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 अधिकारी-कर्मचारियों के बेहतर व उत्कृष्ट कार्यों के फलस्वरूप बालोद जिला बनने जा रहा है प्रदेश का पहला बाल विवाह मुक्त जिला: कलेक्टर

0- महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित उन्मुखीकरण कार्यशाला में दी जानकारी 
0- राज्य शासन द्वारा जारी किए गए सभी मानकों में बालोद जिले के अग्रणी होने पर विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को दी बधाई एवं शुभकामनाएं 
बालोद. कलेक्टर श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा ने कहा कि जिले के महिला एवं बाल विकास विभाग के सभी अधिकारी-कर्मचारियों केे बेहतर व उत्कृष्ट कार्यों के फलस्वरूप बालोद जिला प्रदेश का पहला बाल विवाह मुक्त जिला बनने जा रहा है। श्रीमती मिश्रा गुरुवार को जिला पंचायत सभाकक्ष में आयोजित महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों के उन्मुखीकरण कार्यशाला के अवसर पर विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को इस संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बालोद जिले को यह उपलब्धि पिछले दो वर्षों के अवधि के दौरान जिले में एक भी बाल विवाह का प्रकरण प्राप्त नही होने के फलस्वरूप मिलने जा रहा है। 
कलेक्टर श्रीमती मिश्रा ने कहा कि इस संबंध में हमे पुलिस विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र भी प्राप्त हो चुका है।
इसके अलावा शेष औपचारिकताओं को भी शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण कार्य महिला एवं बाल विकास विभाग के सभी अधिकारी-कर्मचारियों के अपने कार्य के प्रति लगन, समपर्ण एवं प्रतिबद्धता के फलस्वरूप संभव हो पाया है। श्रीमती मिश्रा ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों के द्वारा संबंधित विभागों के समन्वय से जिले में चलाए गए निरंतर अभियान के फलस्वरूप हम इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को हासिल कर पाने में सफल हो पाए हैं। इस अवसर पर कलेेक्टर श्रीमती मिश्रा ने महिला एवं बाल विकास विभाग जिला बालोद के द्वारा सभी विभागीय योजनाओं का निर्धारित समयावधि में उसका सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित कर राज्य शासन द्वारा जारी किए गए प्रत्येक मानकों में अग्रणी स्थान अर्जित करने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के सभी अधिकारी-कर्मचारियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सुनील चंद्रवंशी, अपर कलेक्टर श्री चंद्रकांत कौशिक, जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री समीर पाण्डेय सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे। इस अवसर पर कलेक्टर श्रीमती मिश्रा ने कार्यशाला में उपस्थित सभी अधिकारी-कर्मचारियों को बाल विवाह रोकथाम के कार्य में अपनी अनिवार्य भागीदारी सुनिश्चित करने की शपथ भी दिलाई। 
कलेक्टर श्रीमती मिश्रा ने कहा कि हमारे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं सुपरवाईजरगण विभागीय कार्यों के निर्वहन के अलावा निर्वाचन आदि अन्य शासकीय दायित्वों का भी निष्ठापूर्वक निर्वहन करती है, इसके लिए वे बधाई के पात्र है। इस अवसर पर कलेक्टर श्रीमती मिश्रा ने विभाग के सभी अधिकारी-कर्मचारियों को विभाग के प्रत्येक पैरामीटर में प्रथम स्थान अर्जित करने हेतु और अधिक उत्कृष्टता एवं बेहतर ढंग से अपने कार्यों का संपादन करने को कहा। बैठक में कलेक्टर श्रीमती मिश्रा ने पोषण सप्ताह के उद्देश्यों के संबंध में जानकारी देते हुए जिले के सभी कुपोषित बच्चों को सुपोषित बनाने के इस पुनीत कार्य में पूरी निष्ठा एवं मनोयोग के साथ कार्य करने को कहा। इसके अंतर्गत उन्होंने जिले के सभी कुपोषित बच्चों को अधिकारी-कर्मचारियों, जनप्रतिनिधि एवं समाज सेवियों आदि को गोद लेने के लिए प्रेरित कर उनके समुचित देखभाल की व्यवस्था सुनिश्चित कराने को कहा। इस अवसर पर उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों के वजन, ऊँचाई मापन आदि यंत्रों के अलावा अन्य जरूरी सामग्रियों की उपलब्धता के संबंध में जानकारी ली। इस अवसर पर उन्होंने विभाग की व्यवस्था को बेहतर बनाने हेतु बैठक में उपस्थित परियोजना अधिकारियों, सुपरवाईजरों सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारियों को सुझाव भी लिया। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सुनील चंद्रवंशी, अपर कलेक्टर श्री चंद्रकांत कौशिक, जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री समीर पाण्डेय ने भी कार्यशाला में उपस्थित अधिकारी-कर्मचारियों को उनके कार्यों एवं दायित्वों के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारियां दी।
 

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