विशेष इस्पात के लिए पीएलआई योजना से आकर्षित हो सकते हैं रूसी निवेशक
नयी दिल्ली। रूस की इस्पात कंपनियां विशेष इस्पात (स्पेशियल्टी स्टील) के उत्पादन के लिए भारत में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) के तहत निवेश कर सकती हैं। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। भारतीय इस्पात अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी मिशन (एसआरटीएमआई) के निदेशक मुकेश कुमार ने प्रोत्साहन योजना से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा कि कुछ रूसी कंपनियां भारत में कारोबार स्थापित करने में रुचि रखती हैं। एसआरटीएमआई दरअसल इस्पात मंत्रालय और घरेलू इस्पात कंपनियों द्वारा संयुक्त रूप से गठित एक सहयोगी अनुसंधान मंच है। इसका काम उद्योग के बीच सहयोग को मजबूत करके लौह और इस्पात क्षेत्र में अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) की सुविधा प्रदान करना है। उन्होंने कहा, ‘‘इस्पात मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह हाल ही में रूस गए थे। हम उन इस्पात उत्पादक कंपनियों से निवेश की उम्मीद कर रहे हैं जिनके पास एनएलएमके और रूस की सेवरस्टाल जैसी प्रौद्योगिकियां हैं।'' कुमार ने कहा कि सेवरस्टाल कर्नाटक में एनएमडीसी के साथ 30 लाख टन सालाना क्षमता का संयंत्र लगाना चाहती थी, लेकिन कई कारणों से यह परियोजना आगे नहीं बढ़ पाई। उन्होंने कहा कि खुद की तकनीक से लैस इस्पात उत्पादक कंपनियां ही मुख्य रूप से निवेश कर सकती हैं। इसके अलावा प्रौद्योगिकी प्रदाता कंपनियां इस्पात की नयी श्रेणी को विकसित करने के लिए भारतीय कंपनियों के साथ हाथ मिला सकती हैं।
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