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सोने और चांदी पर इंपोर्ट ड्यूटी घटी, ज्वैलरी कंपनियों के शेयरों में 12% तक उछाल

  नई दिल्ली।  सोमवार, 23 जुलाई को, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत के बजट 2024-25 में सोने और चांदी पर बेसिक सीमा शुल्क 10% से घटाकर 6% करने की घोषणा की। इसके बाद, ज्वैलरी कंपनियों के शेयरों में तेजी आई और बीएसई पर ये 12% तक बढ़ गए।अगर हम 5% एग्रीकल्चर इंन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट सेस (AIDC) को भी शामिल करें, जो पहले से ही था, तो सोने और चांदी पर कुल आयात शुल्क अब 15% से घटकर 11% हो गया है।

सोने और चांदी पर आयात शुल्क कम होने की खबर के बाद, ज्वैलरी कंपनियों के शेयरों में तेजी आई है। सेन्को गोल्ड का शेयर 12% बढ़कर 1054.75 रुपये पर पहुंच गया, और इसका कारोबार भी पांच गुना बढ़ गया। टाइटन कंपनी का शेयर 7% बढ़कर 3484.90 रुपये पर पहुंच गया, जबकि कैलयन ज्वैलर्स का शेयर 4% बढ़कर 550 रुपये पर पहुंच गया। वहीं, दूसरी तरफ, बीएसई सेंसेक्स दोपहर 1:27 बजे तक 0.73% गिरकर 79,917 पर था।जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के कमोडिटीज प्रमुख हरीश वी ने कहा, सोने और चांदी पर आयात शुल्क घटाकर 6% करने से इनकी कीमतें कम हो सकती हैं और लोगों की इन धातुओं को खरीदने की इच्छा बढ़ सकती है। अभी तक इन पर 15% शुल्क लगता था, जिसमें से 10% बेसिक कस्टम ड्यूटी और 5% एग्रीकल्चर इंन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट सेस (AIDC) था।
एलकेपी सिक्योरिटीज के वीपी रिसर्च एनालिस्ट – कमोडिटी और करेंसी जतिन त्रिवेदी ने कहा, इस बदलाव के बाद, सोने की कीमत MCX पर 2000 रुपये से ज्यादा गिरकर 70,350 रुपये पर आ गई, और चांदी की कीमत 2500 रुपये गिरकर 86,600 रुपये पर आ गई। ये बदलाव आयात शुल्क में 4% की कमी के कारण हुए हैं। हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि अभी भी बाजार में उतार-चढ़ाव रहेगा, क्योंकि अमेरिका में सोने की कीमत 2415 डॉलर से कम बनी हुई है।टाइटन कंपनी ने अपनी पहली तिमाही (Q1FY25) की बिजनेस अपडेट में बताया कि सोने की कीमतों में 20% की सालाना बढ़ोतरी हुई है, और ये कीमतें अभी भी काफी ज्यादा हैं, जिसका असर ग्राहकों की खरीदारी पर पड़ा है। इसके साथ ही, शादियों की संख्या कम होने से भी बाजार में उत्साह कम रहा है, जो पिछले साल की पहली तिमाही से काफी अलग है। भारत में कंपनी की बिक्री में बढ़ोतरी मुख्य रूप से सामान की कीमत बढ़ाने की वजह से हुई है, जबकि ग्राहकों की संख्या में बहुत कम बढ़ोतरी हुई है।
पिछले कुछ सालों में, ज्वैलरी रिटेल इंडस्ट्री में पारदर्शिता और मानकीकरण बढ़ाने के लिए कई नियम बनाए गए हैं। इन नियमों की वजह से, बाजार में अनौपचारिक ज्वैलरी बेचने वालों की हिस्सेदारी कम हुई है, और संगठित ज्वैलरी कंपनियों की हिस्सेदारी बढ़ी है। रेटिंग एजेंसी ICRA का कहना है कि आने वाले समय में संगठित ज्वैलरी रिटेलर्स जैसे सेन्को गोल्ड को फायदा होगा, क्योंकि इन कंपनियों की दुकानें तेजी से बढ़ रही हैं। इसके अलावा, आने वाले समय में स्टडेड ज्वैलरी की मांग बढ़ने से इन कंपनियों की कमाई भी बढ़ सकती है।

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