्षिण कोरिया की प्रौद्योगिकी कंपनी सैमसंग ने कहा कि उसका प्रीमियम स्मार्टफोन गैलेक्सी एस21 इस महीने के अंत में भारतीय बाजार में उपलब्ध होगा। इसकी कीमत करीब 70 हजार रुपये से शुरू है।भारतीय बाजार में सैमसंग की प्रतिस्पर्धा एप्पल और वनप्लस जैसे ब्रांडों के साथ है। कंपनी ने कहा कि भारतीय उपभोक्ता उसके नये प्रीमियम स्मार्टफोन के तीनों संस्करणों गैलेक्सी एस21 अल्ट्रा, गैलेक्सी एस21 प्लस और गैलेक्सी एस21 की शुक्रवार से अग्रिम बुकिंग कर सकते हैं। कंपनी ने बृहस्पतिवार को एक आभासी वैश्विक कार्यक्रम गैलेक्सी अनपैक्ड 2021 में इस नये स्मार्टफोन को प्रदर्शित किया। कंपनी ने एक बयान में कहा कि नये स्मार्टफोन 5जी प्रौद्योगिकी के अनुकूल हैं और ये सैमसंग के एक्सिनॉस 2100 चिपसेट से लैस हैं।-
- नई दिल्ली। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने गुरुवार को राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान की आधारशिला रखी। इसका उद्देश्य विज्ञान के क्षेत्र में संचार को और अधिक मजबूत करना है।सीएसआईआर(वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद)-एनआईएससीएआईआर (राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं सूचना केंद्र) और सीएसआईआर-एनआईएसटीएडीएस (राष्ट्रीय विज्ञान , प्रौद्योगिकी और विकास अध्ययन संसथान) का विलय करने के बाद इस संस्थान की स्थापना की गई है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि इस विलय का उद्देश्य दोनों संस्थानों की क्षमता का समन्वित करना है ताकि वैश्विक स्तर पर सराहा जाने वला एक थिंक टैंक (विद्वान मंडल) बनाया जा सके तथा विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार (एसटीआई) तथा संचार को समझने के लिए संसाधन जुटाए जा सके। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि एक मजबूत नीति आत्म निर्भर भारत बनाने में अहम भूमिका निभाएगी और इसे एसटीआई के जरिए मूर्त रूप दिया जाएगा। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि नया संस्थान विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान के अपने मूल क्षेत्रों के साथ समाज की सेवा करेगा, जो केविड-19 महामारी के दौरान महत्वपूर्ण साबित होगा। सीएसआईआर के महानिदेशक शेखर मांडे ने वैज्ञानिकों पर विश्वास जताते हुए कहा कि वे नये संस्थान को नयी ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।सीएसआईआर-एनआईएससीएआईआर, सबसे पुराने राष्ट्रीय विज्ञान पुस्तकालय का प्रबंधन करता है और अंतरराष्ट्रीय मानक श्रृंखला संख्या (आईएसएसएन) भी वितरित करता है। यह राष्ट्रीय ज्ञान संसाधन समूह का संरक्षक है जो सभी प्रमुख प्रकाशकों के 5,000 से अधिक ई-जर्नल, पेटेंट, प्रशस्ति और अन्य डेटाबेस तक पहुंच प्रदान उपलब्ध कराता है। यह विज्ञान प्रगति और साइंस रिपोर्टर जैसी लोकप्रिय पत्रिकाओं का प्रकाशन भी करता है।
- चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने यहां अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर चंडीगढ़ और हिसार के बीच विमानन सेवा का बृहस्पतिवार को उद्घटन किया। उन्होंने पहले यात्री को बोर्डिंग पास सौंपकर यह शुरुआत की। एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि इस सेवा की शुरुआत एयर टैक्सी एविएशन कंपनी ने की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एयर टैक्सी ने चार सीटों वाले हवाई जहाजों का ऑर्डर दिया है। पायलट के अलावा, तीन यात्री इन एयर टैक्सियों में यात्रा कर सकेंगे। चंडीगढ़ से हिसार की दूरी इस विमान द्वारा 45 मिनट में तय की जायेगी। इसका किराया 1,755 रुपये होगा। उन्होंने कहा कि यह सेवा केंद्र की उड़ान योजना के तहत शुरू की गयी है। कंपनी 18 जनवरी को हिसार से देहरादून और 23 जनवरी को हिसार से धर्मशाला के लिये भी एयर टैक्सी सेवा शुरू करने वाली है।
- नयी दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में दूध की प्रमुख आपूर्तिकर्ता मदर डेयरी ने अपने मिठाइयों के कोरबार में पोर्टफोलियो (उत्पाद सूची) का विस्तार किया है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मदर डेयरी का अगले दो से तीन साल में अपने मिठाई पोर्टफोलियो से 100 करोड़ रुपये के कारोबार का लक्ष्य है। जोशी ने कहा, भारतीय डेयरी और बागवानी पारिस्थितिकी तंत्र का ग्रामीण अर्थव्यवस्था की समृद्धि में बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि बागवानी के इन उत्पादों को झारखंड के आदिवासियों से खरीदा जाएगा। इससे उन्हें नया बाजार मिलेगा और उनकी आजीविका पर सकारात्मक असर पड़ेगा।
- मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चुनिंदा शहरी सहकारी बैंकों को अपने सदस्यों या मृतक सदस्यों के नामांकितों के अनुरोध पर उन्हें शेयर पूंजी वापस करने की बुधवार को अनुमति दे दी।एक आधिकारिक संवाद में कहा गया कि पश्चिमी क्षेत्र के सिर्फ उन्हीं शहरी सहकारी बैंकों को ऐसा करने की मंजूरी दी गयी है, जिनकी पूंजी जोखिम वाली संपत्ति के (सीआरएआर) कम से कम नौ प्रतिशत से अधिक है। मुख्य महाप्रबंधक उमा शंकर के द्वारा शहरी सहकारी बैंकों को बुधवार को भेजे गये एक पत्र में कहा गया, ''अंतरिम आधार पर यह निर्णय लिया गया है कि जिन शहरी सहकारी बैंकों का सीआरएआर नौ प्रतिशत से अधिक है, उन्हें अनुरोध करने पर सदस्यों अथवा मृत सदस्यों के नामांकितों को शेयर पूंजी वापस करने की मंजूरी दी जाये।'' रिजर्व बैंक के इस कदम को बैंकों व उनके सदस्यों के लिये राहत के रूप में देखा जा रहा है।--
- मुंबई। रत्न एवं आभूषण उद्योग ने आगामी केंद्रीय बजट में सोने पर सीमा शुल्क को घटाकर चार प्रतिशत करने, स्रोत पर एकत्र किये गये कर (टीसीएस) को वापस लिये जाने, पॉलिस किए हुए बहुमूल्य एवं अर्ध-मूल्यवान रत्नों पर आयात शुल्क में कटौती किये जाने की मांग की है।अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू रत्न एवं आभूषण परिषद (जीजेसी) के अध्यक्ष आशीष पेठे ने इस बारे में कहा, '' हम सरकार से सोने पर सीमा शुल्क को मौजूदा 12.5 प्रतिशत से घटाकर चार प्रतिशत करने का आग्रह करते हैं। यदि कर की दर इस स्तर पर नहीं रखी जाती है, तो यह तस्करी को बढ़ावा देना और लोगों को असंगठित व्यापार करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। "उन्होंने आगे सरकार से एचसीएन -71 (हार्मोनाइज्ड सिस्टम नोमेनक्लेचर) के तहत आने वाली जिसों को संग्रहित कर (टीसीएस) प्रावधानों के दायरे से बाहर रखने का आग्रह किया है। उनका कहना है कि टीसीएस में अवरुद्ध धनराशि आयकर का भुगतान करने की क्षमता से 6.67 गुना अधिक है। पेठे ने यह भी कहा कि रत्नों और आभूषण उद्योग के लिए कर्ज पर समान मासिक किस्त (ईएमआई) की सुविधा दी जानी चाहिए और नकद खरीद की सीमा को मौजूदा 10 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये करना चाहिए। रत्न और आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) के अध्यक्ष कॉलिन शाह ने सरकार से आग्रह किया है कि वह कीमती और अर्ध-कीमती रत्नों पर आयात शुल्क घटाकर 2.5 प्रतिशत करें, जो मौजूदा समय में 7.5 प्रतिशत है। अपनी बजट सिफारिशों में, जीजेईपीसी ने सिंथेटिक रूप से तराशे और पॉलिश किए गए रत्नों पर आयात शुल्क को पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने का भी सुझाव दिया है।
- नई दिल्ली। सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की इस्पात निर्माता कंपनी सेल में 10 प्रतिशत तक की हिस्सेदारी बेचने जा रही है। इसके लिये शेयर बाजार में बिक्री की पेशकश (ओएफएस) आज खुलेगी।निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने बुधवार को ट्वीट किया, ''गैर खुदरा निवेशकों के लिये सेल की बिक्री पेशकश 14 जनवरी को खुलेगी। खुदरा निवेशकों के लिये यह 15 जनवरी को खुलेगी। सरकार 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी तथा पांच प्रतिशत अतिरिक्त हिस्सेदारी बेचने का विकल्प खुला रहेगा।'' अभी सेल में सरकार की 75 प्रतिशत हिस्सेदारी है। सरकार ने दिसंबर 2014 में सेल की पांच प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री की थी। सेल की बिक्री पेशकश के लिये आधार दर 64 रुपये प्रति शेयर तय की गयी है। इससे सरकार को 2,664 करोड़ रुपये की पूंजी जुटने की उम्मीद है। इससे सरकार को चालू वित्त वर्ष में 2.1 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश के लक्ष्य की दूरी कम करने में कुछ मदद मिलेगी।
- नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल के दाम 84.45 रुपये प्रति लीटर के नए उच्चस्तर पर पहुंच गए हैं। सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों ने पांच दिन के बाद ईंधन कीमतों में बुधवार को फिर बढ़ोतरी की।पेट्रोलियम विपणन कंपनियों की मूल्य अधिसूचना के अनुसार पेट्रोल और डीजल दोनों के दाम 25-25 पैसे प्रति लीटर बढ़ाए गए हैं। दिल्ली में अब पेट्रोल 84.45 रुपये प्रति लीटर और डीजल 74.63 रुपये प्रति लीटर हो गया है। मुंबई में पेट्रोल के दाम 91.07 रुपये प्रति लीटर और डीजल के 81.34 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गए हैं। दिल्ली में अब पेट्रोल के दाम अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर हैं। वहीं मुंबई में डीजल की कीमत रिकॉर्डस्तर पर पहुंच गई है।सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों...इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (एचपीसीएल) ने छह जनवरी से वाहन ईंधन कीमतों में संशोधन फिर शुरू किया है। इससे पहले करीब एक माह तक ईंधन कीमतों में संशोधन नहीं हुआ था। दो लगातार दिनों में पेट्रोल के दाम 49 पैसे प्रति लीटर और डीजल के 51 पैसे प्रति लीटर बढ़े हैं। वाहन ईंधन कीमतों में बढ़ोतरी का सिलसिला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम लगातार सात दिन तक बढऩे के बाद फिर शुरू हुआ है। अमेरिकी वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट 1.3 प्रतिशत बढ़कर 53.88 डॉलर प्रति बैरल हो गया है। वहीं ब्रेंट कच्चा तेल 79 सेंट बढ़कर 57.37 प्रति डॉलर पर पहुंच गया है। सात जनवरी को पेट्रोल 84.20 रुपये प्रति लीटर के रिकॉर्ड पर पहुंचा था। इससे पहले चार अक्टूबर, 2018 को दिल्ली में पेट्रोल 84 रुपये प्रति लीटर के उच्चस्तर पर पहुंचा था। इसी दिन डीजल भी 75.45 रुपये प्रति लीटर के रिकॉर्डस्तर पर था।मुंबई में भी चार अक्टूबर, 2018 को पेट्रोल 91.34 रुपये प्रति लीटर के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर तक गया था। मई, 2020 के बाद पेट्रोल 14.79 रुपये प्रति लीटर और डीजल 12.34 रुपये प्रति लीटर महंगा हुआ है। पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 32.98 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 31.83 रुपये प्रति लीटर है। दिल्ली में पेट्रोल पर मूल्यवर्धित कर (वैट) 19.32 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 10.85 रुपये प्रति लीटर है।
- नयी दिल्ली। वाहन बनाने वाली कंपनी हुंदै मोटर इंडिया लिमिटेड (एचएमआईएल) ने बुधवार को कहा कि उसने नेपाल को 125 वाहन भेजकर रेल मार्ग से निर्यात की शुरुआत कर दी है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि यह खेप चेन्नई से बाहर इरुंगट्टुकोट्टई में स्थित उसके संयंत्र के पास के वलजाबाद रेलवे हब से रवाना की गयी। ट्रेन सोनौली के पास भारत-नेपाल सीमा पर नौतनवा तक जायेगी। नेपाल की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए वहां से इन वाहनों को सड़क मार्ग से ले जाया जायेगा। कंपनी ने कहा कि रेल मार्ग का सहारा लेने से वाहनों के पहुंचने में लगने वाला समय आठ दिनों से कम होकर पांच दिन पर आ जायेगा। कंपनी ने कहा कि वह घरेलू बाजार में भी अपने 14 प्रतिशत वाहनों को रेल मार्ग से भेजती है। कंपनी अपने चेन्नई संयंत्र से करीब 88 देशों को निर्यात करती है।
- नयी दिल्ली। टाटा मोटर्स ने बुधवार को अपने प्रीमियम हैचबैक अल्ट्रोज का नया पेट्रोल संस्करण पेश किया। इसकी बिक्री देश भर में अगले सप्ताह से शुरू होने की उम्मीद है। यह नया संस्करण 1.2 लीटर बाइ-टर्बोचार्ज्ड पेट्रोल इंजन के साथ है जो पहले से मौजूद पेट्रोल संस्करण से अधिक शक्तिशाली है। कंपनी ने कहा कि यह नया 1.2 लीटर पेट्रेाल इंजन पहले से मौजूद 1.5 लीटर पेट्रोल इंजन से भी ज्यादा दमदार है। कंपनी के विपणन प्रमुख (यात्र वाहन व्यवसाय इकाई) विवेक श्रीवत्स ने नये संस्करण को आभासी माध्यम से पेश करते हुए संवाददाताओं से कहा, हमने चालू वित्त वर्ष में 45 हजार इकाइयों की बिक्री की है और मांग अब भी मजबूत बनी हुई है। हमें उम्मीद है कि नये संस्करण से मांग में और तेजी आयेगी। उन्होंने कहा कि नया संस्करण कंपनी की कुल बिक्री में 10 प्रतिशत तक का योगदान दे सकता है। उन्होंने कहा कि इस नये संस्करण के कीमत की घोषणा 22 जनवरी को की जायेगी और उसी दिन से इाकी बिक्री शुरू हो जायेगी।
- मुंबई । इलेक्ट्रिक फूड कार्ट स्टार्ट-अप टेराबाइट ईकार्ट्स ने अपना पहला इलेक्ट्रिक कार्ट ‘टेरा डोसा' पेश किया है। इसे सड़क पर खोमचा लगाकर खाने-पीने का सामान बेचने वालों (स्ट्रीट फूड वेंडर) को लक्ष्य कर उतारा गया है। टेराबाइट ने बुधवार को बयान में कहा कि इन स्ट्रीट कार्ट की बुकिंग कंपनी की वेबसाइट पर की जा सकती है। बयान में कहा गया है कि उच्च-प्रौद्योगिकी और बेहतरीन मॉड्यूलर डिजाइन वाले ये स्ट्रीट कार्ट वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला समर्थन के साथ एक सस्ता टर्नकी समाधान हैं। टेराबाइट की स्थापना पिछले साल हुई थी। बेंगलुरु की इस स्टार्टप की क्षमता 2021 तक 8,000 से 10,000 इलेक्ट्रिक कार्ट का उत्पादन करने की है। कंपनी ने कहा कि विनिर्माण आउटसोर्स है और इसे जरूरत के हिसाब से बढ़ाया जा सकता है। टेराबाइट ईकार्ट्स के सह-संस्थापक बुनिशा खाजामोहिदीन ने कहा, हम इलेक्ट्रिक कार्ट को पेश कर काफी रोमांचित हैं। इससे स्ट्रीट वेंडर संगठित तरीके से और साफ-सफाई के साथ खाने-पीने का सामान बेच सकेंगे।
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नई दिल्ली। देश में ऑनलाइन माध्यम से लेन-देन 2020 में 80 प्रतिशत बढ़ा। इसका एक प्रमुख कारण छोटे एवं मझोले शहरों मे तेजी से भुगतान के लिये डिजिटल माध्यमों को अपनाया जाना है। वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनी रेजरपे ने एक रिपोर्ट में यह कहा है। रिपोर्ट के अनुसार मोबाइल के जरिये तुंरत भुगतान की सुविधा यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) के जरिये लेनदेन ने 2020 में 120 प्रतिशत की वृद्धि के साथ कार्ड, नेटबैंकिंग और मोबाइल बटुए को पीछे छोड़ दिया। यह विशेष रूप से छोटे एवं मझोले शहरों (टियर 2 और 3) के लिए भुगतान का सबसे पसंदीदा तरीका बन गया। डिजिटल लेन-देन की सुविधा उपलब्ध कराने वाली रेजरपे ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान शुरू में उसके माध्यम से डिजिटल भुगतान में 30 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। लेकिन बाद में 70 दिन के पहले लॉकडाउन के बाद डिजिटल भुगतान में 23 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। रिपोर्ट के अनुसार 2019 के मुकाबले 2020 में ऑनलाइन लेन-देन में 80 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह बताता है कि भारीय संख्या में ग्राहकों और कंपनियों ने डिजिटल भुगतान के माध्यम को अपनाया। डिजिटल भुगतान में वृद्धि अंतिम छह महीने में तेजी से हुई जब कुछ क्षेत्रों की कंपनियों में धीरे-धीरे पुनरूद्धार दिखने शुरू हुए। डिजिटल भुगतान 2020 में जुलाई-दिसंबर के दौरान पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 73 प्रतिशत बढ़ा। -
नई दिल्ली। विमानन कंपनी इंडिगो ने मंगलवार को कहा कि फरवरी से लेह, दरभंगा, आगरा, कुरनूल, बरेली, दुर्गापुर और राजकोट को जोडऩे वाली नई उड़ानें शुरू करने की कंपनी की योजना है। इंडिगो ने अपने एक बयान में कहा, एयरलाइन की योजना फरवरी में लेह और दरभंगा को जोडऩे वाली उड़ान शुरू करने की है। इसके बाद मार्च में कर्नूल और आगरा को, अप्रैल में बरेली और दुर्गापुर को तथा मई में राजकोट को जोडऩे के लिये विमानों का परिचालन शुरू किया जायेगा। गौरतलब है कि यह किफायती विमान कंपनी अभी भारत के 61 शहरों को आपस में जोडऩे के लिये विमानों का परिचालन कर रही है। नयी सेवाएं शुरू होने पर यह संख्या बढ़ कर 68 हो जायेगी।


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