जेएसडब्ल्यू एमजी अगले साल लॉन्च करेगी 5 नई कारें
नई दिल्ली। जेएसडब्ल्यू एमजी अ मोटर अगले 12 महीनों में 5 नई कारें लॉन्च करने की योजना बना रही है। कंपनी की क्षमता भी 1 लाख कारें उत्पादन से बढ़ाकर 3 लाख कारें सालाना की जाएगी। कंपनी के पूर्व CEO राजीव चाबा ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पहली नई कार एक क्रॉसओवर यूटिलिटी व्हीकल होगी, जिसे सितंबर या अक्टूबर में लॉन्च किया जाएगा। फिलहाल MG भारत में 5 कारें बेचती है: हेक्टर, ग्लॉस्टर, एस्टर, कॉमेट और ZS. इनमें से पहली तीन पेट्रोल-डीजल कारें हैं, जबकि आखिरी दो इलेक्ट्रिक कारें हैं।
राजीव चाबा ने बताया कि साल 2024 में भारत में करीब 1 लाख 20 हजार इलेक्ट्रिक कारें बिक सकती हैं, जो पिछले साल के मुकाबले 30% की बढ़ोतरी है। उन्होंने कहा कि यह बढ़ोतरी 2023 जितनी ज्यादा नहीं होगी, क्योंकि पिछले साल इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री में 90% की बढ़ोतरी हुई थी।इस साल मार्च में साजन जिंदल के JSW ग्रुप ने कार कंपनी में 35% हिस्सेदारी खरीदी थी। वहीं, वित्तीय संस्थानों ने 8%, कर्मचारियों को 5% और डीलरों को 3% हिस्सेदारी दी गई। जिससे कंपनी की चीनी पैरेंट कंपनी SAIC की हिस्सेदारी घटकर 49% रह गई है।
राजीव चाबा ने बताया, “मार्च में ही ज्वाइंट वेंचर की घोषणा हुई थी। हमें तेजी से बढ़ना है। अभी हम दूसरा प्लांट हलोल में लगा रहे हैं। हमारी कुल क्षमता 1 लाख से बढ़कर 3 लाख कारें सालाना हो जाएगी। जब इतनी क्षमता हो तो कारें बनाने की भी जरूरत होती है।”उन्होंने कहा, “ज्वाइंट वेंचर की सबसे बड़ी प्राथमिकता नई कारों की मंजूरी लेना है। हमें खुशी है कि हमें 5 नई कारों की मंजूरी मिल गई है, जिन्हें अगले एक साल में लॉन्च किया जाएगा। इनमें से दो प्रीमियम कारें होंगी और तीन मेनस्ट्रीम की कारें होंगी।”उन्होंने बताया, “पहली कार त्योहार के सीजन में यानी सितंबर या अक्टूबर में लॉन्च होगी। यह एक क्रॉसओवर यूटिलिटी व्हीकल होगी। इसमें सेडान कार जैसी सुविधाएं होंगी और साथ ही स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल की तरह यूटिलिटी भी होगी। इसमें काफी जगह होगी और इसमें कई फीचर्स होंगे। बाकी कारों के बारे में मैं अभी जानकारी नहीं दे सकता।”
मार्च में JSW ग्रुप ने साल 2030 तक 5 अरब डॉलर लगाने की योजना की घोषणा की थी। इस पैसे का इस्तेमाल इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड कारें बनाने वाली कंपनी में किया जाएगा। कंपनी का लक्ष्य 10 लाख कारें बेचना है।
अभी कार कंपनियों में हाइब्रिड कारों पर टैक्स कम करने को लेकर बहस चल रही है।
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