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- नयी दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक चिप बनाने वाली कंपनी इंटेल ने देश में अनुसंधान अवसंरचना को बढ़ावा देने के लिए अगले एक साल में डेटा केंद्रित प्रयोगशालाएं स्थापित करने को लेकर 100 विश्वविद्यालयों और इंजीनियरिंग संस्थानों के साथ साझेदारी की योजना बनायी है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। प्रयोगशाला को इंटेल के उन्नति कार्यक्रम के तहत स्थापित किया जाएगा। इसका उद्देश्य सभी स्तरों पर शैक्षणिक संस्थानों के लिए प्रौद्योगिकी अवसंरचना तक पहुंच को व्यापक बनाना है। इंटेल एक ज्ञान और प्रौद्योगिकी भागीदार के रूप में योगदान देगा, जबकि शैक्षणिक संस्थानों को प्रयोगशाला का खर्च वहन करना होगा। इंटेल इंडिया की प्रमुख और इंटेल फाउंड्री सर्विसेज की उपाध्यक्ष निवृति राय ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘शुरुआत में, हम एक वर्ष में 100 प्रयोगशालाएं स्थापित करने की सोच रहे हैं। एक बार जब हम 100 प्रयोगशालाएं पूरी कर लेते हैं, तो हम और बड़े लक्ष्य हासिल करेंगे।
- नयी दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि ।ला के तहत अक्टूबर 2021 से मार्च 2022 के बीच चार चरणों में बांड जारी किए जाएंगे। इस श्रृंखला के तहत मई 2021 से सितंबर 2021 तक छह चरण में बांड जारी किए गए हैं। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 2021-22 सीरीज-8 की सदस्यता अवधि 25 अक्टूबर से 29 अक्टूबर होगी और बांड दो नवंबर को जारी किए जाएंगे। ये बांड बैंकों (छोटे वित्त बैंकों और भुगतान बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल), क्लियरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (सीसीआईएस), नामित डाकघरों और मान्यता प्राप्त शेयर बाजारों (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया और और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) के माध्यम से बेचे जाएंगे। बांड भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा भारत सरकार की ओर से जारी किए जाएंगे।इसके लिए सोने का भाव सदस्यता अवधि से पहले के सप्ताह के अंतिम तीन कार्य दिवसों के लिए भारतीय सर्राफा एवं आभूषण संघ लिमिटेड द्वारा प्रकाशित 999 शुद्धता वाले सोने के बंद भाव के औसत के बराबर होगा। बांड की अवधि आठ वर्ष के लिए होगी और पांचवें वर्ष के बाद बाहर निकलने का विकल्प भी होगा।मंत्रालय ने कहा कि निवेशकों को ऑनलाइन आवेदन तथा डिजिटल तरीके से भुगतान करने पर 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट दी जाएगी और इस योजना में निवेश करने पर ब्याज के रूप में अतिरिक्त प्रतिफल भी मिलेगा। योजना में न्यूनतम एक ग्राम सोने का निवेश किया जा सकता है।
- नयी दिल्ली। टीवीएस मोटर कंपनी ने बृहस्पतिवार को बताया कि सितंबर में समाप्त दूसरी तिमाही में उसका एकीकृत शुद्ध लाभ 29.19 प्रतिशत बढ़कर 234.37 करोड़ रुपये रहा। कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर की अवधि में 181.41 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया था। टीवीएस मोटर कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि उसके परिचालन से होने वाली आय, दूसरी तिमाही में बढ़कर 6,483.42 रुपये हो गयी, जो एक साल पहले की अवधि में 5,254.36 रुपये थी। कंपनी ने 30 सितंबर को समाप्त छमाही में, 219.65 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध लाभ अर्जित किया। उसे वर्ष 2020-21 की समान अवधि में 1.38 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-सितंबर की अवधि में परिचालन से होने वाली आय बढ़कर 11,172.76 करोड़ रुपये हो गयी, जो एक साल पहले की अवधि में 7,194.01 करोड़ रुपये थी।
- मुंबई। विदेशों में डॉलर के मजबूत होने तथा घरेलू शेयर बाजार में कमजोर रुख के बीच अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बृहस्पतिवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले महज एक पैसे की तेजी के साथ 74.87 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। बाजार सूत्रों ने कहा कि विदेशी पूंजी की निकासी, विदेशी बाजारों में डॉलर के मजबूत होने तथा अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल कीमत की मजबूती ने रुपये की तेजी पर अंकुश लगाया। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 74.86 रुपये पर खुला तथा कारोबार के दौरान यह 74.69 से 74.89 रुपये के दायरे में रहा और अंत में पिछले कारोबारी सत्र के बंद भाव के मुकाबले मात्र एक पैसे की तेजी के साथ 74.87 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। बुधवार को रुपया 47 पैसे की तेजी के साथ करीब दो सप्ताह के उच्च स्तर 74.88 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक 336.46 अंक की गिरावट के साथ 60,923.50 अंक पर बंद हुआ। वैश्विक मानक माने जाने वाले, ब्रेंट कच्चा तेल वायदा 1.05 प्रतिशत की गिरावट के साथ 84.92 डॉलर प्रति बैरल रह गया। इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति बताने वाला डॉलर सूचकांक 0.09 प्रतिशत बढ़कर 93.64 हो गया। रिलायंस सिक्योरिटीज के वरिष्ठ शोध विश्लेषक, श्रीराम अय्यर के अनुसार, विदेशी बैंकों द्वारा डॉलर की बिक्री ने मूल्यह्रास को सीमित कर दिया।
- मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक ने कुछ निर्देशों का पालन नहीं करने पर पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) पर एक करोड़ रुपये और वेस्टर्न यूनियन फाइनेंशियल सर्विसेज पर 27.78 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। आरबीआई ने बुधवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि अंतिम अधिकरण प्रमाणपत्र (सीओए) जारी करने के लिए पीपीबीएल के आवेदन की जांच करने पर यह पाया गया कि उसने ऐसी जानकारी प्रस्तुत की थी जो तथ्यात्मक स्थिति को नहीं दर्शाती थी। विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘चूंकि यह भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 की धारा 26 (2) में उल्लिखित प्रावधान के तहत अपराध है, इसलिए पीपीबीएल को एक नोटिस जारी किया गया।'' उसमें कहा गया, ‘‘व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान दी गई लिखित प्रतिक्रियाओं और मौखिक बयानों की समीक्षा करने के बाद रिजर्व बैंक ने तय किया कि उपरोक्त मामले में मौद्रिक जुर्माना लगाया जाना जरूरी है।'' इसके बाद, केंद्रीय बैंक ने एक अक्टूबर को एक आदेश द्वारा पीपीबीएल पर एक करोड़ रुपये का मौद्रिक जुर्माना लगाया। वेस्टर्न यूनियन फाइनेंशियल सर्विसेज के संबंध में, आरबीआई ने कहा कि कंपनी द्वारा 2019 और 2020 के दौरान प्रति लाभार्थी पैसा भेजने (रेमिटेंस) की 30 की सीमा के उल्लंघन की सूचना मिली थी। इस बारे में कंपनी के मौखिक बयानों का विश्लेषण करने के बाद रिजर्व बैंक ने निर्धारित किया कि ... गैर-अनुपालन के लिए मौद्रिक जुर्माना लगाया जाना चाहिए।
- नयी दिल्ली। वैश्विक स्तर पर ऊर्जा संकट के बीच भारत ने अपने सबसे बड़े गैस आपूर्तिकर्ता कतर से 2015 के 50 एलएनजी कार्गो की आपूर्ति अब करने को कहा है। छह साल पहले इसे काफी अधिक महंगा माना गया था। देश की सबसे बड़ी तरलीकृत गैस आयातक पेट्रोनेट एलएनजी ने कतर से 2022 में उन 50 कार्गो की आपूर्ति करने को कहा है, जिसे उसने 2015 में नहीं लिया था। कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अक्षय कुमार सिंह ने सेरा वीक के इंडिया एनर्जी फोरम में अलग से यह जानकारी दी। भारत दीर्घावधि के करार के तहत कतर से सालाना 75 लाख टन या 115 कार्गो एलएनजी का आयात करता है। ये 50 कार्गो इससे अलग हैं। भारत ने 2015 में इन 50 कार्गो की आपूर्ति नहीं ली थी और उसने कतर से दीर्घावधि के अनुबंध के मूल्य के लिए नए सिरे से बातचीत शुरू की थी। कतर ने उस समय इस शर्त के साथ कीमतों के फॉर्मूला में संशोधन की अनुमति दी थी कि भारत उससे सालाना आधार पर 10 लाख टन एलएनजी और खरीदेगा। जहां तक इस कार्गो का सवाल है तो भारत अनुबंध की अवधि तक इसका कभी भी उठाव कर सकता है। यह अनुबंध 2028 में समाप्त होना है। यदि कतर इस आग्रह को पूरा नहीं कर पाता है, तो इस कार्गो की आपूर्ति 2029 में की जा सकती है।-
- नयी दिल्ली। दुनिया के तीसरे सबसे बड़े ऊर्जा उपभोक्ता देश भारत ने बुधवार को आगाह करते हुए कहा कि तेल की ऊंची कीमतें शुरुआती और नाजुक वैश्विक आर्थिक पुनरुद्धार पर प्रतिकूल असर डालेंगी। भारत ने सऊदी अरब और ओपेक (तेल निर्यातक देशों के संगठन) के अन्य सदस्य देशों से सस्ती और भरोसेमंद आपूर्ति की दिशा में काम करने को कहा। साथ ही भारत ने दीर्घकालीन आपूर्ति अनुबंधों का विचार रखा। इससे भरोसेमंद और स्थिर कीमत व्यवस्था सुनिश्चित हो सकेगी। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सेरा वीक के ‘इंडिया एनर्जी फोरम' में कहा कि तेल की मांग और ओपेक और उससे जुड़े सहयोगी देशों (ओपेक प्लस) जैसे उत्पादकों की तरफ से होने वाली आपूर्ति में अंतर है। ऐसे में उत्पादन बढ़ाये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया को कोविड-पूर्व स्तर पर आने के लिये भरोसेमंद, स्थिर और सस्ती कीमत की जरूरत है।'' पेट्रोलियम सचिव तरुण कपूर ने कहा कि भारत जैसे आयातक देश फिलहाल सऊदी अरब और इराक जैसे ओपेक देशों से तेल खरीदने को लेकर अनुबंध करते हैं। इन अनुबंधों से केवल मात्रा को लेकर निश्चितता रहती है। जबकि कीमत डिलिवरी के समय अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रचलित मूल्य के आधार पर तय होती है। उन्होंने कहा, ‘‘गैस के मामले में अनुबंध 25 साल तक की अवधि के लिये होता है और कीमत का निर्धारण तय मानकों पर होता है। तेल के लिये भी दीर्घकालीन अनुबंध के साथ कीमत को लेकर मानक होने चाहिए। यह मानक कोयला या फिर गैस जैसे वैकल्पिक ईंधन की कीमतों के आधार पर हो सकता है।'' सचिव ने कहा कि ओपेक और सहयोगी देशों को इस मौके पर आगे आना चाहिए और ग्राहकों की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिये उत्पादन बढ़ाना चाहिए। इस साल मई से कीमतों में वृद्धि के साथ देशभर में पेट्रोल और डीजल के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गये हैं। पुरी ने कहा, ‘‘अगर ऊर्जा की कीमतें ऊंची बनी रहीं, तो वैश्विक आर्थिक पुनरुद्धार पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। अंतरराष्ट्रीय कीमतों में उतार-चढ़ाव से न केवल भारत बल्कि औद्योगिक देश भी प्रभावित होंगे।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह सबके हित में है कि हम वैश्विक आर्थिक पुनरुद्धार को बनाये रखें। इसीलिए स्थिर और सस्ती ऊर्जा उत्पादक और आयातक देशों दोनों के हित में है।'' मंत्री ने कहा कि ऊर्जा विनाशकारी महामारी के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार के लिये महत्वपूर्ण है। तेल की ऊंची कीमतें आर्थिक पुनरुद्धार की गति को धीमा करेंगी।
- न्यूयॉर्क। बिटकॉइन का मूल्य बुधवार को रिकॉर्ड 66,000 डॉलर के पार पहुंच गया। इससे बाजार काफी रोमांचित है। ऐसा कहा जा रहा है कि वित्तीय प्रतिष्ठानों के बीच बिटकॉइन की स्वीकार्यता बढ़ रही है। बिटकॉइन का मूल्य पूर्वी समय के अनुसार, सुबह 10:52 बजे 7.6 प्रतिशत बढ़कर 66,901.30 डॉलर पर पहुंच गया। गर्मियों में यह 30,000 डॉलर के निचले स्तर पर आ गया था। कॉइनडेस्क के अनुसार, इससे पहले बिटकॉइन का रिकॉर्ड 64,889 डॉलर का था। एक दिन पहले बिटकॉइन से जुड़े एक्सचेंज ट्रेडेड कोष (ईटीएफ) में निवेशकों ने भारी रुचि दिखाई। इससे भी क्रिप्टोकरेंसी को प्रोत्साहन मिला है। ईटीएफ बिटकॉइन में सीधे निवेश नहीं करता। यह बिटकॉइन से जुड़े वायदा बाजार में निवेश करता है। उद्योग का मानना है कि ईटीएफ के जरिये नयी श्रेणी के निवेशक बिटकॉइन से जुड़ रहे हैं।
- नयी दिल्ली ।वोडाफोन आइडिया ने बुधवार को कहा कि उसके निदेशक मंडल ने दूरसंचार क्षेत्र के लिए राहत पैकेज के तहत सरकार द्वारा स्पेक्ट्रम भुगतान पर दी जा रही चार साल की मोहलत का लाभ उठाने को मंजूरी दे दी है। दूरसंचार कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि दूरसंचार विभाग की अधिसूचना में दिए गए अन्य विकल्पों पर निदेशक मंडल द्वारा निर्धारित समयसीमा के भीतर विचार किया जाएगा। वोडाफोन आइडिया ने कहा, हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि कंपनी के निदेशक मंडल ने दूरसंचार विभाग द्वारा कंपनी को जारी 14 अक्टूबर 2021 की अधिसूचना के अनुसार, कंपनी की स्पेक्ट्रम नीलामी की किस्तों को चार साल (अक्टूबर 2021 से सितंबर 2025) की अवधि के लिए स्थगित करने के विकल्प को चुनने को मंजूरी दे दी है।'' दूरसंचार क्षेत्र के लिए हाल ही में घोषित बड़े सुधारों के अनुरूप, सरकार ने पिछले सप्ताह भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और रिलायंस जियो सहित दूरसंचार कंपनियों को पत्र लिखकर 29 अक्टूबर तक यह बताने के लिए कहा था कि क्या वे चार साल के बकाया स्थगन का विकल्प चुनेंगी।
- नयी दिल्ली। उपभोक्ता इलेक्ट्रिकल सामान कंपनी हैवल्स इंडिया लि. का चालू वित्त वर्ष की सितंबर में समाप्त दूसरी तिमाही का एकीकृत शुद्ध लाभ 7.34 प्रतिशत घटकर 302.39 करोड़ रुपये रह गया। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी ने 326.36 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। तिमाही के दौरान कंपनी की परिचालन आय 31.65 प्रतिशत बढ़कर 3,238.04 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो एक साल पहले समान तिमाही में 2,459.49 करोड़ रुपये थी। हैवल्स इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अनिल राय गुप्ता ने नतीजों पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, ‘‘विभिन्न कारोबार क्षेत्र में राजस्व बढ़ने से हम काफी उत्साहित हैं। जिसों के दाम बढ़ने से मार्जिन के मोर्चे पर चुनौती आ रही है। मांग को लेकर हमारा कुल परिदृश्य सकारात्मक है।'' तिमाही के दौरान हैवल्स का कुल खर्च 35.60 प्रतिशत बढ़कर 2,866.54 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 2,113.92 करोड़ रुपये था। हैवल्स ने कहा कि उसके निदेशक मंडल की बुधवार को हुई बैठक में एक रुपये के शेयर पर तीन रुपये प्रति शेयर यानी 300 प्रतिशत का अंतरिम लाभांश देने का फैसला किया गया। बीएसई में बुधवार को हैवल्स का शेयर 1.35 प्रतिशत टूटकर 1,405.35 रुपये पर बंद हुआ।
- नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की आरईसी ने बुधवार को कहा कि उसने सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉरपोरेशन (एसएमबीसी) से 7.5 करोड़ डॉलर (करीब 561 करोड़ रुपये) का सावधि ऋण जुटाया है। इससे राशि का इस्तेमाल भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के बाह्य वाणिज्यिक कर्ज (ईसीबी) दिशानिर्देशों के तहत बिजली क्षेत्र की मान्य परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए किया जाएगा। कंपनी के एक बयान में कहा गया है, ‘‘भारत में किसी भी एनबीएफसी, आरईसी लिमिटेड ने सात अक्टूबर, 2021 को सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉरपोरेशन (एसएमबीसी) की सिंगापुर शाखा से सफलतापूर्वक 7.5 करोड़ डॉलर का पांच साल गारंटी वाला और एक दिन की वित्त दर (एसओएफआर) के सावधि ऋण जुटाया है।
- नयी दिल्ली। पुरानी कारों को खरीदने व बेचने के लिए मंच प्रदान करने वाली ई-कॉमर्स कंपनी कार्स24 इस साल देश में अपने स्वामित्व वाले सात नए वाहन नवीनीकरण (रिफर्बिशमेंट) केंद्र स्थापित करेगी। कंपनी ने बुधवार एक बयान में बयान में कहा कि देश के प्रमुख शहरों में इन विशाल नवीनीकरण लैब्स (एमआरएल) को 35 एकड़ भूमि पर स्थापित किया जाएगा, ताकि खरीदारों को उच्च गुणवत्ता वाली पुरानी गाड़ियां उपलब्ध कराई जा सकें। कंपनी ने कहा कि ये नवीनीकरण केंद्र दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, बेंगलुरु, अहमदाबाद, चेन्नई, हैदराबाद और पुणे में स्थापित किये जाएंगे, जो हर महीने बीस हजार कारों को ‘रिफर्बिश' करेंगे। कंपनी ने कहा कि इन केंद्रों से वाहन क्षेत्र के 1,500 विशेषज्ञों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। वही अक्टूबर, 2021 से शुरू पहले चरण में दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, अहमदाबाद और चेन्नई में स्थित केंद्रों को आवश्यकता अनुसार शुरू किया जाएगा। कार्स24 की कारोबार इकाई कार्स इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) कुणाल मुंदड़ा ने कहा, ‘‘कार्स24 पिछले कई वर्षों में तेजी से बढ़ रही है और हम और भी ग्राहकों के लिए अधिक कारों की एक पूरी नयी श्रृंखला लाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। इसी कड़ी में हमने यह देखा कि वाहन खरीदारों के लिए पुरानी कारों की गुणवत्ता बहुत महत्वपूर्ण है।'' वर्ष 2015 में स्थापित कार्स24 ग्राहकों को प्रौद्योगिकी के जरिये अपने वाहनों को बेचने व खरीदने के लिए एक मंच प्रदान करती है।
- नयी दिल्ली। टाटा हेल्थ ने मंगलवार को कहा कि उसका डिजिटल स्वास्थ्य मंच अब देश भर में चिकित्सकों के साथ ऑनलाइन परामर्श के लिए उपलब्ध है। टाटा हेल्थ टाटा समूह की एक डिजिटल स्वास्थ्य शाखा है, जो अभी तक सिर्फ बेंगलुरु में सेवाएं दे रही थी। टाटा हेल्थ चिकित्सकों और विशेषज्ञों के एक विस्तृत नेटवर्क के जरिए तत्काल परामर्श सेवा देती है, जिससे बिना किसी अपॉइंटमेंट के तत्काल चिकित्सा सलाह पाई जा सकती है। कंपनी के पास 15 से अधिक विशिष्टताओं वाले विशेषज्ञों का एक नेटवर्क है, जो हर दिन 24 घंटे उपलब्ध हैं।
- नई दिल्ली। स्वदेशी कार निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स इलेक्ट्रिक वीकल सेगमेंट में अपना निवेश बढ़ा रही है और अब इलेक्ट्रिक वीकल्ज कंपनी के प्रॉडक्ट पोर्टफोलियो का अहम हिस्सा हैं। टाटा नेक्सॉन ईवी की देश में औसत बिक्री लगभग 500 यूनिट्स प्रति महीना है। इसके अलावा कंपनी टाटा अल्ट्रॉज ईवी का प्रोटोटाइप ऑटो एक्सपो 2020 में पेश कर चुकी है। टाटा अपने नई मॉडल्स को ईवी पावरट्रेन को ध्यान में रखकर डिजाइन कर रहा है जिससे डीजल या पेट्रोल मॉडल्स को ईवी के रूप में भी पेश किया जा सके।कंपनी ने बीते सोमवार अपनी माइक्रो एसयूवी टाटा पंच लॉन्च की है। इस कार को इंडिया में काफी शानदार रिस्पॉन्स मिल रहा है। कुछ वक्त पहले ऐसी रिपोट्र्स आईं थीं कि कंपनी इस कार इलेक्ट्रिक वीकल के तौर पर भी बाजार में उतार सकती है और अब यह कम्फर्म हो गया है कि टाटा पंच को कंपनी पेट्रोल इंजन के बाद इलेक्ट्रिक मोटर के साथ भी लाएगी। हालांकि इसके लिए आपको इंतजार करना पड़ेगा क्योंकि टाटा पंच ईवी अभी कॉन्सेप्ट फेज में हैं।कंपनी ने बीते सोमवार को यह कार लॉन्च की है और इसे 1.2 लीटर रिवोट्रान इंजन के साथ मार्केट में उतारा गया है। यह इंजन 86 पीएस पावर और 113 एनएम पीक टॉर्क जेनेरेट करता है। यह कार फिलहाल 5 स्पीड मैन्युअल और 5 स्पीड एएमटी का विकल्प देती है। टाटा पंच माइक्रो एसयूवी भारतीय बाजार में चार वैरिएंट्स में लॉन्च की गई है।टाटा पंच को भारत में 5.49 लाख रुपये की शुरुआती कीमत में लॉन्च किया गया है, जो कि इसके प्योर ट्रिम लेवल वेरिएंट की कीमत है। इसके एडवेंचर ट्रिम लेवल की कीमत 6.39 लाख रुपये, एकॉप्लिस्ड ट्रिम लेवल की कीमत 7.29 लाख रुपये है और क्रिएटिव ट्रिम खरीदने के लिए आपको 8.49 लाख रुपये देने होंगे। टॉप मॉडल टाटा पंच क्रिएटिव ऑटोमेटिक वेरियंट की कीमत 9.09 लाख रुपये है।टाटा मोटर्स पहले से अपनी इलेक्ट्रिक रेन्ज को आगे बढ़ाने की तैयारी कर रही है और हाल में कंपनी ने सबसे किफायती इलेक्ट्रिक कार टाटा टिगोर ईवी बाज़ार में लॉन्च की है। कंपनी टिगोर से भी सस्ती इलेक्ट्रिक कार लॉन्च करने का प्लान बना रही है तो इस लिहाज से टाटा पंच एक अच्छा ऑप्शन है।----
- नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोमवार को सोना 37 रुपये की मामूली तेजी के साथ 46 हजार 306 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोना 46 हजार 269 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। चांदी की कीमत भी 323 रुपये के उछाल के साथ 62 हजार 328 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई। पिछले कारोबारी सत्र में यह 62 हजार 005 रुपये प्रति किलो के भाव पर बंद हुई थी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना मामूली गिरावट के साथ 1,766 डॉलर प्रति औंस रह गया जबकि चांदी 23.36 डॉलर प्रति औंस पर लगभग अपरिवर्तित रही।सोने की कीमतों में भले ही आज मामूली तेजी देखी जा रही है, लेकिन लंबी अवधि में सोना करीब 10 हजार रुपये सस्ता हो चुका है। पिछले साल अगस्त में सोना 56,200 रुपये के अपने उच्चतम स्तर तक जा पहुंचा था और अभी सोना 46,306 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर के करीब पहुंच गया है। इस तरह सोने की कीमत अब तक करीब 10 हजार रुपये गिर चुकी है। अगर आप सोना खरीदने की सोच रहे हैं तो ये खरीदारी का अच्छा मौका है।
- नयी दिल्ली। देश में वाहन ईंधन के दाम पिछले 15 माह में 35 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं। इससे वाहन के परिचालन की कुल लागत में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में खरीदारों के बीच अब अधिक ईंधन दक्षता (अधिक एवरेज) और रखरखाव की कम लागत वाले वाहनों की मांग बढ़ेगी। एचएसबीसी ग्लोबल रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया है कि विशेषरूप से 10 लाख रुपये से कम की श्रेणी में ऐसे वाहनों की मांग बढ़ेगी, जिनके परिचालन, रखरखाव की लागत कम होगी। रिपोर्ट कहती है, ‘‘पिछले 15 माह में ईंधन के दाम 35 प्रतिशत बढ़ गए हैं। ऐसे में वाहन रखने और चलाने की लागत बढ़ रही है। हमने जो बातचीत की है उससे पता चलता है कि उपभोक्ता ईंधन कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर चिंतित हैं।'' रिपोर्ट में मारुति सुजुकी की स्विफ्ट के पेट्रोल मॉडल का उदाहरण देते हुए कहा गया है कि इस कॉम्पैक्ट वाहन की मियाद अवधि तक इसकी लागत में ईंधन का हिस्सा 40 प्रतिशत बैठेगा। 2020 के मध्य तक यह 30 प्रतिशत था। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘मौजूदा परिदृश्य में खरीदारों के बीच ऊंची ईंधन दक्षता तथा रखरखाव की कम लागत वाले वाहनों का आकर्षण बढ़ेगा। विशेषरूप से 10 लाख रुपये से कम कीमत वाली वाहन श्रेणी में यह स्थिति बनेगी।'' एचएसबीसी ग्लोबल रिसर्च ने कहा, हमारे विश्लेषण से पता चलता है कि ईंधन दक्षता से लेकर स्वामित्व की कुल लागत (सीओओ) दोनों में मारुति बाजार में शीर्ष पर बनी हुई है।
- नयी दिल्ली। एचडीएफसी बैंक का एकीकृत शुद्ध लाभ सितंबर, 2021 में समाप्त चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 18 प्रतिशत बढ़कर 9,096 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। देश के निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक ने इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 7,703 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध लाभ कमाया था। बैंक ने शनिवार को बयान में कहा कि तिमाही के दौरान उसकी कुल एकीकृत आय बढ़कर 41,436.36 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 38,438.47 करोड़ रुपये थी। एकल आधार पर कराधान के लिए 3,048.3 करोड़ रुपये के बाद बैंक ने 8,834.3 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया है। यह इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही से 17.6 प्रतिशत अधिक है। एकल आधार पर एक साल पहले समान तिमाही में बैंक का शुद्ध लाभ 7,513.1 करोड़ रुपये रहा था। बयान में कहा गया है कि दूसरी तिमाही में बैंक की एकल आय बढ़कर 38,754.16 करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले समान तिमाही में 36,069.42 करोड़ रुपये थी।
- नयी दिल्ली। वाहन ईंधन कीमतों में शनिवार को फिर बढ़ोतरी हुई। पेट्रोल और डीजल दोनों के दाम 35-35 पैसे प्रति लीटर और बढ़ाए गए हैं। इससे देशभर में वाहन ईंधन के खुदरा दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए हैं। इस बढ़ोतरी के साथ सभी राज्यों की राजधानियों में पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर के पार निकल गया है। वहीं करीब एक दर्जन राज्यों में डीजल शतक को पार कर गया है। गोवा और बेंगलुरु में डीजल अब 100 रुपये प्रति लीटर के पास पहुंच गया है। सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलयम विपणन कंपनियों द्वारा जारी मूल्य अधिसूचना के अनुसार, पेट्रोल और डीजल दोनों की कीमतों में 35 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की गई है। दिल्ली में अब पेट्रोल 105.49 रुपये प्रति लीटर के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया है।मुंबई में यह अब 111.43 रुपये प्रति लीटर हो गया है। मुंबई में डीजल 102.15 रुपये प्रति लीटर और दिल्ली में 94.22 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है। यह लगातार तीसरा दिन है जबकि पेट्रोल और डीजल के दाम 35-35 पैसे लीटर बढ़ाए गए हैं। 12 और 13 अक्टूबर को वाहन ईंधन कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ था। सितंबर के आखिरी सप्ताह में वाहन ईंधन कीमतों में तीन सप्ताह के बाद संशोधन का सिलसिला फिर शुरू हुआ था। उसके बाद से यह पेट्रोल में 15वीं वृद्धि है। वहीं इस दौरान डीजल के दाम 18 बार बढ़ाए गए हैं। देश के ज्यादातर हिस्सों में पेट्रोल पहले ही 100 रुपये प्रति लीटर के आंकड़े को पार कर चुका है। वहीं करीब एक दर्जन राज्यों और संघ शासित प्रदेशों....मध्य प्रदेश, राजस्थान, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार, केरल, कर्नाटक और लद्दाख में डीजल शतक को पार कर चुका है। पणजी में अब डीजल 99.56 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है। वहीं बेंगलुरु में इसके दाम 99.97 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गए हैं। स्थानीय करों की वजह से विभिन्न राज्यों में वाहन ईंधन के दामों में अंतर होता है।
- नई दिल्ली। बीएमडब्ल्यू मोटरराड ने भारतीय बाजार में अपने नए सी 400 जीटी (सी 400 जीटी) प्रीमियम मैक्सी-स्कूटर को लॉन्च करने का एलान किया है। सी 400 जीटी मैक्सी-स्कूटर की शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत 9.95 लाख रुपये तय की गई है। इस तरह से फिलहाल यह भारत का सबसे महंगा स्कूटर बन गया है।कंपनी ने बीएमडब्ल्यू मोटरराड इंडिया की सभी डीलरशिप पर नए स्कूटर की बुकिंग शुरू कर दी है। बीएमडब्ल्यू का नया सी 400 जीटी प्रीमियम मिड-साइज स्कूटर भारतीय बाजार में पूरी तरह से बिल्ट-अप यूनिट (सीबीयू) के रूप में उपलब्ध होगा। ऑल-न्यू सी 400 जीटी स्कूटर दो कलर ऑप्शन में उपलब्ध है। इसमें एल्पाइन व्हाइट और स्टाइल ट्रिपल ब्लैक कलर शामिल हैं।ऑल-न्यू बीएमडब्ल्यू सी 400 जीटी में एक नया 350 सीसी वाटर-कूल्ड सिंगल-सिलेंडर 4-स्ट्रोक इंजन मिलता है। यह इंजन 7500 आरपीएम पर 34 एचपी (25 किलोवाट) का पीक आउटपुट और 5750 आरपीएम पर 35 एनएम का अधिकतम टॉर्क जेनरेट करता है। यह स्कूटर सिर्फ 9.5 सेकंड में 0 से 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकता है। इस स्कूटर की टॉप स्पीड 139 किमी प्रति घंटा है।सी 400 जीटी स्कूटर में कई शानदार फीचर्स दिए गए हैं। यह स्कूटर 6.5-इंच के फुल-कलर टीएफटी स्क्रीन और मल्टीफंक्शनल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर के साथ आता है। बीएमडब्ल्यू मोटरराड मल्टी-कंट्रोलर, वाहन चालक को वाहन और कनेक्टिविटी फंक्शन तक तुरंत एक्सेस देता है। स्कूटर बीएमडब्ल्यू मोटरराड कनेक्टिविटी एप के साथ आता है। स्कूटर के कुछ अन्य प्रमुख फीचर्स की बात करें तो इसमें ऑटोमैटिक स्टैबिलिटी कंट्रोल (एएससी), ऑप्टिमाइज्ड लाइटिंग के साथ सीट स्टोरेज कंपार्टमेंट और यूएसबी चार्जिंग सॉकेट शामिल हैं।बीएमडब्ल्यू ग्रुप इंडिया के अध्यक्ष विक्रम पावाह ने कहा, "ऑल-न्यू सी 400 जीटी की लॉन्च भारत में शहरी मोबिलिटी सेगमेंट में एक नए युग की शुरुआत करता है। इस प्रगतिशील और फुर्तीले मिड-साइज स्कूटर को शहर और लंबे टूरिंग गंतव्यों तक आसानी से पहुंचने के लिए डिजाइन किया गया है। चाहे शहर में सवारी कर रहे हों, दफ्तर जाना हो या वीकेंड टूर का आनंद ले रहे हों- नई बीएमडब्ल्यू सी 400 जीटी पूरी तरह से सवारी का आनंद लेने के लिए एकदम सही साथी है। न सिर्फ अकेले बल्कि एक अन्य पैसेंजर के साथ भी।
- नयी दिल्ली। दूध एवं दूध के बने उत्पादों के कारोबार से जुड़ी कंपनी मदर डेयरी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वित्त वर्ष 2022-23 तक 700 उपभोक्ता विक्रय केंद्र खोलेगी। यह विक्रय केंद्र मुख्य रूप से ‘कियोस्क' और ‘फ्रेंचाइजी' दुकान के रूप में होगा। कंपनी ने गुरुवार को एक बयान में यह जानकारी दी। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की पूर्ण अनुषंगी मदर डेयरी फ्रूट एंड वेजिटेबल प्राइवेट लि. ने कहा, ‘‘कंपनी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अपने ग्राहक विक्रय केंद्र को मजबूत करेगी। इसके तहत 2022-23 तक 700 उपभोक्ता विक्रय केंद्र खोले जाएंगे जो मुख्य रूप से कियोस्क और फ्रेंचाइजी दुकान के रूप में होगा।'' मदर डेयरी के फिलहाल 1,800 उपभोक्ता विक्रय केंद्र हैं। इसमें उसकी दूध बेचे जाने वाली छोटी दुकानें शामिल हैं। बयान के अनुसार, ‘‘मदर डेयरी वित्त वर्ष 2022-23 तक अपने विक्रय केंद्रों की संख्या 2,500 के पार पहुंचाने की दिशा में काम कर रही है। इस पहल का मकसद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को और मजबूत करना तथा ग्राहकों तक गुणवत्तापूर्ण उत्पाद की पहुंच को सुगम बनाना है।'' कंपनी ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में एक दिन में 15 कियोस्क खोले।मदर डेयरी के प्रबंध निदेशक मनीष बंदलिश ने कंपनी की विस्तार योजना को लेकर कहा, ‘‘मदर डेयरी उपभोक्ताओं की रोजाना की जरूरतों को पूरा करती है... उपभोक्ताओं को सेवाएं प्रदान करने के साथ-साथ दूरदराज के किसानों को सीधे बाज़ार के साथ जोड़ने की प्रतिबद्धता के तहत हम अपनी बिक्री के नेटवर्क को मजबूत कर रहे हैं।'' कंपनी ‘मदर डेयरी' ब्रांड के तहत दूध, आइसक्रीम, पनीर एवं घी जैसे दूध के बने उत्पादों आदि का विनिर्माण, विपणन और बिक्री करती है। साथ ही वह ‘धारा' ब्रांड के तहत खाद्य तेल भी बेचती है। इसके अलावा ‘सफल' ब्रांड के तहत वह ताजे फल एवं सब्जियों, फ्रोजन सब्जियों एवं दाल आदि की बिक्री करती है।
- नयी दिल्ली। भारतीय बैंक संघ (आईबीए) ने गुरुवार को यूको बैंक के प्रबंध निदेशक ए के गोयल को संघ का नया चैयरमैन चुना। गोयल ने यूनियन बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी राजकिरण राय जी की जगह आईबीए प्रमुख के रूप में यह पदभार संभाला है। आईबीए ने एक बयान में कहा कि प्रबंध समिति ने 14 अक्टूबर को हुई अपनी बैठक में 2021-22 के लिए नये अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों का चयन किया। पिछले महीने बैंक बोर्ड ब्यूरो ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के प्रबंध निदेशक पद के लिए गोयल के नाम की सिफारिश की है। वह प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (एसीसी) से मंजूरी के बाद पीएनबी के प्रबंध निदेशक का पदभार ग्रहण करेंगे। बैंक संघ ने इसके अलावा स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष दिनेश कुमार खारा, केनरा बैंक के प्रबंध निदेशक एल वी प्रभाकर और आईडीबीआई बैंक के प्रबंध निदेशक राकेश शर्मा को डिप्टी चेयरमैन के लिये चुना है। साथ ही माशरेकबैंक पीएससी के क्षेत्रीय प्रमुख माधव नायर को मानद सचिव बनाया गया है।
- नयी दिल्ली। हीरो मोटरस्पोर्ट्स टीम ने मोरक्को रैली में अपना अभियान ओवरऑल रैंकिंग में शीर्ष 10 में रहकर समाप्त किया। प्रोलोग चरण जीतने वाले जोकिम रोड्रिग्स को ओवरऑल रैंकिंग में आठवां स्थान मिला। फ्रांको कैमी को रैली के दौरान दो बार शीर्ष पांच में रहे। लेकिन उन्हें शुरूआती चरण में तकनीकी परेशानियों का खामियाजा भुगतना पड़ा और वह ओवरऑल 13वें स्थान पर रहे। मोरक्को रैली के दौरान प्रतिस्पर्धियों द्वारा 1500 किमी की दूरी तय की गयी।अब टीमें दो जनवरी से शुरू होने वाली डकार रैली के 44वें चरण की तैयारी में जुट जायेंगी।
- नयी दिल्ली। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बृहस्पतिवार को एक बार फिर 35 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई, जिससे देश भर के पंपों पर इनकी खुदरा कीमतें अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक दिल्ली में पेट्रोल की कीमत अपने उच्चतम स्तर 104.79 रुपये प्रति लीटर और मुंबई में 110.75 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गई। इसी तरह मुंबई में डीजल अब 101.40 रुपये प्रति लीटर और दिल्ली में 93.52 रुपये प्रति लीटर के भाव पर मिल रहा है। पिछले दो सप्ताह में यह 13वीं बार है, जब पेट्रोल के दाम बढ़े हैं, जबकि डीजल तीन हफ्तों में 16 बार महंगा हो चुका है, हालांकि 12 और 13 अक्टूबर को दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ था। देश के ज्यादातर हिस्सों में पेट्रोल की कीमत पहले ही 100 रुपये प्रति लीटर से ऊपर है, जबकि मध्य प्रदेश, राजस्थान, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार, केरल और कर्नाटक सहित कई राज्यों में डीजल भी 100 रुपये प्रति लीटर के स्तर को पार कर गया है। स्थानीय करों और मालभाड़े के आधार पर पेट्रोल-डीजल की कीमतें विभिन्न राज्यों में अलग-अलग होती हैं।इसबीच अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड सात साल में पहली बार 84 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गया है।
- नयी दिल्ली। खाद्य वस्तुओं के दाम में नरमी के चलते थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति सितंबर में घटकर 10.66 प्रतिशत पर आ गई, हालांकि इस दौरान कच्चे तेल में तेजी देखी गई। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति लगातार छठे महीने दहाई अंक में रही, हालांकि यह सितंबर 2021 में पिछले छह महीने में सबसे कम है। अगस्त में यह 11.39 फीसदी थी, जबकि सितंबर 2020 में महंगाई 1.32 फीसदी थी। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘पिछले वर्ष के इसी महीने के मुकाबले सितंबर 2021 में मुद्रास्फीति की उच्च दर मुख्य रूप से खनिज तेलों, मूल धातुओं, गैर-खाद्य वस्तुओं, खाद्य उत्पादों, कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस, रसायनों और रासायनिक उत्पादों आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण है।'' खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति में लगातार पांचवें महीने कमी हुई। इस दौरान सब्जियां सस्ती हुईं, हालांकि दलहन में तेज बनी रहीं। ईंधन और बिजली की मुद्रास्फीति सितंबर में 24.91 प्रतिशत थी, जो इससे पिछले महीने 26.09 प्रतिशत थी।कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की कीमतों में सितंबर में 43.92 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो इससे पिछले महीने में 40.03 प्रतिशत थी। विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति इस दौरान 11.41 प्रतिशत रही।इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि अगस्त 2021 की तुलना में सितंबर 2021 में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति में क्रमिक गिरावट खाद्य पदार्थों की कीमतों में हुई भारी कमी के चलते है, जबकि कम आधार प्रभाव के चलते ईंधन और बिजली के लिए मुद्रास्फीति में कमी आई। नायर ने कहा, ‘‘चार महीनों से लगातार नरमी के बाद हम अक्टूबर 2021 में डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति में वृद्धि और चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में इसके दहाई अंक में रहने की उम्मीद करते हैं। वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में इसमें फिर थोड़ी नरमी आएगी, लेकिन फिर भी इसके लगभग 10 प्रतिशत के करीब रहने का अनुमान है।'' उन्होंने कहा कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति के सदस्य (एमपीसी) ऐसे समय में वृद्धि का पक्ष नहीं छोड़ते हैं, जब मुद्रास्फीति वैश्विक आपूर्ति-पक्ष के मुद्दों के चलते हो। उन्होंने कहा कि उदार मौद्रिक नीति रुख में बदलाव तभी शुरू होगा, जब मांग पक्ष का दबाव मुद्रास्फीति पर हावी होने लगेगा। आरबीआई ने पिछले सप्ताह अपनी मौद्रिक नीति में ब्याज दरों को रिकॉर्ड निचले स्तर पर बरकरार रखा था।
- नयी दिल्ली। केंद्र ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने पोषक तत्व आधारित सब्सिडी के तहत पहली बार शीरे (पीडीएम) से निकाले गये पोटाश के लिए सब्सिडी तय की है। सरकार की इस पहल से खनिज आधारित पोटाश पर देश की निर्भरता कम होने की उम्मीद की जा रही है। सरकार किसानों को उर्वरक कंपनियों द्वारा 600-800 रुपये में बेचे जाने वाले पीडीएम के 50 किलोग्राम बैग पर 73 रुपये की सब्सिडी देगी। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने अपनी हालिया बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। उर्वरक मंत्रालय के अनुसार, ‘‘उम्मीद है कि केंद्र सरकार पीडीएम पर सब्सिडी के रूप में सालाना 156 करोड़ रुपये (लगभग) खर्च करेगी और 562 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत करेगी।'' यह चीनी मिलों को उपोत्पाद 'शीरा' बनाने के लिए प्रेरित करेगा, जिससे पोटाश प्राप्त किया जा सकता है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इससे मिलों के राजस्व और गन्ना उत्पादकों की आय में वृद्धि होगी। बयान में कहा गया है, इसके अलावा, इससे 42 लाख टन से अधिक खनिज आधारित म्यूरेट ऑफ पोटाश (एमओपी) के आयात पर भारत की निर्भरता कम होने की उम्मीद है, जिसकी लागत सालाना लगभग 7,160 करोड़ रुपये है। पिछले साल तक, सरकार मिट्टी के पोषक तत्वों जैसे नाइट्रोजन (एन), फॉस्फेट (पी), पोटाश (के) और सल्फर (एस) वाले उर्वरकों की 22 किस्मों के लिए पोषण तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) योजना के तहत सब्सिडी तय कर रही थी। हालांकि, इस साल मई में दो जटिल उर्वरकों को एनबीएस के तहत शामिल किया गया था।सरकार ने चालू वित्त वर्ष के एक अक्टूबर से 31 मार्च तक फॉस्फेटिक (पी) और पोटासिक (के) उर्वरक की सब्सिडी को बढ़ाया है, जबकि डायमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) पर सब्सिडी में 438 रुपये प्रति बैग विशेष एकमुश्त पैकेज के रूप में वृद्धि की गई।