टाटा पंच और नेक्सॉन का कोई मुकाबला नहीं! 5 स्टार सेफ्टी रेटिंग वाली पहली ईवी बनीं
नई दिल्ली। देश की अग्रणी इलेक्ट्रिक कार कंपनी टाटा मोटर्स (Tata Motors) की पंच ईवी (Punch EV) और नेक्सॉन ईवी (Nexon EV) को भारत-एनकैप क्रैश टेस्ट में 5-स्टार रेटिंग मिली है।
स्वदेशी इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माता भारत के नए कार मूल्यांकन कार्यक्रम (Bharat Ncap) के अंतर्गत प्रमाण पत्र हासिल करने वाली देश की पहली कंपनी है। इस कार्यक्रम के तहत क्रैश टेस्ट और सुरक्षा सुविधाओं और तकनीक पर वाहन का प्रदर्शन देखा जाता है और उसके आधार पर स्टार रेटिंग दी जाती है।
टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्रा ने कहा, ‘हम सरकार के सख्त सुरक्षा मानदंडों का स्वागत करते हैं। इस परीक्षण के लिए वाहन भेजने वाली पहली कंपनी होने और भारत एनकैप प्रणाली में सबसे पहले पहुंचकर शानदार नतीजा हासिल करने पर हमें गर्व है। देश का सबसे सुरक्षित वाहन पंच ईवी बनाने पर हमें खुशी है और नेक्सॉन ईवी ने 5-स्टार सुरक्षा रेटिंग के साथ अपनी विरासत बरकरार रखी है।’
कंपनी ने कहा कि पंच ईवी (Punch EV) ने वयस्क यात्री सुरक्षा के लिए 32 अंक में से 31.46 अंक और बाल यात्री सुरक्षा के लिए 49 अंक में से 45 अंक हासिल किए हैं। आज तक किसी भी अन्य वाहन को इतना स्कोर नहीं मिला है। नेक्सॉन ईवी ने भी वयस्क यात्री सुरक्षा में 32 में से 29.86 अंक और बाल यात्री सुरक्षा पैमाने पर 49 में से 44.95 अंक हासिल किया है।
केंद्रीय भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कंपनी को बधाई देते हुए लिखा, ‘पंच ईवी और नेक्सॉन ईवी के लिए भारत एनकैप से 5-स्टार रेटिंग के लिए धन्यवाद @tataev @TataMotors। इस तरह यह भारतीय वाहन बाजार में 5 स्टार रेटिंग वाली पहली ईवी बन गई है।’
गडकरी ने कहा कि भारत में भविष्य की मोबिलिटी में इलेक्ट्रिक वाहनों की प्रमुख भूमिका होगी और दमदार भारत एनकैप रेटिंग ग्राहकों को सुरक्षित वाहन चुनने में काफी मददगार साबित होगी। उन्होंने कहा कि यह रेटिंग बताती है कि वाहन यात्रियों के लिए बहुत सुरक्षित है।भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने कारों के क्रैश परीक्षण के लिए स्वदेशी स्टार-रेटिंग प्रणाली शुरू की है। इसके तहत देखा जाता है कि वाहन टक्कर में कितने सुरक्षित रहते हैं और उसी के हिसाब से 1 से 5 स्टार तक दिए जाते हैं। यह रेटिंग प्रणाली स्वैच्छिक है और 1 अक्टूबर 2023 से लागू हो चुकी है।
भारत एनकैप के तहत वाहन कंपनी स्वेच्छा से कार भेजती हैं, जिनका क्रैश परीक्षण वाहन उद्योग के मानक 197 के प्रोटोकॉल के अनुसार होता है। यह कार्यक्रम उन यात्री वाहनों के लिए है, जिनमें ड्राइवर के अलावा सवारियों के लिए 8 से अधिक सीटें न हों और वाहन का कुल वजन 3,500 किलोग्राम से अधिक न हो। किसी खास वैरिएंट के केवल बेस मॉडल का ही परीक्षण होता है।
कारों को तीन पैमानों पर जांचते हैं और फिर 1 से 5 स्टार तक रेटिंग देते हैं। इन पैमानों में वयस्क सवारी की सुरक्षा, सवार बच्चों की सुरक्षा और वाहन में मौजूद सुरक्षा सहायक तकनीक शामिल हैं। पहले दो पैमानों में तीन अलग-अलग परीक्षण होते हैं। इनमें फ्रंटल ऑफसेट परीक्षण भी शामिल है, जहां 63 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से आ रहे वाहन की भिड़ंत एक बैरियर से कराई जाती है, जो सामने से आ रहे वाहन की 40 फीसदी बॉडी के बराबर होता है। वाहन को 50 किलोमीटर की रफ्तार पर साइड से भी भिड़ाया जाता है और अंत में 29 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से किसी खंभे से टकराया जाता है।
गडकरी ने पिछले साल अगस्त में यह टेस्ट शुरू करते हुए कहा था कि भारत एनकैप देश के वाहन उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने का अहम जरिया होगा, जिसका मकसद भारत को दुनिया का अग्रणी वाहन विनिर्माण केंद्र बनाना है।
Leave A Comment