बिहान से महिलाएं बन रही सक्षम एवं सशक्त
- लखपति दीदी कुसुम साहू रेडिमेड कपड़ा दुकान एवं अगरबत्ती निर्माण व पैकेजिंग से बनी सफल उद्यमी
- आर्थिक स्थिति बनी मजबूत, जीवन स्तर में आया परिवर्तन
राजनांदगांव । राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं आर्थिक दृष्टिकोण से सक्षम एवं सशक्त बन रही हंै और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आए है। संघर्ष एवं चुनौतियों के बावजूद महिलाओं के सपने को पंख देने एवं उनके घर की चारदीवारी से बाहर निकलकर कार्य करने का हौसला मिला है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान से महिलाओं की तकदीर बदली है और आर्थिक सशक्तिकरण के प्रति उनमें जज्बा एवं जुनून है। इसकी एक बानगी राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम तिलई की लखपति दीदी श्रीमती कुसुम साहू ने पेश की है। उन्होंने बताया कि वे एक घरेलू महिला है। घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। उनके पति वाहन चलाने का कार्य करते थे और घर के आय का यही एकमात्र साधन था। उन्होंने बताया कि वे माँ भवानी महिला स्वसहायता समूह से जुड़ी। उन्होंने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना अंतर्गत 2 लाख रूपए का ऋण लिया और अगरबत्ती के निर्माण एवं पैकेजिंग का लघु उद्यम प्रारंभ किया। जिससे उन्हें प्रतिमाह 3 हजार रूपए की शुद्ध आय हुई। इसके बाद उन्होंने पुन: सीएलएफ राशि के तहत 2 लाख 50 हजार रूपए का ऋण लेकर श्री साहू साड़ी रेडिमेड वस्त्रालय प्रारंभ किया। जिससे उन्हें प्रतिमाह 10 से 15 हजार रूपए तक की शुद्ध आय हो रही है। उन्होंने बताया कि उनकी वार्षिक आय लगभग 2 लाख 50 हजार रूपए है तथा वह इस दुकान का विस्तार करना चाहती है।
लखपति दीदी श्रीमती कुसुम साहू ने बताया कि बिहान से जुडऩे के बाद उनके जीवन में महत्वपूर्ण परिवर्तन आया है। आर्थिक स्थिति तो अच्छी हुई और जीवन स्तर में भी परिवर्तन आया है। अपने बच्चों को वह अच्छी शिक्षा दे पा रही है। उनका बेटा जेईई की तैयारी कर रहा है और उनकी बेटी नर्सिंग की तैयारी कर रही है। उन्होंने बताया कि अपना पक्का मकान बना लिया है। बिहान से जुडऩे के बाद उनका आत्मविश्वास बढ़ा है और वित्तीय दृष्टिकोण से साक्षर बन रही है। उल्लेखनीय है कि शासन की लखपति दीदी योजना ग्रामीण क्षेत्रों में समूह की महिलाओं को विभिन्न आजीविका मूलक गतिविधियों से जोड़कर उनकी आय बढ़ाने में कारगर साबित हो रही है।
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