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- - अलग की गई कंपनी के रणनीतिक विनिवेश को भी मिली मंजूरीनई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) लिमिटेड से नागरनार इस्पात संयंत्र (एनएसपी) को अलग करने तथा अलग की गई कंपनी में निहित भारत सरकार की पूरी हिस्सेदारी को एक रणनीतिक खरीदार के लिए विक्रय द्वारा इसके रणनीतिक विनिवेश को अपनी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।नागरनार इस्पात संयंत्र छत्तीसगढ़ में बस्तर जिले के नागरनार में एनएमडीसी द्वारा स्थापित तीन मिलियन प्रतिवर्ष क्षमता वाला एक एकीकृत इस्पात संयंत्र है। यह संयंत्र 1980 एकड़ क्षेत्र में फैला है और इसकी संशोधित लागत 23 हजार 140 करोड़ रूपये (14 जुलाई 2020 के अनुसार) है। उपर्युक्त तिथि पर एनएमडीसी ने इस परियोजना पर 17 हजार 186 करोड़ रूपये निवेश किए हैं, जिसमें से 16 हजार 662 करोड़ रूपये एनएमडीसी के अपने कोस्ट से तथा 524 करोड़ रूपये बॉन्ड बाजार से जुटाए गए हैं।इस मंजूरी के साथ, आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने एनएमडीसी की एक इकाई के रूप में नागरनार इस्पात संयंत्र में निवेश हेतु 27 अक्टूबर, 2016 को लिए गए अपने पूर्ववर्ती निर्णय में भी संशोधन किया है।एनएसपी को इसके विनिवेश से पहले, एक अलग कंपनी के रूप में अलग करने के प्रस्ताव के निम्नलिखित फायदे हैं -- इसके अलगाव से, एनएमडीसी खनन की अपनी मुख्य गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित कर सकता है।-अलगाव के बाद, एनएसपी एक अलग कंपनी होगी तथा एनएमडीसी एवं एनएसपी के प्रबंधन अपने संबंधित संचालनों तथा वित्तीय निष्पादन के लिए उत्तरदायी होंगे। एनएमडीसी के शेयरधारक अपने शेयरों के अनुपात में अलग की गई कंपनी (एनएसपी) के भी शेयरधारक होंगे।-अलगाव के बाद, निवेशक एनएमडीसी तथा एनएसपी के संचालनों एवं मुद्रा प्रवाह को बेहतर ढंग से देख सकेंगे।-पूंजीगत प्राप्तियों की दृष्टि से इस अलगाव का कर (टैक्स) से कोई लेना-देना भी नहीं होगा।- आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति के अनुसार, अलगाव और विनिवेश की प्रक्रिया एक साथ शुरू की जाएगी और अलग की गई कंपनी (एनएसपी) के विनिवेश का कार्य सितंबर 2021 तक पूरा होने की संभावना है।एनएमडीसी इस्पात मंत्रालय के तहत एक सूचीबद्ध केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम है और इस कंपनी में भारत सरकार की 69.65 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।---
- नयी दिल्ली। केंद्र ने मंगलवार को किसान रेल के माध्यम से अधिसूचित फलों एवं सब्जियों की ढुलाई पर 50 प्रतिशत सब्सिडी देने का आदेश जारी किया। यह सब्सिडी ‘आपरेशन ग्रीन-टॉप टू टोटल' योजना के तहत दी जाएगी। केंद्र के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने पायलट आधार पर छह महीने के लिये आपरेशन ग्रीन योजना का विस्तार कर टमाटर, प्याज और आलू (टॉप) से लेकर सभी फल एवं सब्जियों (टोटल) को इसके दायरे में लाने की घोषणा की थी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मई में घोषणा की थी कि 500 करोड़ रुपये के अतिरिक्त कोष के साथ ‘ऑपरेशन ग्रीन' का विस्तार किया जाएगा और इसमें टमाटर, प्याज और आलू के अलावा सभी फलों एवं सब्जियों को शामिल किया जाएगा। रेल मंत्रालय ने मंगलवार को जारी आदेश में कहा, ‘‘इस कोष के उपयोग के बाद भारतीय रेलवे खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (एमओएफपीआई) को उपयोग प्रमाणपत्र उपलब्ध कराएगा। उसके बाद मंत्रालय रेलवे को अतिरिक्त कोष उपलब्ध कराएगा।'' आदेश के अनुसार, ‘‘इसीलिए जोनल रेलवे से अनुरोध है कि वे किसान रेल ट्रेन के जरिये ढुलाई की जाने वाली अधिसूचित फलों एवं सब्जियों पर तत्काल प्रभाव से 50 प्रतिशत तक सब्सिडी दें। इसमें कहा गया है, ‘‘माल लादे जाने वाले स्टेशन के मुख्य पार्सल निरीक्षक यह सुनिश्चित करने के लिये जवाबदेह होंगे कि केवल अधिसूचित सामान पर ही इस योजना के तहत लाभ मिले। लेखा के तौर-तरीकों और अन्य बातों को अंतिम रूप दिया जा रहा हे और इस बारे में जल्दी सूचना दी जाएगी।'' रेल मंत्रालय ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय शुरू में योजना के लिये 10 करोड़ रुपये देगा। इस राशि को दक्षिण मध्य रेलवे जोन के पास जमा कराया जाएगा। केंद्र ने इस वित्त वर्ष के बजट में विशेष पार्सल ट्रेन ‘किसान रेल' चलाने की घोषणा की थी।
- नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली कंपनी एनटीपीसी ने विद्युत उत्पादन के दौरान निकलने वाले फ्लाई ऐश के शत प्रतिशत उपयोग के लिये ठोस कदम उठाया है। कंपनी कुछ सीमेंट कंपनियों को फ्लाई ऐश की आपूर्ति शुरू कर चुकी है और कुछ अन्य निर्माताओं के साथ गठजोड़ कर रही है।एनटीपीसी ने मंगलवार को जारी विज्ञप्ति में कहा कि वह किफायती और पर्यावरण अनुकूल तरीके से फ्लाई ऐश के परिवहन के लिए भारतीय रेलवे के व्यापक नेटवर्क का उपयोग कर रही है। बयान के अनुसार, कंपनी डालमिया सीमेंट (भारत) लिमिटेड समेत कुछ सीमेंट कंपनियों को फ्लाई ऐश की आपूर्ति शुरू कर चुकी है और कुछ अन्य निर्माताओं के साथ गठजोड़ कर रही है। कंपनी की उत्तर प्रदेश में स्थित बिजलीघर रिहंद पहला ऐसा विद्युत संयंत्र है, जो सीमेंट निर्माताओं को कंडीशंड फ्लाई ऐश भेज रहा है। बयान के अनुसार संयंत्र से हाल ही में डालमिया सीमेंट (भारत) लिमिटेड के असम के नागांव कारखने को 3 हजार 834 टन कंडीशंड फ्लाई ऐश भेजी है। इससे पहले, कंडीशंड फ्लाई ऐश की रेल रेक को एसीसी टिकरिया (उत्तर प्रदेश), कैमोर (मध्य प्रदेश) और रोपड़ (पंजाब) स्थित सीमेंट कारखानों के लिए भेजा गया था। कंपनी के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान, लगभग 4.43 करोड़ टन फ्लाई ऐश का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया गया।एनटीपीसी के कोयला आधारित बिजलीघरों से सालाना लगभग 6.5 करोड़ टन राख निकलती है, जिसमें से 80 प्रतिशत (लगभग 5.2 करोड़ टन) फ्लाई ऐश होती है। वर्तमान में, कुल राख का लगभग 73 प्रतिशत हिस्सा सीमेंट और फ्लाई ऐश ईंटों के निर्माण, सड़क तटबंध निर्माण, खदानों को भरने, निचले इलाकों में भूमि विकास और नहर-नाली निर्माण के लिए उपयोग में किया जा रहा है। एनटीपीसी समूह की कुल स्थापित क्षमता 62 हजार 900 मेगावाट है। कंपनी के कुल 70 बिजलीघरों में 24 कोयला, सात गैस/तरलीकृत ईंधन, एक पनबिजली और 13 नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं शामिल हैं।
- नई दिल्ली। कमजोर वैश्विक रुख के बीच दिल्ली सर्राफा बाजार में मंगलवार को सोना 133 रुपये की गिरावट के साथ 51 हजार 989 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। तीन सत्रों की तेजी के बाद यह गिरावट आई है। इससे पूर्व के कारोबारी सत्र में सोना 52 हजार 122 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।वहीं चांदी 875 रुपये गिरकर 63 हजार 860 रुपये प्रति किलोग्राम पर टिकी। पिछले दिन बंद भाव 64 हजार 735 रुपये था।अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 1,919 डॉलर प्रति औंस पर नरम था और चांदी 24.89 डॉलर प्रति औंस पर लगभग पिछले स्तर पर बनी हुई थी। एचडीएफसी सिक्युरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, डॉलर में सुधार और अमेरिकी प्रोत्साहन पैकेज की उम्मीद में शेयर बाजार की मजबूती से सोने पर दबाव बना रहा।
- नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने आज बीस राज्यों को खुले बाजार की उधारी के माध्यम से 68 हजार 825 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि जुटाने की अनुमति दी।वित्त मंत्रालय ने कहा कि यह अतिरिक्त उधारी की अनुमति सकल राज्य घरेलू उत्पाद के आधे प्रतिशत पर उन राज्यों के लिए है, जिन्होंने जीएसटी लागू होने के कारण राजस्व में आई कमी को पूरा करने के लिए मंत्रालय द्वारा दिए गए दो विकल्पों में से पहला विकल्प चुना था।इस वर्ष 27 अगस्त को जीएसटी परिषद की बैठक में ये दो विकल्प प्रस्तुत किए गए थे तथा 29 अगस्त को राज्यों को इसकी जानकारी दी गई थी। बीस राज्यों ने पहला विकल्प चुना था।इनमें आंध्रप्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, गोआ, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, ओडिसा, सिक्किम, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड शामिल हैं। आठ राज्यों ने अभी विकल्प नहीं चुना है।जिन राज्यों ने पहला विकल्प चुना है, उन्हें वित्त मंत्रालय द्वारा बनाई गई विशेष व्यवस्था का लाभ होगा, जिसमें राजस्व की कमी को उधारी से पूरा किया जा सकता है। इस मद में राज्यों को हुई कुल राजस्व हानि लगभग 1.1 लाख करोड़ रुपये है। कोविड महामारी को देखते हुए सरकार द्वारा सुधारों की गति में छूट देने के उद्देश्य से दो प्रतिशत अतिरिक्त उधारी में से आधे प्रतिशत के अंतिम भुगतान की अनुमति दी गई। व्यय विभाग ने इस वर्ष 17 मई को राज्यों के सकल घरेलू उत्पाद के दो प्रतिशत तक की अतिरिक्त उधारी सीमा की अनुमति दी थी।
- मुंबई। रिलायंस इंडस्ट्रीज और आईटी कंपनियों के शेयरों में लाभ के बीच उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में स्थानीय शेयर बाजार मंगलवार को मामूली बढ़त के साथ बंद हुए। इस दौरान वैश्विक बाजारों का रुख सुस्त रहा। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 31.71 अंक या 0.08 प्रतिशत की बढ़त के साथ 40,625.51 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स लगातार नौवें कारोबारी सत्र में बढ़त के साथ बंद हुआ है। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 3.55 अंक या 0.03 प्रतिशत की बढ़त के साथ 11,934.50 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स की कंपनियों में एचसीएल टेक का शेयर सबसे अधिक 3.94 प्रतिशत के लाभ में रहा। कोटक बैंक, इन्फोसिस, रिलायंस इंडस्ट्रीज, अल्ट्राटेक सीमेंट और टेक महिंद्रा के शेयर भी बढ़त में रहे। वहीं दूसरी ओर टाइटन, सन फार्मा, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फाइनेंस, एसबीआई और मारुति के शेयर 2.18 प्रतिशत तक टूट गए। विश्लेषकों ने कहा कि बाजार में हालिया सुधार सरकार की ओर से प्रोत्साहन उपायों की उम्मीद के बीच दर्ज हुआ है। हालांकि, प्रोत्साहन उपायों की घोषणा के बाद निवेशकों की धारणा में सुधार नहीं हुआ। दूसरी तिमाही के नतीजों से पहले आईटी कंपनियों के शेयरों में लाभ दर्ज हुआ। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, प्रोत्साहन पैकेज उम्मीद से कम रहने की वजह से आगे बाजार नीचे आ सकता है। इसके अलावा कंपनियों के दूसरी तिमाही के सकारात्मक नतीजों के ज्यादातर हिस्से को लेकर बाजार पहले ही प्रतिक्रिया दे चुका है।'' बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप में 0.29 प्रतिशत तक की गिरावट आई।
- नयी दिल्ली। एसबीआई कार्ड ने त्यौहारी मौसम से पहले कई तरह के ऑफर पेश किए हैं। यह सभी कोविड-19 के बाद ग्राहकों के खरीदारी करने के तौर-तरीकों में आए बदलाव के अनुरूप हैं और कंपनी विभिन्न ब्रांड के साथ मिलकर कैशबैक और छूट इत्यादि की पेशकश कर रही है। एसबीआई कार्ड ने मंगलवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि वह 2,000 से अधिक शहरों में 1,000 से अधिक तरह के ऑफर दे रही है। यह ऑफर एक अक्टूबर से शुरू होकर 15 नवंबर 2020 तक चलेगा। कंपनी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अश्विनी कुमार तिवारी ने कहा, ‘‘ इस साल हमने राष्ट्रीय और खुदरा दुकानदारों के साथ मिलकर 1,000 से ज्यादा तरह के ऑफर तैयार किए हैं। यह ऑफर 2,000 से अधिक शहरों में खुदरा दुकानदारों से लेकर ऑनलाइन खरीदारी तक पर उपलब्ध होंगे।'' उन्होंने कहा कि इससे हर श्रेणी के ग्राहकों को कार्ड के उपयोग पर लाभ मिलेगा। कार्ड की मदद से ग्राहक देशभर में 1.3 लाख से अधिक दुकानों पर आसान किस्तों में खरीदारी कर सकते हैं।
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मुंबई। रिजर्व बैंक ने सोमवार को अपने चार डिप्टी गवर्नरों के कामकाज का नये सिरे से आवंटन किया जिसमें नियमन का काम नव नियुक्त डिप्टी गवर्नर एम. राजेश्वर राव को दिया गया। राव रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर बनने से पहले केन्द्रीय बैंक में ही कार्यकारी निदेशक के पद पर थे। उन्होंने पिछले सप्ताह ही अपना नया पदभार ग्रहण किया। राव ने एनएस विश्वनाथन का स्थान लिया। विश्वनाथन ने अपना कार्यकाल पूरा होने से तीन माह पहले ही पद छोड़ दिया था। रिजर्व बैंक ने चारों डिपटी गवर्नर के कामकाज का बंटवारा कर दिया। उनकी नई जिम्मेदारी 12 अक्टूबर से प्रभावी हो गयी है। एम राजेश्वर राव नियमन का काम देखने के साथ ही दूरसंचार, प्रवर्तन, जांच, विधायी और जोखिम निगरानी का काम भी दखेंगे। केन्द्रीय बैंक ने एक विज्ञप्ति जारी कर इसकी जानकारी दी है। दूसरे डिप्टी गवर्नर एम डी पात्रा मौद्रिक नीति विभाग का कामकाज देखते रहेंगे। वह आर्थिक और नीति शोध, जमा बीमा एवं ऋण गारंटी निगम, वित्तीय बाजार परिचालन विभाग और वित्तीय बाजारों के नियमन विभाग को भी देखेंगे। विज्ञप्ति के अनुसार डिप्टी गवर्नर एम के जैन को केन्द्रीय सुरक्षा प्रकोष्ट, कार्पोरेट रणनीति और बजट विभाग, उपभोक्ता शिक्षा और सुरक्षा विभाग, निरीक्षण विभाग और मानव संसाधन प्रबंधन विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। चौथे डिप्टी गवर्नर बी पी कानूनगो समन्वय, मुद्रा प्रबंधन, बाह्य निवेश और परिचालन, सरकार और बैक खातों के विभाग, आईटी, भुगतान और निपटान प्रणाली, विदेशी मुद्रा विनिमय विभाग, आंतरिक रिण प्रबंधन विभाग, सूचना के अधिकार विभाग और सचिवों के विभाग की जिम्मेदारी संभालेंगे।
- मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 50 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाली इकाइयों के लिये खुदरा ऋण सीमा बढ़ाकर 7.5 कररोड़ रुपये कर दी। पहले यह सीमा 5 करोड़ रुपये थी। इस पहल का मकसद छोटी कंपनियों के लिये कर्ज प्रवाह बढ़ाना है।आरबीआई ने सोमवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि 75 प्रतिशत जोखिम भारांश सभी नये कर्ज और मौजूदा ऋण पर लागू होगा। इसके तहत पा) कंपनियां बैंक से 7.5 करोड़ रुपये की संशोधित सीमा तक और कर्ज ले सकेंगी। इसमें कहा गया है, पचास करोड़ रुपये तक के कारोबार वाले व्यक्तिगत और छोटी कंपनियों के लिये कर्ज की लागत में कमी लाने और बासेल दिशानिर्देश के अनुरूप करने के लिये, सकल खुदरा कर्ज के लिये 5 करोड़ रुपये की सीमा को बढ़ाकर 7.5 करोड़ रुपये करने का निर्णय किया गया है। इससे पहले, मौद्रिक नीति सिमिति की बैठक के बाद नौ अक्टूर को रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इसकी घोषणा की थी। एक अन्य अधिसूचना में आरबीआई ने कहा कि एक सितंबर, 2020 से 31 मार्च, 2021 तक एसएलआर (सांवधिक तरलता अनुपात) प्रतिभूतियों के लिये हेल्ड टू मैच्युरिटी (परिपक्व होने तक प्रतिभूति रखना) के तहत बढ़ी हुई सीमा 22 प्रतिशत की व्यवस्था को 31 मार्च, 2022 तक रखने की अनुमति देने का निर्णय किया गया है। बैंक अब इस प्रकार की अतिरिक्त एसएलआर प्रतिभूतियां एचटीएम श्रेणी में 31 मार्च, 2022 तक रख सकती हैं। आरबीआई ने यह भी निर्णय किया है कि बढ़ी हुई एचटीएम सीमा को 30 जून, 2022 को समाप्त तिमाही से चरणबद्ध तरीके से 19.5 प्रतिशत के स्तर पर लाया जाएगा।-
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जयपुर। कोरोना वायरस महामारी से उपजे संकट के बीच देश में पुरानी या सेकंडहैंड कारों की बढ़ी मांग को देखते हुए 'कारदेखो' कंपनी ने ऐसी कारों के 'आफलाइन स्टोर' खोलने का फैसला किया है। कंपनी अगले छह महीने में ऐसे 50 स्टोर खोलेगी जहां पुरानी कारें बेची जा सकेंगी। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कोरोनो से सामने आई चुनौती के बीच लोग अपना वाहन अपनाने पर ज्यादा जोर दे रहे हैं और ऐसे में विशेष रूप से दो से पांच लाख रुपये मूल्य की पुरानी या उपयोगशुदा (सेकंड हैंड) कारों की मांग तेजी से बढ़ी है। कार देखो ग्रुप के प्रमुख (ट्रस्ट मार्क स्टोर) शरद जायसवाल ने पीटीआई भाषा को बताया कि लोगों की बदली जरूरत को ध्यान में रखते हुए कंपनी ने 'आनलाइन' के साथ साथ अब पुरानी कारों के 'आफलाइन' यानी वास्तविक स्टोर खंड में उतरने का भी फैसला किया है। इसके तहत उसने अपने पहला 'कारदेखो गड्डी ट्रस्ट मार्क' स्टोर दिल्ली में खोला है। कंपनी की मार्च 2021 तक ऐसे 50 स्टोर खोलने की योजना है। वहीं मार्च 2022 तक वह इसकी संख्या कुल 2000 करेगी जिसमें 500 ट्रस्ट मार्क स्टोर व 1500 डीलर होंगे। उन्होंने बताया कि कंपनी ये स्टोर फ्रेंचाइजी मॉडल पर खोल रही है। इन स्टोर में बिकने वाली कारें कंपनी द्वारा प्रमाणित होंगी और कंपनी कई तरह की वारंटी भी अपनी तरफ से देगी। जायसवाल ने कहा कि भारत में पुरानी या उपयोगशुदा कारों का सालाना बाजार 40 से 42 लाख वाहनों का है। विशेषकर कोरोना से उपजे संकट व चुनौतियों के बीच लोग खुद का वाहन खरीदने पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं और ऐसे में दो से पांच लाख रुपये मूल्य की हैचबेक पुरानी कारों की बहुत अच्छी मांग सामने आई है। देश में पुरानी कारों के कुल बाजार में इस खंड का हिस्सा 50-60 प्रतिशत के बीच है जो अब बढ़कर 70-75 प्रतिशत होने की उम्मीद है। जायसवाल ने कहा कि दिल्ली, मुंबई के साथ साथ बेगलुरू, चेन्नई व अहमदाबाद पुरानी कारों के प्रमुख बाजार हैं जहां कंपनी अपने स्टोर व डीलर स्थापित करने पर ध्यान देगी।
- - जन-मन में उत्साह का संचार करती है ऐसी उपलब्धि -मुख्यमंत्री भूपेश बघेलरायपुर। भारत सरकार के अधीन कार्यरत केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के माह सितम्बर 2020 के प्रतिवेदन अनुसार छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी के ताप विद्युत गृहों ने सर्वाधिक विद्युत उत्पादन का कीर्तिमान रचते हुए एक बार फिर देशभर में प्रथम होने का गौरव प्राप्त किया है। माह सितम्बर में कंपनी के विद्युत गृहों ने 70.51 प्रतिशत प्लांट लोड फैक्टर (पी.एल.एफ) दर्ज किया है, जो कि देशभर के 33 स्टेट पावर सेक्टर के ताप विद्युत गृहों द्वारा अर्जित पी.एल.एफ. की तुलना में सर्वाधिक है।कोरोना वायरस के संक्रमण काल में भी चालू वित्तीय वर्ष के दौरान लगातार माह जुलाई, अगस्त एवं सितम्बर में विद्युत गृहों द्वारा प्रदर्शित राष्ट्रीय स्तर की ऐसी उत्कृष्ट कार्य निष्पत्ति को माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अत्यन्त सराहनीय बताया। उन्होंने कहा कि ऐसी उपलब्धियॉ माहमारी के दौर में जन-मन के भीतर नये उत्साह का संचार करती है। इस हेतु पॉवर कंपनीज के चेयरमेन सुब्रत साहू, उत्पादन कंपनी के एमडी श्री एनके बिजौरा सहित उनकी टीम को ऐसी अभूतपूर्व उपलब्धि के लिए बधाई दी तथा अपनी बेहतरीन कार्यदक्षता को प्रदर्शित करते हुए आगे भी इसे सतत् बनाए रखेंगे।पॉवर कम्पनीज के चेयरमैन सुब्रत साहू ने इस उपलब्धि को पॉवर कंपनी के साथ साथ प्रदेशवासियों के लिए गौरव का विषय निरूपित किया। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से स्वयं को सुरक्षित रखते हुए विद्युत कर्मियों ने विद्युत उत्पादन, पारेषण एवं वितरण के कार्य की गति को बनाये रखा है। गर्व की बात है कि सितम्बर माह में कंपनी के ताप विद्युत गृहों ने 70.51 प्रतिशत प्लांट लोड फेक्टर दर्ज किया जबकि राष्ट्रीय स्तर पर अधिकतम औसत प्लांट लोड फेेक्टर 49.58 प्रतिशत ही दर्ज हुआ है। पॉवर जनरेशन कंपनी के विद्युत गृहों का पीएलएफ राष्ट्रीय औसत से अधिक बना हुआ है।विदित हो कि केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण के मासिक प्रतिवेदन के मुताबिक छत्तीसगढ़ प्रथम, तेलंगाना विद्युत उत्पादन कंपनी द्वितीय 68.23 प्रतिशत पीएलएफ एवं तेनूघाट विद्युत निगम लिमिटेड झारखण्ड 61.74 प्रतिशत पीएलएफ अर्जित कर तृतीय स्थान पर रहे।
- मुंबई । केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारतीय रत्न एवं आभूषण उद्योग ने इस चुनौतीपूर्ण समय में काफी जुझारू क्षमता दिखाई है। गोयल ने सोमवार को कहा कि चुनौतीपूर्ण समय में देश के रत्न एवं आभूषण उद्योग ने प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर भारत अंतरराष्ट्रीय आभूषण प्रदर्शनी (आईआईजेएस) के वर्चुअल मंच पर वैश्विक खरीदारों को मूलभूत तरीके से तैयार आभूषण दिखाए हैं।गोयल ने रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्द्धन परिषद (जीजेईपीसी) द्वारा आयोजित पांच दिन के आईआईजेएस वर्चुअल के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा, दुनियाभर के ग्राहकों तक पहुंचने की प्रौद्योगिकी से भारतीय उद्योग के जुझारूपन का पता चलता है। इससे सरकार की ग्राहकों तक पहुंचने की मंशा का भी पता चलता है। विशेषरूप से यह देखते हुए कि देश-दुनिया में त्योहार का समय अब नजदीक है। उन्होंने कहा कि उद्योग ने एक बार फिर दुनिया को यह साबित किया है कि जब परिस्थितियां प्रतिकूल होती हैं, तो उसका प्रदर्शन और बेहतर रहता है। गोयल ने कहा, इससे दुनिया को यह पता चलेगा कि हम भरोसेमंद भागीदार और भरोसेमंद आपूर्तिकर्ता हैं। आप हमारे साथ भागीदारी कर लाभ ले सकते हैं। हमारे पास प्रतिकूल परिस्थितियों से लड़ने की क्षमता है। इस मौके पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी मौजूद थे। उन्होंने मुंबई को आभूषण एवं हीरों का व्यापार केंद्र बनाने के लिए रत्न तथा आभूषण उद्योग को समर्थन का भरोसा दिलाया।
- मुंबई। शेयर बाजारों में सोमवार को शुरूआत में जोरदार तेजी रही लेकिन कारोबार के दौरान वह कायम नहीं रह पायी। हालांकि सेंसेक्स अंत में 84 अंक की बढ़त के साथ बंद हुआ। वित्त मंत्री निर्मला सीमामण के देश में त्योहरों के दौरान मांग को बढ़ावा देने के लिये की गयी घोषणा का बाजार पर प्रभाव पड़ा। तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स में शुरूआती कारोबार में करीब 400 अंक की तेजी आयी। लेकिन बाद में यह तेजी जाती रही। अंत में यह 84.31 अंक यानी 0.21 प्रतिशत मजबूत होकर 40,593.80 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार, एनएसई निफ्टी 16.75 अंक यानी 0.14 प्रतिशत हल्की तेजी के साथ 11,930.95 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक लाभ में आईटीसी रही। इसमें 2 प्रतिशत से अधिक की तेजी आयी। इसके अलावा जिन अन्य प्रमुख शेयरों में तेजी रही, उनमें इन्फोसिस, एशियन पेंट्स, एचसीएल टेक, मारुति, पावरग्रिड, आईसीअईसीआई बैंक और टीसीएस शामिल हैं। दूसरी तरफ जिन प्रमुख शेयरों में गिरावट दर्ज की गयी, उनमें भारती एयरटेल, ओऐनजीसी, एचडीएफसी बैंक, इंडसइंड बैंक और बजाज ऑटो शामिल हैं। कारोबारियों के अनुसार सूचकांक पूरे दिन सकारात्मक दायरे रहा। लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीमारमण के प्रोत्साहन उपायों की घोषणा के लिये आयोजित संवाददाता सम्मेलन के बाद निवेशक थोड़े सतर्क दिखे।
- नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने देश में उपभोक्ता मांग में लगभग 73 हजार करोड़ रूपये तक की वृद्धि के लिए पांच बड़ी योजनाओं की घोषणा की है।आज नई दिल्ली में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने देश में मांग को बढाने के कुछ नये प्रस्तावों का ब्यौरा दिया। उन्होंने बताया कि नये प्रस्तावों के तहत मांग में वृद्धि के लिए एलटीसी वाउचर और फेस्टिवल एडवांस दिया जाएगा। वित्तमंत्री ने बताया कि केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा पूंजीगत व्यय के लिए अतिरिक्त 37 हजार करोड़ रूपये दिये जायेंगे। उन्होंने बताया कि सरकारी कर्मचारियों को एलटीसी की 2018-21 ब्लॉक अवधि के लिए दस दिन की छुट्टी के बदले नकद भुगतान किया जाएगा और पात्रता के अनुसार यात्रा किराया दिया जाएगा। सीता रामन ने बताया कि इस योजना के लाभार्थी को एलटीसी भुगतान की राशि और यात्रा किराये की तीन गुणा राशि से वस्तुओं और सेवाओं की खरीद के बारे में जीएसटी इनवॉयस देना होगा।वित्तमंत्री ने बताया कि इस नये प्रस्ताव पर केन्द्र सरकार को लगभग पांच हजार 675 करोड़ रूपये खर्च करने होंगे। अगर राज्य सरकारें भी इन प्रस्तावों को इसी प्रकार लागू करती हैं तो 28 हजार करोड़ रूपये की उपभोक्ता मांग का सृजन हो सकता है।वित्तमंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत सरकारी कर्मचारी त्योाहार से पहले दस हजार रूपये ले सकेगा जिस पर ब्याज नहीं लगेगा। उन्होंने बताया कि यदि पचास प्रतिशत राज्य इस योजना को लागू करते हैं तो मांग क्षेत्र में लगभग आठ हजार करोड़ रूपये की वृद्धि की संभावना है। पूंजीगत व्यय के तहत उपयोग के लिए राज्यों को विशेष सहायता के बारे में वित्तमंत्री ने बताया कि विशेष ब्याज मुक्त ऋण का भुगतान पचास वर्ष में करना होगा। इसके लिए 12 हजार करोड़ पये दिए जायेंगे। सहायता योजना के तहत पूर्वोत्तर राज्यों और उत्तरी राज्यों--हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड को दो हजार पांच सौ करोड़ रूपये दिये जायेंगे।
- नई दिल्ली। पेट्रोलियम मंत्रालय ने इंडियन ऑयल कॉर्प (आईओसी) जैसी अन्य सार्वजनिक पेट्रोलियम कंपनियों को प्रवासी मजदूरों को किराये पर देने के लिये 50 हजार घर बनाने को कहा है। कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये लगाये गये लॉकडाउन के मद्देनजर लाखों मजदूरों के शहरों से गांवों की ओर पलायन करने के बाद सरकार की किफायती किराये के आवास विकसित करने की योजना है।इस विषय पर हुई एक बैठक में शामिल तीन अधिकारियों के अनुसार मंत्रालय चाहता है कि आईओसी और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड (एचपीसीएल), भारत पेट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड (बीपीसीएल), गेल इंडिया लिमिटेड और ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्प (ओएनजीसी) जैसे उसके नियंत्रण वाले सार्वजनिक उपक्रम अपने-अपने पास उपलब्ध भूखंडों पर घरों का निर्माण करें। उन्होंने कहा कि बैठक की अध्यक्षता तेल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने की। उन्होंने सार्वजनिक उपक्रमों को जल्द से जल्द आवास इकाइयों के निर्माण की योजना बनाने को कहा है।
- नई दिल्ली। गूगल ने एक बार फिर बड़ा कदम उठाते हुए प्ले स्टोर से 240 से ज्यादा मोबाइल ऐप्स ब्लॉक कर दिए हैं। ये सभी ऐप ऐंड्रॉयड स्मार्टफोन्स पर चलते हैं।ऐसी स्थिति में आप भी यदि ऐंड्रॉयड फोन में ये ऐप इस्तेमाल कर रहे हैं, तो इसे डिलिट कर दें, ताकि स्मार्टफोन के साथ ही आप भी हर तरह से सुरक्षित रह सकें।दरअसल ये ऐप यूजर्स को गैरजरूरी विज्ञापन दिखा रहे थे जो गूगल के नियमों के खिलाफ है। लिहाजा गूगल की सुरक्षा टीम ने बड़ा कदम उठाते हुए इन ऐप्स को ब्लॉक कर दिया है। इनमें ज्यादातर ऐप ग्रुप RAINBOWMIX के हैं जिनमें पुराने गेम्स हैं। एक अनुमान के अनुसार इन ऐप्स के हर दिन के यूजर 1.4 करोड़ पहुंच गई थी। ये ऐप्स 1.5 लोगों तक तरह-तरह के विज्ञापन पहुंचा रहे थे। इन ऐप्स के मोबाइल में रहने से उसकी स्पीड कम हो रही थी और यूजर्स को परेशानी उठानी पड़ती थी।गूगल ने यूजर को अगाह कर दिया है कि वे अपने ऐंड्रॉयड स्मार्टफोन से RAINBOWMIX ग्रुप के ऐप्स जल्द से जल्द डिलीट कर दें। इन खतरनाक ऐप्स की वजह से ही अच्छे और जरूरी मोबाइल ऐप्लिकेशन पर भी इसका प्रभाव पड़ता है।
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नई दिल्ली। खाद्य और पेय क्षेत्र की प्रमुख कंपनी पेप्सिको ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण थोड़े समय के लिए कुछ बाधाएं आ सकती हैं, लेकिन वह भारतीय बाजार के भविष्य को लेकर ‘अत्यधिक आशावादी' है। पोप्सिको इंडिया के अध्यक्ष अहमद अलशेख ने कहा कि कंपनी बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश स्थित अपने नए स्नैक्स संयंत्र में निवेश बढ़ाकर 814 करोड़ रुपये कर रही है। कंपनी भारत में अपने स्नैक्स व्यवसाय को दोगुना करने के लिए प्रतिबद्ध है और पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र स्थित खाद्य संयंत्रों की क्षमता भी बढ़ा रही है। इसके अलावा असम में एक संयंत्र स्थापित करने का प्रस्ताव है। अलशेख ने बताया कि हमने उत्तर प्रदेश में अपने नए ग्रीनफील्ड स्नैक्स संयंत्र में अपना निवेश 500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर लगभग 814 करोड़ रुपये कर दिया है, जिससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 1,500 नौकरी पैदा हुई हैं। उन्होंने कहा कि भारत में खपत बढ़नी तो अभी शुरू हुई है और रिपोर्ट के अनुसार भारत 2025 तक तीसरा सबसे बड़ा खपत बाजार होगा। उन्होंने त्योहारी सीजन में स्नैक्स, जूस और अन्य पेय की मांग बढ़ने की उम्मीद जताई।
- नयी दिल्ली। सरकारी इस्पात कंपनी सेल की योजना चालू वित्त वर्ष में हेड हार्डेन्ड (एचएच) रेल का व्यावसायिक उत्पादन शुरू करने की है। सेल के चेयरमैन अनिल कुमार चौधरी ने इसकी जानकारी दी। एचएच रेल का इस्तेमाल उच्च गति वाले मालवाहक गालियारे और मेट्रो रेल परियोजनाओं की पटरी बिछाने में किया जाता है। ये पटरियां सामान्य पटरियों की तुलना में लगभग 50 प्रतिशत अधिक दबाव सहन करती हैं। सेल ने छत्तीसगढ़ के भिलाई इस्पात संयंत्र (बीएसपी) में नये यूनिवर्सल रेल मिल (यूआरएम) में एचएच रेल के उत्पादन के लिये सुविधाएं स्थापित की हैं। उन्होंने एचएच पटरी के उत्पादन के संबंध में पूछे गये एक सवाल का जवाब देते हुए पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हालांकि, चालू वित्त वर्ष के दौरान कोविड-19 महामारी के कारण संयंत्र को स्थापित करने में देरी हुई है, कंपनी भारतीय रेल की आवश्यकता के अनुसार हेड हार्डेन्ड रेल का व्यावसायिक उत्पादन शुरू करने की योजना बना रही है।'' उन्होंने कहा कि रेलवे उच्च गति और एक्सल लोड को अपना रहा है और हाल ही में उसे आर 260 ग्रेड रेल की आवश्यकता हुई है। सेल के भिलाई इस्पात संयंत्र ने सफलतापूर्वक रेलवे को आर 206 ग्रेड की वैनेडियम मिश्र धातु वाली रेल की आपूर्ति की है। चौधरी ने कहा, ‘‘सेल का रेलवे के साथ एक लंबा रिश्ता है और यह रेलवे के सबसे भरोसेमंद साझेदारों में से एक है। हमने भारतीय रेलवे को इतनी रेल की आपूर्ति की है, जिसे अगर मापा जाये, तो यह पृथ्वी को बारह से अधिक बार लपेट सकता है।
- नयी दिल्ली। कृषि जिंसों के निर्यात ने कोरोना वायरस महामारी के जारी प्रकोप को धता बताते हुए चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 43.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की और 53,626.6 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने शनिवार को इसकी जानकारी दी। यह निर्यात पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 37,397.3 करोड़ रुपये रहा था। सितंबर 2020 में कृषि निर्यात सितंबर 2019 के 5,114 करोड़ रुपये से 81.7 प्रतिशत बढ़कर 9,296 करोड़ रुपये हो गया। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के सरकार के लगातार और ठोस प्रयास परिणाम दिखा रहे हैं, क्योंकि कोविड-19 संकट के बावजूद अप्रैल-सितंबर 2020 की अवधि में आवश्यक कृषि वस्तुओं के निर्यात में 43.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और 53,626.6 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।'' अप्रैल से सितंबर के दौरान मूंगफली के निर्यात में 35 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसी तरह परिष्कृत चीनी में 104 प्रतिशत, गेहूं में 206 प्रतिशत, बासमती चावल में 13 प्रतिशत और गैर-बासमती चावल में 105 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी। इसके अलावा, अप्रैल-सितंबर 2020 के दौरान व्यापार का संतुलन देश के पक्ष में 9,002 करोड़ रुपये रहा, जबकि साल भर पहले की समान अवधि में 2,133 करोड़ रुपये का व्यापार घाटा हुआ था। सरकार ने कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिये कृषि निर्यात नीति 2018 की घोषणा की थी। इसके तहत कृषि उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिये कई प्रावधान किये गये हैं।
- मंगलुरु । एयर इंडिया 12 अक्टूबर से मुंबई-मंगलुरु मार्ग पर सीधी उड़ानें पुन: शुरू करेगी। कंपनी ने एक बयान में इसकी जानकारी दी। कोरोना वायरस महामारी के कारण कई महीने निलंबित रहने के बाद इस मार्ग पर सेवाएं शुरू होने वाली है। कंपनी ने कहा कि वह सप्ताह में चार दिन सोमवार, बुधवार, शुक्रवार और रविवार को उड़ानों का संचालन करेगी। इस मार्ग पर मुंबई से उड़ान सुबह 10 बजकर 15 मिनट पर होगी और दोपहर 12 बजे यहां पहुंचेगी। इसी तरह यहां से वापसी की उड़ान 12 बजकर 40 मिनट की होगी, जो दो बजकर 20 मिनट पर मुंबई में उतरेगी।
- कोलकाता। निर्यातकों द्वारा कंटेनर की कमी का सामना करने के बीच कई व्यापार संगठनों ने केंद्र से नौवहन के क्षेत्र में बढ़ते माल भाड़े पर काबू पाने के लिए एक नियामक की स्थापना करने का आग्रह किया है। भारतीय इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन परिषद (ईईपीसी) ने दावा किया है कि नौवहन क्षेत्र के परिचालक विभिन्न देशों से आवक के लिए अधिक माल भाड़ा मांग रहे हैं। खासतौर से ऐसा चीन से माल लाने के लिए किया जा रहा है।सीआईआई की निर्यात और आयात पर राष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष संजय बुधिया ने कहा, चीन से आयात में कमी आई है और नौवहन कंपनियों ने भाड़े की दरों में वृद्धि की है। कोई भी शिपिंग कंपनी निर्यात खेपों को पहुंचाने के बाद खाली लौटना नहीं पसंद करती है।'' उन्होंने कहा कि देश भर में सभी निर्यातक इस समस्या का सामना कर रहे हैं। बुधिया ने कहा, ‘‘इस स्थिति में माल बंदरगाहों पर पड़ा हुआ है। हमने सरकार से माल ढुलाई की दरों को नियंत्रित करने के लिए एक नौवहन नियामक की स्थापना करने का आग्रह किया है।'' उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संकट के बावजूद निर्यात में तेजी आई है। लगातार छह महीने तक देश के निर्यात में कमी होने के बाद सितंबर में निर्यात 5.27 प्रतिशत बढ़कर 27.4 अरब डॉलर हो गया।
- नई दिल्ली। सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिये वार्षिक जी.एस.टी. रिटर्न भरने की समय-सीमा बढ़ाकर 31 अक्तूबर तक कर दी है। वित्त मंत्रालय ने सभी करदाताओं से विस्तारित तिथि का लाभ उठाने का अनुरोध किया है और अंतिम मिनट की भाग-दौड़ से बचने के लिये जल्द रिटर्न भरने को कहा है। वार्षिक रिटर्न भरना केवल दो करोड़ रुपये से ऊपर के वार्षिक टर्न-ओवर वाले करदाताओं के लिए अनिवार्य है। पांच करोड़ रुपये से अधिक वार्षिक टर्न-ओवर के लिये समाधान विवरण जमा कराना होगा।मंत्रालय ने कहा कि करदाताओं को 2018-19 के वार्षिक जी.एस.टी. रिटर्न में उसी वित्त वर्ष के लेन-देन मूल्य की रिपोर्ट करनी है। मंत्रालय ने कहा कि जो करदाता 2017-18 की आपूर्ति और इनपुट टैक्स के ब्यौरे सहित 2018-19 का जी.एस.टी. रिटर्न - 9 पहले ही भर चुके हैं उनके रिटर्न में अंतर के मामले में कोई प्रतिकूल निर्णय नहीं लिया जाएगा।---
- नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में तेजी के रुख से दिल्ली सर्राफा बाजार में शुक्रवार को सोना और चांदी की कीमत में तेजी दर्ज की गई है। आज लगातार सातवें दिन शेयर बाजार तेजी के साथ बंद हुआ।दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना 236 रुपये की तेजी के साथ 51 हजार 558 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। एचडीएफसी सिक्यॉरिटीज ने यह जानकारी देते हुये कहा कि इससे पिछले दिन के कारोबार मे सोना 51 हजार 322 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। चांदी की कीमत भी 376 रुपये की तेजी के साथ 62 हजार 775 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई जो कीमत पिछले कारोबारी सत्र में 62 हजार 399 रुपये प्रति किलोग्राम रही थी।एचडीएफसी सिक्यॉरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, सोने की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में तेजी के कारण दिल्ली हाजिर बाजार में 24 कैरेट सोने में 236 रुपये की तेजी रही। श्री पटेल ने कहा कि अमेरिकी प्रोत्साहन पैकेज को लेकर अनिश्चितता तथा अमेरिकी अर्थव्यवस्था को लेकर बढ़ी चिंताओं से डॉलर के कमजोर होने के कारण सोना मजबूत हुआ है।इंटरनैशनल मार्केट में सोना में तेजी देखी जा रही है। दिसंबर डिलिवरी वाला सोना इस समय 1.38 फीसदी की तेजी के साथ 1921 डॉलर प्रति आउंस पर ट्रेड कर रहा है। चांदी में भी तेजी देखी जा रही है। दिसंबर डिलिवरी चांदी इस समय 2.73 फीसदी की तेजी के साथ 24.52 डॉलर प्रति आउंस पर कारोबार कर रही है।ट्रेड विशेषज्ञों के अनुसार सोने में गिरावट की एक बड़ी वजह है पिछले 2 महीनों में रुपये में आई मजबूती। अभी रुपये 73-74 रुपये प्रति डॉलर तक मजबूत हो चुका है, जो कुछ महीने पहले 76-77 रुपये प्रति डॉलर तक कमजोर हो गया था। आज अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया आठ पैसे बढ़कर 73.16 रुपये (अस्थायी दर) प्रति डालर पर बंद हुआ। अगर फिर से डॉलर मजबूत होता है तो सोने में लॉन्ग टर्म में फिर से मजबूती देखने को मिलेगी और डॉलर का फिर से मजबूत होना लगभग तय ही है। यानी सोना अगले साल तक 60-70 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है।----
- नई दिल्ली। देश में इस समय कई टेलीकॉम कंपनियां मोबाइल रिचार्ज के लिए बेस्ट प्लान पेश कर रही हैं। कम कीमत में ढेरों बेनिफिट्स वाले ये प्लान काफी लुभावने हंै। 2 सौ रुपए से भी कम के रिचार्ज में ग्राहक को फ्री कॉलिंग से लेकर काफी कुछ मिल रहा है। ये प्लान्स 19 रुपये से शुरू होकर 199 रुपये तक के बीच कीमत वाले हैं। देखें कुछ ऐसे ही बेस्ट प्लान.....एयरटेल- टेलिकॉम ऑपरेटर 200 रुपये से कम में पांच प्लान्स ऑफर कर रहा है और सबसे सस्ता प्लान 19 रुपये से शुरू होता है। सभी प्लान्स की वैलिडिटी अलग-अलग मिलती है। जैसे कि -19 रुपये के प्लान में दो दिन की वैलिडिटी के साथ अनलिमिटेड कॉलिंग और 200 एमबी डेटा भी मिलता है।वहीं 129 रुपये के प्लान में 1 जीबी डेटा और 300 एसएमएस मिलते हैं और यह एयरटेल थैंक्स बेनिफिट्स भी ऑफर करता है। प्लान की वैलिडिटी 28 दिन है। इसके अलावा 149 रुपये के प्लान में 28 दिन की वैलिडिटी वाले इस प्लान में 2 जीबी डेटा और 300 एसएमएस यूजर्स को मिलते हैं। सभी नेटवक्र्स पर फ्री कॉलिंग भी यह प्लान ऑफर करता है। 179 रुपये के प्लान में रोज 2 जीबी डेटा, रोज 100 एसएमएस और एयरटेल थैंक्स बेनिफिट्स हैं। देशभर में अनलिमिटेड फ्री कॉलिंग भी इस प्लान में मिलती है। 199 रुपये के प्लान में अनलिमिटेड कॉलिंग की सुविधा है। साथ ही 1 जीबी डेली डेटा मिलता है और रोज 100 एसएमएस भी इसमें मिलते हैं। यह प्लान 24 दिन की वैलिडिटी के साथ आता है।रिलायंस जियो के प्लान्सजियो यूजर्स 200 रुपये से कम में तीन प्लान्स का लाभ ले सकते हैं। । सबसे सस्ता जियो प्लान 129 रुपये का है। रिलायंस जियो का यह प्लान 28 दिन की वैलिडिटी के साथ आता है और इसमें 1000 मिनट्स नॉन-जियो नेटवक्र्स पर कॉलिंग के लिए मिलते हैं। जियो से जियो पर अनलिमिटेड कॉलिंग के अलावा इसमें 2 जीबी डेटा भी मिलता है। वहीं 149 रुपये में उपभोक्ता जियो से जियो पर अनलिमिटेड कॉलिंग कर सकते हैं। बाकी नेटवक्र्स पर कॉलिंग के लिए 1000 मिनट मिलते हैं। 28 दिन की वैलिडिटी वाले इस प्लान में रोज 1 जीबी डेटा और डेली 100 एसएमएस मिलते हैं।199 रुपये के जियो प्लान में 28 दिन की वैलिडिटी है। साथ ही रोज 1.5 जीबी डेटा मिलता है। रोज 100 एसएमएस के अलावा प्लान में जियो से जियो पर अनलिमिटेड कॉलिंग मिलती है। बाकी नेटवक्र्स पर कॉलिंग के लिए इसमें 1000 मिनट दिए जाते हैं।वोडाफोन आइडिया के प्लान्सवोडाफोन-आइडिया यूजर्स को 200 रुपये से कम कीमत में फ्री कॉलिंग के लिए चार प्लान्स से रिचार्ज करवाने का ऑप्शन मिलता है। ये प्लान्स 19 रुपये से लेकर 199 रुपये तक के हैं। जैसे कि एयरटेल के 19 रुपये के प्लान में 2 दिन की वैलिडिटी के साथ 200 एमबी डेटा मिलता है। इस दौरान यूजर्स अनलिमिटेड फ्री कॉलिंग कर सकते हैं। 129 रुपये के प्लान में 2 जीबी रोजाना मिलता है। इसकी वैलिडिटी 28 दिन है। इस प्लान में 300 एसएमएस और सभी नेटवक्र्स पर अनलिमिटेड कॉलिंग मिलती है। 149 रुपये का यह प्लान ऐप और वेब एक्सक्लूसिव है और इसमें 3 जीबी डेटा के साथ अनलिमिटेड कॉलिंग और 300 एसएमएस 28 दिन की वैलिडिटी के साथ मिलते हैं। 199 रुपये के प्लान में 24 दिन की वैलिडिटी है। इसके साथ रोजाना वन जीबी डेटा मिलता है। इसके अलावा 100 एसएमएस रोज मिलते हैं और यूजर्स फ्री कॉलिंग कर सकते हैं।
- नई दिल्ली। सरकार ने प्याज के निर्यात पर पाबंदी में ढील देते हुए बंगलोर रोज और कृष्णापुरम किस्म के प्याज के निर्यात की अनुमति दी है। इस छूट के साथ कुछ शर्तें भी जोड़ी गयी हैं।प्याज के निर्यात पर 14 सितंबर को पूरी तरह पाबंदी लगा दी गयी थी ताकि घरेलू बाजार में इसकी अपूर्ति बढ़ायी जा सके। विदेश व्यापार महानिदेशालय की एक अधिसूचना में कहा गया है कि 31 मार्च 2021 तक बंगलोर रोज और कृष्णापुरम प्याज के 10 हजार टन तक के निर्यात की अनुमति दी गयी है।अधिसूचना के अनुसार इसका निर्यात केवल चेन्नई बंदरगाह से किया जा सकेगा। कर्नाटक के किसानों ने सरकार से 10 हजार टन बंगलोर रोज किस्म के प्याज के निर्यात की छूट दिए जाने की अपील की थी क्यों कि यह प्याज भारतीय बाजार में नहीं खपता है। इसकी मांग मलेशिया, सिंगापुर, ताईवान और थाईलैंड जैसे दक्षिण पूर्व एशियायी देशों में ज्यादा है। बंगलोर रोज प्याज के निर्यातकों को कर्नाटक सरकार के बागवानी आयुक्त से वस्तु और उसकी मात्रा प्रमाणन का प्रमाणपत्र लेना होगा। इसी प्रकार कृष्णापुरम प्याज के निर्यातकों को आंध्र प्रदेश सरकार से प्रमाणपत्र लेना होगा।




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