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- नयी दिल्ली। देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सूजुकी इंडिया (एमएसआई) ने बुधवार को अपने प्रीमियम हैचबैक वाहन 'बलेनो' को एकदम नए अवतार में पेश किया। इसकी एक्स-शोरूम कीमत 6.35 लाख रुपये से शुरू होगी।बलेनो के नए मॉडल के मैनुअल संस्करणों की कीमत 6.35 लाख रुपये से लेकर 8.99 लाख रुपये रखी गई है। वहीं ऑटोमैटिक संस्करणों की कीमत 7.69 लाख से लेकर 9.49 लाख रुपये तक तय की गई है।एमएसआई के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी केनिची आयुकावा ने नई बलेनो को पेश करते हुए कहा कि इसके विकास पर करीब 1,150 करोड़ रुपये निवेश किए गए हैं। इसमें प्रीमियम इंटीरियर के अलावा सुरक्षा पर खास ध्यान दिया गया है।उन्होंने कहा, "बलेनो की लोकप्रियता एवं ग्राहकों से मिले फीडबैक के आधार पर इस मॉडल को अगले मुकाम तक ले जाने का इरादा है। नए दौर की बलेनो नए भविष्य के प्रति हमारे नजरिये को दर्शाती है।"बलेनो को सबसे पहले अक्टूबर 2015 में पेश किया गया था। उसके बाद से ही यह प्रीमियम हैचबैक की श्रेणी में खासी पसंद की जाती रही है। देश में सर्वाधिक बिकने वाले पांच मॉडल में बलेनो शामिल रही है। एमएसआई के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक (बिक्री एवं विपणन) शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि बलेनो के नए मॉडल की अभी तक करीब 25,000 बुकिंग हो चुकी है। कंपनी ने आज से इसकी आपूर्ति भी शुरू कर दी।
- नयी दिल्ली। शीतलपेय कंपनी कोका-कोला ने फिल्म अभिनेता शाहरुख खान को अपने लोकप्रिय उत्पाद थम्स अप का ब्रांड एम्बेसडर नियुक्त किया है।कंपनी ने बुधवार को एक बयान में इसकी जानकारी देते हुए कहा कि शाहरुख के साथ थम्स अप के नए विज्ञापन को सभी संचार माध्यमों में प्रदर्शित किया आएगा। शाहरुख पहले कोका-कोला की प्रतिद्वंद्वी कंपनी पेप्सी के साथ जुड़े हुए थे।शाहरुख ने थम्स अप के साथ अपने जुड़ाव पर कहा कि यह ब्रांड कभी हार न मानने की सोच को प्रदर्शित करता है जो उनके मिजाज से पूरी तरह मेल खाता है।कोका कोला के एकीकृत विपणन अनुभव प्रमुख (भारत एवं दक्षिण-पश्चिम एशिया) सुमेली चटर्जी ने कहा कि 45 साल पुराने ब्रांड थम्स अप ने हमेशा ही लाखों लोगों को अपने सपनों से जुड़े रहने के लिए प्रेरित किया है। थम्स अप पिछले ही साल एक अरब डॉलर का ब्रांड बना है। कोका कोला ने वर्ष 1993 में पार्ले बिसलेरी के रमेश चौहान से इसका अधिग्रहण किया था।
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-केंद्र ने निर्बाध आयात सुनिश्चित करने के लिए 15 मई, 2021 से 'मुक्त श्रेणी' के तहत तुअर, उड़द और मूंग के आयात की अनुमति दी
नई दिल्ली। सरकार ने घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और आवश्यक खाद्य वस्तुओं की कीमतों को स्थिर करने के लिए कई सक्रिय और दमदार उपाय किए हैं। इन उपायों के कारण तुअर/अरहर दाल की कीमतों में तेज गिरावट दर्ज की गई है। उपभोक्ता कार्य विभाग (डीओसीए) के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, तुअर/अरहर दाल का औसत थोक मूल्य 22 फरवरी को 2022 को 9255.88 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज किया गया जो 22 फरवरी को 2021 को 9529.79 रुपये प्रति क्विंटल था, यानी थोक मूल्य में 2.87% की गिरावट।इसी प्रकार, 21 फरवरी को 2022 की रिपोर्ट के अनुसार तुअर/अरहर दाल का औसत थोक मूल्य 9252.17 रुपये प्रति क्विंटल था जबकि 21 फरवरी को .2021 को यह 9580.17 रुपये प्रति क्विंटल था यानी औसत थोक मूल्य में 3.42% की गिरावट। मई 2021 में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को आवश्यक खाद्य वस्तुओं की कीमतों की निगरानी करने और आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत मिल मालिकों, आयातकों और व्यापारियों द्वारा रखे गए दालों के स्टॉक का खुलासा सुनिश्चित करने के लिए सलाह जारी की गई थी। 02.07.2021 को मूंग को छोड़कर सभी दालों पर स्टॉक सीमा लागू करने की अधिसूचना जारी की गई थी। तत्पश्चात, 19.07.2021 को एक संशोधित आदेश जारी किया गया था, जिसमें चार दालों, अरहर, उड़द, मसूर, चना पर 31.10.2021 तक की अवधि के लिए स्टॉक सीमा निर्धारित की गई थी। दालों की उपलब्धता में सुधार और इनकी कीमतों को स्थिर करने के लिए सरकार ने सुचारू और निर्बाध आयात सुनिश्चित करने के लिए 15 मई, 2021 से 31 अक्टूबर, 2021 तक 'मुफ्त श्रेणी' के तहत तुअर, उड़द और मूंग के आयात की अनुमति दी है। तत्पश्चात तुअर और उड़द के आयात के संबंध में इस मुफ्त व्यवस्था को 31 मार्च, 2022 तक बढ़ा दिया गया था। इस नीतिगत उपाय को संबंधित विभागों/संगठनों द्वारा इसके कार्यान्वयन की सुविधा उपायों और करीबी निगरानी के साथ समर्थन दिया गया है। आयात नीतिगत उपायों के परिणामस्वरूप पिछले दो वर्षों की इसी अवधि की तुलना में तुअर, उड़द और मूंग के आयात में पर्याप्त वृद्धि हुई है। - नयी दिल्ली। म्यूचुअल फंड वितरण मंच जेडफंड्स ने मंगलवार को 100 रुपये की दैनिक एसआईपी वाली म्यूचुअल फंड योजना पेश की जो खासकर ग्रामीण इलाकों एवं छोटे कस्बों को ध्यान में रखते हुए लाई गई है।जेडफंड्स ने एक बयान में कहा कि इस एसआईपी योजना को आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल म्यूचुअल फंड, एचडीएफसी म्यूचुअल फंड और टाटा म्यूचुअल फंड के साथ मिलकर पेश किया गया है।इसके अलावा कंपनी अपने उत्पाद पहुंच को बढ़ाने के लिए कई अन्य म्यूचुअल फंड कंपनियों के संपर्क में भी है।इस फंड योजना के जरिये जेडफंड्स की मंशा टियर-2, टियर-3 एवं टियर-4 शहरों में रहने वाले लोगों की जरूरतों को पूरा करने की है। छोटे शहरों एवं देहाती इलाकों में रहने वाले लोगों के बीच दैनिक आधार पर कमाई की दर ज्यादा होने से यह योजना ज्यादा कारगर हो सकती है।जेडफंड्स के मुताबिक, इस योजना के तहत कोई व्यक्ति दैनिक आधार पर 100 रुपये का भी निवेश कर सकता है। इससे दैनिक कामगारों और छोटे कारोबारियों के लिए भी म्यूचुअल फंड में निवेश कर पाना मुमकिन हो पाएगा। कंपनी के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनीष कोठारी ने कहा, "भारत के लोगों तक म्यूचुअल फंड उत्पादों की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए यह एकदम नई अवधारणा है। इससे स्वरोजगरार में लगे और दैनिक आधार पर भुगतान पाने वाले लोगों के लिए भी निवेश का विकल्प तैयार होगा।"
- नयी दिल्ली। वाहन निर्माता कंपनी किआ इंडिया ने मंगलवार को कहा कि आंध्र प्रदेश के अनंतपुर स्थित उसके संयंत्र से घरेलू एवं विदेशी बाजारों को अब तक पांच लाख इकाइयों को आपूर्ति की जा चुकी है।इसके साथ ही किआ ने भारत में चार लाख वाहनो की बिक्री का आंकड़ा भी पार कर लिया है। सितंबर 2019 में भारत में कारोबार शुरू करने वाली किआ ने यहां तैयार एक लाख से अधिक वाहनों को 90 से अधिक देशों में निर्यात भी किया है।किआ इंडिया ने एक बयान में कहा कि वर्ष 2021 में 25 प्रतिशत से अधिक बाजार हिस्सेदारी के साथ वह भारत में उपयोगी वाहनों का अग्रणी निर्यातक बनकर भी उभरी है।किआ इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी ताइ-जिन पार्क ने कहा, "पांच लाख वाहनों का आंकड़ा पार करना एक बड़ी उपलब्धि है और ढाई साल से भी कम समय में इसे हासिल करना हमारे लिए गर्व की बात है। भारत में अपना परिचालन शुरू करने के समय से ही हमने ग्राहकों को अपने उत्पादों एवं सेवाओं के जरिये अधिकतम मूल्य देने पर ध्यान दिया है।" उन्होंने कहा कि हाल ही में पेश किए गए कारेन्स मॉडल को मिलकर तगड़े समर्थन से कंपनी देश में अपनी कारोबार वृद्धि के सफर पर कदम बढ़ाती रहेगी। कारेन्स तीन पंक्तियों वाली सीटों का बहुपयोगी वाहन है।
- बैंकॉक। यूक्रेन के पूर्वी इलाकों की तरफ रूसी सेना को बढ़ने का आदेश जारी होने का एशियाई बाजारों पर गहरा असर देखने को मिला और मंगलवार को इनमें तेज गिरावट दर्ज की गई।जापान का निक्केई सूचकांक शुरुआती कारोबार के दौरान 2.2 प्रतिशत गिर गया जबकि हांगकांग के सूचकांक हांगसेंग में 3.2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।एशियाई कारोबार में कोरिया के कोस्पी में भी 1.8 प्रतिशत की सुस्ती देखी गई। शंघाई कंपोजिट सूचकांक भी शुरुआती कारोबार में 1.2 प्रतिशत गिर गया।यूक्रेन विवाद लंबा खिचने की आशंका से कच्चे तेल के भाव भी चढ़ गए। तेल के बड़े उत्पादक देश रूस के इस विवाद में उलझने से आपूर्ति प्रभावित होने की आशंका से यूएस क्रूड में 2.8 प्रतिशत की बढ़त देखी गई। वहीं ब्रेंट क्रूड 96.77 डॉलर प्रचि बैरल पर कारोबार कर रहा था।यूरोप में सोमवार को शेयर बाजारों में फिसलन देखी गई थी। जर्मनी के डेक्स में 2.1 प्रतिशत की गिरावट रही जबकि फ्रांस के सीएसी 40 में 2 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई। ब्रिटेन के एफटीएसई 100 में 0.3 प्रतिशत की नरमी देखी गई।यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई की तैयारी में लगे रूस का मोएक्स सूचकांक करीब 11 प्रतिशत तक लुढ़क गया। रूसी मुद्रा रुबल भी अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 3.2 प्रतिशत तक फिसल गई। अमेरिका ने यूक्रेन के विवादग्रस्त क्षेत्रों में निवेश एवं व्यापार पर रोक का शासकीय आदेश जारी कर दिया है। कुछ प्रतिबंधों की भी घोषणा किए जाने की उम्मीद है।
- मुंबई। जालान-कैलरॉक कंसोर्टियम के स्वामित्व वाली एयरलाइन जेट एयरवेज ने श्रीलंकन एयरलाइंस के पूर्व सीईओ विपुल गुणतिलक को मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) नियुक्त करने की मंगलवार को घोषणा की। जालान-कैलरॉक कंसोर्टियम के अंग और जेट एयरवेज की निगरानी समिति के सदस्य अंकित जालान ने कहा, "हम विपुल को अपनी युवा एवं उत्साही टीम में स्वागत करने के लिए रोमांचित हैं। वह विमानन क्षेत्र के जानकार हैं और इस उद्योग में उन्हें कायापलट करने वाले शख्स के तौर पर देखा जाता है।"जालान के मुताबिक, गुणतिलक का चयन जेट एयरवेज की कार्यकारी टीम ने कई महीनों तक चली प्रक्रिया के बाद किया है। गुणतिलक जनवरी, 2022 तक श्रीलंकन एयरलाइंस के सीईओ के रूप में काम किया है। इसके पहले वह टीएएजी अंगोला एयरलाइंस के सीएफओ भी रह चुके हैं।जेट एयरवेज फिर से अपना परिचालन शुरू करने की तैयारियों में लगी हुई है। कर्ज बोझ बढ़ने के बाद उसे अपना परिचालन बंद करना पड़ा था जिसके बाद जालान-कैलरॉक कंसोर्टियम ने उसे नया जीवन दिया है।
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मुंबई। उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच हुए व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते से खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को बढ़ावा मिलने के साथ ही घरेलू स्तर पर किसानों के हित भी संरक्षित होंगे। गोयल ने यहां उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत में उन्हें आश्वस्त करते हुए कहा कि भारत-यूएई व्यापार समझौते में किसानों के हितों को पूरी तरह सुरक्षित रखा गया है और इससे खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलने की भी उम्मीद है।
गोयल ने कहा, "इस समझौते से अगले पांच वर्षों में कृषि उत्पादों के निर्यात में 85 करोड़ डॉलर की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।" उन्होंने कहा कि इस समझौते से भारतीय उत्पादों की खाड़ी देशों तक पहुंच बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि सोने में यूएई को दी गई रियायती शुल्क की पेशकश से कच्चे माल की लागत में कमी आएगी जिससे यूएई को होने वाले निर्यात को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि यूएई को रत्न एवं आभूषण निर्यात वर्ष 2023 में करीब 10 अरब डॉलर रहने का अनुमान है।
- मुंबई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कंपनियों के बोर्ड में शामिल होने को लेकर महिलाओं में कायम हिचक पर अफसोस जाहिर करते हुए सोमवार को कहा कि महिला उम्मीदवारों को इसके लिए राजी करने में खुद उन्हें भी दिक्कत हुई है। सीतारमण ने देश की वाणिज्यिक राजधानी मुंबई में बजट के बाद आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, "मैंने मंत्री के रूप में कुछ लोगों को कंपनियों के बोर्ड में शामिल होने के लिए राजी करने की खुद भी कोशिश की है। हमें बोर्ड में उनके अनुभव की जरूरत है। लेकिन हमारे पास पर्याप्त महिलाएं नहीं आ रही हैं। यह एक गंभीर समस्या है।" दरअसल कानूनी प्रावधानों के मुताबिक देश की शीर्ष 1,000 कंपनियों को अपने बोर्ड में कम-से-कम एक स्वतंत्र महिला निदेशक को शामिल करना जरूरी होता है। इस बारे में पूछे जाने पर सीतारमण ने कहा, "मुझे उस तरह की महिलाओं के बारे में बताइए जिन्हें बोर्ड में शामिल किया जा सकता है। ऐसी महिलाएं कहां हैं?" उन्होंने उद्योग जगत से इस समस्या के सही समाधान के साथ आगे आने का अनुरोध करते हुए कहा कि सरकार की तरफ से उन्हें पूरा सहयोग मिलेगा। इस अवसर पर राजस्व सचिव तरुण बजाज ने कहा कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड में इस समय आधे से भी अधिक सदस्य महिलाएं हैं और उनके साथ काम करने का अनुभव काफी अच्छा रहा है।
- नयी दिल्ली। आईपीओ लाने की तैयारी में जुटी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने सोमवार को कहा कि वह आईडीबीआई बैंक में कुछ हिस्सेदारी रखना चाहता है, ताकि उसे बैंक बीमा का फायदा मिलता रहे। आईडीबीआई बैंक 21 जनवरी 2019 को एलआईसी की सहायक इकाई बन गया था।योग्य संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) के तहत बैंक द्वारा अतिरिक्त इक्विटी शेयर जारी करने के बाद एलआईसी की हिस्सेदारी घटकर 49.24 प्रतिशत होने के कारण 19 दिसंबर 2020 को आईडीबीआई बैंक को एक संबद्ध कंपनी के रूप में फिर से वर्गीकृत किया गया था। सरकार आईडीबीआई बैंक में 45.48 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ अल्पांश शेयरधारक है और वह पहले ही अपनी हिस्सेदारी बेचकर बाहर निकलने का इरादा जता चुकी है। एलआईसी के अध्यक्ष एम आर कुमार ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, ‘‘हम आईडीबीआई बैंक में कुछ हिस्सेदारी रखना चाहेंगे। बैंक में हिस्सेदारी लेने का हमारा विचार रणनीतिक प्रकृति का था और यह वजह अभी भी बनी हुई है।'' उन्होंने कहा कि बैंक बीमा खंड में आईडीबीआई बैंक सबसे मजबूत योगदानकर्ता रहा है।बैंक बीमा, एक बैंक और एक बीमा कंपनी के बीच एक व्यवस्था है, जिसके तहत बीमा कंपनी अपने उत्पादों को बैंक के शाखा नेटवर्क के माध्यम से उसके ग्राहकों और अन्य लोगों को बेचती है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं एलआईसी अध्यक्ष के रूप में चाहता हूं कि यह संबंध भविष्य में भी जारी रहे।''एलआईसी ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिये इसी महीने विवरण पुस्तिका (रेड हेयरिंग प्रोस्पेक्टस) बाजार नियामक सेबी के पास जमा कराया है। इस बिक्री पेशकश के जरिये सरकार 63,000 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद कर रही है।
- नयी दिल्ली। सरकार जल्द ही सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी न्यू इंडिया एश्योरेंस के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) के पद का अतिरिक्त प्रभार देने पर फैसला करेगी। वर्तमान सीएमडी अतुल सहाय का कार्यकाल इस महीने के अंत में समाप्त हो रहा है।बैंक बोर्ड ब्यूरो (बीबीबी) ने देश में सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी साधारण बीमा कंपनी के प्रमुख के चयन की प्रक्रिया शुरू नहीं की है, क्योंकि दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा था कि ब्यूरो इस मामले में सक्षम निकाय नहीं है। इस मामले में अगली सुनवाई 21 मार्च को होनी है। उच्च न्यायालय का फैसला नहीं आने के कारण न्यू इंडिया एश्योरेंस का अतिरिक्त प्रभार एक मार्च से किसी व्यक्ति को दिया जाएगा और इस पद पर नियमित नियुक्ति में कुछ समय लगेगा।
- नयी दिल्ली। फेडरल बैंक की अनुषंगी फेडबैंक फाइनेंशियल सर्विसेज लि. (फेडफिना) ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के दस्तावेज जमा कराए हैं। फेडरल बैंक ने रविवार को शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा कि फेडफिना ने 19 फरवरी को सेबी के पास दस्तावेज (डीआरएचपी) जमा कराए हैं। आईपीओ के तहत नए शेयर जारी किए जाएंगे और साथ ही फेडरल बैंक और ट्रू नॉर्थ फंड छह एलएलपी द्वारा बिक्री पेशकश (ओएफएस) लाई जाएगी। फेडरल बैंक ने कहा, ‘‘फेडफिना के आईपीओ के तहत 900 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए जाएंगे। इसके अलावा बैक 1,64,97,973 इक्विटी शेयरों तथा ट्रू नॉर्थ फंड छह एलएलपी 2,92,16,313 इक्विटी शेयरों की बिक्री पेशकश लाएगा।'' वित्त वर्ष 2020-21 में फेडफिना ने 697.72 करोड़ रुपये का राजस्व कमाया था और उसका शुद्ध लाभ 61.68 करोड़ रुपये रहा था। 31 मार्च, 2021 तक कंपनी का नेटवर्थ 834.73 करोड़ रुपये रहा था। आईपीओ के बाद भी फेडफिना फेडरल बैंक की अनुषंगी बनी रहेगी।
- मुंबई। आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने जा रही सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) आने वाले समय में अपने कारोबार को गैर-प्रतिभागी पॉलिसी की दिशा में मोड़कर निजी बीमा कंपनियों को तगड़ी चुनौती दे सकती है। स्विस ब्रोकरेज फर्म क्रेडिट सुइस ने आईपीओ की मंजूरी के लिए बाजार नियामक सेबी के पास दायर आवेदन ब्योरे का विश्लेषण करने के बाद तैयार एक रिपोर्ट में यह संभावना जताई गई है। रिपोर्ट कहती है कि एलआईसी की कारोबारी प्रमुखता में बदलाव का सबसे ज्यादा असर एसबीआई लाइफ, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल, एचडीएफसी लाइफ और मैक्स लाइफ जैसी जीवन बीमा कंपनियों को उठाना पड़ेगा। रिपोर्ट के मुताबिक, एलआईसी पहले ही अपने मार्जिन को सात प्रतिशत अंक बेहतर करते हुए 9.9 प्रतिशत पर पहुंचा चुकी है। सरकार ने एलआईसी के अधिशेष एवं लाभ वितरण नियमों में बदलाव कर इसके मार्जिन में बढ़ोतरी का रास्ता आसान बनाया है। इसकी वजह से एलआईसी अपने कारोबार में भागीदार पॉलिसी के साथ गैर-प्रतिभागी पॉलिसी को भी 10 प्रतिशत जगह दे सकेगी जो फिलहाल महज चार प्रतिशत है। इससे एलआईसी अपने मार्जिन को 20 प्रतिशत तक भी लेकर जा सकती है। क्रेडिट सुइस का यह अनुमान इस संकल्पना पर आधारित है कि एलआईसी का बीमा कारोबार पूरी तरह नए अधिशेष वितरण की तरफ स्थानांतरित हो जाएगा। वर्तमान में गैर-प्रतिभागी पॉलिसी सौ फीसदी और प्रतिभागी पॉलिसी 10 प्रतिशत है। प्रतिभागी बीमा पॉलिसी के तहत पॉलिसीधारकों को बोनस या लाभांश वितरण के रूप में गारंटीशुदा एवं बिना गारंटी वाले दोनों लाभ दिए जाते हैं। वहीं गैर-प्रतिभागी पॉलिसी में पॉलिसीधारक को अमूमन गारंटीशुदा फायदे मिलते हैं लेकिन उन्हें लाभ या लाभांश नहीं दिया जाता है। फिलहाल एलआईसी का अपने नए कारोबार प्रीमियम का सिर्फ चार प्रतिशत ही गैर-प्रतिभागी पॉलिसी से आता है। इसके उलट निजी क्षेत्र की शीर्ष बीमा कंपनियों का यह अनुपात 20 से 45 प्रतिशत तक है। रिपोर्ट कहती है कि एलआईसी का गैर-प्रतिभागी पॉलिसी का मार्जिन अपने ही प्रतिभागी पॉलिसी कारोबार से अधिक है और निजी कंपनियां भी इस मामले में उससे पीछे हैं। देश में उदारीकरण की नीतियों की शुरुआत के 21 साल बाद भी एलआईसी का नई बीमा पॉलिसी कारोबार में बाजार हिस्सेदारी 66 प्रतिशत है। इसकी बड़ी हैसियत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एलआईसी के बाद दूसरे स्थान पर मौजूद कंपनी से उसकी प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां 16 गुना अधिक है।
- नयी दिल्ली। सरकार को देश में इलेक्ट्रॉनिक चिप एवं डिस्प्ले विनिर्माण संयंत्रों की स्थापना के लिए पांच कंपनियों से 1.53 लाख करोड़ रुपये निवेश के प्रस्ताव मिले हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में इसकी जानकारी दी। इसके मुताबिक सरकार को पांच कंपनियों से कुल 20.5 अरब डॉलर यानी 1.53 लाख करोड़ रुपये निवेश के प्रस्ताव मिले हैं। इसके तहत वेदांता फॉक्सकॉन जेवी, आईजीएसएस वेंचर्स और आईएसएमसी ने सरकार को 13.6 अरब डॉलर निवेश से इलेक्ट्रॉनिक चिप विनिर्माण संयंत्र लगाने का प्रस्ताव रखा है। इसके साथ ही इन कंपनियों ने सेमीकंडक्टर विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए शुरू किए गए 'सेमीकॉन इंडिया कार्यक्रम' के तहत केंद्र सरकार से 5.6 अरब डॉलर की मदद की भी मांग रखी है। वेदांता और इलेस्ट ने 6.7 अरब डॉलर के अनुमानित निवेश से एक डिस्प्ले विनिर्माण संयंत्र लगाने का प्रस्ताव रखने के साथ ही सरकार से भारत में डिस्प्ले फैब्स के गठन के लिए चलाई गई योजना के तहत 2.7 अरब डॉलर का समर्थन भी मांगा है। इन डिस्प्ले का इस्तेमाल मोबाइल फोन एवं लैपटॉप की स्क्रीन में किया जाता है। भारत का सेमीकंडक्टर बाजार वर्ष 2020 में करीब 15 अरब डॉलर था और इसके वर्ष 2026 तक 63 अरब डॉलर पहुंच जाने का अनुमान है। सेमीकंडक्टर का निर्माण एक जटिल एवं सघन तकनीकी प्रक्रिया का हिस्सा होता है और इसमें काफी पूंजी की भी जरूरत पड़ती है। पिछले कुछ वर्षों में सेमीकंडक्टर चिपों की किल्लत को देखते हुए भारत ने घरेलू स्तर पर ही सेमीकंडक्टर विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन शुरू किया है। इसी के तहत सरकार को इन पांच कंपनियों से निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इसके अलावा एसपीईएल सेमीकंडक्टर, एचसीएल, सिर्मा टेक्नोलॉजी और वेलेंकनी इलेक्ट्रॉनिक्स ने सेमीकंडक्टर पैकेजिंग के लिए अपना पंजीकरण कराया है जबकि रुटोन्सा इंटरनेशनल रेक्टिफायर ने कंपाउंड सेमीकंडक्टर के लिए अपना पंजीकरण कराया है। इसके साथ तीन कंपनियों- ट्रमिनस माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स, ट्राइस्पेस टेक्नोलॉजीज और क्यूरी माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स ने भी डिजाइन-संबद्ध प्रोत्साहन योजना के तहत आवेदन किए हैं।
- एनटीपीसी कोरबा भारत में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला ताप बिजली संयंत्रनयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली कंपनी एनटीपीसी ने शनिवार को कहा कि उसने वित्त वर्ष 2020-21 में 314 अरब यूनिट के अधिकतम वार्षिक बिजली उत्पादन को चालू वित्त वर्ष में 18 फरवरी को पीछे छोड़ दिया। कंपनी ने अपने एक बयान में कहा कि एनटीपीसी ने 18 फरवरी 2022 तक 314.89 अरब यूनिट बिजली का उत्पादन किया है। पिछले साल 18 फरवरी तक उसका बिजली उत्पादन 270.0 अरब यूनिट था। ये आंकड़े एनटीपीसी के बेहतर प्रदर्शन और चालू वित्त वर्ष में बिजली की मांग बढ़ने के संकेत देते हैं।केंद्रीय बिजली प्राधिकरण के आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में एनटीपीसी कोरबा (2600 मेगावाट संयंत्र) भारत में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला ताप-बिजली संयंत्र है। इस संयंत्र ने अप्रैल 2021 और जनवरी 2022 के बीच 94.32 प्रतिशत क्षमता का उपयोग किया।
- नयी दिल्ली। कंसाई नेरोलैक पेंट्स लिमिटेड (केएनपीएल) ने अनुज जैन को अपना प्रबंध निदेशक नियुक्त किया है। नई नियुक्ति अप्रैल 2022 से प्रभावी होगी। जैन मौजूदा प्रबंध निदेशक एवं वाइस चेयरमैन एच एम भरुका का स्थान लेंगे जिनका कार्यकाल 31 मार्च 2022 को पूरा होने जा रहा है। केएनपीएल ने एक नियामकीय सूचना में जैन को नया प्रबंध निदेशक बनाए जाने की जानकारी दी। उसने कहा कि कंपनी के निदेशक मंडल की शुक्रवार को हुई बैठक में जैन को पांच साल के लिए प्रबंध निदेशक बनाने का फैसला लिया गया। हालांकि नई नियुक्ति कंपनी के शेयरधारकों की मंजूरी मिलने के बाद ही प्रभावी हो पाएगी। अनुज जैन 1990 में एक मैनेजमेंट ट्रेनी के तौर पर कंपनी से जुड़े थे और उसके बाद से कई अहम पदों पर काम कर चुके हैं। वह अप्रैल 2018 से ही कार्यकारी निदेशक के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे थे।
- नयी दिल्ली। जापानी वाहन निर्माता कंपनी होंडा ने शनिवार को कहा कि उसने होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड (एचसीआईएल) के नए अध्यक्ष और सीईओ के रूप में ताकुया त्सुमुरा को नियुक्त किया है। यह नियुक्ति एक अप्रैल 2022 से प्रभावी होगी। यह नियुक्ति होंडा मोटर कंपनी लिमिटेड द्वारा सालाना प्रबंधन में होने वाले बदलाव के हिस्से के रूप में की गई है। नए अध्यक्ष और सीईओ के रूप में 54 वर्षीय ताकुया गाकू नकानिशी की जगह लेंगे जो भारत से एशिया और ओशिनिया क्षेत्र में होंडा के ऑटोमोबाइल व्यवसाय के महाप्रबंधक के रूप में स्थानांतरित किये गये हैं। होंडा ने एक बयान में कहा कि भारत में अपने चार साल के कार्यकाल के दौरान नकानिशी ने एचसीआईएल के अध्यक्ष और सीईओ के रूप में भारतीय ऑटो उद्योग के सबसे कठिन व्यावसायिक दौर में से एक यानी अभूतपूर्व कोविड संकट एवं मंदी के दौरान कंपनी को आगे बढ़ाया। इन वर्षों में कंपनी ने अपने व्यापार संविधान को मजबूत करने की दिशा में एचसीआईएल के संचालन के दौरान कुछ कठिन लेकिन महत्वपूर्ण निर्णय लिए। ताकुया होंडा के साथ 30 वर्षों से जुड़े हुए है। उन्होंने थाईलैंड, ऑस्ट्रेलिया, चीन, जापान, तुर्की, यूरोप और एशिया और ओशिनिया क्षेत्रों सहित कई अंतरराष्ट्रीय बाजारों में काम किया है। वह 1997 से 2000 तक भारत सहित दक्षिण एशियाई देशों के प्रभारी थे। होंडा भारतीय बाजार में सिटी, अमेज और डब्ल्यूआर-वी जैसे कई मॉडल बेचती है।
- चेन्नई। सुंदरम होम फाइनेंस के प्रबंध निदेशक डी लक्ष्मीनारायणन ने कहा है कि अगले कुछ वर्षों में टियर-2 और टियर-3 शहर वृद्धि की अगुआई करेंगे और इसे ध्यान में रखते हुए कंपनी ने दक्षिण भारतीय बाजार में 200 लोगों की भर्ती करने की योजना बनाई है। लक्ष्मीनारायणन ने कहा कि कंपनी रियल एस्टेट क्षेत्र में लंबी अवधि की संभावनाओं को लेकर उत्साहित है। उन्होंने कहा, ‘‘आवास बाजार इस साल लचीला बना रहेगा और बढ़ेगा, जिसे वास्तविक ग्राहकों की मांग और छोटे शहरों की वृद्धि से मजबूती मिलेगी। 2022 में आवास की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और यह महामारी से पहले के स्तर पर वापस आ जाएगी।'' उन्होंने कहा कि कंपनी ने पिछले छह महीनों में मासिक आधार पर लगातार वृद्धि दर्ज की है। कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के बाद आवास बाजार में तेजी आई है और खरीदार कई विकल्प तलाश रहे हैं। लक्ष्मीनारायणन ने कहा कि खरीदारों में नया विश्वास जगा है और बाजार में तेजी का अंदाजा नई परियोजनाओं की संख्या से लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद लोग स्वास्थ्य और स्वच्छता संबंधी चिंताओं के चलते घनी आबादी वाले शहरों से दूर बड़े घरों में दिलचस्पी ले रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि टियर-2 और टियर-3 शहरों में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी। चालू वित्तीय वर्ष के पहले नौ महीनों में हमारे लगभग 70 प्रतिशत वितरण इन्हीं स्थानों में हुए हैं।
- नयी दिल्ली,। उत्तर दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) की स्थायी समिति ने शुक्रवार को अप्रैल 1998 से मार्च 2003 तक नियुक्त सफाई कर्मियों को नियमित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। यह कदम दिल्ली में अप्रैल में होने वाले निकाय चुनावों से पहले उठाया गया है। प्रस्ताव को अब भाजपा के बहुमत वाले उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) के सदन की मंजूरी का इंतजार है। अधिकारियों ने कहा कि समिति ने सिविक सेंटर में हुई अपनी बैठक में अप्रैल 1998 से मार्च 2003 तक नियुक्त सफाई कर्मचारियों के नियमितीकरण के प्रस्ताव को मंजूरी दी।
- नयी दिल्ली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर होने से द्विपक्षीय व्यापार को अगले पांच साल में 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने और लाखों की संख्या में रोजगार सृजित करने में मदद मिलेगी। गोयल ने भारत औक यूएई के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर होने के बाद संवाददाताओं से कहा कि व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए) मई में प्रभावी हो सकता है और पहले दिन से ही भारतीय हित से जुड़े करीब 90 प्रतिशत उत्पादों के लिये यूएई को निर्यात का रास्ता खुल जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अबु धाबी के शहजादा शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की ऑनलाइन शिखर वार्ता के दौरान व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किये गये। समझौते पर भारत की तरफ से गोयल और यूएई के अर्थव्यवस्था मामलों के मंत्री अब्दुल्ला बिन तौक अल मर्री ने हस्ताक्षर किये। दोनों देशों ने विभिन्न क्षेत्रों में संबंधों को और मजबूत बनाने को लेकर रूपरेखा भी जारी की। मुक्त व्यापार समझौते से भारत और संयुक्त अरब अमीरात की कंपनियों को महत्वपूर्ण लाभ मिलेंगे। इसमें बेहतर बाजार पहुंच और कम शुल्क दरें शामिल हैं। इस एफटीए से अगले पांच साल में दोनों देशों का द्विपक्षीय व्यापार मौजूदा 60 अरब डॉलर से बढ़कर 100 अरब डॉलर पहुंच जाने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि भारत और यूएई ने व्यापार समझौते के लिये औपचारिक बातचीत पिछले साल सितंबर में शुरू की थी। कुल 881 पृष्ठ के समझौते को रिकार्ड 88 दिनों में ही पूरा कर लिया गया। गोयल ने कहा कि यह व्यापक और सतंतुलित व्यापार समझौता है।मंत्री ने कहा, यह एक नया उल्लेखनीय समझौता है जिसका लाभ दवा उद्योग को पहली बार मिला है। यह यूएई में हमारे उत्पादों के लिए दरवाजे खोलेगा... व्यापार केंद्र की वजह से यूएई पश्चिम एशिया के अन्य देशों और पूरे अफ्रीकी महाद्वीप के के लिये द्वार है।'' इस समझौते से कपड़ा, हथकरधा, रत्न और आभूषण, चमड़ा और जूता-चप्पल जैसे श्रम गहन क्षेत्रों में 10 लाख नौकरियों के अवसर बनेंगे। दवा क्षेत्र के बारे में गोयल ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात ने सहमति व्यक्त की है कि यूरोपीय संघ, ब्रिटेन, कनाडा या ऑस्ट्रेलिया द्वारा अनुमोदित भारत में बने चिकित्सा उत्पादों को आवेदन जमा करने के 90 दिनों के भीतर बाजार पहुंच और नियामकीय मंजूरी प्राप्त होगी। जहां यूएई भारतीय आभूषणों पर शुल्क समाप्त करने पर सहमत हो गया है, वहीं भारत 200 टन तक सोने के आयात पर शुल्क में छूट देगा। भारतीय सेवा क्षेत्र के लाभ के बारे में उन्होंने कहा कि समझौते से सेवाओं से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों की आसान बाजार पहुंच होगी। संयुक्त अरब अमीरात के निवेशकों को होने वाले लाभ का जिक्र करते हुए गोयल ने कहा कि दोनों पक्ष भारत में एक ऐसी व्यवस्था पर विचार कर रहे हैं, जिससे बुनियादी ढांचा और लॉजिस्टिक श्रृंखला में निवेश को तेजी से गति मिले। उन्होंने यह भी कहा कि समझौते में सुरक्षा के भी उपाय किये गये हैं। इसमें स्थायी तौर पर सुरक्षा के उपाय किये गये हैं। मंत्री ने कहा कि यूएई की सरकारी एजेंसी उत्पादों की उत्पत्ति को प्रमाणित करेगी। इसलिए लोग सामान किसी तीसरे देश से नहीं ले सकते। संयुक्त अरब अमीरात के विदेश व्यापार राज्य मंत्री थानी बिन अहमद अल जेयोदी ने कहा कि यह समझौता 2030 तक संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में 1.7 प्रतिशत या 8.9 डॉलर का इजाफा करेगा और निर्यात में 1.5 प्रतिशत की वृद्धि करेगा। समझौते में वस्तुओं, सेवाएं, उत्पत्ति के नियमों, सीमा शुल्क प्रक्रियाओं, सरकारी खरीद, बौद्धिक संपदा अधिकार और ई-कॉमर्स जैसे क्षेत्रों को शामिल किया गया है। इस प्रकार के समझौतों में दोनों भागीदार देश व्यापार वाले ज्यादातर वस्तुओं पर सीमा शुल्क में उल्लेखनीय कमी करते हैं या उसे समाप्त कर देते हैं। इसके अलावा, वे सेवा क्षेत्र में व्यापार बढ़ाने और निवेश को गति देने वाले नियमों को उदार बनाते हैं। दोनों देशों के बीच 2020-21 में द्विपक्षीय व्यापार 43.3 अरब डॉलर था। यूएई को अफ्रीका और दुनिया के अन्य भागों के लिये प्रवेश द्वार माना जाता है।
- नयी दिल्ली। जमीन, जायदाद के विकास से जुड़ी कंपनी गोदरेज प्रॉपर्टीज लिमिटेड (जीपीएल) ने पिछले तीन साल में 70 से 90 करोड़ डॉलर का निवेश किया है और कंपनी रियल एस्टेट क्षेत्र में तेजी को लेकर आशावादी बनी हुई है। कंपनी ने एक शीर्ष अधिकारी ने यह बात कही। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एनारॉक सम्मेलन को संबोधित करते हुए गोदरेज प्रॉपर्टीज के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी मोहित मल्होत्रा ने कहा कि कंपनी परियोजनाओं के अधिग्रहण के लिए साझेदारी करने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि साथ ही हम आवास परियोजनाओं के विकास के लिए नए शहरों में प्रवेश करने की भी संभावना तलाश रहे हैं। मल्होत्रा ने कहा कि कंपनी ने कोविड-19 महामारी के बावजूद पिछले वित्त वर्ष में 6,725 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड बिक्री बुकिंग हासिल की। कंपनी के सीईओ ने कहा, "हम पूरी तरह से आशावादी बने हुए हैं। यदि आप पिछले तीन साल को देखें, तो हमने अचल संपत्ति क्षेत्र में करीब 70 से 90 करोड़ डॉलर का निवेश किया है।
- नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मुंजाल समूह के पवन मुंजाल और विजय कुमार मुंजाल के बीच 'हीरो' ट्रेडमार्क के इस्तेमाल को लेकर जारी विवाद को निपटारे के लिए तीन सदस्यीय मध्यस्थता पंचाट के पास भेज दिया है। न्यायमूर्ति विभु बाखरु ने विजय कुमार मुंजाल और हीरो इलेक्ट्रिक वेहिकल्स प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से मध्यस्थता अधिनियम के तहत दाखिल याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुआई में एक मध्यस्थता पंचाट इस ट्रेडमार्क विवाद पर निर्णय करेगा। मध्यस्थता पंचाट के अन्य सदस्यों में उच्चतम न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश इंदु मल्होत्रा और दिल्ली उच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश इंदरमीत कौर भी शामिल होंगी। इस पंचाट को इलेक्ट्रिक वाहन कारोबार में हीरो ट्रेडमार्क के इस्तेमाल को लेकर पैदा हुए विवाद का निपटारा करना है। न्यायमूर्ति बाखरु ने जारी अपने आदेश में कहा कि वह इस समय विवाद के गुणदोषों से जुड़े अन्य मसलों की समीक्षा से परहेज कर रहे हैं। इस याचिका में कहा गया है कि पवन मुंजाल की कंपनी हीरो मोटोकॉर्प लिमिटेड और अन्य संबद्ध इकाइयां इलेक्ट्रिक वाहनों के संदर्भ में हीरो ब्रांड के नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकती हैं।
- नयी दिल्ली.। जिंदल स्टेनलेस ने राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान (एनआईएफटीईएम) के साथ एक समझौता किया है। कंपनी ने यह समझौता कौशल विकास, उद्यमिता और शैक्षिक सहयोग की दिशा में काम करने के लिए किया है। इस समझौते के तहत जिंदल स्टेनलेस और संस्थान कई विषयों पर आपसी सहयोग करेंगे। साथ ही खाद्य विज्ञान, इंजीनियरिंग, प्रबंधन और सामाजिक विज्ञान के विभिन्न विषयों में अनुसंधान और प्रशिक्षण पर भी काम करेंगे। जिंदल स्टेनलेस ने शुक्रवार को एक बयान कहा कि कंपनी ने खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में स्टेनलेस इस्पात के महत्व को बढ़ावा देने के लिए संस्थान के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। जिंदल स्टेनलेस के प्रबंध निदेशक अभ्युदय जिंदल ने कहा, ‘‘हम एक ऐसा परिवेश स्थापित करने के मिशन पर हैं जो स्टेनलेस स्टील अनुप्रयोगों में उद्यमिता को बढ़ावा देगा। एनआईएफटीईएम के साथ यह सहयोग खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में युवा पेशेवरों को शिक्षित करेगा...।
- नयी दिल्ली। फ्रांस की वाहन विनिर्माता कंपनी रेनो ने घरेलू बाजार में अपनी कॉम्पैक्ट बहुउद्देश्यीय ट्राइबर की एक लाख इकाइयों की बिक्री का आंकड़ा पार कर लिया है। कंपनी ने इस अवसर पर ट्राइबर का नया संस्करण पेश किया और दिल्ली में इसकी शोरूम कीमत 7.24 लाख रुपये रखी है। रेनो ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि ट्राइबर ने देश भर में रेनो ब्रांड के वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह भारत में रेनो की टीम और फ्रांस के बीच एक संयुक्त परियोजना का परिणाम है। इस मॉडल को अगस्त 2019 में पेश किया गया था।कंपनी ने कहा कि इस वाहन को विशेष रूप से भारतीय बाजार में नए उत्पादों के अवसरों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया था। कंपनी के अनुसार नयी ट्राइबर एक लीटर के पेट्रोल इंजन में उपलब्ध है और ‘मैन्युअल' तथा ‘इजी-आर ऑटोमैटिक मैन्युअल' विकल्प के साथ आती है। कंपनी ने कहा कि ट्राइबर को ग्लोबल एनकैप से बड़ों की सुरक्षा के लिहाज से चार स्टार सुरक्षा रेटिंग और बच्चे के लिए तीन स्टार सुरक्षा रेटिंग मिली है।
- नयी दिल्ली। देश की सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडिगो ने शुक्रवार को कहा कि उसे एयरबस से पहले ए320 नियो विमान की आपूर्ति मिल गई है, जो कम कार्बन उत्सर्जन वाले टिकाऊ विमानन ईंधन (एसएएफ) और सामान्य ईंधन के मिश्रण से संचालित होता है। कंपनी ने बताया कि फ्रांस के टूलूज से बृहस्पतिवार को उड़ान भरने वाला ए320 नियो विमान शुक्रवार को यहां इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे (आईजीआईए) पर उतरा। इंडिगो के सीईओ रोनोजॉय दत्ता ने कहा, "हमें इस एयरबस विमान को पाकर खुशी है, जो टिकाऊ विमानन की दिशा में हमारी यात्रा को आगे बढ़ाएगा।" उन्होंने कहा कि कंपनी एसएएफ को लेकर कई विनिर्माताओं से बातचीत कर रही है। एसएएफ से कार्बन उत्सर्जन में कमी होगी। दत्ता ने कहा कि इंडिगो 2050 तक कार्बन उत्सर्जन के मामले में तटस्थ बन जाएगी, यानी प्रभावी रूप से कार्बन उत्सर्जन पूरी तरह बंद हो जाएगा। इंडिगो ने बताया कि यह किसी भी भारतीय एयरलाइंस की पहली अंतरराष्ट्रीय उड़ान होगी, जिसमें एसएएफ का इस्तेमाल किया जाएगा।file photo