25 लाख रुपये से अधिक के एनपीए खातों में ‘इरादतन चूक' की जांच करें बैंक : आरबीआई
मुंबई । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को इरादतन चूककर्ताओं और बड़े चूककर्ताओं से निपटने पर एक निर्देश जारी किया है। इसके तहत बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को 25 लाख रुपये और उससे अधिक की बकाया राशि वाले सभी गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) खातों में ‘इरादतन चूक' की जांच करनी होगी। बैंक एक विशेष प्रक्रिया का पालन करके किसी व्यक्ति की पहचान करेंगे और उसे ‘इरादतन चूककर्ता' के रूप में वर्गीकृत करेंगे। निर्देश के अनुसार, इरादतन चूक के सबूतों की जांच एक पहचान समिति करेगी। ‘इरादतन चूककर्ता' का अर्थ है एक ऐसा कर्जदार या गारंटर जिसने जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाया है और उसकी बकाया राशि 25 लाख रुपये से अधिक है। आरबीआई ने कहा, ‘‘बैंक 25 लाख रुपये और उससे अधिक की बकाया राशि वाले सभी एनपीए खातों में ‘इरादतन चूक' की समय-समय पर जांच करेंगे।'' यदि आंतरिक शुरुआती जांच में कोई जानबूझकर चूक की बात सामने आती है, तो ऋणदाता खाते को एनपीए के रूप में वर्गीकृत किए जाने के छह महीने के भीतर कर्जदार को इरादतन चूककर्ता के रूप में वर्गीकृत करने की प्रक्रिया पूरी कर लेंगे। आरबीआई के निर्देश में आगे कहा गया है कि ऋणदाताओं को इस संबंध में एक गैर-भेदभावपूर्ण बोर्ड से मंजूरी प्राप्त नीति तैयार करनी चाहिए।
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