जियो इमेजिंग उपग्रह ईओएस-03 इस साल तीसरी तिमाही में प्रक्षेपित करने का कार्यक्रम
नयी दिल्ली । सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि पृथ्वी का अध्ययन करने के लिए जियो इमेजिंग उपग्रह ईओएस-03 इस वर्ष की तीसरी तिमाही में प्रक्षेपित किये जाने का कार्यक्रम है। इस उपग्रह की सहायता से बाढ़ एवं चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं की ताजा स्थिति की निगरानी की जा सकेगी। अंतरिक्ष विभाग के राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ईओएस-03 एक दिन में समूचे देश की चार से पांच बार तस्वीर लेने में सक्षम होगा। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं के अलावा ईओएस-03 जलाशयों, फसलों, वनस्पति की स्थिति, वन क्षेत्र में हुए बदलाव की निगरानी करने में भी सक्षम होगा। उन्होंने कहा, ‘‘इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) ने भूस्थैतिक कक्षा से पृथ्वी का अध्ययन करने के लिए एक जियो इमेजिंग उपग्रह ईओएस-03 को तैयार किया है और (इसे) 2021 की तीसरी तिमाही में प्रक्षेपित किया जाने का कार्यक्रम है। ईओएस-03 प्रति दिन समूचे देश की चार-पांच बार तस्वीर लेने में सक्षम है तथा यह बाढ़ एवं चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं की ताजा स्थिति की निगरानी करने में भी सक्षम होगा।'' मंत्री ने यह भी कहा कि श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से छोटे उपग्रह प्रक्षेपण वाहन (एसएसएलवी) की पहली विकासात्मक उड़ान 2021 की चौथी तिमाही में संपन्न होने का कार्यक्रम है। उन्होंने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में बताया कि भारत ब्राजील के साथ अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग कायम करने के लिए प्रयासरत है, विशेषकर पृथ्वी के निगरानी आंकड़ों के आदान प्रदान करने के मामले में। बहरहाल, दक्षिण अमेरिकी देश के प्रक्षेपण वाहन कार्यक्रम के लिए सामग्री एवं प्रणालियों की खरीद में सहयोग करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। सिंह ने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में बताया कि सरकार ‘‘अंतरिक्ष गतिविधियां विधेयक'' पर गंभीरता से विचार कर रही है तथा इसमें अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी कंपनियों के नियमन एवं प्रोत्साहन के पहलुओं को शामिल किया जाएगा।
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