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मुंबई। भारत में विदेशी-स्वामित्व वाली परिसंपत्तियां सितंबर तिमाही में 37.3 अरब डॉलर तक बढ़ गईं जबकि भारतीय नागरिकों की विदेशी परिसंपत्तियों में 31.9 अरब डॉलर की ही बढ़त हुई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के शुक्रवार को भारत की अंतरराष्ट्रीय निवेश स्थिति (आईआईपी) के बारे में जारी आंकड़ों के मुताबिक जुलाई-सितंबर तिमाही में देनदारियां 1,258.9 अरब डॉलर रहीं जबकि अप्रैल-जून तिमाही में यह 1,221.6 अरब डॉलर थी। सितंबर 2021 के अंत में परिसंपत्तियां 927.1 अरब डॉलर रहीं जो जून तिमाही के 895.2 अरब डॉलर से अधिक है। आरबीआई ने कहा, "भारत में विदेशी स्वामित्व वाली परिसंपत्तियां 37.3 अरब डॉलर बढ़ गईं। इसकी तुलना में भारतीय निवासियों की विदेशी वित्तीय परिसंपत्तियां 31.9 अरब डॉलर ही बढ़ीं। इसका करीब तीन-चौथाई हिस्सा आरक्षित परिसंपत्तियों में आया।" आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई-सितंबर तिमाही में अनिवासियों का भारत पर शुद्ध दावा 5.4 अरब डॉलर बढ़ गया। अंतरराष्ट्रीय देनदारियों के अनुपात में अंतरराष्ट्रीय परिसंपत्तियां क्रमिक रूप से सुधार की राह पर हैं। जुलाई-सितंबर 2021 में यह अनुपात 73.6 फीसदी था जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 70.4 फीसदी रहा था। - नयी दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की नीति-निर्धारक संस्था जीएसटी परिषद ने कई राज्यों की आपत्तियों को ध्यान में रखते हुए कपड़ा उत्पादों पर शुल्क की दर को पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने के फैसले को टाल दिया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई जीएसटी परिषद की 46वीं बैठक में कपड़ा उत्पादों पर दर में वृद्धि को एक जनवरी 2022 से लागू नहीं करने का फैसला किया गया। सितंबर में इसे पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने का फैसला लिया गया था। सीतारमण ने परिषद की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि कपड़ा उत्पादों पर शुल्क वृद्धि के फैसले को टालने का निर्णय लिया गया है। कपड़ा उत्पादों पर पहले की तरह पांच फीसदी की ही दर से शुल्क लगेगा। उन्होंने कहा कि जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए गठित राज्यों के वित्त मंत्रियों के समूह को कपड़ों पर शुल्क की दर के बारे में विचार करने को कहा गया है। मंत्री समूह को फरवरी 2022 के अंत तक अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है। कपड़ों के साथ जूता-चप्पल (फुटवियर) पर भी एक जनवरी से शुल्क वृद्धि का फैसला हुआ था। लेकिन इस पर शुल्क टालने के अनुरोध को नहीं माना गया। इसका मतलब है कि जूता-चप्पल पर एक जनवरी से 12 फीसदी की दर से शुल्क लगेगा। दरअसल गुजरात, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, राजस्थान एवं तमिलनाडु समेत समेत कई राज्य कपड़ा उत्पादों पर जीएसटी दर बढ़ाने का विरोध कर रहे थे। उनका कहना था कि इस फैसले का आम आदमी एवं कारीगरों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। आंध्र प्रदेश के वित्त मंत्री बुग्गना राजेंद्रनाथ रेड्डी ने कहा कि परिधान, वस्त्रों एवं कपड़ा उत्पादों पर जीएसटी लागू होने को लेकर स्पष्टता नहीं है। इसके अलावा नाइलॉन एवं सूती धागे के अलावा मानव-निर्मित एवं प्राकृतिक धागे पर लागू होने वाली दर को लेकर भी स्पष्टता का अभाव है। फिलहाल मानव-निर्मित रेशे पर 18 फीसदी की दर से जीएसटी लगता है जबकि इससे बने धागे पर दर 12 फीसदी और कपड़े के मामले में पांच फीसदी कर लगता है। जीएसटी परिषद की 17 सितंबर को हुई पिछली बैठक में तय किया गया था कि कपड़ों के अलावा जूता-चप्पल पर एक जनवरी 2022 से 12 फीसदी की दर से जीएसटी लगेगा।
- नयी दिल्ली।मजबूत वैश्विक संकेतों के अनुरूप राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में शुक्रवार को सोना 144 रुपये की तेजी के साथ 46,874 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 46,730 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।चांदी की कीमत भी 664 रुपये की तेजी के साथ 61,015 रुपये प्रति किलो पर बंद हुई। पिछले कारोबारी सत्र में यह 60,351 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना लाभ के रुख के साथ 1,816 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था, जबकि चांदी 23.15 डॉलर प्रति औंस पर लगभग अपरिवर्तित रही। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, ‘‘न्यूयॉर्क स्थित जिंस एक्सचेंज कॉमेक्स में शुक्रवार को हाजिर सोने की कीमत मजबूत होकर 1,816 डॉलर प्रति औंस पहुंच गयी। इससे सोने में तेजी आई।
- नयी दिल्ली। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला ने शुक्रवार को कहा कि एसआइआई ने कोविशील्ड के पूर्ण बाजार प्राधिकार के लिए भारतीय प्राधिकारियों के समक्ष आवेदन किया है और उल्लेख किया है कि कोविड-19 रोधी टीके की आपूर्ति 125 करोड़ खुराकों को पार कर गयी है। बाजार प्राधिकार किसी औषधीय उत्पाद जैसे कि दवा को उसके विपणन के संबंध में सहयोग देने के सबूत के तौर पर समीक्षा करने की प्रक्रिया है जिसके तहत उसे बेचे जाने का लाइसेंस दिया जाता है। एसआईआई ने भारत सरकार को टीके की आपूर्ति के लिए कोविशील्ड के निर्माता एस्ट्राजेनेका के साथ साझेदारी की थी। भारत सरकार ने इस साल जनवरी में इसके देश में आपात उपयोग की मंजूरी दी थी। पूनावाला ने केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सिडस्को) और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को टैग करते हुए ट्वीट किया, ‘‘भारत में कोविशील्ड टीके की आपूर्ति 1.25 अरब खुराकों को पार कर गयी है। भारत सरकार के पास पूर्ण बाजार प्राधिकार के लिए पर्याप्त आंकड़ें हैं और इसलिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने इस अनुमति के लिए डीसीजीआई और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में आवेदन दिया है।
- मुंबई। आईसीआईसीआई बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचडीएफसी बैंक जैसे बड़े शेयरों में बढ़त तथा एशियाई बाजारों से मिलेजुले संकेतों के चलते प्रमुख शेयर सूचकांक सेंसेक्स शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में 350 अंक से अधिक चढ़ा गया।इस दौरान 30 शेयरों वाला सूचकांक 364.54 अंक या 0.63 फीसदी की तेजी के साथ 58,158.86 पर था। इसी तरह निफ्टी 104.05 अंक या 0.60 फीसदी बढ़कर 17,308 पर पहुंच गया।सेंसेक्स में सबसे अधिक दो प्रतिशत से ज्यादा की बढ़त टाइटन में हुई। इसके अलावा एक्सिस बैंक, कोटक बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट, आईसीआईसीआई बैंक, एम ऐंड एम, रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचडीएफसी बैंक भी बढ़त दर्ज करने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल थे।दूसरी ओर एनटीपीसी, टेक महिंद्रा, इंडसइंड बैंक और इंफोसिस लाल निशान में आ गए।पिछले सत्र में सेंसेक्स 12.17 अंक यानी 0.02 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,794.32 अंक पर बंद हुआ था। इसी प्रकार, एनएसई निफ्टी 9.65 अंक यानी 0.06 प्रतिशत के नाममात्र नुकसान के साथ 17,203.95 अंक पर बंद हुआ। शेयर बाजार में उपलब्ध आंकड़े के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने गुरुवार को 986.32 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।इस बीच अंतरराष्ट्रीय तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.80 प्रतिशत बढ़कर 78.89 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर पहुंच गया।
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नयी दिल्ली। आयकर विभाग ने बुधवार को कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अब तक पांच करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल किए जा चुके हैं। विभाग व्यक्तिगत करदाताओं के लिए वित्त वर्ष 2020-21 का आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख को पहले ही पांच महीने बढ़ाकर 31 दिसंबर, 2021 कर चुका है। आयकर विभाग ने अपने ट्वीट में कहा कि बुधवार शाम पांच बजकर 45 मिनट तक पांच करोड़ से भी अधिक रिटर्न दाखिल किए जा चुके हैं। रिटर्न जमा करने की समयसीमा नजदीक आने के साथ आईटीआर की संख्या तेजी से बढ़ रही है। वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 5.95 करोड़ आईटीआर दाखिल किए गए थे जिसके लिए 10 जनवरी, 2021 तक समयसीमा बढ़ाई गई थी। आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2019-20 का आईटीआर जमा करने वाले करदाताओं को राहत देते हुए कहा है कि रिटर्न का ई-सत्यापन नहीं करने वाले करदाता 28 फरवरी, 2022 तक यह काम पूरा कर सकते हैं। -
नयी दिल्ली। भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने अपनी डिजिटल पहुंच बढ़ाने के लिए ‘डिजि जोन' की शुरुआत की है। एलआईसी ने बुधवार को जारी बयान में कहा, ‘‘प्रौद्योगिकी केंद्रित जीवन बीमा कंपनी बनने के मकसद से वह परिसरों में स्थापित कियोस्क के जरिये अपने उत्पादों और सेवाओं की जानकारी देगी।'' उपभोक्ता एलआईसी डिजि जोन के जरिये पॉलिसी खरीद सकते हैं, प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं और अन्य सेवाएं ले सकते हैं। बयान में कहा गया है कि कंपनी तेज वृद्धि का लाभ लेने, उपभोक्ताओं के संतुष्टीकरण में सुधार आदि के लिए डिजिटल बदलाव को तैयार हो रही है। -
नयी दिल्ली। नियो बैंकिंग स्टार्टअप जूपिटर ने टाइगर ग्लोबल और सिकोया कैपिटल की अगुवाई में विभिन्न निवेशकों से श्रृंखला-सी वित्तपोषण दौर में 641.40 करोड़ रुपये (8.6 करोड़ डॉलर) जुटाए हैं। जूपिटर ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि वित्तपोषण के इस दौर के बाद उसका मूल्यांकन 5,302 करोड़ रुपये या 71.1 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया है। साधारण भाषा में कहा जाए, तो नियो बैंक डिजिटल बैंक होते हैं और इनकी शाखाएं नहीं होतीं। वित्तपोषण के इस दौर में टाइगर ग्लोबल, सिकोया इंडिया और अमेरिका स्थित उद्यम कोष क्यूईडी इन्वेस्टर्स के अलावा मौजूदा निवेशकों मसलन मैट्रिक्स पार्टनर्स इंडिया ने भाग लिया। - नयी दिल्ली। सरकार ने मार्च 2021 में समाप्त होने जा रहे वित्त वर्ष 2020-21 के लिए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का वार्षिक रिटर्न भरने की समयसीमा दो महीने बढ़ा दी है। अब कारोबारी 28 फरवरी तक रिटर्न दाखिल कर सकेंगे। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमाशुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने बुधवार देर रात को ट्वीट करके यह जानकारी दी। इसमें बताया गया, ‘‘वित्त वर्ष 2020-21 के लिए फॉर्म जीएसटीआर-9 में वार्षिक रिटर्न भरने और फॉर्म जीएसटीआर-9सी में स्व-प्रमाणित समाधान विवरण प्रस्तुत करने की नियत तिथि 31 दिसंबर 2021 से बढ़ाकर 28 फरवरी 2022 कर दी गई है।’’ जीएसटीआर-9 वार्षिक रिटर्न होता है जो जीएसटी के तहत पंजीकृत करदाताओं को प्रति वर्ष दाखिल करना होता है।
- नयी दिल्ली। बजाज हाउसिंग फाइनेंस ने बुधवार को एक नई त्योहारी पेशकश की घोषणा करते हुए कहा कि वह बेहतर क्रेडिट स्कोर वाले लोगों को कम से कम 6.65 प्रतिशत की दर से आवास ऋण देगी। बजाज फाइनेंस की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी बजाज हाउसिंग फाइनेंस ने कहा कि उद्योग में पहली बार हाउसिंग फाइनेंस कंपनी (एचएफसी) पात्र घर खरीदारों को अपने आवास ऋण की दरों को रेपो दर से जोड़ने का विकल्प दे रही है। कंपनी ने कहा कि इससे उन्हें आरबीआई की तरफ से दरों में की जाने वाली कमी का फायदा मिल सकेगा।कंपनी ने कहा कि आवास ऋण की इस घटी हुई दर का लाभ उठाने के लिए कम से कम 800 का सिबिल स्कोर होना चाहिए। हालांकि, 750 और 799 के बीच क्रेडिट स्कोर वाले भी प्रतिस्पर्धी दर पर आवास ऋण पा सकते हैं।
- मुंबई। बजाज ऑटो लिमिटेड 300 करोड़ रुपये के निवेश से पुणे के अकुर्दी में एक इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण इकाई स्थापित करेगी। कंपनी ने बुधवार को यह जानकारी दी। कंपनी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि इस कारखाना के लिए काम शुरू हो चुका है, जिसमें सालाना 5,00,000 इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) का उत्पादन करने और घरेलू तथा निर्यात दोनों बाजारों की मांगों को पूरा करने की क्षमता होगी। पांच लाख वर्ग फुट के क्षेत्र में फैली नयी इकाई का पहला वाहन जून 2022 तक आने की उम्मीद है। इकाई में लगभग 800 लोगों को रोजगार मिलेगा। अकुर्दी मूल रूप से चेतक स्कूटर फैक्ट्री की जगह है।बजाज ऑटो के प्रबंध निदेशक राजीव बजाज ने कहा, ‘‘यह हमारे उस विश्वास को दर्शाता है कि सतत शहरी परिवहन व्यवस्था के लिए हल्के इलेक्ट्रिक वाहन एक ऐसा विचार है जिसका आखिरकार समय आ गया है।-
- नयी दिल्ली। होटल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने नए साल के लिए अपने अनुमान में कहा है कि कोविड-19 के नए स्वरूप ओमीक्रोन के डर से कारोबारी यात्राओं में कमी के चलते जनवरी-मार्च के दौरान बुकिंग प्रभावित हो सकती है। होटल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के महासचिव एम पी बेजबरुआ ने कहा, ‘‘इस समय ओमीक्रोन के डर के कारण कारोबारी यात्रियों के बीच धारणा कमजोर है और इससे जनवरी-मार्च 2022 तिमाही के दौरान बुकिंग पर असर पड़ सकता है।'' उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 भारत में होटल उद्योग के लिए उम्मीद और कुछ हद तक सुधार का वर्ष रहा है। बेजबरुआ ने कहा, ‘‘एक तेज टीकाकरण अभियान के साथ स्थानीय प्रतिबंधों में ढील देने और होटलों द्वारा सुरक्षा तथा स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए सख्त प्रोटोकॉल लागू करने से यात्रियों को बड़ी राहत और आत्मविश्वास मिला है।
- नयी दिल्ली। बहुमूल्य धातुओं की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में गिरावट के अनुरूप राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में बुधवार को सोना 216 रुपये की हानि के साथ 47,010 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 47,226 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।चांदी की कीमत भी 179 रुपये की गिरावट के साथ 61,348 रुपये प्रति किलो पर बंद हुई। पिछले कारोबारी सत्र में यह 61,527 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना गिरावट के रुख के साथ 1,804 डॉलर प्रति औंस रह गया, जबकि चांदी 23.07 डॉलर प्रति औंस पर लगभग अपरिवर्तित रही। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, ‘‘न्यूयॉर्क स्थित जिंस एक्सचेंज कॉमेक्स में बुधवार को हाजिर सोने की कीमत कमजोर होकर 1,804 डॉलर प्रति औंस रह गयी। डॉलर के मजबूत होने के कारण भी इस बहुमूल्य धातु की कीमतों पर दबाव रहा।''
- मुंबई। रिजर्व बैंक ने कहा है कि आर्थिक गतिविधियों में पुनरुद्धार के बीच सहकारी बैंक अपनी जुझारू क्षमता और वित्तीय स्थिति में हालिया सुधारों के जरिये अपनी पहुंच बढ़ा सकते हैं। केंद्रीय बैंक की मंगलवार को जारी 'भारत में बैंकिंग का रुझान और प्रगति 2020-21' रिपोर्ट के मुताबिक, सहकारी बैंकिंग खंड- शहरी और ग्रामीण दोनों- कोविड-19 महामारी के दौरान मजबूत बना रहा। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘आगे आर्थिक गतिविधियों में पुनरुद्धार के बीच उम्मीद की जाती है कि यह क्षेत्र अपनी जुझारू क्षमता और हाल में वित्तीय स्थिति में आए सुधार के बल पर अपनी पहुंच का दायरा बढ़ा सकता है।'' रिपोर्ट कहती है कि हालांकि 2020-21 में शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) का बही-खाता देनदारी पक्ष में जमा की वजह से बढ़ा है, लेकिन साथ ही इसे सुस्त ऋण वृद्धि और संपत्ति पक्ष में निवेश में तेजी से भी मदद मिली है। शहरी सहकारी बैंकों की पूंजी और मुनाफे की स्थिति में सुधार आया है। रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रामीण सहकारी समितियों में, राज्य सहकारी बैंकों और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों की लाभप्रदता सुधरी है लेकिन उनकी संपत्ति की गुणवत्ता में गिरावट आई है। इसमें कहा गया है कि आगे चलकर संरचनात्मक सुधारों से सहकारी बैंकों के परिचालन में बदलाव आने की उम्मीद है।-
- मुंबई। रिजर्व बैंक ने कहा है कि आर्थिक गतिविधियों में पुनरुद्धार के बीच सहकारी बैंक अपनी जुझारू क्षमता और वित्तीय स्थिति में हालिया सुधारों के जरिये अपनी पहुंच बढ़ा सकते हैं। केंद्रीय बैंक की मंगलवार को जारी 'भारत में बैंकिंग का रुझान और प्रगति 2020-21' रिपोर्ट के मुताबिक, सहकारी बैंकिंग खंड- शहरी और ग्रामीण दोनों- कोविड-19 महामारी के दौरान मजबूत बना रहा। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘आगे आर्थिक गतिविधियों में पुनरुद्धार के बीच उम्मीद की जाती है कि यह क्षेत्र अपनी जुझारू क्षमता और हाल में वित्तीय स्थिति में आए सुधार के बल पर अपनी पहुंच का दायरा बढ़ा सकता है।'' रिपोर्ट कहती है कि हालांकि 2020-21 में शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) का बही-खाता देनदारी पक्ष में जमा की वजह से बढ़ा है, लेकिन साथ ही इसे सुस्त ऋण वृद्धि और संपत्ति पक्ष में निवेश में तेजी से भी मदद मिली है। शहरी सहकारी बैंकों की पूंजी और मुनाफे की स्थिति में सुधार आया है। रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रामीण सहकारी समितियों में, राज्य सहकारी बैंकों और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों की लाभप्रदता सुधरी है लेकिन उनकी संपत्ति की गुणवत्ता में गिरावट आई है। इसमें कहा गया है कि आगे चलकर संरचनात्मक सुधारों से सहकारी बैंकों के परिचालन में बदलाव आने की उम्मीद है।
- मुंबई।भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को कहा कि बैंकों को कामकाज के संचालन और जोखिम प्रबंधन के उपायों को मजबूत करने की जरूरत है, ताकि कोरोना वायरस महामारी के चलते पैदा हुई अनिश्चितता का मुकाबला किया जा सके। केंद्रीय बैंक ने कहा कि डिजिटल भुगतान परिदृश्य में तेजी से तकनीकी प्रगति और नई फिनटेक कंपनियों के उभरने के साथ बैंकों को अपनी साइबर सुरक्षा को मजबूत करना होगा तथा ग्राहक सेवाओं में सुधार को प्राथमिकता देनी होगी। आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट ‘2020-21: भारत में बैंकिंग की प्रवृत्ति और प्रगति' में कहा, ‘‘बैंकों को तेजी से बदलने वाले और अनिश्चित आर्थिक वातावरण में जुझारू बनाने के लिए अपने कामकाज के संचालन या कॉरपोरेट प्रशासन और जोखिम प्रबंधन रणनीतियों को मजबूत करने की जरूरत होगी।'' रिपोर्ट में आगे कहा गया कि आने वाले समय में बैंकों के बही-खाते में सुधार समग्र आर्थिक वृद्धि के आसपास टिका है, जो महामारी के ऊपर काबू पाने पर निर्भर है। ऐसे में बैंकों को अपनी पूंजी की स्थिति को और मजबूत करने की जरूरत होगी।
- नयी दिल्ली।सिगरेट कंपनी गॉडफ्रे फिलिप्स इंडिया ने शरद अग्रवाल को मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) नियुक्त करने की सोमवार को घोषणा की। कंपनी ने एक बयान में कहा कि अग्रवाल (50) भीष्म वढेरा का स्थान लेंगे। वढेरा ने 26 दिसंबर, 2021 को पद छोड़ दिया और वह एक सलाहकार के रूप में संगठन का मार्गदर्शन करते रहेंगे। अग्रवाल को 16 सितंबर, 2021 को हुई निदेशक मंडल की बैठक में इस जिम्मेदारी के लिए चुना गया था।कंपनी की अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक बीना मोदी ने कहा कि अग्रवाल ने प्रेरणादायी नेतृत्व प्रदान करने की भूमिका में खुद को साबित किया है। वह संगठन में कई बदलाव लेकर आए हैं। गॉडफ्रे फिलिप्स इंडिया मोदी एंटरप्राइजेज की प्रमुख कंपनी है और इसके मुख्य ब्रांडों में फोर स्कावयर, रेड एंड व्हाइट तथा कैवेंडर्स शामिल हैं।
- नयी दिल्ली। इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माता वन-मोटो ने सोमवार को कहा कि उसने 1.99 लाख रुपये की कीमत वाला एक नया हाई-स्पीड इलेक्ट्रिक स्कूटर इलेक्टा पेश किया है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि ‘कम्यूटा' और ‘बाइका' स्कूटर के बाद इलेक्टा कंपनी की तीसरी पेशकश है।वन-मोटो इंडिया के पार्टनर और प्रवर्तक मुजम्मिल रियाज ने कहा कि कंपनी ने भारतीय बाजार में कुछ अलग और शानदार की तलाश करने वालों की इलेक्ट्रिक वाहन संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए कदम रखा है। कंपनी ने कहा कि गाड़ी की बैटरी चार घंटे में पूरी तरह चार्ज हो जाती है और एक बार चार्ज करने पर 150 किमी की दूरी तय की जा सकती है।
- नयी दिल्ली। नीति आयोग के चौथे स्वास्थ्य सूचकांक के अनुसार, बड़े राज्यों में, सभी मानकों पर स्वास्थ्य के क्षेत्र में केरल को सर्वोच्च स्थान प्राप्त हुआ है जबकि उत्तर प्रदेश सबसे निचले पायदान पर है। चौथे स्वास्थ्य सूचकांक में 2019-20 (संदर्भ वर्ष) की अवधि को ध्यान में रखा गया है।सरकारी थिंक टैंक द्वारा बनाई गई रिपोर्ट में कहा गया कि स्वास्थ्य के मानकों पर तमिलनाडु और तेलंगाना क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि वार्धिक प्रदर्शन में उत्तर प्रदेश ने सबसे ऊंचा स्थान हासिल किया है। रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश ने आधार वर्ष (2018-19) से संदर्भ वर्ष (2019-20) तक सर्वाधिक वृद्धि परिवर्तन दर्ज किया है। छोटे राज्यों में मिजोरम ने सर्वोच्च स्थान पाया है जबकि केंद्र शासित प्रदेशों में स्वास्थ्य के क्षेत्र में दिल्ली एवं जम्मू कश्मीर ने सभी मानकों पर निचला स्थान प्राप्त किया और वार्धिक प्रदर्शन में सबसे ऊंचा स्थान प्राप्त किया।
- नयी दिल्ली।हीरो साइकिल्स लिमिटेड के इलेक्ट्रिक साइकिल ब्रांड हीरो लेक्ट्रो ने सोमवार को दो नए उत्पाद- एफ2आई और एफ3आई पेश किए, जिनकी कीमत क्रमश: 39,999 रुपये और 40,999 रुपये है। कंपनी ने कहा कि हीरो लेक्ट्रो के अपने शोध एवं विकास (आरएंडडी) केंद्र में डिजाइन की गई इन ई-साइकिलों से एक बार चार्ज करने पर 35 किमी तक दूरी तय की जा सकती है। ये साइकिल 7-स्पीड गियर, 100 मिमी सस्पेंशन, डुअल डिस्क ब्रेक और ब्लूटूथ कनेक्टिविटी से लैस हैं। हीरो लेक्ट्रो के सीईओ आदित्य मुंजाल ने कहा, ‘‘हमारी स्मार्ट ई-साइकिलों की रेंज में ई-एमटीबी (माउंटेन बाइक) को शामिल करके युवा ग्राहकों को लक्षित किया गया है, जो रोमांच, मस्ती और फिटनेस की तलाश में हैं।
- नयी दिल्ली। बैंक बोर्ड ब्यूरो (बीबीबी) ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) पद के लिए आवेदन मांगे हैं। यह नियुक्ति तीन साल के लिए होगी। बीबीबी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों में शीर्ष पदों के लिए उपयुक्त उम्मीदवारों की खोज करता है। मुंबई के यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ का पद मई, 2022 में राजकिरण राय जी के सेवानिवृत्त होने के बाद रिक्त हो जाएगा। बीबीबी ने इस बारे में निकाले गए विज्ञापन में कहा है कि बैंक के नए प्रबंध निदेशक एवं सीईओ का कार्यकाल पदभार संभालने की तिथि से तीन साल के लिए होगा। इसमें सेवानिवृत्ति की आयु सामान्य रूप से 60 साल होगी। बैंकिंग नियमन अधिनियम के तहत किसी राष्ट्रीयकृत बैंक के प्रबंध निदेशक के लिए उम्र की ऊपरी सीमा 60 साल है। राय को एक जुलाई, 2017 को तीन साल के लिए यूनियन बैंक का प्रबंध निदेशक नियुक्त किया गया था। उनका कार्यकाल 30 जून, 2020 तक था। पिछले साल उन्हें दो साल का विस्तार दिया गया। बीबीबी की ओर निकाले गए विज्ञापन में कहा गया है कि इस पद के लिए आवेदन करने वाला व्यक्ति भारतीय नागरिक होना चाहिए और उसकी आयु 45 से 57 साल के बीच होनी चाहिए। उसका पिछला रिकॉर्ड अच्छा होना चाहिए और साथ ही उसे मुख्यधारा की बैंकिंग का कम से कम 15 साल का अनुभव होना चाहिए। सिर्फ वही उम्मीदवार इस पद पर आवेदन कर सकते हैं जो कम से कम एक साल बोर्ड स्तर के पद पर रहे हों। ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 28 जनवरी, 2022 है।
- नयी दिल्ली। देश का खनिज उत्पादन अक्टूबर 2021 में पिछले साल के समान महीने की तुलना में 20 प्रतिशत बढ़ा है। खान मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी। भारतीय खान ब्यूरो (आईबीएम) के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में खनन और संबद्ध क्षेत्र का सूचकांक 109.7 रहा। यह पिछले साल के समान महीने से 20.4 प्रतिशत अधिक है। चालू वित्त वर्ष के पहले सात माह (अप्रैल-अक्टूबर) में खनिज उत्पादन पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि से 11.4 प्रतिशत अधिक रहा है। खान मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘अक्टूबर में महत्वपूर्ण खनिजों में कोयले का उत्पादन 639 लाख टन, लिग्नाइट का 37 लाख टन, प्राकृतिक गैस (इस्तेमाल हुई) 295.4 करोड़ घनमीटर, पेट्रोलियम (कच्चा) का 25 लाख टन और हीरे का 24 कैरट रहा। बयान के मुताबिक, समीक्षाधीन महीने में सोने, लिग्नाइट और मैग्नेसाइट का उत्पादन बढ़ा। वहीं हीरे के उत्पादन में 98.8 प्रतिशत, फॉस्फोराइट में 25.5 प्रतिशत और कच्चे पेट्रोलियम में 2.2 प्रतिशत की गिरावट आई।
- नयी दिल्ली। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अनुसार देश के 256 जिलों में सोने के आभूषणों की अनिवार्य हॉलमार्किंग लागू हो चुकी है और सभी जिलों तक इसका विस्तार करने की तैयारी है। हॉलमार्किंग एक गुणवत्ता प्रमाणपत्र है, जिसे देश के 256 जिलों में 23 जून 2021 से 14, 18 और 22 कैरेट सोने के आभूषणों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। इन 256 जिलों में कम से कम एक हॉलमार्किंग केंद्र है। मंत्रालय ने मंत्रिमंडल के लिए तैयार अपनी मासिक रिपोर्ट में कहा, ‘‘कुल मिलाकर अनिवार्य हॉलमार्किंग सुचारू रूप से चल रही है, और इसे देश के सभी जिलों में लागू करने की प्रक्रिया जारी है।’’भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के साथ पंजीकृत आभूषण कारोबारियों की संख्या अनिवार्य हॉलमार्किंग लागू होने के बाद लगभग चौगुनी हो गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अब तक 1.27 लाख ज्वैलर्स ने हॉलमार्क वाले आभूषण बेचने के लिए बीआईएस के साथ पंजीकरण कराया है और देश में 976 बीआईएस मान्यता प्राप्त एएचसी संचालित हैं। देश में ऑटोमेशन सॉफ्टवेयर आने के बाद पांच महीनों में लगभग 4.5 करोड़ आभूषणों की हॉलमार्किंग की गई है।
- नयी दि्ल्ली।नौकरियों की तलाश कर रहे लोगों के लिए साल 2022 नई संभावनाएं लेकर आ सकता है। महामारी के जोखिमों के बीच आर्थिक गतिविधियों में आई तेजी से कंपनियां कारोबार राजस्व बढ़ने से सकारात्मक परिदृश्य के साथ चल रही हैं जिससे नए साल में नए रोजगार अवसर पैदा होने की उम्मीद है। हालांकि कोविड-19 महामारी के लिए जिम्मेदार कोरोनावायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन को लेकर चिंताएं बढ़ी हुई हैं लेकिन कंपनियों का मानना है कि रोजगार बाजार में आई उछाल आने वाले बेहतर दिनों के लिए अहम हो सकती है। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि महामारी की तीसरी लहर से आर्थिक पुनरुद्धार की प्रक्रिया अधिक प्रभावित न हो। वर्ष 2020 की पहली छमाही में आर्थिक गतिविधियों पर महामारी की पहली लहर का बहुत खराब असर पड़ा था। इससे रोजगार बाजार के औपचारिक एवं अनौपचारिक दोनों ही क्षेत्रों पर बुरा प्रभाव देखा गया था। महामारी से जुड़ी चुनौतियां अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुई हैं लेकिन समय के साथ रोजगार परिदृश्य अब ज्यादा सकारात्मक नजर आ रहा है। रोजगार बाजार पर नजर रखने वाली फर्म टीमलीज सर्विसेज के कारोबार प्रमुख (उपभोक्ता एवं स्वास्थ्य देखभाल) ए बालासुब्रमण्यन कहते हैं, "ओमीक्रोन हो या न हो, हमारे पास यह मानने के पुख्ता कारण हैं कि अब पूर्ण बंदी के दिन बीत गए हैं। चाहे कर्मचारी हों या नियोक्ता हों या फिर सरकारी संस्थाएं हों, सबको अहसास हो चुका है कि जिंदगी एवं आजीविका के बीच एक सही संतुलन रखना होगा।" कर्मचारियों के फिर से दफ्तर लौटने की प्रवृत्ति जोर पकड़ रही है और कंपनियां अपनी भर्ती योजनाओं को लेकर काफी आशावान हैं। मजबूत आर्थिक वृद्धि के अलावा उपभोग स्तर बढ़ने और टीकाकरण का दायरा बढ़ने से भी इसे गति मिली है। एसएचआरएम इंडिया के वरिष्ठ परामर्शदाता नित्य विजयकुमार कहते हैं, "हमें निजी इक्विटी में निवेश और विलय एवं अधिग्रहण सौदों में तेजी देखने को मिल रही है। टीकाकरण की रफ्तार बढ़ने के साथ कुशल प्रतिभाओं की कमी को देखते हुए वर्ष 2022 में रोजगार परिदृश्य तेज रहने की उम्मीद है।" इसी के साथ वह कहते हैं कि महामारी का बुरा दौर बीत जाने के बारे में सिर्फ समय ही बता सकता है। लेकिन बड़ी कंपनियां और स्टार्टअप नई भर्तियों को लेकर खासी उत्साहित हैं। मैनपावरग्रुप के रोजगार परिदृश्य सर्वेक्षण के मुताबिक, जनवरी-मार्च तिमाही में भर्ती की धारणा पिछले आठ साल में सबसे ज्यादा है। इस अवधि में भारत में करीब 49 प्रतिशत कंपनियां नई भर्तियों की योजना बना रही हैं। इस सर्वेक्षण के मुताबिक, पिछली तिमाही की तुलना में भर्ती धारणा पांच प्रतिशत सुधरी है जबकि एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले यह वृद्धि 43 प्रतिशत है। जहां तक मार्च तिमाही में होने वाली भर्तियों का सवाल है तो विशेषज्ञता रखने वाले और खास तरह के कौशल से भरपूर कर्मचारियों की मांग अधिक रहेगी। मर्कर मेटल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सिद्धार्थ गुप्ता कहते हैं, "वर्ष 2022 में भर्ती का अहम मुद्दा विशेषज्ञ भूमिका का होगा। खास भूमिका के लिए सही लोगों की तलाश रहेगी। नियोक्ताओं की नजर सही उम्मीदवार की तलाश पर होगी।" गुप्ता के मुताबिक, महामारी काल में बड़े पैमाने पर हुए इस्तीफों और डिजिटलीकरण की प्रक्रिया ने काम को परिभाषित करने के तरीके हमेशा के लिए बदल दिए हैं। इसके अलावा काम के घंटों के आधार पर उत्पादकता को परखने के दिन भी अब बीती बात हो गए हैं।
- नयी दिल्ली।आगामी एक जनवरी से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली में कर दर और प्रक्रिया से संबंधित कई बदलाव होंगे। इनमें ई-कॉमर्स सेवा प्रदाताओं पर परिवहन एवं रेस्तरां क्षेत्र में दी जाने वाली सेवाओं पर कर देनदारी भी शामिल है। इसके अलावा फुटवियर और कपड़ा क्षेत्र में शुल्क ढांचे में बदलाव भी एक जनवरी 2022 से लागू होगा जिसके तहत सभी प्रकार के फुटवियर पर 12 फीसदी जीएसटी (माल एवं सेवा कर) लगेगा जबकि रेडीमेड कपड़ों समेत सभी टेक्साइटल उत्पादों (कपास को छोड़कर) पर 12 फीसदी जीएसटी लगेगा। ऑटो रिक्शा चालकों को ऑफलाइन तरीके से दी जाने वाली यात्री परिवहन सेवाओं पर छूट मिलती रहेगी लेकिन जब ये सेवाएं किसी ई-कॉमर्स मंच से दी जाएंगी तो इन पर नए साल से पांच फीसदी की दर से कर लगेगा। प्रक्रियागत बदलावों के तहत, स्विगी और जोमेटो जैसे ई-वाणिज्य सेवा प्रदाताओं का यह उत्तरदायित्व होगा कि उनके द्वारा दी जाने वाली रेस्तरां सेवाओं के बदले वे जीएसटी एकत्रित करें और उसे सरकार के पास जमा करवाएं। ऐसी सेवाओं के बदले उन्हें बिल भी जारी करने होंगे। इससे उपभोक्ता पर कोई अतिरिक्त भार नहीं आएगा क्योंकि रेस्तरां पहले से ही जीएसटी राजस्व एकत्रित कर रहे हैं। बदलाव सिर्फ इतना हुआ है कि कर जमा करवाना और बिल जारी करने की जिम्मेदारी अब खाद्य पदार्थ आपूर्ति करने वाले मंचों पर आ गई है। यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि सरकार का ऐसा अनुमान है कि खाद्य आपूर्ति मंचों द्वारा कथित तौर पर पूरी जानकारी नहीं देने से बीते दो वर्ष में सरकारी खजाने को नुकसान उठाना पड़ा है और इन मंचों को जीएसटी जमा करवाने के लिए उत्तरदायी बनाने से कर चोरी पर रोक लगेगी। कर चोरी रोकने के लिए नए साल में कुछ और कदम उठाए जाएंगे। इनमें जीएसटी रिफंड पाने के लिए आधार सत्यापन अनिवार्य करना, जिन व्यवसायों ने कर अदा नहीं किए हैं उनकी जीएसटीआर-1 फाइलिंग सुविधा पर रोक लगाना आदि शामिल है।