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नयी दिल्ली। दुबई में इसी माह होने जा रही वार्षिक खाद्य एवं पेय व्यापार प्रदर्शनी गल्फूड में भारत की ओर से विविध तरह के खाद्य उत्पादों को प्रदर्शित किया जायेगा और इसके माध्यम से देश को खाद्य उत्पादों और जैविक खाद्य (ऑर्गैनिक फूड) के आपूर्ति केंद्र के रूप में दर्शाया जायेगा। यह प्रदर्शनी 21 से 25 फरवरी, 2021 तक दुबई के वल्र्ड ट्रेड सेंटर में आयोजित होने जा रही है। इस मेले में भारतीयों उत्पादों को ई-वाणिज्य मंच ट्रेडोलॉजी कंपनी की देखरेख में प्रदर्शित किया जायेगा। इस प्रदर्शनी में भारत की ओर से प्रदर्शित किये जाने वाले उत्पादों में मसाले, चावल, गेहूं, चीनी, जौ, मोटे अनाज, मेवे, सब्जी, प्रसंस्कृत खाद्य एवं औषधीय पौधे शामिल होंगे।
ट्रेडोलॉजी डॉट कॉम के चेयरमैन जे. के. अरोड़ा ने कहा, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) हांगकांग और सिंगापुर के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा री-एक्सपोर्ट (आयातित माल को पुन: दूसरे बाजारों में भेजने का) बाजार है। वहां खाद्य उत्पादों की मांग हर वर्ष 30 प्रतिशत बढ़ जाती है। खाड़ी के क्षेत्र के बहरीन, कतर, कुवैत, ओमान और सऊदी अरब आते हैं, में 90 प्रतिशत से अधिक खाद्य उत्पाद यूएई के रास्ते ही आयात किए जाते हैं। यूएई का बाजार प्रीमियम बाजार है। गल्फूड को दुनिया की सबसे बड़ी वार्षिक खाद्य एवं पेय व्यापार प्रदर्शनी माना जाता है। दुनिया भर से खाद्य एवं पेय उद्योग के प्रतिनिधि तथा पेशेवर इसमें हिस्सा लेने दुबई आते हैं। इसमें हर वर्ष पूरी दुनिया भर से करीब 5,000 इकाइयां अपने उत्पाद प्रदर्शित करने आती हैं।
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मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने महाराष्ट्र के नासिक स्थित इंडिपेन्डेन्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड से पैसा निकालने पर रोक लगा दी है। आरबीआई ने बुधवार को एक बयान में कहा कि हालांकि बैंक के 99.88 प्रतिशत जमाकर्ता पूर्ण रूप से डिपोजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (डीआईसीजीसी) बीमा योजना के दायरे में हैं। बीमा योजना के तहत बैंक का प्रत्येक जमाकर्ता अपनी 5 लाख रुपये तक की जमा राशि पर जमा बीमा दावा रकम डीआईसीसी से प्राप्त करने का हकदार है। निकसी पर पाबंदी छह महीने की अवधि के लिये होगी। केंद्रीय बैंक ने कहा, बैंक की मौजूदा नकदी की स्थिति को देखते हुए, जमाकर्ताओं को बचत या चालू खाता अथवा अन्य किसी भी खाते से जमा राशि में से कोई भी रकम निकालने की अनुमति नहीं होगी।
- नयी दिल्ली। कोविड-19 महामारी के गंभीर संकट के दौरान अप्रैल-दिसंबर 2020 की अवधि में देश से अनाज का निर्यात इससे पिछले वर्ष की इसी अवधि में हुए 32,591 करोड़ रुपए के मुकाबले बढ़कर 49,832 करोड़ रुपए पहुंच गया। सरकारी आंकड़ों के अनुसार अनाज निर्यात में रुपए की दृष्टि से 52.90 प्रतिशत और अमेरिकी डॉलर की दृष्टि से 45.81 प्रतिशत की वृद्धि हुई। कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीईडीए) द्वारा किए जाने वाले कुल निर्यात में अनाज निर्यात का हिस्सा रुपए की दृष्टि से 48.61 प्रतिशत रहा। इस दौरान बासमती चावल का निर्यात 2,038 करोड़ रुपये (2.947 अरब डॉलर) का रहा जो पिछले साल इसी अवधि के दौरान 1,926 करोड़ रुपये (2.936 अरब डॉलर) का रहा था। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-दिसंबर 2020 के दौरान इस सुगंधित लम्बे दानों वाले चावल के निर्यात में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में रुपए की दृष्टि से 5.31 प्रतिशत और डॉलर की दृष्टि से 0.36 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। एपीईडीए द्वारा किए गए कुल निर्यात में इस बासमती चावल का हिस्सा 21.44 प्रतिशत है। भारत से बासमती चावल का निर्यात मुख्य रूप से ईरान, सउदी अरब, इराक, संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत और यूरोपीय देशों को होता है। वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तीन तिमाहियों के दौरान गैर-बासमती चावल का निर्यात 22,856 करोड़ रुपए का रहा जबकि अप्रैल दिसंबर-2019 की इसी अवधि के दौरान यह निर्यात 10,268 करोड़ रुपए था। गैर-बासमती चावल के निर्यात में रुपए की दृष्टि से 122.61 प्रतिशत और अमेरिकी डॉलर की दृष्टि से 111.81 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। एपीईडीए द्वारा किए गए कुल निर्यात में से गैर-बासमती चावल का हिस्सा 22.32 प्रतिशत रहा। भारत से गैर-बासमती चावल का निर्यात नेपाल, बेनिन, संयुक्त अरब अमीरात, सोमालिया, गिनी तथा एशिया, यूरोप और अमरीका के कई अन्य देशों को किया जाता है। इस दौरान गेहूं का निर्यात पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान किए गए 336 करोड़ रुपए की तुलना में बढ़कर 1,870 करोड़ रुपए हो गया।
- कोलकाता। भारतीय चाय बोर्ड ने बुधवार को कहा कि वह उद्योग के कर्मचारियों के लिये विशेष कल्याणकारी योजना पर काम कर रहा है। बजट में असम और पश्चिम बंगाल में चाय बगानों में काम करने वाले श्रमिकों के कल्याण के लिये 1,000 करोड़ रुपये आबंटित किये जाने के प्रस्ताव के बाद बोर्ड यह कदम उठा रहा है। बोर्ड ने कहा कि वह योजना के क्रियान्वयन के लिये उसे केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय को सौंपेगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में कहा था कि सरकार दोनों राज्यों के चाय बगानों में काम करने वाले कामगारों खासकर महिलाओं और उनके बच्चों के लिये 1,000 करोड़ रुपये उपलब्ध कराएगी। बोर्ड के बयान के अनुसार योजना स्वास्थ्य, शिक्षा और कौशल विकास से जुड़ी होगी। बयान में कहा गया है कि असम और पश्चिम बंगाल में चाय उद्योग में करीब 6.23 लाख महिलाएं काम करती हैं। देश में कुल चाय उत्पादन में इन दोनों राज्यों की हिस्सेदारी करीब 81 प्रतिशत है।
- नई दिल्ली। देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगातार दूसरे दिन बढ़ोतरी के साथ नई ऊंचाई पर पहुंच गईं। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों की अधिसूचना के मुताबिक पेट्रोल की कीमत में 30 पैसे प्रति लीटर और डीजल की कीमत में 25 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई।इस बढ़ोतरी के साथ ही दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 87.60 रुपये प्रति लीटर और मुंबई में 94.12 रुपये प्रति लीटर हो गई। राष्ट्रीय राजधानी में डीजल की कीमत बढ़कर 77.73 रुपये प्रति लीटर हो गई और मुंबई में कीमत 84.63 रुपये के उच्च स्तर पर पहुंच गई।स्थानीय कर और भाड़े के आधार पर विभिन्न राज्यों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें अलग-अलग होती हैं। राज्यसभा में तेल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सरकार तेल कीमतों में राहत देने के लिए उत्पाद शुल्क घटाने पर विचार नहीं कर रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत पिछले एक साल में पहली बार 61 डॉलर प्रति बैरल से अधिक हो गई है।
- नई दिल्ली। डेटा प्राइवेसी को लेकर इन दिनों केंद्र सरकार और आम यूजर्स परेशान हैं। हाल ही में वॉट्सऐप की नई डेटा पॉलिसी को लेकर जहां आम यूजर्स नाराज हो गए हैं वहीं सरकार ने इसकी काट तैयार कर ली है। मोदी सरकार ने देश के लिए अपना मैसेजिंग ऐप संदेस लॉन्च कर दिया है। ये ऐप फिलहाल सरकारी कर्मचारी यूज कर रहे हैं, उम्मीद है कि जल्द इसे आम यूजर्स के लिए लॉन्च कर दिया जाएगा।केंद्र सरकार ने डेटा चोरी और प्राइवेसी को लेकर एक नया ऐप लॉन्च किया है जिसका नाम है संदेस। ये एक इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप है जिसे फिलहाल सरकारी कर्मचारियों को ही यूज करने के दिया गया है। इस ऐप को Government Instant Messaging Systam (GIMS) भी कहा जा रहा है।प्राप्त जानकारी के मुताबिक gims.gov.in से इस नए ऐप को एक्सेस किया जा सकता है। फिलहाल आम लोगों को इसे यूज करने की इजाजत नहीं है। अगर कोई इस साइट पर क्लिक करता है तो उसे authentication method is applicable for authorised government officials' का मैसेज देखने को मिलता है.संदेश ऐप एंड्रायड और आईओएस पर काम करता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि एंड्रायड और आईओएस ऑपरेटिंग सिस्टम के सपोर्ट के साथ इसे तैयार किया गया है। इस ऐप को नए मॉर्डन चैटिंग ऐप्स जैसा ही बनाया गया है। चैटिंग ऐप में वॉयस और डेटा को भेजा जा सकता है।
- नई दिल्ली। कार ड्राइव करने वालों के लिए अच्छी खबर ये है कि अगर आप नेशनल हाईवे से सफर करते हैं तो आपको फास्टैग में मिनिमम बैलेंस रखने की चिंता करने की जरूरत नहीं है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने फास्टैग का बेहतर इस्तेमाल करने के लिए मिनिमम बैलेंस की शर्त को खत्म कर दिया है। हालांकि यह सुविधा सिर्फ कार, जीप या वैन के लिए ही है, कमर्शियल व्हीकल के लिए अब भी मिनिमम बैलेंस अनिवार्य है।नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) का कहना है कि अब फास्टैग को जारी करने वाले बैंक सिक्योरिटी डिपॉजिट के अलावा कोई मिनिमम बैलेंस रखना अनिवार्य नहीं कर सकते। दरअसल, पहले बैंकों की ओर से फास्टैग में सिक्योरिटी डिपॉजिट के अलावा मिनिमम बैलेंस रखने की भी शर्त थी। बैंक कस्टमर्स से 150 रुपये से लेकर 200 रुपये तक मिनिमम बैलेंस रखने को कहते थे। फास्टैग वॉलेट में मिनिमम बैलेंस नहीं होने की वजह से टोल प्लाजा पर यात्रियों को आगे जाने की इजाजत नहीं मिलती थी, जिसकी वजह से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता था।--
- नई दिल्ली। आज सोने-चांदी की कीमतों में फिर गिरावट दर्ज की गई है। सोना 38 रुपये की मामूली गिरावट के साथ 47 हजार 576 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया है। इससे पिछले सत्र में सोना 47 हजार 614 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं दूसरी ओर चांदी 783 रुपये की गिरावट के साथ 68 हजार 884 रुपये प्रति किलो के स्तर पर बंद हुई है, जो पिछले सत्र में 69 हजार 667 रुपये प्रति किलो के स्तर पर बंद हुई थी। हालांकि, अगर ऑल टाइम हाई से देखा जाए तो सोना-चांदी काफी अधिक सस्ते हो चुके हैं। अगस्त में सोने ने 56 हजार 200 रुपये का उच्चतम स्तर छुआ था, यानी अब तक सोना करीब 8 हजार 600 रुपये सस्ता हो गया है। वहीं अगस्त में 77 हजार 840 के उच्चतम स्तर से अब तक चांदी करीब 9 हजार रुपये तक सस्ती हो चुकी है।अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी के अनुरूप राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में मंगलवार को सोने की कीमत 495 रुपए मजबूत होकर 47 हजार 559 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गयी। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 47 हजार 64 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। दूसरी ओर, चांदी की कीमत 99 रुपये टूटकर 68 हजार 391 रुपये प्रति किलो रही। पिछले कारोबारी सत्र में यह 68 हजार 490 रुपये प्रति किलो के भाव पर थी। मजबूत हाजिर मांग के कारण कारोबारियों ने ताजा सौदों की लिवाली की जिससे वायदा कारोबार में मंगलवार को सोना 234 रुपये की तेजी के साथ 48 हजार 73 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में अप्रैल महीने में डिलिवरी वाले सोना वायदा की कीमत 234 रुपये यानी 0.49 प्रतिशत की तेजी के साथ 48,073 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई। इसमें 12 हजार 898 लॉट के लिये कारोबार किया गया। बाजार विश्लेषकों ने कहा कि कारोबारियों द्वारा ताजा सौदों की लिवाली से सोना वायदा कीमतों में तेजी आई। अंतरराष्ट्रीय बाजार, न्यूयॉर्क में सोना 0.55 प्रतिशत की तेजी दर्शाता 1,844.20 डॉलर प्रति औंस चल रहा था।मजबूत हाजिर मांग के कारण कारोबारियों ने अपने सौदों के आकार को बढ़ाया जिससे वायदा बाजार में मंगलवार को चांदी वायदा कीमत 266 रुपये की तेजी के साथ 70 हजार 350 रुपये प्रति किलो हो गयी। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में चांदी के मार्च महीने में डिलीवरी वाले अनुबंध की कीमत 266 रुपये यानी 0.38 प्रतिशत की तेजी के साथ 70 हजार 350 रुपये प्रति किलो हो गयी जिसमें 13 हजार 593 लॉट के लिये कारोबार हुआ। बाजार विश्लेषकों ने कहा कि चांदी कीमतों में तेजी आने का मुख्य कारण घरेलू बाजार में तेजी के रुख की वजह से कारोबारियों द्वारा ताजा सौदों की लिवाली करना था। वैश्विक स्तर पर, न्यूयार्क में चांदी की कीमत 0.30 प्रतिशत की तेजी के साथ 27.66 डॉलर प्रति औंस चल रहा था।
- नयी दिल्ली। बैंक कर्मचारियों के नौ संगठनों का शीर्ष निकाय यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (यूएफबीयू) ने सार्वजिक क्षेत्र के दो बैंकों के प्रस्तावित निजीकरण के विरोध में मंगलवार को 15 मार्च से दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले सप्ताह अपने बजट भाषण में विनिवेश कार्यक्रम के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की घोषणा की। सरकार पहले ही 2019 में आईडीबीआई बैंक में अपनी बहुलांश हिस्सेदारी एलआईसी को बेचकर उसका निजीकरण कर चुकी है। साथ ही पिछले चार साल में सार्वजनिक क्षेत्र के 14 बैंकों का विलय किया गया है। ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉयज एसोसएिशन (एआईबीईए) के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने कहा कि यूएफबीयू की मंगलवार को हुई बैठक में बैंकों के निजीकरण के सरकार के निर्णय का विरोध करने का फैसला किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘बैठक में केंद्र सरकार के बजट में सुधारों को लेकर की गयी विभिन्न घोषणाओं पर चर्चा हुई। इसमें आईडीबीआई बैंक और सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों का निजीकरण, बैड बैंक की स्थापना, एलआईसी में विनिवेश, एक साधारण बीमा कंपनी का निजीकरण, बीमा क्षेत्र में 74 प्रतिशत तक एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) की मंजूरी और सार्वजनिक उपक्रमों में हिस्सेदारी बिक्री आदि शामिल हैं।'' वेंकटचलम के अनुसार बैठक में यह कहा गया कि ये उपाय प्रतिगामी और कर्मचारियों के हितों के खिलाफ हैं। इसीलिए इसका विरोध करने की जरूरत है। एआईबीओसी के महासचिव सौम्य दत्ता ने कहा कि विचार-विमर्श के बाद सरकार के निर्णय के खिलाफ 15 मार्च और 16 मार्च को दो दिन की हड़ताल का आह्वान करने का निर्णय किया गया। यूएफबीयू के सदस्यों में ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉयज एसोसिशन (एआईबीईए), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कॉन्फेडरेशन (एआईबीओसी), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ बैंक एम्प्लॉयज (एनसीबीई), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए) और बैंक एम्प्लॉयज कॉन्फेडरेश्न ऑफ इंडिया (बीईएफआई) शामिल हैं। इसके अलावा इंडियन नेशनल बैंक एम्प्लॉयज फेडरेश्न (आईएनबीईएफ), इंडियन नेशनल बैंक ऑफिसर्स कांग्रेस (आईएनबीओसी), नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स (एनओबीडब्ल्यू) और नेशनल आर्गनाइजेशन ऑफ बैंक ऑफिसर्स (एनओबीओ) शामिल हैं।
- नयी दिल्ली। प्रीमियम मोटरसाइकिल बनाने वाली ब्रिटेन की कंपनी ट्रायम्फ मोटरसाइकिल्स ने भारत में टाइगर 850 स्पोर्ट को पेश किया है, जिसकी कीमत 11.95 लाख (एक्स-शोरूम) रुपये है। कंपनी ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। कंपनी ने कहा कि 888 सीसी इंजन वाली इस मोटरसाइकिल के साथ भारतीय बाजार में प्रीमियम खंड में उसके उत्पादों की संख्या बढ़कर चार हो गयी है। कंपनी पहले से भारत में टाइगर 900 रैली प्रो, रैली और जीटी की बिक्री कर रही है। ब्रिटेन की कंपनी के भारतीय कारोबार के प्रमुख शोएब फारूक ने कहा, ‘‘पहले टाइगर मोटरसाइकिल की पेशकश के साथ ही ट्रायम्फ की मोटरसाइकिलें देश में प्रीमियम एडवेंचर सेगमेंट में हावी रही हैं।'' कंपनी ने इसकी बुकिंग शुरू कर दी है।
- नई दिल्ली। सोने-चांदी की कीमतों में आज फिर तेजी देखने को मिली है। सोना 94 रुपये की बढ़त के साथ 46 हजार 877 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया। वहीं दूसरी ओर चांदी में आज 340 रुपये की तेजी देखी गई, जिसके बाद चांदी 68,391 रुपये प्रति किलो के स्तर पर पहुंच गई है।आज सोने में तेजी देखने को मिल रही है। सोना 234 रुपये की बढ़त के साथ 48 हजार 73 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया है। हालांकि, अगर ऑल टाइम हाई से देखा जाए तो सोना काफी अधिक सस्ता हो चुका है। अगस्त में सोने ने 56 हजार 200 रुपये का उच्चतम स्तर छुआ था, यानी अब तक सोना करीब 9 हजार 300 रुपये सस्ता हो गया है। वहीं अगस्त में 77 हजार 840 के उच्चतम स्तर से अब तक चांदी करीब 9 हजार 400 रुपये तक सस्ती हो चुकी है।सोने की कीमतों में लगातार पांच कारोबारी सत्रों से चली आ रही गिरावट के रुख पर ब्रेक लग गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के मुताबिक बहुमूल्य धातु के अंतरराष्ट्रीय कीमत में तेजी के रुख के बीच राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को सोने की कीमत 94 रुपए की तेजी के साथ 46 हजार 877 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुई। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 46 हजार 783 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। चांदी की भी 340 रुपये के लाभ के साथ 68 हजार 391 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई, जो पिछले कारोबारी सत्र में 68 हजार 51 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर थी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना लाभ के साथ 1,815 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस हो गया और चांदी भी लाभ के साथ 27.16 डॉलर प्रति औंस हो गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा कि अमेरिका में रोजगार के निराशाजनक आंकड़े और वहां प्रोत्साहन पैकेज की उम्मीद के बीच सोने की कीमतों में तेजी रही।मजबूत हाजिर मांग के कारण कारोबारियों ने ताजा सौदों की लिवाली की जिससे वायदा कारोबार में सोमवार को सोना 94 रुपये की तेजी के साथ 47हजार 350 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में अप्रैल महीने में डिलिवरी वाले सोना वायदा की कीमत 94 रुपये यानी 0.2 प्रतिशत की तेजी के साथ 47हजार350 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई। इसमें 13 हजार 709 लॉट के लिये कारोबार किया गया। बाजार विश्लेषकों ने कहा कि कारोबारियों द्वारा ताजा सौदों की लिवाली से सोना वायदा कीमतों में तेजी आई। अंतरराष्ट्रीय बाजार, न्यूयॉर्क में सोना 0.09 प्रतिशत की तेजी दर्शाता 1,814.70 डॉलर प्रति औंस चल रहा था।चांदी की कीमतों में भी आई थी तेजीमजबूत हाजिर मांग के कारण कारोबारियों ने अपने सौदों के आकार को बढ़ाया जिससे वायदा बाजार में सोमवार को चांदी वायदा कीमत 361 रुपये की तेजी के साथ 69 हजार 99 रुपये प्रति किलो हो गयी। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में चांदी के मार्च महीने में डिलीवरी वाले अनुबंध की कीमत 361 रुपये यानी 0.53 प्रतिशत की तेजी के साथ 69 हजार 99 रुपये प्रति किलो हो गयी जिसमें 13 हजार 39 लॉट के लिये कारोबार हुआ। बाजार विश्लेषकों ने कहा कि चांदी कीमतों में तेजी आने का मुख्य कारण घरेलू बाजार में तेजी के रुख की वजह से कारोबारियों द्वारा ताजा सौदों की लिवाली करना था। वैश्विक स्तर पर, न्यूयार्क में चांदी की कीमत 0.69 प्रतिशत की तेजी के साथ 27.21 डॉलर प्रति औंस चल रहा था।
- मुंबई। अगर आप कम पैसों में बढिय़ा फीचर्स वाली नई कार खरीदने का प्लान कर रहे हैं, तो इस खबर पर गौर करें। ऑटोमोबाइल कंपनी मारुति सुजुकी और निसान मोटर्स अपने ग्राहकों को तीन लाख रुपये में कार खरीदने का मौका दे रही है। आप खुद दोनों ही कारों के इंजन, परफॉर्मेंस और ट्रांसमिशन के बारे में जान तय करें कि आपके लिए कौन सी कार बेस्ट रहेगी।डैटसन रेडी-गोभारतीय बाजार में जापानी ऑटोमोबाइल कंपनी निसान की बजट कार डैटसन रेडी-गो लोगों को खूब पसंद आ रही है। कंपनी ने इस कार को दो वेरिएंट Datsun Redi-Go और Datsun Redi-Go में लॉन्च किया है। ये कार मार्केट में 0.8-लीटर और 1-लीटर इंजन में बिक्री के लिए उपलब्ध है। परफॉर्मेंस की बात करें तो डैटसन रेडी-गो का 0.8-लीटर इंजन 5678 आरएमपी पर 54 पीएस की पावर और 4386 आरएमपी पर 72 एनएन का टॉर्क पैदा करता है। जबकि रेडी-गो का 1-लीटर इंजन 5500 आरएमपी पर 68 पीएस की पावर और 4250 आरएमपी पर 91 पीएस का टॉर्क पैदा करता है। कंपनी के अनुसार, डैटसन रेडी-गो का 0.8-लीटर इंजन 5 स्पीड मैनुअल ट्रांसमिशन से लैस है। वहीं, इसका 1-लीटर इंजन 5 स्पीड ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन से लैस है। इस कार की शुरुआती कीमत 2.86 लाख रुपये है।डैटसन रेडी-गो फीचर्सयह कार 23 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज देती है। रेडी गो कार की लंबाई 3,429 एमएम, चौड़ाई 1,560 एमएम, ऊंचाई 1,541 सीसी है। इस कार में इंजन 800 सीसी है। कार में ब्लुटूथ ऑडियो सिस्टम लगा है। इसका एक्सटीरियर लुक इसे अलग दिखाता है। यह कार भी 5 सीटर है।मारुति सुजुकी ऑल्टोभारत में सबसे ज्यादा बिकने वाली कारों में मारुति सुजुकी कंपनी का नाम सबसे ऊपर है। कंपनी की ऑल्टो सीरीज काफी ज्यादा पॉपुलर हुई है। इस कार में पावर के लिए 796 सीसी, 3-सिलिंडर, 12-वाल्व, बीएस-6 कम्प्लायंट वाला इंजन दिया गया है। वहीं परफॉर्मेंस की बात करें तो ऑल्टो का इंजन 6000 आरपीएम पर 48 पीएस की मैक्सिमम पावर और 3500 आरपीएम पर 69 एनएम का पीक टॉर्क पैदा करता है। मारुति कंपनी के अनुसार आल्टो का इंजन 5-स्पीड मैनुअल ट्रांसमिशन से लैस है। इस कार की शुरुआती कीमत 2.99 लाख रुपये है।मारुति सुजुकी ऑल्टो फीचर्समारुति सुजुकी ऑल्टो फीचर्स पेट्रोल वेरिएंट में 22.05 किलोमीटर का माइलेज देती है, जबकि सीएनजी में यह कार 32.99 किलोमीटर का माइलेज देती है। ऑल्टो कार में आपको फ्रेश और स्पेसियस इंटीरियर मिलेगा। इंटीरियल डुअल टोन में है। बात सेफ्टी की करें तो इसमें डुअल एयरबैग भी लगे हैं। इसमें स्पीड अलर्ट सिस्टम, सीट बेल्ट रिमाइंडर और ट्यूबलेस टायर लगे हैं। इसमें 5 लोग बैठ सकते हैं। इसमें स्मार्ट इन्फोटेनमेंट सिस्टम का भी ऑप्शन है।
- - करीब 17 हजार करोड़ रूपए पूंजी निवेश के साथ 22 हजार लोगों को मिला रोजगाररायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा लागू की गई नई औद्योगिक नीति निवेशको को बहुत भा रही है। पिछले दो साल में प्रदेश में जहां 1207 नये उद्योगों की स्थापना हुई है, वहीं राज्य में इन उद्योगों के माध्यम से 16 हजार 897 करोड़ रूपए का पूंजी निवेश हुआ है, जिसमें 22 हजार से अधिक लोगों को सीधा रोजगार मिला है। इसी तरह इस दौरान मेगा औद्योगिक परियोजनाओं हेतु कुल 104 एम.ओ.यू. किए गए हैं। इन इकाइयों का प्रस्तावित कुल पंूजी निवेश 42 हजार 714.48 करोड़ रूपए है, जिसके माध्यम से करीब 65 हजार लोगों को रोजगार प्राप्त होगा।गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य में पिछले दो वर्षाें में तीव्र गति से औद्योगिक विकास हुआ है। इस विकास को हासिल करने राज्य सरकार ने न केवल नई औद्योगिक नीति लागू की बल्कि इस नीति में निवेशकों की आवश्यकता के अनुरूप संशोधनों को शामिल किया। राज्य सरकार ने प्रदेश के विकासखण्डों में फूड पार्को की स्थापना के साथ ही खाद्य प्रसंस्करण नीति लागू की और इसके लिए एम.ओ.यू. निष्पादित भी किए। वनवासियों को वनोपज संग्रहण का वाजिब मूल्य दिलाने के लिए वनांचल पैकेज घोषित किया और उद्यमियों की मांग के अनुसार उन्हें सहायता मुहैया कराया जिससे प्रदेश में औद्योगिक विकास एक नया वातावरण विकसित हुआ है । राज्य सरकार ने पिछड़े तथा अति पिछड़े क्षेत्रों में वनोपज, हर्बल तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना को बढ़ावा देने के लिए औद्योगिक नीति 2019-24 में वनांचल उद्योग पैकेज घोषित किया गया है। जिसके तहत् इकाईयों को अधिकतम 2.50 करोड़ रूपये का स्थायी पूंजी निवेश अनुदान के साथ-साथ नेट एसजीएसटी सहित औद्योगिक नीति में घोषित सभी अनुदान दिया जा रहा है।इसी तरह राज्य सरकार द्वारा किसानों की आय को बढ़ाने के लिए खाद्य प्रसंस्करण को विशेष बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिये सरकार द्वारा प्रत्येक विकासखण्ड में फूडपार्क की स्थापना का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए 146 विकासखण्डों में से 110 विकासखण्डों में नवीन फूडपार्क की स्थापना भूमि का चिन्हांकन किया जा चुका है। ‘‘छत्तीसगढ़ राज्य खाद्य प्रसंस्करण मिशन‘‘ की अवधि को बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2024 तक कर दिया गया है। साथ ही राज्य शासन द्वारा 05 खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों से एम.ओ.यू. भी निष्पादित किए गए है, जिसमें दो इकाईयां उत्पादन में आ चुकी है। इनके माध्यम से राज्य में 283 करोड़ रूपये का निवेश तथा 2434 रोजगार प्रस्तावित है। इसके अलावा बस्तर क्षेत्र में लघु वनोपज आधारित 15 इकाईयों की स्थापना के लिए एम.ओ.यू. के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं जिनके माध्यम से 74 करोड़ रूपये का पूंजी निवेश तथा 1049 रोजगार प्रस्तावित है।किसानों को स्थानीय स्तर पर उनकी उपज का संपूर्ण मूल्य दिलवाने के लिए धान और गन्ने पर आधारित जैर्व इंधन-एथेनॉल उद्योगों के लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज जारी किया गया है। राज्य में अतिरिक्त धान द्वारा उत्पादित एवं शक्कर कारखानों के उत्पाद से बने एथेनॉल हेतु स्थापित इकाईयों को उच्च प्राथमिकता श्रेणी के तहत अनुदान दिया जा रहा है। इसके लिये कच्चे माल की खरीदी समर्थन मूल्य पर करना आवश्यक होगा। राज्य में एथेनॉल प्लांट हेतु 8 इकाइयों द्वारा प्रस्ताव प्राप्त हुए है। जिसमें से 5 निवेशकों द्वारा एम.ओ.यू. निष्पादित कर लिया गया है जिसके माध्यम से 647 करोड़ रूपए का निवेश तथा 683 रोजगार प्रस्तावित है। राज्य सरकार की पहल पर भारत सरकार द्वारा देश में मक्का से एथेनॉल (बायो-फ्यूल) बनाने की अनुमति भी जारी की गई है।उद्योगों में नवीन विचारधारा को समाहित करने तथा नव रोजगार सृजित करने छत्तीसगढ़ राज्य स्टार्ट-अप पैकेज को नीति में स्थान दिया गया है। इन स्टार्ट-अप्स को अन्य उद्योगों से अधिक सुविधाएं कम औपचारिकता के साथ प्रदान की जायेगी। राज्य में अब तक पंजीकृत स्टार्ट-अप की संख्या 504 है। अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति वर्ग के उद्यमियों को प्रोत्साहन देने हेतु उनके लिये विशेष औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज जारी किये गये हैं।कोर सेक्टर के मेगा उद्योगों को सहायता देने Be Spoke Policy की नवीन धारणा लायी गई है। जिसमें उद्योगों को उनके उत्पादन से लिंक कर आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। इसमें कुल परियोजना लागत का 60 प्रतिशत से 150 प्रतिशत तक अनुदान प्रदान किये जा रहे हैं उद्यमियों द्वारा स्थापित किये जाने वाले पात्र सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को उद्योग विभाग या सीएसआईडीसी के औद्योगिक क्षेत्रों में भू-आबंटन पर भू-प्रीमियम में अधिकतम 60 प्रतिशत तक का छूट प्रदान किया जा रहा है। उद्यमियों द्वारा बहुप्रतीक्षित भूमि हस्तांतरण शुल्क में कमी कर दी गयी है।राज्य शासन द्वारा एमएसएमई को पृथक रूप से परिभाषित किया गया तथा वृहद सेवा उद्यम की परिभाषा भी जारी की गई। निवेशकों की मांग के अनुसार स्थायी पूंजी निवेश अनुदान को सूक्ष्म तक सीमित न कर लघु व मध्यम श्रेणी के उद्योगों के लिये भी प्रावधानित किया गया है। निजी औद्योगिक पार्क की स्थापना हेतु बस्तर व सरगुजा के पहाड़ी क्षेत्रों में भूमि उपलब्धता की समस्या को देखते हुए वर्तमान नीति में इसे सरगुजा एवं बस्तर संभाग हेतु भूमि की न्यूनतम आवश्यकता को 20 एकड़ कर दिया गया है। इन सभी पहल के कारण दिसंबर 2018 से जनवरी, 2021 तक कुल 1207 उद्योगों की स्थापना हुई। राज्य के इन उद्योगों के माध्यम से कुल 16897 करोड़ रू. का पूंजी निवेश हुआ है तथा 22001 लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है। अब तक मेगा औद्योगिक परियोजनाओं हेतु कुल 104 एम.ओ.यू. निष्पादित किए गए हैं। इन इकाइयों का प्रस्तावित कुल पंूजी निवेश 42714.48 करोड़ रू. है, जिसके माध्यम से कुल 64094 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा।
- -छत्तीसगढ़ शासन की योजनाओं से मंदी बेअसररायपुर। छत्तीसगढ़ के ऑटोमोबाइल सेक्टर में लगातार रौनक बनी हुई है। प्रदेश में जनवरी 2020 के मुकाबले जनवरी 2021 में ज्यादा कारों की बिक्री हुई है। पिछले साल के जनवरी माह में जहां 4523 कारें प्रदेश में बिकीं थीं, वहीं इस साल जनवरी माह में 4644 कारों की बिक्री हुई है। यह संख्या बीते दिसम्बर माह में 4233 बिकी कारों की संख्या से भी अधिक है।गौरतलब है कि कोरोना संकट की वजह से देश में मंदी का माहौल है, लेकिन प्रदेश इसके प्रभाव से अछूता रहा है। इस दौरान प्रदेश के ऑटोमोबाइल सेक्टर के साथ ही अन्य सेक्टरों में लगातार वृद्धि दर्ज की गई है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ किसानों और वनवासियों की आय में बढ़ोतरी करने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा लागू की गई योजनाओं की वजह से यहां के बाजारों में रौनक बनी रही है। इस साल शासन ने समर्थन मूल्य पर 93 लाख मीटरिक टन से अधिक धान की खरीदी की है, जिससे पिछले 20 सालों की धान खरीदी का रिकार्ड टूट गया है। इसके साथ ही राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत 19 लाख किसानों को 10 हजार रुपए प्रति एकड़ के मान से 5750 करोड़ रुपए की आदान सहायता से लाभान्वित किया जा रहा है। इस योजना के तहत शासन ने चार किश्तों में सहायता राशि के भुगातन का निर्णय लिया था, जिसकी तीन किश्तों के 4500 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है।इसी तरह राज्य सरकार की गोधन न्याय योजना के तहत 02 रुपए किलो में गोबर की खरीदी किए जाने से भी गांवों में आय का नया जरिया विकसित हुआ है। शासन द्वारा अब तक 35 लाख क्विंटल से अधिक गोबर की खरीदी की जा चुकी है, इसके एवज में लगभग 72 करोड़ रुपए का भुगतान किसानों को किया जा चुका है। सुराजी गांव योजना के तहत गांव-गांव में 09 हजार 50 गोठानों का निर्माण स्वीकृत किया गया है, इनमें से 05 हजार 195 गोठानों का निर्माण पूरा हो चुका है। इन गोठानों को आजीविका केंद्र के रूप में विकसित कर वहां आयमूलक गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है, जिससे हजारों लोगों को रोजगार मिला है। इसी तरह कोरोना संकट के समय राज्य के वनक्षेत्रों में देश मं सर्वाधिक लघु वनोपजों का संग्रहण किया गया। इस दौरान देश में संग्रहित कुल लघु वनोपजों का 73 प्रतिशत अकेले छत्तीसगढ़ में संग्रहित हुआ। शासन ने न केवल लघु वनोपजों के मूल्य में बढ़ोतरी की, बल्कि समर्थन मूल्य पर बिकने वाले लघु वनोपजों की संख्या 07 से बढ़ाकर 52 कर दी। लॉकडाउन के दौरान प्रदेश ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत एक दिन 26 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने का भी रिकार्ड बनाया।
- नयी दिल्ली। खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर अब तक सरकार की धान खरीद 17.52 प्रतिशत बढ़कर 616.43 लाख टन हो गयी है। खाद्य मंत्रालय के अनुसार, सर्वाधिक खरीद पंजाब में की गई है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और राज्य एजेंसियां विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए खाद्यान्नों की खरीद का कार्य करती हैं और साथ ही किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का भुगतान सुनिश्चित करती हैं। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस साल सात फरवरी तक 616.43 लाख टन धान की खरीद हो चुकी थी और खरीद का काम ‘सुचारू रूप से' जारी है। बयान में कहा गया है, ‘‘यह पिछले वर्ष इसी अवधि की 524.52 लाख टन की खरीद के मुकाबले 17.52 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।'' धान की कुल खरीद में से, पंजाब ने अकेले 202.82 लाख टन का योगदान दिया है, जो कि कुल खरीद का 32.90 प्रतिशत है। इसके अलावा, सरकार ने अपनी नोडल एजेंसियों के माध्यम से एमएसपी मूल्य पर कुल 1,662.68 करोड़ रुपये के 3,08,783.12 टन मूंग, उड़द, अरहर, मूंगफली और सोयाबीन की खरीद की है जिससे तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा और राजस्थान के 1,67,362 करोड़ किसान लाभान्वित हुए हैं। कपास के मामले में, 26,519.75 करोड़ रुपये के 90.90 लाख गांठ की खरीद कह गई है, जिससे अब तक 18,78,824 किसानों को लाभ मिला है। बयान में कहा गया है कि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और कर्नाटक में कपास खरीद कार्य सुचारू रूप से चल रहा है।
- नई दिल्ली। आज सर्राफा बाजार में सोने और चांदी की कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई। आज सोने की कीमतों में लगातार पांच कारोबारी सत्रों से चली आ रही गिरावट के रुख पर ब्रेक लग गया। दिल्ली सर्राफा बाजार में दोनों बहुमूल्य धातुओं की कीमत में आज तेजी का रुख देखने को मिला।बहुमूल्य धातु के इंटरनेशनल मार्केट में तेजी के रुख के बीच राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को सोने की कीमत 94 रुपए की तेजी के साथ 46 हजार 877 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुई।चांदी भी हुई मजबूतखबर के मुताबिक, पिछले कारोबारी सत्र में सोना 46 हजार 783 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। चांदी की भी 340 रुपये के फायदे के साथ 68 हजार 391 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई, जो पिछले कारोबारी सत्र में 68 हजार 51 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर थी। इंटरनेशनल मार्केट में सोना मजबूती के साथ 1 हजार 815 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस हो गया और चांदी भी मजबूत होकर 27.16 डॉलर प्रति औंस हो गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा कि अमेरिका में रोजगार के निराशाजनक आंकड़े और वहां प्रोत्साहन पैकेज की उम्मीद के बीच सोने की कीमतों में तेजी रही।सोना वायदा कीमतों में उछालमजबूत हाजिर मांग के कारण कारोबारियों ने ताजा सौदों की लिवाली की जिससे वायदा कारोबार में सोमवार को सोना 94 रुपये की तेजी के साथ 47 हजार 350 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में अप्रैल महीने में डिलीवरी वाले सोना वायदा की कीमत 94 रुपये यानी 0.2 प्रतिशत की तेजी के साथ 47 हजार 350 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई. इसमें 13 हजार 709 लॉट के लिये कारोबार किया गया।चांदी वायदा कीमतों में तेजीमजबूत हाजिर मांग के चलते कारोबारियों ने अपने सौदों के आकार को बढ़ाया जिससे वायदा बाजार में सोमवार को चांदी वायदा कीमत 361 रुपये की तेजी के साथ 69 हजार 99 रुपये प्रति किलो हो गई। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में चांदी के मार्च महीने में डिलीवरी वाले अनुबंध की कीमत 361 रुपये यानी 0.53 प्रतिशत की तेजी के साथ 69 हजार 99 रुपये प्रति किलो हो गई जिसमें 13 हजार 39 लॉट के लिए कारोबार हुआ।
- नई दिल्ली। सरकारी क्षेत्र की टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने बीते इस महीने से अपने 199 रुपये के प्लान में बदलाव कर दिया है। बीएसएनएल चेन्नई ने ट्वीट कर ये जानकारी शेयर की है। इसके मुताबिक, इस प्लान में यूजर्स को अब पहले से ज्यादा सुविधाएं मिल रही हैं।खबर के मुताबिक, अब इस प्लान में आपको फ्री वॉयस कॉल फॉर्वर्डिंग फैसिलिटी भी शामिल किया हैं। इसमें यूजर्स को फेयर यूसेज पॉलिसी के अनलिमिटेड ऑफ नेट और ऑन नेट वॉयस कॉल मिलेंगे। पहले इस प्लान में 300 मिनट ऑफ नेट कॉल्स मिलते थे। इस प्लान में मंथली डेटा और रोलओवर सुविधा भी मिलती है। बता दें, फ्री वॉयस कॉल फॉर्वर्डिंग फैसिलिटी लैंडलाइन सहित दूसरे नंबर पर भी मिलेगी।बीएसएनएस के 199 रुपये के प्लान में 25 जीबी मंथली डेटा और 75 जीबी तक डेटा रोल ओवर तक की सुविधा मिलती हैैं। डेटा रोल ओवर यानी तय लिमिट के बाद इंटरनेट आगे बढ़ जाएगौं। इसमें हर रोज 100 एसएमएस भी फ्री मिलते हैंैं। वहीं ऑनलाइन कॉलिंग का फायदा होम नेटवर्क के अलावा नेशनल रोमिंग और एमटीएनएल रोमिंग में भी मिलेगा। बीएसएनएल ने समय-समय पर कई प्लान को अपडेट किया है। हाल में दिसंबर में ही कंपनी ने 1999 रुपये के प्लान में भी बदलाव किए हैं।--
- नई दिल्ली। प्रमुख आईटी कंपनी एचसीएल टेक्नोलॉजीज ने 10 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग 72 हजार 800 करोड़ रुपये) की आय हासिल करने उपलक्ष्य में सोमवार को अपने कर्मचारियों को एकमुश्त 700 करोड़ रुपये से अधिक का विशेष बोनस देने की घोषणा की।एचसीएल टेक ने एक बयान में कहा कि फरवरी 2021 में कर्मचारियों को विशेष बोनस का भुगतान किया जाएगा, और इसका प्रभाव कंपनी द्वारा पिछले महीने बताए गए वित्त वर्ष 2020-21 के ईबीआईटी (ब्याज और कर पूर्व आय) पूर्वानुमानों में शामिल नहीं है। एचसीएल टेक्नोलॉजीज ने कहा कि वह 2020 में 10 अरब अमरीकी डालर के आय स्तर को पार करने के उपलक्ष्य में दुनिया भर में अपने कर्मचारियों को एकमुश्त विशेष बोनस जारी कर रही है , जिसकी कुल राशि 700 करोड़ रुपये से अधिक है। बयान में कहा गया, इस खुशी के अवसर पर एक साल या उससे अधिक सेवा वाले सभी कर्मचारियों को दस दिनों के वेतन के बराबर बोनस मिलेगा। एचसीएल टेक्नोलॉजीज के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी अप्पाराव वी वी ने कहा कि महामारी के बावजूद एचसीएल परिवार के प्रत्येक सदस्य ने अपनी जोरदार प्रतिबद्धता और जुनून को दर्शाया और संगठन के विकास में योगदान दिया।
- मुंबई। सकारात्मक वैश्विक संकेतों के बीच आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और एमएंडएम जैसे बड़े शेयरों में तेजी के चलते प्रमुख शेयर सूचकांक सेंसेक्स सोमवार को शुरुआती कारोबार के दौरान 600 अंक से अधिक चढ़कर सर्वकालिक उच्च स्तर ऊंचाई पर पहुंच गया।इस दौरान 30 शेयरों पर आधारित बीएसई सूचकांक 668.36 अंक या 1.32 प्रतिशत बढ़कर 51.199.99 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। इसी तरह व्यापक एनएसई निफ्टी 192.55 अंक या 1.29 प्रतिशत बढ़कर 15,116.80 के अपने सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया।सेंसेक्स में सबसे अधिक 10 प्रतिशत की तेजी महिंद्रा एंड महिंद्रा (एमएंडएम) रही। इसके अलावा एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, इंडसइंड बैंक, एसबीआई और बजाज फाइनेंस बढऩे वाले प्रमुख शेयरों में शामिल थे। दूसरी ओर एनटीपीसी और बजाज ऑटो लाल निशान में थे।पिछले सत्र में सेंसेक्स 117.34 अंक या 0.23 प्रतिशत बढ़कर 50,731.63 पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 28.60 अंक या 0.19 प्रतिशत की बढ़त के साथ 14,924.25 बंद हुआ। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) पूंजी बाजार में शुद्ध खरीदार थे और शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक उन्होंने शुक्रवार को सकल आधार पर 1,461.71 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। इस बीच वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.55 प्रतिशत बढ़कर 59.89 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।
- नई दिल्ली। यदि आप भी मारुति सुजुकी इंडिया की कारों के शौकीन हैं और नई कार खरीदन का प्लान कर रहे हैं, तो यह कंपनी अपनी 10 कारों पर जबरदस्त छूट दे रही है।कंपनी द्वारा फरवरी 2021 में एरिना रेंज की कारों पर आकर्षक छूट की पेशकश की गई है। ऑटो निर्माता ने पिछले महीने अपने वाहनों की कीमत में अच्छी-खासी बढ़ोतरी की थी। कंपनी की तरफ से दी जा रही ये छूट खरीदारों को नई कार खरीदने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। आइये जाने कि यह कंपनी अपनी किस कार पर कितना छूट दे रही है।मारुति आल्टोमारुति सुजुकी अपनी सबसे लोकप्रिय हैचबैक कार मारुति ऑल्टो को फरवरी के महीने में खरीदने पर कंपनी 20 हजार रुपये तक की नकद छूट दे रही है। इसके साथ ही इस कार पर 15 हजार रुपये का एक्सचेंज बोनस भी मिल रहा है। इसके साथ ही ग्राहक 4 हजार रुपये का कॉरपोरेट बोनस का भी लाभ उठा सकते हैं।माइक्रो-एसयूवी' एस-प्रेसोमारुति अपनी 'माइक्रो-एसयूवी' एस-प्रेसो को फरवरी में खरीदने पर 25 हजार रुपये की छूट दे रही है। जबकि इस कार पर 20 हजार रुपये मूल्य का एक्सचेंज बोनस दिया जा रहा है। और 4 हजार रुपये का कॉरपोरेट बोनस भी मिल रहा है।मारुति वैगन-आरमारुति वैगन-आर को पेट्रोल वेरिएंट पर 8 हजार रुपये और सीएनजी मॉडल पर 13 हजार रुपये की नकद छूट के साथ पेश किया जा रहा है। इसके साथ ही इस कार के सभी वेरिएंट्स पर 15 हजार रुपये का एक्सचेंज बोनस दिया जा रहा है। इस कार पर 4 हजार रुपये का कॉरपोरेट बोनस भी मिल रहा है।मारुति सेलेरियोमारुति सेलेरियो कार पर 20 हजार रुपये की नगद छूट के साथ उपलब्ध है। मारुति अपनी इस कार पर 20 हजार रुपये मूल्य का एक्सचेंज बोनस भी दे रही है। इस कार की खरीद पर भी 4 हजार रुपये का कॉरपोरेट बोनस मिल रहा है।मारुति सेलेरियोकंपनी की मल्टीपर्पस वैन ईको को फरवरी के महीने में खरीदने पर, 20 हजार रुपये की नकद छूट और 20 हजार रुपये का एक्सचेंज बोनस मिल रहा है। इसके साथ ही कंपनी ईको वैन पर 4 हजार रुपये का कॉरपोरेट बोनस भी दे रही है।मारुति स्विफ्टकंपनी की सबसे ज्यादा बिकने वाली सब-कॉम्पैक्ट हैचबैक मारुति स्विफ्ट पर 10 हजार रुपये की नकद छूट मिल रही है। इस कार पर भी कंपनी 20 हजार का एक्सचेंज बोनस दे रही है। इसके साथ ही स्विफ्ट में 4 हजार रुपये का कॉरपोरेट बोनस मिलेगा।मारुति विटारा ब्रेजाकंपनी अपनी लोकप्रिय एसयूवी मारुति विटारा ब्रेजा पर 10 हजार रुपये की नकद छूट मिल रही है। जबकि इस एसयूवी पर 20 हजार रुपये का एक्सचेंज बोनस दिया जा रहा है। मारुति विटारा ब्रेजा पर भी कंपनी 4 हजार रुपये का कॉरपोरेट बोनस दे रही है।मारुति अर्टिगामारुति अर्टिगा पर कंपनी कोई नकद छूट या एक्सचेंज बोनस ऑफर नहीं कर रही है। हालांकि ग्राहक फरवरी महीने में मारुति अर्टिगा की खरीद पर 4 हजार रुपये के कॉरपोरेट बोनस का फायदा ले सकते हैं।
- -लिंक करने की 31 मार्च है आखिरी तारीखनई दिल्ली। अगर अभी तक आपने आधार से पैन कार्ड को लिंक नहीं कराया है तो आपको अलर्ट होने की जरूरत है। 31 मार्च 2021 तक अगर आप अपने पैन कार्ड को आधार से लिंक नहीं कराते हैं, तो आपको भारी जुर्माना चुकाना पड़ सकता है।आधार से पैन कार्ड लिंक कराने की अंतिम तारीख 31 मार्च 2021 है। लिंक न होने की स्थिति में नियमानुसार आपको 10 हजार रुपये का जुर्माना भर पड़ेगा।कैसे चेक करें आधार से पैन लिंक है या नहींइंकम टैक्स डिपॉर्टमेंट की ऑफिशियल वेबसाइट incometaxindiaefiling.gov.in पर विजिट करेंबाएं साइड क्विक लिंक के विकल्प में लिंक आधार पर क्लिक करेंएक नये पेज पर क्लिक हियर का हाइपरलिंक्ड ऑप्शन मिलेगा, उसे क्लिक करें। नए पेज पर आप से पैन और आधार कार्ड का लिंक मांगा जाएगा। जरूरी जानकारी दर्ज करने के बाद आपका पैन कार्ड, आधार से लिंक है या नहीं आपको पता चल जाएगा।आधार से पैन लिंक कैसे करेंइंकम टैक्स डिपॉर्टमेंट की ऑफिशियल वेबसाइट incometaxindiaefiling.gov.in पर विजिट करें। लिंक आधार के विकल्प को चुनें। नए पेज पर आपसे पैन नंबर, आधार नंबर और नाम जैसे डिटेल्स मांगे जाएंगे। डिटेल्स और कैप्चा कोड भरने के बाद सबमिट बटन पर क्लिक करें। रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आधार से पैन लिंक होने की सूचना आ जाएगी। इस पूरी प्रक्रिया में आपको वेबसाइट पर लॉगिन करने की जरूरत नहीं है।
- नयी दिल्ली। देश का कोयला आयात दिसंबर में 15.1 प्रतिशत बढ़कर 2.36 करोड़ टन पर पहुंच गया। इससे पिछले साल समान महीने यह 2.05 करोड़ टन रहा था। एमजंक्शन सर्विसेज के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार दिसंबर में नॉन-कोकिंग कोयले का आयात 1.56 करोड़ टन रहा, जो दिसंबर, 2019 में 1.42 करोड़ टन रहा था। इसी तरह कोकिंग कोयले का आयात बढ़कर 53.6 करोड़ टन पर पहुंच गया, जो इससे पिछले साल समान महीने में 44.7 करोड़ टन रहा था। हालांकि, चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-दिसंबर की अवधि के दौरान देश का कोयला आयात 13.5 प्रतिशत घटकर 16.07 करोड़ टन पर आ गया। इससे पिछले वित्त वर्ष के पहले नौ माह में कोयला आयात 18.58 करोड़ टन रहा था। अप्रैल-दिसंबर में नॉन-कोकिंग कोयले का आयात घटकर 10.70 करोड़ टन रहा, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 12.82 करोड़ टन रहा था।
- नयी दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि नयी नीति के तहत नया वाहन खरीदते समय अपने पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को ‘कबाड़' (स्क्रैप) करने का विकल्प चुनने वाले खरीदारों को कई लाभ दिए जाएंगे। इस नीति को काफी प्रोत्साहन देने वाला करार देते हुए गडकरी ने कहा कि इससे आने वाले वर्षों में भारतीय वाहन उद्योग का कारोबार 30 प्रतिशत बढ़कर 10 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगा। बजट 2021-22 में स्वैच्छिक वाहन कबाड़ नीति की घोषणा की गई है। माना जा रहा है कि इससे वाहन उद्योग को कोविड-19 महामारी के प्रतिकूल प्रभाव से उबरने में मदद मिलेगी। स्वैच्छिक वाहन कबाड़ नीति के तहत व्यक्तिगत या निजी वाहनों का 20 साल में और वाणिज्यिक वाहनों का 15 साल में ‘फिटनेस टेस्ट' होगा। गडकरी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘अपने वाहनों को कबाड़ करने का विकल्प चुनने वाले ग्राहकों को विनिर्माताओं से कुछ लाभ दिया जाएगा। वास्तव में कबाड़ नीति फायदेमंद साबित होगी। इससे न केवल अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा, बल्कि वाहन उद्योग को भी फायदा होगा और साथ ही वाहनों का प्रदूषण कम करने में भी मदद मिलेगी।'' उन्होंने कहा कि वह जल्द इस नीति के ब्योरे को जारी करेंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में वाहन उद्योग सबसे ज्यादा रोजगार देने वाले क्षेत्रों में शामिल होगा। यह पूछे जाने पर कि यह नीति स्वैच्छिक है ऐसे में यदि कुछ लोग इसके विकल्प को नहीं चुनते हैं, तो उनको हतोत्साहित करने के क्या उपाय किए गए हैं, गडकरी ने कहा कि इसमे हरित कर और अन्य शुल्कों का प्रावधान है। ऐसे वाहनों को कड़े ऑटोमेटेड फिटनेस परीक्षण से भी गुजरना होगा। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग सचिव गिरिधर अरमाने ने कहा कि अंशधारकों के साथ विचार-विमर्श के बाद इस नीति के तहत प्रोत्साहनो पर काम किया जा रहा है।
- नयी दिल्ली। कुछ कलपुर्जों पर सीमा शुल्क में वृद्धि किये जाने से बल्ब सहित एलईडी लाइट उत्पादों की कीमतें 5-10 प्रतिशत तक बढ़ सकती हैं। घरेलू विनिर्माताओं ने इसकी जानकारी दी। हालांकि, उन्होंने कहा कि वे सरकार से इस मुद्दे के तत्काल हल की मांग कर रही हैं। इलेक्ट्रिक लैंप एंड कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (एल्कोमा) के अध्यक्ष सुमित जोशी ने कहा, सरकार के एलईडी लाइट उत्पादों के विनिर्माण के लिये इनपुट और कल-पुर्जों पर शुल्क बढ़ाने के फैसले से स्थानीय रूप से निर्मित प्रकाश उत्पादों के लिये अल्पावधि में मूल्य वृद्धि होगी। ऐसा इसलिये है क्योंकि अभी भारत में स्थानीय घटकों की कमी के कारण लगभग सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का आयात किया जाता है।'' एल्कोमा ने कहा कि एलईडी लाइट बनाने में इस्तेमाल होने वाले ड्राइवर व एमसीपीसीबी सहित घटकों के आयात पर सीमा शुल्क में 5 से 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी के बाद स्थानीय रूप से निर्मित सामानों की कीमतें बढ़ जाएंगी। जोशी सिग्नेचर इनोवेशंस इंडिया (जिसे पहले फिलिप्स लाइटिंग इंडिया के नाम से जाना जाता था) के उपाध्यक्ष व प्रबंध निदेशक भी हैं। हैवेल्स इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं एसबीयू प्रमुख पराग भटनागर ने कहा कि इस निर्णय ने उद्योग को चकित किया है। यह गलत दिशा में उठाया गया कदम है, क्योंकि शुल्क में वृद्धि से घरेलू विनिर्माण को कोई मदद और प्रोत्साहन नहीं मिल रहा है।
- नई दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने एटीएम इस्तेमाल को लेकर कुछ नए नियम जारी किए हैं। कुछ लोगों के साथ कई बार ऐसा हुआ होगा जब ए़टीएम से कैश निकालते समय कम बेलैंस होने की वजह से ट्रांजेक्शन फेल हो गया हो। पहले इस पर एसबीआई कोई एक्शन नहीं लेता था। लेकिन अब यह गलती भारी पड़ेगी।एसबीआई के नए नियमों के मुताबिक अगर आपने खाते में जमा रकम से ज्यादा कैश एटीएम से निकालने की कोशिश की तो आपको 20 रुपये और जीएसटी बतौर जुर्माना देना होगा। भले ही आपसे गलती से हुआ हो लेकिन आपको जुर्माना भरना पड़ेगा। अगर किसी और वजह से ट्रांजेक्शन फेल हुआ तो एसबीआई चार्ज नहीं वसूलेगा।इसलिए जुर्माने से बचने के लिए सबसे पहला तरीका ये है कि आप अपने खाते में जमा राशि की जानकारी रखें। अगर जानकारी नहीं है तो अकाउंट बैलेंस जानने के लिए एसबीआई की बेलेंस चेक सर्विस का इस्तेमाल करें जिसकी जानकारी एसबीआई ने ट्वीट के जरिए दी है। कस्टमर केयर पर कॉल करके भी बैलेंस पता किया जा सकता है। ्रएटीएम से कैश निकालने से पहले भी बैलेंस चेक किया जा सकता है। अगर आप ऑनलाइन एसबीआई इस्तेमाल करते हैं तो वहां से भी जानकारी ली जा सकती है। इसके अलावा तो गूगल पे या फोन पे ऐप पर भी बेलैंस चेक किया जा सकता है। एसबीआई के मेट्रो सिटी के ग्राहकों को महीने के 8 फ्री एटीएम ट्रांजैक्शन मिलते हैं। 5 एसबीआई एटीएम से और 3 अन्य बैंकों के एटीएम से। वहीं नॉन-मेट्रो सिटी ग्राहकों के लिए ये सीमा 10 फ्री एटीएम ट्रांजैक्शन की है। 5 एसबीआई एटीएम से और 5 अन्य बैंकों के ्रएटीएम से। इससे ज्यादा लेन-देन करने पर बैंक को चार्ज देना पड़ता है।