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- मुंबई। आर्थिक गतिविधियों में सुधार, दूध और दुग्ध उत्पादों की प्रति व्यक्ति खपत में वृद्धि तथा बढ़ते शहरीकरण की वजह से आहार संबंधी प्राथमिकताओं में बदलाव आने के कारण वर्ष 2021-22 में डेयरी उद्योग के 9-11 प्रतिशत की दर से में बढ़ने की उम्मीद है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। इक्रा ने एक रिपोर्ट में कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 में उद्योग में मांग 9-11 प्रतिशत बढ़ेगी। इक्रा ने लंबी अवधि में डेयरी उद्योग के लिए एक स्थिर दृष्टिकोण बनाए रखा गया है। आर्थिक गतिविधियों के फिर से बढ़ने, दूध और दुग्ध उत्पादों की प्रति व्यक्ति खपत में वृद्धि, बढ़ते शहरीकरण के कारण आहार वरीयताओं में बदलाव और डेयरी उद्योग को निरंतर सरकारी समर्थन के कारण मांग बढ़ेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि सामान्य मानसून और कुछ क्षेत्रों में फ्लश सीजन की शुरुआत से वित्त वर्ष 2021-22 में घरेलू दूध उत्पादन में 5-6 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है।
- मुंबई। सितंबर में त्योहारी भर्तियों के बाद खरीद, लॉजिस्टिक्स और आपूर्ति श्रृंखला में पेशेवरों की मांग में गिरावट के कारण अक्टूबर में क्रमिक रूप से नियुक्तियों में तीन प्रतिशत की गिरावट आई। ‘मॉन्स्टर एम्प्लॉयमेंट इंडेक्स' के आंकड़ों से पता चलता है कि सितंबर, 2021 की तुलना में अक्टूबर में नियुक्ति मांग में तीन फीसदी की गिरावट आई है। हालांकि, 2020 के इसी महीने की तुलना में इसमें नौ प्रतिशत वृद्धि दर्ज हुई है।मॉन्स्टर.कॉम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) शेखर गरिसा ने कहा, अक्टूबर में, हमने माह-दर-माह आधार पर नियुक्ति गतिविधियों में तीन प्रतिशत की गिरावट देखी। यह एक वार्षिक प्रवृत्ति है जिसे हम त्योहारी भर्ती में वृद्धि के बाद देखते हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘महामारी के प्रभाव से धराशायी यात्रा और पर्यटन उद्योग को उबरते देखना वास्तव में उत्साहजनक है। हम बढ़ते स्वचालन और कार्यालय की आपूर्ति की मांग में भारी वृद्धि के साथ दफ्तर लौटने का रुझान भी देख रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि इसके अलावा संस्थान प्रवेश स्तर की प्रतिभाओं की तलाश कर रहे हैं क्योंकि अधिक से अधिक संगठन नए लोगों की नियुक्ति करना चाहते हैं।
- नयी दिल्ली। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) और सार्वजनिक क्षेत्र की दो अन्य पेट्रोलियम कंपनियां अगले तीन से पांच साल के दौरान देशभर में करीब 22,000 इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार्जिंग स्टेशन लगाएंगी। इससे भारत के 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी। देश की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी आईओसी के चेयरमैन श्रीकांत वैद्य ने कहा कि हम अगले तीन साल में करीब 10,000 पेट्रोल पंपों पर ईवी चार्जिंग सुविधा स्थापित करेंगे। भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल) ने अगले पांच साल में 7,000 और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (एचपीसीएल ने 5,000 चार्जिंग स्टेशन लगाने की योजना बनाई है। जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (सीओपी-26) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2070 तक भारत के शुद्ध-शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को रेखांकित किया था। इसके अलावा भारत ने 2030 तक कम-कार्बन उत्सर्जन वाली बिजली क्षमता को 50,000 मेगावाट करने का लक्ष्य रखा है। भारत का इसके जरिये अपनी कुल ऊर्जा जरूरत का 50 प्रतिशत पूरा करने का लक्ष्य है। इसके अलावा भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था में कार्बन तीव्रता को भी 45 प्रतिशत तक घटाने का लक्ष्य रखा है। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को कहा कि आईओसी ने अगले साल तक करीब 2,000 चार्जिंग स्टेशन स्थाप़ित करने का लक्ष्य रखा है। वहीं इसी अवधि में बीपीसीएल और एचपीसीएल की 1,000-1,000 चार्जिंग स्टेशन लगाने की योजना है। मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज के बीपी के साथ मोबिलिटी संयुक्त उद्यम ने पिछले महीने महाराष्ट्र में अपना पहला खुदरा आउटलेट शुरू किया है। यहां पर ईवी चार्जिंग और बैटरी अदला-बदली सुविधा भी उपलब्ध होगी। बीपीसीएल के चेयरमैन अरुण कुमार सिंह ने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य 7,000 चार्जिंग स्टेशन खोलने और बढ़ने इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को मदद करने का है। इन स्टेशनों को ‘एनर्जी स्टेशन' के नाम से जाना जाएगा।'' वहीं आईओसी की योजना प्रत्येक 25 किलोमीटर पर 50 किलोवाट का ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाने की है। कंपनी प्रत्येक 100 किलोमीटर पर 100 केडब्ल्यू के हेवी-ड्यूटी चार्जर लगाएगी। वैद्य ने कहा, ‘‘हमारी सभी रिफाइनरियां उत्पादन की दृष्टि से शुद्ध-शून्य उत्सर्जन के लिए कदम उठा रही हैं। हम इसके बारे में जल्द घोषणा करेंगे। पुरी ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ग्लासगो में ‘पंचामृत' घोषणा के तहत 2030 तक अर्थव्यवस्था में कार्बन तीव्रता को 45 प्रतिशत तक घटाने के लक्ष्य के अनुरूप देश की पेट्रोलियम कंपनियों ने मिशन के रूप में 22,000 इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की योजना बनाई है।
- - अग्नि नाम दिया ...जानें क्या है कीमतनयी दिल्ली। घरेलू मोबाइल फोन कंपनी लावा इंटरनेशनल घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 5जी स्मार्टफोन पेश करने वाला पहला भारतीय ब्रांड बन गया है। स्मार्टफोन को 'अग्नि' नामक ब्रांड के तहत लॉन्च किया गया है। स्मार्टफोन भारत में लावा द्वारा विकसित किया गया है और इसका निर्माण उत्तर प्रदेश के नोएडा में स्थित कंपनी के कारखाने में किया जा रहा है।लावा इंटरनेशनल के अध्यक्ष और व्यापार प्रमुख सुनील रैना ने लॉन्च के मौके पर कहा, अग्नि को लॉन्च करने का उद्देश्य भारतीय उपभोक्ताओं को एक भारतीय कंपनी द्वारा भारत में बने 5जी स्मार्टफोन का विकल्प देना है। हम लोगों के सामने यह साबित करना चाहते थे कि एक भारतीय ब्रांड हो सकता है जो प्रौद्योगिकी उन्मुख हो। उन्होंने कहा, हम मीडियाटेक डाइमेंशिटी 810 चिपसेट पर 5 जी स्मार्टफोन लॉन्च करने वाले दुनिया की दूसरी कंपनी है।'' उन्होंने कहा कि अग्नि की कीमत 19 हजार 999 रुपये रखी गई है जो वर्तमान में भारतीय बाजार पर हावी चीनी ब्रांडों की तुलना में कम है।
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जिनेवा/ नयी दिल्ली। भारत का वर्ष 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन स्तर हासिल करने का लक्ष्य अपने साथ 15 लाख करोड़ डॉलर के आर्थिक अवसरों के अलावा पांच करोड़ नए रोजगार पैदा करने की संभावनाएं भी समेटे हुए है। विश्व आर्थिक मंच (डब्लयूईएफ) की सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में भारत के इस सफर की रूपरेखा बताने की कोशिश की गई है। कृषि एवं सेवा क्षेत्रों के मौजूदा वर्चस्व से विनिर्माण एवं एवं हरित अर्थव्यवस्था की तरफ बढ़ने के लिए भारत ने निम्न उत्सर्जक अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य तय किया है। यह रिपोर्ट कहती है कि ‘‘सम्मिलित कार्रवाई से मौजूदा दशक में ही करीब 1,000 अरब डॉलर के अवसर पैदा हो सकते हैं। यह भारत के लिए एक 'ग्रीन न्यू डील' का मौका है।'' इस रिपोर्ट में लोगों की जान बचाने, नए उद्योगों को गति देने, रोजगार पैदा करने और जलवायु परिवर्तन को रोकने में भारत का योगदान बढ़ाने का उल्लेख किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत दिनों ग्लासगो में आयोजित जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन में वैश्विक तापन को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने की दिशा में भारत का 'पंचामृत संकल्प' जताया था। डब्ल्यूईएफ के उप-प्रमुख (भारत एवं दक्षिण एशिया) श्रीराम गुट्टा ने कहा, ‘‘शुद्ध शून्य उत्सर्जन एवं हरित अर्थव्यवस्था की तरफ कदम बढ़ाने के साथ भारत अपने नागरिकों के लिए प्रगति एवं ऊर्जा सुरक्षा किस तरह मुहैया कराता है, इससे जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक जंग में हमारी सामूहिक सफलता परिभाषित होगी। -
नयी दिल्ली। महामारी प्रभावित वित्त वर्ष 2020-21 में कोका-कोला इंडिया का शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 28.4 प्रतिशत घटकर 443.38 करोड़ रुपये रह गया और परिचालन से उसका राजस्व 16.2 प्रतिशत घटकर 2,297.51 करोड़ रुपये पर आ गया। कंपनी ने वित्त वर्ष 2020 में 619.14 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था, जबकि उस वर्ष परिचालन से इसका राजस्व 2,741.54 करोड़ रुपये था। बाजार आसूचना कंपनी टॉफलर ने कंपनी पंजीयक के पास जमा कराई गई सूचना को साझा करते हुए कहा है कि कोका-कोला इंडिया की कुल आय भी मार्च, 2021 को समाप्त वित्त वर्ष में 16.2 प्रतिशत घटकर 2,355.10 करोड़ रुपये रह गई, जो कि पिछले वित्त वर्ष में 2,811.99 करोड़ रुपये थी ।
वित्त वर्ष 2020-21 में कोका-कोला इंडिया की अन्य आय भी 18.2 प्रतिशत घटकर 57.59 करोड़ रुपये रह गई, जो एक साल पहले 70.44 करोड़ रुपये थी। - मुंबई। एचडीएफसी, इन्फोसिस और कोटक बैंक के शेयरों में तेजी से सोमवार को सेंसेक्स 478 अंक की छलांग लगा गया। हालांकि, वैश्विक बाजारों का रुख नकारात्मक था। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में 477.99 अंक या 0.80 प्रतिशत की बढ़त के साथ 60,545.61 अंक पर पहुंच गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 151.75 अंक या 0.85 प्रतिशत के लाभ से 18,068.55 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स की कंपनियों में टाइटन का शेयर सबसे अधिक चार प्रतिशत से ज्यादा चढ़ गया। अल्ट्राटेक सीमेंट, बजाज फिनसर्व, टेक महिंद्रा, कोटक बैंक और एचडीएफसी के शेयर भी लाभ में रहे। वहीं दूसरी ओर इंडसइंड बैंक का शेयर सबसे अधिक 10 प्रतिशत से ज्यादा टूट गया। बैंक ने इस बात को स्वीकार किया है कि तकनीकी गड़बड़ी की वजह से उसने मई में ग्राहकों की सहमति के बिना 84,000 ऋण वितरित किए। महिंद्रा एंड महिंद्रा, एसबीआई, मारुति, एशियन पेंट्स तथा टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के शेयर भी नुकसान में रहे। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘सुस्त शुरुआत के बावजूद घरेलू बाजार नुकसान से उबर गए। ईंधन पर कर में कटौती, पीएमआई आंकड़ों में सुधार तथा त्योहारी बिक्री के ऊंचे आंकड़ों से बाजार की धारणा सुधरी है।'' उन्होंने कहा कि इसके अलावा फेडरल रिजर्व की नीतिगत घोषणा बाजार की उम्मीदों के अनुकूल है। अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने प्रोत्साहनों को धीरे-धीरे वापस लेने का संकेत दिया है। निवेशक अमेरिका के उपभोक्ता आंकड़ों से पहले कुछ सतर्क हैं। ये आंकड़ें इसी सप्ताह आने हैं। आनंद राठी के इक्विटी शोध (बुनियादी) प्रमुख नरेंद्र सोलंकी ने कहा, ‘‘लंबी छुट्टियों के बाद भारतीय बाजार मिलेजुले रुख के साथ खुले। एशियाई बाजारों में भी मिलाजुला रुख था।'' उन्होंने कहा कि दोपहर के कारोबार में बाजार शुरुआती नुकसान से उबर गए और लाभ में पहुंच गए। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप 1.20 प्रतिशत तक चढ़ गए। अन्य एशियाई बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग, जापान का निक्की और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी नुकसान में रहे। चीन का शंघाई लाभ में रहा। दोपहर के कारोबार में यूरोपीय बाजार नुकसान में थे।इस बीच, अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट कच्चा तेल 1.15 प्रतिशत की बढ़त के साथ 83.69 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 43 पैसे की बढ़त के साथ 74.03 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
- नयी दिल्ली। बाजार नियामक सेबी ने सोमवार को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) को उन सभी ऋण प्रतिभूतियों को बट्टे खाते (राइट ऑफ) में डालने की अनुमति दे दी, जिन्हें वे बेचने में असमर्थ हैं। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक परिपत्र में कहा कि यह आदेश केवल उन एफपीआई पर लागू होगा, जो अपना पंजीकरण छोड़ना चाहते हैं। परिपत्र में कहा गया, ‘‘विभिन्न हितधारकों से मिले अनुरोधों के मद्देनजर अब यह फैसला किया गया है कि एफपीआई को ऐसी सभी ऋण प्रतिभूतियों को बट्टे खाते में डालने की अनुमति दी जाए, जिसे वे किसी भी कारण से बेचने में असमर्थ हैं।'' सेबी ने कहा, ‘‘यह केवल उन एफपीआई पर लागू होगा, जो अपना पंजीकरण छोड़ना चाहते हैं।''नियामक ने कहा कि ऋण प्रतिभूतियों को बट्टे खाते में डालने के लिए परिचालन दिशानिर्देशों में निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना होगा।
- नयी दिल्ली। कार कंपनी रेनो इंडिया ने धनतेरस और दिवाली के मौके पर अपने ग्राहकों को 3,000 वाहनों की आपूर्ति की। फ्रांसीसी वाहन कंपनी ने सोमवार को बयान में कहा कि देश में चुनौतीपूर्ण आर्थिक माहौल के बावजूद कंपनी अपनी उत्पाद केंद्रित नीति की वजह से आगे बढ़ रही है। रेनो इंडिया के भारत में मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक वेंकटराम मामिलापल्ले ने कहा, ‘‘त्योहारी सीजन की शुरुआत से हम सकारात्मक उपभोक्ता धारणा देख रहे हैं। विशेष रूप से हमारे एएमटी और सीवीटी संस्करणों के प्रति उपभोक्ताओं ने जबर्दस्त प्रतिक्रिया दिखाई है।'' उन्होंने कहा कि कंपनी को उम्मीद है कि साल की शेष अवधि में भी वह इस रफ्तार को कायम रखेगी। रेनो भारतीय बाजार में काइगर, ट्राइबर और क्विड जैसे मॉडल बेचती है।
- नयी दिल्ली ।स्पाइसजेट ने सोमवार को एक नई योजना शुरू की, जिसके तहत यात्री टिकट के लिए तीन, छह या 12 किस्तों में भुगतान कर सकेंगे। विमानन कंपनी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘शुरुआती पेशकश के तहत ग्राहक बिना किसी अतिरिक्त लागत (बिना ब्याज) के तीन महीने की ईएमआई के विकल्प का लाभ ले सकेंगे।'' कंपनी ने बताया कि ईएमआई योजना का लाभ उठाने के लिए यात्रियों को पैन नंबर, आधार नंबर या वीआईडी जैसे बुनियादी ब्यौरे देने होंगे और इसे पासवर्ड से सत्यापित करना होगा। ग्राहकों को अपनी यूपीआई आईडी से पहली ईएमआई का भुगतान करना होगा और बाद की ईएमआई उसी यूपीआई आईडी से काट ली जाएगी। स्पाइसजेट ने बताया कि ईएमआई योजना का लाभ उठाने के लिए यात्रियों को किसी क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड का विवरण देने की जरूरत नहीं है।-
- नयी दिल्ली। वाणिज्य मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक में शीर्ष स्थान पर बरकरार है। यह सूचकांक निर्यात और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए जरूरी लॉजिस्टिक सेवाओं की कुशलता का संकेतक है। गुजरात 21 राज्यों की सूची में पहले स्थान है। उसके बाद क्रम से हरियाणा, पंजाब, तमिलनाडु और महाराष्ट्र का स्थान है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल द्वारा सोमवार को जारी लीड्स (लॉजिस्टिक्स ईज अक्रॉस डिफरेंट स्टेट्स) 2021 रिपोर्ट, समस्या वाले क्षेत्रों की पहचान करने और उनसे निपटने के लिए नीतिगत प्रतिक्रिया तैयार करने में मदद करेगी। सूचकांक का उद्देश्य राज्यों में लॉजिस्टिक संबंधी प्रदर्शन में सुधार पर ध्यान केंद्रित करना है जो देश के व्यापार में सुधार और लेनदेन लागत को कम करने के लिए जरूरी है। पूर्वोत्तर राज्यों और हिमालयी केंद्र शासित क्षेत्रों की सूची में, जम्मू-कश्मीर सूची में सबसे ऊपर है। वहीं केंद्र शासित क्षेत्रों में दिल्ली को शीर्ष स्थान मिला है। पहली लॉजिस्टिक रिपोर्ट 2018 में जारी की गयी थी। पिछले साल कोविड-19 महामारी के कारण रैंकिंग जारी नहीं की गयी थी।
- नयी दिल्ली। वैश्विक बाजारों के कमजोर रुख तथा रुपये में मजबूती के बीच सोमवार को दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना आठ रुपये टूटकर 47,004 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोना 47,012 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। वहीं दूसरी ओर चांदी 216 रुपये की बढ़त के साथ 63,262 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। पिछले कारोबारी सत्र में चांदी 63,046 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया शुरुआती कारोबार में 27 पैसे की बढ़त के साथ 74.19 प्रति डॉलर पर पहुंच गया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना मामूली गिरावट के साथ 1,816 डॉलर प्रति औंस पर था। चांदी 24.19 डॉलर प्रति औंस पर स्थिर थी। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, ‘‘सोमवार को सोने की कीमतें कमजोर रहीं। कॉमेक्स में सोने का हाजिर भाव 0.08 प्रतिशत के नुकसान से 1,816 डॉलर प्रति औंस था।
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नयी दिल्ली। फ्यूचर समूह-अमेजन के बढ़ते विवाद के बीच फ्यूचर रिटेल लिमिटेड के स्वतंत्र निदेशकों ने प्रतिस्पर्धा आयोग से दो साल पहले फ्यूचर कूपन के साथ अमेजन के सौदे को दी गई मंजूरी को रद्द करने का अनुरोध किया है। साथ ही उसने आरोप लगाया कि नियामक मंजूरी प्राप्त करने के लिए ई-कॉमर्स क्षेत्र की इस कंपनी ने फर्जी बयान पेश किये। फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) के स्वतंत्र निदेशकों ने रविवार को भारत प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के अध्यक्ष को इस बारे में पत्र लिखा। नियामक को लिखे गए पत्र में कहा गया कि फ्यूचर कूपंस प्राइवेट लिमिटेड में निवेश की अमेजन को दी गई मंजूरी सीसीआई को तत्काल रद्द करना चाहिए। -
नयी दिल्ली । किराये पर ई-स्कूटर प्रदान करने वाली स्टार्टअप कंपनी बाउंस अगले एक साल में ई-स्कूटर विनिर्माण और बैटरी की अदला-बदली के लिए बुनियादी ढाँचे के विस्तार के लिए निवेश करने की योजना बना रही है। कंपनी के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विवेकानंद हल्लेकेरे ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इसके लिए कंपनी अगले 12 महीनों में 10 करोड़ डॉलर (742 करोड़ रुपये) का निवेश करेगी। हल्लेकेरे ने बताया कि कंपनी अपना पहला ई-स्कूटर इस महीने के अंत में पेश करेगी और इसकी आपूर्ति अगले वर्ष फरवरी से शुरू की जायेगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम बिजली से चलने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को मुख्य धारा में लाना चाहते हैं। जब हम ईवी में परिवर्तन के बारे में बात कर रहे हैं, तो हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि इन वाहनों का व्यावहारिक रूप से इस्तेमाल किया जा सके। साथ ही ग्राहक चार्जिंग के बुनियादी ढांचे, बैटरी की क्षमता और संबंधी मुद्दों की चिंता न करें। हमारे पास इसके दो संस्करण होंगे और नवंबर के अंत तक हम प्री-बुकिंग शुरू कर देंगे और डिलीवरी फरवरी के अंत तक शुरू हो जाएगी।'' उन्होंने कहा कि कंपनी को प्री-बुकिंग में ई-स्कूटर के लिए एक लाख से अधिक बुकिंग आने की उम्मीद है।
- नयी दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण सेवा कंपनी ऑप्टिमस इलेक्ट्रॉनिक्स (ओईएल) अगले दो साल में 2,000 नियुक्तियां करेगी। इसके अलावा कंपनी अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने की योजना भी बना रही है। ऑप्टिमस इलेक्ट्रॉनिक्स के प्रबंध निदेशक ए गुरुराज ने कहा कि कंपनी की मौजूदा उत्पादन क्षमता दो साल में पूरी हो जाएगी। ऐसे में हम नई विनिर्माण इकाई लगाने को जगह की तलाश कर रहे हैं। गुरुराज ने कहा, ‘‘हमें देखना होगा कि ग्राहकों की मांग कितनी रहती है, लेकिन मेरा मानना है कि अगले एक से डेढ़ साल में हम शॉप फ्लोर पर दो हजार लोग जोड़ेंगे।'' अभी कंपनी के कर्मचारियों की संख्या 300 है।ओईएल उन इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण सेवा कंपनियों में है जो मोबाइल फोन, आईटी हार्डवेयर और दूरसंचार उत्पादों के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के पात्र हैं। सरकार इस योजना के तहत कंपनियों द्वारा किए जाने वाले निवेश और साल-दर-साल आधार पर उनकी बढ़ी हुई बिक्री के लिए प्रोत्साहन देती है। गुरुराज ने कहा, ‘‘आज से डेढ़ साल में मुझे भरोसा है कि हम अपने लक्ष्य पा लेंगे। ओईएल विस्ट्रॉन के साथ काम करने को लेकर ग्राहक काफी रुचि दिखा रहे हैं।'' ओईएल ने अगस्त में कहा था कि वह मोबाइल फोन और दूरसंचार उपकरण विनिर्माण पर 1,350 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इससे वह अगले तीन से पांच साल में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण सेवाओं से 38,000 करोड़ रुपये का राजस्व जुटा पाएगी और 11,000 रोजगार के अवसरों का सृजन कर पाएगी।
- नयी दिल्ली,। पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) हरदयाल प्रसाद ने कहा कि कंपनी ने कार्लाइल की अगुवाई में 4,000 करोड़ रुपये के सौदे से पीछे हटने का फैसला सोच-समझकर किया है। उन्होंने कहा कि हम लंबी कानूनी लड़ाई में नहीं फंसना चाहते थे, क्योंकि इससे हम कर्ज देने के कारोबार से भटक सकते थे। पिछले महीने कंपनी ने कहा कि उसने कार्लाइल के नेतृत्व में 4,000 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश सौदे पर आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया है क्योंकि कानूनी लड़ाई कंपनी और उसके हितधारकों के सर्वोत्तम हित में नहीं होगी। इस सौदे को 31 मई को अंतिम रूप दिया गया था। इसके तुरंत बाद यह निवेशकों को दिए जा रहे शेयरों के मूल्यांकन के संबंध में विवाद में फंस गया। बाद में बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के हस्तक्षेप से यह मामला प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) तक पहुंच गया।
- नयी दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क में कटौती के बाद दिल्ली में पेट्रोल पर कुल कर घटकर 50 प्रतिशत और डीजल पर 40 प्रतिशत रह गया है। वहीं उन राज्यों में वाहन ईंधन पर कर और कम हो गया है, जिन्होंने उत्पाद शुल्क कटौती के बाद मूल्यवर्धित कर (वैट) या बिक्री कर घटाया है। पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतें तेल की मूल कीमतों में केंद्रीय उत्पाद शुल्क, डीलरों को दिया जाने वाला कमीशन और वैट को जोड़ने के बाद तय की जाती हैं। तेल की मूल कीमत में मौजूदा अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क दर और माल ढुलाई भाड़ा आता है। सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों से उपलब्ध ईंधन की मूल्य संरचना के अनुसार, शुल्क में कटौती से पहले एक नवंबर को दिल्ली में केंद्रीय उत्पाद शुल्क 32.90 रुपये प्रति लीटर और वैट 30 प्रतिशत था, जो पेट्रोल के खुदरा बिक्री मूल्य का 54 प्रतिशत बैठता है। यह उत्पाद शुल्क में पांच रुपये प्रति लीटर की कमी के बाद दिल्ली में घटकर 50 प्रतिशत रह गया है।केंद्र सरकार की उत्पाद शुल्क कटौती के साथ ही दो दर्जन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने वैट में कमी की है, जिससे इन राज्यों में प्रतिशत के लिहाज से खुदरा कीमतों में और कमी आई है। दिल्ली सरकार ने अभी तक वैट कम नहीं किया है। इसी तरह दिल्ली में डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क 31.80 रुपये प्रति लीटर, वैट 16.75 प्रतिशत और प्रति किलोलीटर 250 रुपये का हवाई परिवेश शुल्क लगता है, जिससे कुल मिलाकर कर 48 प्रतिशत तक पहुंच गया था। यह उत्पाद शुल्क में 10 रुपये प्रति लीटर की कटौती के बाद दिल्ली में घटकर 40 प्रतिशत पर आ गया है। अगर वैट में कटौती की जाती है, तो कीमतें और नीचे आएंगी। पेट्रोल की मूल कीमत चेन्नई में 52.01 रुपये प्रति लीटर और लद्दाख में 59.89 रुपये प्रति लीटर के बीच है। इसके ऊपर केंद्र सरकार 27.90 रुपये का उत्पाद शुल्क लेती है जिसका भुगतान कारखाना गेट (इस मामले में रिफाइनरी) पर किया जाता है। इसके बाद राज्य सरकारें स्थानीय बिक्री कर या वैट की अलग-अलग दरें लगाती हैं। राजस्थान में पेट्रोल पर सबसे अधिक 30.51 रुपये प्रति लीटर का वैट लागू है। इसके बाद महाराष्ट्र में 29.99 रुपये, आंध्र प्रदेश (29.02 रुपये) और मध्य प्रदेश (26.87 रुपये) का नंबर आता है। अंडमान और निकोबार में सबसे कम 4.93 रुपये प्रति लीटर का वैट लगता है। इसी तरह डीजल की मूल कीमत चेन्नई में 52.13 रुपये प्रति लीटर से लेकर लद्दाख में 59.57 रुपये प्रति लीटर तक है। इसके ऊपर केंद्र सरकार 21.80 रुपये का उत्पाद शुल्क लेती है। सबसे अधिक वैट 21.19 रुपये प्रति लीटर आंध्र प्रदेश में लागू है। उसके बाद राजस्थान में 21.14 रुपये और महाराष्ट्र में 20.21 रुपये प्रति लीटर का वैट लगाया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश सबसे कम 4.40 रुपये प्रति लीटर और अंडमान और निकोबार 4.58 रुपये वैट लेता है। पेट्रोल पंप डीलरों को पेट्रोल पर 3.85 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 2.58 रुपये प्रति लीटर का कमीशन दिया जाता है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पिछले सप्ताह पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 5 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी, ताकि ईंधन की रिकॉर्ड-उच्च कीमतों से परेशान उपभोक्ताओं को राहत मिल सके। केंद्र सरकार की घोषणा के बाद 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अलग-अलग अनुपात में वैट दरों में कटौती करते हुए लोगों को और राहत दी है। वैट दर कम कर लोगों को अतिरिक्त राहत देने वाले राज्यों में कर्नाटक, पुडुचेरी, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नगालैंड, त्रिपुरा, असम, सिक्किम, बिहार और मध्य प्रदेश शामिल हैं। इनमें गोवा, गुजरात, दादर और नगर हवेली, दमन और दीव, चंडीगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, मेघालय और लद्दाख भी शामिल हैं। जिन राज्यों ने अब तक वैट कम नहीं किया है उनमें कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों द्वारा शासित राजस्थान, पंजाब, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, झारखंड और तमिलनाडु शामिल हैं। इनमें आप शासित दिल्ली, तृणमूल कांग्रेस शासित पश्चिम बंगाल, वाम दल शासित केरल, टीआरएस शासित तेलंगाना और वाईएसआर कांग्रेस शासित आंध्र प्रदेश भी शामिल हैं। बुधवार की उत्पाद शुल्क कटौती से देशभर में पेट्रोल की कीमत में 5.7 रुपये से 6.35 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमतों में 11.16 रुपये से 12.88 रुपये की कमी आई है।
- नयी दिल्ली। डाबर इंडिया की शहरी बिक्री में सुधार हो रहा है और अभी यह ग्रामीण बाजारों की तुलना में बेहतर रुख दर्शा रही है। वहीं ग्रामीण इलाकों में कंपनी की बिक्री कोविड-19 की दूसरी लहर के बावजूद जुझारू क्षमता दिखा रही है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह बात कही है। डाबर इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मोहित मल्होत्रा ने कहा कि वृद्धि के बावजूद शहरी बाजार में बिक्री अभी कोविड-पूर्व के स्तर पर नहीं पहुंची है। प्रतिबंधों में ढील और ई-कॉमर्स मंचों पर बिक्री के नए चलन से हालांकि शहरी बिक्री में सुधार हो रहा है। मल्होत्रा ने पिछले हफ्ते निवेशकों के साथ कॉन्फ्रेंस कॉल में कहा, ‘‘मेरे विचार में आगे चलकर शहरी बिक्री की तुलना में ग्रामीण बिक्री में अधिक वृद्धि होगी, कम से कम हमारे मामले में ऐसा ही है। हम अपने बुनियादी ढांचे में सुधार भी कर रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि कंपनी ग्रामीण ढांचे में लगातार निवेश कर रही है। डाबर इंडिया के बिक्री नेटवर्क में 83,500 गांव हैं। कंपनी का इरादा अगले साल तक इनकी संख्या बढ़ाकर 90,000 करने का है। उन्होंने कहा कि आगे चलकर ग्रामीण क्षेत्रों में बिक्री जुझारू क्षमता दिखाएगी। यह लगभग 26 प्रतिशत के आधार के साथ 12 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। वही 18 प्रतिशत के आधार पर शहरी बिक्री करीब नौ प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। कंपनी हालांकि कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि को लेकर चिंतित है, जिसमे अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान भी वृद्धि जारी है। मल्होत्रा ने कहा कि ग्रामीण बाजार हमारे लिए अच्छा संकेत दे रहे हैं। ‘‘मानसून शानदार रहा है, कटाई अच्छी रही है। मनरेगा की व्यवस्था अच्छी है तथा ग्रामीण बाजारों में बेरोजगारी की दर अभी निचले स्तर पर है।\
- नई दिल्ली। भारत में अगले साल 5 लाख रुपये से कम कीमत में मारुति सुजुकी , टाटा मोटर्स, डैटसन और फॉक्सवैगन कंपनी की नई कारें लॉन्च हो सकती हैं।भारत में अगले साल मारुति की सबसे ज्यादा बिकने वाली कार ऑल्टो नए अवतार में आ रही है, जो कि 2022 मारुति ऑल्टो होगी। नई ऑल्टो को साल 2022 की पहली छमाही में लॉन्च कर दी जाएगी। नई ऑल्टो को भारत में 3.5 लाख रुपये की शुरुआती कीमत के साथ लॉन्च किया जा सकता है। मारुति सुजुकी अगले साल भारत में एक और सस्ती हैचबैक कार लॉन्च कर सकती है, जिसका नाम मारुति कर्वो हो सकता है। मीडिया रिपोट्र्स की मानें तो मारुति कर्वो को भारत में 3 लाख रुपये की शुरुआती कीमत में लॉन्च किया जा सकता है। हालांकि, मारुति ने इस कार के बारे में किसी तरह की जानकारी नहीं दी है।अगले साल भारत में टाटा मोटर्स भी किफायती हैचबैक सेगमेंट में मारुति ऑल्टो समेत अन्य कारों को टक्कर देने के लिए टाटा काइट 5 नाम से नई कार लॉन्च कर सकती है। टाटा की अपकमिंग हैचबैक कार टाटा काइट 5 की शुरुआती कीमत 4.5 लाख रुपये हो सकती है। हालांकि, टाटा की तरफ से इस बारे में किसी तरह की जानकारी नहीं दी गई है। अगले साल भारत में फॉक्सवैगन भी कियाफती हैचबैक कार सेगमेंट में एंट्री ले सकती है और फॉक्सवैगन अप नाम से नई कार लॉन्च कर सकती है, जिसकी शुरुआती कीमत 4 लाख रुपये हो सकती है। इसके साथ ही डैटसन एक और सस्ती एसयूवी डैटसन क्रास लॉन्च कर सकती है, जिसकी कीमत 4.5 लाख रुपये से शुरू हो सकती है।
- दुबई। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के अध्यक्ष दिनेश कुमार खारा ने शनिवार को कहा कि कोविड-19 टीकाकरण कायर्क्रम के सफल कार्यान्वयन के साथ भारत वृद्धि के अगले दौर में जाने के लिए तैयार है। खारा ने दुबई में आयोजित एक्सपो2020 के दौरान भारतीय पवेलियन में कहा कि देश ने जिस तरह का टीकाकरण अभियान देखा है, वह सभी भारतीयों को गौरवान्वित करता है। विशेष कर इसलिए क्योंकि घरेलू स्तर पर बनने वाले टीकों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रहा है। उन्होंने कहा कि देश में पिछले दो साल से अर्थव्यवस्था में ऋण वृद्धि काफी कम थी। उम्मीद है कि अब क्षमता उपयोग में सुधार होगा और कॉरपोरेट क्षेत्र में निवेश की मांग को पुनर्जीवित करने में मदद मिलेगी। एसबीआई अध्यक्ष ने कहा, "सरकार ने बुनियादी ढांचे में निवेश पर अपना ध्यान जारी रखते हुए शानदार काम किया है, जो अर्थव्यवस्था के मुख्य क्षेत्रों को बढ़ावा देने के मामले में एक लंबा सफर तय कर चुका है। निजी कॉरपोरेट क्षेत्र में निवेश के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था निश्चित रूप से वृद्धि के अगले दौर में जाएगी।" उन्होंने कहा कि एक्सपो2020 में देश का पवेलियन वास्तविक भारत को प्रस्तुत कर रहा है, जो अवसरों से भरा है।
- नयी दिल्ली। औषधि क्षेत्र की कंपनी डिवीज लेबोरेट्रीज ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 606.46 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध लाभ अर्जित किया है, जो एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 16.71 फीसदी अधिक है। कंपनी ने शेयर बाजार की दी सूचना में बताया कि जुलाई-सितंबर 2020 की तिमाही में उसका शुद्ध लाभ 519.59 करोड़ रुपये रहा था। वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही में मजबूत बिक्री होने से उसका लाभ बढ़ा है। पिछली तिमाही में कंपनी की समेकित कुल आय भी बढ़कर 2,006.62 करोड़ रुपये हो गई जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 1,762.94 करोड़ रुपये रही थी। डिवीज लेबोरेट्रीज ने कहा कि कोविड-19 महामारी की वजह से उसके परिचालन और आपूर्ति शृंखला पर कोई असर नहीं पड़ा है। इसके अलावा वित्तीय एवं गैर-वित्तीय परिसंपत्तियों की रिकवरी भी महामारी की मार से बची रही है।
- नयी दिल्ली। औषधि विनिर्माता सुवेन फार्मास्युटिकल्स ने वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही में 97 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध लाभ कमाया है। कंपनी ने शेयर बाजार को सूचना दी कि जुलाई-सितंबर 2021 तिमाही में उसका शुद्ध लाभ पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 31 फीसदी बढ़ गया। जुलाई-सिंतबर 2020 तिमाही में उसका शुद्ध लाभ 74 करोड़ रुपये था। हैदराबाद स्थित कंपनी के मुताबिक, गत 30 सितंबर को समाप्त तिमाही में उसका परिचालन राजस्व 301 करोड़ रुपये रहा जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 237 करोड़ रुपये था। सुवेन फार्मास्युटिकल्स के मुताबिक, उसके कारोबार एवं अनुसंधान गतिविधियों पर कोविड-19 महामारी का प्रभाव अब भी बना हुआ है। भारत के अलावा उसकी अमेरिकी अनुषंगी सुवेन फार्मा इंक यूएसए भी इससे प्रभावित है। कंपनी ने कहा, "कंटेनरों की किल्लत होने से खेप पहुंचने में हो रही देरी, परिवहन एवं वितरण लागत बढ़ने और दवा-निर्माण सामग्रियों के समय पर न मिलने से भी हमारे परिचालन एवं मुनाफे पर असर पड़ा है।
- नयी दिल्ली। देश की सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडिगो दस नवंबर से अहमदाबाद-रांची मार्ग पर उड़ानों का संचालन शुरू करेगी। कंपनी ने शनिवार को जारी बयान में बताया कि अहमदाबाद-रांची मार्ग पर उसकी उड़ानें सप्ताह में चार दिन संचालित होंगी। गत एक नवंबर से अहमदाबाद-जोधपुर के बीच उसकी उड़ानें शुरू हो चुकी हैं। इसके अलावा इंडिगो ने दो नवंबर से बेंगलूरु-राजकोट, कोलकाता-कोयंबटूर, दिल्ली-त्रिवेंद्रम और डिब्रूगढ़-दिमापुर मार्गों पर भी अपनी उड़ानें शुरू कर दी हैं। घरेलू विमानन बाजार में 57.5 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाली इंडिगो ने गत सितंबर में 22.66 लाख यात्रियों का परिचालन किया था।
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नयी दिल्ली। उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) ने बुधवार को कहा कि जिंसों की आसमान छूती कीमतें कंपनियों, खासकर सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के कीमत लागत मार्जिन को बुरी तरह प्रभावित कर रही हैं। उद्योग मंडल ने साथ ही कहा कि मुद्रास्फीति को संतुलित करने और मुद्रा स्थिरता बनाए रखने में भारतीय रिजर्व बैंक की महत्वपूर्ण भूमिका है। पीएचडीसीसीआई ने उन क्षेत्रों का खाका तैयार करते हुए पांच सुझाव दिए, जिनपर रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास के दूसरे कार्यकाल के दौरान ध्यान दिया जाना चाहिए। उद्योग मंडल की यह टिप्पणी उन्हीं सुझावों का हिस्सा है। पीएचडीसीसीआई ने केंद्रीय बैंक के गवर्नर के रूप में दास की पुन: नियुक्ति की सराहना करते हुए कहा, "उनके शानदार नेतृत्व में रिजर्व बैंक ने महामारी की शुरुआत के बाद से इसके प्रभाव को कम करने और अर्थव्यवस्था में नकदी बढ़ाने के लिए कई पारंपरिक उपाय किए।" उसने कहा कि दास को अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान पांच प्रमुख सुझावों पर ध्यान देना चाहिए।
इनमें 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए उच्च आर्थिक वृद्धि के रास्ते को प्राप्त करना और बनाए रखना शामिल है। पीएचडीसीसीआई ने सुझाव दिया, "जिंसों की आसमान छूती कीमतें कंपनियों विशेष रूप से एमएसएमई के मूल्य लागत मार्जिन को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही हैं। इसलिए, इस मोड़ पर, देश में मुद्रास्फीति को संतुलित करने और उच्च वृद्धि हासिल करते हुए मुद्रा स्थिरता बनाए रखने के लिए रिजर्व बैंक की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है।" उद्योग मंडल ने साथ ही कहा कि दास को मुद्रास्फीति के दबाव को संतुलित करते हुए प्रणाली में पर्याप्त नकदी बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। -
मुंबई। बैंक कर्ज 22 अक्टूबर को समाप्त पखवाड़े में 6.84 प्रतिशत बढ़कर 110.46 लाख करोड़ रुपये रहा। वहीं जमा 9.94 प्रतिशत बढ़कर 157.12 लाख करोड़ रुपये हो गया। भारतीय रिजर्व बैंक के बुधवार को जारी आंकड़े के अनुसार पिछले साल 23 अक्टूबर को समाप्त इसी पखवाड़े में बैंक ऋण 103.39 लाख करोड़ रुपये और जमा 142.92 लाख करोड़ रुपये थे। आठ अक्टूबर को समाप्त पिछले पखवाड़े में बैंक ऋण में 6.48 प्रतिशत और जमा में 10.16 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। वित्त वर्ष 2020-21 में, बैंक ऋण में 5.56 प्रतिशत और जमा में 11.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।