वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, काश मैं टैक्स को ज़ीरो कर पाती लेकिन भारत की चुनौतियां बड़ी
नई दिल्ली ।केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि वे चाहती हैं कि टैक्स की दरें लगभग शून्य हो जाएं, लेकिन उन्होंने यह भी माना कि भारत के सामने कई बड़ी चुनौतियां हैं जिनसे निपटना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अनुसंधान और विकास के लिए धन जुटाना आवश्यक है। सीतारमण ने कहा कि एक वित्त मंत्री के रूप में उनका काम सरकार के लिए राजस्व जुटाना है, न कि लोगों को परेशान करना।सीतारमण भोपाल में भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (IISER) के 11वें दीक्षांत समारोह में बोल रही थीं। उन्होंने ऊर्जा बदलाव के संदर्भ में कहा कि भारत को अपने वादे पूरे करने के लिए खुद का पैसा खर्च करना पड़ रहा है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय से वादा किया गया धन अभी तक नहीं मिला है। उन्होंने कहा, “भारत ने पेरिस समझौते में किए गए वादों को अपने पैसे से पूरा किया है।”
वित्त मंत्री ने छात्रों से आग्रह किया कि वे भारत को ‘विकसित राष्ट्र’ बनाने और जलवायु परिवर्तन के समाधान खोजने के नए तरीके ढूंढें। उन्होंने कहा कि टैक्स से इकट्ठा होने वाले धन का इस्तेमाल देश में अनुसंधान और विकास के लिए किया जा रहा है। सीतारमण ने उदाहरण के तौर पर अंतरिम बजट में घोषित ‘अनुसंधान कोष’ का जिक्र किया, जिसे नए और तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में निवेश के लिए स्थापित किया गया है।
वित्त मंत्री ने नवीकरणीय ऊर्जा के भंडारण के लिए समाधान खोजने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने छात्रों से कहा कि वे भारत की चुनौतियों को समझें और उन पर काम करें। सीतारमण ने भारत की अंतरिक्ष अनुसंधान में प्रगति और 5G की तेज शुरुआत की सराहना की, साथ ही यह भी माना कि भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) अभी भी 4G की शुरुआत करने में कठिनाइयों का सामना कर रहा है।
उन्होंने कहा, “हमने BSNL को काफी मदद और समर्थन दिया है। वे जल्द ही 5G शुरू करेंगे।” सीतारमण ने बताया कि भारत में जो 5G सेवा आई है, वह पूरी तरह से देश में ही विकसित की गई है। उन्होंने कहा, “यह तकनीक आप जैसे लोगों ने बनाई है और यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।”
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