विमानन कंपनियों को टिकटों की कीमतें कम रखने की सलाह: सरकार
नयी दिल्ली।. नागर विमानन मंत्रालय ने संसद में कहा कि विमानन कंपनियों को टिकटों के मूल्य निर्धारण में संयम बरतने के साथ-साथ स्व-नियमन की सलाह दी गई है। नागर विमानन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी।
उन्होंने कि मंत्रालय विमानन कंपनियों के साथ विचार-विमर्श करता है और उनके प्रतिनिधियों को स्व-विनियमन और हवाई किराए तय करते समय यात्रियों के हितों को ध्यान में रखने की सलाह दी जाती है। मोहोल ने कहा कि विमानन कंपनियों को कीमतों को कम रखने और यात्रियों के हितों को ध्यान में रखने के लिए जागरूक भी किया गया है और कंपनियों ने यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिवद्धता जताई है कि प्राकृतिक आपदाओं, विपत्तियों जैसी घटनाओं के दौरान हवाई किराए में उछाल नहीं आए। मंत्री ने कहा कि मार्च 1994 में वायु निगम अधिनियम के निरस्त होने के बाद, मौजूदा नियमों के तहत सरकार द्वारा न तो हवाई किराए का निर्धारण किया जाता है और न ही विनियमित किया जाता है। उन्होंने कहा कि नागर विमानन महानिदेशालय ने एक हवाई किराए पर नजर रखने को इकाई की स्थापना की है। यह मासिक आधार पर विमानन कंपनियों की वेबसाइट का उपयोग कर चुनिंदा घरेलू क्षेत्रों पर हवाई किराए की निगरानी करती है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनके द्वारा घोषित सीमा से बाहर हवाई किराया नहीं वसूला जाए। मोहोल ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि इस साल 19 जुलाई तक आठ यात्री एयरलाइनों के विमानों में तकनीकी खराबी की करीब 427 घटनाएं हुईं। उन्होंने बताया कि इस साल 19 जुलाई तक यात्री एयरलाइनों की 268 उड़ानें रद्द कर दी गईं।
मोहोल के अनुसार इस साल 19 जुलाई तक, इंडिगो कंपनी के विमानों में तकनीकी खराबी की 46 घटनाएं हुईं जबकि एलायंस एयर के मामले में यह संख्या 51 थी। स्पाइसजेट और विस्तारा में क्रमशः 23 और 44 ऐसी घटनाएं हुईं। आंकड़ों के अनुसार, एयर इंडिया के बेड़ा ‘ए' में 152 ऐसी घटनाएं हुईं, जबकि बेड़ा ‘बी' में 101 ऐसी घटनाएं हुईं। बेड़ा ‘ए' का तात्पर्य एयरबस विमानों से है वहीं बेड़ा ‘बी' का तात्पर्य बोइंग विमानों से है।
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